शुक्रवार, 11 जून 2021

कोरोना काल से राहत के बाद महागिरजा में गूंजे गीत



डेनिस डैनियल की याद में महागिरजा में हुई आराधना

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। सेंट मेरीज़ महागिरजा (कैथेड्रल) में कोरोना काल से राहत के बाद प्रार्थना सभा हुई। इस दौरान मीही गीतों के बोल जहां फिज़ा में बुलंद हुए वहीं शुक्रवार को डेनिस डेनियल की याद में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर धार्मिक पूजन विधि का संचालन सेंट मेरीज़ महागिरजा के पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज ने किया। इस दौरान डेनिस डेनियल की जिन्दगी और उनके कार्यों पर रौशनी डाली गयी। मेमोरियल मास में पैट्रिक जैकब, प्रीतम जैकब, रवि जैकब, डैनियल, सरिता, रेज़ी, कविता, शैलीन अभिषेक, अनुग्रह, आदि लोगो ने भाग लिया।  डेनिस डेनियल सेंट थॉमस स्कूल शाहगंज के  प्रिंसिपल भी रहे हैं। एलॉयसियस स्कूल जबलपुर मे शिक्षक थे, हिंदी संपादन का भी उन्होंने रेडियो वेटिकन रोम मे काम किया। इस दौरान महागगिरजा में हुई पूजन विधि का यू ट्यूब के सत्य धारा चैनल पर लाइव प्रसारण भी हुआ। इसके चलते अन्य शहरों व प्रदेशों के लोगों ने भी मेमोरियल मास को देखा।

गुरुवार, 10 जून 2021

पत्रकार मो. शाहिद खां नहीं रहे

शोक में अफसोस बैठक

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। हिंदी दैनिक आज अखबार के दीनदयाल अस्पताल संवाददाता मो. शाहिद खां (50 वर्ष) का आज सुबह इंतकाल हो गया। वो पिछले 20 दिनों से पेट की बीमारी से पीड़ित थे। इसके अलावा बीपी और शुगर की भी बीमारी थी। वो आपने पीछे बीबी बच्चों का भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनके इंतेकाल पर एक अफसोस बैठक जिला मुख्यालय पर दोपहर 12.30 बजे बुलाई गई हैं। टकटकपुर कब्रिस्तान में उन्हें असर बाद सुपुर्दे खाक किया जायेगा।

बुधवार, 9 जून 2021

परिषदीय विद्यालयों में एनजीओ बर्दाश्त नहीं: साहू


शिक्षक संघ ने एनजीओ के खिलाफ खोला मोर्चा

हर स्तर पर विरोध करने का ऐलान

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव) । उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पंजिकृत1160) की  ऑनलाइन  वर्चुअल मीटिंग  प्रदेश अध्यक्ष राम प्रकाश साहू की अध्यक्षता में  हुई। बैठक में  उत्तर प्रदेश से  सभी जिला अध्यक्ष, जिला मंत्री, मांडलिक मंत्री  एवं प्रदेश पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक का संचालन अरुण कुमार मांडलिक मंत्री देवीपाटन मंडल ने किया। बैठक में सभी जनपदों की सदस्यता अभियान के संबंध में, सभी जिला इकाइयों के अभिलंब गठन के संबंध में ,चर्चा करते हुए नवनियुक्त प्रदेश महामंत्री योगेंद्र कुमार निगम को बधाई संदेश ज्ञापित किया गया। बैठक में लिए गए निर्णय से प्रदेश अध्यक्ष श्री राम प्रकाश साहू ने कहा, कि इधर कुछ सोशल मीडिया एवम समाचार पत्रों के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुईं है कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में  एन.जी.ओ. के माध्यम से बेसिक शिक्षा के प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक गतिविधिया संचालित करने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा एन.जी.ओ. को बढ़ावा देने का प्रस्ताव पेश किया गया है जो तथ्यविहीन खिलाफ कानून सुझाव है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार के एन.जी.ओ. द्वारा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की कार्यप्रणाली का दुष्प्रचार स्वयमं को सही साबित करने एवम पठन पाठन की कार्य पद्धति पर सवालिया निशान बेसिक शिक्षा को बदनाम करने का काम किया जा रहा है प्रदेश में कई ऐसे एन.जी.ओ. संचालित है जो विभाग के उच्चाधिकारियों को अपना झूठा नमूना प्रस्तुत करके अपने प्रति आकर्षित करते हुए अच्छी शिक्षा देने की बात करते है जबकि वास्तविकता यह है कि इनका प्रदेश के छात्रों के पठन पाठन उनकी मूलभूत सुविधाओं व समस्याओं से कोई वास्ता नही होता है ऐसे एन.जी.ओ. प्रदेश के आपदा व विपदा तथा विपरीत परिस्थितियों में बच्चो के प्रति संवेदनशील न होकर एकमात्र धनउगाही के चिंता मे लगे रहते है

