शुक्रवार, 26 जनवरी 2024
अब 29 से खुलेगा स्कूल
Varanasi (dil India live). बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पाठक ने बताया है कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में भीषण ठंड व शीतलहर को देखते हुए समस्त परिषदीय विद्यालय समस्त मान्यता प्राप्त सीबीएसई बोर्ड आईसीएसई बोर्ड समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालय कल दिनांक 27 जनवरी को कक्षा 1 से 8 तक बंद रहेंगे। परिषदीय विद्यालयों में अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक अनुदेशक शिक्षामित्र उपस्थित रहेंगे एवं प्रशासनिक कार्य करते रहेंगे।समस्त खंड शिक्षा अधिकारी उक्त आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। 28 रविवार है इसलिए अब स्कूल 29 जनवरी से खुलेगा।
26 January 2024: शान से लहराया तिरंगा
वाराणसी में 75 वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर पुलिस लाइन में बोले भारत विश्व का सबसे युवा देश
मंडलायुक्त ने कमिश्नरी परिसर तथा जिलाधिकारी ने राइफल क्लब में ध्वजारोहण किया
Varanasi (dil India live)। देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश-प्रदेश के साथ जनपद में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न उच्चाधिकारियों द्वारा अपने परिसरों में ध्वजारोहण किया गया। जनपद का मुख्य कार्यक्रम पुलिस लाइन मैदान में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर उपस्थित रहे। आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण के उपरांत परेड की सलामी ली गयी तथा विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम को भव्य रूप दिया गया। मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर द्वारा परेड की सलामी ली गयी इस दौरान उन्होंने जवानों के जोश को देखते हुए प्रसन्नता जाहिर करते हुए उनकी हौसलाअफजाई भी की। इस दौरान उनके साथ पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन तथा अपर पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा भी गाड़ी पर सवार रहे। पुलिस कमिश्नर द्वारा सभी को इस दौरान संविधान संकल्प की शपथ भी दिलायी गयी। मुख्य अतिथि ने गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में बोलते हुए सभी को अपनी बधाईयाँ प्रेषित करते हुए सभी से राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने माँ भारती की रक्षा हेतु अपने प्राण न्यौछावर करने वाले तथा सीमाओं की रक्षा हेतु डटे वीर जवानों को भी नमन किया। मुख्य अतिथि ने संविधान निर्माताओं के संकल्पों को दोहराते हुए सभी से भारतीय संविधान के प्रति श्रद्धा रखने को कहा। उन्होंने नये भारत की बात करते हुए वर्तमान सरकार के प्रयासों को रखा जिसमें भारत ने ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बनने के गौरव को हासिल किया है तथा 2027 तक विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने के अपने संकल्पों के प्रति अग्रसर भी है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है जिसके कारण ही पूरा विश्व आज भारत के युवा शक्ति की तरफ देख रहा है। उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के प्रधानमंत्री के संकल्पों को दोहराते हुए अगले 25 वर्ष के अमृतकाल में युवाओं, भारत के गावों के रोल की बात भी इसमें रखी। उन्होंने कहा कि आजादी के असली मायने आज परवान चढ़े हैं जिसमें भारत निराशा के माहौल से बाहर आ चुका है। अंत में उन्होंने उन्होंने परेड की विभिन्न टुकड़ियों के प्रदर्शन पर भी अपनी शुभकामनायें प्रेषित करते हुए शानदार परेड पर सभी नवजवानों की मुक्तकंठ प्रसंशा भी की।
कमिश्नर ने फहराया तिरंगा
डीएम ने किया झंडारोहण
स्माइल मुनिया ने मनाया गणतंत्र दिवस
स्माइल मुनिया की ओर से राष्ट्रीय बालिका दिवस एवं गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में बालिकाओं के साथ आज़ादी के तराने कार्यक्रम मौर्य भवन में आयोजित किया गया। संस्थापिका अंजलि अग्रवाल ने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए संकल्प दिलाया कि जरूरतमंद बच्चियों को सशक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस अवसर पर देश भक्ति के गीत प्रस्तुत किए गए तथा बालिकाओं को ठंड को देखते गर्म कपड़े एवं पढ़ाई का समान इत्यादि वितरित किया गया। निशा अग्रवाल के संयोजन में हुए कार्यक्रम में सरोज राय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। शाइस्ता, सुषमा, विनीता, जयंती, सलोनी, प्रीती इत्यादि अनेक सदस्य मौजूद थी।
मदरसा ख़ानम जान में मना गणतंत्र दिवस
चर्च ऑफ बनारस में 26 जनवरी की धूम
