रविवार, 31 अक्टूबर 2021

लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की मनी जयंती



कम्पोजिट विद्यालय खानपुर में हुआ भव्य आयोजन

वाराणसी 31 अक्टूबर (dil india)। कम्पोजिट विद्यालय खानपुर, विकास खंड चिरईगांव वाराणसी के प्रांगण में लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती धूमधाम से मनाई गई। उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ  चिरईगांव प्रधान संघ के अध्यक्ष व ग्राम प्रधान खानपुर लाल बहादुर पटेल ने दीप प्रज्वलित कर किया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पंजीयन 1160) के जिला अध्यक्ष  महेंद्र बहादुर सिंह ने करते हुए अपने उदबोधन में सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला। विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका इंदिरा सिंह ने आज के दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का आवाहन किया। उक्त अवसर पर  विद्यालय  परिवार की मालती यादव, नीलिमा प्रभाकर, पार्वती राय, पूजा तिवारी व संदीप सिंह ने लौह पुरूष सरदार पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की।

शनिवार, 30 अक्टूबर 2021

किशोरी से ब्याह रचा रहा दूल्हा मण्डप छोड़कर भागा


डेढ़ माह के भीतर रोकवाया  दूसरा बाल विवाह 
चाइल्ड लाइन की सक्रियता से मिशन शक्ति  को मिली  बड़ी सफलता

वाराणसी 30 अक्टूबर (dil india)। चाइल्ड लाइन की सक्रियता से चोलापुर क्षेत्र में एक किशोरी के बाल विवाह कराने का प्रयास  विफल हो गया। बाल विवाह रोकने को पहुंची टीम को देख दूल्हा और बाराती मण्डप से भाग निकले।  प्रदेश में चल रहे ‘मिशन शक्ति’’ अभियान के तहत इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। चाइल्ड लाइन ने डेढ़ माह के भीतर यह दूसरा बाल विवाह होने से रोका है। गत 21 सितम्बर को भी चाइल्ड लाइन  ने शहर के दुर्गाकुण्ड इलाके में हो रहे बाल विवाह को रोकने में सफलता हासिल की थी।

चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर शुक्रवार को किसी ने सूचना दी कि चोलापुर के कैथोर गांव की रहने वाली 15 वर्षीया  किशोरी का बाल विवाह हो रहा है। सूचना मिलते ही चाइल्ड लाइन के निदेशक मजू मैथ्यू ने जिला बाल कल्याण अधिकारी निरूपमा सिंह से संपर्क  किया। इसके बाद चाइल्ड लाइन व जिला बाल संरक्षण इकाई की एक टीम चोलापुर पुलिस को साथ लेकर कैथोर गांव पहुंची। इस टीम में आजाद, रामप्रताप व बाल संरक्षण इकार्इ के रामकिसुन शामिल थे। यह टीम जब पुलिस के साथ वहां पहुंची तब पता चला कि किशोरी की शादी के लिए पूरा परिवार चंदवक (जौनपुर) क्षेत्र में नदी के किनारे स्थित बैरहवां बाबा मंदिर गया हुआ है। यह जानकारी मिलते ही टीम के लोग उक्त मंदिर पर पहुंचे। टीम को आता देख दूल्हा और बाराती वहां से भाग निकले। किशोरी और उसके परिजनों को दानगंज पुलिस चौकी लाकर पूछताछ की गयी तो पता चला कि किशोरी उम्र अभी महज 15 साल है। उसके माता-पिता मानसिक रूप से अस्वस्थ  हैं । उसके चाचा-चाची ने  शादी सुल्तानीपुर गांव की रहने वाली एक महिला के माध्यम से राजस्थान में तय कर दी थी। वहीं से दूल्हा व बाराती आये थे।

किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। समिति की अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय ने परिजनों के लिखित आश्वासन पर कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे, किशोरी को घर ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी। इसके साथ ही किशोरी पर निगरानी रखने का निर्देश दिया।

 क्या है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम

किसी भी बालक का विवाह 21 साल एवं बालिका का  18 साल  के होने के बाद ही किया जा सकता  है। यदि कोई भी व्यक्ति इस निर्धारित उम्र से काम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह करार दिया जायेगा। भले ही वह सहमति से ही क्यों न किया गया हो। सहमति से किया गया बाल विवाह भी कानूनी रूप से वैध नहीं होता। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 के अंतर्गत बाल विवाह होने  पर दो वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है।

शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2021

पीरिएड में तेज दर्द हलके में न लें


रक्तश्राव ज्यादा हो तो न करें नज़रअंदाज

 • “एंडोमेट्रियोसिस"  का हो सकता है लक्षण

 • चिकित्सकीय सलाह, पोषक आहार व व्यायाम से दूर हो सकती है यह बीमारी 

 वाराणसी, 29 अक्टूबर (dil india)। 22 वर्ष की सरिता को पीरिएड के दौरान लगभग एक वर्ष से अधिक रक्तश्राव के साथ ही तेज दर्द होता था। तब वह मेडिकल स्टोर से दवाएं ले लेती थी, लेकिन उसकी तकलीफ बढ़ती गयी। स्थिति यह हो गयी कि पीरिएड के दौरान उसे इस कदर असहनीय दर्द होने लगा कि वह छटपटाने के साथ ही बेहोशी की स्थिति में आ जाती थी। जब उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि उसे ‘एंडोमेट्रियोसिस’ बीमारी है जो अब दूसरे चरण में पहुंच चुकी है।

 पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस बीमारी से अधिकांश महिलाएं जूझती हैं। इस बीमारी की गंभीरता का पता न होने से अक्सर वह इसके उपचार में लापरवाही बरतती हैं। उन्होंने बताया कि ओपीडी में आने वाली 100 में दस महिलाएं इस रोग से पीड़ित होती हैं। खास तौर पर किशोरियों और युवतियां इस रोग से ज्यादा प्रभावित होती हैं। जिन महिलाओं का मासिक धर्म बंद हो जाता है, उनमें एंडोमेट्रियोसिस होने की आशंका कम होती है।

क्या है ‘एंडोमेट्रियोसिस ’

डा. रश्मि सिंह बताती हैं कि ‘एंडोमेट्रियोसिस ’ गर्भाशय से संबंधित समस्या है। इसमें गर्भाशय के अंदर के टिशू (ऊतक) बढ़कर गर्भाशय के बाहर निकलने और फैलने लगते हैं। ऐसी महिलाओं को जब जब पीरियड्स होते हैं तो खून गर्भाशय के बाहर गिरकर इकट्ठा होने लगता है। इस खून की वजह से सिस्ट या गांठें बढ़ने लगती हैं। साथ ही तकलीफ भी। उन्हें तेज दर्द होता है। खासतौर पर उनका मासिक चक्र जब आता है, तब दर्द और बढ़ जाता है। इस समस्या के कारण महिलाओं में प्रजनन क्षमता भी कम हो सकती है। डा. रश्मि सिंह कहती हैं, इस रोग के लक्षण नजर आते ही तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ताकि समय रहते इसका उपचार हो  सके।

 ‘एंडोमेट्रियोसिस ’ के लक्षण 

पीरिएड के दौरान असामान्य रूप से रक्तश्राव और तेज दर्द

समय गुजरते जाने के साथ-साथ दर्द का बढ़ते जाना

अनियमित पीरिएड व यूरिन इंफेक्शन

थकान, चिड़चिड़ापन और कमजोरी

 ऐसे कर सकते हैं बचाव

डा. रश्मि सिंह बताती है कि एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर के बढ़ने से ‘एंडोमेट्रियोसिस’ होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को कम करके ‘एंडोमेट्रियोसिस’ होने की संभावना से बचाव किया जा सकता है। वह बताती हैं कि नियमित रूप से व्यायाम करने से भी एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम किया जा सकता है।  इसके अतिरिक्त कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। यदि चाय, कॉफी या अन्य कोई कैफीनयुक्त पदार्थ लेने की आदत है तो इसे तुरंत छोड़ देना चाहिए। ऐसी महिलाओं को अपनी डाइट का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए और फाइबर व प्रोटीन युक्त आहार जरूर लेना चाहिए।

गुरुवार, 28 अक्टूबर 2021

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मोहा मन



डेयर ने मनाया आज़ादी का अमृत महोत्सव 

वाराणसी 28 अक्टूबर (dil india)। डेयर संस्था की ओर से आज़ादी के अमृत महोत्सव का आयोजन आवासित बालिकाओं एवं संस्था द्वारा वाराणसी के प्रमुख रेलवे स्टेशनो पर किया गया। खास कर कैंट, सिटी स्टेशन, काशी, सारनाथ और बनारस पर चलाये जा रहे अनौपचारिक शिक्षा केन्द्र के बच्चों के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में उपरोक्त पॉचो सेन्टरोऔर संस्था की बालिकाओं को मिलाकर कुल 100 बच्चे उपस्थित थे। बच्चों द्वारा देश की आजादी, महिलाओं तथा बाल अधिकारो के ऊपर सांस्कृतिक रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

डेयर संस्था में आवासित बालिकाओं द्वारा मौत का दावत नामक नुक्कड नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में बाल संरक्षण अधिकारी वाराणसी निरूपमा सिंह, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय, सदस्य श्रीअखिलेश कुमार, और शीलचन्द्र किशोरी लाल आदि मौजूद थे। मुख्य अतिथियों द्वारा बच्चों एवं महिलाओं के अधिकार के बारे में बताकर बच्चों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में संस्था निदेशक फादर अभी ने सभी का स्वागत किया। शेल्टर होम अधीक्षिका सि. मंजु द्वारा उपस्थित सभी लोगो को धन्यवाद दिया गया।



