शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

आप के सांसद संजय सिंह ने जारी किया तीसरी सूची

सेवापुरी से कैलाश पटेल को मिला टिकट


वाराणसी 21 जनवरी(dil india live) आम आदमी पार्टी के उत्तर-प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आज 33 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की। सुयोग्य और शिक्षित को वरीयता दी गयी हैं।

आप के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह ने बताया कि इसके पूर्व दो लिस्ट के माध्यम से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के लिये 170 नाम जारी कर दियें गयें थे और आज तीसरी लिस्ट में 33 उम्मीदवारों की सूची जारी की गयी, इस अब तक 203 प्रत्याशियों के नाम घोषित किये जा चुके हैं। जल्दी ही शेष 200 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जायेंगी। आज के लिस्ट में वाराणसी के सेवापुरी सीट से आप के जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल जी को टिकट दिया गया हैं। इस प्रकार अबतक वाराणसी में 05 प्रत्याशियों को टिकट दिया गया हैं।

गुरुवार, 20 जनवरी 2022

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत चौकाघाट शहरी सीएचसी का किया गया मूल्यांकन

वाराणसी, 18 जनवरी (dil india live) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चौकाघाट का मंगलवार को बाह्य मूल्यांकन (एक्सटर्नल असेस्मेंट) किया गया। शासन से कायाकल्प अवार्ड योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए वाराणसी सहित 42 जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का एक्सटर्नल असेस्मेंट राज्य स्तर से गठित टीम के द्वारा किए जाने दिशा-निर्देश प्राप्त हुये थे। इस क्रम में मंगलवार को चौकाघाट सीएचसी का मूल्यांकन जिला समन्वयक क्वालिटी एश्योरेंस (प्रयागराज) डॉ शुंबेंद्र, जिला सलाहकार (बहराइच) डॉ शैलेंद्र तिवारी एवं जिला महिला अस्पताल (बाराबंकी) के हॉस्पिटल क्वालिटी मैनेजर डॉ एसपी तिवारी ने किया। 

मूल्यांकन के दौरान प्रसव कक्ष, टीकाकरण कक्ष और प्रगति, परिवार नियोजन कार्यक्रम, लैब, बायो मेडिकल वेस्ट, मेडिसिन स्टोर, साफ-सफाई एवं अन्य चिकित्सीय सुविधाओं को देखा गया जिसमें सभी सुविधाएं सुव्यवस्थित पायी गईं । इस दौरान प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मनमोहन शंकर तथा इनके अधीनस्त समस्त स्टाफ ड्रेसकोड में पाये गए। इस दौरान मौजूद अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्य ने स्वास्थय केंद्र के सभी चिकित्सीय स्टाफ को उनके बेहतर कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, मण्डल स्तर से निरीक्षण के दौरान मंडलीय सलाहकार क्वालिटी एश्योरेंस डॉ आरपी सोलंकी और मंडलीय शहरी सलाहकार मयंक राय एवं अन्य लोग मौजूद रहे। 

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक डॉ एसके उपाध्याय एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी द्वारा टीम को स्वास्थ्य केंद्र की सफल मूल्यांकन के लिए धन्यवाद दिया गया।

लक्ष्य के मुताबिक हर किसी को लगी कोविड टीके की पहली डोज

कोविड की पहली डोज़ का आंकड़ा पहुंचा 100 प्रतिशत

एक साल में 50 लाख से अधिक डोज लग चुकी है टीके की  

जिले में गुरुवार को 43,176 लाभार्थियों को लगा टीका

गुरुवार को 13,136 लोगों को पहली व 28,348 लोगों को लगी दूसरी डोज़

वाराणसी, 20 जनवरी (dil india live) जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण का महा अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। इसी कड़ी में  जनपद कोरोना की पहली डोज़ लगाने में 100 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल कर चुका है। कुछ दिवस पूर्व जनपद ने टीके की 50 लाख  डोज़ लगाने की उपलब्धि हासिल की थी। 

