सोमवार, 9 अक्तूबर 2023

Kamal के फूल में प्रकट होंगे Sant kabir

लहरतारा स्थल का कमिश्नर ने किया निरीक्षण 

-देखने के बाद कमिश्नर बोले प्रकाट्य स्थल को विकसित करना लक्ष्य


Varanasi (dil India live).08.10.2023. लहरतारा स्थित तालाब के बीच में कमल के फूल में संत कबीरदास प्रकट होंगे. इसके साथ ही आठ करोड़ से कबीर प्रकाट्य स्थल लहरतारा परिसर को विकसित किया जाएगा. यह जानकारी कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने दी. प्रकाट्य स्थल का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने कहा कि कबीर प्रकाट्य स्थल को विकसित करना शासन की प्राथमिकता में है. इस सुंदर और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा.

प्रदेश सरकार ने प्राचीन संत कबीर प्रकाट्य स्थल लहरतारा के विकास के लिए आठ करोड़ रुपये स्वीकृत की है. इस पैसे से होने वाले विकास कार्यों की जानकारी लेने के लिए  कमिश्नर कौशल राज शर्मा संत कबीर प्रकट स्थल पहुंचे. सबसे पहले उन्होंने कबीर साहब का दर्शन किया. इसके बाद पूरे परिसर का निरीक्षण किया. साथ ही मठ के महंत गोविंद दास शास्त्री से विकास कार्यों को लेकर बातचीत की. कमिश्नर ने आश्रम परिसर और तालाब की पौराणिकता के बारे में जानकारी की. बताया गया कि सद्गुरु कबीर साहब की प्राकट्य इसी लहरतारा सरोवर में कमल के फूल पर पाया गया था. यदि लहरतारा सरोवर के बीचों बीच इस दृश्य को स्थापित किया जाएगा तो यह दृश्य अद्भुत होगा. इस पर कमिश्नर ने पूरे परिसर की सुनियोजित तरीके से विकास का खाका तैयार कर दिशा निर्देश दिया. निरीक्षण के दौरान परियोजना अधिकारी शैलेश सिंह, जेई अजय मिश्रा, संत दिनेश दास आदि लोग मौजूद थे.

रविवार, 8 अक्तूबर 2023

Together for trust थीम के साथ मनेगा 'विश्व डाक दिवस'

9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस व 9 से 13 तक मनेगा राष्ट्रीय डाक सप्ताह

ऐतिहासिक घटनाक्रमों का गवाह रहा है डाक विभाग

'वित्तीय सशक्तिकरण से अंत्योदय' के लक्ष्य के साथ मनेगा राष्ट्रीय डाक सप्ताह-पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव


Varanasi (dil India live).08.10.2023. डाक विभाग देश के सबसे पुराने विभागों में से एक है जो देश के सामाजिक व आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पूरे विश्व में 9 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस' मनाया जाता है। इस बार इसकी थीम Together for trust है। उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि 'डाकिया डाक लाया' से 'डाकिया बैंक लाया' तक के सफर में डाक सेवाओं ने तमाम नए आयाम रचे हैं। तमाम ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का डाक विभाग गवाह रहा है। देश की सीमाओं से परे अन्य देशों तक पहुँचने में भी हमारी मदद करता है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इसी क्रम में 9-13 अक्टूबर तक 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' मनाया जाएगा और हर दिन को एक उत्पाद या सेवा विशेष पर फोकस किया जायेगा-

9 अक्टूबर - विश्व डाक दिवस, 10 अक्टूबर - वित्तीय सशक्तिकरण दिवस, 11 अक्टूबर - फिलेटली दिवस , 12 अक्टूबर - मेल एवं पार्सल दिवस, 13 अक्टूबर - अंत्योदय दिवस

इसलिए मनाया जाता है विश्व डाक दिवस

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि विश्व डाक दिवस का उद्देश्य विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक तथा आर्थिक विकास में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 'एक विश्व-एक डाक प्रणाली' की अवधारणा को साकार करने हेतु 9 अक्टूबर, 1874 को 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' की स्थापना बर्न, स्विट्जरलैंड में की गई, जिससे विश्व भर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके। भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। कालांतर में वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस स्थापना दिवस को 'विश्व डाक दिवस' के रूप में मनाने हेतु घोषित किया गया।

