सोमवार, 22 अगस्त 2022

Rbsk ने तीन वर्षीय लक्ष्मी को दिया जीवन

जल्द होगा जन्मजात हृदय रोग का निःशुल्क इलाज

स्वास्थ्य विभाग ने अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज किया रेफर 

Varanasi (dil india live). जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशानुसार जनपद में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) पर पूरा ज़ोर दिया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि सोमवार को हरहुआ निवासी लख्खी की तीन वर्षीय पुत्री लक्ष्मी को हृदय रोग (कंजीनाइटिल हार्ट डिजीज-सीएचडी) से ग्रसित होने पर निःशुल्क इलाज के लिए चिन्हित अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है। आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत 40 बीमारियों व जन्मजात विकृतियों के लिए निःशुल्क इलाज के लिए दी जा रही सेवाओं में से सीएचडी के लिए यह इस साल की पहली उपलब्धि है।

आरबीएसके के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि कुछ दिवस पूर्व आरबीएसके हरहुआ की टीम ने लमही के मढ़वा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों की स्क्रीनिंग की। उस समय लक्ष्मी में सीएचडी से लक्षण दिखे। इसके बाद लक्ष्मी के परिजनों से बातकर पूरी जानकारी ली। पता चला कि उसके पिता बहुत दिनों से इसकी बीमारी को लेकर परेशान थे। आर्थिक तंगी से वह इसका खर्च नहीं उठा पा रहे थे। इसके बाद लक्ष्मी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय जांच के लिए भेजा गया। यहां लक्ष्मी की समस्त जांचें निःशुल्क हुईं और उसे सीएचडी के लक्षण के आधार पर इलाज के लिए चिन्हित किया गया। इसके बाद नोडल अधिकारी ने सीएचडी के लिए चिन्हित अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज से निःशुल्क इलाज के लिए अनुमति ली। सोमवार को समस्त कार्रवाई करते हुये निःशुल्क इलाज के लिए अनुमति प्राप्त हो गयी है। अगले कुछ दिनों में लक्ष्मी का निःशुल्क ऑपरेशन हो जाएगा।

डॉ मौर्य ने बताया कि आरबीएसके के अंतर्गत विभिन्न जन्मजात दोषों का चिन्हीकरण करके जन्म से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों के उपचार के लिए सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है। जन्मजात दोषों में कंजीनाईटल हार्ट डिसीज (सीएचडी) हृदय की एक गंभीर जन्मजात दोष है। सामान्यतः इसके उपचार में चार से पाँच लाख रुपये का खर्च लगता है, जो कि आरबीएसके योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया जाता है। आरबीएसके के अंतर्गत जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में 16 टीमें कार्यरत हैं जो प्रत्येक गाँव में विजिट कर जन्मजात दोषों की पहचान करती हैं एवं उनके उपचार के लिए प्रयास करती है।    

  डॉ मौर्य ने बताया कि सीएचडी में प्रायः बच्चों में सबसे सामान्य लक्षण हाथ, पैर, जीभ का नीला पड़ जाना, ठीक तरह से सांस न ले पाना और माँ का दूध ठीक तरह से नहीं पी पाना एवं खेल-कूद में जल्दी थक जाना दिखते हैं। इस जन्मजात दोषों से बच्चों को बचाने के लिए गर्भावस्था के प्रारम्भ से तीन माह तक फोलिक एसिड एवं चौथे माह की शुरुआत से प्रतिदिन आयरन एवं फोलिक एसिड की एक-एक लाल गोली खिलाई जानी चाहिए। यदि गर्भवती में खून की कमी (एनीमिया) है तो उसको प्रतिदिन आयरन की दो लाल गोली खानी चाहिए।

Finger print डेटाबेस की मदद से मामलों को त्वरित और आसानी से निपटाने में मदद करेगी : अमित शाह

New Delhi (dil india live). दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन-2022 के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और सीएपीएफ के शीर्ष पुलिस अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था। इस दौरान उन्होंने एनसीआरबी द्वारा विकसित राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) को भी लॉन्च किया था। यह प्रणाली केंद्रीकृत फिंगर प्रिंट डेटाबेस की मदद से मामलों को  त्वरित और आसानी से निपटाने में मदद करेगी। 

 सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने 2014 से डीजीपी सम्मेलन का स्वरूप बदलने का प्रयास किया है और इसका विश्लेषण करने पर हम देखते हैं कि कई समस्याओं का समाधान ढूंढने में हमें सफलता प्राप्त हुई है। सभी राज्यों को चाहिए कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को शीर्ष प्राथमिकता दें, ये देश और युवाओं के भविष्य की लड़ाई है जिसके लिए हमें एक दिशा में एक साथ लड़कर हर हालत में जीतना है। गृह मंत्री ने कहा कि सीमाव्रती राज्यों के DGPs सीमा क्षेत्र में हो रहे डेमोग्राफिक परिवर्तन पर सजग निगरानी रखें। राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की ज़िम्मेदारी है कि वे अपने राज्यों में, विशेषकर सीमांत ज़िलों में, सभी तकनीकी और रणनीतिक महत्व की जानकारियां नीचे तक पहुंचाएं।

उन्होंने आगे कहा 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेन्द्र मोदी ने ना सिर्फ़ देश की आंतरिक सुरक्षा पर थ्रस्ट दिया, बल्कि चुनौतियों का सामना करने के लिए तंत्र को भी मज़बूत किया। आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, उत्तरपूर्व में विभिन्न उग्रवादी गुटों और वामपंथी उग्रवाद के रूप में जो तीन नासूर थे, उन्हें ख़त्म करने की दिशा में हमने बहुत बड़ी सफलता हासिल की है, इसके लिए मोदी के नेतृत्व में हमने कई नए कानून बनाए, राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया, बजटीय आवंटन बढ़ाया और तकनीक का अधिकतम उपयोग किया।

राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में पहली बार एक ऐसा सिस्टम डेवलप हुआ है, हमें इसे निचले स्तर तक परकोलेट करना चाहिए। सिर्फ कन्साइनमेन्ट को पकड़ना काफी नहीं है, ड्रग्स के नेटवर्क को समूल उखाड़ना और इसके स्रोत और डेस्टिनेशन की तह तक पहुंचना बेहद ज़रूरी है। हर राज्य के अच्छे इन्वेस्टिगेटिड केसेस की हमें डिटेल्ड अनालिसिस करनी चाहिए। 

NCORD की ज़िलास्तरीय नियमित बैठकें सुनिश्चित की जानी चाहिएं और इनका उपयोग नीचे तक पहुंचाना चाहिए। आधुनिक इंटेलिजेंस एजेंसी का आधारभूत सिद्धांत "Need to know" नहीं, बल्कि “Need To Share” एवं "Duty To Share" होना चाहिए क्योंकि जब तक अप्रोच में बदलाव नहीं आएगा तब तक हमें सफलता नहीं मिलेगी।"

रविवार, 21 अगस्त 2022

Bharat Ratna Ustaad Bismillah Khan की यादें 17 बरस बाद भी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा

दरगाहें फातमान में शहनाई के शहंशाह की मनी 17 वीं बरसी


Varanasi (dil india live). Bharat Ratna Ustaad Bismillah Khan की यादें 17 बरस बाद भी लोगों के ज़ेहन में वैसे ही ताज़ा है जैसे पहले थी। वो और बात है कि बनारस का संगीत घराना, और यहां के संगीतकारों ने उन्हें पूरी तरह भूला दिया है। यही वजह है कि रविवार को भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 17 वीं पुण्यतिथि दरगाहे फातमान में मनाई गई। घरवालों के साथ ही उस्ताद के चाहने वालों ने भी उनकी कब्र पर खिराज ए अकीदत पेश की मगर बनारस संगीत घराने का कोई भी कलाकार  Bharat Ratna Ustaad Bismillah Khan को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा।

रविवार की सुबह से ही उनकी कब्र पर आने वालों का तांता लगा रहा। गुलपोशी के साथ ही शहनाई की धुन भी कब्र पर गूंजी। चाहने वालों ने फूल चढ़ाकर उस्ताद को नमन किया।गुलपोशी के बाद उस्ताद की कब्र पर सामूहिक दुआख्वानी की गई। मुल्क के अमनो-अमान के की दुआएं मांगी गईं। मकबरे पर फूल और माला अर्पित की। इस दौरान श्रद्धांजलि समारोह के संयोजक शकील अहमद जादूगर ने कहा कि इसी मुहर्रम के महीने में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां यहां शहनाई भी बजाया करते थे। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि बिस्मिल्लाह खां के मकान को भव्य संग्रहालय में बदला जाए और पीएम मोदी जो बनारस के सांसद भी है उनके द्वारा खुद उस्ताद के परिवार की आर्थिक मदद भी की जाए। इस अवसर पर आफाक हैदर, नजमुल हसन, फिरोज़ हुसैन, फतेह अली खां, हादी हसन, प्रमोद वर्मा समेत काफी लोग मौजूद थे।

