सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

Kumbh भक्ति एवं आस्था संग आध्यात्मिक एवं नैतिक चेतना जागृत करने वाला महामेला

महाकुंभ-सनातन दृष्टि विषयक संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने रखे विचार 

Varanasi (dil India live). महाकुंभ का पर्व केवल भक्ति एवं धार्मिक आस्था का स्नान पर्व तथा सनातनी महोत्सव नहीं है। यह भक्ति एवं आस्था के साथ ज्ञान-विज्ञान, योग और भोग, संग्रह एवं त्याग का विवेक विकसित करने वाला विशुद्ध आध्यात्मिक एवं नैतिक चेतना को जागृत करने वाला एक महामेला है। आज संपूर्ण मनुष्यता के समक्ष जो भौतिक-अभौतिक तत्व चुनौती बनकर खड़े हैं उनमें से अधिकांश का निराकरण आस्था के इस महासंगम से संभव हो सकता है। यह एक ऐसा सांस्कृतिक अनुष्ठान है जो असंख्य प्राणियों को अस्ति -नास्ति के द्वंद से मुक्त कर आत्मिक सबलता प्रदान करता है।


भारतीय जनमानस की आस्था के आख्यान पर्व पर केंद्रित वाराणसी के कमच्छा स्थित वसंत कन्या महाविद्यालय में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित ‘महाकुंभ- सनातन दृष्टि’ शीर्षक एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में यह बातें वक्ताओं ने कही।

आयोजन में विशेषज्ञों द्वारा आत्मिक शांति एवं आध्यात्मिक विकास के लिए भारत की ओर देख रहे संपूर्ण विश्व की दृष्टि की परिकल्पना, कारण तथा उद्देश्य पर गहन विमर्श किया गया। जिसके उद्घाटन सत्र में सनातन धर्म की विराट चेतना को संदर्भित करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों के स्वागत से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करते हुए १४४ वर्ष पर होने वाले महाकुंभ के पौराणिक और खगोलीय महत्व को बताने के साथ इसे सनातन धर्म की परंपरा का संवाहक बताया। आपने महाविद्यालय की प्रेरणा स्रोत डॉ एनी बेसेंट की पुस्तक सनातन धर्म का भी उल्लेख किया जिसका आज की युवा पीढ़ी द्वारा अध्ययन किया जाना चाहिए।


मुख्य अतिथि आई. सी .एस .एस. आर.,एन .आर .सी. ,नई दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. हीरामन तिवारी ने आभासी माध्यम से इतिहास और भारतीय परम्पराओं में महाकुंभ की स्थिति को बताते हुए जनमानस के आध्यात्मिक संरचना के निर्माण का उल्लेख किया। मुख्य वक्तव्य के रूप में श्रोताओं ने एस. वी .डी. वी. (का. हि. वि.वि.) के प्रो. विनय कुमार पाण्डेय के विचारों को सुना। उन्होंने ग्रहों की स्थितियों को बतलाते हुए गणितीय आधार से कुभ के महात्म्य को स्पष्ट किया। अध्यक्षीय संबोधन भोजपुरी अध्ययन केंद्र (बीएचयू) के संस्थापक, पूर्व कुलपति, एस. एस. पी. यू.,भिलाई एवं हिंदी विभाग (बीएचयू) के भूतपूर्व अध्यक्ष प्रो. सदानंद शाही द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि मोक्ष विशिष्ट होने में नही बल्कि सामान्य होने में है तथा यही कुंभ आयोजन की सार्थकता है। साथ ही उन्होंने महाविद्यालय को काशी में इस तरह के विषय पर होने वाले प्रथम बौद्धिक समागम के लिए बधाई दी।


प्रो. बृजभूषण ओझा ने संगम की बात करते हुए सरस्वती को अंतःसलिला कहा जो संतों की वाणी में दृष्टिगोचर होती है। प्रो. धर्मेन्द्र कुमार दूबे ने इतिहास में उल्लिखित कुंभ संस्कृति की चर्चा की वहीं प्रो. एन.के. मिश्रा ने महाककुंभ से होने वाले आर्थिक लाभ एवं प्रबंधन की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया। प्रो. भास्कर भट्टाचार्या ने आध्यात्मि ऊर्जा के वैज्ञानिक महत्त्व पर व्याख्यान देते हुए ग्रहों के दशा से उत्पन्न आई आर विकिरणों की बात करते हुए कुंभ में स्नान के महत्व को रेखांकित किया। 