राष्ट्रीय डाक सप्ताह पर होंगे विभिन्न आयोजन

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक सप्ताह के दौरान डाक सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं राजस्व अर्जन में वृद्धि पर जोर दिया जायेगा। वहीं डाक सेवाओं की कार्यप्रणाली को समझने हेतु स्कूली बच्चों द्वारा डाकघरों का भ्रमण, क्विज, स्टैम्प डिजाइन, ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता, सेमिनार, वर्कशॉप, उत्कृष्टता हेतु डाक कर्मियों का सम्मान, डाक निर्यात केंद्र, मेल व पार्सल कस्टमर्स मीट, आधार कैम्प, वित्तीय साक्षरता कैम्पेन, बचत सेवाओं, डाक जीवन बीमा, सुकन्या समृद्धि योजना और इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक उत्पादों इत्यादि को लेकर हर जिले में वित्तीय सशक्तिकरण मेलों और डाक चौपाल का आयोजन किया जायेगा।

शुक्रवार, 6 अक्तूबर 2023

थाना चौक में पुलिस ने किया हिस्ट्री शीटरस संग मीटिंग

पुलिस का करेंगे सहयोग, अपराध न करने का दिलाया भरोसा 




Varanasi (dil India live). 06.10.2023. पुलिस आयुक्त  कमिश्नरेट वाराणसी के आदेश चौक थाना पर सहायक पुलिस आयुक्त अवधेश पांडेय की अध्यक्षता में थाना स्थानीय में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर की मीटिंग कराई गई. मीटिंग का उद्देश्य सभी का भौतिक सत्यापन करना उनके बारे में जानकारी रखना वर्तमान में उनके द्वारा क्या किया जा रहा है? उनके भरण पोषण का जरिया क्या है? उनके  पारिवारिक जन क्या कर रहे हैं ? इस उद्देश्य से मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें थाने के अधिकतर हिस्ट्रीशीटर मीटिंग में प्रतिभाग लिए जो हिस्ट्री शीटर जेल में है या किसी मुकदमे में वांछित है उनके अलावा सभी लोग उपस्थित हुए. उपस्थित हिस्ट्री शीटर से उनके समस्याओं के बारे में जानकारी किया गया तथा उनके द्वारा भविष्य में भी अपराध में लिप्त न रहने का आश्वासन भी दिया गया. इस दौरान हिस्ट्री शीटर ने पुलिस को भरोसा दिलाया कि यदि कोई अपराध या अपराधियों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी तो पुलिस को अवगत कराएंगे. मीटिंग के दौरान थाना चौक पर प्रभारी निरीक्षक चौक, प्रभारी चौकी दालमंडी, प्रभारी चौकी ब्रम्हनाल व अन्य पुलिसगण ने फोटो शूट भी करवाया.

महिला की चैन छीन कर उच्चका फरार

पुलिस सीसीटीवी फुटेज से उचक्के की शिनाख्त में जुटी 

Mohd Rizwan


Varanasi (dil India live). 06.10.2023. एक महिला से लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र के पांडेयपुर बाजार से फल लेकर घर वापस जा रही थीं तभी प्रेमचंद नगर कालोनी के रास्ते में गली से पैदल आये एक युवक ने महिला के गले से चेन छीनकर फरार हो गये. इससे महिला असहज होकर चीखने चिल्लाने लगी. इस दौरान महिला की आवाज सुनकर वहां भीड़ जुट गई. सूचना पर पहुंचे लालपुर थानाध्यक्ष मनोज कुमार व पांडेयपुर चौकी प्रभारी आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से तलाश में जुट गये. समाचार के संबंध में बताया जाता है कि जिसके साथ घटना हुई उक्त महिला का नाम उर्मिला देवी है, जिसकी 64 वर्ष और पति का नाम राजेंद्र जायसवाल निवासिनी प्रेमचंद नगर कालोनी पांडेयपुर है.

BHU : सूचना का प्रभावी प्रकटीकरण करें : राज्य सूचना आयुक्त

आवश्यक सूचनाओं तक जनता की सुलभ पंहुच हो 


Varanasi (dil India live).06.10.2023. उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने जनसूचना अधिकारियों तथा प्रथम अपीलीय अधिकारियों का आह्वान किया है कि वे सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना का प्रभावी प्रकटीकरण करें, जिससे जनसाधारण को सशक्त करने के इस कानून के उद्देश्यों की प्राप्ति हो सके. वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के जनसूचना अधिकारियों तथा प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ संवाद कर रहे थे. सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य है कि जनहित के लिए आवश्यक सूचनाओं तक जनता की सुलभ पंहुच हो तथा सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बनी रहे. उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जन सूचना अधिकारियों को Four ‘C’ का फॉर्मूला दिया. उन्होंने कहा कि सूचना मांगने वाले के साथ संवाद, सूचना के अनुरोध के सही रूप में प्रस्तुतिकरण में सहयोग, प्रार्थी के साथ संपर्क साधने तथा सूचना का अधिकार अधिनियम को सही ढंग से समझने की दिशा में प्रयास करने से जनसूचना तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकते हैं.