इस उपलब्धि के लिए जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों की सराहना की है। उनका कहना है कि लगातार प्रयास कर दूसरी डोज़ की  भी जल्द से जल्द शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करें। जिलाधिकारी ने  इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि 15 से 17 वर्ष के किशोर-किशोरियों के टीकाकरण लक्ष्य को भी जल्द से जल्द हासिल करना है, इसके लिए सभी लोग हरसंभव प्रयास करें |        

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जिले में गुरुवार को कोरोना की पहली डोज़ का आंकड़ा 100 फीसदी पहुँच चुका है। जनपद में गुरुवार को 43,176 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया। *इसके साथ ही जिले में एक साल में 29,79,345 (100.3%) पहली डोज़ एवं 19,20,499 (64.6%) दूसरी डोज़ लग चुकी है। इस तरह से जिले में टीके की कुल 50,96,707 डोज़ लग चुकी हैं। एक साल में 26,71,064 पुरुषों व 24,12,542 महिलाओं को कोविड टीके की डोज़ लगाई गईं। अब वाराणसी जनपद कोरोना की पहली डोज़ से शत-प्रतिशत प्रतिरक्षित हो चुका है। 

इस उपलब्धि के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों, हेल्थ केयर व फ्रंटलाइन वर्कर सहित अन्य विभागों और संस्थाओं द्वारा दिये गए अहम योगदान की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया है । इसके साथ ही उन्होने उम्मीद जताई है कि इसी तरह उत्साहपूर्वक कार्य करते हुये टीकाकरण के अन्य लक्ष्य को भी जल्द ही प्राप्त करेंगे। 

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीएस राय ने बताया कि गुरुवार को जिले के विभिन्न टीकाकरण केन्द्रों पर आयोजित 596 सत्रों में कुल 43,176 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जिसमें 13,136 लाभार्थियों को प्रथम डोज तथा 28,348 लाभार्थियों को दूसरी डोज एवं 1,692 लोगों को प्रीकाशनरी डोज़ का टीका लगाया गया। इस क्रम में 15 से 17 वर्ष के 4,254 लाभार्थियों को, 18 से 44 वर्ष के 27,236 लाभार्थियों को, 45 से 59 वर्ष के 6,459 लाभार्थियों एवं 60 वर्ष से ऊपर के 3,481 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

इसके साथ ही जिले में एक साल में 18 से 44 वर्ष के 31,66,270 व 45 से 59 वर्ष के 10,19,093 एवं 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में कुल 5,62,820 कोरोना डोज़ लग चुकी हैं। तीन जनवरी से अब तक 15 से 17 वर्ष के 1,83,810 (71.3%) किशोर-किशोरियों को पहली डोज़ लग चुकी हैं। वहीं 10 जनवरी से अब तक 13,053 प्रीकॉशनरी डोज़ लगाई जा चुकी हैं।

मंगलवार, 18 जनवरी 2022

वाराणसी ने हासिल की 50 लाख कोविड डोज़ लगाने की बेमिसाल उपलब्धि

जिले में 38,576 लाभार्थियों को लगा कोविड का टीका

15,431 लोगों को पहली व 21,711 लोगों को लगी दूसरी डोज़

वाराणसी, 18 जनवरी (dil india live)।  मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण का महा अभियान चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। इस क्रम में जनपद मे मंगलवार को जिले में करीब 38,576 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया। इसी के साथ वाराणसी ने मंगलवार को 50 लाख से अधिक कोविड डोज़ लगाने की बेमिसाल उपलब्धि हासिल कर ली है। इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों और संस्थाओं ने अपना अहम योगदान दिया है, जो काफी सराहनीय है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि मंगलवार को जिले के विभिन्न टीकाकरण केन्द्रों पर आयोजित 613 सत्रों में कुल 38,576 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जिसमें 15,431 लाभार्थियों को प्रथम डोज तथा 21,711 लाभार्थियों को दूसरी डोज एवं 1,434 लोगों को प्रीकाशनरी डोज़ का टीका लगाया गया। इस क्रम में 15 से 17 वर्ष के 5,841 लाभार्थियों को, 18 से 44 वर्ष के 23,545 लाभार्थियों को, 45 से 59 वर्ष के 5,187 लाभार्थियों एवं 60 वर्ष से ऊपर के 2,511 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

