शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

रक्तदान के लिए यह परिवार बना मिसाल

पिता की पुण्यतिथि पर बहू ने किया रक्तदान

देवरिया ०४ फरवरी (dil India live) । वृहस्पतिवार को जिला ब्लड बैंक में एक परिवार द्वारा पिता की पुण्यतिथि पर बहू के साथ अन्य सदस्यों द्वारा रक्तदान कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुये अनोखा सन्देश दिया गया । स्वच्छ भलुअनी स्वस्थ भलुअनी (यूथ ब्रिगेड) के संस्थापक सदस्य व रक्तदान का अमृत महोत्सव उत्तर प्रदेश ABMVS सह संयोजक सन्तोष मद्धेशिया वैश्य ने अपने पिता स्व. रामचंद्र मद्धेशिया की स्मृति में उनकी सातवीं पुण्यतिथि पर जिला ब्लड बैंक पर सपरिवार रक्तदान कर पुण्यतिथि मनायी । पुण्यतिथि पर सन्तोष मद्धेशिया की पत्नी इसरावती देवी ने तीसरी बार, छोटे भाई विनय मद्धेशिया ने पहली बार व बहनोई विजय मद्धेशिया ने चौथी बार रक्तदान करते हुये कहा कि परिवार के सृजनकर्ता के नाम पर आज रक्तदान कर हमें बेहद खुशी महसूस हो रही है और हम सभी को इस तरह के कार्य की प्रेरणा व सीख उन्ही से मिली थी, उनके पदचिन्हों पर चलना ही हमारे परिवार का प्रयास है । इस अवसर पर सन्तोष मद्धेशिया की माँ दुर्गावती देवी ने कहा कि मेरी बहू की तरह हर महिला को भी रक्तदान के लिये आगे आना चाहिये क्योंकि महिलाओं में रक्तदान के प्रति जागरूकता की बेहद कमी है ।इस दौरान कपूरचंद गुप्ता, आशा देवी, मनोज मद्धेशिया, सरिता देवी, पुष्पा देवी, एलटी तेजभान, रामेश्वर पांडेय सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे ।

रक्तदान करने के लिये सत्रह घण्टे का सफर

एक मांगलिक कार्यक्रम में अपने ननिहाल गयी बड़ी बहू इसरावती देवी पिता की पुण्यतिथि पर प. बंगाल से 17 घण्टे का सफर तय कर ब्लड बैंक पहुंची और अपना तीसरा रक्तदान किया । उन्होंने बताया कि पहली बार वह भलुअनी में पिछले वर्ष शहीद दिवस पर आयोजित रक्तदान शिविर में पति की पहल पर रक्तदान किया साथ ही छोटी ननद को भी रक्तदान करवाया । उस रक्तदान के दौरान ब्लड बैंक परामर्शदाता सुबोध पांडेय जी ने मुझे हर चार माह पर रक्तदान करने का सुझाव दिया और मैं तबसे नियमित रक्तदान करते हुये बहुत बेहतर महसूस कर रही हूँ । उन्होंने कहा आज मेरे परिवार में बच्चा बच्चा रक्तदान के महत्व को समझता है और रक्तदान के प्रति जागरूक है । बच्चे खुद कहते हैं मैं 18 वर्ष का होते ही रक्तदान करना शुरू कर दूँगा । हमें स्वस्थ समाज की परिकल्पना और जागरूकता के लिये रक्तदान की शुरुआत पहले स्वयं से करनी होगी जिसे देखकर ही हमारे परिवार के सदस्य, महिलाएं व बच्चे भी रक्तदान के लिये प्रेरित होंगें । इसरावती देवी के प्रयास से कई महिलाएं भी रक्तदान के प्रति उत्सुक दिख रही हैं ।

सन्तोष ने पूरे परिवार में भरा रक्तदान का जज्बा

सन्तोष मद्धेशिया ने दो फरवरी को परिवार के बने wp ग्रुप में पिता की पुण्यतिथि पर परिवार के लोंगों से रक्तदान कर पुण्यतिथि मनाने की इच्छा जाहिर की तो सबसे पहले उनके 18 वर्षीय बेटे दीपक मद्धेशिया ने रक्तदान करने की इच्छा जाहिर की, उसके बाद उनके दूसरे बेटे 15 वर्षीय सूरज मद्धेशिया ने कहा "काश मैं भी 18 वर्ष का होता तो आज बाबा के नाम पर रक्तदान करता, 20 वर्षीय बिटिया दिव्या ने तुरंत रक्तदान करने की हांमी भर दी । वहीं चचरे भाई रामप्रवेश मद्धेशिया "यूथ ब्रिगेड" की पहल पर 30 जनवरी को जिला ब्लड बैंक में ही रक्तदान करने की वजह से इस पुण्यतिथि पर रक्तदान नही कर सके ।

छोटे भाई मनोज मद्धेशिया, विनोद मद्धेशिया, बहन आशा, मीना व रीता भी पिता के नाम पर रक्तदान को उत्सुक दिखे पर मैडिकल मानक पर खरा न उतरने पर परिवार के अधिकतर सदस्य रक्तदान करने से वंचित रह गये । नियमित रक्तदान करते हुये अभी तक कुल 11 बार रक्तदान कर चुके सन्तोष मद्धेशिया ने कहा कि समाजसेवा की प्रेरणा पिता जी से पायी है, और उनकी प्रेरणा से ही हमारे परिवार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि हर परिवार को भी रक्तदानी परिवार बना सकें ।

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