स्पार्कलिंग स्टार द्वारा किये गये कार्यों का डिस्ट्रिक चेयरमैन ने किया मूल्यांकन


इनरव्हील चेयरमैन अर्चना वाजपेयी ने योजनाओं की ली जानकारी


वाराणसी27 अक्टूबर(dil india)। इनरव्हील क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी ने बुधवार को इनरव्हील क्लब स्पार्कलिंग स्टार विजिट किया। इस दौरान उन्होने क्लब द्वारा सत्र 2020-21 में सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक आदि क्षेत्रों में किये गये प्रोजेक्ट का मूल्यांकन करने के साथ आगामी योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर इनरव्हील क्लब स्पार्कलिंग स्टार के तत्वावधान में सिगरा स्थित एक होटल में एक समारोह का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम की शुरूआत क्लब डिस्ट्रिक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी एवं प्रसिडेंट मानसी अग्रवाल को कालर पहनाने के साथ इनरव्हील प्रार्थना से हुई। जिसके बाद दीप प्रज्जवल एवं गणेश वन्दना किया गया। इसीक्रम में क्लब की सेक्रेटरी रोमा जादवानी ने क्लब द्वारा वर्ष पर्यन्त किये गये कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस सत्र में क्लब द्वारा सहयोग, पर्यावरण, स्वच्छता, शिक्षा, जल संवर्धन, सांस्कृति आदि विषयों को लेकर विविध कार्यक्रम आयोजित करते हुए उद्देश्य की ओर अग्रसर किया। प्रसिडेंट मानसी अग्रवाल ने कहा कि क्लब ने आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से अगली पीढ़ी को भी जोड़ने का सफल प्रयास किया, ताकि उनमें भी सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं संस्कार की विरासत को आगे बढ़ाया जा सकें। उन्होने कहा कि हमारा प्रयास लोगों को सामाजिक एवं सांस्कृतिक से सरोकार जोड़ने का होना चाहिए।

क्लब की नयी सदस्याओं से सभी का परिचय कराया गया। इस मौके पर एक युवती की शादी में आर्थिक सहयोग करते हुए उपहार स्वरूप गृहस्ती के सामान दिया गया। ई-लर्निंग को प्रोत्साहित करते हुए एक छात्रा को मोबाइल फोन एवं नन्हेमुन्हे बच्चों के अध्ययन के लिए स्टडी मेटेरियल प्रदान किया गया। मातृकृपा अनाथालय को सेविंग मशीन प्रदान गया। इस मौके पर इनरव्हील्स का संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए होर्डिंग का लोकापर्ण डिस्ट्रीक चेयरमैन ने किया।

धन्यवाद ज्ञापन वाइस प्रसिडेंट रूपिका अग्रवाल ने किया गया। इस मौके पर वर्तिका अग्रवाल, कृति अग्रवाल, हर्षिका अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, नेहा दास, पूजा, श्रेया अन्य क्लबों की अध्यक्ष व सचिव आदि मौजूद थी।

बुधवार, 27 अक्टूबर 2021

मिशन कर्मयोगी' के तहत लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में ट्रेनिंग कल से


मसूरी ट्रेनिंग पर जायेंगे पोस्टमास्टर जनरल 

वाराणसी 27 अक्टूबर (dil india)। भारत सरकार द्वारा वरिष्ठ सिविल सेवकों के प्रशिक्षण एवं प्रधानमंत्री के 'मिशन कर्मयोगी' योजना को मूर्त रूप देने के क्रम में वरिष्ठ अधिकारियों को एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसी हेतु भारतीय डाक सेवा के 2001 बैच के वरिष्ठ अधिकारी एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव का नाम भी चयनित किया गया है, जो लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी में 28 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2021 तक एक सप्ताह का प्रशिक्षण लेंगे। इसके साथ ही इसके अंतर्गत यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से 'ग्लोबल एनर्जी एंड क्लाइमेट पॉलिसी' और अमेरिका के मेसाच्युएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 'लीडिंग फ्रॉम दि इमर्जिंग फ्यूचर' विषय पर भी अध्ययन करेंगे। 'दि कॉमन मिड-कैरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम, 2021-लीडिंग टू लर्न' के अंतर्गत आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण में वर्ष 2000 और 2001 बैच के आईएएस, आईपीएस एवं केंद्रीय सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। 

गौरतलब है कि 2 सितंबर 2020 को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'मिशन कर्मयोगी' योजना को मंजूरी दी गई थी। 'मिशन कर्मयोगी' का लक्ष्य भविष्य के लिए भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर तैयार करना है। इस योजना के माध्यम से जहाँ प्रणाली में पारदर्शिता आएगी वहीं, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के दर्शन को भी सिविल सेवाओं और अन्य के सहयोग से फलीभूत किया जा सकेगा।

मंगलवार, 26 अक्टूबर 2021

देखिये कांग्रेस ने किसे दे दी शहर की कमान

मेंहदी हसन अल्पसंख्यक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष


वाराणसी 26 अक्टूबर (dil india)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विधायक अजय कुमार लल्लू की संस्तुति पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने सैयद मेहंदी हसन आब्दी को वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

नवनियुक्त अध्यक्ष मेहंदी हसन ने शीर्ष नेतृत्व का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि जिस विश्वास से मुझे यह जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी ने दी है मैं हर संभव प्रयास करूंगा कि निष्ठा, ईमानदारी और लगन से पार्टी को मजबूत करने के लिए अल्पसंख्यकों को कांग्रेस से जोड़ने का भरपूर प्रयास करूंगा। अध्यक्ष बनने पर पूर्व मंत्री अजय राय, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, फसाहत हुसैन बाबू, ओकास अंसारी, हसन मेहंदी कब्बन शाहिद तौसीफ, शफक रिज़वी, स्वालेह अंसारी, तौफीक़ कुरैशी ने बधाई देते हुए कहा कि मेहदी हसन के अध्यक्ष कांग्रेस अल्पसंख्यक काफी मजबूत होगा।

प्रियंका के भरोसे कांग्रेस




कांग्रेस के बेस वोट पर सपा, बसपा, भाजपा का कब्जा

  • छह सीएम दिया फिर भी ब्राह्मण लीडरशीप नहीं
  • मुस्लिम बाबरी मस्जिद प्रकरण के लिए मानता है कांग्रेस को खलनायक
  • दलित-पिछड़े पहले ही हो चुके हैं कांग्रेस से दूर

वाराणसी 26 अक्टूबर (dil india)। सियासत में जब जाति समूहों का ट्रेंगल बनता है तब सरकार बनती है। कम से कम यूपी की सियासत तो यही कहानी बयां करती है। उत्तर प्रदेश की सियासत में जब मायावती ने कदम रखा तो केवल दलित वोटरों के बूते वो कुछ खास नहीं कर सकी। तब उन्होंने जाति समूहों का टेंगल बनाया, भाईचारा कमेटियों का गठन किया। मायावती ने मुस्लिम और ब्राहृाणों को एकजुट कर उनका 60 फीसदी वोट अपने पाले में कर बसपा की सरकार बना दी। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने यादव वोटों को सहेजा, साथ में मुस्लिम और ब्राहमणों को अपने पाले में किया और यूपी की सियासत उनके कब्जे में हो गयी।


मायावती और मुलायम ने जिन वोटरों को अपने पाले में किया था वो किसी और का नहीं बल्कि कांग्रेस का ही परम्परागत वोट था। आज कांग्रेस अपने परम्परागत वोटरों को नहीं सहेज पा रही। नतीजतन यूपी की सियासत में जिस कांग्रेस ने 6 ब्राहमण मुख्यमंत्री दिये। जिसका 80 के दशक में जलवा होता था वो कांग्रेस तीन दशक तक यूपी में हाशिए पर पहुंच गयी। राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ मानते हैं कि परम्परागत वोटरों को सहेजने के लिए कांग्रेस ने कोई ठोस काम नहीं किया। एक के बाद एक पुराने नेता पार्टी छोड़कर जाते गये या फिर उपेक्षित होकर चुपचाप घर बैठ गये। धीरे-धीरे ब्राहमण लीडरशीप भी खत्म हो गयी इसका खामियाज़ा चुनाव दर-चुनाव हार के तौर पर भुगतना पड़ा। बेस वोट दूसरे दलों में चले जाने से 3 दशक तक कांगे्रस सत्ता के गलियारे से दूर रही। पार्टी का संगठन भी महज़ नाम का ही रह गया। जो पुराने नेता थे वो अपने को उपेक्षित देखकर खुद दूसरे दलो में चले गये या फिर चुपचाप बैठ गये। आज़ादी के पहले से कमलापति त्रिपाठी कुनबे का कांग्रेस में न सिर्फ दबदबा था बल्कि यूपी में कांग्रेस मतलब ही कमलपति तित्रपाठी कुनबा माना जाता था मगर हाल में ही इस कुनबे के चश्मो-चिरागं ललितेश पति त्रिपाठी ने अपनी उपेक्षा से परेशान होकर दल को छोड़ दिया। इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा।  

दरअसल सूबे में 80 के दशक तक अधिकांश समय कांग्रेस की ही सरकारें रही है। कांग्रेस ने 6 ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए। 25 जून 1988 को नारायण दत्त तिवारी तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने वो 5 दिसम्बर 1989 तक  इस पद पर थे। तिवारी कांग्रेस के यूपी में आखिरी सीएम थे। उसके बाद कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री नहीं बना। यूपी में वर्तमान में ब्राह्मणों की अनुमानित संख्या तकरीबन 8-10 फीसद है। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने ब्राह्मण नेता को सीएम के रूप में पेश करने की अंदरखाने में तैयारी चल रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ब्राह्मणों के मुद्दे हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।फिर क्या वजह है कि दूसरे दलों में घुटन महसूस करने वाला ब्राह्मण कांग्रेस से नहीं जुड़ पा रहा है? यह एक अहम सवाल है जिसका जवाब किसी के पास फिलहाल नहीं है। अब देखना यह है कि प्रियंका गांधी मिशन 2022 में क्या गुल खिला पाती हैं।

औरंगाबाद हाउस की उपेक्षा

पिछले दिनों प्रियंका बनारस में थी। वो औरंगाबाद हाउस नहीं गयी, और न ही वहां से कोई उनकी रैली में आया। देश की आज़ादी के बाद से पहली बार ऐसा हुआ। सियासदां मानते हैं कि अगर प्रियंका वहां चली जाती तो बात बन जाती मगर वो नहीं गयीं। 

टीएमसी में ललितेश की इंट्री

कमलापति त्रिपाठी के चश्मो चिराग ललितेशपति ने आखिरकार टीएमसी ज्वाइन कर लिया। वो पिता राजेशपति त्रिपाठी के साथ ममता बैनर्जी से मिले और टीएमसी की सदस्यता ले ली।

