शनिवार, 31 जुलाई 2021

जातिवाद, क्षेत्रवाद से परे समूचे राष्ट्र के उन्नायक रहे लोकमान्य तिलक - शैलेष तिलक

डीएवी में वेबिनार में तिलक के प्रपौत्र ने ररवा विचार


वाराणसी, 31 जुलाई(दिल इंडिया लाइव)। डीएवी पीजी कॉलेज के इतिहास विभाग के तत्वावधान में महान क्रांतिकारी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 100 वीं पुण्यतिथि पर उनके जीवन एवं विचारों पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता लोकमान्य तिलक के प्रपौत्र शैलेष श्रीकांत तिलक ने कहा कि उनके दैहिक अवसान के सौ वर्ष बाद भी तिलक के विचार उतने ही प्रांसगिक है जितने ब्रिटिश साम्राज्य मे थे। अंग्रेजी शिक्षा पद्धति से अलग राष्ट्र के प्रति जागृति लाने वाली शिक्षा नीति की बुनियाद उन्होंने ही सबसे पहले रखी। उनका मत था कि लोकशिक्षा के जरिए ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है। उनकी पत्रकारिता ने भी लोगों के दिल में क्रांति का बीजारोपण किया। उनकी मुखर लेखनी अंग्रेजी हुकुमत की ऑखों में सदैव किरकिरी बनी रही। शैलेष तिलक ने यह भी कहा कि तिलक जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद से परे समूचे भारत राष्ट्र के वह उन्नायक है जिन्होंने सिर्फ समाज के लिए जीवन समर्पित किया।

विशिष्ट वक्ता महाराष्ट्र के वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द गोखले ने कहा कि तिलक के जीवन को किसी सीमा से बांध कर नही देखा जा सकता है। तिलक ध्यान योगी और कर्म योगी दोनों ही रहे। समाज में व्याप्त कुरितियों के खिलाफ उनकी लड़ाई में विधवा लड़कीयों को शिक्षित कर उन्हें स्वावलम्बी बनाने की सोच उनके विराट व्यक्तित्व की गवाही देता है। उन्होंनें कहा कि काशी उनके लिए श्रद्धास्थल के समान रही और 1906 के राजघाट के कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने वह यहॉ आये।

अध्यक्षीय सम्बोधन में प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने कहा कि लोकमान्य तिलक अपने विचारों, कार्यो, सर्मपण और त्याग की भावना से देहावसान के 100 वर्ष बाद भी सबके विचारों में जिन्दा है। तिलक ने जिस प्रकार से स्वराज को अपना जन्मसिद्ध अधिकार बतलाया वह आज भी हमारे अन्दर आत्मचेतना की भावना जागृत करती है। महात्मा गांधी से पूर्व तिलक ही राष्ट्रीय एकता के ध्वजवाहक रहे, उनके द्वारा शुरू किया गया गणपति पूजन और उनकी पत्रकारिता ने सदैव देश को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया।

इस अवसर पर प्रो. आर.पी.पाठक, प्रो. बिन्दा परांजपे, प्रो. मानवेन्द्र पुण्डीर, डॉ. राजकुमार, डॉ. घनश्याम दूबे, डॉ. सतीश कुमार ंिसंह आदि प्रबुद्धजनों ने भी तिलक के जीवन दर्शन पर विचार व्यक्त किया। संयोजन डॉ. विनोद कुमार चौधरी, संचालन डॉ. शोभनाथ पाठक, डॉ. प्रतिभा मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संजय कुमार सिंह ने दिया।

राष्ट्रीय आयुष मिशन का प्रशिक्षण

भारतीय चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार पर जोर 


गाजीपुर (दिल इंडिया लाइव)। राष्ट्रीय आयुष मिशन स्थानीय समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आशा एवं ए एन एम प्रशिक्षण की शुरुआत भदौरा ब्लॉक के स्वास्थ अधीक्षक डा.  हारून के कर कमलों द्वारा कराया गया। चिकित्सा अधिकारी डा. राकेश रोशन ने प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए प्रचार  प्रसार पर करने पर जोर दिया उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को आयुर्वेद एवं योग में स्वास्थ्य की अवधारणा मधुमेह का रोकथाम एवं नियंत्रण सामान्य औषधीय पौधे एवं उनके प्रयोग के बारे में जानकारी दी, साथ ही उनको प्रशिक्षित करते हुए गांव गांव कस्बे मोहल्लों में जाकर भारतीय परंपरा योग के द्वारा खास तौर पर मधुमेह संचारी गैर संचारी रोगों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी जो दी गई है  उसे  लोगों के बीच इस जानकारी को बांटे और उन्हें जागरूक करें।

 जिला समन्वयक परितोष अवस्थी ने कहा कि हमारा उद्देश्य हर ब्लॉक पर आशा और एएनएम को जागरूक कराना और उन के माध्यम से दूर-दराज गांवों की जनता को योग एवम आयुर्वेद के माध्यम से किस प्रकार स्वस्थ रखा जा सकता है यह प्रयास किया जा रहा है इस मौके पर डॉ सुजीत कुमार डॉ बीके यादव इंटिको लखनऊ से सौरभ  श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

शुक्रवार, 30 जुलाई 2021

अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी विरोधी दिवस पर जाने क्या उठी मांग

मानव तस्करी रोकथाम बिल हर हाल में पारित हो

बंधुआ मजदूरी से पायी मुक्ति, अब बनेंगे दूसरों की शक्ति 

बंधुआ मजदूरी से मुक्त तीन सौ युवाओं के समूह ने सांसदों को भेजा ज्ञापन

वाराणसी 30 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। बंधुआ मजदूरी से मुक्त लगभग तीन सौ युवाओं के समहू ‘आजाद शक्ति’ ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी विरोधी दिवस पर शुक्रवार को सांसदों को ज्ञापन भेज कर उनसे अनुरोध किया कि वह उनकी पीड़ा को संसद तक पहुंचाने के साथ ही प्रस्तावित मानव तस्करी  रोकथाम बिल का समर्थन करें, ताकि उनके जैसा और काई भी व्यक्ति बंधुआ अथवा बाल मजदूरी का शिकार न बने। मानव तस्करी हर हाल में रुके और ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

‘आजाद शक्ति’ ऐसे तीन सौ युवाओं का समूह है जो कभी बंधुआ मजदूर थे। इस अभिशाप से मुक्त होने के बाद अब वह वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, जौनपुर व संतरविदासनगर भदोही में बाल, बंधुआ मजदूरी व मानव तस्करी के खिलाफ लड़ार्इ लड़ रहे हैं। प्रस्तावित मानव तस्करी रोकथाम बिल के समर्थन में इस संगठन से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को अंतराष्ट्रीय मानव तस्करी विरोधी दिवस पर अपने-अपने जिलों में सांसदों के नाम सम्बोधित ज्ञापन उनके प्रतिनिधियों को सौंपा। आजाद शक्ति के कल्लू वनवासी और बाबूलाल के नेतृत्व में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया। चंदौली में देवेन्द्र कुमार, चन्द्रीका व भदोही में मुनीबजी, वीरेन्द्र के नेतृत्व में, जौनपुर में पन्ना वनवासी, हरिकेश व मिर्जापुर में रामआसरे, लालफुल के नेतृत्व में समूह के लोगों ने सांसद प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंप कर उनसे अपनी पीड़ा संसद तक पहुंचाने की मांग की। कहा कि वह प्रस्तावित ’मानव तस्करी रोकथाम विधेयक’ हर हाल में संसद में समर्थन करें।

क्या है मानव तस्करी रोकथाम विधेयक

प्रस्तावित विधेयक के मसौदा के अनुसार,  मानव तस्करी के दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कम से कम सात साल की जेल होगी, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। दोषी पर कम से कम एक लाख रुपये का और अधिकतम पांच लाख रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। मानव तस्करी के अवैध व्यापार से अर्जित धन प्राप्त संपत्ति को भी विस्तृत प्रावधानों के साथ जब्त किया जा सकेगा। इसके अलावा, तस्करी के गंभीर रूप में वर्गीकृत अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रस्ताव किया गया है। 

विधेयक का उद्देश्य

इसका उद्देश्य व्यक्तियों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी पर अंकुश लगाना है। पीड़ितों को उनके अधिकारों का सम्मान करते हुए देखभाल,  सुरक्षा और पुनर्वास प्रदान करने और उनके लिए एक सहायक कानूनी,  आर्थिक और सामाजिक वातावरण बनाने पर जोर देना इसका मुख्य उद्देश्य है।