चर्च ऑफ बनारस में 26 जनवरी धूमधाम के साथ मनाई गई। इस दौरान मुख्य अतिथि आईएसीसी के चेयरमैन शिशिर उपाध्याय ने आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला। चर्च के पास्टर बीएन जान ने क़ौमी एकता, सौहार्द पर जोर दिया। उन्होंने इस राष्ट्रीय पर्व की संक्षेप में व्याख्या प्रस्तुत की। विकास मिश्रा ने देश के संविधान का इतिहास, आजादी की लड़ाई और हमारे जश्न मनाने की परम्परा पर प्रकाश डाला। सुदेशना, सुसान जॉन, आशीष गुप्ता, मिलन अलेक्जेंडर, रेनु जायसवाल, उर्मिला स्मिथ, खुशी एंड टीम ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों में देश भक्ति की भावना का संचार किया।
सुल्तान क्लब में लहराया शान से तिरंगा
डीएवी में एनसीसी कैडेटों ने दी परेड की सलामी
डी.ए.वी. पी.जी. काॅलेज में शुक्रवार को 75 वाँ गणतंत्र दिवस समारोह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातःकाल महाविद्यालय के स्व. पी.एन. सिंह यादव क्रीड़ा प्रांगण में मंत्री/प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव एवं कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल ने ध्वजारोहण किया। राष्ट्रगान के उपरान्त महाविद्यालय के एनसीसी कैडेटों ने मार्चपास्ट कर कदम से कदम मिलाकर प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव एवं कार्यकारी प्राचार्य तथा एनसीसी 89 यूपी बटालियन में मेजर प्रो. सत्यगोपाल जी को सलामी दी। इस अवसर पर उप प्राचार्य प्रो. समीर कुमार पाठक, डाॅ. राहुल, चीफ प्राक्टर डाॅ. इंद्रजीत मिश्रा, प्रो. मिश्रीलाल आदि सहित महाविद्यालय के समस्त अध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र - छात्राएॅ उपस्थित रहे। ऐसे ही डीएवी इन्टर काॅलेज एवं मानव शिक्षण संस्थान में भी 75 वें गणतंत्र दिवस पर तिरंगा शान से लहराया। मंत्री/प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव ने दोनों जगह प्रातःकाल ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर छात्र - छात्राओं ने वृहद प्रभातफेरी निकाली जो इण्टर काॅलेज से निकलकर लोहटिया, मैदागिन, दारानगर होते हुए वापस काॅलेज परिसर आकर समाप्त हुई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डीएवी इन्टर काॅलेज प्रबन्ध समिति के कोषाध्यक्ष हरिबंश सिंह, नरेन्द्र कुमार सिंह, बचनू प्रसाद, परिक्षित सिंह, सुलाब सिंह, मो. सईद सहित समस्त अध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र - छात्राएॅ उपस्थित रहे।
डर्बीशायर क्लब ने मनाया गणतंत्र दिवस डर्बीशायर क्लब के तत्वदान में गणतंत्र दिवस के 75 वीं वर्षगांठ पर कटरा मिर्जा अचछू दालमंडी में मुख्य अतिथि एसीपी अवधेश पांडेय दशाश्वमेध व प्रभारी निरीक्षक थाना चौक विमल कुमार मिश्रा ने डोर खींचकर झंडा फहराया। गणतंत्र दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर क्लब अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर व मेडल पहनकर सम्मानित किया एसीपी अवधेश पांडेय और प्रभारी निरीक्षक थाना चौक ने अपने विचार में लोगों से आह्वान किया आपस में भाईचारा बनाकर आप लोग रहे। यही हमारी उम्मीद है लोगों से आह्वान किया की व्हाट्स एप फेसबुक पर कोई गलत मैसेज को आगे फॉरवर्ड ना करें बिना सोचे समझे। इस मौके पर दालमंडी चौकी इंचार्ज गौरव सिंह, मोहम्मद यासीन गुड्डू, फरमान इलाही, जीशान हैदर, मोहम्मद हुसैन, मिर्जा हारून, मिर्जा सैफ, सरवर नूर, लाडले हसन, मिर्जा हारीस व हैदर मौलाई आदि मौजूद थे।
बुधवार, 24 जनवरी 2024
शुरू हुआ Hazrat Ali की जयंती का जश्न
Varanasi में कई जगह हुई महफिलें, घर घर हुआ जश्न
Hazrat Ali जयंती पर 25 को टाउन हॉल से निकलेगा जुलूस
दरगाह फातमान में होगा सेमिनार, एकत्रित होंगे सभी धर्म के विद्वान
file photo |
Varanasi (dil India live)। हजरत अली समिति के प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी हाजी सैयद फरमान हैदर ने बताया कि इस वर्ष शेरे खुदा मुश्किल कुशा हजरत अली की जयंती पर हर साल की तरह 25 जनवरी को मनाई जाएगी। इस अवसर पर प्रातः 9:00 जुलूसे मौला अली टाउन हॉल से पूरी शान व शौकत के साथ उठेगा। यह जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ मैदागिन, नीची बाग, चौक, दालमंडी, नई सड़क, पितर कुंडा होता हुआ दरग़ाहे फातमान पहुंचेगा। वहां नमाज के बाद सेमिनार का आयोजन होगा और इस सेमीनार में सभी धर्म के लोग एकत्र होंगे। फरमान हैदर ने बताया कि इस वर्ष मुख्य अतिथि संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र, ईसाई धर्मगुरु बिशप यूजिन जोसेफ, धर्मवीर सिंह सिख समाज से, व प्रोफेसर रमेश चंद्र नेगी तिब्बत यूनिवर्सिटी, मौलाना गुलाम रसूल और बिहार के मशहूर शायर सलीम साहब शिरकत करेंगे। जयंती की पूर्व संध्या पर मौला अली की महफिले सजाई जाएंगी और हर वर्ष मौला अली समिति के द्वारा जो जुलूस उठाया जाता है उसका पैगाम यही होता है कि "अपने हो या पराय सबके साथ हो न्याय "हजरत अली ने इंसाफ के लिए अपनी जान दी थी और जब तक जिंदा रहे वो इंसाफ के लिए लड़ते रहे। फरमान हैदर ने बताया कि हमारे महासचिव डॉक्टर शफीक हैदर हमारे संरक्षक मौलाना शमीम उल हसन, मौलाना ज़मीरुल हसन आदि मौजूद रहेंगे।
