शुक्रवार, 4 जुलाई 2025

8 Mahe Muharram: UP k Varanasi se निकला आठवीं मोहर्रम का तुर्बत व अलम

...अर्शे बरी हिल गया गिरने से अलम के

आंसुओं का नज़राना सुन उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की याद हुई ताज़ा 



Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). चाहमाहमा स्थित ख्वाजा नब्बू के इमामबाड़े से कदीम आठवीं मोहर्रम का तुर्बत व अलम का जुलूस अपनी पुरानी परंपराओं के अनुसार कार्यक्रम संयोजक सैयद मुनाज़िर हुसैन 'मंजू' के ज़ेरे एहतमाम उठा। जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए अब्बास मूर्तज़ा शम्सी ने मौला अब्बास की शहादत बयान किया।


जुलूस उठने पर लियाकत अली खां व उनके साथियों ने सवारी शुरू की- "जब हाथ कलम हो गए सक्काए हरम के, और अर्शे बरी हिल गया गिरने से अलम के" जुलूस चाहमामा होते हुए दालमंडी स्थित हकीम साहब के अज़ाख़ाने पर पहुँचा जहां से अंजुमन हैदरी चौक बनारस ने नौहाख्वानी शुरू करी - "अब्बास क्या तराई में सोते हो चैन से" जिसमें शराफत हुसैन, लियाकत अली खां, साहब ज़ैदी, शफाअत हुसैन शोफी, मज़ाहिर हुसैन, राजा व शानू ने नौहाख्वानी की। जुलूस दालमंडी, खजुर वाली मस्जिद, नई सड़क, फाटक शेख सलीम, काली महल, पितरकुंड, मुस्लिम स्कुल होते हुए लल्लापूरा स्थित फ़ातमान के लिए देर रात रवाना हुआl 

पूरे रास्ते उस्ताद फतेह अली खां व उनके साथियों ने शहनाई पर आंसुओं का नज़राना पेश किया। फ़ातमान से जुलूस पुनः वापस मुस्लिम स्कुल, लाहंगपूरा , रांगे की ताज़िया, औरंगाबाद, नई सड़क कपड़ा मंडी,कोदई चौकी, सर्राफा बाजार, टेढ़ी नीम, बांस फाटक, कोतवालपूरा, कुंजीगरटोला, चौक,दालमंडी,चाहमामा होते हुए इमामबाङे में समाप्त होगा।

दादा की परंपरा को पौत्र ने रखा कायम 

दादा भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की शहनाई पर आंसुओं का नज़राना पेश करने की परम्परा को पौत्र आफाक हैदर ने कायम रखते हुए शहीदों की याद में शहनाई पर मातमी धुन पेश किया। हर साल मोहर्रम पर चांद की 8 तारीख को रात्रि 2:00 बजे भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान इसी दरगाहे फातमान में अपने जीवन में चांदी की शहनाई से आंसुओं का नजराना पेश करते थे। वो कर्बला के शहीदों के लिए मातमी धुन बजाते थे आज उनकी परंपरा उनके पोते अफाक हैदर दादा की परंपरा को कायम रखते हुए शहीदों की याद में शहनाई पर मातमी धुन पेश किया। इस दौरान,अब्बास क्या तरही में सोते हो अकबर का लाशा नहीं उठ सकेगा हुसैन से..., डूबता जाता है कहीं दिल ऐसा तो नहीं, दस्त गुरबत में नबी का कुनबा तो नहीं...पेश किया । इस दौरान जाकिर हुसैन, नाजिम हुसैन, अददार हुसैन व  शकील अहमद जादूगर हमें काफी लोग मौजूद थे।


अर्दली बाजार से निकला दुलदुल व अलम

सैय्यद जियारत हुसैन के अंर्दली बाजार तार गली स्थित इमामबारगाह से 8 वीं मोहर्रम दुलदुल अंलम, ताबूत का जुलूस शुक्रवार को निकला। संयोजक इरशाद हुसैन "शद्दू" के अनुसार जुलूस अपने कदीमी (पुराने) रास्ते से होकर उल्फत बीबी हाता स्थित स्व.मास्टर जहीर साहब के इमामबाड़े पर समाप्त होगा। जुलूस में अंजुमन इमामिया नौहा व मातम करती चल‌ रही थी। जुलूस में इरशाद हुसैन सद्दू, जफर अब्बास, दिलशाद, जीशान, फिरोज, अयान, अमान, शाद, अरसान, दिलकश, मीसम आदि मौजूद थे।