प्रियंका पर ही भरोसा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के यूपी का प्रभारी बनाये जाने के बाद पार्टी किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार चर्चा में ज़रूर बनी हुई है। खासकर कानून व्यवस्था, उत्पीड़न और किसानों के मुद्दे पर तो वो लगातार आंदोलन कर रही है मगर राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रियंका जो कर रही है उससे कांग्रेस चर्चा में आयी है मगर जब तक बेस वोट को सहेजने के लिए कांग्रेस में कोई ठोस प्रयास नहीं होगा तब तक कांग्रेस कम से कम यूपी में कोई कमाल नहीं कर पायेगी। आखिर अकेली प्रियंका पर कितना भरोसा किया जा सकता है। 

जाने विशेषज्ञ की राय 

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ डा. मो. आरिफ कहते हैं कि प्रियंका ने हाल के वर्षो में कांग्रेस में नयी जान फूंकी है इससे इंकार नहीं किया जा सकता।  हां ज़रूरत है कि मुहल्ले-मुहल्ले टीम बनाकर बेस वोट वापस पाने के लिए युद्धस्तर पर कांग्रेस को काम करना होगा। ठीक वैसे जिस तरह से आम आदमी पार्टी के लोग वोटर्स के बीच जाकर काम कर रहे हैं। वो कहते हैं कि कभी कभी बड़े को छोटे से भी नसीहत लेनी पड़ती है। आप से यहां अगर नसीहत ली जाये तो कोई बुरा नहीं है। डा. आरिफ कहते हैं कि भाजपा का अगर कोई ठोस विकल्प है तो वो आज भी कांग्रेस ही है।

सोमवार, 25 अक्टूबर 2021

काशी को पीएम मोदी ने दी परियोंजनाओं की सौगात





5189 करोड़ से निर्मित 28 परियोजनाएं हुई लोकार्पित

वाराणसी 25 अक्टूबर (dil india)। देश के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आजअपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को पांच हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देन पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री के हाथों 5189 करोड़ की लागत से निर्मित 28 परियोजनाएं लोकार्पित हुईं। प्रधानमंत्री ने रिंग रोड फेज दो, दो सेतु व पार्किंग के साथ 28 परियोजनाएं दोपहर को लोकार्पित कीं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी दोपहर एक बजे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मेहदीगंज में जनसभा को भी संबांधित करने पहुंचे और योजनाएं जनता को लो‍कार्पित कीं।

भोजपुरी में किया प्रणाम दी बधाईयां

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने संबोधित करना शुरू किया तो हर हर महादेव का उद्घोष कर हुए काशी से संबंधों को जोड़ा। कहा कि आप लोग इजाजत दें तो बोलना शुरू करुं। हर हर महादेव, बाबा विश्‍वनाथ, माता अन्‍नपूर्णा की नगरी काशी की पुण्‍य भूमि के भाई और भगिनी लोगन के प्रणाम। दीवाली, देव दीपावली, अन्‍नकूट, भैया दूज, प्रकाशोत्‍सव, डाला छठ की आप सभी को शुभकामना। देश के कोने कोने से जुडे हेल्‍थ प्रोफेशनल, मेंडिकल संस्‍थान के लोगों और सभी का आभार। कोरोना की लड़ाई में देश ने 100 करोड़ के पड़ाव को पूरा किया है। बाबा विश्‍वनाथ के आशीर्वाद और गंगा के अविरल प्रताप और काशी के अखंड विश्‍वास से सबको मुफ्त वैक्‍सीन आगे बढ़ रहा है। आप सभी का आदरपूर्वक वंदन। आज ही यूपी को नौ नए मेडिकल कालेज देने का अवसर मिला है। इससे पूर्वांचल और पूरे यूपी के करोड़ो समाज के वर्गों को फायदा होगा। दूसरे शहरों के बड़े अस्‍पतालों के लिए भागदौड़ कम होगी। मानस में सोरठा का उदाहरण दिया। काशी में शिव शक्ति साक्षात निवास करते हैं। ज्ञान काशी को कष्‍ट और क्‍लेश से मुक्‍त करती है तो स्‍वास्‍थ्‍य से जुडी योजना के लिए काशी से बेहतर जगह और क्‍या हो सकती है। आज इस मंच पर दो बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। एक भारत सरकार का भारत के लिए 64 हजार करोड़ से अधिक का काम काशी से लांच हो रहा है। दूसरा काशी और पूर्वांचल के कार्यक्रम। पहले और यहां के कार्यक्रम को मिला दें तो 75 हजार करोड़ का कार्यक्रम जारी किया गया है। 

काशी की योजनाओं में महादेव का अशीर्वाद है। जहां महादेव का आशीष है वहां सफलता ही सफलता है। महादेव की वजह से कष्‍टों से मुक्ति तय है। यूपी सहित देश के हेल्‍थ इंफ्राष्‍ट्रक्‍चर को ताकत देने, महामारी से बचाव के लिए तैयारी उच्‍च स्‍तर तक हो। हमारे हेल्‍थ सिस्‍टम में आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मनिर्भरता आए इसके लिए 64 हजार करोड़ से आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर मिशन शुरू करने का मौका मिला है। पांच हजार करोड़ की परियोजना का लोकार्पण किया गया है। सड़क से घाट, गंगा, वरुणा की साफ सफाई, पुल पार्किंग, बीएचयू की परियोजना त्‍योहारों के मौसम में जीवन को सुगम बनाने के लिए काशी के विकास पर्व को देश को ऊर्जा और विश्‍वास देने वाला है। काशी सहित आज मैं काशी की धरती से देश के 130 करोड़ जनता को बधाई देता हूं।शरीर को स्‍वस्‍थ करने का निवेश उत्‍तम माना गया है। आजादी के बाद आरोग्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा पर ध्‍यान नहीं दिया गया जितनी जरूरत थी। जिनकी लंबे समय तक सरकार रही उन्‍होंने हेल्‍थ सेक्‍टर को विकास की जगह सुविधाओं से वंचित रखा। गांव में अस्‍पताल नहीं, ब्‍लाक में टेस्‍ट की सुविधा नहीं था। जिला अस्‍पताल में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं था। बड़े अस्‍पताल में लंबा इंतजार होता था। मरीज और परिवार परेशान रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी। कई बार गरीब पर आर्थिक बोझ अलग था। हेल्‍थ केयर सिस्‍टम में कमी की वजह से गरीब और मिडल क्‍लास चिंतित रहता था। योजना इसी कमी के लिए दूर का समाधान है। महामारी से निबटने में हम तैयार हों सक्षम हों। इसके लिए हेल्‍थ सिस्‍टम को तैयार किया जा रहा है। बीमारी पकड़ में आए जांच में देरी न हो। लक्ष्‍य है कि गांव से ब्‍लाक जिला रीजनल और नेशनल तक क्रिटिकल हेल्‍थ केयर मजबूत हो। हमारे नार्थ ईस्‍ट के राज्‍य हैं उनपर फोकस किया जा रहा है। मिशन के तीन पहलू हैं। डायग्‍नोस्टिक सिस्‍टम के तहत हेल्‍थ और वेलनेस सिस्‍टम के साथ बीमारी डिटेक्‍ट फ्री में किेया जाएगा। समय पर बीमारी पता चलेगी तो गंभीर होने की आशंका कम होगी। उसके इलाज के लिए 600 से अधिक जिलों के क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार किए जाएंगे। सवा सौ जिलों में रेफरल की सेवा। ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग और अस्‍पताल में सुविधा बढ़ेगी। सर्जरी से जुड़े नेटवर्क चौबीसों घंटे के लिए तैयार होंगे। रोगों की जांच से जुड़ा टेस्टिंग नेटवर्क दूसरा बिंदु हैं। जरूरी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास होगा। 

730 जिलों में इं‍टीग्रेटेट सिस्‍टम

730 जिलों में इं‍टीग्रेटेट सिस्‍टम डेवलप होगा। इस नेटवर्क को और सशक्‍त किया जाएगा।तीसरा पहलू रिसर्च संस्‍थानों को सशक्‍त बनाने का है। 80 बायो व रिसर्च लैब हैं इनको और बेहतर किया जाएगा। ऐसी 15 लैब को सक्रिय किया जाएगा। 4 नए वायरोलाजो लैब बनेगा। एक राष्‍ट्रीय संस्‍थान भी बनेगा। इसके माध्‍यम से देश के कोने कोने में इलाज से लेकर इको सिस्‍टम विकसित किया जाएगा। दशकों पहले यह होना था लेकिन हाल क्‍या है उसका वर्णन करने की जरूरत नहीं है। हम सात साल से बड़े स्‍तर पर काम कर रहे हैं। मैने दिल्‍ली में पूरे देश के लिए गति शक्ति बड़ा इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर को लांच किया था और आज यह दूसरा बड़ा हेल्‍थ को लेकर मिशन लेकर काशी से निकल रहे हैं। इससे रोजगार का भी वातावरण बनता है। एक बड़ा अस्‍पताल बनता है तो आसपास शहर बस जाता है। इसलिए यह मिशन स्‍वास्‍थ्‍य के साथ आर्थिक मिशन भी है जो सभी के लिए सुलभ और सस्‍ता हो यानि होलिस्टिक मिशन भी है। अनेक अभियानों ने देश को बीमार होने से बचाया है। आयुष्‍मान भारत योजना ने गरीबों का मुफ्त इलाज कराया है। हमसे पहले वर्षों तक सरकार में रहे उनके लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवा घोटालों और पैसा कमाने का जरिया रहा है। आज गरीब दलित शोषित वंचित और पिछड़ों का दर्द समझती है। पहले जनता का पैसा घोटाले में जाता था आज बड़े प्रोजेक्‍ट में लग रहा है। आज महामारी से देश निपट रहा है और लाखों करोड़ का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर शुरू किया गया है। स्‍टाफ की संख्‍या भी बढ़ेगी। नए मेडिकल कालेज से सीटों में इजाफा होने से गरीब भी चिकित्‍सा क्षेत्र में नौकरी कर सकेगा। देश में डाक्‍टर आगे दस गुना मिलने जा रहे हैं। अधिक डाक्‍टर होंगे तो उतनी ही उपलब्‍धता आसान होगी। अभाव से आगे बढ़कर काम किया जा रहा है। अतीत में देश में या यूपी में जो काम हुआ वैसे काम होता तो काशी की हालत क्‍या होती। काशी को अपने हाल पर छोड़ रखा था। लटकते तार, सडक घाट गंगा जाम प्रदूषण सब चलता रहता। काशी का हृदय मन वही है बस प्रयास ईमानादार है। काशी में जितना काम हुआ उतना कई दशकों में नहीं हुआ। रिंग रोड न होने से जाम होता था। नो इंट्री खुलने का इंतजार बनारस वालों की आदत हो गई थी। कहीं भी आना जाना हो ता शहर वालों को परेशान करने की जरूरत नहीं। गाजीपुर तक जुड़ गई है। सर्विस रोड़ भी है। प्रयागराज, लखनऊ, बिहार तक कारोबार को गति मिलेगी। देश में एक समर्पित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर न हो तो विकास की गति सुस्‍त रहती है। अब एयरपोर्ट आने वालों को कालीन बनाने वालों को, विंध्‍याचल दर्शन करने वालों की सुविधा होगी। रेलवे स्‍टेशन पर बने लांज से सुविधा होगी। 

