बुधवार, 14 सितंबर 2022
Hazrat Panjabi Shah बाबा के उर्स में जुटेंगे मन्नती
मंगलवार, 13 सितंबर 2022
Hindi का देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में बड़ा योगदान
सुल्तान क्लब ने हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर कि संगोष्ठी
Varanasi (dil india live)। सामाजिक संस्था " सुल्तान क्लब " की से विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार शाम 4 बजे एक गोष्ठी का आयोजन, रसूलपुरा स्थित कार्यालय में संस्थाध्यक्ष डॉ एहतेशमुल हक़ की अध्यक्षता व महासचिव एच हसन नन्हें के संचालन में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री मालवीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मुसर्रत इस्लाम ने कहा कि आजादी के बाद भी देश में अंग्रेजी के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए हर साल 14 सितंबर 1953 ई0 से हिंदी दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। इस भाषा की खास बात यह है कि इसमें जिस शब्द को जिस प्रकार से उच्चारित किया जाता है उसे लिपि में भी उसी प्रकार लिखा जाता है। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान राष्ट्रभाषा हिंदी का स्वाभिमान लोगों में समा चुका था लेकिन आजादी के बाद संविधान में हिंदी की विचित्र स्थिति के कारण दुर्भाग्य से यह भाव पहले की अपेक्षा कमजोर ही हुआ यद्यपि सेना अर्धसैनिक बल रेलवे बैंक बीमा और राज्य व केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों आदि के माध्यम से हिंदी देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बड़ा योगदान दे रही है।
हिन्दी मात्र एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का एक माध्यम है।यह हमारे चिंतन, मनन ,राष्ट्रगौरव और स्वाभिमान के साथ जुड़ी हुई है।राजभाषा हिंदी अब अंतरराषट्रीय भाषा बनने की ओर अग्रसर है ,फेसबुक और व्हाट्स ऐप भी बिना हिंदी से तालमेल बैठाए आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं,हिंदी भाषा में इंटरनेट संचालित करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है,हमें गर्व करना चाहिए कि हम हिन्दी भाषी हैं ।
विशिष्ठ अतिथि जमीअतुल अंसार बनारस के महासचिव इशरत उस्मानी ने कहा कि हमें उर्दू के साथ साथ हिंदी की तरक्की के लिए प्रयासरत रहना चाहिए,हमें उर्दू और हिंदी दोनों से प्यार है।जब हम अपनी बातचीत मे कुछ संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करते है तो वो हिंदी हो जाती है और जब बातचीत मे फ़ारसी के अल्फाज़ का इस्तेमाल करते हैं तो वो उर्दू हो जाती है।हक़ीक़त मे ये दोनों हिंदुस्तानी भाषा है।अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ एहतेशामुल हक ने कहा कि हिंदी और उर्दू ये हिंदुस्तान की ऐसी ज़बान है जैसे लगता है कि दो सगी बहने हैं। हिंदी एक ऐसी ज़बान है जिसने बहुत सी ज़बानो के अल्फाज़ को अपने अंदर समाहित करके अपनी विशालता को और बढ़ाया है।हिंदी के विकास के लिए मेरा विचार है कि उच्च शिक्षा मे भी सभी विषय यथा विज्ञान, कला, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, चिकित्सा को हिंदी मे पढ़ाया जाना चाहिए। कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज मुनीर ने कुरआन की तिलावत से किया,धन्यवाद ज्ञापन अजय कुमार वर्मा ने दिया।
इस अवसर पर अध्यक्ष डाक्टर एहतेशामुल हक, प्रधानाचार्य मुसर्रत इस्लाम, उपाध्यक्ष अजय कुमार वर्मा व महबूब आलम, महासचिव एच हसन नन्हें, सचिव मुस्लिम जावेद अख्तर, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, प्रधानाचार्य अबुल वफ़ा अंसारी, इशरत उस्मानी, अब्दुर्रहमान, खलील अहमद ख़ां, मौलाना अब्दुल्लाह, हाफ़िज़ मुनीर, मुख़्तार अहमद, मुहम्मद इकराम, इरफ़ान मौजूद थे।