      सीएमओ ने बताया कि अभी तक जिले में कुल 50,03,423 कोरोना डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसमें से 29,58,872 (99.6%) पहली डोज़ व  18,60,259 (62.6%) दूसरी डोज़ एवं 1,0,065 प्रीकॉशनरी डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही अब तक 1,74,228 (67.6%) किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

घर पर ही सही देखभाल से कोरोना को दें मात

इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से रखी जा रही निगरानी, मिल रहा परामर्श

Himanshu Rai 

गाजीपुर 18 जनवरी (dil india live)। कोविड-19 के मामले बढ़ जरूर रहें हैं लेकिन पहली दो लहर जैसी गंभीर स्थिति संक्रमितों में इस बार नहीं देखी जा रही है । बहुत से लोगों में तो कोई खास लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, फिर भी उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है । ऐसी स्थिति में घर पर ही रहकर कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए और स्वास्थ्य महानिदेशालय से जारी दवाओं का सेवन करते हुए कोरोना को आसानी से मात दिया जा सकता है । इसके साथ ही सरकार द्वारा कोविड की जांच, उपचार और रेफर के लिए बनाए गए इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से संक्रमितों की निगरानी की जा रही है और जरूरी परामर्श भी दिए जा रहे हैं।

डॉ. के के वर्मा ने बताया की स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस बार कोविड को मात देने के लिए समिति द्वारा निर्धारित दवाओं की सूची जारी करने के साथ ही कोरोना से निपटने के लिए की गईं तैयारियों और बरती जाने वाली सावधानियों का भी जिक्र किया है । पत्र के मुताबिक इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से होम आइसोलेशन के पात्र मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है । किसी होम आइसोलेटेड मरीज के लक्षण युक्त हो जाने या उसे चिकित्सकीय सहायता की जरूरत होने पर इलाज व संदर्भन की सुविधा मिल रही है । इसके अलावा जन सामान्य को कोविड से बचाव के उपायों और प्रदेश में उपलब्ध कोविड की जांच व इलाज की उपलब्ध सेवाओं के बारे में अवगत कराया जा रहा है । चिकित्सीय सलाह की सुविधा पूरे समय के लिए उपलब्ध है। ई-संजीवनी एप के माध्यम से घर पर ही अनुभवी चिकित्सकों द्वारा मुफ्त कंसल्टेंसी की सुविधा दी जा रही है । सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त कोविड टीकाकरण किया जा रहा है । नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त कोविड जांच और लक्षण युक्त व्यक्तियों के लिए उपचार की सुविधा मौजूद है । विशेष परिस्थितियों में हेल्पलाइन नंबर- 1800-180-5145 और 104 नंबर की भी मदद ली जा सकती है । ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि परिवार में कोई व्यक्ति कोविड पाजिटिव है तो होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करें और घर से बाहर न निकलें । इसके अलावा यदि खुद कोविड के लक्षणों से ग्रसित हैं तो खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रखें और घर से बाहर न निकलें ।

 होम आइसोलेशन में रहने वाली 40 वर्षीया कलावती (बदला हुआ नाम)  ने बताया कि कोविड पाजिटिव की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें घर पर ही मेडिकल किट मुहैया करा दी गई थी और दिन में तीन-चार बार इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से फोन पर हालचाल ली जाती है और आक्सीजन लेवल की भी जानकारी ली जाती है । 

इन परिस्थितियों में हेल्पलाइन या डाक्टर से संपर्क करें : 


लगातार कई दिनों तक 101 डिग्री से अधिक का बुखार 

सांस फूलना और सांस लेने में परेशानी होना 

पल्स आक्सीमीटर से नापने पर आक्सीजन का स्तर 94 फीसद से कम आना 

भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने पर  


छोटे बच्चों में कोविड के लक्षण : 


बुखार, खांसी, जुकाम 

लगातार रोना 

दूध/खुराक लेना बंद कर देना 

दस्त लगना 

पसली चलना 

निढाल पड़ जाना 


12 वर्ष से अधिक के लोगों में कोविड के लक्षण : 


बुखार, खांसी, जुकाम व थकावट 

सिर दर्द व बदन दर्द 

स्वाद या गंध की चेतना का चला जाना 

बुखार के साथ दस्त 

बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते


कोविड से बचाव एवं सावधानियाँ : 


हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें 

मास्क को ठीक तरह से पूरे मुंह व नाक को ढकते हुए लगाएं 

सोशल डिस्टेंसिंग (छह फुट की दूरी) का पालन करें 

अनावश्यक घर से बाहर न निकलें 

लक्षण आने पर खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें और जांच कराएं 

बार-बार साबुन-पानी से अच्छी तरह से हाथों को धुलते रहें 

समय से कोविड टीकाकरण जरूर कराएं  


दवाओं के साथ इन बातों का भी रखें ख्याल : 


सांस संबंधी व्यायाम, योग व प्राणायाम दिन में 20 से 30 मिनट तक करें (सहज महसूस करने पर ही) 

दिन में तीन से चार बार श्वसन दर (रेस्परेटरी रेट) व आक्सीजन सेचुरेशन (पल्स आक्सीमीटर से) अवश्य नापें, यह 94 फीसद अथवा इससे अधिक होना चाहिए 

पर्याप्त मात्रा में हल्का गर्म/गुनगुना पानी पियें 

उच्च रक्तचाप व किसी पुरानी बीमारी का उपचार चल रहा है तो उसे डाक्टर के परामर्श से जारी रखें

कोविड काल में क्लीनिक करेगा जरुरतमंदों का उपचार


वाराणसी 18 जनवरी(dil india live)। साईं वंदना वेलफेयर एंड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा चिकित्साकीय क्लीनिक 'रोशनी क्लिनिक एंड चाइल्ड केयर' का उद्घाटन संस्था की संस्थापक वंदना सिंह ने किया। इस क्लीनिक का उद्घाटन संस्था द्वारा कोविड-19 कि तीसरी लहर को देखते हुए किया गया है। ऐसे समय में जब तीसरी लहर अपने उठान पर है। लोग डरे हुए हैं, ऐसे समय में गरीब व जरूरतमंद लोगों का उपचार करना संस्था द्वारा खोली गई इस क्लीनिक का खास मकसद है। यहां डा. यस कुमार लोगों को चिकित्सा सुविधा  देंगे। यह क्लिनिक पहाड़ी गेट बीएलडब्लू में खोला गया है। संस्था की संस्थापक वंदना सिंह ने कहा कि कोई बच्चा या बड़ा उपचार से वंचित ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस मौके पर वंदना सिंह ने डा. यस. कुमार का आभार प्रकट किया और कहा कि इस नेक कार्य के लिए आगे आए हैं उनका हम सब आभार व्यक्त करते हैं। संस्था उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने सभी का स्वागत किया।

कथक सम्राट बिरजू महाराज का काशी से था खास जुडाव

2019 में अंतिम बार आये थे काशी, बच्चों को दिया था कथक की टिप्स

नटराज संगीत एकेडमी के प्रोग्राम में करना था उन्हें मार्च में शिरकत 





वाराणसी 17 जनवरी (dil india live)। लखनऊ घराने के मशहूर कथक कलाकार पंडित बिरजू महाराज का अंतिम बार मार्च में बनारस आने का ख्वाब अधूरा ही रह गया। वो 2003 से लगतार हर साल बनारस आते थे और यहां बच्चों को कथक की बारिकियों से रुबरु कराते थे, मगर कोविड के चलते 2019 के  बाद बनारस आना उनके लिए ख्वाब सरीखा हो गया। बनारस से पं बिरजू महाराज का गहरा लगाव था। उनकी बनारस में एक मात्र शिष्या संगीता सिन्हा कहती वो भले ही लखनऊ में पैदा हुए मगर वो बनारस से हमेशा जुड़े रहे। वह हर साल नटराज संगीत एकेडमी में आकर संगीत की नई पौध को कथक की बरीकियों से रुबरु कराते थे। पिछले दिनों लखनऊ और दिल्ली में मैं उनके साथ थी। बच्चों को कथक की बरीकियों से रुबरु कराने के लिए मार्च में उन्हें नटराज संगीत एकेडमी आने के लिए मैं तैयार करके आयी थी मगर ईश्वार को तो कुछ और ही मंजूर था। यह अनहोनी हो गई।, यह कहते हुए संगीता सिन्हा की आंखे भर आयी। उन्होने कहा कि कथक के जादूगर थे गुरुजी। उनका बनारस आने का सपना अधूरा ही रह गया।  

