मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

ख्वाजा गरीब नवाब के उर्स में छठी का कुल शरीफ

ख्वाज़ा के उर्स पर काशी में सजी महफिले हुई फातेहा

अकीदत का मरकज़ है हजरत गरीब नवाज का दर 

वाराणसी 08 फरवरी (dil India live)। ख्वाजा मेरे ख्वाजा, दिल में समा जा...व, ऐसा सुनहरा दर है, अजमेर के ख्वाजा का..., जन्नती दरवाज़ा है अजमेर के ख्वाजा का...। कुछ ऐसे ही कलाम से काशी की सड़क से लेकर घर तक आज गूंज रहा है। दरअसल अजमेर में चल रहे दुनिया के मशहूर सूफी संत हिन्दलवली हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह, (सरकार गरीब नवाज) के उस पर जो लोग काशी से वहां नहीं जा सके हैं वो लोग बनारस में ही ख्वाजा का उर्स मना रहे हैं। यही वजह है ख्वाजा का उर्स अजमेर में होता है मगर उसकी धमक दुनिा के हर कोने में रहती है। जो लोग अज़मेर नहीं जा पाते हैं वो देश-दुनिया में जहां भी होते हैं वहीं से ख्वाजा को याद करते हैं, उनका कुल शरीफ कराते हैं, गरीबों को खाना खिलाते हैं और खैरात देते हैं। काशी से अजमेर हज़ारों लोग जत्थे के रुप में उर्स में रवाना हुए हैं हर बनारसी उर्स में नहीं सकता हैं, इसलिए बनारस के अर्दली बाज़ार, पुलिस लाइन, दालमंडी, नईसड़क, लल्लापुरा, हबीबपुरा, गौरीगंज, शिवाला, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, रामापुरा, बजरडीहा, कोयला बाजार, जलालीपुरा, पठानी टोला, पीलीकोठी, सरैया, बड़ी बाज़ार आदि इलाकों में ख्वाजा के उर्स पर फातेहा, मिलाद, कुरानख्वानी का जहां एहतमाम किया गया वहीं दूसरी ओर जगह-जगह ख्वाज़ा की याद में राहगीरों को मीठा शर्बत, पानी व अन्य तबर्रक बांटा जा रहा था। अर्दली बाज़ार में ख्वाजा के उर्स में इस्लामी परचम के साथ ही देश की शान तिरंगा भी लहराता नज़र आया। इसकी वजह लोगों ने बताया कि ख्वाजा हिन्दल वली हैं, उन्होंने हमेशा हिन्दुस्तान और इस देश से मोहब्बत का पैग़ाम दिय। इसलिए जो सूफिज्म के हिमायती हैं वो देश से मोहब्बत करते हैं।

बनारस से उर्स में अजमेर गए मो. इम्तेयाज़ ने बताया कि आज ख्वाजा का 810 वां सालाना उर्स अकीदत के साथ मनाया जा रहा है। अकीदतमंदों ने कुल को देखते हुए दरगाह परिसर के बाहर की दीवारों को गुलाब जल, ईत्र और केवड़े से धोकर कुल के छीटें लगाये गये थे। कोरोना नियमों में सरकार की ओर से शीथिलता के बाद दरगाह परिसर चौबीस घंटे से जायरीन से आबाद है और उर्स की रौनक न केवल दरगाह क्षेत्र में बल्कि दरगाह के चारों तरफ फैली हुई है। आज रात को दरगाह दीवान और ख्वाजा साहब के सज्जादानशीन सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान की सदारत में दरगाह परिसर के महफिलखाने में उर्स की छठी व अंतिम शाही महफिल हो रही है। जो जायरीन आज नहीं आ पाएंगे वे ग्यारह फरवरी को नवी के कुल की रस्म अदायगी में हिस्सा लेंगे। उसके बाद सरकार गरीब नवाज का 810 वां सालाना उर्स अगले साल तक के लिए संपन्न हो जाएगा। 

टीके की राह हुई आसान, उनकी अपनी नहीं थी कोई ‘पहचान’