सोमवार, 12 सितंबर 2022
Sahitya समाज में संस्कारों और संस्कृति का संवाहक :पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
पीएमजी ने राम बचन सिंह की तीन पुस्तकों का किया विमोचन
Varanasi (dil india live). साहित्य समाज में संस्कारों व संस्कृति का संवाहक है। ऐसे में साहित्यकारों का दायित्व है कि ऐसा लेखन करें जो साहित्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाए। उक्त उद्गार साहित्यकार एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सेवानिवृत्त उप बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री राम बचन सिंह यादव 'बेराही' की तीन पुस्तकों - नायाब नायक कर्ण (खंड काव्य), अंतर्बोध (काव्य संग्रह) और असुरवंश बनाम राजवंश (खंड काव्य) का विमोचन करते हुए व्यक्त किया। लाइफ लाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, आजमगढ़ के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में श्री चंद्रजीत सिंह यादव, उप शिक्षा निदेशक, मिर्जापुर मंडल, प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. अनूप कुमार सिंह, डॉ. गायत्री सिंह, गीता सिंह भी मंचासीन रहे।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि एक तरफ रामायण काल की घटनाओं को सहेजे खंड-काव्य 'असुरवंश बनाम राजवंश' तो दूसरी तरफ महाभारत काल के 'नायाब नायक कर्ण' के जीवन के अंतर्द्वंदों को सहेजे खंड-काव्य की रचना, वहीं जीवन की तमाम अनुभूतियों व संवेदनाओं को सहेजता काव्य संग्रह 'अंतर्बोध' एक कवि के रूप में श्री राम बचन सिंह यादव की आध्यात्मिक व दार्शनिक प्रवृत्ति, सांस्कृतिक विरासत से जुड़ाव, इतिहास बोध का भरपूर ज्ञान और महापुरुषों से युवा पीढ़ी को जोड़ने का सत्साहस दिखाता है। परिस्थिति और ऐतिहासिक चेतना के द्वंद से उबरते हुए उन्होंने लोग-मंगल से जुड़कर युगीन सत्य को भेदकर मानवीयता को खोजने का प्रयत्न किया। श्री यादव ने कहा कि रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों ने ज्ञान, भक्ति और कर्म की त्रिवेणी प्रवाहित कर भारतीय जनमानस को जागृत किया। इनमें जिन प्रगतिशील मूल्यों व समानता के भावों पर बल दिया है, उसे आज बार- बार उद्धृत करने की जरूरत है।
पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि सरकारी सेवाओं में रहते हुए भी साहित्य सृजन का कार्य व्यक्ति की दृष्टि को और भी व्यापक बनाता है। शिक्षा व्यक्ति में ज्ञान उत्पन्न करती है तो साहित्य संवेदना की संपोषक है। इसी कड़ी में श्री राम बचन सिंह यादव न केवल एक शिक्षक एवं पथ प्रदर्शक के रूप में रहे, बल्कि साहित्य के विकास एवम उन्नयन में भी महती भूमिका निभाने को तैयार हैं।
आजमगढ़ से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करते हुए श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि तमाम ऋषियों-मुनियों, क्रांतिकारियों व साहित्यकारों की पावन धरा रहे आजमगढ़ में साहित्य की समृद्ध परंपरा रही है। राहुल सांकृत्यायन, अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध', आचार्य चंद्रबली, श्याम नारायण पांडेय,अल्लामा शिब्ली नोमानी, कैफी आजमी जैसे यहाँ के साहित्यकारों ने देश-दुनिया में ख्याति अर्जित की है। आज भी आजमगढ़ के तमाम साहित्यकार न सिर्फ उत्कृष्ट रच रहे हैं बल्कि समाज को एक नई राह दिखा रहे हैं।