शनिवार, 20 अगस्त 2022

Smil muniya ने मनाया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी



Varanasi (dil india live). स्माइल मुनिया की ओर से रविन्द्र पुरी में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष मे गोविंदा आला रे कार्यक्रम  हर्ष  के वातावरण में सम्पन हुआ। इस दौरान स्माइल मुनिया की मेम्बर्स ने कृष्ण रूप, गोपी रूप में सज कर आई हुई थी। यहां कान्हा के जन्म, बालरूप का वर्णन करते हुए भजन गायन की प्रस्तुति नेे सभी का मन मोह लिया। 
 कार्यक्रम में जन्माष्टमी से संबंधित मजेदार गेम्स करवाए गए। संस्थापिका अध्यक्ष अंजलि अग्रवाल ने पर्व की बधाई देते हरतालिका तीज की शुभकामना दी। इस अवसर पर कमजोर वर्ग की महिलाओं को साड़ी संग सुहागपिटारा दिया। संचालन संयोजिका निशा अग्रवाल ने किया, ममता तिवारी ने धन्यवाद दिया। चंद्रा शर्मा, नूतन रंजन, सुषमा, विनीता अग्रवाल, विनीता मेहरोत्रा, निधि मेहरोत्रा, अमृता शर्मा, लिपिका बोस, प्रीती जायसवाल, जयंती जायसवाल, शीला अग्रवाल इत्यादि बड़ी संख्या मे सदस्यों ने सहभागिता दर्ज करवाई।

Krishna Janmashtami की रही हर तरफ धूम





Varanasi (dil india live). शहर भर में धूमधाम से जन्माष्टमी पर्व मनाया गया। इस पर्व पर मध्य रात्रि को भगवान श्री कृष्ण केे जन्म का उत्सव देखते ही बन रहा था। खासकर दुर्गाकुण्ड स्थित मणि मंदिर  विविध आयोजनों से चहकता रहा। जन्मोत्सव पर मणि मंदिर में प्रातः काल से ही  पूजन अर्चन प्रारंभ रहा। सर्वप्रथम ठाकुर जी का विशिष्ट श्रृंगार किया गया। उसके पश्चात विशाल नर्वदेश्वर शिवलिंग का भी श्रृंगार किया गया। सायंकाल स्थानीय कलाकारों द्वारा सोहर एवं बधाई गीतों का आयोजन किया गया। इसके अलावा स्थानीय विद्यालयों की छात्राओं द्वारा भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गयी। राजकीय बालिका इंटर कालेज की छात्राओं ने सर्वप्रथम सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गोपिराधा बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं ने आजादी के अमृत महोत्सव एवं कृष्ण रास पर आधारित नृत्य नाटिका की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। इसके अलावा दुर्गाचरण बालिका इंटर कॉलेज, अग्रसेन कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं ने भी प्रस्तुतियां दी।
इस अवसर पर सम्पूर्ण धर्मसंघ परिसर में फूल मालाओं से भव्य सजावट की गई थी। रात्रि में वृंदावन से आयी मण्डली द्वारा रासलीला भी प्रस्तुत किया गया। धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज ने सभी को आशीर्वचन दिया। पण्डित जगजीतन पाण्डेय ने कलाकारों का स्वागत किया। संचालन नवीन दुबे ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजमंगल पाण्डेय, शशि प्रभा पाण्डेय आदि शामिल रहे।

शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

Education:खंड शिक्षा अधिकारी से मिलकर शिक्षकों ने समस्याएं गिनाई

चिरईगांव विकास खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता को सौंपा ज्ञापन

 Varanasi (dil india live). चिरईगांव विकास खंड के शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता से मिलकर गिरीश चंद्र यादव के नेतृत्व में अध्यापकगणों ने  चिरईगांव के समस्त अध्यापकों को देय उपार्जित अवकाश का अंकन सर्विस बुक में कराए जाने के लिए मांग पत्र सौंपा। इस पर खंड शिक्षा अधिकारी ने त्वरित आदेश करते हुए शासनादेश के क्रम में पटल सहायक को सर्विस बुक में अंकन करने के लिए आदेशित किया ।