बिना आधार कार्ड वाले छह सौ को लगा कोविड टीका

 • मलिन बस्तियों में ‘आईडी’ का न होना बना था टीकाकरण में रोड़ा

• संस्था की पहल पर कैम्प लगा कर हुआ टीकाकरण

वाराणसी 08 फरवरी (dil India live)। मलिन बस्तियों में रह रहे उन सभी के पास न तो आधार कार्ड था और न ही कोई और पहचानपत्र। ऐसे लोगों का कोविड-19 टीकाकरण एक बड़ी समस्या थी। तभी सामाजिक संस्था ‘अस्मिता’ की एक छोटी सी पहल ने इसका समाधान कर दिया। संस्था के प्रयासों से दो दिनों में छह सौ से अधिक लोगों को कोविड का टीका लगाया जा सका। साथ ही ऐसे लोगों के कोविड टीकाकरण का मार्ग भी सुगम हुआ जो आधारकार्ड अथवा अपना कोई पहचानपत्र का न होने की वजह से कोविड का टीका नहीं लगवा पा रहे थे *। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी* टीकाकरण के लिये संस्था के इस प्रयास की सराहना करते हैं, वह कहते हैं कि आधार कार्ड अथवा पहचानपत्र के अभाव में किसी मालिन बस्ती में लोगों का टीकाकरण यदि नहीं हुआ है तो कोई भी संस्था इस तरह का प्रयास कर वहां टीकाकरण करा सकती है, इसमे हम पूरा सहयोग करेंगे ।

शहर के चौकाघाट, शिवपुरवां, शिवपुर, अंधरापुल, पुरानापुल, अलर्इपुर, बजरडीहां, लंका, कैण्टोमेंट समेत दर्जनों ऐसे इलाके है जहां बस्तियां है। इन बस्तियों की झुग्यिों में रहने वाले लोगों में अधिकांश के पास न तो आधार कार्ड है और न ही उनका कोई पहचनापत्र। कोविड-19 टीकाकरण का लाभ उन तक पहुंच पाने में उनके पास आधारकार्ड अथवा पहचानपत्र का न होना बाधा बनी हुई थी। सामाजिक संस्था अस्मिता के निदेशक फादर मजू मैथ्यू बताते हैं, ‘यह जानकारी आते ही हमने ऐसे लोगों का टीकाकरण कराने का प्रयास शुरू किया ताकि सरकार के सौ फीसदी टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। ऐसी स्थिति में हमने यूनिसेफ के साथियों से सम्पर्क किया। यूनिसेफ के ब्लाक कोआर्डिनेटर तबरेज बताते हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीएस राय व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. एके पाण्डेय से इस गंभीर समस्या पर बात हुई। 

 जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीएस राय बताते हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर संस्था को इसके लिए विशेष कैम्प लगाने की अनुमति मिल गयी। तय हुआ कि संस्था के निदेशक के आधार कार्ड व मोबाइल नम्बर ही ऐसे सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन कर कोविड टीकाकरण किया जाएगा। फादर मजू मैथ्यू बताते है कि अनुमति मिलने के बाद जब हमने मलिन बस्तियों में लोगों से सम्पर्क शुरू किया तो पता चला कि टीके को लेकर उनमें भ्रम भी है। इसके चलते लोग शुरू में टीका लगवाने को तैयार नही थे, लेकिन जब उन्हें समझाया गया तो वे सभी इसके लिए राजी हो गये। इन प्रयासों का नतीजा रहा कि 20 जुलाई को संस्था के सिगरा स्थित परिसर में आयोजित पहले कैम्प में ही 270 ऐसे लोगों का टीकाकरण किया गया जिनके पास आधारकार्ड नहीं था। इसके कुछ ही दिनों बाद एक और कैम्प 16 अगस्त को आयोजित किया गया जिसमें 340 लोगों को कोविड टीके की पहली डोज लगायी गयी। इस तरह दो कैम्प में हमने छह सौ से अधिक लोगों को कोविड टीके की पहली डोज लगवाने में साफलता हासिल कर ली। अब इनमें अधिकांश लोग टीके की दूसरी डोज भी लगवा चुके हैं।

वरुणापुल की झुग्गी बस्ती में रहने वाली ममता देवी कचरे से प्लास्टिक बटोर कर अपनी गृहस्थी चलाती है। उसके पति गुब्बारा बेचते हैं। उनका कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। वरुणा में जब बाढ आती है तो वह अपनी झुग्गी का स्थान बदल देती है। ममता बताती है अपना कोई स्थायी ठिकाना न होने की वजह से उसका न तो कोई पहचानपत्र है और न ही आधार कार्ड। चाह कर भी वह और उसके पति कोविड का टीका नहीं लगवा पा रहे थे। लेकिन अस्मिता के संस्था के प्रयासों से वह और उसके पति कोविड का टीका लगवा चुके हैं। शिवपुरवां की मलिन बस्ती में रहने वाले अमन चौहान बताते है ‘आधार कार्ड’ का न होना उनके टीकाकरण में बाधक बना हुआ था लेकिन अस्मिता संस्था के प्रयासों से उनको टीके की दोनो डोज लग चुकी है। अस्मिता के निदेशक फादर मजू मैथ्यू बताते है कि संस्था की अलग-अलग टीम हर रोज शहर की मलिन बस्तियों में जाती हैं और लोगों को कोविड टीका की दोनों डोज लगवाने के लिए प्रोत्साहित करती हैंं। हमारा पूरा प्रयास है कि हम सहयोग कर सरकार के सौ फीसदी टीकाकरण के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करा सकें।