चंद्रजीत सिंह यादव, उप शिक्षा निदेशक, मिर्जापुर मंडल ने कहा कि श्री राम बचन सिंह यादव की कविताएं पाठक को खुद अपना अंतर्बोध कराती प्रतीत होती हैं। मानवीय मूल्यों के पतन और समाज की वर्तमान स्थिति को उन्होंने अपनी कविताओं में अक्षरक्ष: उतार दिया है। न्यूरोसर्जन डॉ. अनूप कुमार सिंह ने कहा कि अच्छी पुस्तकें जीवन के लिए टॉनिक का कार्य करती हैं। इनके अध्ययन-मनन से एकाकीपन, निराशा और अवसाद से भी बचा जा सकता है। युवाओं में पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करनी होगी।
अपनी रचना प्रक्रिया पर राम बचन सिंह यादव ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और नायक कर्ण का व्यक्तित्व सदैव से प्रभावित करता रहा है, जिन्होंने तमाम संघर्षों और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी जीवन में मूल्यों का साथ नहीं छोड़ा। इन पर खंड-काव्य लिखकर अपने को बेहद सौभाग्यशाली समझता हूँ। पिताजी के अंतिम दिनों की अवस्था देखकर भी मुझे जीवन का अंतर्बोध हुआ, जिसे काव्य संग्रह के रूप में परिणित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अभय प्रताप यादव, प्राचार्य, आर.के फार्मेसी, सठियांव, आजमगढ़ तो आभार ज्ञापन श्री प्रेम प्रकाश यादव ने किया. प्रो.आरके यादव, सरोज, ऋषि मुनि राय, मिथिलेश तिवारी, घनश्याम यादव, संजय यादव, आलोक त्रिपाठी, सूर्य प्रकाश सहित तमाम साहित्यकार और गणमान्य जन उपस्थित रहे।
रविवार, 11 सितंबर 2022
Jain dharam news: क्षमा कायरों का नहीं वीरों का धर्म
भगवान पार्श्वनाथ जन्मस्थली पर बही मैत्री, प्रेम की गंगा
विश्व मैत्री क्षमावाणी पर्व पर पूरे विश्व के लिए दिया गया प्रेम का सन्देश
Varanasi (dil india live). श्री दिगम्बर जैन समाज काशी द्वारा भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली पर रविवार को क्षमावाणी पूजन, तीर्थंकरो का प्रक्षाल नमन, विद्वत जनो का सम्मान एवं विश्व मैत्री क्षमावाणी पर्व पर भारी संख्या में लोगों ने एक दूसरे से क्षमायाचना व क्षमा का सन्देश पूरे विश्व के लिए हुआ। प्रारंभ में अपराह्न 1 बजे से क्षमावाणी पूजन एवंदेवाधिदेव श्री 1008 पार्श्वनाथ का अभिषेक मंत्रोच्चारण के साथ सायं तक चला। विश्व शांति के लिए शान्ती धारा की गई।
राजेश जैन ने बताया कि यह वो दिन है जिस दिन बैर विरोध को शांत कर क्षमा, प्रेम और मैत्री भाव प्रकट किया जाता है। शत्रु भी इस दिन एक दूसरे को क्षमादान करके मन को शांत एवं निरबैर बनाने का प्रयत्न करते हैं। अनजाने में बिन चाहे भी भूल किसी से हो सकती है, ऐसे उन अंजान पलों की भूल हमारी माफ करें।
क्षमावाणी पर्व पर हमें क्षमा का दान करे, मुझे गले से लगाकर मेरे ऊपर उपकार करें ,कलुष ह्रदय को साफ करें । तीर्थंकर पार्श्वनाथ अतिशय भूमि क्षेत्र में विश्व का यह अनूठा कार्यक्रम वाराणसी के भेलूपुर स्थित जैन मन्दिर में आयोजित हुआ। जहां बहती रही सिर्फ प्रेम, मैत्री एवं क्षमा की गंगा। इस पर्व पर सभी छोटे- बडे का भेदभाव मिटाकर महिलाए, बच्चे, बुजुर्ग एक दूसरे से अश्रुपूरित नेत्रो से पाँव पकड़कर गले से गले मिलकर क्षमा मांग रहे थे।
तन-मन एवं आत्मा की शुद्धी पर्युषण की महानता, क्षमावाणी की सौजन्यता से विभूषित होकर जैन धर्म सभी के जीवन में उत्तम क्षमा का मंगलमयी सन्देश देता है।
परस्परोप ग्रहो जीवानाम् की भावना एक -दूसरे के प्रति सभी के ह्रदय में प्रेम गहरा और प्रगाढ होता रहे। यही मैत्री के क्षमावाणी पर्व का मुख्य उद्देश्य है। यही सन्देश जैन धर्म पूरे विश्व में गुंजायमान करता है।क्षमावाणी सन्देश में प्रोः अशोक जैन ने कहां क्षमा अमृत है, क्षमा ज्योति पुंज है, आत्मनुभव का वास्तविक रूप है। प्रोः कमलेश जैन ने कहां-क्षमा श्रमण जो होता है विष को अमृत करता है।
