मंगलवार, 8 अगस्त 2023

...दीवाना किये श्याम, क्या जादू डाला गीत पर नृत्य की प्रस्तुति ने सभी का मन मोहा

रूद्र से मंगारी के बच्चों ने सीखा कत्थक नृत्य की बारीकियां 





Varanasi (dil India live). काशी सांस्कृतिक महोत्सव की तैयारी के लिए स्पिक मैके विभिन्न कंपोजिट विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए शास्त्रीय नृत्य की कार्यशाला कर रही है। जिसमें बच्चों को कत्थक नृत्य की बारीकियों को अभ्यास के द्वारा बताया जा रहा है। इसी कड़ी मंगलवार को कत्थक नृत्य प्रशिक्षण कार्यशाला मंगारी स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में आयोजित हुईं। जिसमें बनारस घराने के कत्थक नृत्य के कलाकार पं रूद्र शंकर मिश्र ने कत्थक की प्रारंभिक शब्दावली अराल उत्पत्ति एवं नमन हस्तक की भाव भंगिमाओं को प्रदर्शित करने का अभ्यास कराया। छात्राओं ने गुरु वंदना पर कत्थक नृत्य को सीखा और अभ्यास किया। अंत में पं रूद्र शंकर नें श्री राम भजन एवं स्व. गिरिजा देवी के दादरा दीवाना किये श्याम क्या जादू डाला पर नृत्य की प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया।

कार्यक्रम में स्वागत प्रधानाध्यापक राजेश सिंह संचालन पवन सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन शालिनी सिंह नें दिया। अंत में कलाकार का सम्मान पिंडरा खंड शिक्षा अधिकारी देवी प्रसाद दुबे नें अंगवस्त्रम एवं तुलसी का पौधा देकर किया। इस अवसर पर संकुल प्रभारी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव अशोक मिश्रा आनंद पाण्डेय सहित शिक्षक एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें।

सोमवार, 7 अगस्त 2023

Education news: Hindi पर हुई शैक्षिक नवाचार एसोसिएशन की कार्यशाला

अब्दुर्रहमान और अरविंद  का हिंदी संस्थान में सम्मान 




Varanasi (dil India live). शैक्षिक नवाचार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश द्वारा हिन्दी विषय की कार्यशाला उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ में आयोजित हुई  जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से चनित शिक्षकों ने पी पी टी के माध्यम से स्वयं द्वारा किए जा रहे अपने श्रेष्ठ नवाचारों को प्रस्तुत किया। वाराणसी से सेवापुरी में प्राथमिक विद्यालय  ठटरा प्रथम के सहायक अध्यापक अब्दुर्रहमान और अरविन्द कुमार सिंह सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज  ने भी अपनी श्रेष्ठ प्रस्तुतियां देकर सम्मानित होने का गौरव प्राप्त किया। कार्यक्रम में आए अतिथियों में पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ/सदर विधायक महेश चन्द्र गुप्ता, उप शिक्षा निदेशक / प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ अजय सिंह ने शिक्षकों के प्रस्तुतीकरण, सहायक शिक्षण सामग्री की प्रशंसा की ।प्रधान सम्पादक डा अमिता दुबे, हिन्दी प्रवक्ता राज्य हिन्दी संस्थान प्रयागराज डा हरे राम पाण्डेय ने मुक्त कंठ से सभी के द्वारा प्रस्तुत नवाचारों की सराहना की। सभी  शिक्षक- शिक्षिकाओं को प्रतीक चिह्न व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में कार्यशाला आयोजक प्रदेश अध्यक्ष शैक्षिक नवाचार एसोसिएशन मनोज कुमार सिंह ने सभी अतिथियों व नवाचारी शिक्षक-शिक्षिकाओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन गरिमा यादव जनपद अमेठी ने किया।

Minority congress का जय जवाहर जय भीम अभियान शुरू

दावा: अल्पसंख्यक कांग्रेस में लौट आए, दलित भी आएंगे  


Varanasi (dil India live). जब तक मुस्लिम और दलित कांग्रेस को वोट करते थे संविधान विरोधी भाजपा के पास पूरे देश में सिर्फ़ दो सांसद होते थे। मुस्लिम लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में लौटने का फैसला कर चुके हैं। दलित समाज को यह संदेश देने के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने आज से एक हफ़्ते का 'जय जवाहर-जय भीम जन संपर्क अभियान शुरू करने जा रही है। 