समापन सत्र में डाॅ. नन्दिता शास्त्री ने कहा कि कुंभ मेला आध्यात्मिक से कहीं बढ़कर संस्कृतियों, परंपराओं और भाषाओं का एक जीवंत मिश्रण है, जो एक ‘लघु भारत’को प्रदर्शित करता है, जहाँ लाखों लोग बिना किसी औपचारिक निमंत्रण के एक साथ आते हैं। विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि 2017 में यूनेस्को द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता प्राप्त, कुंभ मेला बहुत अधिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। तीर्थयात्री न केवल आध्यात्मिक अनुष्ठानों की एक श्रृंखला में शामिल होंगे, बल्कि एक ऐसे सफर पर भी निकलेंगे जो भौतिक, सांस्कृतिक और यहाँ तक कि आध्यात्मिक सीमाओं से परे है। शहर की जीवंत सड़कें, चहल-पहल भरे बाजार और स्थानीय व्यंजन इस अनुभव में एक समृद्ध सांस्कृतिक परत जोड़ते हैं।

नई दिल्ली से आभासी माध्यम से जुड़़े प्रो. राकेश उपाध्याय ने बताया कि प्रयागराज का समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताना-बाना, अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ मिलकर तीर्थयात्रियों को आस्था, एकता और भक्ति का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है । आयोजन की सतर्क योजना और परंपरा के साथ आधुनिक तकनीक का मेल कुंभ मेले को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है जो बड़े पैमाने पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समारोहों की मेजबानी के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित करेगा। 

काशी के मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि 2025 का महाकुंभ मेला भारत की स्थायी आध्यात्मिक विरासत और विविधता और सद्भाव का जश्न मनाने की उसकी प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली प्रतीक बना रहेगा।

कार्यक्रम का संचालन प्राचीन भारतीय इतिहास की सहायक आचार्य डॉ. आरती चैधरी द्वारा किया गया। संगोष्ठी की संयोजिका द्वय प्रो. पूनम पाण्डेय एवं डॉ. नैरंजना श्रीवास्तव रहीं। यह संगोष्ठी चार सत्रों में संचालित हुई जिसमें समानांतर चल रहे तकनीकी सत्रों में लगभग 100 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को दी गई एल्बेंडाजोल दवा

एल्बेंडाजोल की दवा वर्ष में दो बार खाएं- रेखा उपाध्याय

  • Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। विकासखंड चिरईगांव के प्राथमिक विद्यालय गौराकला में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष में बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई साथ ही स्वच्छ रहने के प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर पर इंचार्ज प्रधानाध्यापिका रेखा उपाध्याय ने बताया कि सरकार की तरफ से सभी बच्चों को वर्ष में दो बार एल्बेंडाजोल की गोली निःशुल्क खिलाई जाती है, इसको चबाकर खाया जाता है। विद्यालय में बच्चे गोली खाने के लिए बड़े उत्सुक दिखे। इस मौके पर अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक ने कहा कि 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को पेट के कीड़े की दवा जरूर खानी चाहिए ,अधिकांश बच्चों में पेट से संबंधित अधिक बीमारियों का खतरा होता है जिसके कारण बच्चों में खून की कमी ,कुपोषण ,मितली उलटी व दस्त होना तथा वजन में कमी होना जैसे दुष्प्रभाव होते हैं, क्योंकि ज्यादातर बच्चे बाहर खेलते समय कब किस चीज को हाथ लगाते हैं उनको पता ही नहीं होता। इन्हीं लापरवाही के कारण बच्चों में अधिक पेट की बीमारियां होती हैं।

        इस अवसर पर इस अवसर पर इंचार्ज प्रधानाध्यापिका रेखा उपाध्याय, अटेवा के ज़िला उपाध्यक्ष डॉ. एहतेशामुल हक, सादिया तबस्सुम,अनीता सिंह, शशिकला, प्रमिला सिंह, ज्योति कुमारी, शक्ति कुमारी, रीना, रीता, सोनी, आशा, त्रिलोकी प्रसाद गुप्ता छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।