ब्रह्मचारी आकाश जैन ने कहां - क्षमा कायरो का नहीं वीरों का धर्म है। क्षमाशील आत्म पुरूषार्थ करते है।
डां मुन्नी पुष्पा जैन ने कहां - क्षमा प्राणी मात्र का धर्म है। इसे किसी जाति, सम्प्रदाय से नहीं जोड़ा जा सकता।
पं सुरेंद्र शास्त्री ने कहां- क्षमा आत्मा का स्वभाविक गुण है। क्षमा मोक्ष महल की आधार शिला है।
धर्म प्रचारक राजेश जैन ने कहां-संस्कृत में पृथ्वी का एक नाम क्षमा, अचला, स्थिरा भी है, विवेकी व्यक्ति का ह्रदय पृथ्वी के समान अचल और आचरण में हमेशा स्थिर होना चाहिए। इसलिए कहां गया है क्षमा वीरसय् भूषणम् ।यही संदेश जैन धर्म पूरे विश्व मे गुंजायमान करता है।
यह पर्व प्रेम, करूणा, वात्सल्य और नैतिकता के भाव जागृत करता है।
विद्वानो ने क्षमावाणी पर्व को विश्व मैत्री बताते हुए इसकी तुलना अंहिसा दिवस से की। पर्व पर जैन साधको ने देश-विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों ,इष्ट मित्र, व्यापारी, शुभचिंतक सभी वर्ग के लोगो को क्षमावाणी कार्ड, दूरभाष, ई मेल, एस एम एस द्वारा सन्देश देकर शुभकामना दी।
विद्वानो में प्रोः अशोक जैन, प्रोः कमलेश जैन, डाः मुन्नी पुष्पा जैन, ब्रह्मचारी आकाश जैन, पं सुरेंद्र शास्त्री, पं मनीष जैन एवं 16 दिन से 3 दिनो का निर्जला व्रत करने वालो में श्री मति मोना काला (16)दिन, आलोक जैन (10)दिन, अर्पित जैन (10)दिन श्रीमति मंजू जैन (10)दिन, किशोर जैन (10)दिन, रजनी जैन, संध्या जैन, शोभा जैन, श्वेता जैन, नीति जैन, मनीषा जैन, इन सभी व्रत तपस्वीयों का सम्मान समाज के अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधान मन्त्री अरूण जैन, विनय जैन, तरूण जैन, सुधीर पोद्दार, प्रमिला सांवरिया, शोभारानी जैन ने किया।
आयोजन में प्रमुख रूप से आर सी जैन, संजय जैन, विनोद जैन, रत्नेश जैन, सौरभ जैन, निशांत जैन उपस्थित थे।
Bsp mp Atul Rai के खिलाफ राजस्व व पुलिस की सयुक्त टीम ने की बड़ी कार्रवाई
जेल मे बंद घोसी सांसद की लाखों की भूमि गाजीपुर में कुर्कHimanshu Rai
Ghazipur (dil india live). रविवार को घोसी सांसद अतुल राय की करीब 58 लाख की 1.48 हेक्टेयर की सात बेनामी संपत्तियों को वाराणसी और गाजीपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में कुर्क कर किया गया। यह कुर्की की कार्यवाही पुलिस आयुक्त कमिशनरेट वाराणसी के आदेश पर की गयी है। बता दें कि अतुल राय इस समय प्रयागराज की नैनी जेल में बंद हैं और उनके ऊपर वाराणसी के भेलूपुर थाने में गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। आज यह कुर्की की कार्यवाही गैंगेस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत की गयी है। मालूम हो कि अतुल राय के पैतृक गांव गाजीपुर के बीरपुर थाना क्षेत्र भांवरकोल में ये कार्रवाई की गयी है। वाराणसी की भेलूपुर और लंका पुलिस, सीओ सिटी गाजीपुर और तहसीलदार मुहम्मदाबाद के नेतृत्व में सभी सात जमीनों को कुर्क कर लिया गया। इस कुर्की की कार्यवाही की तहसीलदार मुहम्मदाबाद विजय प्रताप सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया की सरकार द्वारा अवैध ढंग से अर्जित की गयी बेनामी संपत्तियों की कुर्की की जा रही है, जिसके क्रम में आज अतुल राय की 7 बेनामी जमीनों को कुर्क किया गया है। जिनकी कुल कीमत 58 लाख 13 हजार 8 सौ रुपया है।
The modern पब्लिक स्कूल के छात्र सलमान ने किया नीट क्वालीफाई
Varanasi (dil india live). बड़ी बाजार स्थित द मॉडर्न पब्लिक स्कूल के बुनकर छात्र मोहम्मद सलमान पुत्र अब्दुल अलीम अंसारी ने नीट मेडिकल परीक्षा 2022 में 646(OBC रैंक 1791) अंक हासिल कर पूरे स्कूल के शिक्षकों को गौरवान्वित किया है।