आठवीं पर घर-घर हाजिरी कि नज़र 

आठ मोहर्रम 1447 हिजरी को देश दुनिया के साथ शहर बनारस में भी हुसैनी लश्कर के अलमदार बहुत सारी दुनिया में वफ़ा की पहचान हजरत अब्बास की याद में मजलिस का आयोजन हुआ। शहर में सैकड़ों मजलिस आयोजित की गई।काली महल और माताकुंड में मजलिस को खिताब करते हुए शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने कहा इमाम हसन के भाई मौला अली के बेटे और लश्कर हुसैनी के अलमदार जिनकी वफा का जिक्र आज तक सारी दुनिया में होता है और उनके नाम के साथी जुड़ गया है अब्बास बा वफा उनकी याद में शहर भर में मजलिस हुई और घर-घर हाजिरी की नज़र भी दिलाई गई। लोगों ने एक नारा खास है अब्बास है अब्बास है। और नौहा मातम के जरिए लोगों ने खिराज अकीदत पेश किया। शहर के अर्दली बाजार, पठानी टोला, रामनगर, शिवाला, गौरीगंज, दालमंडी आदि में कई सारे जुलूस उठाए गए। जिसमें शहर के 28 अंजुमन ने अपने-अपने तरीके से नौहा मातम किया व शहनाई पर भी इमाम हुसैन के गम के नौहे सुन कर खिराज अकीकत पेश की गई। कुछ जुलूस दरगाह फातमान और सदर इमामबाड़ा पहुंचे वहीं कुछ जुलूस हसन बाग टेंगरा मोड़। कुछ जुलूस कुमहार के इमामबाड़े और कुछ जुलूस शिवाले घाट जाकर ठंडे हुए। बताया कि 5 जुलाई को शहर भर में इमाम चौक पर ताजिया रख दिया जाएगा कई जगह मजलिस होगी कई जगह गस्ती आलम उठाया जाएगा देश दुनिया के साथ हमारे शहर बनारस में भी या हुसैन की सदा गूंजती रहेगी।


Mahe Muharram 2025: UP K Varanasi में अपर पुलिस आयुक्त ने परखी सुरक्षा व्यवस्था

मोहर्रम के जूलूसों की सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था के दृष्टिगत किया फुट पेट्रोलिंग


Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय, कमिश्नरेट वाराणसी शिवहरी मीना, द्वारा कमिश्नरेट वाराणसी में मोहर्रम पर निकलने वालो जूलूसों की सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था के दृष्टिगत चौकाघाट से नाटी इमली, बड़ीबाजार, दोषीपुरा मैदान, नक्खीघाट होते हुए लाट सरैया तक एवं आस पास के संवेदनशील स्थानों पर एएसचेक टीम, डाग स्क्वाड एवं पुलिस बल के साथ पैदल गश्त करते हुए चेकिंग/निरीक्षण किया गया। उक्त निरीक्षण के दौरान यातायात व्यवस्था की अनुपालन न करने वाले एवं अतिक्रमण करने वाले के विरूद्ध कठोरता से विधिक कार्यवाही किए जाने एवं माहर्रम को शान्तिपूर्ण वातावरण में सकुशल सम्पन्न कराये जाने के लिए संबंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। इस दौरान ताजियादारों, इमामबाड़ों के अगुआ से संवाद किया गया। उक्त निरीक्षण के दौरान गौरव वंशवाल, पुलिस उपायुक्त, काशी-जोन, सरवणन टी. अपर पुलिस उपायुक्त, काशी-जोन, डा. ईशान सोनी, सहायक पुलिस आयुक्त, चेतगंज, सतानन्द पाण्डेय, सहायक पुलिस आयुक्त, अभिसुचना एवं सम्बन्धित थाना प्रभारी एवं  चौकी प्रभारी उपस्थित थे। 

बजरडीहा में फ्लैग मार्च 

मोहर्रम और मोहर्रम पर निकलने वाले तमाम जुलूस को शांति पूर्वक सम्पन्न कराने के लिए डीसीपी क्राइम द्वारा बजरडीहा में फ्लैग मार्च किया गया। इस दौरान सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान भी फ्लैग मार्च में शामिल थे। पुलिस अधिकारियों ने लोगों से संपर्क व संवाद किया।