सोमवार, 22 जनवरी 2024
Ajmer Sharif me khwaja का उर्स सम्पन्न
केवड़े से महका अजमेरी दरबार
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती गरीब नवाज के दर से लौटने लगा दुनिया का रेला
Ajmer (dil India live). हिंदलवली सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स बड़े कुल की रस्म के साथ इतवार को संपन्न हो गया। दरगाह में बड़े कुल की रस्म पर अकीदतमंदों ने केवड़े और गुलाब जल से ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह शरीफ़ की दीवारों को धोया। जिससे अजमेरी दरबार परिसर महक उठा तो वहीं जायरीन ने दरगाह में हाजिरी लगाकर अपने और अपने परिवार की सलामती और खुशहाली की दुआ मांगी। इस दौरान दरगाह में मुल्क में अमन-चैन, भाईचारे और मोहब्बत के लिए भी दुआएं मांगी गई। ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स पर परंपरागत रस्मे निभाई जाती है। इन रस्मों में सबसे आखरी रस्म बड़े कुल की होती है। इस रस्म के बाद से ही दरगाह में आम दिनों की तरह व्यवस्थाएं शुरू हो जाती है। रविवार को दरगाह में बड़े कुल की रस्म के लिए बड़ी संख्या में जायरीन मौजूद रहे। यूं तो जायरीन ने शनिवार की रात से ही दरगाह की दीवारों को गुलाब जल और केवड़े से धोना शुरू कर दिया था, जिसका सिलसिला रविवार को सुबह के दौरान भी देखने को मिला। यहां सुबह से ही दरगाह में जायरीन ने दरगाह की दीवारों से पानी बोतल में भरते हुए दिखाई दे रहे थे। बताया जाता है कि ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का समापन विधिवत रूप से रजब की 6 तारीख को छोटे कुल की रस्म के साथ हो जाता है। 9 रजब की तारीख को दरगाह में बड़े कुल की रस्म अदा की जाती है। इस रसुमात को गुसल की रस्म भी कहा जाता है।
ये होती है बड़े कुल की रस्म
दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के पूर्व सदर मोईन सरकार ने बताया कि कि कुल की रस्म के तहत दरगाह के खादिम आस्ताने में इत्र और गुलाब जल से मजार शरीफ को गुस्ल देते हैं। इसके बाद परिसर के अहाते को गुलाब जल और केवड़ा से धोया जाता है, वहीं, सूफीयत से जुड़े लोग आस्ताने के बाहर के क्षेत्र को केवड़ा और गुलाब जल से धोते हैं। उन्हें देखकर जायरीन भी केवड़ा और गुलाब जल से दरगाह को धोना शुरू कर देते हैं। सालों से कुल की रस्म के दौरान यही रसुमात होती आई है। जायरीन अपने साथ दरगाह की दीवार पर लगने वाले गुलाब जल और केवड़े के पानी को बोतलों में भरकर लाते हैं. उन्होंने बताया कि 9 रजब को मजार शरीफ को आखरी गुसल दिया जाता है। इस रस्म को कुल की रस्म कहते हैं। इस रसुमात के तहत मजार शरीफ को गुसल दिया जाता है। देश मे अमन चैन खुशहाली के लिए भी ख़ास दुआएं की गई।
कुल की रस्म के साथ उर्स संपन्न
खादिम सैयद फैसल चिश्ती ने कहा कि कुल की रस्म उर्स की आखरी रस्म होती है। इस रस्म के बाद से ही उर्स मेला सम्पन्न हो जाता है और जायरीन का रेला अपने घरों को लौटने लगता हैं। उन्होंने बताया कि कुल की रस्म के दौरान खादिम दरगाह आने वाले हर जायरीन के लिए दुआएं करते हैं। ताकि वो और उनका परिवार सलामत और खुशहाल रहे।
गुरुवार, 18 जनवरी 2024
Ajmer Sharif में बरस रही है रौनक
ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर सूफियाना कलाम सुन कर झूमे अकीदतमंद
Mohd Rizwan
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में उर्स के मौके पर देश के अलग-अलग कोनों से आए शाही कव्वाल अपनी कव्वालियों से अकीदतमंदों का दिल जीत रहे हैं। दरगाह में बीती रात खादिम कुतुबुद्दीन सखी की सदारत में महफिल ए कव्वाली का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर के कव्वालों ने एक से बढ़कर एक कव्वालियां सुनाई।
इस मौके पर सुल्तान नजम, उस्मान गुलफाम, अजीम नाजा, सलीम जावेद, अवेश नजम, इमरान ताज, मुर्शिद आतिश, मेराज वारसी, अनीस नवाब, इरफान नजम, नासिर कादरी सहित अन्य कव्वालों में अपनी बेहतरीन कव्वालियों से समा बांधा। दरगाह के खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि गरीब नवाज के सालाना उर्स के मुबारक मौके पर हर साल ख्वाजा गरीब नवाज की शान में कव्वाली का आयोजन किया जाता है। जिसमें देश के जाने-माने कव्वाल ख्वाजा गरीब नवाज की शान में कव्वाली पेश करते हैं। बीती रात गरीब नवाज की शान में महफिल ए कव्वाली दालान हामिद अली साहब के सैयद कुतुबुद्दीन सखी की सदारत में महफिल का आयोजन किया गया जो अल सुबह तक चला। इस मौके पर देशभर से आए विभिन्न कव्वालों ने एक से बढ़कर एक कव्वालियां और कलाम पेश कर दरगाह में मौजूद अकीदतमंदों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
बुधवार, 17 जनवरी 2024
"मैं हूँ परम पुरख को दासा, देखन आयो जगत तमाशा"
