रविवार, 16 जून 2024

पहले रब की बारगाह में सिजदा, फिर अल्लाह की राह में होगी कुर्बानी

यहां जानिए क्या है बकरीद का इतिहास, क्यों की जाती है कुर्बानी 


Varanasi (dil India live)। बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की नमाज सोमवार को पूरी अकीदत के साथ अदा की जाएगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे, इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने न सिर्फ सख्त हिदायत दी है बल्कि ईदगाहों का उन्होंने मुआयना भी किया और जरुरी दिशा निर्देश दिया।

बता दें कि कुर्बानी का यह त्योहार ईद-उल-फित्र के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार पर मुस्लिम नमाज पढ़ने के बाद बकरा, भेड़, दुंबा आदि जानवरों की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी का सिलसिला अल-सुबह फज्र की नमाज के बाद शुरू हो जाएगा। बकरीद की विशेष नमाज के लिए  ईदगाह से लेकर छोटी, बड़ी सभी मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी कर ली गई है। नमाज सुबह पौने 6 बजे से 11 बजे के बीच अदा की जाएगी। काजी-ए-शहर बनारस मौलाना जमील अहमद ने अमन और मिल्लत के साथ ईदुल अजहा का पर्व मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी का वीडियो या गोश्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करे, अम्न और मिल्लत के साथ त्योहार मनाएं।

गोश्त का तीन हिस्सा

बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह के नाम पर छोटे बड़े जानवरों की कुरबानी देते हैं। कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक खुद के इस्तेमाल के लिए, दूसरा गरीबों के लिए और तीसरा अजीजो के लिए लिए। वैसे ज्यादातर लोग सभी हिस्सों को गरीबों में बांट देते हैं। 

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए ख्वाब में आदेश दिया कि हजरत इब्राहीम अपनी सबसे अजीज चीज़ की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनके बेटे हजरत इस्माईल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले गये। हज़रत इब्राहीम ने हज़रत इस्माईल को जैसे ही जेबा करने के लिए समंदर के पास लिटाया, छूरी ने हज़रत इस्माईल कि गर्दन पर चलने से इंकार कर दिया। कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए कुर्बानी के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये। तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जा रहा है।ईद-उल-अजहा की नमाज सोमवार को पूरी अकीदत के साथ अदा की जाएगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे, इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने न सिर्फ सख्त हिदायत दी है बल्कि ईदगाहों का उन्होंने मुआयना भी किया और जरुरी दिशा निर्देश दिया।

बता दें कि कुर्बानी का यह त्योहार ईद-उल-फित्र के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार पर मुस्लिम नमाज पढ़ने के बाद बकरा, भेड़, दुंबा आदि जानवरों की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी का सिलसिला अल-सुबह फज्र की नमाज के बाद शुरू हो जाएगा। बकरीद की विशेष नमाज के लिए  ईदगाह से लेकर छोटी, बड़ी सभी मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी कर ली गई है। नमाज सुबह पौने 6 बजे से 11 बजे के बीच अदा की जाएगी। काजी-ए-शहर बनारस मौलाना जमील अहमद ने अमन और मिल्लत के साथ ईदुल अजहा का पर्व मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी का वीडियो या गोश्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करे, अम्न और मिल्लत के साथ त्योहार मनाएं।

किस मस्जिद में क्या है नमाज का वक्त 

मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क में सुबह 10.30 बजे बकरीद की नमाज मौलाना जकीउललाह अब्दुल कादरी अदा करायेंगे तो शाही मस्जिद ज्ञानवापी में 7.30 बजे मौलाना अबुल आखिर नोमानी नमाज पढ़ाएंगे। मस्जिद रंग ढलवां फाटक शेख़ सलीम में 7बजे मौलाना जाहिद, मस्जिद उल्फत बीबी अर्दली बाजार में कारी साकिब सुबह 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद कम्मू खां डिंठोरी महाल में मौलाना शमसुद्दीन साहब सवा 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे। ऐसे ही छोटी मस्जिद डिठोरी महाल सुबह 7.30 बजे हाफिज शाहरूख तो शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार में 8.30 बजे, मौलाना तौसीफ अली बकरीद की नमाज की इमामत करेंगे। मस्जिद डिप्टी जाफ़र बख़्त, शिवाला‌ में बक़रीद की नमाज़ मौलाना मुहम्मद हुसैन 9 बजे पढ़ाएंगे। फुलवरिया की मस्जिद -ए-नूरी में 7.30 बजे नमाज होगी। मस्जिद जियापुरा लल्लापुरा में मो. मोइनुद्दीन अंसारी 7 बजे नमाज अदा कराएंगें।ईदगाह हकीम सलामत अली में 7.30 बजे बकरीद की नमाज होगी। मुगलिया शाही मस्जिद बादशाह बाग में मौलाना हाफिज हसीन अहमद हबीबी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे, मस्जिद टकटकपुर में 7 बजे मौलाना अजहरुल कादरी नमाज अदा कराएंगें तो मस्जिद याकूब शहीद लंका नगवां में 6.45 बजे हाफिज मोहम्मद ताहिर तो चमेली की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:15 बजे मौलाना रेयाज़ अहमद क़ादिरी, छंगा बाबा की मस्जिद कच्ची बाग में 6:30 बजे मौलाना लतीफ अहमद सेराजी, रहीम दमड़ी की मस्जिद कच्ची बाग़ 6:30 बजे मौलाना नसीर अहमद सेराजी, दाल की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना निहालुद्दीन सेराजी, गुलरोग़न की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना रिज़वान अहमद ज़ियाई, मीनार वाली मस्जिद, पीली कोठी 6:00 बजे मौलाना मक़सूद अहमद क़ादिरी नमाज अदा कराएंगें। मस्जिद नई बस्ती गौरीगंज में हाफिज परवेज़ 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद राजातालाब में 7 बजे ही मौलाना जुल्फेकार नमाज अदा कराएंगें। शाही जामा मस्जिद नवाब टोंक नारायण पुर, यूपी कालेज में मौलाना गुलाम रसूल रिज़वी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे।

ऐसे ही मस्जिद रज़ा मदनपुरा 7 बजे, जहांगीर मस्जिद हटिया मदनपुरा 6.45 बजे, डोमन की मस्जिद मदनपुरा 6 बजे, मस्जिद बरतले मदनपुरा में 6.30 बजे नमाज अदा होगी। शिवाला की मस्जिद अब्दुल रहीम खां में 7.30 बजे नमाज होगी तो नूरी रिजवी मस्जिद नरिया में सुबह 8 बजे नमाज होगी।

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