 इस सम्बंध में उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वर्तमान में शासन / विभाग की मंशा के अनुरूप चलाई  गई विभिन्न योजनाओं के तहत विद्यालयों को सुसज्जित करने का काम किया गया अध्यापकों द्वारा विद्यालयो को सुदृढ़ बनाने  छात्रों के मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति हेतु अथक प्रयास करके गुणवत्तापूर्ण उच्च किस्म की शिक्षा प्रदान की जा रही है जो किसी भी एन. जी.ओ.के द्वारा कर पाना असंभव ही नही दुष्कर भी है जहां एक ओर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा वही शिक्षको के अधिकार और गरिमा का हनन भी होगा प्रदेश के लाखों शिक्षको द्वारा अपने अपने विद्यालयो को स्वयं के धन से विद्यालयो को सुदृढ़ करने एवम छात्र छात्राओं को आर्थिक मदद कर शासन की मंशा के अनुरूप शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने का काम किया है जिसके सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहे है

उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पंजिकृत 1160 के प्रदेश अध्यक्ष श्री राम प्रकाश साहू ने इस आशय का पत्र  मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ,अपर सचिव बेसिक शिक्षा उत्तरप्रदेश शासन लखनऊ महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को प्रेषित कर उनसे विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रेषित परिषदीय विद्यालयो में एन. जी.ओ. के द्वारा शैक्षणिक कार्य कराए जाने के तथ्यविहीन निरर्थक व खिलाफ प्रस्ताव कानून को अपने स्तर से अविलम्ब स्थगित/निरस्त करने की कार्यवाही करने की मांग की। बैठक में निम्न प पदाधिकारी गण ने प्रतिभाग किया -- रामअवतार राठौर वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अंजू साहू उपाध्यक्ष, आरती मित्तल प्रांतीय मंत्री, अंजना वर्मा प्रांतीय मंत्री, गणेशजी सिंह प्रांतीय उपाध्यक्ष, रामविलास प्रांतीय मंत्री, महेंद्र बहादुर सिंह जिला अध्यक्ष वाराणसी,  संजीव तिवारी जिला अध्यक्ष झांसी, नितिन चौरसिया, निर्भय नारायण सिंह जिला अध्यक्ष बलिया, सत्येंद्र कुमार जिला अध्यक्ष हमीरपुर, दिनेश सिंह जिला अध्यक्ष प्रयागराज, सुरेश सिंह जिला अध्यक्ष गोरखपुर, ज्ञानोदय कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष, कुलदीप साहू मांडलिक मंत्री प्रयागराज इत्यादि कई लोगों ने प्रतिभाग किया।