तही प्रकाश हमारा भयो, पटना शहर विखै भव लयो।।
दसवें पातशाह गुरु गोविन्द सिंह के प्रकाशोत्सव पर झूम उठी काशी
-श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया प्रकाश पर्व
Varanasi (dil India live). धर्मरक्षक, सरवंशदानी दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह महाराज का 357 वां प्रकाशोत्सव पौष मास की सप्तमी तिथि बुधवार को वाराणसी के समस्त संगत के सहयोग से एवं गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी द्वारा गुरुद्वारा, गुरुबाग एवं गुरुद्वारा बढीसंगत, नीचीबाग में बड़े ही श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। बाहो प्रगटयो मरद अगंडा वरयाम अकेला, वाहो-वाहो गोविन्द सिंह आपे गुरू चेला, के शबद एवं बोले सो निहाल सत्श्री अकाल का जयकारा गूँजता रहा। दोनों गुरुद्वारों में दरबार साहिब को फूल-मालाओं एवं विद्युतीय झालरों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था। सभी साध संगत ने पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब को मत्था टेका। इससे पहले मंगलवार को शाम 7:00 बजे से 9:30 बजे तक गरुद्वारा, गुरूबाग में हजूरी रागी जत्था भाई रकम सिंह गुरुद्वारा, बड़ीसंगत एवं बाहर से आये रागी जत्थों ने शबद गायन कर संगत को निहाल किया। इसके बाद प्रसाद वितरण हुआ। वहीं बुधवार को प्रातः 3.45 बजे से 4.15 तक गुरुद्वारा बड़ीसंगत, नीचीबाग में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश एवं शहाना स्वागत से पर्व की शुरूआत हुयी। फूलों से सजी पालकी में गुरु ग्रंथ साहिब की उपस्थिति में गुरू प्रेमियों ने परिक्रमा में भाग लिया। प्रातः 4:15 बजे से 5:00 बजे तक नाम सिमरन व 7:00 बजे तक शबद कीर्तन हुआ। 40 दिन से चल रहे श्री अखण्ड पाठ साहिब का लड़ीवार पाठ का समापन, अरदास एवं प्रसाद वितरण हुआ। गुरुद्वारा, गुरुबाग में सबेरे 9:30 बजे से 2:00 बजे तक कीर्तन दीवान सजा। प्रातः 9:30-10:30 बजे तक गुरुनानक इंग्लिश स्कूल व गुरूनानक खालसा बालिका इन्टर कालेज, गुरूबाग एवं गुरुनानक इंग्लिश स्कूल शिवपुर के बच्चों ने शबद गायन किया। प्रातः 10:30-11:00 बजे तक गुरुद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई रंजीत सिंह ने कथा द्वारा व प्रातः 11:00-12:30 बजे तक सिक्ख धर्म के महान् रागी जत्था भाई मेहताब सिंह जालन्धर वाले एवं दोपहर 12:30-2:00 बजे तक भाई सुरजीत सिंह, बंगला साहिब दिल्ली वाले ने शबद कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। विशिष्ट लोगों एवं बच्चों को सिरोपा देकर सत्कार दिया गया। अतिरिक्त. पुलिस आयुक्त सीपी चन्नप्पा, डीसीपी काशी जोन राम सेवक गौतम, सेवानिवृत्त जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा बिहार के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने गुरुबाग में माथा टेक आर्शीवाद लिया। मुख्य ग्रंथी भाई संजीत सिंह ने दीवान समाप्ति के बाद अरदास किया एवं प्रसाद वितरण हुआ तथा गुरू का लंगर अटूट बरताया गया।
मंगलवार, 16 जनवरी 2024
मुनव्वर राना का था बनारस से दिली रिश्ता
जिस्म पर मिट्टी मलेंगे पाक हो जायेंगे हम,
ए ज़मीं एक दिन तेरी खुराक हो जायेंगे
Varanasi (dil India live)। मरहूम शायर मुनव्वर राना का जाना शायरी की दुनिया में बड़ी क्षति है। मुनव्वर राना का बनारस से दिली रिश्ता था। वो बेनियाबाग, पितरकुंडा, सनबीम कालेज व दिन दयाल जलान के यहां मुशायरों व काव्य गोष्ठी में हिस्सा लेने आते रहते थे। चकाचक बनारसी से उनकी नजदीकियां थी। बनारस की अवाम उनकी शायरी की मुरीद थी।
उनके इन्तेकाल पर बनारस में भी अफ़सोस है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव गाज़ीपुर प्रभारी फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट ने कहा कि जिस्म पर मिट्टी मलेंगे पाक हो जायेंगे हम, ए ज़मीं एक दिन तेरी खुराक हो जायेंगे...।
उक्त नेताओ ने मुनव्वर राना की आत्मा की शांति के लिए खिराजे अकीदत पेश करते हुए कहा की उनका जाना अदबी दुनिया का बड़ा नुकसान है। उर्दू अदब में विशेष योगदान के लिए उन्हें शहीद शोध संस्थान उत्तर प्रदेश की ओर से माटी रतन सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार,खुसरो पुरस्कार , मीर तकी मीर पुरस्कार, गालिब पुरस्कार , ज़ाकिर हुसैन पुरस्कार, सरस्वती समाज पुरस्कार सहित कई पुरस्कार से नवाजा गया।उक्त नेताओ कहा की उनके जाने से उर्दू युग व उर्दू अदब की बड़ी क्षति हुई है।
सोमवार, 15 जनवरी 2024
सदी के मशहूर शायर Munawwar Rana सुपुर्द-ए-खाक
फिल्म गीतकार व लेखक Javed Akhtar ने दिया कंधा
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी खिराजे अकीदत पेश करने पहुंचे