Shahi Masjid Mathura को विवादित ढांचा घोषित करने से हाईकोर्ट का इनकार

शाही ईदगाह मस्जिद पर हिंदू पक्ष को हाईकोर्ट से लगा झटका 

Sarfaraz Ahmad 

Allahabad (dil India live)। मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्र की एकल खंडपीठ ने आज यह फैसला सुनाया है। हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कोर्ट से मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में आज फैसले पर सबकी नजरें थी। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की अर्जी खारिज कर दी। इसमें मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की याचिका खारिज कर दी गई है। हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कहा था कि वहां पहले मंदिर था और मस्जिद होने का कोई साक्ष्य शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष न्यायालय में पेश नहीं कर सका है। हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने इतिहास की पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा था कि वहां पहले मंदिर था। महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वहां पर मस्जिद होने का कोई साक्ष्य आज तक शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष न्यायालय में पेश नहीं कर सका। फिर इसे मस्जिद क्यों कहा जाए। इसलिए मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया जाए मगर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था जिस पर आज फैसला दिया। 

गुरुवार, 3 जुलाई 2025

Varanasi Main आठवीं को उठेगा Khwaja Nabbu के इमामबाड़े से तुर्बत व अलम

उस्ताद के घराने वाले पेश करेंगे शहनाई से आंसुओं का नज़राना 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). वाराणसी के चाहमाहमा स्थित ख्वाजा नब्बू साहब के  इमामबाड़े से कदीमी आठवीं मोहर्रम का तुर्बत व अलम का जुलूस अपनी पुरानी परंपराओं के अनुसार कार्यक्रम संयोजक सैयद मुनाज़िर हुसैन 'मंजू' के ज़ेरे एहतमाम   उठेगा l जुलूस के पूर्व मजलिस को खिताब करेगे अब्बास मूर्तज़ा शम्सी। जुलूस उठने पर लियाकत अली खां व उनके साथी सवारी पढेगे। जुलूस में अंजुमन हैदरी चौक बनारस नौहाख्वानी व मातम करेगी।

जुलूस दालमंडी, खजुर वाली  मस्जिद, नई सड़क, फाटक शेख सलीम, काली महल, पितरकुंड, मुस्लिम स्कुल होते हुए लल्लापूरा स्थित फ़ातमान पहुँचेगा  फ़ातमान से जुलूस पुनः वापस मुस्लिम स्कुल, लाहंगपूरा , रांगे की ताज़िया, औरंगाबाद, नई सड़क कपड़ा मंडी,कोदई चौकी, सर्राफा बाजार,  टेढ़ी नीम, बांस फाटक, कोतवालपूरा, कुंजीगरटोला, चौक, दालमंडी, चाहमामा होते हुए इमामबाङे में समाप्त होगा। जुलूस में पूरे रास्ते उस्ताद के घराने वाले साथियों संग शहनाई पर मातमी धुन पेश करेगे। उक्त कार्यक्रम की जानकारी कार्यक्रम संयोजक सैयद मुनाज़िर हुसैन 'मंजू' ने मीडिया को दी।

9 वीं मोहर्रम को रवायत के साथ उठेगा Dulhe ka khadimi Julus

हज़रत दूल्हा कासिम नाल कमेटी की बैठक में नयी परम्परा कायम न करने का ऐलान 

शिवाला की बैठक में जुटे कमेटी और पुलिस प्रशासनिक अधिकारी 

  • Sarfaraz Ahmad 
Varanasi (dil India live)। हज़रत दूल्हा कासिम नाल कमेटी के सदर परवेज़ कादिर खां की अगुवाई में 9 वीं मोहर्रम की मध्यरात्रि को आग पर दौड़ने वाला दूल्हे का जुलूस शिवाला से अपनी रवायतों के साथ उठेगा। जुलूस में कोई भी नयी परम्परा नहीं कायम की जाएगी। इन्हीं बातों पर जुलूस कमेटी के सदस्यों की पुलिस प्रशासन के साथ जगजीवनराम आश्रम शिवाला में बैठक हुई।
नौंवी मोहर्रम को हजरत कासिम नाल दूल्हा कमेटी द्वारा उठाए जाने वाले दूल्हे के जुलूस को लेकर मीटिंग में एसीपी भेलूपुर, प्रभारी निरीक्षक, क्राइम इंस्पेक्टर भेलूपुर व चौकी प्रभारी अस्सी व तमाम आवाम की मौजूदगी थी।