उक्त बातें महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष नईम अहमद, प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, प्रदेश सचिव  ज़िला प्रभारी वाराणसी संदीप कपूर, जिलाध्यक्ष  मुनीर नज़्म सिद्दीकी, महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद डोडे ने आज मैदागिन कांग्रेस कार्यालय में  संयुक्त पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उक्त नेताओं ने कहा कि 7 से 13 अगस्त तक चलने वाला यह  अभियान 2024 में कांग्रेस को सत्ता में ले आएगा। इसके तहत रोज़ 100 दलित परिवारों तक कांग्रेस का संदेश पहुंचाया जाएगा। साथ ही दलित समाज के बीच अल्पसंख्यक समाज की तरफ से पर्चा भी बांटा जाएगा। उक्त नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार में दलित, मुस्लिम सरकार के निशाने पर है। कांग्रेस द्वारा बनाए गए कानून जिसमें दलितों की ज़मीन को गैर दलितों के खरीदे जाने पर रोक थी, उस कानून को मोदी सरकार ने खत्म कर दिया। जिससे दलितों की जमीन को डरा धमकाकर आधे पौने दाम पर खरीदी जा रही है।

भाजपा को 2019 में 37 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि प्रदेश में दलित और मुस्लिम मिल कर अकेले 42 प्रतिशत हैं। इन दोनों वर्गों के कांग्रेस में आने के बाद अन्य वर्ग भी कांग्रेस के साथ आएंगे और भाजपा की विदाई हो जाएगी।ऐसे में जरूरी है कि दलित अपने पुराने घर कांग्रेस में लौट आए। मुस्लिम कांग्रेस मे लौटने का फैसला कर चुके हैं। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसे सभी समुदाय वोट कर सकते है, लेकिन ऐसा तब होगा जब हम कांग्रेस में लौट आएंगे।

banaaras gharaane kee पांच दिवसीय कजरी कार्यशाला सम्पन्न

रिमझिम पड़ेला फुहार, राधा रानी...गली सून कइला बलमू



Varanasi (dil India live). सावन के पावन अवसर पर बनारस घराने की विदुषी संगीतज्ञ मीना मिश्रा जो ठुमरी सम्राट पंडित महादेव प्रसाद मिश्र की पुत्री है अपने आवास पर उनके द्वारा पांच दिवसीय कजरी कार्यशाला का आयोजन किया गया. डॉ माधुरी नूतन के द्वारा कजरी कार्यशाला का उद्घाटन हुआ और प्रतिदिन भारी संख्या में बच्चों महिलाओं व अन्य कलाकारों ने कजरी का आनंद लिया. सावन के महीने में विशेष रूप से गाये जाने वाली बनारसी कजरी कि प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया. इस मौके पर मीना मिश्रा द्वारा कजरी के विषय में विशेष व्याख्यान दिया गया, जिसमें बनारसी और मिर्जापुरी कजरी के उद्भव व विशेषताओं के विषय में जानकारी दी गई. तबले की थाप हारमोनियम की मधुर संगीत के साथ काशी वासियों ने कजरी, रिमझिम पड़ेला फुहार ,राधा रानी, गली सून कइला बलमू आदि को गाकर सावन ऋतु का आनंद लिया। प्रतिदिन दो से 3 घंटे अभ्यास के उपरांत कार्यशाला का भव्य समापन हुआ. जिसमें काशी के महान तबला वादक गुरु पण्डित पूरण महाराज व पंडित कामेश्वर नाथ मिश्र, डॉ मनोज मिश्र,, पंडित नन्द किशोर मिश्र सहित कई अन्य कलाकार उपस्थित थे। गुरु मीना मिश्रा के द्वारा आयोजित कजरी कार्यशाला को काशी की संस्कृति को संजोने के लिए किया जाने वाला अति सराहनीय प्रयास बताया गया। तबले पर देव नारायण मिश्र व नारायण दीक्षित, हारमोनियम पर हर्षित पाल द्वारा संगत की गई।

कार्यक्रम के समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। वैष्णवी अर्णव, सारिका, दीप्ति,  मनसा, अमित, मंजू देवी, अभय, अदिति, प्रेरणा, पूजा, ओम प्रकाश आदि ने, रिमझिम पड़ेला फुहार... एवं सावनवा में ना जयबू ननदी... आदि कजरी गाकर सभी का मन मोह लिया। अंत में मीना मिश्रा ने अपनी कजरी गायन की प्रस्तुति से समापन किया, जिसमे संगत तबला पर पंडित नंदकिशोर मिश्र, एवं हारमोनियम पर पंडित पंकज मिश्र ने किया।