Varanasi (dil India live). सदी के मशहूर शायर मुनव्वर राना को आखिरी बिदाई देने फिल्म लेखक व गीतकार जावेद अख्तर सोमवार को लखनऊ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने शायर मुनव्वर राणा के जनाजे में न सिर्फ शामिल हुए बल्कि उनके जनाजे को कंधा भी दिया। इस मौके पर जावेद अख्तर ने कहा कि ''शायरी और उर्दू का यह एक बड़ा नुकसान है... मुझे इसका बेहद अफसोस है। यह नस्ल एक-एक करके जा रही है और इसकी भरपाई नहीं हो पाएगी, उनकी कमी हमेशा खलेगी... उनकी शायरी प्रेरक है, उनके लिखने का अपना अंदाज था। अच्छी शायरी करना मुश्किल है, लेकिन उससे भी ज़्यादा मुश्किल है अपनी लिखी शायरी करना।"
मरहूम मुनव्वर राणा के जनाजे में जावेद अख्तर काफी भावुक दिखे। जावेद अख्तर का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। नेटिजंस जावेद अख्तर के इस वीडियो को देखने भर से काफी भावुक हुए जा रहे हैं।
उनके जनाजे में पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मरहूम मुनव्वर राना के दौलतखाने पर उन्हें खिराजे अकीदत देने पहुंचे। अखिलेश यादव ने कहा, "मुनव्वर राणा देश के बड़े शायर थे... ऐसे शायर बहुत कम होते हैं जो कई मौकों पर बहुत स्पष्ट होते हैं... मैं प्रार्थना करूंगा कि भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने की हिम्मत दें।" इस दौरान मरहूम मुनव्वर राना के जनाजे में लोगों का जनसैलाब उमड़ा।
गौरतलब हो कि मुनव्वर राना का 71 वर्ष की आयु में रविवार मध्यरात्रि दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वो काफी समय से बीमार चल रहे राना यहां संजय गांधी पीजीआई में भर्ती थे। सोमवार को उन्हें लखनऊ के ऐशबाग कब्रिस्तान में सिपुर्द-ए-खाक किया गया। मुनव्वर राना उर्दू साहित्य के बड़े नाम थे। 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे राना को 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था। मुनव्वर राना भले ही मां पर शायरी करने के लिए मशहूर हुए मगर वो ऐसे शायर थे जो हर मौजू पर शायरी करते थे।
मकर संक्रांति पर भीषण ठंड के बीच Ganga में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
गंगा स्नान कर श्रद्धालुओं ने बुलंद की, हर-हर गंगे...की सदाएं
-डीजे की धुन पर हुई पतंगबाजी, गूंजता रहा भककाटा
Varanasi (dil India live)। मकर संक्रांति पर काशी में भोर से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो गया था। इस दौरान कड़ाके की ठंड के बीच लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान हर-हर गंगे के जयकारों से घाट गूंज रहा था। वहीं डीजे की धुन पर काशी में जमकर पतंगबाजी हुई।
संक्रांति पर्व पर सोमवार को यहां सात लाख लोगों ने स्नान किया। मकर संक्रांति पर सोमवार को काशी में भोर से गंगा घाट पर स्नान करने वाले और बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन करने वालों की भीड़ जुटने लगी थी। इससे पूरा गोदौलिया क्षेत्र श्रद्धालुओं से पटा रहा। मंदिर तक लंबी कतार लगी रही। इससे पूरा मंदिर क्षेत्र बाबा के जयकारे से गुंजायमान रहा। त्योहार पर भक्तों की भीड़ को देखते हुए घाट से लेकर मंदिर तक व्यवस्था की गई है। भोर से गंगा तटों पर श्रद्धालु पहुंच गए स्नान कर सूर्य को प्रणाम किया। सूर्यदेव ने सुबह 9:13 बजे धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश किया। भद्राकाल सुबह 9:30 बजे तक रहा। इसलिए गंगा व सरोवरों आदि में स्नान व दान पुण्य का शुभ मुहूर्त 17 मिनट बाद यानी 9:31 बजे से शुरू हुआ। वहीं, कुछ लोगों ने रविवार को ही गंगा स्नान-दानकर मकर संक्रांति मनाया था। मकर संक्रांति के लिए तिलकुट, लाई, चूड़ा की खरीदारी रात तक हुई। बाजार में आए तिल से बने पट्टी, लड्डू, पैकेट बंद गजक आदि की खूब मांग रही। वहीं, बदाम व लइया की पट्टी के अलावा चूड़ा, बतासा, गट्टा व गुड़ की भी खूब बिक्री हुई। दुकानदार चेतगंज के बबलू, लहरतारा के अजय ने बताया कि तिलवा-लइया के दाम में 10 प्रतिशत की तेजी आई है। चेतगंज, लहुराबीर, लंका, सिगरा, विश्वेश्वरगंज, पांडेयपुर, पहड़िया, शिवपुर आदि इलाकों में लगी दुकानों पर भीड़ रही। उधर बड़े बड़े डीजे बजाते हुए लोगों ने खूब पतंगें उड़ाई। पतंगबाजी में पूरा माहौल डूबा नजर आया। बच्चों के साथ ही अधेड़, जवान व बूढ़े भी पतंगबाजी करते नजर आए। आसमान में पेंच क्या लगे की हर तरफ भककाटा...की गूंज सुनाई देती रही। देर शाम तक लोग पतंगबाजी का लुत्फ उठाते दिखाई दिए।
मशहूर शायर मुनव्वर राना नहीं रहे
Lucknow (dil India live)।
“मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना”
“किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई”
“ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया”
“इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है”
“अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कु्छ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है”।