          इस मौके पर गिरीश चंद्र यादव, एहतेशामूल हक, बी एन यादव, जगदंबा प्रसाद तिवारी, कमलेश शर्मा, राजेश यादव, जावेद अहमद, हुसैन अहमद आरवी, राशिद अनवर, अश्विनी कुमार, गीता कुमारी दामिनी मिश्रा, ज्योति सिंह, बेबी फातिमा, राम राज भारती, जितेंद्र कुमार यादव, धर्मेंद्र कुमार सिंह कुशवाहा, कल्याण कृष्ण मौजूद थे।

treatment : बारिश के मौसम में रहें सतर्क,बच्चों की करें खास देखभाल

मच्छरदानी का करें प्रयोग,घर के पास रखें साफ–सफाई 

उल्टी-दस्त से बचाव के लिए पिलाएं साफ पानी व ओआरएस

बुखार होने पर डॉक्टर के उचित परामर्शानुसार दवा खिलायें


Varanasi (dil india live). बारिश के मौसम में बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर बच्चों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह बीमार पड़ सकते हैं। इस मौसम में बच्चों को तीन तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पहला- सर्दी, खांसी, जुकाम एवं बुखार, दूसरा- उल्टी दस्त और बुखार तथा तीसरा- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा मच्छरजनित रोग। यह कहना है कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एस.पी. सिंह का। 

          उन्होंने बताया कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार से बचाव के लिए बच्चों को बारिश के पानी से दूर रखें। अक्सर बच्चे बारिश में भीग जाते हैं जिससे ये बीमारियाँ पैदा होती हैं। उल्टी तथा दस्त से बचाव के लिए उन्होने बताया कि साफ पीने के पानी का प्रयोग करें तथा घर का बना हुआ ताजा खाना खिलायें, बासी खाना खिलाने से परहेज करें। बच्चे को बाजार की कोई भी खुली हुई चीज बिलकुल न खिलायें। छोटे बच्चे पर विशेष ध्यान देना है कि वह जमीन पर गिरी हुई कोई भी खाद्य सामग्री उठाकर न खाएं तथा बच्चों को खेलने के लिए ऐसे खिलौने दें, जो धुलकर साफ किया जा सके। 

मच्छरों से बचाएं 

डॉ एस.पी. सिंह ने बताया कि घर के आस-पास साफ–सफाई रखें तथा कहीं भी (कूलर, छत पर पड़े टायर, गमले, नारियल के खोल, टीन के डिब्बों आदि में) पानी न इकट्ठा होने दें, जिससे उसमें लार्वा न पनप सकें। बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएँ एवं कमरे में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर से बचने के लिए अन्य साधनों का भी उपयोग कर सकते हैं।   

उल्टी-दस्त से करें बचाव

 डॉ सिंह ने कहा कि घर में ओआरएस का पैकेट जरूर रखें, जिससे उल्टी-दस्त होने पर बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। उल्टी होने पर ओआरएस का घोल या अन्य पेय पदार्थ जैसे दाल का पानी, पतली दलिया तथा मांड थोड़ी-थोड़ी मात्रा में जल्दी-जल्दी देना सुनिश्चित करें, यदि बच्चा उल्टी करता भी है तो थोड़ा-थोड़ा ओआरएस का घोल तथा पेय पदार्थ देते रहें। ओआरएस के पैकेट दो तरह के होते हैं -  छोटा पैकेट 200 मिलीलीटर (एक गिलास) पानी में घोलना होता है तथा बड़ा पैकेट एक लीटर पानी में घोलना होता है। घोल बनाते समय, सही संयोजन आवश्यक है अन्यथा यह हानिकारक भी हो सकता है।   

विशेषज्ञ-चिकित्सक से लें सलाह

डॉ सिंह ने कहा कि बच्चे को बुखार होने पर डॉक्टर की उचित परामर्श के अनुसार दवा खिलायें। यदि घर में बुखार की दवा न हो तो बुखार आने पर सूती गीले कपड़े से शरीर को पोंछना, बुखार उतारने का एक उपयोगी तरीका है। कुछ बच्चों को बुखार आने पर कभी-कभी हल्का मिर्गी की तरह का दौरा पड  सकता है, तो ऐसी स्थिति में बच्चे को सुविधानुसार करवट पर लिटा दें और उसकी गर्दन को सीधा रखें। बुखार उतारने के लिए भीगे कपड़े से शरीर को पोंछे और चिकित्सक से उचित परामर्श लें। 

अगर ठंड देकर बुखार आ रहा है मलेरिया हो सकता है, तो खून की जांच करायें तथा यथाशीघ्र इलाज करना सुनिश्चित करें। डेंगू बुखार में कुछ बच्चों की प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं, ऐसे में प्लेटलेट्स की जल्दी-जल्दी जांच कराना जरूरी होता है। जनपद के कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था है।

Varanasi : गुटखा व्यवसायी ने खुद को गोली से उड़ाया

व्यापारी ने खुद को अपनी ही लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारी, मचा कोहराम  सरफराज अहमद Varanasi (dil India live)। चेतगंज थाना के पान दरीबा के काली...