बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

गाज़ीपुर को हरा कर वाराणसी चैंपियन




सिद्धार्थ महाविद्यालय में कबड्डी प्रतियोगिता का समापन

गाजीपुर (दिल इंडिया लाइव)। खाकी बाबा सिद्धार्थ महाविद्यालय के परिसर में आज कबड्डी प्रतियोगिता का समापन हुआ। क्षेत्रीय नागरिकों के साथ विशिष्ट जन की भारी भीड़ रही। पूरी कबड्डी प्रतियोगिता बड़ी शालीनता और अनुशासन के साथ संपन्न हुई।

    कबड्डी प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री श्री ओमप्रकाश सिंह के प्रतिनिधि श्री मन्नू सिंह एवं उनके पुत्र राहुल राज सिंह रहे। समापन समारोह के अध्यक्ष, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश संरक्षक संयोजक नीलू सिंह थे।

      इस प्रतियोगिता में प्रदेश के सम्मानित 13 जिलों की टीमों ने हिस्सा लिया। फ़ाइनल मुकाबला गाजीपुर एवं वाराणसी के बीच हुआ। वाराणसी की टीम चैंपियन रही।

    कार्यक्रम के आयोजक खाकी बाबा सिद्धार्थ महाविद्यालय यूसुफपुर खंडवा गाजीपुर के प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने अतिथियों का बड़ी स्वागत किया एवं खिलाड़ियों उनके कोचों अधिकारियों को कोई भी परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखा। प्रतियोगिता में मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज सिखड़ी के प्रधानाचार्य पारस राय ने भी उपस्थित दर्ज कराई एवं ग्राउंड पर खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। प्रबंधक उदय प्रताप यादव, राहुल यादव. सचिन यादव. नरेन्द्र मौर्य. श्री रविंद्र यादव , श्री शिव प्रताप सिंह विष्णु, अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। ऋषिकेश दुबे, अमित सिंह डिंपू, रिंकू सिंह, उमेश सिंह मनिहारी, श्री मोती यादव, श्री राजेश यादव बुल्लू, संजय, जय राम, श्री अजय यादव, श्रीमान अरुण सिंह, पंकज यादव, उमेश सिंह,श्री सीताराम कुशवाहा आदि लोगों ने कार्यक्रम को संपन्न कराने में अपनी महती भूमिका अदा की।

रविवार, 14 फ़रवरी 2021

शामायली फातेमा की दोनों किडनियां खराब, फिर भी नहीं हो रहा इलाज

पीएम मेादी की काशी में कैसे बचेगी गरीब की बेटी

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। बनारस का नई सड़क इलाका देश भर में अपनी जिन्दादिली के लिए मशहूर है। वो और बात है कि यहाँ एक ऐसी माँ भी रहती है जो मोटी रकम न होने की वजह से अपनी बेटी की जिंदगी तिल तिल खत्म होते देखने को मजबूर है, मगर उसकी मदद राजनेता से लेकर सीएम, पीएम किसी ने नहीं की। हम बात कर रहे हैं नई सड़क की रहने वाली शाज़िया बेगम की। शाज़िया के शौहर का इंतेकाल हो चुका है। उनकी मौत के सदमे से शाज़िया अभी उभर भी नहीं पायी थी उनकी बेटी शामायली फातेमा की दोनों किडनियां खराब हो गयी। छूटपूट मदद से भी जब काम नहीं बना तो शाज़िया ने अपनी बेटी के इलाज के लिए जून में अपने शहर बनारस के सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगायी थी, मगर इतना लम्बा अर्सा बीतने के बाद भी अब तक किसी ने कोई मदद नहीं की। इससे शाज़िया को गहरा धक्का लगा। अपनी बेटी को ज़िंदगी और मौत के बीच झूलते देख शाज़िया का परेशान होना स्वाभाविक है। लाकड़ाउन में तमाम लोगों की मदद करने वाले हरदिल अज़ीज फिल्म अभिनेता सोनू सूद से बनारस की इस मां ने गुहार लगायी है। 