कुछ ऐसी ही शायरी करने वाला इस सदी का मशहूर शायर मुनव्वर राणा का आज इंतेकाल हो गया। वो 71 साल थे। सदी के इस मशहूर शायर लंबे वक्त से बीमारी से संघर्ष कर रहे थे। मुनव्वर राणा ने लखनऊ के पीजीआई में अंतिम सांस ली है। उनके निधन की खबर की पुष्टि उनके बेटे ने की है। मुनव्वर राणा का बनारस से भी गहरा रिश्ता था।
मुनव्वर राणा का जीवन परिचय
मुनव्वर राणा एक भारतीय उर्दू भाषा के कवि, लेखक और उत्तर प्रदेश, भारत के गीतकार हैं। वो अपनी शक्तिशाली और विचारोत्तेजक कविता के लिए जाने जाते रहे हैं जो सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों को संबोधित करती रही है। उन्होंने कविता के कई संग्रह प्रकाशित किए हैं और उनकी रचनाओं को भारत और उसके बाहर व्यापक रूप से सराहा गया है।
दो दर्जन से अधिक पुरस्कारों के विजेता, लखनऊ स्थित मुनव्वर राणा एक अद्वितीय स्वर के साथ भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रशंसित कवियों में से एक हैं। वो हिंदी और उर्दू दोनों में लिखते थे और भारत और विदेशों में मुशायरा हलकों में एक प्रमुख नाम था। उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता ज़बरदस्त 'माँ' थी जिसमें उन्होंने ग़ज़ल की शैली का इस्तेमाल एक माँ के गुणों का गुणगान करने के लिए किया था। उनके कुछ अन्य कार्यों में मुहजिरनामा, घर अकेला हो गया और पीपल छाँव शामिल हैं। उन्हें उनकी कविता पुस्तक, शाहदाबा के लिए प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें अमीर खुसरो पुरस्कार, मीर तकी मीर पुरस्कार, ग़ालिब पुरस्कार, डॉ. ज़ाकिर हुसैन पुरस्कार और सरस्वती समाज पुरस्कार मिल चुके हैं। राणा की कविताओं का हिंदी, उर्दू, गुरुमुखी और बांग्ला में भी अनुवाद और प्रकाशन हुआ है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के एक गांव में हुआ था। विभाजन की उथल-पुथल के दौरान, उनके अधिकांश करीबी रिश्तेदार, जिनमें उनकी चाची और दादी शामिल थीं, पाकिस्तान में सीमा पार कर गए थे। लेकिन उनके पिता ने भारत के प्रति प्रेम के कारण यहां रहना चुना। बाद में, उनका परिवार कोलकाता चला गया, जहाँ युवा मुनव्वर ने अपनी शिक्षा पूरी की। माँ की स्तुति करने के लिए ग़ज़ल शैली का उनका चुनाव उनकी कविता का एक दुर्लभ और उल्लेखनीय पहलू है, क्योंकि ग़ज़लों को पारंपरिक रूप से कविता की एक शैली के रूप में माना जाता था जिसमें प्रेमी एक दूसरे के साथ बातचीत करते थे।
साहित्य में करियर
मुनव्वर राणा उर्दू साहित्य की दुनिया में एक प्रमुख व्यक्ति हैं। उन्होंने एक कवि के रूप में अपना करियर शुरू किया और अपनी अनूठी शैली और शक्तिशाली भाषा के लिए जल्दी ही पहचान हासिल कर ली। उन्होंने अपनी कविताओं के कई संग्रह प्रकाशित किए हैं, जिनमें "खाकान ए इश्क", "मैं नहीं मानता", "सर-ए-वादी-ए-सबा" और "बातें" शामिल हैं। उनका काम अपनी विचारोत्तेजक सामग्री और मजबूत सामाजिक टिप्पणी के लिए जाना जाता है। एक कवि के रूप में अपने काम के अलावा, राणा ने फिल्म और टेलीविजन के लिए गीतकार के रूप में भी काम किया है। उन्होंने कई लोकप्रिय फिल्मों और टीवी शो के लिए गीत लिखे हैं, और उनके गीत उनकी भावनात्मक गहराई और शक्तिशाली प्रभाव के लिए जाने जाते हैं।
राजनीतिक विचार
मुनव्वर राणा अपनी शक्तिशाली और विचारोत्तेजक कविता के लिए जाने जाते हैं जो अक्सर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाती है। उन्हें आधुनिक उर्दू शायरी में अग्रणी आवाज़ों में से एक माना जाता रहा है और उन्हें भ्रष्टाचार, भेदभाव और सामाजिक अन्याय जैसे संवेदनशील विषयों के स्पष्ट और अप्रकाशित उपचार के लिए भी जाना जाता है।
अपने पूरे करियर के दौरान, मुनव्वर राणा ने महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और यथास्थिति को चुनौती देने के लिए एक मंच के रूप में अपनी कविता का उपयोग किया है। वो विवादास्पद विषयों पर अपने निर्भीक और निडर दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे, और उनके काम ने कई लोगों को प्रेरित और सशक्त किया है। राणा के सामाजिक और राजनीतिक विचार उनके साहित्यिक कार्यों से निकटता से जुड़े हुए हैं, और उन्हें व्यापक रूप से आधुनिक उर्दू कविता में सबसे प्रभावशाली आवाज़ों में से एक माना जाता है।
मुनव्वर राणा एक प्रसिद्ध उर्दू कवि और गीतकार हैं जिन्होंने उर्दू साहित्य को काफी प्रभावित किया है। उन्हें समकालीन उर्दू शायरी में प्रमुख आवाज़ों में से एक माना जाता है और वो अपनी तीक्ष्ण और विचारोत्तेजक शायरी के लिए प्रसिद्ध हैं जो अक्सर राजनीतिक और सामाजिक विषयों को संबोधित करती हैं। राणा ने अपने करियर के दौरान साहित्य और कला में अपने योगदान के लिए अनगिनत सम्मान और पुरस्कार अर्जित किए हैं, और वो आज भी कवियों और कलाकारों के लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं।
रविवार, 14 जनवरी 2024
सब गरीबों के मददगार, ख्वाजा मोइनुद्दीन ग़रीब नवाज़....