शनिवार, 8 फ़रवरी 2025

वसंत कन्या महाविद्यालय में MOOCs & SWAYAM पर दो दिवसीय कार्यशाला

SWAYAM कोर्स के महत्व एवं उसके सफल निष्पादन पर डाला प्रकाश 

Varanasi (dil India live)। वसंत कन्या महाविद्यालय में MOOCs & SWAYAM विषय पर आधारित द्वि-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन IQAC सेल द्वारा किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने वर्तमान परिदृश्य में SWAYAM कोर्स के महत्व एवं उसके सफल निष्पादन हेतु शिक्षिकाओं एवं शोधार्थियों को प्रेरित किया। कार्यशाला के प्रथम दिन महाविद्यालय की शिक्षिकायें क्रमशः डाॅ॰ शुभ्रा सिन्हा (मनोविज्ञान विभाग), डाॅ. सुप्रिया सिंह (अंग्रेजी विभाग) एवं डाॅ. आरती चौधरी (प्रा.भा.इ.स. एवं पुरातत्व विभाग) ने प्रस्तुत विषय में व्याख्यान दिए। डाॅ॰ शुभ्रा सिन्हा ने MOOCs & SWAYAM कोर्स की रूपरेखा तथा इसके four quadrant approach को विस्तार से बताया। डाॅ. सुप्रिया सिंह एवं डाॅ. आरती चौधरी ने SWAYAM पोर्टल पर पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु को बनाने, उसके सम्पादन और प्रस्तुति सम्बन्धी तकनीकी जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि कैसे ‘नैपकिन’ जैसे AI टूल्स के प्रयोग से अपने प्रस्तुतीकरण को अधिक सटीक तथा आकर्षक बनाया जा सकता है।

सत्र के दूसरे दिन प्रो. आशुतोष मोहन, प्रबन्ध शास्त्र संकाय एवं कोर्स कोआर्डिनेटर, SWAYAM, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने SWAYAM पोर्टल पर कोर्स बनाने की विधि, आवेदन की प्रक्रिया, रिकाॅर्डिंग संबंधी जानकारी, मूल्याकंन एवं परीक्षा संबंधी संपादन को विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि SWAYAM पोर्टल पर कोर्स बनाने के लिये यह आवश्यक है कि अपने व्याख्यान में एक ही भाषा का प्रयोग किया जाय, हिंग्लिश का नहीं। उन्होंने रिकाॅर्डिंग के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों तथा OER (Open educational resources) के बारे में जानकारी दी। काॅपीराइट विषय पर चर्चा करते हुए creative commons के विषय में भी बताया। कार्यक्रम का संचालन IQAC की को-कोआर्डिनेटर डाॅ॰ नैरंजना श्रीवास्तव द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन IQAC की कोआर्डिनेटर डाॅ. शशिकला द्वारा किया गया। इस अवसर पर समस्त शिक्षक/शिक्षिकाओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया।

Sonbhadra cricket academy का आशुतोष ने किया उद्घाटन

सोनभद्र की प्रतिभाएं भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगी क्रिकेट प्रतियोगिताएं 


Sonbhadra (dil India live). आज दुगौलिया में स्थित सेन्ट पॉल्स स्कूल के परांगण में सोनभद्र क्रिकेट ऐकेडमी का उद्‌घाटन आस्ट्रेलिया से आये आशुतोष मिश्रा व उनकी पत्नी श्वेता मिश्रा द्वारा किया गया। दोनों दम्पति qucence land cricket में आफिसर के रूप में सेवा दे रहे है। उन्होने अपने सम्बोधन में कहा भारत को क्रिकेट खेल जोड़ता है और आने वाले समय में सोनभद्र के बच्चे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में भाग ले। इसके लिए मैं अपना पुरा योग्यदान दूंगा।


 इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में सम्पूर्ण डवलेपमेन्ट इण्डिया के डायरेक्टर बीएन जान ने अपने सम्बोधन से बच्चों को उत्साहित किया तथा सेंट पॉल्स स्कूल के प्रिंसीपल  तीग्गा गोरेती भी उपस्थित थी। उन्होंने भी अपने सम्बोधन से बच्चो का हौसला बढ़ाया। इस कार्यक्रम में उपस्थित धर्मवीर, लवकुश, प्रसात, अभिषेक सोनिया, सील्ब सिल्विया, पूनम, रामसुन्द,र बन्द्र प्रकाश, चन्द्रशेखर, ममता, सरोज, बच्चेलाल, रेन्नू, राजकुमार और सोनभद्र क्रिकेट एकेडमी के कोच  विकास मिश्रा भी मौजूद थे।