गंगा के लिए चल रहा स्वच्छता अमियान

गंगा की स्‍वच्‍छता के लिए काम किया जा रहा है। आज हम अनुभव भी कर रहे हैं। घरों का गंदा पानी रोकने के लिए रामनगर में सीवज ट्रीटमेंट प्‍लांट काम कर रहा है। 50 हजार आबादी को लाभ मिल रहा है। वरुणा के लिए भी काम हो रहा है। उपेक्षित वरुणा अस्तित्‍व खो रही थी। आज साफ पानी वरुणा में जा रहा है। दोनों किनारे पाथवे रेलिंग बन रहे हैं। काशी व पूर्वांचल के किसानों के लिए सुविधा विकसित हुई है। पैकेजिंग प्रोसेसिंग और पेरिशेबल कार्गो बना है। उससे किसानों को सुविधा मिलेगी। सीएनजी प्‍लांट से खाद भी किसानों को मिलेगी। काशी में बीएचयू का दुनिया में श्रेष्‍ठता तकनीक से हेल्‍थ तक सुविधा तैयार हो रही है। सुवा साथी पढ़ाई के लिए आ रहे हैं। आवासीय सुविधा तैयार हो रही है। मालवीय जी के विजन को साकार करने में मदद मिल रही है।

हजरत मोहम्मद पूरी दुनिया के लिए आइडियल


उलेमा बोले:नबी के रास्ते पर चलने से संवरेगी जिंदगी

वाराणसी 25 अक्टूबर (dil india) जश्ने ईद मिलादुन्नबी का अज़ीमुश्शान जलसे का आयोजन सरैया में सम्पन्न हुआ। जलसे में जहां नबी की शान में उलमा ने तकरीर की वहीं नातिया शायरों ने अपने नातिया कलाम से लोगों को फैज़याब किया। तकरीर में उलेमा ने हुजूरे अकरम हजरत मोहम्मद (स.) को पूरी दुनिया के लोगों का आइडियल बताया। उलेमा ने कहा कहा कि नबी के बताये हुए रास्ते पर चलने से हम सबकी जिंदगी और आखिरत संवर सकती है। उलेमा ने पांच वक़्त नमाज़ पढ़ने की ताकीद की। कहा कि अपने मुल्क से मोहब्बत और मिल्लत ईमान का हिस्सा है। 

इस मौके पर मेहमान खुसूसी, ओलमाओ और शायरो का "पार्षद" हाजी ओकास अंसारी ने इस्तकबाल किया। इस मौके पर मौजूद शायर हाफिज साहिल रजा, सकलैन वजाहत, कारी अब्दुल रहीम, हाफिज वसीम जुलफी, मौलाना कारी अबु शहमा, मौलाना सलमान जफर, मौलाना मुफती अहमद, मौलाना अजहरुददीन,  मौलाना नसीम अखतर, हाफिज साहिल रजा, रौशन अली, मोहममद आसीफ आदि ने जलसे को खेताब किया। इस अवसर पर वसीम अहमद, मोहममद जाहिद, मोहममद मेराज, एबादुररहमान, अज़हरउद्दिदीन आदि  लोग मौजूद थे।

रविवार, 24 अक्टूबर 2021

जब तक हज नहीं शुरू होगा संघर्ष रहेगा जारी: नौशाद आज़मी


पीएम मोदी से मांगा काशी से काबा की उड़ान

वाराणसी 24 अक्टूबर (dil india)। काशी से काबा की उड़ान वर्ष 2018 से बंद है। कल बनारस में पीएम मोदी आने वाले हैं। पीएम मोदी का बनारस संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में हमारी मांग है कि वो काशी से पूर्वांचल के मुसलमानों के लिए पुनः हज की उड़ान शुरू कराने का ऐलान करे।


सेंट्रल हज कमेटी के पूर्व सदस्य हाफिज नौशाद आज़मी ने पीएम मोदी से यह मांग की है। वो एक नीजी कार्यक्रम में शिरकत करने बनारस आये थे। इस दौरान आज़मी ने ऐलान किया है कि जब तक काशी से काबा की उड़ान नहीं शुरु होती है तब तक वो संघर्ष जारी रखेंगे। उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी से दो बार निर्वाचित सदस्य व केंद्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य और लंबे समय से हज यात्रियों के लिए संघर्ष करने वाले हाफिज नौशाद अहमद आजमी ने कहा कि कोविड के चलते हज यात्री 2020 व 2021 में हज पर नहीं जा सके। एक सवाल के उत्तर में नौशाद आजमी ने कहा कि हमने बहुत संघर्ष के बाद 2007 में वाराणसी से हज की उड़ान शुरू करायी थी। इसके लिए 6 मई 2006 को मोहम्मदाबाद गोहना मऊ में प्रांत का एक ऐतिहासिक हज सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें 25000 से अधिक हज प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। उसके बाद श्री प्रफुल पटेल ने हमसे मुलाकात की और वादा किया कि पूर्वांचल के हजयात्री 2007 में वाराणसी से काबा की उड़ान भरेंगे।

18 अगस्त 2006 को, लोकसभा में सांसद रामजी लाल सुमन ने मांग की कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के यात्रियों को बनारस से यात्रा करने की अनुमति दी जाए। श्री इकबाल सरावगी व हाफिज नौशाद आज़मी 9 मार्च, 2007 को तत्कालीन प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह से उनके संसदीय कार्यालय में मुलाकात की और वाराणसी से हज यात्रियों की उड़ान की मांग किया था। प्रधान मंत्री ने आश्वासन दिया कि 2007 से उत्तर प्रदेश के वाराणसी से  हजयात्री यात्रा करेंगे। 2007 से पहले वाराणसी एयरपोर्ट एक छोटा हवाई अड्डा था। हज की उड़ान के बाद, वाराणसी हवाई अड्डा एक प्रमुख हवाई अड्डा बन गया। नौशाद आज़मी ने कहा कि 2008 में, 5,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने हज और एक प्रमुख सऊदी एयरलाइंस की उड़ान के लिए यात्रा की। लेकिन आज यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 2018 में जो हज नीति तैयार की उसमें देश भर से केवल 9 जगहों को ही हज के लिए चयन किया गया। जबकि 21 इम्बारकेशन प्वाइंट पहले थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी से काबा की उड़ान खत्म कर दी गई। उन्होंने कहा कि हज का पहला काफिला 2007 में हवाई अड्डे से निकल रहा था। जब उद्घाटन समारोह हुआ, तो एक कांग्रेसी सांसद ने पूरे वाराणसी और हवाई अड्डे के रास्ते में अपने नाम का पोस्टर बैनर यह कहते हुए लगवाया कि उन्होंने अपना वादा पूरा किया। जो पूरी तरह से झूठ था। काफिला चला गया, मीडिया के बाहर खड़े लोगों ने मुझसे पूछा, "आपने पूरी मेहनत की है। आपको आमंत्रित नहीं किया गया है। मीडिया के लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। इंडिया टुडे ने इस इशू को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया।,

हाफिज नौशाद आज़मी को नाराज़गी है कि बनारस शहर के बुद्धिजीवियों और मुस्लिम सामाजिक संगठनों से उन्होंने सांसद की निंदा नहीं की और उनकी सेवाओं को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया। आज आज़मी ने एक बार फिर पीएम मोदी ने गुज़ारिश की है कि वो काशी से काबा का ऐतिहासिक सफर शुरु करायें। इस अवसर पर  आल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महामंत्री वहीदुल्लाह खां सईदी भी मौजूद थे।

शनिवार, 23 अक्टूबर 2021

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में अटेवा ने एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो का लगाया नारा

निकाली पदयात्रा, शिक्षक कर्मचारियों ने की शिरकत

वाराणसी 22 अक्टूबर(dil india)। अटेवा पेंशन बचाओ मंच उ.प्र. के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धुजी एवं प्रदेश महामंत्री नीरजपति त्रिपाठी के आह्वान पर अटेवा पेंशन बचाओं मंच वाराणसी द्वारा सायं 4 बजे एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो पद यात्रा, विनोद यादव जिला संयोजक के नेतृत्व में निकाली गयी । यह पद यात्रा उ. प्र . चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ कार्यालय पीडब्लूडी से जिलाधिकारी कार्यालय तक हुई । वहां पहुॅचकर एन ० पी ० एस ० समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने एवं निजीकरण बंद करने सम्बन्धित मांग पत्र जिलाधिकारी वाराणसी के माध्यम से मुख्यमंत्री उ.प्र. सरकार को भेजा गया



। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग / बेसिक शिक्षा विभाग , पीडब्लूडी विभाग , सिंचाई विभाग , स्वास्थ्य विभाग , फार्मासिस्ट संघ , सफाई विभाग , राजस्व विभाग इत्यादि के नेताओं ने अपने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षक / कर्मचारी एवं अधिकारी किसी भी प्रदेश एवं देश की रीढ़ होते हैं उन्हें अपनी - अपनी मांगों के लिए बार - बार सड़क पर आकर संघर्ष करना पड़ रहा है , जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है । कभी शिक्षक / कर्मचारी सेवा में आने के बाद अपने भविष्य के लिए निश्चिन्त हो जाते थे , क्योंकि उनके बुढ़ापे की लाठी पेंशन थी । किन्तु इसे भी समाप्त कर बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गयी । जिससे लाखों - लाख शिक्षक / कर्मचारी का भविष्य अन्धकार मय हो गया , और उन्हें अपने भविष्य की चिन्ता सताने लगी है ,सेवानिवृत्त के बाद बुढ़ापा कैसे कटेगा इसी में वह चिन्तित रहता है ।दूसरी ओर सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कमजोर वर्ग के खिलाफ अमीरों का एक षड़यंत्र है जो न देशहित में है और न ही जनहित में है । यह केवल अमीरों / उद्योगपतियों के हित में है अतः सरकार से आग्रह है कि एन०पी०एस० समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करें एवं निजीकरण को अविलम्ब बंद किया जाय। 

इनकी रहीं खास मौजूदगी:

इस पद यात्रा में अटेवा वाराणसी संरक्षक रामचन्द्र गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येन्द्र राय, ज़िला संयोजक विनोद यादव, उमेश बहादुर सिंह पीडब्लूडी, एस.पी. यादव फार्मासिस्ट संघ, सुधीर कुमार सिंचाई विभाग, अभिजय श्रीवास्तव स्वास्थ्य विभाग, मनबोध यादव जिला महामंत्री, जिला सहसंयोजक- डॉ. एहतेशामुल हक, वेद सिंह, राकेश कुमार सरोज, जिलामंत्री बी.एन. यादव, कोषाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश गुप्त, संगठन मंत्री जफर अंसारी, सतीश वर्मा, मिडिया प्रभारी रामचन्दर, जिलाध्यक्ष सोम शिक्षक रामहरख चौधरी, अध्यक्ष सफाई कर्मचारी संघ कृष्ण कुमार, सोशल मिडिया प्रभारी सुरेन्द्र प्रताप सिंह, नगर संयोजक गुलाब चन्द्र कुशवाहा, महामंत्री अंजनी कुमार सिंह, मीनाक्षी पाण्डेय, पूजा सिंह, आरती, नीरज यादव, अंशु दूबे पुष्पा सिंह, ज्योति द्विवेदी, श्वेता जायसवाल, इमरान अंसारी, प्रणव यादव, राजेश प्रजापति, राजेश सिंह, विनय कुमार सिंह, शशांक शेखर, शैलेश कुमार, सुबाष चन्द्र, श्यामाकान्त यादव, नरेन्द्र प्रसाद, अजय यादव, प्रमोद कुमार पटेल, संजय पाल, राममूर्ति, शिवमनी, रविन्द्र कुमार यादव, शेषनाथ पाल, जोगेन्द्र सोनकर, शकील अहमद, रहमत अली, आरिफ खान, सुहैल अहमद, अनीता सिंह, मुहम्मद जाबिर, आमरा जमाल, सादिया तबस्सुम, विनोद यादव, फरजाना, शैलबाला, अरविन्द यादव, आयशा, नौशाद अंसारी, उजमा महबूब, जहीर, गिरीश चंद्र यादव, रविन्द्र, गोविन्द, सतीश, सुनील कुमार गुप्ता, अश्वनी प्रसाद, परमानन्द, संदीप उमेश, संजय प्रभाकर, आतिफ मोहम्मद खालिद, राममिलन यादव, विनोद यादव, पीयुष कुमार, लल्लन यादव, सत्येन्द्र कुमार सिंह, अमरेन्द्र, धर्मेन्द्र कुशवाहा, आलोक मौर्य सहित सैकड़ों शिक्षक कर्मचारी उपस्थित थे।

शुक्रवार, 22 अक्टूबर 2021

शेर-ए-बनारस बॉडी बिल्डिंग प्रतिस्पर्धा में जुटेंगे बॉडी बिल्डर

24 को दमखम दिखाएंगे बनारस के बॉडी बिल्डर

वाराणसी, 22 अक्टूबर(dil india)। कोरोना की दूसरी लहर के बाद वाराणसी में पहली बार बॉडी बिल्डिंग प्रतिस्पर्धा आयोजित होने जा रही है। काशी डिस्ट्रिक्ट बॉडी बिल्डिंग एवं फिटनेस एसोसिएशन के तत्वावधान में आगामी 24 अक्टूबर,2021 को 12 वीं शेर-ए-बनारस प्रतियोगिता का आयोजन लालपुर स्थित जीवनदीप पब्लिक स्कूल के प्रांगण में किया जाएगा। इस संबंध में शुक्रवार को शिवाला स्थित द जिम में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आयोजित एक प्रेस वार्ता में विस्तृत जानकारी दी। संस्था के अध्यक्ष अहमद फैसल महतो ने बताया की दुबारा लॉकडाउन के बाद से ही बॉडी बिल्डरों के लिए किसी भी तरह की स्पर्धा आयोजित ना होने से उनमें निराशा का भाव आ रहा था, इसे देखते हुए एसोसिएशन शेर-ए-बनारस आयोजित करने का फैसला किया गया। यह स्पर्धा सभी के लिए होगी जिसमें देश भर के बॉडीबिल्डर प्रतिभाग करेंगे। प्रतिस्पर्धा  कुल 7 भारवर्गों में तथा 1 फिटनेस फिजिक कैटेगरी में आयोजित होगी। कैटेगरी में 0-55, 55-60, 60-65, 65-70, 70-75 और  80+ तक के प्रतिभागी भाग ले सकेंगे। हर ग्रुप से बेस्ट ऑफ फाइव चुने जाएंगे उनमें से चुने गए को शेर-ए-बनारस का खिताब मिलेगा वही दूसरे नम्बर पर आये खिलाड़ी को मिस्टर मशलमैन से नवाजा जाएगा। प्रतिस्पर्धा में टाइटल विजेता को 10,000 रुपए नकद तथा मशलमैन को 5,000 रुपए नकद के साथ अन्य विजेताओं में कुल 51,000 रुपए नकद पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा। 

अहमद फैसल महतो ने बताया कि बाहर से आने वाले खिलाड़ियों के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था भी कार्यक्रम स्थल पर की जाएगी, वही स्थानीय खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन एक दिन पूर्व शिवाला स्थित द जिम में ही होगा। पत्रकार वार्ता में निदेशक मोहम्मद सगीर, चैयरमैन फसरूद्दीन खान, निसार अहमद, रियासुद्दीन, कैस अंसारी, मयंक उपाध्याय आदि पदाधिकारी शामिल रहें।

गुरुवार, 21 अक्टूबर 2021

इनरव्हील ने दिया सेवाकार्य पर ज़ोर

इनररव्हील मित्रम की डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन विजिट

वाराणसी 21 अक्टूबर(dil india)। इनररव्हील क्लब वाराणसी मित्रम का डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन विजिट होटल द्वारका में ट्रामा सेंटर के सामने संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन अर्चना बाजपेई ने क्लब के कार्यों की सराहना की और सेवा कार्यों पर ज़ोर दिया।

पूर्व एसोसिएशन कोषाध्यक्ष अंजलि अग्रवाल ने भी क्लब के कार्यों के बारे में अपने विचार रखे। क्लब ने समाज सेवा के अंतर्गत 5 लड़कियों को स्टेशनरी, टिफिन, बोतल इत्यादि दिए। अध्यक्ष अमृता शर्मा ने समाज सेवा के प्रति लोगों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई।


इससे पूर्व सतरूपा केसरी ने गणेश वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का विधिवत आगाज किया। कार्यक्रम का संचालन उमा केसरी ने किया तो धन्यवाद ज्ञापन वाइस प्रेसिडेंट नूतन रंजन ने दिया। इस अवसर पर ममता तिवारी, सुषमा अग्रवाल, शीला अग्रवाल, निशा अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, मंजू केसरी ,चंद्र शर्मा, अमृता सिंह, रीता कश्यप, रानी केसरी उपस्थित थे।

तिरंगा यात्रा के लिए पहुँचे राज्यसभा सांसद हिरासत में


तिरंगा यात्रा स्थगित, निरस्त नहीं

  • अगली तिथि जल्द होंगी घोषित:संजय सिंह
  • तिरंगा यात्रा अवैध कैसे: संजय सिंह

  • योगी राज्य में तिरंगा यात्रा निकलना भी अपराध:संजय सिंह

वाराणसी 21 अक्टूबर (dil india)। आम आदमी पार्टी द्वारा पूर्व घोषित तिरंगा संकल्प यात्रा कचहरी स्थित अम्बेडकर पार्क से तेलियाबाग स्थित पटेल प्रतिमा तक होना था। उसे आम आदमी पार्टी ने स्थागित कर दिया है। आप ने आरोप लगाया कि यात्रा को प्रशासन ने बल पूर्वक रोकने का प्रयास किया और यात्रा में सम्मिलित होने आ रहें राज्यसभा सांसद/प्रदेश प्रभारी संजय सिंह और साथियों को गणेशपुर स्थित BHEL के पास भारी पुलिस बल लगाकर बलपूर्वक हिरासत में ले लिया गया। कारण पूछने पर पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया।

लगभग 05 घंटे वहीं रहने के पश्चात प्रशासन के अनुरोध पर कि श्रीलंका का डेलिगेशन आया हुआ है और आगामी त्योहारों के वजह से सुरक्षा व्यवस्था की दिक्कत हैं, आदि के संदर्भ में संजय सिंह ने तिरंगा यात्रा को स्थगित करने की सूचना देते हुए कहा कि आगामी तिथि जल्द घोषित की जायेंगी।