स्कूल के प्रिंसिपल अब्दुल वफा अंसारी का कहना है कि छात्र सलमान एक बुनकर परिवार से आता है, और यह शुरू से ही अपनी कक्षा में मेधावी छात्र रहा है। छात्र सलमान ने नीट परीक्षा में इतने अंक आने पर पूरा श्रेय अपने माता पिता के साथ साथ स्कूल के अध्यापकों को दिया, जिन्होंने एक अच्छा मार्ग दर्शन दिया,और उनकी दुआएं हमेशा मेरे साथ रही।
इस हर्ष के मौके पर प्रिंसीपल अब्दुल वफा ने कहा की सलमान एक मेधावी,होनहार,निष्ठापूर्वक, और मेहनती लड़का है, और मेरी दुआ है की वह एक अच्छा चिकित्सक बनकर समाज की सेवा में हमेशा तत्पर रहेगा और देश का नाम भी रौशन करेगा।इस मौके पर स्कूल के शिक्षक तथा शिक्षिका सोफिया अहमद, रोजीना, रहमतुल्लाह, अंकित, जफर, इत्यादि ने छात्र मोहम्मद सलमान को दुआ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
शनिवार, 10 सितंबर 2022
Medical news: छापे का भय, खुद ही बंद होने लगे अवैध अस्पताल
औचक निरीक्षण में चार अस्पतालों पर लटका मिला ताला
अनियमितता मिलने पर तीन अन्य अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई
Varanasi (dil india live). जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अवैध अस्पतालों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान का अब साफ असर दिखने लगा है। कार्रवाई के भय से अवैध अस्पताल अब खुद ही बंद होने लगे है। औचक निरीक्षण के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को चार अवैध अस्पतालों पर ताले लटकते मिले जबकि खुले पाये गये तीन अन्य अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गयी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निकली स्वास्थ्य विभाग की टीम सबसे पहले नियारडीह स्थित शांति सेवासदन पहुंची। इस अस्पताल को पूर्व में भी बंद कराया गया था। निरीक्षण के दौरान यह अस्पताल बंद मिला। इसके बाद यह टीम दानगंज स्थित डा. राजेन्द्र पाठक की क्लीनिक पर पहुंची वहां भी ताला लटकता मिला। दानगंज में ही डा. एसपी चतुर्वेदी की क्लीनिक भी बंद मिली। इसी तरह आराजी लाइन के मेहदीगंज क्षेत्र स्थित दीपशिखा सेवा सदन भी निरीक्षण में बंद मिला।
सीएमओ ने बताया कि धरसौना बाजार स्थित बद्री पाल क्लीनिक खुला पाया गया। यहां तीन मरीज भर्ती भी मिले। अस्पताल में मौजूद डा. एनएन प्रसाद से चिकित्सालय के रजिस्ट्रेशन का अभिलेख मांगा गया पर वह उसे प्रस्तुत नहीं कर सके। लिहाजा उन्हें चिकित्सालय तत्काल बंद करने और रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही उसे खोलने के लिए कहा गया। इसी तरह काशी विद्यापीठ ब्लाक के देल्हना ग्राम स्थित प्रभा सर्जिकल एवं पॉलीक्लीनिक के निरीक्षण में भी अनियमितता पायी गयी। अस्पताल के ओपीडी पर्चे पर विनोद कुमार का नाम दर्ज मिला पर क्लीनिक में मौजूद विनोद कुमार के पास कोई भी चिकित्सकीय डिग्री नहीं मिली। वहां अन्य कोई भी चिकित्सक नहीं पाया गया। अस्पताल के निरीक्षण से साफ था कि वहां मरीजों की भर्ती की जाती है। हालांकि निरीक्षण के दौरान वहां कोई भी मरीज भर्ती नहीं पाया गया। विनोद कुमार का कहना था कि वहां आयुर्वेद से चिकित्सा की जाती है, जबकि अस्पताल में मिली दवाओं व क्लीनिक के डिस्पले पर एलोपैथिक चिकित्सकों के नाम दर्ज मिले। जांच में पाया गया कि यह अस्पताल बिना वैध पंजीकरण के ही संचालित हो रहां था। इसी तरह राजा तालाब क्षेत्र स्थित अर्पित क्लीनिक के निरीक्षण में पता चला कि उक्त अस्पताल का भी रजिस्ट्रेशन नहीं है। जनहित में इन चिकित्सा प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने हेतु संबंधित थानों को निर्देश भेजे जा रहे हैं।
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