शाज़िया कहती है कि हम गरीब है। शामायली के अब्बू थे तब तक हमें कोई परेशानी नहीं थी। उनके इंतेकाल ने हमें तोड़ दिया।

ऐसे टूटा दुख का पहाड़

शाज़िया बताती हैं कि शौहर के इंतेकाल के बाद एक दिन शामायली की तबीयत अचानक खराब हो गयी। डॉक्टर ने जब टेस्ट करवाया तो पता चला की उसकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। इस पर हम उसे कबीरचौरा ले गए जहां सामाजिक कार्यकर्ता डा. गुफरान जावेद ने लोगों की मदद से उसका इलाज शुरू कराया, लेकिन कुछ ही दिन में उसे बीएचयू रेफर कर दिया गया पर कोरोना काल आते ही सब कुछ ख़त्म होता नज़र आ रहा था। मगर डॉ राम गोपाल के निर्देशन में उसका फिर इलाज शुरू हुआ लेकिन कोरोना ने डॉक्‍टर साहब को भी छीन लिया। अब तो सारी आस ही खत्म हो गई है। रब के सिवाय अब कोई आसरा नहीं है। दिन रात रब से दुआ करती हूँ, मौला तू ही कोई करिश्मा कर दे, मेरी बेटी की ज़िन्दगी बचा दे। डा. गुफरान कहते हैं, वो कोशिश में हैं कि इलाज के लिए कुछ लोगों को तैयार करें ताकि एक गरीब की बेटी की जान बचायी जा सके। 

बहरहाल अब तो समय ही बतायेगा कि शमायली कि जिंदगी कैसे बचेगी? गरीब की बेटी की जान बचाने के लिए कोई बड़ी पहल हो भी पायेगी या नहीं?


दलित महिलाए सबसे ज्यादा उत्पीड़न का शिकार - डाॅ. अनीता

व्याख्यान श्रृंखला ‘दलित महिलाएं और सामाजिक हिंसा, में बोली अनीता

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव/बहादुर सिंह)। प्रख्यात दलित विचारक एवं दलित लेखक संघ, नई दिल्ली की अध्यक्ष डाॅ. अनीता भारती ने कहा कि दलित महिलाए समाज में सबसे ज्यादा हिंसा का सामना करती है। समाज में तो वे उपेक्षित है ही, परिवार में भी उन्हें उत्पीड़न झेलना पड़ता है। वे डीएवी पीजी काॅलेज के आईक्यूएसी के तत्वावधान में ग्रीवांस एण्ड रिड्रेसल कमेटी द्वारा आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में ‘दलित महिलाए और सामाजिक हिंसा‘ विषय पर आयोजित आॅनलाइन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थी। डाॅ. अनीता ने कहा कि आजादी के सत्तर साल बाद भी ग्रामीण इलाकों में दलित, आदिवासी महिलाएॅ अंधविश्वास के नाम पर डायन और अपशकुनी बता कर मार दी जाती है। उन्होंने कहा कि समाज दलितों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित है और लोगों में संवेदनशीलता की भी कमी दिख रही है, इसी संवेदनशीलता को बढ़ाने की आवश्यकता है, तभी दलित महिलाएॅ भी समाज में बराबरी का हक पा सकेंगी। उन्हें भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराना होगा तभी उनका मानसिक विकास भी हो सकेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के उप प्राचार्य डाॅ. शिव बहादुर सिंह ने कहा कि भारतीय समाज अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा हुआ है, जिसमंे दलित महिलाएॅ समाज के सबसे नीचले पायदान पर मिलती है। उनके उत्पीड़न में समाज के हर वर्ग की बराबर की भूमिका है। कार्यक्रम का संयोजन समन्वयक डाॅ. ऋचारानी यादव ने किया। संचालन डाॅ. मीनू लाकड़ा एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. पारूल जैन ने दिया। इस अवसर पर स्वाति नंदा, ओम प्रकाश कुमार, हसन बानो, सीमा कुमारी, साक्षी चौधरी सहित महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यापक एवं छात्र - छात्राएॅ जुड़े रहे।

