गुरुवार, 22 जुलाई 2021

स्व. सुरेश अवस्थी की 15 वीं पुण्यतिथि

आध्यात्मिक उत्थान की भूमि है भारत: मनोज सिन्हा

वेबिनार में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल के विचार

वाराणसी, 22 जुलाई (दिल इंडिय लाइव)। जब किसी के व्यक्तित्व को परिभाषित करने का प्रयास होता है तो उसमें एक विशिष्ट सुगंध प्रसारित होती  है, कुछ ऐसी ही सुगंध स्व. सुरेश अवस्थी ने अपने योगदान के जरिए समाज में छोड़ी है। उक्त उद्गार जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. सुरेश अवस्थी की 15 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर डॉ. सुरेश अवस्थी स्मृति न्यास के तत्वावधान मे ‘सामाजिक संवाद की पहल‘ (राष्ट्रीय मुस्लिम मंच पर सरसंघचालक मोहन भागवत के भाषण का सन्दर्भ) विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किये। मनोज सिन्हा ने सुरेश अवस्थी के व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए कहा कि व्यक्तित्व के लिहाज से वे समाज निर्माता थे, उनके अनुभव आज भी हमारे लिए प्रेरणादायी है। विद्यार्थी जीवन में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हर उन चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा प्रदान करते थे जो उस दौर के हर विद्यार्थी के सामने खड़ी होती थी। उनकी आत्मत्याग की भावना सदैव याद की जायेगी। उन्होनंे कहा कि स्व. सुरेश अवस्थी के लिए भारतभूमि सिर्फ करोड़ो लोगो के रहने की जगह नही थी बल्कि प्रत्येक जन के आध्यात्मिक उत्थान की भूमि है, जिसमें सामाजिक समरसता का भाव है। उन्होनंे यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब सभी के लिए अधिकारों की समानता की बात होनी चाहिए तभी समाज की ईकाइयॉ मजबूत होंगी। अवस्थी जी ने हम जैसे अनेक अनगढ़़ युवाओं को कबीर की भॉति गढ़ा। यदि हम राजनीति में चरित्रवान, ईमानदार और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ आगे बढ़े तो यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्ऱद्धाजंलि होगी।


वेबिनार के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हम हिन्दु - मुस्लिम नही बल्कि एक भारतीय है और भारतीय होने के नाते सब एक है। हिन्दू एक धर्म नही, एक राष्ट्र है, एक समावेशी संस्कृति है और इसी आधार पर मोहन भागवत ने सबका डीएनए एक होने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि मजहबी आधार पर डीएनए की बात जोड़ना सरासर गलत है, मजहब अनेक हो सकते है लेकिन राष्ट्रीयता एक है। हर मजहब व्यक्ति को सामाजिक बुराई से उबारने का रास्ता है ना कि उन्माद फैलाने का रास्ता दिखलाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का मुसलमान भी अब पाकिस्तान से यह सवाल कर रहा है कि वहॉ के अल्पसंख्यकों पर इतना अत्याचार क्यों किया जा रहा है।

विशिष्ट वक्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री डॉ. रामबहादुर राय ने कहा कि वोटबैंक बनाने के लिए मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाने में राजनीतिक दलो का योगदान ज्यादा है। सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा दिये गये सभी के एक डीएनए की बात को सोशल मीडिया पर तोड़ मरोड़ के प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि आरएसएस ही एक ऐसी विचारधारा है जो विश्वव्यापी है। मोहन भागवत संवैधानिक राष्ट्रीयता की बात कर रहे है जिसमें कोई भेदभाव नही होगा, समाज में समरसता होगी और सबका एक समान रूप से उत्थान हो सकेगा।

वेबिनार में अतिथियों का स्वगात डॉ. विक्रमादित्य राय, विषय स्थापना क्लस्टर विवि, जम्मू के कुलपति प्रो. बेचनलाल जायसवाल, संचालन सुधीर मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन केदारनाथ सिंह ने दिया। इस अवसर पर प्रो. रमेश चन्द्र गौर, प्रो. अशोक कौल, प्रो. ए.के. जोशी, रामगोपाल मोहले, डॉ. नन्द जी राय, हिमांशु सिंह, अनिल शुक्ला, डॉ. विकास कुमार सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

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