आज भी प्रासंगिक हैं मुंशी प्रेमचन्द के साहित्यिक व सामाजिक विमर्श


डाककर्मी के पुत्र ने लिखी साहित्य की नई इबारत: पीएमजी  कृष्ण कुमार यादव

वाराणसी 30 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपन्यास सम्राट के रूप में प्रसिद्ध मुंशी प्रेमचंद के पिता अजायब राय श्रीवास्तव लमही, वाराणसी में डाक मुंशी (क्लर्क) के रूप में कार्य करते थे। ऐसे में प्रेमचंद का डाक-परिवार से अटूट सम्बन्ध था। मुंशी प्रेमचंद को पढ़ते हुए पीढ़ियाँ बड़ी हो गईं। उनकी रचनाओं से बड़ी आत्मीयता महसूस होती है। ऐसा लगता है मानो इन रचनाओं के  पात्र हमारे आस-पास ही मौजूद हैं। प्रेमचंद जयंती (31 जुलाई) की पूर्व संध्या पर उक्त उद्गार चर्चित ब्लॉगर व साहित्यकार एवं वाराणसी  परिक्षेत्र  के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि लमही, वाराणसी में जन्मे डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य की नई इबारत  लिखी। आज भी तमाम साहित्यकार व शोधार्थी लमही में उनकी जन्मस्थली की यात्रा कर प्रेरणा पाते हैं। हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936  तक के कालखंड को 'प्रेमचंद युग' कहा जाता है। प्रेमचंद साहित्य की वैचारिक यात्रा आदर्श से यथार्थ की ओर उन्मुख है। मुंशी प्रेमचंद स्वाधीनता संग्राम के भी सबसे बड़े कथाकार हैं। श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि, प्रेमचंद की स्मृति में भारतीय डाक विभाग की ओर से 30  जुलाई 1980 को उनकी जन्मशती के अवसर पर 30 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट भी जारी किया जा चुका है। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, प्रेमचन्द के साहित्यिक और सामाजिक विमर्श आज भूमंडलीकरण के दौर में भी उतने ही प्रासंगिक हैं और उनकी रचनाओं के पात्र आज भी समाज में कहीं न कहीं जिन्दा हैं। प्रेमचंद ने साहित्य को सच्चाई के धरातल पर उतारा। प्रेमचन्द जब अपनी रचनाओं में समाज के उपेक्षित व शोषित वर्ग को प्रतिनिधित्व देते हैं तो निश्चिततः इस माध्यम से वे एक युद्ध लड़ते हैं और गहरी नींद सोये इस वर्ग को जगाने का उपक्रम करते हैं। श्री यादव ने कहा कि प्रेमचन्द ने अपने को किसी वाद से जोड़ने की बजाय तत्कालीन समाज में व्याप्त ज्वलंत मुद्दों से जोड़ा। उनका साहित्य शाश्वत है और यथार्थ के करीब रहकर वह समय से होड़ लेती नजर आती हैं।


(चित्र में : मुंशी प्रेमचंद की जन्मस्थली लमही, वाराणसी में पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव)

गुरुवार, 29 जुलाई 2021

हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य के अधिकार की उठी मांग

सूचना, शिक्षा, भोजन की तरह स्वास्थ्य का अधिकार भी मिले

वाराणसी 29 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं ने काशी से देश में स्वास्थ्य के अधिकार कानून की मांग की है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर स्वास्थ्य का अधिकार अभियान के तत्वावधान में हस्ताक्षर अभियान का आयोजन करके इस मांग के पक्ष में समर्थन जुटाया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति को संबोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन एवं बैनर पर लोगों के हस्ताक्षर लिए गये। अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि आम नागरिक को निकटतम दूरी पर न्यूनतम खर्च में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए तभी हम अपने देश को विकसित देश की श्रेणी में ला पायेंगे। देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए स्वास्थ्य के अधिकार कानून बने। जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को सामान्य स्वास्थ्य सुविधाये न्यूनतम खर्च और निकटतम दूरी पर मिलने का अधिकार हो और यह सुविधा न मिलने पर दोषियों को दंड और प्रभावित नागरिक को क्षतिपूर्ति मिलने का प्रावधान हो। अभियान की तरफ से मांग की जा रही है कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण सरकारीकरण किया जाए एवं स्वास्थ्य का राष्ट्रीय बजट तीन गुना किया जाय। प्रत्येक एक हजार की जनसंख्या पर निश्चित मानदेय पर ‘जन स्वास्थ्य रक्षक’ की नियुक्ति हो जो स्थानीय आशा कार्यकर्त्री और आंगनबाड़ी के साथ मिल कर सामान्य स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराए, तापमान, रक्तचाप, मधुमेह एवं अन्य सामान्य जांच की सुविधा इस स्तर पर सुलभ होनी चाहिए। प्रति बीस हजार की जनसंख्या पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पचास हजार की जनसंख्या पर उच्चीकृत स्वास्थ्य केंद्र एवं एक लाख की जनसंख्या पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होना सुनिश्चित किया जाय, जहाँ विभिन्न प्रकार की आवश्यक जांच सुविधा के साथ ही अन्य सभी स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध हो,


इसके साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर मातृ शिशु कल्याण केंद्र होना सुनिश्चित हो। ग्रामीण एम्बुलेंस सेवा को और बेहतर और सुलभ बनाया जाय। अभियान की मांगो में यह भी शामिल है कि प्रदेश और केंद्र स्तर पर स्वतंत्र ‘स्वास्थ्य अधिकार आयोग’ का गठन हो जो सभी स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं से सम्बन्धित शिकायतों पर सुनवाई करे और दोषियों को दंडित करे.  आयुष (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी) का बजट बढाते हुए इसे और व्यापक और सुलभ किया जाए.  विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाव सम्बन्धी जागरूकता,  नियमित स्वास्थ्य जांच सम्बन्धी जागरूकता, टीकाकरण अभियान सम्बन्धी जागरूकता जैसे कार्यक्रमों को और प्रभावी तथा सघन किया जाय। अभियान के संयोजक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि सभी प्रकार की विकास निधियों जैसे सांसद निधि, विधायक निधि, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम सभा आदि की न्यूनतम 20 प्रतिशत राशि अपने क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं एवं संसाधनों की वृद्धि के लिए व्यय किया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए।

हस्ताक्षर अभियान के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव सम्बन्धी पर्चे भी वितरित किये गये. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से से डॉ. ओमशंकर वल्लभाचार्य पाण्डेय, धनञ्जय त्रिपाठी, इन्दू पांडेय, प्रदीप कुमार सिंह, राजकुमार पटेल, महेंद्र राठौर, विनय सिंह,  सूरज पाण्डेय, रामजनम भाई चौधरी राजेन्द्र, प्रज्ञा सिंह,दिवाकर,राज अभिषेक,जागृति राही, अजय पटेल,ओम शुक्ला, अनूप श्रमिक,छेदी लाल निराला,मनीष सिन्हा,राहुल, नीरज,शांतनु आदि का योगदान रहा।

बच्चे अब्दुल कलाम को बनायें अपना आइडियल

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। मिसाइल मैन, देश के पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की छठी पुण्यतिथि हनुमान फाटक स्थित जावेद के आवास पर सुफिया-ए-हिंद फाउंडेशन ने मनाते हुए उनकी जिन्दगी और कार्यो पर रौशनी डाली। इस मौके पर शफीक अहमद मुजददीदी ने अध्यक्षता करते हुए  कहा कि समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक करना बहुत ही जरूरी है। बच्चों को अब्दुल कलाम साहब जैसी शक्सीयत को अपना आइडियल बनाना होगा। हम अपने लक्ष्य को अगर वक्त पर प्राप्त करना चाहते हैं तो इसलिए हमें देश के प्रति समर्पित होकर कलाम साहब की शिक्षा को अपनाना होगा। ठीक वैसे ही जैसे देश का नाम अब्दुल कलाम साहब ने रौशन किया। वैसे ही उनके जीवन से प्रेरित होकर युवा वर्गों को अपना सपना साकार करना चाहिए। तमाम दुख और कठिनाईयां झेलते हुए एपीजे अब्दुल कलाम उस मुकाम पर पहुंचे थे जहां पहुंचने का सपना हर इंसान देख और सोच भी नहीं पाता। भारत रत्नअब्दुल कलाम साहब के निधन से सभी ने अपना एक अनमोल रत्न खो दिया, जिसकी भरपायी बहुत ही मुश्किल है। इस कार्यक्रम मौलाना अब्दुल मुट्टलिब, शाहिद जमाल अंसारी, जावेद अंसारी, शिवम चौरसिया, रवि कुमार राय, मनीष, हैदर अली, मोहम्मद जावेद, निसार अहमद, मकबूल अहमद, नोमान अख्तर आदि मौजूद थे। 