अक्षय शर्मा को दस्तारे उर्दू व अल्फिया को रिदाये उर्दू award

भाषा के प्रसार में धर्म की कोई भूमिका नहीं-डॉक्टर आफ़ताब अहमद आफ़ाक़ी






Varanasi (dil India live). मदर हलीमा फ़ाउंडेशन के माध्यम से नई दिल्ली के नेशनल काउंसिल फ़ॉर प्रोमोशन ऑफ़ उर्दू लैंग्वेज के एक वर्षीय उर्दू डिप्लोमा के छात्र-छात्राओं को मदर हलीमा सेंट्रल स्कूल में प्रमाण पत्र वितरित किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर आफ़ताब अहमद आफ़ाक़ी (अध्यक्ष उर्दू विभाग बीएचयू) ने कहा कि भाषा धर्म के प्रसार का साधन तो हो सकती है, लेकिन भाषा के प्रसार में धर्म की कोई भूमिका नहीं। किसी भी भाषा को धर्म और राष्ट्र से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उर्दू का पहला दीवान एक गैर-मुस्लिम शायर का था, साथ ही बीएचयू के उर्दू और अरबी विभाग के प्रमुख भी गैर-मुसलमान रह चुके हैं। आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में भी उर्दू के क्षेत्र में सभी तरक्की के रास्ते खुले हुए हैं। विशिष्ट अथिति नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल मंजूर आलम ने भी छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए। अक्षय शर्मा को दस्तारे उर्दू एवं अल्फिया को रिदाये उर्दू से सम्मानित किया गया। फाउंडेशन के प्रबंधक नोमान हसन खान ने काउंसिल और इस कोर्स के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और मेहमानों का दिली इस्तेक़बाल किया। आयोजन में शबाना उस्मानी ने उर्दू की रोशनी को जलाए रखने की अपील की। फाउंडेशन के संस्थापक मरहूम सुलेमान आसिफ के बेटे इरफान हसन ने  कार्यक्रम किअध्यक्षता की। फराह जमाल ने गज़लें पेश कीं जिसे लोगों ने खूब सराहा। इस मौके पर जहां इस्मत जहां ने धन्यवाद दिया वहीं मशहूर यूटयूबर इमरान हसन ने खूबसूरत मंच संचालन किया।

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025

Vasant Kanya महाविद्यालय आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा होंगे अनेक कार्यक्रम

V.K.M की प्राचार्य रचना श्रीवास्तव ने जारी किया पूरा शिड्यूल

Varanasi (dil India live)। वसन्त कन्या महाविद्यालय कमच्छा में प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव की अगुवाई में फरवरी माह में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इस संबंध में पत्रकारों से बातचीत में वी.के.एम की प्राचार्य रचना श्रीवास्तव ने बताया कि  10 फरवरी को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित महाकुम्भः सनातन दृष्टि विषयक एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी महाविद्यालय सभागार में आयोजित होगी जिसमें उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. हीरामन तिवारी होंगे। संगोष्ठी में सनातन के प्रतीक के रूप में ‘महाकुम्भ’ के विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। समापन सत्र में मुख्य वक्ता भारतीय जन संचार संस्थान में हिन्दी पत्रकारिता के निदेषक प्रो. राकेश उपाध्याय होंगे। संगोष्ठी की संयोजिका प्रो. पूनम पाण्डेय और डाॅ. नैरंजना श्रीवास्तव हैं। ऐसे ही 11 फरवरी को महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग और डी0ए0वी0पी0जी0 काॅलेज के संयुक्त तत्वावधान में अंग्रेजी नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 15 फरवरी को प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग द्वारा आनलाईन माध्यम से आदिवासी जनसमूहों के नृतत्व शास्त्रीय  अध्ययन विषयक विशेष व्याख्यान मुख्य वक्ता पुणे विष्वविद्यालय में प्रोजेक्ट सहायिका डाॅ. तिष्यरक्षिता सिंह होंगी। प्राचीन इतिहास विभाग द्वारा ही 21 फरवरी को कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रो. सुष्मिता बसु मजूमदार का एक व्याख्यान होना सुनिश्चित है  जिसमें छात्राओं को  अभिलेखिकी के महत्व से परिचित कराया जाएगा। 11 से 18 फरवरी के बीच महाविद्यालय के इतिहास विभाग तथा आर्य महिला पी0जी0 काॅलेज, डी0ए0वी0पी0जी0 काॅलेज और वसन्त महिला महाविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से शोध प्रविधि विषय पर सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि अर्थशास्त्र विभाग द्वारा 8 फरवरी को वार्षिक बजट पर छात्राओं के बीच परिचर्चा का आयोजन होगा। इसी अवसर पर डी0ए0वी0पी0जी0 काॅलेज के असोसिएट प्रो0 डा. मयंक कुमार सिंह का व्याख्यान भी होगा। 18 फरवरी से महाविद्यालय की अकादमिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का वृहद मंच खुल जायेगा और विभिन्न प्रतियोगिताओं का रंगारंग आयोेजन सर्जना प्रकोष्ठ द्वारा किया जाएगा। महाविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों को और मजबूत करते हुए 10 दिनों की राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन सुनिश्चित है। जिसमें सामाजिक विज्ञान में एडवांस शोध प्रविधियों और डेटा अनालिसिस पर 20 फरवरी से 28 फरवरी के बीच गहन मंथन होगा। कार्यशाला का संयोजन डाॅ. शुभ्रा सिन्हा और डाॅ. कल्पना आनन्द द्वारा किया गया है। 