बिजली उपभोक्ताओं की राह हुई और आसान

अब WhatsApp पर पाएं बिल, कनेक्शन

-करें शिकायत, लें हर तरह की जानकारी भी

वाराणसी(हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव) उत्तर प्रदेश भी बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ता जा रहा है. ऐसे में यूपी के बिजली कंज्यूमर्स के लिए एक अच्छी खबर है. अब उपभोक्ताओं को बिजली का बिल उनके व्हॉट्सएप पर ही मिल जाया करेगा। इसके लिए UPPCL ने व्हॉट्सएप बिजनेस सर्विस शुरू की है। सबसे पहले यह सुविधा उन्हें मिलेगी जिनके पास स्मार्टफोन है। इसके बाद सामान्य मीटर वालों को भी इसका लाभ मिलेगा।

इस सेवा का लाभ पाने के लिए आपको बस आधिकारिक व्हॉट्सएप नंबर पर अपने बिल के 10 अंक का अकाउंट आईडी बिजली विभाग के नंबर पर भेजना होगा। ये हैं वह व्हॉट्सएप नंबर-

पूर्वांचल के लिए- 8010968292

मध्यांचल के लिए- 8010924203

पश्चिमांचल के लिए- 7859804803

दक्षिणांचल के लिए- 8010957826

जानकारी के मुताबिक, UPPCL की इस नई सुविधा के जरिए उपभोक्ताओं के ये 5 काम आसानी से हो पाएंगे-

1. बिजली का बिल

2. नया कनेक्शन

3. खराब मीटर

4. बिल संशोधन

5. बिजली सप्लाई में व्यवधान की शिकायत

बता दें, UPPCL की इस नई व्हॉट्सएप बिजनेस सर्विस का मैसेज प्रदेश के 1.40 लाख रजिस्टर्ड नंबर पर भेजा जा रहा है. मैसेज में अपील की गई है कि इस नंबर से जुड़ें. अब इस नंबर के जरिए बिजली से जुड़ी शिकायतें कर पाएंगे और उनका समाधान भी जल्द ही निकाला जाएगा. हांलाकि, यह बताया जा रहा है कि कानपुर के लोगों को अभी इस सर्विस के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।

मंगलवार, 8 जून 2021

संगठन को मजबूत करने पर ज़ोर

जिला कांग्रेस कमेटी पिछड़ा विभाग की बैठक 

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। जिला कांग्रेस कमेटी पिछड़ा विभाग के पदाधिकारियों की बैठक चांदपुर स्थित जिला कांग्रेस कमेटी के कैंप कार्यालय पर आयोजित की गई जिसमें संगठन के पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा एवं संगठन को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की गई। ओबीसी के सभी उपाध्यक्ष, महासचिव, व सचिव को विधानसभा व ब्लॉक प्रभार सौंपा गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष  दयाराम पटेल ने कहा आज देश प्रधानमंत्री की गलत नीतियों के वजह से रसातल की तरफ जा रहा है एक तरफ सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती हुई महंगाई वहीं दूसरी तरफ आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई व्यवस्था के कारण गरीबों का जीना मुहाल हो गया है।

कार्यक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने कहा कि धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा की कलाई जनता के बीच में खुल गई है आगामी 2022 के चुनाव में जनता भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन एवं शाहिद तौसीफ जिला प्रभारी शाहिद तौसीफ,,ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश सचिव डॉ पवन पटेल, राजेश यादव, राजेंद्र कुमार पटेल, कृष्ण कुमार विश्वकर्मा, दिलीप प्रजापति, अखिलेश पटेल, रमाशंकर सिंह, नंदलाल पटेल, सैफ खान की अध्यक्षता कांग्रेस के जिला अध्यक्ष केशव प्रसाद वर्मा व संचालन राजेंद्र पटेल ने किया।