जनसूचना अधिकारियों को आने वाली व्यवहारिक चुनौतियों के संबंध में सूचना आयुक्त ने अधिनियम के आलोक में समाधान भी सुझाए. कहा कि जनसूचना अधिकारियों को चाहिए कि वे सूचना का अधिकार अधिनियम के सभी प्रावधानों को ठीक तरह से समझें और सूचनाओं के संबंध में आए आवेदनों का कुशल निस्तारण करें। उन्होंने अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय तथा विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा आए अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों का भी उल्लेख किया। कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम की उत्पत्ति की चर्चा करते हुए बताया कि इस अधिनियम की मंशा है कि जनता को सूचना मिलती रहे. प्रो. सिंह ने कहा सूचना का अधिकार आज आम नागरिक के सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है. 

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलगुरू प्रो. वी. के. शुक्ला ने कहा कि इस संवाद कार्यक्रम से जनसूचना अधिकारी कई ऐसे व्यवहारिक पक्षों के बारे में अवगत हुए हैं, जिनका वे नियमित रूप से सामना करते हैं. ऐसे में सूचना आयुक्त के साथ चर्चा ने उन्हें कई नए पहलुओं से रूबरू कराया है, जिससे वे आवेदनों के प्रभावी निस्तारण में सफल होंगे. कुलगुरू ने सुझाव दिया कि जनसूचना व प्रथम अपीलीय अधिकारियों के लिए नियमित रूप से ऐसे संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए, जिससे व्यवस्था का प्रभावी, पारदर्शी व कुशल कामकाज संभव हो सके.

संयुक्त कुलसचिव (प्रशासन-शिक्षण) तथा सूचना का अधिकार अधिनियम, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ. एस. पी. माथुर ने सूचना आयुक्त का परिचय प्रस्तुत किया. संवाद कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष, एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों तथा इकाइयों के जन सूचना और प्रथम अपीलीय अधिकारी उपस्थित रहे.

Hazrat Bahadur Shahid के उर्स में टूटी धर्म और मजहब की दीवारें







Mohd Rizwan 
Varanasi (dil India live).06.10.2023. किसी शायर ने क्या खूब लिखा है ''कोई हिंदू न मुसलमान न ईसाई है, गुलशन-ए-हिंद में मिलजुल कर बहार आई है...'' शायर के अशरार की तस्दीक हुई हज़रत बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह अलैह के उर्स में. हजरत सैयद बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह अलैह के कैंटोनमेंट स्थित आस्ताने पर उर्स के दौरान धर्म और मजहब की दीवारे टूटती दिखाई दी. क्या हिंदू क्या मुस्लिम, सभी मजहब के लोग बाबा के दर पर मन्नते और मुराद मांगते दिखाई दिए. दो दिनी उर्स में पहले रोज़ उलेमाओं ने नबी की जिंदगी और औलिया-ए- कराम के करामत पर रोशनी डाली, बाबा का दर नज़्म और हमदो सना से गूंज रहा था, नातिया शायर कलाम पेश करते नजर आए. इस दौरान चादर गागर का नजराना पेश किया गया. शाम में मगरिब की नमाज के बाद बाबू भाई के आवास से सरकारी चादर का जुलूस निकला जो अपने परम्परागत रास्तों से होते हुए बाबा के दर पर पहुंचा, जहां लोगों ने अकीदत और एहतराम के साथ बाबा की चादरपोशी की. समाचार लिखे जाने तक उर्स जारी था.

