शंकरपुरी ने संभाला मठ की गद्दी
वाराणसी 27 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के नए महंत की गद्दी पर मंगलवार को शंकर पुरी आसीन हो गये। इस दौरान उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक के अलग-अलग मठों और अखाड़ों के संत-महात्मा और काशी के बुद्धिजीवी आयोजन के दौरान मौजूद थे। गद्दी आरोहण कार्यक्रम संपन्न होने के बाद महंत शंकर पुरी ने कहा कि श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर की परंपरा के अनुसार वह जनसरोकार से जुड़े कार्यों को और आगे बढ़ाएंगे। समाज के लोगों के सुख-दुख में अन्नपूर्णा मठ मंदिर सदैव साथ खड़ा रहे, यह उनकी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है।
पता हो कि श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के पूर्व महंत रामेश्वर पुरी लंबी बीमारी के बाद पिछले दिनो ब्रह्मलीन हुए थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया था। 13 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर जाकर महंत रामेश्वर पुरी को श्रद्धांजलि दी थी। महंत रामेश्वर पुरी को अन्नपूर्णा मठ मंदिर की महंती 17 अक्टूबर 2004 को सौंपी गई थी। उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा और समाज सेवा के क्षेत्र में कई बड़े काम किए थे। मंगलवार को नए महंत को गद्दी सौंपे जाने से पहले पूर्व महंत का षोडशी भंडारा और श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया।
जाने मंहत शंकरपुरी की विशेषता
श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के व्यवस्थापक जीवनंदन झा ने बताया कि महंत शंकर पुरी मूल रूप से मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के रहने वाले हैं। वह 1988-1989 में श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर आए। उन्होंने अन्नपूर्णा ऋषिकुल आश्रम में आचार्य तक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से स्नातक और परास्नातक की शिक्षा ली। श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के वह पहले ऐसे महंत हैं जो यहीं के छात्र भी रहे। वर्ष 2004 से अब तक वह श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के उप महंत थे।
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