मंगलवार, 27 जुलाई 2021

श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के जाने कौन हैं नये महंत

शंकरपुरी ने संभाला मठ की गद्दी


वाराणसी 27 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के नए महंत की गद्दी पर मंगलवार को शंकर पुरी आसीन हो गये। इस दौरान उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक के अलग-अलग मठों और अखाड़ों के संत-महात्मा और काशी के बुद्धिजीवी आयोजन के दौरान मौजूद थे। गद्दी आरोहण कार्यक्रम संपन्न होने के बाद महंत शंकर पुरी ने कहा कि श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर की परंपरा के अनुसार वह जनसरोकार से जुड़े कार्यों को और आगे बढ़ाएंगे। समाज के लोगों के सुख-दुख में अन्नपूर्णा मठ मंदिर सदैव साथ खड़ा रहे, यह उनकी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है।

पता हो कि श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के पूर्व महंत रामेश्वर पुरी लंबी बीमारी के बाद पिछले दिनो ब्रह्मलीन हुए थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया था। 13 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर जाकर महंत रामेश्वर पुरी को श्रद्धांजलि दी थी। महंत रामेश्वर पुरी को अन्नपूर्णा मठ मंदिर की महंती 17 अक्टूबर 2004 को सौंपी गई थी। उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा और समाज सेवा के क्षेत्र में कई बड़े काम किए थे। मंगलवार को नए महंत को गद्दी सौंपे जाने से पहले पूर्व महंत का षोडशी भंडारा और श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया। 

जाने मंहत शंकरपुरी की विशेषता

श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के व्यवस्थापक जीवनंदन झा ने बताया कि महंत शंकर पुरी मूल रूप से मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के रहने वाले हैं। वह 1988-1989 में श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर आए। उन्होंने अन्नपूर्णा ऋषिकुल आश्रम में आचार्य तक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से स्नातक और परास्नातक की शिक्षा ली। श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के वह पहले ऐसे महंत हैं जो यहीं के छात्र भी रहे। वर्ष 2004 से अब तक वह श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के उप महंत थे।

रविवार, 25 जुलाई 2021

सावन को आने दो ' में छायी हरियाली

सावन भर पेड़ लगाने की हुई अपील

वाराणसी 25 जुलाई (दिल इंडिया लाइव) अखिल भारतीय वैश्य महिला महासम्मेलन के तत्वाधान में 'सावन को आने दो ' कार्यक्रम मौर्या भवन संकटमोचन में आयोजित किया गया। इस मौके पर अध्यक्ष अंजलि अग्रवाल ने सभी को सावन मास की बधाई देते अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आवाह्न किया। इस मौके पर सभी ने एक गरीब कन्या की शादी कुछ माह बाद होनी उसको उपहार दे सहयोग किया। शिव स्तुति प्रीती ,रानी, जयंती ने प्रस्तुत करी,सुषमा, इंद्, मिथिलेश,नीलू ने कजरी प्रस्तुत करी,ममता जायसवाल, इरा,गीता ने मनोहारी नृत्य प्रस्तुति करी, सचिव सुशीला जायसवाल ने संचालन,कमलेश गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया, हरे परिधान मे सभी सदस्यों ने शिरकत करके पूरे माहौल में हरियाली ला दी। सभी को सुहाग चिन्ह चूड़ी बिंदी इत्यादि दिए गया



प्राथामिक विद्यालय में बांटी जा रही पुस्तकें

पुस्तक पाकर प्रफुल्लित हुए छात्र-छात्राएं

वाराणसी24 जुलाई(दिल इंडिया लाइव)।चिरईगांव विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय गौराकला में पाठ्य पुस्तक वितरण समारोह का आयोजन प्रिंसिपल आरती देवी की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान राजेश कुमार उर्फ राजू ने छात्र एवं छात्राओं को निःशुल्क पुस्तक वितरण किया।

 ग्राम प्रधान राजू ने कहा कि कुरोना महामारी के कारण विद्यालय बंद चल रहे हैं परंतु सरकार की ओर से बच्चों तक पुस्तक पहुंचाई जा रही हैं ताकि उनका भविष्य अंधकार मय न हो, छात्र एवं छात्राएं निःशुल्क किताब पाकर प्रफुल्लित हुए। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष अनीता देवी ने कहा कि सरकार की ओर से सरकारी स्कूल में कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं बच्चों को निशुल्क पुस्तकें, निशुल्क ड्रेस, निशुल्क बैग, निशुल्क जूता व मोजा और एमडीएम की व्यवस्था की गई है, नामांकन का काम जारी है सभी अभिभावकों से अनुरोध है कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में प्रवेश कराएं, सरकारी स्कूल में प्रशिक्षित अध्यापकों के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

प्रिंसिपल आरती देवी ने कहा कि अपने बच्चों को घरों पर पढ़ने के लिए प्रेरित करें और कोविड के नियम का पालन करते हुए साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। इस अवसर पर वंदना पांडे, एहतेशामूल हक, अनीता सिंह, शशिकला, प्रमिला सिंह, शक्ति कुमारी, त्रिलोकी प्रसाद गुप्त इत्यादि मौजूद थी।

शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद, वो भी घर बैठे पायें

डाक विभाग दे रहा ₹ 251 में बाबा का प्रसाद 

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव की पहल


वाराणसी 23 जुलाई (दिल इंडिया लाइव) श्रावण मास में भगवान शंकर की पूजा और उनके प्रसाद की बड़ी महिमा है। अक्सर लोगों की इच्छा होती है कि काश घर बैठे ही उन्हें बाबा भोलेनाथ का प्रसाद मिल सके। ऐसे में लोगों को अब निराश नहीं होना पड़ेगा। अब वे घर बैठे स्पीड पोस्ट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। उक्त जानकारी वाराणसी  परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत नए स्वरूप में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद स्पीड पोस्ट सेवा द्वारा लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत अपने नजदीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 का ई-मनीआर्डर प्रवर  अधीक्षक डाकघर, वाराणसी (पूर्वी) मंडल के नाम भेजना होगा। ई-मनीऑर्डर प्राप्त होते ही डाक विभाग द्वारा तत्काल दिए गए पते पर प्रसाद भेज दिया जाएगा। डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ इनवेलप में होगा । इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। 

प्रसाद में शामिल होंगी ये वस्तुएं

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रसाद में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की छवि, महामृत्युंजय यंत्र, श्री शिव चालीसा, 108 दाने की रुद्राक्ष की माला, बाबा को चढ़ा बेलपत्र, माता अन्नपूर्णा से भिक्षाटन करते भोले बाबा की छवि अंकित सिक्का, मेवा, भस्म, चंदन, रक्षा सूत्र एवं मिश्री का पैकेट इत्यादि शामिल होंगे। प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पूर्वी मंडल सुमीत कुमार गाट ने बताया कि वाराणसी में स्थानीय तौर पर श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद मात्र ₹ 201 में वाराणसी सिटी डाकघर के काउंटर से भी प्राप्त किया जा सकता है। 

(चित्र में : पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव)

खुशहाल परिवार दिवस में 56 महिलाओं ने उठाया ये कदम

स्वास्थ्य केंद्रों पर मना खुशहाल परिवार दिवस

गाजीपुर, 23 जुलाई(दिल इंडिया लाइव)। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक माह की 21 तारीख को मनाये जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन इस बार 22 जुलाई को शासन के निर्देश पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर  किया गया | मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी क्रम में खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता है, जिसमें दंपति को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जागरूक किया जाता है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के के वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिये थे कि इस माह 21 जुलाई को बकरीद के उपलक्ष्य में अवकाश होने के कारण खुशहाल परिवार दिवस अगले कार्यदिवस यानि 22 जुलाई को सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर आयोजित किया जाए।

इसी के तहत बुधवार को जनपद में चार नसबंदी कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें 56 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा प्राप्त की  । इसके अलावा दिवस पर जिले भर में 538 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन, 244 आईयूसीडी, 23 पीपीआईयूसीडी को चुना और 1362 छाया गोली, 818 माला एन, 5405 कंडोम निशुल्क वितरण किया गया। 