      इसके पूर्व आज सुबह 08 बजे संजय सिंह को भारी पुलिस बल को लगाकर गणेशपुर में हिरासत में लिये जाने पर संजय सिंह ने तिरंगा यात्रा को अनुमति न दिये जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में समर्थकों द्वारा हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार करने की तो छूट हैं, परंतु तिरंगा लेकर चलने की छूट नहीं हैं। भारत माता की जय बोलने की छूट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब सरकार तिरँगा यात्रा रोकेंगी, तब-तब उससे ज्यादा ताकत से तिरंगा यात्रा करने का हमारा प्रयास होगा। उन्होंने प्रशासन द्वारा कार्यकर्ताओं को दिये गये नोटिस में तिरंगा यात्रा को अवैध घोषित किये जाने के शब्दों पर ऐतराज जताते हुए, आदित्यनाथ राज्य की आलोचना करते हुए कहा कि तिरंगा यात्रा अवैध कैसे हो सकती हैं। 



प्रदेश प्रवक्ता सहित कई नेता नज़रबंद

 प्रस्तावित "तिरंगा संकल्प यात्रा" से घबरायी हुई सरकार ने यात्रा के प्रारम्भ स्थल अम्बेडकर पार्क और मलदहिया स्थित पटेल चौक को किले में तब्दील कर दिया और यात्रा के समर्थन में लगें पोस्टर, बैनर को तुरंत ही उतरवा दिया। तिरंगा यात्रा के स्थगित होने की सूचना 01 बजे ही आ गयी परंतु नजरबंद लोगो और गिरफ्तार लोगों को शाम 03:30 बजे समाचार लिखे जाने तक नहीं छोड़ा गया। तिरंगा संकल्प यात्रा से एक दिन पहले ही प्रदेश सहप्रभारी अभिनव राय, प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह, प्रदेश सचिव देवकांत वर्मा, जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता, जिला महासचिव अखिलेश पांडेय, सरोज शर्मा, अंजना सिंह, दक्षिणी अध्यक्ष सौरभ यादव सहित लगभग सभी सक्रिय कार्यक्रताओं को कार्यक्रम में सम्मिलित न होने की चेतावनी पुलिस द्वारा दी गई और नोटिस भी तामील की गई। इसके अतिरिक्त प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह, जिला मीडिया प्रभारी घनश्याम पांडेय, पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता, रोहनियां प्रत्याशी पल्लवी वर्मा सहित कई लोगों को घर पर ही नजरबंद कर दिया गया।

राज्यसभा सांसद संजय सिंह के हिरासत का विरोध कर रहें 40 कार्यक्रताओं को गणेशपुर से गिरप्तार कर पुलिस लाईन ले जाया गया। गिरफ्तार प्रमुख लोगों में सर्वश्री प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल विंग अनुप पांडेय, प्रदेश सचिव कृष्णकांत तिवारी,प्रदेश सचिव महिला विंग रेखा जायसवाल, जिलाध्यक्ष महिला विंग शारदा टंडन, अनिता यादव, उत्तरी विधानसभा अध्यक्ष महफूज अहमद, राजन कुमार मौर्य, कमलेश यादव, मो. हिदायतुल्लाह, जयकिशन पटेल, राम सूरत सिंह, विनय राजभर आदि। आज के कार्यक्रम में अन्य मौजूद लोगों में सर्वश्री प्रदेश सहप्रभारी अभिनव राय, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष स्टूडेंट विंग वंशराज दुबे, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अनुराग मिश्रा, प्रदेश सचिव प्रवीण यादव,शिवपुर प्रत्याशी सतीश सिंह, सुशांत राज भारत, मंडल अध्यक्ष व्यापार मंडल अनुराग अग्रवाल, जुबैर अहमद आदि।

अन्नदाता किसान देश पर करेगा राज


किसान पदयात्रा का काशी में समापन

  • चंपारण से गांधी-शास्त्री जयंती पर हुई थी शुरु

वाराणसी 20 अक्टूबर(dil india)। चंपारण से गांधी-शास्त्री जयंती के दिन २ अक्टूबर को शुरू हुई १९ दिनी ४०० किसानों की पदयात्रा २० अक्टूबर को वरुणा नदी किनारे शास्त्री घाट पहुंची। वाराणसी, चंदौली, मऊ, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर और मध्य प्रदेश के किसानों ने वाराणसी के नागरिक संगठनों के साथ मिलकर मुख्य रूप से ओडिशा से आये किसान पदयात्रियों का स्वागत किया।

शास्त्री घाट में अपराह्न १ से ४ बजे तक आयोजित सभा में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय समिति के डाक्टर सुनिलम ने कहा कि किसान विरोधी तीनों काले कानूनों का विरोध करते हुए पंजाब के किसान दिल्ली में दो दिन की रैली के लिए आ रहे थे, और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पानी, खाई और चट्टान के पत्थर से रोकने का प्रयास किया, रैली नहीं रुकी, ११ महीनों से लगातार धरना चल रहा है, यह देश के किसानों का त्याग भरा जज्बा है जो सफलता पाए बिना रुकेगा नहीं| कर्नाटक के किसान नेता वी आर पाटील ने कहा की ७ नवम्बर तक कन्याकुमारी से लेकर दिल्ली तक एक बृहद किसान यात्रा शुरू हो रही है जो देश के विभिन्न प्रदेशों का भ्रमण करते हुए किसान आन्दोलन की पहली वर्षगाँठ के दिन २६ नवम्बर को दिल्ली पहुंचेगी और मोदी सरकार को लालाकरेगी |  सोशलिस्ट किसान यूनियन के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ. संदीप पाण्डेय ने कहा कि शायद यह सरकार के कान बंद हैं, यदि यह सरकार किसानों की पुकार नहीं सुन रही है तो २०२२ के उत्तर प्रदेश चुनाव और २०२४ के लोक सभा चुनाव में देश की जनता अन्नदाता के अपमान के बदले में सत्तासीन पार्टी को सबक सिखाएगी | उन्होंने कहा की सरकार के लोग तालिबानियों से वार्ता करने रूस जा रहे है  लेकिन ११ महीनों से आंदोलनरत किसानों से बात नहीं कर रहे हैं |

कार्यक्रम की शुरुवात में चंदौली से

कार्यक्रम की शुरुवात में चंदौली जिले के किसान नेता सुरेश यादव के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन के  लोग लखीमपुर में शहीद हुए किसानों का अस्थि कलश ले आये और मौन रखकर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी| पदयात्रा के संयोजक अक्षय कुमार एवं हिमांशु तिवारी, बिहार किसान संघर्ष समिति के नेता दिनेश सिंह, एकता परिषद् बिहार के प्रदीप प्रियदर्शी, नीति भाई, सुनील सहस्रबुद्धे, बलिया के किसान नेता अखिलेश सिंह और राघवेन्द्र सिंह, मोरादाबाद के किसान नेता राकेश रफीक आदि ने भी सभा को संबोधित किया। वाराणसी के वरिष्ठ समाजवादी नेता विजय नारायण ने अध्यक्षता की। फादर आनंद ने पदयात्रा समापन सभा की तरफ से एक ग्यारह-सूत्री प्रस्ताव को पढ़कर सुनाया जिसे सभी लोगों ने ध्वनी मत से पारित किया | कार्यक्रम की शुरुवात में राम जनम ने सभी पदयात्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि बनारस कबीर, रैदास, बाबा भोलेनाथ और मुंशी प्रेमचंद की नगरी है, और इसी शहर से किसान विरोधी क़ानून की चुनौती दी जानी चाहिए|  पारमीता ने संचालन ने किया। कसभा शुरू होने से पूर्व लोकविद्या जन आंदोलन और प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने जन जागृति के गीत गाये|

कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के किसान नेता ईश्वर चंद के नेतृत्व में सतना, कटनी, जबलपुर के ५० किसान महिलायें और ओडिशा के सेशादेव नंदा, उमाकांत भारत, निनई राज, रश्मि रंजन स्वाइन, मुनवर अली, अमृतसर से राष्ट्रीय महिला किसान मोर्चा की दलजीत कौर, सर्व सेवा संघ, वाराणसी के राम धीरज, अनूप श्रमिक, मनीष शर्मा, डॉक्टर मुनीज़ा रफीक खान,डॉ मोहम्मद आरिफ,राजेन्द्र चौधरी, शहजादी, श्रीप्रकाश, बुनकर नेता अहमद, धनंजय त्रिपाठी, सच्चिदानंद ब्रह्मचारी, सतीश सिंह, रमण पन्त, गोकुल दलित, सागर गुप्ता, अधिवक्ता प्रेम प्रकाश यादव, नंदलाल मास्टर,  आदि उपस्थित रहे। भारतीय किसान यूनियन, स्वाराज किसान आन्दोलन, कृषिभूमि बचाओ मोर्चा, किसान एकता मंच, जय किसान आंदोलन, किसान मजदूर एकता परिषद, पूर्वांचल किसान यूनियन, जॉइंट एक्शन कमेटी, भगत सिंह छात्र मोर्चा, लोकसमिति, लोकचेतना समिति, कम्युयूनिस्ट फ्रंट, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा, रिदम, साझा संस्कृति मंच, खदान मजदूर यूनियन और बुनकर यूनियन  के सदस्य लोग उपस्थित रहे|


सभा में पारित प्रस्ताव

गांधीजी के नेतृत्व में किसानों के चंपारण सत्याग्रह के 104 साल बीत जाने के बाद भी भारत के किसानों को खेती - किसानी के सवाल पर आंदोलन करना पड़ रहा है। तब और अब में फर्क सिर्फ इतना आया है कि तब अंग्रेज शासन कर रहे थे और अब भारतीय। उस समय नील की खेती और उसके दाम को ब्रिटिश कंपनियां नियंत्रित कर रही थी । अब दुबारा से खेती को कंपनियों को देनी की साजिश है ।

तीनों काले कानून के विरोध में और एम. एस. पी के गारंटी के कानून के लिए देशभर के किसान पिछले ग्यारह महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के सामूहिक नेतृत्व में आंदोलित हैं , लेकिन सरकार है कि उसके कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।लोगों द्वारा चुनी गयी सरकार का ऐसा रवैया लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं। 

ऐसे दौर में हम सब लोगों का कर्तव्य है कि किसान के इस जीवन- मरण प्रश्न को देश भर में जोर - शोर से सत्याग्रह के माध्यम से ले जाया जाए। जनजागरण के लिए सत्याग्रह के तौर पर हम साथियों ने उसी चंपारण से पदयात्रा करने का निर्णय लिया, जहाँ गांधी जी ने किसानों के लिए 1917 में सत्याग्रह किया था । आइए हम सब मिल कर एक साथ एकजुट होकर यह प्रस्ताव देश भर में सवाल के रुप ले जाएं।

लोकनीति सत्याग्रह के प्रधानमंत्री से ग्यारह सवाल-

1.लोकतंत्र में अलोकतांत्रिक निर्णय क्यों? 650 से ज्यादा किसानों के शहादत के बाद भी किसानों से मिलने के लिए आपकी संवेदना क्यों नहीं जगी ? 