इतिहास को देखने का नज़रिया गिरीश का वैज्ञानिक और खोजी था





10 जून गिरीश कर्नाड की पुण्यतिथि पर विशेष

 वाराणसी ( डॉ मोहम्मद आरिफ/दिल इंडिया लाइव)। बात 1990 के दशक की है जब मैं प्रो.इरफान हबीब के आमंत्रण पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास, उच्च अध्धयन केंद्र में एक माह की विज़िटर्शिप के लिए गया हुआ था। इत्तफाक से उन्ही दिनों गिरीश जी भी अपने एक नाटक को जीवंत और तथ्यपरक बनाने के लिए प्रो हबीब के पास आये हुए थे। इरफान साहब ने  मेरा परिचय बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के नौजवान इतिहासविद और कम्युनिज्म तथा कांग्रेसियत के अद्भुत समावेशी व्यक्तित्व के रूप में कराया तो कर्नाड ने मुस्कुराते हुए कहा कि ये diversity /विविधता पर तो कब की जंग लगनी शुरू हो चुकी है तुम किस दुनिया से आये हो भाई,और फिर एक लंबी सांस खींचते हुए कहा कि हां समझ में आ गया ग़ालिब भी तो आपके शहर में जाकर गंगा स्नान करके इसी समावेशी तहजीब (diversity) का शिकार हो चला था और दारा शिकोह वली अहद से इंसान बन बैठा था, बाद की पीढ़ियों ने उनकी यादों को अब तक संजोए रखा पर लगता है हम वह आखिरी पीढ़ी है जो इस समावेशी संस्कृति की बर्बादी और तबाही को न केवल देखेंगे बल्कि उसके गवाह भी बनेंगे।

   इतिहास की उनकी समझ बहुत व्यापक थी और किसी भी इतिहास विद को चुनौती तो दे ही सकती थी। अजीब अजीब सवाल उनके मन में उभरते थे एक एक्टिविस्ट की तरह। वाकई उनका पूरा जीवन ही एक्टिविज्म करते बीता। व्यवस्था के खिलाफ उनका संघर्ष मित्र और अमित्र में भेद नही करता था। वे तो सिर्फ बेहतर समाज बनाने और विरासत को बचाये रखने वाले अपराजित योद्धा थे। माध्यम कभी कविता, संगीत, कभी नाटक कभी अभिनय कभी एक्टिंग तो कभी सामाजिक सरोकारों के विभिन्न मंच रहे जहां वे निर्भीक खड़े होकर हम जैसे अनेक लोगों का मार्गदर्शन करते रहे।

     उनका इतिहास को देखने का नज़रिया वैज्ञानिक और खोजी था। चलते चलते उन्होनें मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि एक मुलाकात आपसे शाम की तन्हाई में होनी चाहिए आपको भी कुछ जान परख लेते है। मैने  कहा कि  इरफान साहब से तथ्य आधारित बातचीत के एक लंबे दौर के बाद बचता ही क्या है बताने के लिए,और मैं भी तो इरफान साहब का एक अदना सा विद्यार्थी हूँ।

   गिरीश जी ने मुस्कुराते हुए कहा भाई इतिहासकार तथ्यों की मौलिकता को बचाये रखते हुए अपनी परिस्थितियों और वातावरण के अनुकूल व्याख्या करताहै। आपके शहर और आपके उस्तादों के नजरिये ने आपको इतिहास देखने परखने की जो दृष्टि दी है वो दृष्टिकोण भी हमारे लिए बहुत मायने रखता है। सहमति के बाद देर रात्रि तक उस दिन एकांत चर्चा चलती रही। कारनाड जी मुहम्मद तुग़लक़, कबीर, अकबर, औरंगजेब और बहादुर शाह जफर के बारे में तमाम जानकारियों पर बहस करते रहे। उन्हें गांधी, नेहरु, इंदिरा गांधी, अन्नादुरई,और देवराज अर्स में भी दिलचस्पी थी। उनका इतिहास ज्ञान अदभुत था और जिज्ञासा तो शांत ही नही होती थी, और कई बार अनुत्तरित भी कर देते थे। शंकराचार्य, बनारस, कबीर और रैदास के नजरिये की अद्भुद व्याख्या गिरीश ने की और ऐसा लगा की बनारस में रहकर मैं बनारस से कितना दूर हूँ और दूर रहकर भी गिरीश कितना नजदीक।