बैठक में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह रिवायती जुलूस है। जुलूस शांति पूर्वक निकले इसके लिए कमेटी भी पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। इस पर दूल्हा कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि बेशक जुलूस शिवाला से उठता है और कमेटी सदैव पुलिस प्रशासन का सहयोग करती रही है और इस बार भी करेगी। पदाधिकारियों ने कहा कि जुलूस दूल्हा कमेटी निकाल कर आवाम के हवाले कर देती है जुलूस में शामिल लोग इसे लेकर आगे बढ़ते हैं। जुलूस में अगर कोई भी शांति भंग करने की कोशिश करता है तो उसके लिए वो स्वयं जिम्मेदार होगा। ऐसे लोगों को कमेटी खुद पुलिस के हवाले करेंगी। इसलिए जुलूस शांति पूर्वक और रवायतों के साथ निकालें। जुलूस अपने निर्धारित रास्तों से ही जाएगा।


गोसाईगंज के MLA Abhay Singh को Varanasi Court से बड़ी राहत

तब कैंट थाना क्षेत्र के नदेसर पर टकसाल सिनेमा के समीप चली थी गोली

धनंजय सिंह को जान से मारने की नियत से हुई थी अंधाधुंध गोलीबारी 

पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने बतौर आरोपित तलब करने के लिए दिया था अदालत में प्रार्थना पत्र


सरफराज अहमद 

Varanasi (dil India live)। कैंट थाने के गैंगस्टर एक्ट के मामले में गोसाईगंज के बाहुबली विधायक अभय सिंह को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) सर्वजीत कुमार सिंह की अदालत ने पीड़ित पूर्व सांसद धनंजय सिंह की ओर से गैंगस्टर एक्ट में अभय सिंह को बतौर आरोपित तलब तलब किए जाने संबंधी प्रार्थना पत्र को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। साथ ही अदालत ने इस मामले में बहस के लिए अगली तिथि 8 जुलाई नियत कर दी। अदालत में अभय सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दीनानाथ सिंह व वरुण प्रताप सिंह ने पक्ष रखा। 

बता दें कि 4 अक्टूबर 2002 को जौनपुर के पूर्व सांसद व तत्कालीन विधायक धनंजय सिंह अपने कुछ साथियों के साथ सफारी गाड़ी से एक मरीज को देखकर वापस जौनपुर लौट रहे थे। वह जैसे ही कैंट थानान्तर्गत नदेसर क्षेत्र में स्थित टकसाल सिनेमा हॉल के समीप पहुंचे, तभी बोलेरो गाड़ी से अभय सिंह अपने 4-5 साथियों के साथ उतरे और ललकारते हुये साथियों के साथ धनंजय सिंह को जान से मारने की नियत से अंधाधुंध गोली चलाने लगे। इस घटना में तत्कालीन विधायक धनंजय सिंह, गनर, ड्राइवर समेत अन्य लोग घायल हो गए। वहीं अचानक गोलियां चलने से वहां भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी। सूचना पाकर तत्काल मौके पहुंची पुलिस ने घायलों को मलदहिया स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया। इस बीच मौके से सभी हमलावर फरार हो गये। इस घटना के बाद पुलिस ने संदीप सिंह संजय रघुवंशी, विनोद सिंह और सतेन्द्र सिंह ववलू के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।


इसी गैंगस्टर एक्ट के मामले में पीड़ित पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने विधायक अभय सिंह को बतौर आरोपित कोर्ट में तलब करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। जिसे सुनवाई के बाद अदालत ने खारिज कर दिया।

6 Mahe Muharram:UP के Varanasi में निकला Muharram का ऐतिहासिक जुलूस

कच्चीसराय से निकला चार सौ साल कदीमी दुलदुल का जुलूस 

Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). छठवीं मोहर्रम को विश्व प्रसिद्द तकरीबन 40 घंटे तक चलने वाला चार सौ साल कदीमी दुलदुल का जुलूस कच्ची सराय (दालमंडी) इमामबाड़े से उठाया गया। इस जुलूस में कई मशहूर बैंड भी मौजूद थे, जो मातमी धुन बजाते हुए चल रहे थे। जुलूस कच्चीसराय से उठकर विभिन्न रास्तों से होते हुए लल्लापुरा स्थित दरगाह फातमान पहुंचा। इसके बाद वापस चौक होता हुआ मुकीमगंज, प्रह्लादघाट, कोयला बाजार, चौहट्टा होते हुए लाट सरैया के लिए रवाना हुआ। वहां से 8 मोहर्रम की सुबह वापस आकर कच्ची सराय के इमामबाड़े में ही समाप्त होगा। यह जुलूस लगातार 6 से 8 मोहर्रम तक चलता रहता है।