पंडित बिरजू महाराज का भले ही लखनऊ के कालिका-बिन्दादिन घराने से रिश्ता रहा हो, लेकिन धर्म और संगीत की नगरी बनारस से उनका संगीत के अलावा पारिवारिक रिश्ता भी था। पहले ससुराल फिर समधियाना दोनों उन्होंने बनारस में ही बनाया। यही वजह है कि उनके निधन की खबर से बनारस स्तब्ध है। कथक सम्राट बिरजू महाराज के आंखों की मुद्रा से राधा-रानी की कलाओं की पेशकश हो या फिर तबले की थाप संग पैरों की जुगलबंदी, इसका जैसा अद्भुत मिलन पंडित बिरजू महाराज के नृत्य में देखने को मिलता था, वो खुद में बेहद खास था। गिरिजा देवी के गुरु पंडित श्रीचंद्र मिश्र की बेटी अन्नपूर्णा देवी बिरजू महाराज की पत्नी थीं। कबीरचौरा संगीत घराने वाली गली में पंडित बिरजू महाराज का ससुराल है। वहीं, ख्यात सारंगीवादक पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र के पुत्र पंडित साजन मिश्र के साथ बिरजू महाराज की बेटी कविता का विवाह हुआ है। उनके एक भाई ने बनारस घराने के ख्यात पंडित रामसहाय की शागिर्दी में तबला वादन सीखा था। पंडित बिरजू महाराज का खुद बनारस से बहुत गहरा जुड़ाव था। बनारस के राजेन्द्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट पर होने वाले कार्यक्रम हो या फिर देश भर के संगीतकारों की जुटान का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संकट मोचन संगीत समारोह। इन आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पंडित बिरजू महाराज बनारस जरूर पहुंचते थे। काशी में होने वाले ध्रुपद मेले में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहता था। यही वजह है कि प्रतिष्ठित अवार्ड पद्म विभूषण से सम्मानित 83 वर्षीय बिरजू महाराज ने दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम सांस लेने की खबर काशी पहुंचते ही मानो संगीत घराने में कोहराम मच गया। 

सीखने और सीखाने की अदभूत ललक

संगीत सिन्हा बताती है कि बिरजू महाराज में सीखने और सीखाने की अदभूत ललक थी। वो एक शानदार ड्रमर भी थे, जो आसानी और सटीकता के साथ लगभग सभी ड्रम बजाते थे। उन्हें खासतौर पर तबला और नाल बजाने का शौक था। वह  सितार वाद्य, सितार, सरोद, वायलिन, सारंगी आसानी से बजा लेते थे। उन्होंने इन सबका किसी औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया। वो सदैव कथक के प्रमोशन के लिए परेशान रहते थे। यही वजह है कि छोटे-छोटे बच्चों के प्रोग्राम में भी मेरे बुलाने पर काशी हर साल आते थे।

 अच्छन महाराज थे बिरजू महाराज के गुरु

बिरजू महाराज के अच्छन महाराज व लच्छू महाराज थे। अच्छन महराज कोईऔर नहीं बल्कि उनके पिता थे, तो लच्छू महाराज चाचा। उनकी मां भी उनकी गुरु की श्रेणी में ही आती थीं। यूं तो इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था, जो लखनऊ घराने से थे और अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे। पिता ने बचपन से ही अपने यशस्वी पुत्र को कला दीक्षा देनी शुरू कर दी थी। ठुमरी सम्राट महादेव प्रसाद मिश्र के पुत्र पं. गणेश मिश्र कहते है कि बिरजू महाराज को कथक विरासत में मिली थी। अच्छन महाराज के निधन के बाद उन्होने कथक नृत्य प्रशिक्षण लेना शुरू किया। आज बिरजू महाराज भले ही हम लोगोें के बीच नहीं है मगर उनकी कला और उनके काम सदैव हम लोगों को उनकी याद दिलाती रहेगी। उनका जाना वास्तव देश दुनिया के संगीत प्रेमियों के लिए सदमे जैसा है।


शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...