अंजुमन गरीब नवाज के डायस पर गूंजा नूरानी कलामVaranasi (dil India live). सब गरीबों के मददगार, ख्वाजा मोइनुद्दीन ग़रीब नवाज़...., व तू हम पे भी करम कर दे, सरकार ग़रीब नवाज़, सरकार ग़रीब नवाज़...।
अंजुमन गरीब नवाज हंकार टोला की ओर से जश्ने ईद मिलादुन्नबी में कुछ ऐसे ही कलाम शनीवार की रात से इतवार की सुबह तक गूंजते रहे। बैरूनी व मकामी अंजुमनों ने शिरकत कर एक से एक नात-ए-पाक का नजराना पेश किया। अंजुमन मुजाहीदीने-ए-रसूल कोटवा, अंजुमन कारवाने हरम लोहता, अंजुमन मुहिब्बाने अहले बैत सराय हड़हा, अंजुमन फिरदौसे अदब चाहमामा, अंजुमन शाहे मदीना सप्तसागर, अंजुमन फारुखिया भीखा शाह गली, अंजुमन सेराजूल इस्लाम छित्तनपुरा, अंजुमन अनवारे रहमत कपड़ा मार्केट, अंजुमन रजा-ए-मुस्तफा कर्णघण्टा, अंजुमन चिरागे इस्लाम मऊ, अंजुमन आमदे रसूल पड़ाव, अंजुमन नूरे इस्लाम काजी सदुल्लापुरा, अंजुमन दावते इस्लाम खजुरी कालोनी, अंजुमन गौसे-ए-पाक नई सड़क, अंजुमन हक्कानीया टांडा, अंजुमन गुलामाने अहलैबेत रेवड़ी तालाब, अंजुमन इरफानिया पठानी टोला, अंजुमन पैगाम-ए-अहले बैत लल्लापुरा, अंजुमन जानिसार-ए-मुस्तफा टाँडा, अंजुमन गुलामान-ए-वारिस खजुर वाली मस्जिद, अंजुमन गुलशन-ए-रसूल लोहता, अंजुमन सुन्नते रसूल सरैय्या, अंजुमन गौसिया फैजाबाद, अंजुमन मुजाहिदीने ईस्लाम कोटवा, अंजुमन गुलामान-ए- रिजविया मऊ, अंजुमन फलाहेदिन फाटक शेख सलीम, अंजुमन ईलाहिया कोयला बाजार, अंजुमन खुद्दामे खैरूल अनाम राजापुरा, अंजुमन तकरीबात-ए-ईस्लाम सराय हड़हा, अंजुमन अलविया जौनपुर, अंजुमन तर्जुमाने ईस्लाम सराय हड़हा, अंजुमन गुलामान-ए-साहबा अंबिया मण्डी, अंजुमन फारूकिया कुत्बन शहीद,
अंजुमन बाग-ए-रसुल आदि अंजुमनों ने अपने अपने अंदाज में नूरानी कलाम पेश किया।सैफ, फ़ैज़ खां, शाह आलम, तनवीर कुरैशी, अमन खां, जैनुल व जंगी आदि व्यवस्था संभाले हुए थे।
शनिवार, 13 जनवरी 2024
Gharib Nawaz Relief Foundation ने जाना ठंड से कांपते लोगों का हाल
गर्म कपड़े बांटकर जीएनआरएफ ने कड़कड़ाती ठंड में दी जरुरतमंदों को फौरी राहत
Varanasi (dil India live)। दावते इस्लामी इंडिया का फ्रंटल संगठन गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन द्वारा सर्दी की कड़कड़ाती ठंड में जरूरतमंद लोगों को कंबल व गर्म कपड़े बांटकर फ़ौरी राहत देने की कोशिश की गई। इसअभियान में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड तथा रोड किनारे, फुटपाथ पर सो रहे बेघर लोगों, रिक्शा चालकों व अन्य जरुरतमंदों आदि को गर्म कपड़े वितरण किया गया। गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन द्वारा पूरे देश में गर्म कपड़े बांटने का अभियान चलाया जा रहा है। इस मौके पर गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन के डा. साजिद अत्तारी, ने बताया कि फाउंडेशन द्वारा समय समय पर वृक्षारोपण, राशन वितरण, फ्री मेडिकल कैम्प, गर्मी में ठंडे पानी आदि की जरुरतमंदों व राहगीरों की खिदमत की जाती है। इस मौके पर डा. मुबससिर, डा. साजिद, अफ़रोज़ अत्तारी, हाफिज शाहनवाज बरकाती,जुलकरनैन बरकाती, नुरुजजमन अत्तारी, मो. सलीम, कारी इरफान, शाहजान अत्तारी आदि मौजूद थे।
Ajmer Sharif : ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी का उर्स
दरगाह की मजार से उतरा संदल, जन्नती दरवाजे पर उमड़े ख्वाजा के दीवाने
Ajmer (dil India live). सुफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812 वें उर्स से ठीक पहले दरगाह में संदल उतारे जाने की रस्म अदा की गई। रात को दरगाह में खिदमत के वक्त ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से खादिमों ने संदल उतारा गया व संदल को आम जायरीन को तकसीम किया गया। अकीदतिमंदों की मानें तो मजार शरीफ से उतारे गए संदल में रूहानियत होती है। संदल से शरीर की ऊपरी बीमारियों में शिफा मिलती है। ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह का उर्स रजब का चांद दिखने के साथ ही शुरू हो गया। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि साल भर मजार शरीफ पर चढ़ने वाला संदल उतारा गया। दूर-दूराज से जायरीन मजार शरीफ से उतारे गए चंदन को लेने के लिए आते हैं। सकी बताते हैं कि मजार शरीफ से उतारे गए संदल को पानी में पीने से बड़ी से बड़ी बीमारियों में शिफा मिलती है। ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वाले संदल को अपने साथ लेकर जाते हैं।
घर परिवार, रिश्तेदारो में किसी की बीमार होने पर वह पानी के साथ संदल पीने के लिए देते हैं। यही वजह है कि संदल को पाने के लिए जायरीन में होड़ लगी रहती है। दरगाह के खादिम अपने पास भी संदल रखते हैं, जो दरगाह में वर्ष भर आने वाले जायरीन को आवश्यकता होने पर देते हैं।