लोगों का कहना है मोहर्रम का यह जुलूस महज़ जुलूस ही नहीं बल्कि उस दौर का इतिहास भी अपने भीतर समेटे हुए है जब इन्हीं जुलूसों में छुपकर आजादी के दीवाने एक मुहल्ले से दूसरे मोहल्ले पहुंच जाते थे और अंग्रेज अपना हाथ मलते रहते थे। आठ थाना क्षेत्रों में यह जुलूस आज भी तकरीबन चालीस घंटा चक्रमण करता है। छठवीं मोहर्रम को विश्व प्रसिद जुलूस में मशहूर बैंड का मातमी दस्ता मातमी धुन बजाते हुए चल रहा था। 

जुलूस नयी सड़क, शेख सलीम फाटक, काली महल, पितरकुण्डा, लल्लापुरा होता हुआ दरगाह-ए-फातमान पहुंचा जहां कुछ देर रूकने के बाद पुनः जुलूस चेतगंज, पियरी, कवीरचौरा, नवाब की ज्योढ़ी औसानगंज, दोषीपुरा, दारानगर, सदर इमामबाड़ा, लाट सरैया, पठानी टोला, हनुमान फाटक, चौहट्टा लाल खां, मुकिमगंज, गायघाट, पक्का महाल, चौक और दालमण्डी होते हुए ४२ घंटे तक चल कर वापस कच्चीसराय पहुंचकर समाप्त होगा। 

जुलूस में मुख्य रूप से मिर्जा जफर हसन (एडवोकेट), सगीर हसन, हैदर मौलाई, साजिद हुसैन, इमरान जैदी, सैयद आफाक हैदर, रेहान हसन, जरगम हैदर, शारिक हुसैन, कैफी आजमी, हैदर अब्बास चांद, सैयद सकलैन हैदर, शकील अहमद जादूगर आदि शामिल थे। 

शेख सलीम फाटक में बाल का मातम आज 

सातवीं मोहर्रम पर गुरुवार को बारह बजे दिन में शेख सलीम फाटक स्थित रिजवी हाउस पर महिलाएं बाल का मातम करेगी। मजलिस का आगाज मोहतरमा नुजहत फरमान मजलिस को खिताब करेगीं। इस दौरान नौहाख्वानी मातम अंजुमन हैदरी निस्वां करेगी।


दूल्हा कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक आज 

दूल्हा कमेटी के सदर परवेज कादिर खां ने कहा है कि दूल्हा कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक जुमेरात की शाम शिवाला में होगी। बैठक में सभी इलाकों के मेम्बर्स और वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी हिस्सा लेंगे। सभी मेम्बर्स को समय से बैठक में आने को कहा गया है।

बड़ी व छोटी मेहंदी का जुलूस

चौहट्टा लाल खां इलाके से मोहर्रम के सातवें रोज़ छोटी मेहंदी व बड़ी मेहंदी के दो कदीमी जुलूस निकाला जाता है। इसमें बड़ी मेहंदी का जुलूस सदर इमामबाड़ा जाकर देर रात सम्पन्न होता है। ऐसे ही अलम व तुर्बत का जुलूस ख्वाजा नब्बू साहब के चहमामा स्थित इमामबाडा से कार्यक्रम संयोजक सयेद मुनाजिर हुसैन मंजू के संयोजन में आठवीं मोहर्रम को रात 8:30 बजे उठेगा। जुलूस उठने पर शराफत अली खां साहब, लियाकत अली साहब व साथी सवारी पढेंगे। जुलूस दालमंडी पहुचने पर अंजुमन हैदरी चौक नौहा ख्वानी व मातम शुरू करेगी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होकर फातमान पहुंचेगा और पुनः वापस अपने कदीमी रास्तों से होते हुए चहमामा स्थित इमामबाडे  मे आकर एक्तेदाम पदीर होगा। जुलूस में पूरे रास्ते उस्ताद फतेह अली खां व साथी शहनाई पर मातमी धुन पेश करेंगे। उधर वरुणापार के अर्दली बाजार में सैय्यद जियारत हुसैन के तारगली स्थित इमामबारगाह से 8 वीं मोहर्रम को दुलदुल, अंलम, ताबूत का जुलूस 4 जुलाई शुक्रवार रात्रि 10 बजे उठेगा। जुलूस अपने कदीमी (पुराने) रास्ते से होकर उल्फत बीबी हाता स्थित स्व.मास्टर जहीर साहब के इमामबाड़े पर समाप्त होगा। जुलूस में अंजुमन इमामिया नौहा व मातम करेंगी। यह जानकारी इरशाद हुसैन "शद्दू" ने दी है।