रविवार, 6 अगस्त 2023

friendship day क्यों मनाया जाता है जानिए पूरी कहानी



Varanasi (dil india live).आज पूरी दुनिया में friendship day सेलिब्रेट किया जा रहा है। friendship बैंड, friendship कार्ड, गिफ्ट्स का आदान-प्रदान किया जा रहा है। कहीं दोस्तों की पार्टी हो रही है तो कहीं पिकनिक पार्टी का लुत्फ उठाया जा रहा है। इन सबके बीच एक सवाल है कि आखिर फ्रेंडशिप डे का क्या है ऐतिहासिक पक्ष? इसे क्यों मनाया जाता है और हर साल किस तारीख को मनाया जाता है?

यहां मैं साफ़ कर दूं कि फ्रेंडशिप डे या मित्रता दिवस की कोई फिक्स तारीख नहीं है, बल्कि फ्रेंडशिप डे अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। यह खास दिन  friendship को समर्पित करने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। 

 कुुछ इस तरह शुरू होती है कहानी :-

एक बार अमेरिका की सरकार ने एक बेेेगुनाह व्यक्ति को सजा-ए-मौत दे दिया था। इस व्यक्ति का एक दोस्त था, जिसने अपने दोस्त की मृत्यु के गम में आत्महत्या कर ली। उनकी दोस्ती की गहराई को सम्मान देते हुए 1935 से अमेरिकी आवाम ने इस दिन को दोस्तों के नाम कर दिया। इस तरह अमेरिका में फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरुआत हुई। तय हुआ कि अगस्त केे पहलेेेेेे संडे को friendship day मनाया जाएगा। तब से यह ग्लोबल पर्व देश दुनिया में मनाया जा रहा है।

ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसका कोई मित्र न हो, जो दोस्ती की अहमियत न जानता हो। हम सभी की जिंदगी में कम या ज्यादा लेकिन दोस्त जरूर होते हैं, दोस्तों के साथ बिताया समय किसे नहीं अच्छा लगता। खासकर बचपन की दोस्ती तो बहुत गहरी होती है जिनकी यादें सदा के लिए मन में बस जाती है। दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसे व्यक्ति खुद की मर्जी से चुनता है। बचपन में जाने अनजाने ही कई दोस्त बन जाते हैं, जिनमें से कुछ स्कूल, कॉलेज तक ही साथ निभाते हैं तो कुछ आगे तक आपकी लाइफ में बने रहकर अच्छे-बुरे वक्त में दोस्ती निभाते है। हालांकि ऐसे दोस्त कम ही होते है जो ताउम्र सच्ची दोस्ती निभाएं। इसलिए दोस्त बनाते हुए आपको सतर्कता बरती चाहिए।

अच्छे दोस्त का करें चयन

दोस्त वे होते हैं जिनकी संगत आपके भविष्य को प्रभावित करती है। बुरी आदतों वाले दोस्तों की संगत आपको व आपके भविष्य को बिगाड़ने की क्षमता रखती है, वहीं अच्छी सोच व आदतों वाले दोस्त आपके व्यक्तित्व व जिंदगी को संवारने में सहायक होते है।

तो, यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा सच्चा दोस्त हो, तो फ्रेंडशिप डे के खास मौके पर अपने दोस्त को स्पेशल महसूस कराना न भूलें। वैसे इस दिन को दोस्तों के साथ सेलेब्रेट किया जाता है। कई लोग दोस्तों के साथ सेलिब्रेट करने के विभिन्न प्लान इस दिन के लिए मनाते हैं। पूरा दिन न सही लेकिन इस दिन जितना संभव हो अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ पल अपने दोस्तों के लिए जरूर निकालें।

शनिवार, 5 अगस्त 2023

Happy friendship day 2023: Sunday को करेंगे खूब धमाल, जब मिल बैठेंगे चार यार

Friendship Day सेलिब्रेट करने की हो रही प्लानिंग 





Varanasi (dil India live). Friendship Day या मित्रता दिवस की तैयारियां आज अंतिम दौर में है। इस Sunday को हर तरफ एक ही आवाज़ गूंजने वाली है वो आवाज़ होगी Happy friendship day...की. Sunday को देश दुनिया में friendship day मनाया जाएगा। इस दौरान जब मिल बैठेंगे चार यार तो करेंगे खूब धमाल. दोस्ती का रिश्ता बेहद अटूट होता है. यह एक ऐसा रिश्ता होता है, जो खून का नहीं होते हुए भी उससे बढ़कर होता है. लोग अपने दोस्त के लिए क्या कुछ नहीं कर गुजरते. वैसे तो दोस्त अक्सर ही दोस्ती का आनंद लेते हैं, इसे सेलिब्रेट करने के लिए किसी खास दिन का मोहताज नहीं.  फिर इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल Friendship Day मनाया जाता है. भारत में हर साल अगस्त माह के पहले रविवार को Friendship Day मनाया जाता है. इस दिन हर कोई अपने दोस्तों के साथ खूब सेलिब्रेट करता है. उसे फ्रेंडशिप डे की बधाई देता है. इस साल भारत में 6 अगस्त को फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है।