डा. वर्मा ने बताया कि खुशहाल परिवार दिवस पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन के सभी  साधन नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराए जाते हैं जिसका मुख्य उद्देश्य जनसंख्या को स्थिर करना है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इस महीने जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा भी चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य नव दंपत्ति को परिवार को सीमित रखने के विभिन्न अस्थायी साधनों के बारे में बताया जा रहा है। इसके साथ ही  अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्रों पर महिला व पुरुष नसबंदी कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है। इच्छुक दंपत्ति इस कैंप में पहुंच कर इसका नि:शुल्क लाभ उठा सकते हैं।

गुरुवार, 22 जुलाई 2021

स्व. सुरेश अवस्थी की 15 वीं पुण्यतिथि

आध्यात्मिक उत्थान की भूमि है भारत: मनोज सिन्हा

वेबिनार में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल के विचार

वाराणसी, 22 जुलाई (दिल इंडिय लाइव)। जब किसी के व्यक्तित्व को परिभाषित करने का प्रयास होता है तो उसमें एक विशिष्ट सुगंध प्रसारित होती  है, कुछ ऐसी ही सुगंध स्व. सुरेश अवस्थी ने अपने योगदान के जरिए समाज में छोड़ी है। उक्त उद्गार जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. सुरेश अवस्थी की 15 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर डॉ. सुरेश अवस्थी स्मृति न्यास के तत्वावधान मे ‘सामाजिक संवाद की पहल‘ (राष्ट्रीय मुस्लिम मंच पर सरसंघचालक मोहन भागवत के भाषण का सन्दर्भ) विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किये। मनोज सिन्हा ने सुरेश अवस्थी के व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए कहा कि व्यक्तित्व के लिहाज से वे समाज निर्माता थे, उनके अनुभव आज भी हमारे लिए प्रेरणादायी है। विद्यार्थी जीवन में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हर उन चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा प्रदान करते थे जो उस दौर के हर विद्यार्थी के सामने खड़ी होती थी। उनकी आत्मत्याग की भावना सदैव याद की जायेगी। उन्होनंे कहा कि स्व. सुरेश अवस्थी के लिए भारतभूमि सिर्फ करोड़ो लोगो के रहने की जगह नही थी बल्कि प्रत्येक जन के आध्यात्मिक उत्थान की भूमि है, जिसमें सामाजिक समरसता का भाव है। उन्होनंे यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब सभी के लिए अधिकारों की समानता की बात होनी चाहिए तभी समाज की ईकाइयॉ मजबूत होंगी। अवस्थी जी ने हम जैसे अनेक अनगढ़़ युवाओं को कबीर की भॉति गढ़ा। यदि हम राजनीति में चरित्रवान, ईमानदार और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ आगे बढ़े तो यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्ऱद्धाजंलि होगी।


वेबिनार के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हम हिन्दु - मुस्लिम नही बल्कि एक भारतीय है और भारतीय होने के नाते सब एक है। हिन्दू एक धर्म नही, एक राष्ट्र है, एक समावेशी संस्कृति है और इसी आधार पर मोहन भागवत ने सबका डीएनए एक होने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि मजहबी आधार पर डीएनए की बात जोड़ना सरासर गलत है, मजहब अनेक हो सकते है लेकिन राष्ट्रीयता एक है। हर मजहब व्यक्ति को सामाजिक बुराई से उबारने का रास्ता है ना कि उन्माद फैलाने का रास्ता दिखलाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का मुसलमान भी अब पाकिस्तान से यह सवाल कर रहा है कि वहॉ के अल्पसंख्यकों पर इतना अत्याचार क्यों किया जा रहा है।

विशिष्ट वक्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री डॉ. रामबहादुर राय ने कहा कि वोटबैंक बनाने के लिए मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाने में राजनीतिक दलो का योगदान ज्यादा है। सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा दिये गये सभी के एक डीएनए की बात को सोशल मीडिया पर तोड़ मरोड़ के प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि आरएसएस ही एक ऐसी विचारधारा है जो विश्वव्यापी है। मोहन भागवत संवैधानिक राष्ट्रीयता की बात कर रहे है जिसमें कोई भेदभाव नही होगा, समाज में समरसता होगी और सबका एक समान रूप से उत्थान हो सकेगा।

वेबिनार में अतिथियों का स्वगात डॉ. विक्रमादित्य राय, विषय स्थापना क्लस्टर विवि, जम्मू के कुलपति प्रो. बेचनलाल जायसवाल, संचालन सुधीर मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन केदारनाथ सिंह ने दिया। इस अवसर पर प्रो. रमेश चन्द्र गौर, प्रो. अशोक कौल, प्रो. ए.के. जोशी, रामगोपाल मोहले, डॉ. नन्द जी राय, हिमांशु सिंह, अनिल शुक्ला, डॉ. विकास कुमार सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

बुधवार, 21 जुलाई 2021

सोशल डिस्टेंसिंग संग हुई बकरीद की नमाज

नमाज़ के साथ शुरु हुआ ईदुल अजहा का जश्न


वाराणसी 21 जुलाई(दिल इंडिया लाइव)। देश-दुनिया के साथ ही बनारस में सुबह ईदुल अजहा की नमाज़ के साथ बकरीद का जश्न पूरी अकीदत के साथ शुरु हो गया। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी। मसाजिदों और ईदगाह से नमाज़ मुकम्मल करके अकीदतमंद घर पहुँचे जहां कुर्बानी का सिलसिला शुरु हुआ। नमाज़ के दौरान उलेमा ने अपनी तकरीर में जहां लोगों को दीन के रास्ते पर चलने की दावत दी वही बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग का दिन बताया। उलेमा ने कहा कि जानवर का गोश्त और हड्डी रब के पास नहीं जाती बाल्कि रब हमारी नियत देखता है, इसलिए हमे चाहिए कि जब भी हमारी जरुरत हो हम कुर्बानी के लिए तैयार रहे। वो कुर्बानी धन, दौलत, जानवर ही नहीं बाल्कि अपनी कौम और वतन के लिए भी हो सकती है। इस दौरान मुल्क में अमन, मिल्लत व कोरोना के खात्मे के लिए भी दुआएं मांगी गई। 

पता हो कि इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद के तीन दिन आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल करते हैं।

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटा हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए जेबाह के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।

अल सुबह हुई नमाजें

इस साल 21 जुलाई को पूरे देश में बकरीद


का पर्व शुरु हुआ। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा की गई।कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल लोगों को घर ही नमाज अदा करनी पड़ी थी, लेकिन इस बार लोगों को मस्जिदों में जमात के साथ नमाज सोशल डिस्टेंसिंग 

के साथ अदा करने की इजाज़त दी गई थी।

मंगलवार, 20 जुलाई 2021

बकरीद (bakharid):पहले नमाज़ फिर की जायेगी कुर्बानी

देश-दुनिया में ईदुल अजहा का त्योहार कल

सोशल डिस्टेंसिंग संग मनेगी बकरीद

वाराणसी20 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। देश-दुनिया में कल ईदुल अजहा यानी बकरीद का त्योहार पूरी अकीदत के साथ मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। देर रात तक बकरो और सेवईयो की खरीदारी जारी थी। बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग के दिन के रूप में याद किया जाता है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद के तीन दिन आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल कर रहे होते हैं। उधर बकरों की खरीद के साथ ही खोवा, सेवई, मेवा, प्याज,अदरक आदि की भी खरीदारी देर रात तक होती रही। दरअसल कुर्बानी के साथ ही घरों में लज़ीज सेवईयां भी बनती है। इसकी तैयारियां ख्वातीन देर रात से ही करती हैं।

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटा हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए जेबाह के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।

इस साल ये है तैयारी

इस साल 21 जुलाई को पूरे देश में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा करने की तैयारी है।कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल लोगों को घर ही नमाज अदा करनी पड़ी थी, लेकिन इस बार लोगों को मस्जिदों में जमात के साथ नमाज सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अदा करने की इजाज़त दी गई है।

जानिए क्या है बकरीद का महत्व

दुनिया भर के मुसलमान ईद की तरह कुर्बानी पर भी गरीबों का खास ख्याल रखते हैं। कुर्बानी के सामान का तीन हिस्सा बांटकर एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है। दो हिस्सों में एक खुद के लिए और दूसरा हिस्सा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए रखा जाता है। मुसलमानों का विश्वास है कि पैगंबर इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई। अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा जिसमें वो पास हो गये।