ग‍िरीश कर्नाड की लेखनी में ज‍ितना दम था, उन्होंने उतने ही बेबाक अंदाज में अपनी आवाज को बुलंदी दी। तमाम राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय भूमिका के साथ- साथ धर्म की राजनीति और भीड़ की हिंसा के प्रतिरोध में भी कर्नाड ने हिस्सा लिया। कर्नाड ने सीन‍ियर जर्नल‍िस्ट गौरी लंकेश की मर्डर पर बेबाक अंदाज में आवाज उठाई। गौरी लंकेश के मर्डर के एक साल बाद हुई श्रद्धांजलि सभा में वे गले में प्ले कार्ड पहनकर  पहुंचे थे जबकि उनके नाक में ऑक्सीजन की पाइप लगी थी।

  गिरीश कर्नाड सामाजिक वैचारिकता के प्रमुख स्वर थे और असहमति की भी कद्र करते थे। उन्होंने अपनी कृतियों के सहारे उसके अंतर्विरोधों और द्वन्द्वों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया है। उनकी अभिव्यक्ति हमेशा प्रतिष्ठानों से टकराती रही हैं चाहे  सत्ता प्रतिष्ठान हो या धार्मिक प्रतिष्ठान। कोई भी व्यक्ति जो गहराई से आम आदमी से जुड़ा हुआ हो उसका स्वर प्रतिरोध का ही स्वर रह जाता है क्योंकि सच्चाई को उकेरने पर इन प्रतिष्ठानों को खतरा महसूस होता है। सरकार और उसकी मशीनरी को गिरीश हमेशा चुनौती देते रहे और आम आदमी उनकी चिंता का केंद्र बिंदु बना रहा जिसका खामियाजा उन्हें लगातार भुगतना भी पड़ा। गिरीश कनार्ड अब हमारे बीच नहीं हैं परन्तु उन्होंने जिन्दगी को जिस अर्थवान तरीके से बिताया वह हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

    अलीगढ़ से वापसी के बाद हम सब अपनी अपनी दुनियां में लौट आये और खो गए पर मजेदार बात ये रही कि गिरीश जी को ये बात याद रही। जब 1994-95 के दौरान दिल्ली में तुग़लक़ नाटक का मंचन होने वाला था तो एक दिन उनका फोन आया और मैं चौंक पड़ा क्योंकि उन दिनों मेरे पास लैंडलाइन फोन नही था और मैं अपने पड़ोसी सज्जन के फोन पर सन्देश मंगाया करता था। उन्होंने न केवल हमारा सम्पर्क सूत्र पता किया वल्कि सम्मानजनक ढंग से हमें आमंत्रित करना न भूले। ये थी उनकी रिश्तों की समझ।

  आज हम ऐसे दौर से गुजर रहे है जब इतिहास के तथ्य रोज तोड़े मरोड़े जा रहे है और अप्रशिक्षित राजनीतिक हमें इतिहास पढ़ा रहे है गिरीश तुम्हारा होना नितांत आवश्यक था। तुम चले गए और हमे ये जिम्मेदारी देकर की हम इतिहास की मूल आत्मा को मरने न दें। बड़ा गुरुतर भार देकर और अपनी पारी बेहतरीन और खूबसूरत खेलकर गए हो। उनके जाने से खालीपन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि समकालीन कला जगत में उनके आसपास तो कोई है भी नहीं। इस खाली जगह को भरना आसान नहीं दिखता.गिरीश इतिहास सदैव तुम्हे याद रखेगा। श्रद्धांजलि।

(लेखक जानेमाने इतिहासकार और सामाजिक कार्यकर्ता है)

सोमवार, 7 जून 2021

ग्रामीण चिकित्सको को "कोरोना योद्धा सम्मान


सम्मान पत्र और मेडिकल किट देकर किया सम्मानित

आशा ट्रस्ट द्वारा ग्रामीण चिकित्सकों द्वारा कोरोना काल में किये गये योगदान की सराहना