केन्द्रीय टीम ने किया इस चिकित्सालय का दो दिवसीय निरीक्षण

एनक्वास के तहत एसएसपीजी मंडलीय अस्पताल का मूल्यांकन

ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन सुविधाओं सहित आठ विभागों को गहनता से परखा




वाराणसी, 08 फरवरी (dil India live)। जनपद में चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है । इसके लिए शासन की ओर से प्रत्येक स्तर पर निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि खामियों को दूर कर समुदाय को बेहतर चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा सकें। इसी क्रम में मंगलवार को केंद्र सरकार की टीम ने नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैन्डर्ड  (एनक्वास) के तहत कबीरचौरा स्थित श्री शिवप्रसाद गुप्त (एसएसपीजी) मंडलीय चिकित्सालय का दो दिवसीय निरीक्षण व मूल्यांकन कार्य का समापन किया। 

केन्द्रीय टीम में सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ रीता कालरा शामिल रहीं। टीम ने एसएसपीजी चिकित्सालय के सभी आठों विभागों के साथ बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन, साफ-सफाई, खानपान की व्यवस्था एवं अन्य सुविधाओं का गहन निरीक्षण किया। दो दिवसीय निरीक्षण में टीम ने  अंतः रोगी विभाग, पैथोलॉजी विभाग, ब्लड बैंक, रेडियोलॉजी विभाग, ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन विभाग, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन एवं अतिरिक्त सेवा विभाग में जाकर गहनता से मूल्यांकन किया। इस दौरान उन्होने सभी विभागों के स्टाफ से भी  जानकारी हासिल की । इसके साथ ही दस्तावेजों व अभिलेखों का भी निरीक्षण किया। ऑपरेशन थियेटर एवं आपातकालीन विभाग में मौजूद चिकित्सीय संसाधनों की गहनता से जांच की। सम्पूर्ण निरीक्षण के दौरान टीम ने अपनी संतुष्टि जाहिर की और भविष्य में भी इसी तरह की सुविधाएं प्रदान काराने की उम्मीद जताई। निरीक्षण के समय चिकित्सालय का सम्पूर्ण स्टाफ ड्रेस कोड में मौजूद रहा और निर्देशित प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया। 

  जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में इस सफलतापूर्वक निरीक्षण के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक (एडी) डॉ शशिकांत उपाध्याय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (एसआईसी) डॉ प्रसन्न कुमार एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने चिकित्सालय के समस्त स्टाफ को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होने केंद्र  सरकार की टीम के प्रति  भी धन्यवाद ज्ञापित किया। 

एनक्वास के तहत दो बार हो चुका है मूल्यांकन

 निरीक्षण के दौरान मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ सोलंकी ने बताया कि बड़ागांव पीएचसी को एनक्वास सर्टिफिकेट मिलने के बाद एसएसपीजी चिकित्सालय ने भी एनक्वास के लिए आवेदन किया  था। इस दो दिवसीय निरीक्षण से पहले चिकित्सालय का पहला जिला स्तर (अंतर्भागीय) और दूसरा राज्य (यूपी) स्तर पर मूल्यांकन किया जा चुका है। इसमें चिकित्सालय को क्रमशः 74 फीसद व 79 फीसद अंक प्राप्त हुये हैं। एनक्वास के तहत केंद्र की ओर से यह आखिरी निरीक्षण था। एनक्वास अवार्ड के साथ चिकित्सालय को धनराशि भी प्रदान की जाती है ताकि  खामियों को दूर कर सुविधाओं को और बढ़ाया जा सके। उन्होने कहा कि आगामी एक से दो माह के भीतर दो दिवसीय निरीक्षण का परिणाम आ जाएगा।  