मैनेजरों ने मदरसो की समस्याओं पर डाली रौशनी

नये पद सृजन की उठीं मांग

वाराणसी 19 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। मदरसा मैनेजर एसोसिएशन की बैठक में मदरसे के नये पद सृजन,पुराने पदो की भर्ती , आदर्श प्रशासन योजना और अन्य चीजो पर अपने विचार वयक्त किये गये।

मदरसा खानम जान अरबिक स्कूल अर्दली बाजार के कार्यालय में मदरसा मैनेजर एसोसिएशन वाराणसी की हुई इस विशेष बैठक आहूत की सदारत मौलवी मंजूर अहमद साहब ने की जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि जिला अल्पसंख्यक कार्यालय के प्राप्त पत्र 8 जुलाई 2021 का सफल क्रियान्वयन कराया जाए तथा भविष्य में भी कार्यालय से समन्वय के आधार पर संपर्क में रहकर हर समस्या का उचित निराकरण कर वाराणसी में एक सर्वोच्च सफल व्यवस्था स्थापित की जाए। इस अवसर पर मुख्य रूप से जिसकी अध्यक्षता मौलाना मंजूर साहब (मदरसा मतले उलूम कमलगड़हा)  दानीश शहाब (प्रबंधक मदरसा खानम जान), संचालन मौलाना अखलाक़ अहमद जनरल सेक्रेटरी तन्जीम मैनेजर्स मदारिस अरबिया (मदरसा मज़्हरूल उलूम पिलीकोठी) ने की।बैठक मे जनाब रिजवान अहमद( मदरसा चिरागे उलूम रसूलपुरा) , हाजी आलमगीर सिद्दिकी( मदरसा मजिदिया सराय हड़हा), सय्यद जीशान ( मदरसा जामिया अल्विया) व अन्य मदरसो के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। शुक्रिया शहाबुद्दीन लोधी उपाध्यक्ष मैनेजर्स मदारिस अरबिया ने किया।

बैठक मे मदरसे के नये पद सृजन,पुराने पदो की भर्ती , आदर्श प्रशासन योजना और अन्य चीजो पर अपने विचार वयक्त किये गये।

रविवार, 18 जुलाई 2021

गाजीपुर न्यूज़: आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत लाभार्थियों का बनेगा आधार

2.82 लाख बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं पंजीकृत 

ग़ाज़ीपुर,17 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। पोषण मिशन के तहत बच्चों व गर्भवती को सुपोषित करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं । कुपोषित बच्चों के सही आंकड़ा व सटीक रिपोर्ट शासन ने उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चयनित बच्चों व गर्भवती का आधार व पहचान पत्र जरूरी है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों व गर्भवती के पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसको लेकर अब शासन ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में दर्ज सभी कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं का आधार कार्ड अब परियोजना कार्यालय पर बनाए जाने का निर्देश जारी किया है। जिसके लिए विभाग को आधार कार्ड बनाए जाने का किट पहुंच चुकी है। 29 जुलाई को यू डी आई के द्वारा समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) एवं परियोजना से संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि जनपद में कुल 2.82 लाख बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं व किशोरियों पंजीकृत हैं। जिन्हें शासन के द्वारा मिलने वाले सूखा राशन व अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं। जिनमें से करीब 60 से 70 फ़ीसदी लोगों का आधार कार्ड बन चुका है। ऐसे में जिन लोगों का आधार कार्ड किन्ही कारणों से अभी तक नहीं बन पाया है। ऐसे लोगों के आधार कार्ड अब आने वाले समय में जनपद के सभी ब्लॉकों में कार्यरत परियोजना कार्यालय पर बनाए जाएंगे। जिसका मुख्य उद्देश्य शासन द्वारा बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ मिल सके। जनपद में छह माह से तीन वर्ष के बच्चों की संख्या 121460 और तीन से छह साल के बच्चों की संख्या 90692 है। इसके साथ ही 69977 गर्भवती व धात्री महिलाएं हैं।

इनरव्हील सेन्ट्रल की ये है नई टीम

प्रसिडेंट रीना व सेक्रेटरी कविता ने संभाला कार्यभार 

कैंसर अनाथालय के लिए दिया डोनेशन



वाराणसी 17 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। इनरव्हील क्लब वाराणसी सेन्ट्रल का पदग्रहण समारोह भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में समपन्न हुआ। इस मौके पर प्रसिडेंट रीना गर्ग ने अपनी टीम सेक्रेटरी कविता शाह, ट्रेजरार कविता बजाज सहित लगातार दूसरी बार सत्र 2021-22 के लिये कार्यभार सम्भाला।

कार्यक्रम का आगाज़ डिस्ट्रीक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी को सेक्रेटरी आशा अग्रवाल ने एवं नवनिर्वाचित प्रसिडेंट रीना गर्ग को सचिव कविता शाह ने कालर पहनाकर औपचारिक्ता पूरी करने के साथ हुआ। प्रसिडेंट रीना गर्ग ने अतिथियों का स्वागत 


करते हुए कहा कि ‘‘इनरव्हील क्लब’’ सेवा एवं सहचर्य की अतंराष्ट्रीय एवं गैरसरकारी स्वयंसेवी संस्था है। जो सदस्यों के आपसी सहयोग से अग्रसर है और समय समय पर समाज में सेवा एवं सहयोग के कार्य करती है।

क्लब की सचिव कविता शाह द्वारा वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद सत्र 2021-22 के लिये निर्वाचित टीम को पदभार ग्रहण कराया गया। इस मौके पर प्रसिडेंट रीना गर्ग ने आगामी सत्र 2021-22 के लिये प्रोजेक्ट की जानकारी दी और अपने घर और परिजनों से दूर कैंसर रूपी गम्भीर बीमारी से संघर्ष कर रहे रोगियों के अनाथालय के लिये क्लब की ओर से डोनेशन दिया। साथ ही अनाथालय में रहने वाली युवतियो के लिए 280 सेनेटरी नैपकिन और 50 मीटर ड्रेस मेटेरियल प्रदान किया गया। इस दौरान एमओसी मधुलिका त्रिपाठी, पीपी रमन गर्ग, पीपी अलका शाह, पीपी शबनम अग्रवाल, पीएपी नंदनी भार्गव, अलका माथुर मौजूद रही। 

गुरुवार, 15 जुलाई 2021

बच्चों के टेढ़े पंजे ठीक करने की मुफ्त कवायद

आरबीएसके यानी मिरेकल फिट इंडिया

गाजीपुर,15 जुलाई 2021(हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत जिला अस्पताल में मिरेकल फीट इंडिया के सहयोग से संचालित क्लबफुट क्लीनिक शुरू किया गया है।  जिसमें जन्म से एक साल तक के बच्चों के टेढ़े पंजों (क्लबफुट) का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ तपिश कुमार तथा डॉ कृष्ण कुमार के निर्देशन में प्रत्येक बुधवार को नि:शुल्क इलाज का खाका खींचा गया है। बुधवार को तीन बच्चों का निःशुल्क इलाज किया गया । 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी  डा. के वर्मा ने बताया कि जनपद गाजीपुर में एक वर्ष से छोटे बच्चे जो कि क्लब फुट से पीड़ित हैं वह अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरबीएसके टीम के सहयोग से संपर्क कर नि:शुल्क सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं | डा. तपिश कुमार ने बताया कि बच्चे का इलाज जितना जल्दी संभव हो सकेगा उतना जल्दी बच्चे का पैर सामान्य हो जाएगा । इस प्रक्रिया में बच्चे को प्लास्टर पोंसेटि तकनीक” द्वारा टेनोटॉमी की जाती है और फिर वह विशेष  प्रकार के जूते पहनने के लिए तैयार हो जाते हैं । 

 डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि क्लबफुट एक प्रकार की पैर से सम्बन्धित जन्मजात विकृति (जन्म के समय उपस्थित) होती है जिसमें जन्म के समय से ही बच्चे का पैर उसके सामान्य आकार का नहीं होता है। दोनों पैर या एक पैर का पंजा  अंदर की ओर मुड़ा होता है। यह नवजात शिशुओं में पायी जाने वाली सबसे आम विकृति है। यह स्थिति सामान्य भी हो सकती है और कुछ परिस्थितियों में यह स्थिति गंभीर भी हो सकती है और शिशु के एक पैर या दोनों पैरों में भी दिखाई दे सकती है। पैर की मांसपेशियों को पैर की हड्डियों से जोड़ने वाले टेंडन्स के छोटे और तंग होने के कारण यह विकृति होती है जिस कारण शिशु का पैर अंदर की तरफ मुड़ जाता है।इसका इलाज बच्चे के जन्म के 5-7 दिन बाद, बच्चे के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही शुरू किया जा सकता है।

