शुक्रवार, 28 जून 2024

यही तो है बनारस की गंगा जमुनी तहजीब

मुफ्ती-ए-बनारस पहुंचे विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत के आवास, जताया अफसोस 


Varanasi (dil India live)। गंगा जमुनी तहजीब का शहर बनारस ऐसे ही इस शहर को नहीं कहा गया है। यह शहर समय समय पर मिसालें पेश करता रहता है। शुक्रवार को भी एक ऐसी ही मिसाल देखने को मिली जब ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज़ के बाद अंजुमन मसाजिद का एक प्रतिनिधिमंडल मुफ्ती शहर एवं इमाम व ख़तीब जामा मस्जिद ज्ञानवाफी मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी के नेतृत्व में पूर्व महन्त कुलपति तिवारी के आवास पर पहुंचा। इस दौरान उनके पुत्र से मिलकर अपने मुस्लिम समुदाय की की ओर से शोक और संवेदना प्रकट किया। इस दौरान सभी ने स्वर्गीय तिवारी के नगर की सामाजिक जीवन में योगदान की सराहना की। कहा कि वह बनारस की गंगा जमुनी तहज़ीब को बढ़ाने में सदैव तत्पर रहते थे। उनका मुसलमानों से बहुत अच्छा सम्बंध रहा है यहां यह बताना आवश्यक है अपने जीवन काल में वह कई बार मौलाना अरशद मदनी से मिलने गए। कुछ माह पूर्व भी भानू मिश्रा के साथ देवबंद भी गए थे। मुफ्ती साहब ने आशा जताई कि  उनका परिवार भी उनके नक्शेकदम पर चलते हुए बनारस में हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए काम करेगा। मीटिंग के दौरान ही महंत राजेन्द्र तिवारी जिन्हें लोग प्यार से बबलू भैया भी कहते हैं आ गये थे। इनका भी काशी की गंगा जमुनी तहज़ीब को बढ़ावा देने में बड़ा योगदान है और निष्पक्ष व निर्भीक बातों के लिए जाने जाते हैं। अंत में दिवंगत महंत कुलपति तिवारी के पुत्र ने मुस्लिम समुदाय द्वारा जताई जा रही एकजुटता के लिए आभार प्रकट किया। इस प्रतिनिधिमंडल में मुफ्ती साहब के साथ शमशेर अली, नक़ीब आलम, ऐजाज़ मोहम्मद इसलाही, एसएम यासीन (संयुक्त सचिव अंजुमन मसाजिद इंतेजामिया कमेटी) आदि थे।

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