फिल्म गीतकार व लेखक Javed Akhtar ने दिया कंधा
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी खिराजे अकीदत पेश करने पहुंचे
Varanasi (dil India live). सदी के मशहूर शायर मुनव्वर राना को आखिरी बिदाई देने फिल्म लेखक व गीतकार जावेद अख्तर सोमवार को लखनऊ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने शायर मुनव्वर राणा के जनाजे में न सिर्फ शामिल हुए बल्कि उनके जनाजे को कंधा भी दिया। इस मौके पर जावेद अख्तर ने कहा कि ''शायरी और उर्दू का यह एक बड़ा नुकसान है... मुझे इसका बेहद अफसोस है। यह नस्ल एक-एक करके जा रही है और इसकी भरपाई नहीं हो पाएगी, उनकी कमी हमेशा खलेगी... उनकी शायरी प्रेरक है, उनके लिखने का अपना अंदाज था। अच्छी शायरी करना मुश्किल है, लेकिन उससे भी ज़्यादा मुश्किल है अपनी लिखी शायरी करना।"
मरहूम मुनव्वर राणा के जनाजे में जावेद अख्तर काफी भावुक दिखे। जावेद अख्तर का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। नेटिजंस जावेद अख्तर के इस वीडियो को देखने भर से काफी भावुक हुए जा रहे हैं।
उनके जनाजे में पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मरहूम मुनव्वर राना के दौलतखाने पर उन्हें खिराजे अकीदत देने पहुंचे। अखिलेश यादव ने कहा, "मुनव्वर राणा देश के बड़े शायर थे... ऐसे शायर बहुत कम होते हैं जो कई मौकों पर बहुत स्पष्ट होते हैं... मैं प्रार्थना करूंगा कि भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने की हिम्मत दें।" इस दौरान मरहूम मुनव्वर राना के जनाजे में लोगों का जनसैलाब उमड़ा।
गौरतलब हो कि मुनव्वर राना का 71 वर्ष की आयु में रविवार मध्यरात्रि दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वो काफी समय से बीमार चल रहे राना यहां संजय गांधी पीजीआई में भर्ती थे। सोमवार को उन्हें लखनऊ के ऐशबाग कब्रिस्तान में सिपुर्द-ए-खाक किया गया। मुनव्वर राना उर्दू साहित्य के बड़े नाम थे। 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में जन्मे राना को 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था। मुनव्वर राना भले ही मां पर शायरी करने के लिए मशहूर हुए मगर वो ऐसे शायर थे जो हर मौजू पर शायरी करते थे।
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