साप्ताहिक कास्टिंग का उपयोग करते हुए पैर के क्रमिक सुधार की इस प्रक्रिया को “पोंसेटि तकनीक” कहा जाता है। स्थिति की गंभीरता के आधार पर, यह प्रक्रिया कुछ महीने लम्बी हो सकती है और इसमें विशेष जूते और ब्रेस के उपयोग की भी आवश्यकता होती है, जोकि मिरेकल फीट इंडिया के द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध है। कार्यात्मक, दर्द मुक्त, सीधे पैर और भविष्य में चलने में किसी प्रकार की परेशानी न होना ही इस इलाज की प्रक्रिया को करने का मुख्य उद्देश्य है। सही समय पर सही इलाज शीघ्र रिकवरी में सहायक होता है।

यहाँ यह याद रखना अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि यदि समय पर इलाज नहीं कराया जाये तो यह स्थिति उम्र के साथ और बिगड़ सकती है, इसलिए बच्चे के स्वस्थ और सामान्य जीवन जीने के लिए शुरुआती चिकित्सा आवश्यक है।



मिरैकल फीट इंडिया के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आनंद कुमार ने बताया कि मिरैकल फीट द्वारा अभी तक गाजीपुर जिला अस्पताल में 16 बच्चों जो क्लब फुट  से पीड़ित है, उनका रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। इसमे से 13 बच्चों को नि:शुल्क ब्रेस (विशेष प्रकार के जूते )  दिया गया।

बुधवार, 14 जुलाई 2021

चश्मावाला नाम से चश्मों की नई रेंज

एक ही छत के नीचे चश्मों की सारी वैरायटी


वाराणसी 14 जुलाई (दिल इंंडिया लाइव)। फैशनेबल दिखना किसे नहीं पसंद है। हर कोई नये लुक में दिखने की चाहत रखता है। इसी चाहत को पूरा करने के लिए चश्मों की नई रेंज के साथ बाज़ार में उतरे हैं, कमर हसन। चश्मावाला नाम से उन्होंने अर्दली बाजार में खोला है नई शाप। यहां वो सारी वैरायटी एक ही छत के नीचे मौजूद है।

सोमवार, 12 जुलाई 2021

डाकिया बना चलता-फिरता बैंक

डाक का महालॉगिन अभियान:1 दिन में 7000 से ज्यादा खुला खाता

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते, घर बैठे पेपरलेस खाते खोल रहा डाक विभाग





वाराणसी 12 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में विशेष महालॉगिन अभियान चलाकर एक ही दिन में 12 जुलाई को 7 हजार से ज्यादा लोगों के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते खुलवाए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देते हुए मात्र आधार व मोबाईल नम्बर द्वारा ये पेपरलेस खाते खोले गए। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक 3.72 लाख लोग इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से जुड़ चुके हैं और घर बैठे इसकी सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। अब आईपीपीबी खाते में अधिकतम राशि 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंटस बैंक के माध्यम से हर किसी के लिए घर से लेकर खेतों तक  सहजता से डिजिटल और पेपरलेस बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे लोगों को भविष्य में भी घर बैठे आईपीपीबी के माध्यम से डीबीटी राशि प्राप्त करने में आसानी होगी। इस खाते के माध्यम से मोबाईल व डीटीएच रिचार्ज, बिजली व पानी बिल भुगतान जैसी तमाम सुविधाएँ मिलेंगी। जहाँ कोई नहीं पहुँचता, वहाँ डाकिया पहुँच रहा है। अब डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक चलते- फिरते बैंक बन गए हैं। पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने बताया कि इसी क्रम में आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम द्वारा अन्य बैंकों में प्राप्त डीबीटी राशि या जमा राशि का भी माइक्रो एटीएम द्वारा भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए भी 10 जुलाई को पूरे वाराणसी परिक्षेत्र में विशेष महालॉगिन अभियान चलाकर 1 करोड़ 73 लाख रुपये की राशि लोगों उनके दरवाजे पर उपलब्ध कराई गई। इससे कुल 10,650 लोग लाभान्वित हुए। कोरोना महामारी के दौरान अब तक डाक विभाग इसके तहत 10 लाख से ज्यादा लोगों को 314 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कर चुका है।

Postal Department  opening paperless accounts at doorstep, opened 7000 IPPB Accounts in Varanasi Region in a day

Varanasi 12 July (dil india live).More than 7,000 people opened India Post Payments Bank account in a single day on 12th July by the Postal Department during a special Mahalogin campaign in Varanasi Region. These paperless accounts were opened only by Aadhaar and mobile number, promoting the ambitious scheme of Hon'ble Prime Minister Mr. Narendra Modi ji, promoting digital banking and financial inclusion. The above information was given by Shri Krishna Kumar Yadav, Postmaster General of Varanasi Region. So far 3.72 lakh people in Varanasi Region have joined India Post Payments Bank and are availing its services at doorstep. Now the maximum limit in IPPB account has also been increased from ₹ 1 lakh to ₹ 2 lakh.

Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav said that through India Post Payments Bank, digital and paperless banking facility is being made available at door step. This will make easier for people to get DBT amount through IPPB sitting at home in future also. Through this account, all the facilities like mobile and DTH recharge, electricity and water bill payment will be available. The Postman is reaching at places where no other service providers reaches. Now postmen and Gramin Dak Sevaks have become mobile banks.

Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav informed that, the DBT amount or deposits received in other banks through Aadhar enabled payment system are also being paid through micro ATMs by Postal dept. For this also, a special Mahalogin campaign in the entire Varanasi Region was organized on July 10 and amount of Rs. 1.73 Crores was made available at beneficiary's doorstep. Total of 10,650 people were benefited from AePS service. During the corona epidemic. Postal Department has paid an amount of Rs 314 crore to more than 10 lakh people in Varanasi Region, till now.

जिले में 31 जुलाई तक चलेगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा

स्वास्थ्य केंद्रों पर शुरू होंगे पुरुष व महिला नसबंदी कैंप

गाजीपुर,12 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। जनसंख्या को स्थिर करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा नयी नियमावली तैयार किए जाने की कवायद शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए लगातार प्रयासरत है। इसी को 



मद्देनजर रखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम कर विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का शुभारंभ किया गया।  जिले में 11 से 31 जुलाई तक पखवाड़ा मनाया जाएगा । इस कार्यक्रम में जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारी और अधिकारी वर्चुअल रूप से जुड़े रहे । इस दौरान परिवार को स्थिर रखने के संसाधनों के बारे में बताया गया।

एसीएमओ डॉ के के वर्मा  ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का उद्देश्य जनसंख्या को स्थिर करना है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अनेकों उपाय आमजन को नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। जिसमें महिला, पुरुष नसबंदी, अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, कंडोम के साथ ही आईयूसीडी शामिल है। जिसको अपना कर  दंपत्ति  ना सिर्फ अपने परिवार को स्थिर कर सकता है बल्कि देश में बढ़ती हुई जनसंख्या को भी स्थिर करने में अपना योगदान दे सकता है।

उन्होंने बताया कि इसी के तहत इस पखवाड़े में महिला और पुरुष नसबंदी कार्यक्रम भी चलाए जाने हैं। जिसको लेकर माइक्रो प्लान बना लिया गया है। जिला महिला अस्पताल गाजीपुर में 12, 16, 19, 23, 26 व 30 जुलाई ,जमानिया, बाराचवर, गोड़उर, करंडा और मिर्जापुर में 15, 22 और 29 जुलाई, सैदपुर, रेवतीपुर कासिमाबाद मरदह और भदौरा में 13, 20 और 27 जुलाई, जखनिया मोहम्मदाबाद और बिरनो में 12,19 और 26 जुलाई, देवकली मनिहारी और सुभाखरपुर में 16, 23 और 30 जुलाई को परिवार नियोजन कैंप का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिला नसबंदी कार्यक्रम संपन्न होगा। इसके अलावा 22 और 28 जुलाई को जिला चिकित्सालय गाजीपुर पर पुरुष नसबंदी एनएसबी शिविर भी आयोजित किया जाएगा।