शनिवार, 13 फ़रवरी 2021

अल्पसंख्यक कांग्रेस में इन्हें मिली नई जिम्मेदारी

सैयद शफ़क़ रिजवी प्रदेश महासचिव बनाये गये

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव/मो.रिज़वान)। अखिल भारतीय


कांग्रेस कमेटी के महासचिव उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक नदीम जावेद की संस्तुति पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने आज वाराणसी के दरगाह फातमान लल्लापुरा के मुतवल्ली सैयद शफ़क़ अब्बास रिजवी को प्रदेश महासचिव जुल्फिकार अहमद को प्रदेश सचिव पार्षद रमजान अली को जिला अध्यक्ष पार्षद अफजाल अंसारी को महानगर कांग्रेस अल्पसंख्यक के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। बताते चलें कि इस तरह वाराणसी से अल्पसंख्यक विभाग की प्रदेश कमेटी में नवनियुक्त पदाधिकारियों के अलावा हसन मेहंदी कब्बन प्रदेश महासचिव, हिफाजत हुसैन प्रदेश महासचिव, तौफीक कुरेशी प्रदेश सचिव स्वाले अंसारी प्रदेश सचिव है। एक प्रदेश उपाध्यक्ष तीन प्रदेश महासचिव तीन सचिव सहित कुल 7 पदाधिकारी प्रदेश  है। सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों के  मनोनयन पर पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा पूर्व विधायक अजय राय जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश्वर पटेल महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, अल्पसंख्यक कांग्रेस केप्रदेश महासचिव हसन मेहंदी अल्फा क्या कांग्रेस के प्रदेश महासचिव वाराणसी प्रभारी शाहिद तौसीफ सहित तमाम कांग्रेस जनों ने बधाई दी ।

विद्यापीठ छात्रसंघ चुनाव का बजा बिगुल

इस बार नामांकन होगा आनलाइन

16 को नामांकन, 25 फरवरी को होगा मतदान

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव 25 फरवरी को होंने जा रहा है। इस बार खास यह है कि नामांकन आनलाइन होगा। अगले दिन हार्ड कापी जमा करना होगा।
छात्रसंघ चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. केएस जायसवाल ने चुनाव की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी। चुनावों की तारीख घोषित होते ही छात्र गुटों की सक्रियता बढ़ गई। उधर प्रो.जायसवाल ने बताया कि प्रशासन की ओर से जारी शर्तों का पालन नहीं करने पर चुनाव निरस्त किए जा सकते हैं। चुनाव के लिए ऑनलाइन नामांकन 16 फरवरी को होंगे। 17 फरवरी को उम्मीदवारों को हार्ड कॉपी जमा करनी होंगी। वैध प्रत्याशियों की सूची 17 को शाम में जारी होगी। उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को नाम वापसी और वैध प्रत्याशियों की सूची प्रकाशित होगी। 25 फरवरी को मतदान और उसके बाद परिणाम की घोषणा की जाएगी। चुनाव अधिकारी ने बताया कि चुनाव की सभी गतिविधियां परिसर के अंदर संचालित होंगी। परिसर के बाहर प्रचार करने वालों को उम्मीदवारी निरस्त करने के साथ ही निष्कासन की कार्यवाही की जाएगी।