कोई मूवी, तो कोई जाएगा पिकनिक 

Friendship Day दोस्ती के महत्व का समझने का दिन है. दोस्ती को जिंदा रखने के लिए Friendship Day सेलिब्रेट किया जाता है. यह दिन दोस्ती को समर्पित है. फ्रेंडशिप डे के दिन हर कोई अपने खास दोस्त के साथ एंजॉय करने की प्लानिंग करता है. वो अपने दोस्ती के रिश्ते को और मजबूती देने कि कोशिश करते है.  इस दिन को कई तरह से एंजॉय करते हैं. कोई दोस्त के साथ ड्राइव पर चला जाता है, तो कोई दोस्त के साथ किसी होटल में पार्टी करता हैं. इस दिन दोस्तों का पूरा ग्रुप कहीं पिकनिक टूर का प्लान करता है तो कोई मूवी। आप भी अपने दोस्तों के साथ इस दिन को स्पेशल बना सकते हैं. 

 

शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

Imam Hussain दुनिया के तमाम मज़लूंमो की आवाज़

१५ मुहर्रम को शिया मुस्लिमों ने मनाया ग़मे हुसैन 



Varanasi (dil India live). १५ मुहर्रम को शिया मुस्लिमों ने ग़मे हुसैन के रूप में मनाया। मोहर्रम के तीसरे जुमेरात शहर भर में कई मजलिसे हूई व ख्वातीन ने नौहाख्वानी व मातम किया. दरगाहें फातमान में हज़रत अब्बास के रौज़े पर मजलिस को ख़िताब करते हुऐ शिया जमा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने कहा कि इमाम हुसैन ने अपनी शहादत और सब्र के ज़रिये दुनिया के हर मज़लूम की आवाज़ को बुलंद किया. उनकी शहादत के बाद परिवार की औरतों और बच्चो ने भी यज़ीद के तमाम ज़ुल्म को सहते हुऐ और महीनों क़ैद में रहकर भी उसके ज़ुल्म के आगे सर नहीं झुकाया. कर्बला के वाक़ियात सुनकर लोगो की आँखें नम हो गयी. इमरान हैदरी, समर बनारसी, हैदर मौलाई ने कलाम पेश किये. बड़े तादाद मे मर्द और ख्वातीन ने दुआख्वानि में हिस्सा लिया. मजलिसों का सिलसिला सुबह १० बजे से शुरू हुआ. पहली मजलिस दालमंडी पुरानी अदालत मे शब्बीर और सफ़दर के आजाखने पर मौलाना अमीन हैदर हुसैनी ने पढ़ी. शोएब देहलवी और प्रोफेसर अज़ीज़ हैदर ने कलाम पेश किये. शाम को हड़हासराय भीकाशाह गली में तीसरे दिन भी मौलाना तौसीफ अली इमामे जुमा अर्दली बाजार ने मजलिस को ख़िताब किया. अंजुमन हैदरी ने नौहाख्वानी व मातम किया. चौहाट्टा लाल ख़्वान मे मिर्ज़ा परिवार के अजाखाने पर मौलाना नदीम असगर रिज़वी ने मजलिस को ख़िताब किया. ऐसे ही अर्दली बाजार, शिवाला, रामनगर, पठानी टोला, माताकुण्ड में भी मजलिसों के ज़रिये कर्बला के शहीदों को खेराजे अक़ीदत पेश किया गया. 

ख्वातीन की मजलिस

काली महल में आजाखना इमदाद और फुरकान में दिन की मजलिस को सानिया नजफी ने ख़िताब किया, अनाया फातिमा ने नौहाख्वानी की. माताकुण्ड में हैदर अब्बास चांद के निवास पे ख्वातीन की मजलिस आयोजित हुईं.  नयी पोखरी पर भी मंज़िलत फातिमा के निवास पर ख्वातीन की मजलिस में दर्द भरे नौहों पर मातम का नजराना पेश किया गया।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...