महाविद्यालय परिसर में आयोजित इन विभिन्न कार्यक्रमों के अतिरिक्त विभागों द्वारा शैक्षणिक भ्रमण का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें हिन्दी विभाग के निर्देशन में छात्राएँ 8 और 11 फरवरी को क्रमशः राजदरी-देवदरी और प्रसाद भवन जाएंगी।

सुविधाओं और संसाधन के सही उपयोग से बच्चियां पूरे कर सकती हैं अपने सपने: सौम्या सिंह

बेटियों के लिए संचालित आशा लाइब्रेरी एवं स्टडी सेंटर का दूसरा वार्षिकोत्सव 

वार्षिकोत्सव में बच्चियों ने प्रस्तुत किए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम 

बेटियां पढ़े आगे बढ़ें के संकल्प से संचालित की जा रही है ई-लाइबेरी 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, ऑनलाइन कोचिंग क्लास, परीक्षाओं की पुस्तकों, पत्रिकाओं, खेलकूद के सामान की व्यवस्था एक ही छत के नीचे करने के उद्देश्य से सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा भंदहा कला (कैथी) गाँव में संचालित की गई ई लाइब्रेरी एवं स्टडी सेंटर का दो वर्ष पूर्ण होने पर केंद्र से जुड़ी बच्चियों ने वार्षिकोत्सव मनाया।


इस अवसर पर बच्चियों ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. उपस्थित आगंतुकों को सम्बोधित करते हुए आशा के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने बताया संस्था द्वारा बेटियां पढ़ें खूब आगे बढ़ें  का उद्धेश्य लेकर इस केंद्र का संचालन किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की बालिकाएं अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्र की बेहतर सेवा में अपना योगदान दे सकें । आस पास के कई गांवों की लगभग 6 दर्जन बच्चियां केंद्र का नियमित लाभ पूरी तरह निःशुल्क ले रही है । केंद्र पर कक्षा 6 से 12 की बालिकाओं के गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के विशेष शिक्षण की व्यवस्था की गयी है . विशिष्ट अतिथि रणवीर पाण्डेय ने कहा कि ईमानदारी और लगन से लाइब्रेरी में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना आवश्यक है।


मुख्य अतिथि सौम्या सिंह ने कहा कि संस्था द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए उपयोगी कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है जिसका भरपूर उपयोग कर ग्रामीण बच्चियां अपने सपनो को साकार कर सकती है।     


 

इस अवसर पर प्रमुख रूप से कार्यक्रम में संचालन ज्योति सिंह, अध्यक्षता मधुरानी पाण्डेय और धन्यवाद ज्ञापन गीता पाण्डेय ने किया । इस अवसर पर प्रदीप सिंह, साधना पाण्डेय, सरोज सिंह, पूनम, मोनी कुमारी, सुनीता यादव, निक्की,  रंजना, रणवीर पाण्डेय, रूबी, प्रवीण, मीनाक्षी दुबे, मंजरी, रूपांशी, मानवी, पूजा, वन्दना, आरुशी, नेहल, श्रुति, सोनम, गुडिया, विधि, अदिति, ख़ुशी, कशिश,आकांक्षा, सपना, पूनम, स्वाती, रिया  आदि की उपस्थिति रही।