फैज और सुकुन पाने आते हैं अकीदतमंद

वाराणसी. छावनी स्थित हजरत बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह अलैह का दर लोगों की अकीदत का मरकज है. यह दर लोगों की बिगड़ी बनाने के लिए मशहूर है. जो परेशानहाल है या फिर भूत प्रेत ने जिन्हें घेर रखा है, या फिर जिसे औलाद नहीं हो रही है ऐसे लोग बाबा के सद्भावना पार्क स्थित आस्ताने पर दस्तक देते हैं और यहां से फैज और सुकुन पाकर वापस लौटते हैं. गद्दीनशी मो. सग़ोरुल्लाह खां बाबू व समीउल्लाह खां दावा करते हैं कि यह आस्ताना मिल्लत का मरकज है यहां सभी मजहब के लोग बिना किसी भेदभाव के हाजिरी लगाने उमड़ते हैं. आस्ताने के ख़ादिम दिखाते है कि ये देखिये भूतों से छुटकारा पाने के लिए झूमती औरतें, पुरुष और बुजुर्ग दिन भर यहां आते हैं और बाबा के फैज़ से ठीक हो कर यहां से जाते हैं. यहां आने वालों का भरोसा बाबा है, जो उन्हें इस आधुनिक युग में भी सुकून दे रहे हैं. आज साइंस भूत-प्रेत जैसी बातों को नहीं मानता, फिर भी तमाम लोग हज़ारों की संख्या में यहां आते हैं. पूर्वाचल के साथ ही बिहार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मुंबई और विदेशों तक से लोग यहां अपनी परेशानी दूर करने पहुंचते है. बाबा के उर्स में तो यहां मेला लगा हुआ है. आम दिनों में भी यहां काफी भीड़ होती है. हर जुमेरात व नवचंदी जुमेरात को भूत, प्रेत से छुटकारे के लिए लोग दूर दराज से आने वालों की तादाद बढ़ जाती हैं. लोगों का दावा है कि शैतान (भूत) कितना भी शक्ति वाला हो बाबा के गुस्ल का पानी पड़ते ही वो पनाह मांगता है. यहां विगत चार दशक से आ रहे बुजुर्ग राम नाथ की माने तो बाबा के अंदर बहुत शक्ति है. वह भूत प्रेत सब खत्म कर देते है. बिहार के पटना से आए आए जामवंत ने बताया कि पत्नी कई सालों से बीमार थी. बाबा के दर पर हाजिरी लगयी तो अब वह पूरी तरह ठीक हो गई है. हाशिम ने बताया मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी काफी इलाज करवाया, वह कुछ साल पहले मजार पर दुआ करने आई थी. अब वह धीरे-धीरे ठीक हो गयी. मजार के सज्जादानशीन सगीरुल्लाह खां ने बड़ी सहजता से इसे गंगा जमुनी तहजीब का नायाब उदाहरण बताया. उन्होंने इस दरगाह के बारे में बताया कि जो लोग नजिस और नापाक होते है और हराम मौत मारे जाते है, उनको रूह भटकती रहती है। वह लोगों को अपना शिकार बनाती, साथ ही आज की दुनिया में लोग हसद और बदला लेने के लिए जादू टोना करवाते है. ऐसे लोगों को इन बिमारियों व जादू टोने से छुटकारा देते हैं हजरत बाबा बहादुर शहीद. तभी तो बाबा का दर हमेशा आबाद रहता है.

शिक्षा में नवाचार को देना होगा बढ़ावा - डॉ. प्रशांत पारीख



Varanasi (dil India live). 05.10.2023. डीएवी पीजी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के तत्वावधान में गुरुवार को भावी बिज़नेस लीडर्स के लिए केस मैथेड विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता मार्केटिंग शांति बिज़नेस स्कूल, अहमदाबाद, गुजरात के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत पारीख ने अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बिजनेस में अब दौर बदल चुका है, सिर्फ अच्छे उत्पाद अथवा सेवा से कोई संस्था स्वयं को बाजार में ब्रांड के रूप में स्थापित नही कर सकती हैं। बाजारीकरण के इस युग मे संस्थाओं को निरंतर बदलाव की प्रकिया से होते स्वयं को औरों से अलग खूबियों के साथ उतरना होगा। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के बाबत भी यह बात लागू होती है जिसके अंतर्गत परंपरागत तरीके से चले आ रहे शिक्षण व्यवस्था की शैली में बदलाव कर शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देना होगा। हमें शिक्षा के साथ साथ विद्यार्थियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी देना होगा, वही संस्थान आज अग्रणी दिखेगा जहाँ सिर्फ शिक्षा नही बल्कि कौशल विकास पर भी जोर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आज ज्ञान विज्ञान एक कदम और आगे बढ़कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की बात हो रही है। यह बिजनेस सेक्टर के लिए वरदान की तरह है, शैक्षणिक संस्थानों को अब इस दिशा में भी आगे बढ़कर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता है।

इसके पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा ने अतिथि का स्मृति चिन्ह, पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया। संचालन छात्रा कशिश बर्मन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पारुल जैन ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. मयंक कुमार सिंह, डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. आहुति सिंह, डॉ. उदयभान सिंह, डॉ. शालिनी सहित बड़ी संख्या में नवप्रवेशी छात्र - छात्राएं उपस्थित रहे।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...