शनिवार, 10 जुलाई 2021

भारी वाहनों से परेशान हो रहे व्यापारी

पीस कमेटी की बैठक में दिया पुलिस उपायुक्त को ज्ञापन

वाराणसी 10 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। पुलिस लाइन में सावन बकराईद को मद्देनजर रखते हुए पीस कमेटी की एक बैठक पुलिस उपायुक्त वरुणा विक्रांत वीर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पीस कमेटी के सभी लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों को अपने सुझाव दिए और अधिकारियों से जल्द से जल्द तमाम समस्याओं से निजात दिलाने की बात कही। इसी क्रम में अर्दली बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष, वार्ड न. 38 के पार्षद विनय शदेजा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस उपायुक्त से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल के लोगों ने ज्ञापन देते हुए कहा कि वरुण पार का अर्दली बाजार एक  प्रमुख व्यवसाईक केंद्र है। क्षेत्र में अनवरत भारी वाहनों के आने जाने से दुकानदारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


भारी वाहनों के आने-जाने से जाम लगा रहता है जिससे ग्राहकों की गाड़ियों का चालान धड़ल्ले से किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में प्रातः 10:00 बजे से रात के 8:00 बजे तक भारी वाहनों ट्रक बस डंपर लोडर पर पूरी तरह से आने जाने में प्रतिबंध लगाया जाए जिससे व्यापारियों राहगीरों क्षेत्रीय नागरिकों को राहत मिले और जिला प्रशासन को व्यापारी अपना सहयोग भी दे सकें।

प्रतिनिधिमंडल में विनय शादेजा , महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, हसन मेहंदी कब्बन, अशोक सिंह अनीस खान, टाईगर रिज़वी, शीतल बरनवाल ,आशीष पाठक, सहित दर्जनों लोगों ने अपनी बात रखी।

शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

मीजल्स-रूबेला (एमआर) से निपटने के लिए सभी तैयार


मीजल्स-रूबेला से बचाव पर हुई कार्यशाला    

गाजीपुर, 09 जुलाई (हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली खसरा और रूबेला जैसी गंभीर बीमारी से निपटने को स्वास्थ्य विभाग  पूरी तरह से तैयार है । मीजल्स-रूबेला (एमआर) बीमारी से निपटने के लिए सभी


बच्चों को मुफ्त में एमआर का टीका लगाया जा रहा है, जिससे वायरस के दुष्परिणाम से बचा जा सके। पोलियो मुक्त भारत की तरह अब खसरा मुक्त भारत के लिए साल 2023 के लक्ष्य पर काम चल रहा  है। इसी को लेकर गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गिरीश चंद्र मौर्य की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता डब्ल्यूएचओ के प्रभारी एसएमओ डॉ नकीब थे।

डॉ नकीब ने बताया - खसरा को आम तौर पर छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। यह अत्यधिक संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है। इसमें निमोनिया, डायरिया व दिमागी बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते, तेज बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखें लाल होना इस बीमारी के लक्षण हैं। रूबेला गर्भावस्था के दौरान होने वाला संक्रमण है। संक्रमित माता से जन्मे शिशु को ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, बहरापन, मंद बुद्धि व दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। रूबेला से गर्भपात, समय पूर्व प्रसव व गर्भ में बच्चे की मौत भी हो सकती है। 

डॉ नक़ीब ने बताया - एक बार जब वायरस शरीर में चला जाता है तो  संक्रमण पूर्णतया नाक, सांस की नली और फेफड़ों, त्वचा और शरीर के अन्य अंगों में फैलता है। खसरे के साथ एक व्यक्ति लक्षण शुरू होने के एक से दो दिन पहले से लेकर बड़े लाल दाने (ददोरा) प्रकट होने के चार दिन बाद तक दूसरों तक खसरा फैला सकता है। खसरा आम तौर पर औसत दर्जे की बीमारी का कारण बनता है। छोटे बच्चों में, जटिलताओं में मध्य कान का संक्रमण (ओटिटिस मीडिया), निमोनिया, क्रूप और दस्त शामिल हैं। वयस्कों मेंभी  बीमारी की और भी गंभीर होने की संभावना हो जाती है। पुराने रोगियों के लिए खसरे से संबंधित न्यूमोनिया के लिए अस्पताल के इलाज की आवश्यकता असामान्य नहीं है। खसरा के वायरस से ददोरा, खांसी, नाक का बहना, आंखों में जलन और तेज बुखार होता है। इसके साथ ही कानों में संक्रमण, निमोनिया, बच्चों को झटके  आना, घूरती आंखे, दिमाग को नुकसान और अंत में मौत तक हो जाती है।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया - मीजल्स-रूबेला गंभीर और जानलेवा बीमारी होती है,  लेकिन इसकी रोकथाम टीकाकरण के जरिए की जा सकती है। यह वैक्सीन बच्चों को तीन बीमारियों खसरा, रूबेला रोग से बचाती  है। खसरे का असरकारी टीका देश में काफी सालों से उपलब्ध है। इसके बावजूद खसरा छोटे बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। यह सबसे अधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है। इसके वायरस के संपर्क में आने से कई गैर-प्रतिरक्षक बच्चे इस श्वसन संबंधी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। खसरा पैरामाइक्सोवाइरस परिवार के एक वायरस के कारण एक तेजी से फैलने वाली घातक बीमारी है। खसरे के लक्षण कई बार इतने सामान्‍य होते हैं कि यह बीमारी पकड़ में ही नहीं आती। खासतौर पर बच्‍चों में इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कर पाना कई बार बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण फौरन पकड़ में भी नहीं आते। वायरस के हमले के करीब दो से तीन हफ्ते के बाद ही इस बीमारी की पहचान सम्‍भव हो पाती है। इसके लक्षण दो से तीन दिन तक रहते हैं 

खसरा की पहचान - खसरा किसी भी परिवार में फैल सकता है। कफ, काराईजा और कन्जक्टिवाइटिस मुख्‍य रूप से इसकी पहचान होते हैं। मुंह में तालू पर सफेद धब्बे भी नजर आते हैं। यह श्वसन से फैलने वाली बीमारी है और संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से बहते द्रव के सीधे या व्यक्ति के संपर्क क्षेत्र में आने से होती है।

इस कार्यशाला में जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारी के साथ ही एसीएमओ डॉ केके वर्मा और डॉ डीपी सिन्हा मौजूद रहे।

गुरुवार, 8 जुलाई 2021

कोविड टीकाकरण अभियान में दिखा उत्साह



गाजीपुर 9 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत टीकाकरण शिविर का आयोजन ग्राम पंचायत हुस्सेपुर कोठिया विशुनपुरा में  हुआ ,  इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुहम्मदाबाद के अधीक्षक डॉo आशीष राय के उपस्थिति में प्रामरी विद्यालय पर  टीकाकरण किया गया, यह विशेष शिविर में ग्राम प्रधान श्रीमती प्रीति राय एवं प्रधान पति शैलेश प्रधान  के सहयोग से आयोजित हुआ, इसमें 350 नागरिकों को टीके लगाए गए, साथ ही विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं राष्ट्रीय किशोर एवं किशोरी कार्यक्रम के तहत लोगो को जागरूक किया गया, डॉ. आशीष राय ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में मलेरिया, कोरोना, छोटी माता, चेचक, हैजा, डेंगू ज्वर, सूजाक, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी आदि आते हैं, उन्होंने कहा कि रोगों से बचाव का बेहतर उपाय रोगो के प्रति सावधानी व सतर्कता बनाए रखना है, तथा किशोरियों को सेनेटरी पैड का वितरण ग्राम प्रधान के हाथों किया गया, जिससे महिलाओं में काफ़ी उत्साह दिखायी दिया, शिविर ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक श्री संजीव कुमार ,श्री इमरान, सी एच ओ सपना ए एन एम श्रीमती राजकुमारी सिंह इत्यादि समस्त क्षेत्रीय आशा एवं आगनबाड़ी उपस्थित रहे, कोविड -19 वैक्सिनेसन के प्रति ग्रामीणों मे सुबह से ही बेहत उत्साह दिखा।

दावते इस्लामी की पौधा लगाने की दावत




खुद लगाया पौधा, सभी को किया जागरूक

वाराणसी 9 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। दावते-ए-इस्लामी फैजान-ए-ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा इन दिनों जहां पौधारोपण किया जा रहा है वहीं दूसरों को भी पेड़ लगाने की संस्था दावत दे रही है। मो. फ़ारूक़, मद्रसतुल मदीना के उस्ताद आबिद अत्तारी एवं अब्दुल रहमान मिस्बाही की अगुवाई में शहर के कई इलाकों में लगातार आम, नीम और अन्य कई फलों के पौधे लगाए जा रहे हैं।

