मुफ्त मिलीं स्वास्थ्य सेवाएं, लाभान्वित हुए 2711 मरीज
वाराणसी, 3 अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)। कोविड-19 पर काफी हद तक नियंत्रण पाने के बाद मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन दोबारा शुरू हुआ।जिले के सभी ग्रामीण व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में मरीजों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की गयी। इसके साथ ही मरीजों निःशुल्क दवा एवं चिकित्सीय परामर्श भी दिया गया।
अपर निदेशक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीबी सिंह ने अर्दली बाजार और लल्लापुरा शहरी पीएचसी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं का अवलोकन किया। इसके साथ ही चिकित्सक व समस्त स्टाफ को दिशा-निर्देश भी दिए। इसके अलावा एसीएमओ डॉ एके मौर्या ने शहरी पीएचसी चौकाघाट व डिप्टी सीएमओ डॉ सुरेश सिंह शहरी पीएचसी शिवपुर पर लगे स्वास्थ्य मेला का निरीक्षण किया। अपर निदेशक/सीएमओ डॉ वीबी सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले की 52 पीएचसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेले का उद्देश्य है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। मेले में मास्क और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है। सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जांच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी। मेले में कुल 2711 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें 1101 पुरुषों, 1270 महिलाओं और 340 बच्चों को देखा गया । इन स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना के स्टॉल लगाकर 547 लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान कोविड हेल्प डेस्क पर 1468 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गईं, जिसमें 700 व्यक्तियों का एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें सभी व्यक्ति निगेटिव पाये गए। इसके अलावा 32 लोगों की हेपेटाइटिस-बी की जांच हुई, बुखार के 191, 90 लोगों की मलेरिया जांच में सभी निगेटिव, 41 लिवर, 150 मरीज श्वसन, 256 उदर, 148 मधुमेह, 425 त्वचा संबन्धित मरीज, 9 टीबी के संभावित लक्षण दिखने वाले व्यक्ति, 43 एनीमिक (खून की कमी), 104 हाईपेर्टेंशन, 148 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), 889 अन्य रोगों के मरीज देखे गए। वहीं 25 मरीजों को संदर्भित किया गया। मेले में 14 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया। 10 मरीजों को चिकित्सीय उपचार के लिए भेजा गया। इसके अलावा 1 मरीज को जनरल सर्जरी एवं 48 मरीजों को आँख की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 5 मरीजों को सर्जरी, 3 मरीजों को ईएनटी सर्जरी, 5 मरीज को ओब्स एवं गायनी सर्जरी एवं 1 मरीज को अन्य सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। जिला स्तर पर मेले में 120 मेडिकल ऑफिसर एवं 379 पैरामेडिकल स्टाफ ने कार्य किया।
मेला में मिलीं सुविधाएं
मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन संबंधी साधनों एवं परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच एवं उपचार की नि:शुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।
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