मिट्टी के प्यालों में चढ़ता है संदल
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में साल भर दिन के समय खिदमत के दौरान चंदन मिट्टी के प्यालों में भरकर मजार पर चढ़ाया जाता है। खुद्दाम ए ख्वाजा अपनी और जायरीन की ओर से संदल पेश करते हैं, साथ ही दरगाह आने वाले जायरीन के लिए दुआएं की जाती हैं। साल भर में मजार पर बड़ी मात्रा में संदल जमा हो जाता है।
जन्नती दरवाजा खुलते उमड़े अकीदतमंद
साल में चार मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा आम जायरीन के लिए खोल दिया गया। रात से ही जायरीन की कतार जन्नती दरवाजे के बाहर लग गई थी। मान्यता है कि जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में ख्वाजा गरीब नवाज की जियारत करने वाले को जन्नत नसीब होती है। यही वजह है कि जायरीन में जन्नती दरवाजे से होकर जियारत करने की होड़ मची रही।
रौशनी से जगमगा उठी दरगाह
उर्स के मद्देनजर दरगाह में मौजूद हर इमारत को शानदार रोशनी से रोशन किया गया है। दरगाह के निजाम गेट रोशनी से सजाया गया है। इसी तरह दरगाह की सबसे ऊंची इमारत बुलंद दरवाजे पर भी रंग-बिरंगी रोशनी लगाई गई है। लंगर खाने, महफिल खाने, शाहजहानी मस्जिद, गुम्बद शरीफ पर भी शानदार रोशनी की सजावट है। रात के वक्त ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह दुल्हन की तरह सजी हुई नजर आ रही है। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812 वें उर्स से ठीक पहले दरगाह में संदल उतारे जाने की रस्म अदा की गई.रात को दरगाह में खिदमत के वक्त ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से खादिमों ने संदल उतारा।
समाजवादी छात्र सभा बलिया के जिला सचिव बने रययान
विधायक मोहम्मद रिजवी के नजदीकी मोहम्मद रययान के जिला सचिव बनने से सपा में उत्साह
Baliya (dil India live) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अनुमति से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व ई.विनीत कुशवाहा की संस्तुति से बलिया जिले के सीवान कला निवासी मोहम्मद रययान को समाजवादी छात्र सभा का जिला सचिव नियुक्त किया गया है। विधायक मोहम्मद रिजवी के नजदीकी रययान की नियुक्ति से क्षेत्र के सपा व उसके विभिन्न आनुवंशिक संगठनों के कार्यकर्ताओं में उत्साह है। इस दौरान संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं शुभचिंतकों द्वारा मोहम्मद रेयान को बधाई देने का क्रम जारी है। बधाई देने वाले प्रमुख लोगों में विधायक मो.ज़ियाउद्दीन रिज़वी भी शामिल हैं। उक्त जानकारी जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने दी बताया कि संगठन की मजबूती के लिए कुछ अन्य नियुक्ति भी की गई है।
गुरुवार, 11 जनवरी 2024
आखिर कब रुकेगा घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का खुलेआम दुरुपयोग
दुकानों पर खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां
- Sarfaraz Ahmad
Varanasi (dil India live)। शहर व आसपास के इलाकों में खुलेआम रसोई गैस के मानक की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आलम यह है कि जगह-जगह होटल सराय और सड़क की दुकानों पर कमर्शियल सिलेंडर की जगह घरेलू रसोई गैस का इस्तेमाल इन जगहों पर आम हो चला है। शहर के व्यस्ततम इलाकों में से एक सिगरा आईपी माल के ठीक सामने फास्ट-फूड की दुकान पर घरेलू रसोई गैस सिलेंडर लगाकर खुलेआम प्रशासन की आंख में धूल झोंका जा रहा है। ऐसे ही पुलिस के नाक के नीचे भी सारे नियम और कानून ताक पर रख दिया गया है। सिगरा थाने के
के ठीक सामने घरेलू गैस सिलेंडर लगाकर खाने पीने की दुकान चलाई जा रही है। इनका पुलिस भी कुछ नहीं करती। ऐसे ही तेलिया बाग मस्जिद के बगल में मिठाई की दुकान पर भी रसोई गैस सिलेंडर का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है मगर इन्हें बोलने वाला कोई नहीं है। कमोवेश यही स्थिति इंग्लिशिया लाइन, महमूरगंज, रथयात्रा, लंका, अस्सी, दशाश्वमेध आदि में भी इस तरह के मामले देखे जा सकते हैं। सवाल यह है कि जब कोई हादसा होता है तो प्रशासन निंद्रा से जाग उठता है और क्ई सवालात खड़े हो जाते हैं अगर वक्त रहते इस पर लगाम कस जाएं तो हादसे ने हों और रसोई गैस सिलेंडर की काला बाजारी भी रूक जाए।
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बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...
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मुकम्मल की कुरान तो हाफिज साहेब को मिला इनाम में Varanasi (dil India live). अमूमन मस्जिदों में मुक़द्दस रमजान की खास नमाज़ तरावीह मुकम्मल कर...
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