तीन बार मिल चुका है  कायाकल्प पुरस्कार

 डॉ सोलंकी ने बताया कि एसएसपीजी चिकित्सालय को तीन बार कायाकल्प पुरस्कार मिल चुका है। उन्होने उम्मीद जताई है कि एनक्वास सर्टिफिकेट मिलने के बाद चिकित्सालय में सुविधाओं का और अधिक विस्तारित  किया जा सकेगा। उन्होने बताया कि जल्द ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पाण्डेयपुर व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चोलापुर भी एनक्वास के लिए आवेदन करेंगे ।     

चिकित्सालय में मौजूद प्रमुख जांच व अन्य की सुविधाएं  

- रेडियोलॉजी की इलेक्ट्रॉनिक व मैनुअल सुविधा

- पैथोलॉजी जांच 

- 24 घंटे ब्लड बैंक की सुविधा

- एक्सरे जांच 

- 24 घंटे आपातकालीन सुविधाएं

- आईसीटीसी

- प्लास्टर कक्ष 

- फिजियोथेरेपी

- ऑपरेशन थियेटर

- ईसीजी

- ईएनटी

- ट्रूनाट व आरटीपीसीआर लैब

- डायलिसिस सेवा 

- आयुष विंग

- एनसीडी क्लीनिक

- एआरवी क्लीनिक

- डेंगू/H1N1 के लिए आइसोलेशन वार्ड

- टीबी जांच 

- तम्बाकू नियंत्रण परामर्श

- किशोर-किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक

- वृद्धजन व मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं

- दंत व आँख जांच एवं उपचार

- त्वचा व आर्थो सर्जरी

- जनरल सर्जरी व एनैस्थिसियोलॉजी

- औषधीय

बसपा ने इन विधान सभा सीटों पर बदले उम्मीदवार


लखनऊ, 08 फरवरी (dil India live)| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये घोषित अपने उम्मीदवारों में से चार सीटों पर बदलाव किया है। 
बसपा ने सोमवार को चार उम्मीदवारों की संशोधित सूची जारी करते हुये सुलतानपुर जिले की लम्भुआ सीट पर अवनीश कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने इससे पहले 31 जनवरी को जारी सूची में इस सीट से उदयराज वर्मा उर्फ पंकज को प्रत्याशी घोषित किया था। इसके अलावा बसपा ने प्रयागराज जिले की बारा (सु) सीट से डा शिव प्रकाश की जगह डा अजय कुमार को उम्मीदवार बना दिया है। जबकि इलाहाबाद पश्चिम सीट से लल्लन सिंह पटेल की जगह गुलाम कादिर अब बसपा के प्रत्याशी होंगे। बसपा ने अयोध्या जिले की मिल्कीपुर (सु) सीट से मीरा देवी को टिकट दिया है। पार्टी ने इससे पहले इस सीट पर संतोष कुमार उर्फ सूरज चौधरी को टिकट दिया था।



ग्रामीण महिलाओ ने कबाड़ में उभारा कलात्मक सौन्दर्य

घरो के बेकार वस्तुओ से बने प्रोडक्ट की लगी प्रदर्शनी


वाराणसी 
07 फरवरी (dil India live) | महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास और उपयोग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमन्त्री जी की परिकल्पना व् सोच को आगे बढ़ाते हुए उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में घरों में पड़े वेस्ट मेटेरियल माध्यम से स्वरोजगार उत्पन्न करने के उद्देश्य से 2 दिवसीय “कबाड़ से जुगाड़” कार्यशाला एवं प्रतियोगिता का आयोजन वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी द्वारा महिलाओ के लिए विकास के लिए प्रदेश के पहले रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क, बसनी में किया गया |

कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए श्री बलदेव पी.जी. कालेज, बडागांव की प्रोफेसर डॉ. अंशु मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ ने घरो में पड़ी बेकार वस्तुओ एवं पुराने न्यूज़ पेपरो से अपनी कल्पनाशीलता से एक जीवंत प्रतिभा को निखारा है |  इससे ग्रामीण महिलाओ की अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है | निश्चित तौर ग्रामीण महिलाओ को बस मौका मिलने की देरी है |

रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क में 3 घंटे की इस प्रतियोगिता में महिलाओ ने बेकार सामान से सुंदर कलाकृतिय तैयार करने के साथ साथ कागज का हास्पिटल, घडी, शादी के कार्ड से मनमोहक प्रोडक्ट तैयार किया|