औवेसी की अब पूर्वांचल पर नज़र



परवेज़ कादिर को बनाया एआईआईएम का प्रदेेश सचिव 

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसिलमीन (एआईआईएम) प्रमुख असदुउददीन औवेसी ने यूपी में अपने संगठन को मज़बूती देना शुरु कर दिया है। यहां दमतोड़ रहे संगठन को यूपी में बड़ी सफलता हाथ लगी है। बनारस के प्रमुख मुसिलम नेता आलमीन क्रांति दल के अध्यक्ष परवेज कादिर खां अपने समर्थको के साथ मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसिलमीन  (एआईआईएम) में शामिल हो गये। उन्होने आलमीन क्राति दल का मजलिस में पहले ही विलय करा दिया है। आज राष्द्रीय अध्यक्ष असदउद्दीन औवेसी की संतुति पर प्रदेश सचिव पद पर परवेज कादिर खां की नियुकित की गई है। उनका मनोनयन प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने किया है। माना जा रहा है कि परवेज़ कादिर खां के आने से एआईआईएम को पूर्वी यूपी खासकर पीएम के संसदीय क्षेत्र में नई ऊर्जा मिलेगी।

गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

यूपी में पंचायत चुनाव का बजा बिगुल

आरक्षण अधिसूचना की गई जारी

लखनऊ (दिल इंडिया लाइव/हिमांशु राय)। यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण नियमावली जारी कर दी गई है। इसके बाद अब आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। अपर मुख्य सचिव मनाेज कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि नियमावली के अनुसार, पंचायतों में आरक्षण चक्रानुक्रम रीति से ही होगा लेकिन जहां तक हो सके, पूर्ववर्ती निर्वाचनों अर्थात सामान्य निर्वाचन वर्ष 1995, 2000, 2010 और वर्ष 2015 में अनुसूचित जनजातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जनजातियों को आवंटित नहीं की जाएगी और अनुसूचित जातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जातियों को आवंटित नहीं की जाएंगी। इसी तरह पिछड़े वर्गों को आवंटित जिला पंचायतें पिछड़े वर्गों को आवंटित नहीं की जाएंगी। पंचायत चुनाव में कोई भी पंचायत जातिगत आरक्षण से वंचित नहीं रहेगी। अब तक चक्रानुक्रम आरक्षण से ऐसी कई पंचायतें बची रह गईं, जिन्हें ना ओबीसी के लिए आरक्षित किया जा सका और न ही अनुसूचित जाति के लिए। ऐसे में इस बार आरक्षण प्रक्रिया लागू करने के लिए चक्रानुक्रम के तहत नया फार्मूला अपनाया जाएगा। खास बात यह है कि वर्ष 1995 से अब तक के 5 चुनावों में जो पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होती रहीं और ओबीसी के आरक्षण से वंचित रह गई, वहां ओबीसी का आरक्षण होगा लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा निगाहें जिला पंचायत परिषद अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर लगी हुई है। बता दें कि इस बार उप्र के सभी 75 जिलों में एक साथ पंचायतों के वार्डों के आरक्षण की नीति लागू होगी। वर्ष 1995 में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था और उसमें आरक्षण के प्रावधान लागू किए गए थे लेकिन तब से अब तक हुए पांच पंचायत चुनावों में जिले के कई ग्राम पंचायतें ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्ष के पद आरक्षित होने से वंचित रह गए। ऐसे में इस बार जिला पंचायत परिषद के सभी 20 वार्डों, ग्राम प्रधान के 244 , क्षेत्र पंचायत के 505 और वार्ड सदस्य के 3322 पदों के आरक्षण में चक्रानुक्रम फार्मूला अपनाया जाएगा। पहले यह देखा जाए कि वर्ष 1995 से अब तक के पांच चुनावों में कौन सी पंचायतें अनुसूचित जाति (एससी) व अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित नहीं हो पाई हैं और इन पंचायतों में इस बार प्राथमिकता के आधार पर आरक्षण लागू किया जाए। जिला पंचायत राज अधिकारी कुमार अमरेन्द्र का कहना है कि इस नए फैसले से अब वह पंचायतें जो पहले एससी के लिए आरक्षित होती रहीं और ओबीसी के आरक्षण से वंचित रह गईं, वहां ओबीसी का आरक्षण होगा और इसी तरह जो पंचायतें अब तक ओबीसी के लिए आरक्षित होती रही हैं वह अब एससी के लिए आरक्षित होंगी।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...