2. तीनों काले कानून कब वापस होंगे? 

3. एम. एस. पी. पर कानूनी गारंटी क्यों नहीं ? 

4. नौजवानों के रोजगार पर फैसला कब ? किसानों को सामाजिक सुरक्षा भत्ता क्यों नहीं ? 

5. कमर तोड़ महंगाई से राहत कब ? 

6.करोना से दिखाई दिए विफल स्वास्थ्य सिस्टम की जिम्मेदारी किसकी ? अस्पतालों की हालत कब सुधरेगा ? 

7.पढ़ाई, दवाई, कमाई, महंगाई, उचित मूल्य जैसे जरुरी सवाल सत्ता में आने के इतने साल बाद भी आपके एजेंडे में क्यों नहीं? 

8.मजदूरों के पलायन और बढ़ती अमीरी- गरीबी असमानता का जिम्मेदार कौन ?

9. कॉर्पोरेट और विदेशी कंपनियों के हाथ की कठपुतली सरकार कब तक बनी रहेगी? 

10.प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंन लूट की छूट कब तक?

11. लखीमपुर के किसानों को न्याय मिले , गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा बर्खास्त हो।

हम हज़ारों किसान बनारस में एकजुट होकर यह प्रस्ताव पारित कर रहें हैं की इन सवालों को देश भर में ले जायेंगे और प्रधानमंत्री जी को जवाब देने के लिए मजबूर करेगे।

बुधवार, 20 अक्टूबर 2021

बदल रही हाथी की चाल


बसपा के लिए चुनौती बना मिशन फतह 2022 !

-बेस वोट रहा नहीं, नेता कोई बचा नहीं

वाराणसी(dil india)। कभी तिलक तराजू और तलवार...का नारा देकर सियासत में सिफर से शिखर तक पहुंचने वाली बहुजन समाज पार्टी इस बार कठिन दौर से गुज़र रही है। बसपा का बेस वोट भाजपा में शिफ्ट हो जाने से बसपा प्रमुख मायावती चिंतित है। कभी बसपा ने नारा दिया था यूपी हुई हमारी है, अब दिल्ली की बारी है मगर हुआ उल्टा, यूपी भी गयी और दिल्ली तो पहले से ही दूर है। अगर संगठन का जायजा लिया जाये तो मायावती और सतीश चन्द्र मिश्रा के बाद पार्टी में दूर-दूर तक कोई सूरमा नज़र नहीं आ रहा है जो कोई करिश्मा करता दिखाई दे। बसपा से बाहर जाने वालों की लम्बी फेहरिस्त है। हाल के महीनों में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया। इससे बसपा मुस्लिम वोट बैंक को भी लेकर परेशानियों में घिर गयी।  अब पार्टी महासचिव के कंधे पर बसपा से ब्राहम्णों को जोड़ने का भार है मगर सतीश चन्द्र मिश्रा इसमें कितना सफल होंगे ये तो वक्त ही बतायेगा। फिलहाल बसपा दुविधा और परेशानियों के दौर से गुज़र रही है। एक रिपोर्ट...

बहुजन समाज पार्टी किस कदर कठिन दौर से गुज़र रही है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अन्य दलों से अलग चलने वाली बहुजन समाज पार्टी भी अब दूसरे सियासी दलों की राह पर है। बसपा 31 साल के इतिहास पर अगर नज़र डालें तो सब कुछ बदला-बदला सा नज़र आ रहा है। इस चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए बहुजन समाज पार्टी लोक लुभावने वायदे कर रही है। बसपा अब बहुजन समाज के बजाय सर्वसमाज की बाते करती दिखाई दे रही है। प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठियां पिछले दिनों की गयी। भाजपा की तरह सत्ता में आने पर धार्मिक एजेंडे को भी धार देने की बात कर रही है। इसको देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बसपा अपना मूल रंग-ढंग बदल चुकी है।

प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी से नैया होगी पार!

बसपा अमूमन घोषणा पत्र नहीं जारी करती है और न ही यह बताती है कि वह सत्ता में आने पर क्या करेगी, लेकिन इस बार मायावती ने यह साफ कर दिया हैं कि वह सत्ता में आने पर क्या-क्या करने वाली हैं। प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी के समापन पर सभी संस्कृत स्कूलों को सरकारी सुविधाएं देने, वित्तविहीन शिक्षकों के लिए आयोग बनाने और तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने का वादा तो मायावती ने किया ही साथ में यह भी साफ कर दिया कि अब वो सत्ता में आने पर स्मारक, पार्क व संग्रहालय नहीं बनवाएंगी यह भी साफ कर दिया कि अयोध्या, काशी व मथुरा का विकास कराएंगी। वो सभी वर्गों को ध्यान में रख कर चुनावी वायदे कर रही हैं। इस बार उनकी नज़र सभी वर्ग के वोट पर है। वो युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही हैं तो कर्मियों की मांगों को पूरा करने के लिए आयोग बनाने की बात कर रही हैं। किसानों के हितों की बात कर रही हैं, तो सिखों को भी खुश करने के लिए वायदे कर रही हैं। ब्राह्मण, मुस्लिम, महिला, मजदूरों के लिए उनके चुनावी एजेंडे में बहुत कुछ है।

मुख्तार अंसारी को कभी वक्त का सताया हुआ इंसान बताने वाली मायावती ने टिकट न देने का पहले ही ऐलान करके सभी को चौका दिया।  मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफज़ाल अंसारी गाज़ीपुर से बसपा के सांसद हैं मगर उनके भी दूसरे दलों में जाने की अटकलें लगातार आ रही है सच्चाई क्या है यह तो आने वाला समय बतायेगा मगर मुख्तार के सबसे बड़े भाई शिबगतुल्लाह अंसारी सपा की साइकिल पर सवार हो चुके हैं। ऐसे में बहुत हद तक अफज़ाल और मुख्तार के भी सपा में जाने के संकेत मिल रहे हैं। इसके चलते भी बसपा को आंशिक नुकसान होना तय है। क्यों कि कहा जाता है कि अंसारी परिवार पूर्वांचल की गाजीपुर, मऊ समेत कई सीटों पर अपना प्रभाव रखता है वो भले जीते या न जीते समीकरण उनके ही इशारों पर बनते रहे हैं। सपा प्रमुख जब तक मुलायम सिंह यादव थे तब उन्होंने अंसारी बंधुओं और अतीक सरीखे नेताओं को अपने साथ रखा था मगर जब कमान अखिलेश यादव के हाथ में आयी तो उन्होंने अंसारी परिवार से दूरी बना ली थी। 

माया का ट्वीट वार

अमूमन मीडिया खासकर सोशल मीडिया  से दूरी बनाए रखने वाली मायावती। समय-समय पर मीडिया को कोसने वाली बसपा अब सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। मायावती को हर मुद्दे अब ट्वीट करने में मज़ा आ रहा है। सतीश चंद्र मिश्र बकायदे पीआर एजेंसी लगाए हुए हैं। यानी अब बसपा समझ गयी है कि सभी को साथ लेकर चलना होगा और सोशल मीडिया आज का बहुत ज़रूरी हथियार है।

दूसरे दलो में गए बसपा के ये चेहरे 

कांशी राम के खास सहयोगी राज बहादुर कभी बसपा के खास चेहरे हुआ करते थे। सबसे पहले बसपा से बाहर हुए, उनके अलावा आरके चौधरी, डॉक्टर मसूद, शाकिर अली, राशिद अल्वी, जंग बहादुर पटेल, बरखू राम वर्मा, सोने लाल पटेल, राम लखन वर्मा, भागवत पाल, राजाराम पाल, राम खेलावन पासी, कालीचरण सोनकर, रामवीर चौधरी, बाबूराम कुशवाहा, स्वामी प्रसाद मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अब उदय लाल मौर्य आदि अनेक ऐसे नेता हैं जो बसपा में थे।  इनमें आरके चौधरी, काली चरण सोनकर व सोने लाल पटेल ने अपनी पार्टी बना ली थी। इसमें से कई तो अब इस दुनिया में भी नहीं हैं।

शानदार गीतों पर हुआ डांडिया-गरबा

डांडिया संग सेल्फी की रही धूम

  • कोविड के बाद डांडिया का पहली बार जमा रंग


वाराणसी 20 अक्टूबर (dil india)। रंग-बिरंगी रोशनी, बॉलीवुड बीट्स के संग गुजारी गीतों के धुनों पर सखियों की जो मस्ती शाम ढलते ही शुरू हुई वो देर रात तक चलती रही।वातावरण में गुजराती गानों की धुन और हाथों में डांडिया स्टिक लिए ताल के साथ लय मिलाते कदम, जहां मौजूद हर महिलाएं डांडिया नाइट का आनंद ले रही थी। महिलाएं, युवतियां दिलकश गीतों के साथ ताल मिलाती नज़र आयी। काफी युवतियां नृत्य के साथ स्मृतियां सहेजने के लिए सेल्फी लेती आयी।

यह नज़ारा था होटल मदीन का। यहां महिला काशी दर्पण संस्था की ओर से झंकार त्योहारों की आयोजन के तहत डांडिया नाइट का आयोजन किया था। आयोजन में रंग-बिरंगे परिधानों में महिलाएं, युवतियां गुजराती गानों पर डांडिया व गरबा के साथ ही पंजाबी गानों पर घंटो थिरकती दिखी। इस मौके पर कई एक्टिविटीज हुईं, नृत्य के साथ ही दीपावली मनाते हुए हाऊजी में भी सभी ने हिस्सा लिया और जमकर मस्ती की।