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। कोरोना संकट की दूसरी लहर के दौरान गाँव गाँव में चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों का बहुत ही सराहनीय और उल्लखनीय योगदान रहा, जब सरकारी अस्पतालों और बड़े अस्पतालों में बेड और आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था उस समय दूर दराज गाँवों में चिकित्सकजन ने बड़े ही जिम्मेदारी से पीड़ित और संक्रमित लोगों को चिकित्सा सुलभ करायी। इन चिकित्सको के पास प्रायः बड़ी डिग्री नही होती लेकिन इनका विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज करने का अनुभव कही बहुत ज्यादा है। और यही कारण था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इन चिकित्सकों ने ग्रामीण क्षेत्र में हजारों लोगों की जान बचाई।

सामाजिक संस्था 'आशा ट्रस्ट' द्वारा विभिन्न जिलों में ऐसे ग्रामीण चिकित्सकों को चिन्हित करके उन्हें "कोरोना योद्धा सम्मान " से सम्मानित किये जाने का कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। इस क्रम में ट्रस्ट के कैथी भंदहा कला स्थित केंद्र पर 21 चिकित्सकों को सम्मानित किया गया. साथ में उन्हें स्वास्थ्य रक्षक किट भी प्रदान की गयी जिसमे आक्सीमीटर, थर्मामीटर,  थर्मल स्कैनर, वेपोराइजर, फेस शील्ड, दस्ताना, मास्क, दवाएं आदि है जिसका चिकित्सा के दौरान प्रयोग किया जा सके.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजवादी चिंतक डॉ आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सेवा कर रहे निजी चिकित्सकों ने महामारी के दौर में मानवता की सेवा की मिसाल कायम की है, उन्हें प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। डा. सरोज आनंद ने कहा कि ग्रामीण चिकित्सकों को आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के उपयोग का  प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर वे बेहतर से सेवा दे सकें।


आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा कई जिलों में मिला कर कुल 250 ग्रामीण  चिकित्सकों को चिन्हित कर सम्मानित करने की योजना है, भविष्य में हम इन्हें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि भी उपलब्ध कराने के बारे में विचार कर रहे हैं . उन्होंने कहा कि देश में सभी को बेहतर स्वास्थ्य के अधिकार के लिए जन आंदोलन की आवश्यकता है, जिसमे हर 1000 की आबादी पर न्यूनतम आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग हो। किसान नेता राम जनम भाई ने कहा कि प्रत्येक गाँव में मानदेय पर जन स्वास्थ्य रक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए जिससे ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य जांच जैसे रक्तचाप, मधुमेह, ऑक्सीजन स्तर आदि आसानी से सुलभ हो सके।

कार्यक्रम में चिकित्सकों ने कोरोना संकट काल के समय के अपने अनुभवों को साझा किया. कार्यक्रम में दीन दयाल सिंह, सूरज पाण्डेय, रमेश प्रसाद, प्रदीप कुमार सिंह, विनय सिंह, अभिषेक, वैभव, आनंद प्रिया, अजय पटेल , हर्षित आदि की प्रमुख भूमिका रही।

सम्मानित किये गये ये चिकित्सक 

संजय त्रिपाठी, सुभाष सिंह, बिहारी लाल, सतीश मिश्र, काशी नाथ यादव, रामबली, राजेश सिंह, कृष्णमुरारी श्रीवास्तव, मोहम्मद यूनुस खान, नखडू प्रसाद, सत्यनारायण यादव, नरेंद्र सोनकर, धीरेन्द्र सोनकर, कैलाश नाथ यादव, आनंद तिवारी, मोहम्मद इम्तियाज, गोविन्द पाण्डेय, हरिश्चंद्र त्रिपाठी, बचाऊ निषाद।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...