    हुनर-ए-बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा  महिलाओ ने अपनीं कल्पनाशीलता की जोम छाप छोडी है वह काबिले तारीफ है | उक्त प्रतियोगिता में पुराने न्यूज़ पेपर से बने घर में गणेश जी प्रतिमा बनाने वाली राधा वर्मा को प्रथम, शादी के कार्ड से मनमोहक प्रोडक्ट बनाने वाली श्रुति सिंह को दूसरा, कागज से हिन् घड़ी बनाने वाली कुमकुम मिश्रा को तृतीय एवं वैष्णव गुप्ता को सांत्वना पुरस्कार का चयन हुआ | प्रतियोगिता में बिजयी प्रतिभागियों को कल कार्यशाला के समापन अवसर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार जी के हाथो पुरस्कृत किया जायेगा | अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक अजय सिंह द्वारा किया गया | कार्यक्रम में एस.बी.आई. जनरल इंश्योरेंस कम्पनी व् प्रोत्साहन संस्था का भी सहयोग रहा |

उक्त अवसर पर प्रोजक्ट मैनेजर इन्द्रेस पाण्डेय, कबाड़ से जुगाड़ की कोआर्डिनेटर दीक्षा सिंह, यास्मिन बानो, अनुपमा दुबे, हर्ष सिंह आदि लोग शामिल रहे | 

सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

सरकार गरीब नवाज़ के दर पर झुकती है कायनात


अजमेर 07 फरवरी (dil India live) राजस्थान के अजमेर में चल रहे दुनिया के मशहूर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह,( सरकार गरीब नवाज) के दर पर सारी कायनात झुकती है। ख्वाजा का उर्स इन दिनों अजमेर के साथ ही समूची दुनिया में मनाया जा रहा है। जो अजमेर नहीं जा सके हैं वो जहां हैं वहीं उर्स का आयोजन कर रहें हैं। राजस्थान ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी ख्वाजा को लोग याद कर रहे हैं।

कल है ख्वाजा का कुल शरीफ़

अजमेर में 810 वें सालाना उर्स में मंगलवार को कुल की छठी का आयोजन होगा। अकीदतमंद कुल को देखते हुए आज रात से ही दरगाह परिसर के बाहर की दीवारों को गुलाबजल, ईत्र और केवड़े से धोकर कुल के छीटें लगाने शुरू कर देंगे।

कोरोना नियमों में सरकार की ओर से शीथिलता के बाद दरगाह परिसर चौबीस घंटे जायरीनों से आबाद है और उर्स की रौनक न केवल दरगाह क्षेत्र में बल्कि दरगाह के चारों तरफ फैली हुई है। आज रात को दरगाह दीवान और ख्वाजा साहब के सज्जादानशीन सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान की सदारत में दरगाह परिसर के महफिलखाने में उर्स की छठी व अंतिम शाही महफिल होगी। इसके बाद मध्यरात्रि से ख्वाजा साहब की मजार को छठी का गुस्ल देने की धार्मिक रस्म अदा की जाएगी।
जिला प्रशासन ने कुल की रस्म व छठी के मद्देनजर आठ फरवरी को पूरे जिले में राजकीय अवकाश घोषित किया है। कुल की रस्म में बड़ी संख्या में जायरीनों के पहुंचने की उम्मीद है। जो जायरीन कल नहीं आ पाएंगे वे ग्यारह फरवरी को नवी के कुल की रस्म अदायगी में हिस्सा लेंगे। उसके बाद गरीब नवाज का 810वां सालाना उर्स संपन्न हो जाएगा।

मीरा कुमार लेंगी रविदास जयंती में हिस्सा

संत रविदास मंदिर में चार दिवसीय जयंती 14 से

मुख्य कार्यक्रम 16 को, तैयारी अंतिम चरण में पहुँची

वाराणसी (dil India live) I संत रविदास जयंती समारोह के अवसर पर राजघाट स्थित रविदास मंदिर में चार दिवसीय कार्यक्रम 14 से 16 फरवरी तक चलेगा। मुख्य कार्यक्रम 16 फरवरी आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार सपरिवार उपस्थित रहेगी। इस संबंध में दी रविदास स्मारक सोसाइटी के महासचिव श्री सतीश  कुमार उर्फ फागुनी राम ने बताया कि संत शिरोमणि रविदास की जयंती समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा। समारोह की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। मंदिर परिसर का रंग रोगन एवं साफ सफाई में दर्जनों कारीगर लगे हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर को विद्युत झालरों एवं आकर्षण लाइटों से सजावट की जाएगी। सोसायटी के महासचिव फागुनी राम ने बताया कि चार दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिदिन भजन कीर्तन का कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और मंदिर दर्शन पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि समारोह में भारत सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पूर्ण पालन किया जाएगा।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...