इससे पहले डांडिया नाइट में गुजरात के लोकगीतों और फिल्मी गानों में महिलाओं ने युगल गीत, समूह नृत्य पर डांडिया व गरबा किया। नीधि, शालिनी अग्रवाल, मिहिका, संगीता, मुस्कान, शिल्पी, रुपाली, प्रीति,नेहा, श्रुति,तृप्ति, मोनिका, रौशनी, उपासना,पारुल, शालिनी,नूतन, सेडी, शिखा, विनीता, सुमीता, श्वेता और मीनाक्षी अग्रवाल ने खूब मस्ती की।
 लायंस क्लब वाराणसी की विभिन्न शाखाओं की ओर से महमूरगंज स्थित लॉन में डांडिया नाइट का आयोजन किया गया। इसमें क्लब के सदस्यों ने ढेर सारी मस्ती की। मुख्य अतिथि मंडलाध्यक्ष चैतन्य पांड्या रहे। इस दौरान पीके सिंह, दीपक अग्रवाल, क्षितिज शर्मा, भावना पांड्या, पूजा भल्ला, सुमन, सत्य प्रकाश गुप्ता, दिवाकर मिश्रा आदि मौजूद रहे। वहीं, द दीवा क्लब की ओर से तरना स्थित लॉन में डांडिया नाइट का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने ढेर सारी मस्ती की और रोचक खेलों में हिस्सा लेकर उपहार जीते।

वाराणसी व्यापार मंडल और यूथ क्लब की ओर से महमूरगंज स्थित एक लान में डांडिया महोत्सव का आयोजन हुआ। वाराणसी महिला व्यापार मंडल और पूर्वांचल महिला व्यापार मंडल की पूरी टीम ने पूरे जोश खरोश के साथ डांडिया महोत्सव में हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा रहे। इस दौरान रमेश निरंकारी, सुनीता सोनी, चांदनी श्रीवास्तव, नीलिमा चौबे, राकेश त्रिपाठी, निर्मला देवी, आलोक, डॉली, प्रतिमा आदि मौजूद रहे

मंगलवार, 19 अक्टूबर 2021

करवाचौथ उत्सव में जुटी काशी की प्रुबद्ध महिलाए

डांडिया संग महिलाओं ने की खूब मस्ती

वाराणसी (dil india)। काशी प्रबुद्ध महिला मंच ने करवाचौथ उत्सव रविंद्रपुरी स्थित एक रेस्टोरेंट में मनाया। मां की आराधना के साथ इस दौरान डांडिया भी खेला गया। करवाचौथ की कहानी सुन सभी ने अखंड सुहाग की माता से प्रार्थना की। इस अवसर पर कई तरह के गेम्स कराए गये। सामाजिक कार्य के तहत जरूरतमंद महिलाओं को सुहाग पिटारा साड़ी वितरित की गई। 


आये हुए लोगों का स्वागत अध्यक्ष अंजलि अग्रवाल ने किया।  संचालन प्रिया अग्रवाल कर रहीं थीं। कार्यक्रम का खूबसूरत संयोजन शोभा कपूर ने किया। 
 ममता तिवारी ने  धन्यवाद ज्ञापित किया। 
कार्यक्रम में ममता पांड्या,संगीता अग्रवाल, चंद्रा शर्मा,गीता खन्ना, रीता,अमृता, छवि, नूतन, कमलेश गुप्ता, स्वाति, ममता जायसवाल, विक्की सर्राफ, पूनम, रेनू कैला इत्यादि ने सहभागिता दी।


मिशन पिंक हेल्थ के तहत लगा शिविर

बच्चों को दी गई स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी

लखनऊ (dil india)। मिशन पिंक हेल्थ के अंतर्गत डॉ मिथिलेश सिंह व डॉक्टर अनूप सिंह द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में स्कूल के बच्चों को उनके स्वास्थ्य से संबंधित जरूरी जानकारी दी गई। किस प्रकार साफ और सफाई के द्वारा हम स्वस्थ रह सकते हैं इसके बारे में डॉक्टर मिथलेश सिंह ने पूर्व माध्यमिक स्कूल के बच्चों को बताया बच्चियों को मेंस्ट्रूअल साइकिल और उससे होने वाली समस्याओं के बारे में और उसका निदान बताया।


 

स्वास्थ्य शिविर में बच्चों की स्वास्थ संबंधी जांच की गई तथा उन्हें दवा व टॉनिक उपलब्ध कराई गई। लड़कियों को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराते हुए उसके बारे में जागरूक किया और झिझक को छोड़कर सामान्य प्रक्रिया मानते हुए इससे संबंधित समस्या से अपनी माता शिक्षक और डॉक्टर को बताने को कहा गया। कार्यक्रम का आयोजन मिशन पिंक हेल्थ के द्वारा शिक्षक प्रतिनिधि रीना त्रिपाठी द्वारा पूर्व माध्यमिक विद्यालय कमलापुर के समस्त स्टाफ के सहयोग से आयोजित किया गया जिसमें प्रधानाध्यापक अलका रंजन, सहायक अध्यापक रेनू कनौजिया, शूची श्रीवास्तव, अनुदेशक पूनम सिंह सहित समस्त स्टाफ के सहयोग से संपन्न हुआ।

Julus-e-muhammadi:जुलूस ने पेश किया सौहार्द और मिल्लत की नज़ीर


जुलूस-ए-मोहम्मदी में इस्लामिक झंडे संग लहराया तिरंगा 

  • कोरोना काल के बाद पहली बार निकला जुलूसे मोहम्मदी     



सरफराज अहमद

वाराणसी (dil india)। इस्लाम धर्म के पैगंबर हज़रत मोहम्मद (स.) की यौमे पैदाइश (जन्मदिन) की खुशी में मंगलवार को जोश और खुशी के माहौल में मोमिन झूम उठे। कोरोना काल में दो साल तक कोई जुलूस नहीं निकला था। कोविड के बाद निकले इतने बड़े जुलूस में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। शहर काज़ी मौलाना गुलाम यासीन साहब की अगुवाई में निकले जुलूस में कई इलाकों से निकला जुलूसे मोहम्मदी भी शामिल हो गया। जुलूस में शामिल लोगों के सिरों पर रंग-बिरंगा साफा और टोपी था तो हाथ में इस्लामी परचम। इस दौरान अमन और मिल्लत के साथ ही कौमी यकज़हती व देश भक्ति भी देखने को मिली। जुलूस में शामिल लोग इस्लामी परचम के साथ ही शान से तिरंगा  लहराते चल रहे थे। 
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
फजर की नमाज के बाद रेवड़ीतालाब से जुलूस उठने का सिलसिला शुरू हुआ। बच्चे, युवा और पुरुष सभी वाहन व पैदल जुलूस लेकर निकले।जुलूस में सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किये गये थे। इस दौरान शहर के करीब सभी मार्गों पर छोटा-बड़ा जुलूस दिखा। जुलूसों में नबी की शान में नातिया कलाम गूंज रहा था। 
वही, सरकार की आमद मरहबा..., आका की आमद मरहबा..., मुस्तफा या मरहबा... आदि सदाएं बुलंद हो रही थीं। मरकजी दावते इस्लामी जुलूसे मुहम्मदी कमेटी एवं मुफ्ती बोर्ड के सदर मौ. अब्दुल हादी खां व जनरल सेके्रटरी मौ. हसीन अहमद हबीबी की निगरानी में जुलूस रेवड़ी तालाब के अजहरी मैदान से उठा। 



 जिसमें शिवाला, गौरीगंज, बजरडीहा, ककरमत्ता, मदनपुरा, अर्दली बाज़ार आदि मुहल्लों के जुलूस भी शामिल हो गया। जुलूस भेलूपुर, गौरीगंज, रवींद्रपुरी, शिवाला, सोनारपुरा, मदनपुरा, गोदौलिया, चौक, मैदागिन, कबीरचौरा, पियरी होते हुए बेनियाबाग पहुंचा। इस बार बेनियाबाग में जगह न होने की वजह से साइकिल स्टेंड के पास डायस लगाया गया था जिस पर उलेमा ने तकरीर की। आयोजन के दौरान विमिन्न संस्थाओं ने जुलूस का इस्तकबाल किया। बेनिया में हुए जलसे में आल इंडिया काजी बोर्ड के अगुवा मौलाना कौसर रब्बानी, मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मौलाना अंजूम रजा नूरी, मौ. उजैर आलम आदि ने नबी की पैदाइश पर रोशनी डाली। इस दौरान शायरों ने कलाम पेश किया। गोदौलिया, चौक, मैदागिन, लोहटिया आदि स्थानों पर मुस्लिमों के साथ ही हिन्दू संगठनों ने भी जुलूस का स्वागत किया। पानी, फलहार व अन्य खाद्य सामग्री जुलूस में बांटी गयी।

अमन, भाईचारगी व सौहार्द नबी की तालीम

उलेमा ने कहा कि पैगम्बर हज़रत मोहम्मद (स.) का जन्म ही ऐसे समय में हुआ था।  जब लोग आपस में खून के प्यासे थे, जमीन और दौलत के लिए लड़ रहे थे। कबीले-कबीले से लड़ रहे थे। उस समय अरब के रेगिस्तान में नूर के रुप में हज़रत मोहम्मद  (स.) का जन्म हुआ। करीब 15 सौ सालों से उनकी सीरत की रोशनी सबको सराबोर करती चली जा रही है। उन्होंने इंसानियत और भाईचारे का संदेश दिया। हम सबको नबी ने इंसानियत और कुबार्नी सिखाया। ऐसी इंसानियत जिसमें हम सबको अपना भाई समझें और किसी का दिल ना दुखाएं। दूसरों की खुशी के लिए अपनी जो सबसे प्यारी चीज है उसे कुर्बान करने को तैयार रहें। इसलिए हमें हर हाल में जैसी भी स्थिति आए मोहम्मद (स.) की सीरत पर अमल करते हुए अमन, भाईचारगी व सौहार्द के साथ रहना चाहिए। तभी हमारे साथ मुल्क की तरक्की हो पाएगी। मोहम्मद (स.) के दुनिया में आने के बाद तमाम हुमूमते खत्म हो गईं। इंसानियत व अमन का राज कायम हुआ। नबी से जिसने नफरत की, उसे सजा नहीं उन्होंने दुआ दी। ऐसा किरदार हज़रत मोहम्मद (स.) का था जिसे सारी दुनिया मानती है।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...