लोहता के डिवीज़न निगरान मो० फ़ारूक़ ने कहा कि वातावरण को सुरक्षित रखने रखने के लिए शजरकारी (पौधारोपण) करना बहुत ज़रूरी है। प्रकृति की रक्षा करना हम सभी का कर्त्तव्य है। हमे एक अच्छे वातावरण में रहने के लिए अपने घर के आस पास पौधे न सिर्फ लगाने चाहिए बल्कि उनकी हिफाज़त भी करना चाहिए। जिससे वातावरण दूषित न हो। जिस प्रकार से जनसंख्या वृद्धि के कारण लगातार जंगल तथा हमारे आस पास के पौधे काटे जा रहे है वह प्रकृति से खिलवाड़ है जिसका खामियाजा हमको समय समय पर भुगतना पड़ता है।

डा. साजिद ने कहा कि अभी कोरोना काल में जब हमे ऑक्सीजन की आवश्यकता हुई तो हम दौड़ा भागी में लगे हुए थे, कि बस हमारे करीबी जो बीमार है उन्हें कही से भी ऑक्सीजन की पूर्ति हो जाये। लेकिन हमने कभी ये नही सोचा कि पूरे साल के बारह महीने हमे ऑक्सीजन कहाँ से मिलता है ? ये तो प्रकृति की देन है जो हमें मुफ्त में ऑक्सीजन मिल रहा है। वो भी हमारे आस पास के पेड़ पौधों से। इसलिये हमे आने वाली पीढ़ी के लिए पौधे लगा कर प्रकृति को सुरक्षित रखना चाहिए।

बुधवार, 7 जुलाई 2021

दलित बेटी की शादी के लिए शिक्षकों ने दिया तीन लाख

शिक्षामित्र बेचू का लंबी बीमारी के बाद हुआ था निधन

वाराणसी 7 जुलाई। विकासखंड चिरईगांव के प्राथमिक विद्यालय सीवों के शिक्षामित्र बेचू प्रसाद का विगत दिनों लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था, उनके परिवार की


आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी, आगामी 13 जुलाई को बेचू प्रसाद के बिटिया की शादी होना तय है, गरीब दलित की बेटी की शादी के पहले ही पिता का निधन हो गया, परिवार को मदद के लिए शिक्षक समाज बढ़ चढ़कर आगे आया।

     गरीब परिवार की स्थिति को देखकर परिषदीय विद्यालयों के अध्यापक, अनुदेशक व शिक्षा मित्र ने मदद के लिए परिवार के सदस्य के खाते में और नगद राशि लगभग ₹3लाख बिटिया की शादी के लिए दिया। सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने यह सिद्ध कर दिया कि सिर्फ बेसिक शिक्षा का कायाकल्प ही नहीं बल्कि मुसीबत के समय में भी किसी की भी मदद करने में आगे रहते हैं, यही असली मानवता की पहचान है जो इंसानियत की सेवा सबसे बड़ा धर्म कहलाता है।

        शिक्षामित्र स्वर्गीय बेचू प्रसाद के परिवार को आर्थिक मदद के लिए नगद राशि देने पहुंचने वालों में रविंद्र यादव, ज्योति भूषण त्रिपाठी, प्रमोद कुमार पटेल, प्रमोद यादव, राजीव कुमार सिंह, कुंवर भगत सिंह, अखिलेश्वर गुप्ता, केशव पांडे, एहतेशामुल हक, अभय, मनीष कुशवाहा, ओ पी मौर्या, शैलेंद्र पांडे, अजय यादव, बी एन यादव, शिवकुमार इत्यादि थे।

ट्रेजेडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का निधन

98 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, शोक की लहर

  • वाराणसी 7 जून(दिल इंडिया लाइव)। सिनेमा के दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का आज निधन हो गया है। बुधवार को दिलीप कुमार ने 98 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। लंबे वक्त से दिलीप कुमार बीमार चल रहे थे, मुंबई में कई बार उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया था।

दिलीप कुमार के निधन से बॉलीवुड से लेकर देश दुनिया में उनके चाहने वालो को बड़ा धक्का लगा। हर तरफ शोक की लहर दौड़ गयी। सोशल मीडिया पर उन्हें तमाम चाहने वाले नमन कर रहे है।




मंगलवार, 6 जुलाई 2021

वास्तविक जरूरतमंदों तक योजनाओं को पहुंचाने के लिए व्यापक सर्वेक्षण जरूरी- दिवाकर सिंह

सार्थक एवं इंडस एक्शन के दो दिवसीय कार्यशाला में दिया सर्वेक्षण के ‘टिप्स’

सेवापुरी ब्लाक के दस हजार घरों के सामाजिक व आर्थिक स्थिति का होगा सर्वेक्षण


वाराणसी, 7 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। किसी भी योजना का जरूरतमंदों को वास्तविक लाभ तभी मिलता है, जब संभावित लाभार्थियों का व्यापक अध्यन किया जाए। ऐसा ही प्रयास सेवापुरी क्षेत्र में सार्थक संस्था एवं इंडस कर रही है। उसके कार्यो की जितनी भी सराहना की जाए कम है। सेवापुरी विकास खण्ड के सभागार में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के मुख्य अतिथि खण्ड विकास अधिकारी श्री दिवाकर सिंह ने प्रशिक्षार्थियों को सम्बोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किया।

नीति आयोग के सेवापुरी विकास अभियान के अंतर्गत सेवापुरी ब्लाक के दस हजार घर-परिवारों की सामाजिक, आर्थिक के स्तर के सर्वेक्षण के लिए ( CISCO-CSR) सीआर्इएससीओ-सीएसआर के वित्तीय सहयोग से सार्थक संस्था एवं इंडस एक्शन की ओर से 5-6 जुलार्इ को आयोजित इस कार्यशाला में प्रशिक्षार्थियों को सर्वेक्षण की विस्तार से जानकारी दी गयी। उन्हें बताया गया कि वे सेवापुरी ब्लाक के दस हजार घरों-परिवारों के अर्थिक व सामाजिक स्थिति का सर्वेक्षण किस तरह करें,  जिससे उन्हें केन्द्र व राज्य की उब्लब्ध योजनानुसार लाभान्वित कराया जा सके। कार्यशाला के मुख्य अतिथि खण्ड विकास अधिकारी श्री दिवाकर सिंह ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सार्थक संस्था एवं इंडस एक्शन की ओर से आयोजित यह प्रशिक्षण सेवापुरी के निवासियों के लिए अत्यन्त ही लाभदायक साबित होगा। इस सर्वेक्षण के माध्यम से वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचा जा सकता है। साथ ही उन्हें विभिन्न योजना से लाभान्वित किया जा सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों को कोविड से बचाव के लिए सतर्क रहने का भी संदेश दिया।

उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 30 प्रशिक्षशर्थी मौजूद रहे, इसमें शिक्षा विभाग से नामित ‘युवा पथिक’ भी शामिल थे। प्रशिक्षण, इंडस एक्शन से श्री नैनीष टिक्कू, शुभ्रा त्रिवेदी एवंम लोकेश द्वारा दिया गया। कार्यक्रम के अंत में सार्थक संस्था की डा. मधुश्री ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

सोमवार, 5 जुलाई 2021

विश्व पर्यावरण दिवस

धरा को हरा बनाने को सभी लें पौधरोपण का संकल्प

वाराणसी 05 जुलाई (दिल इंडिया ल्इव)। सिगरा क्षेत्र के गोपाल विहार कालोनी में शुक्रवार को कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने 21 पौधों का रोपण किया। विधायक ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा प्रदूषण से मुक्ति के लिए सबसे अधिक शुद्ध वायु आवश्यक है। इसके लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। हमारे केंद्रीय नेतृत्व के आवाहन पर पूरे मानसून तक वृक्षारोपण कार्यक्रम अनवरत चलेगा। देव एक्सल फ़ाउंडेशन भी इस मुहिम में शामिल है आज पौधारोपण के कार्यक्रम की शुरुआत किया गया है।

देव एक्सल फ़ाउंडेशन के प्रमुख विनय कुमार सिंह ने कहा वृक्षारोपण आने वाली पीढि़यों के लिए स्वस्थ्य हवा और स्वच्छ जल की मुहिम का हिस्सा है। सभी लोगों को प्रेरित किया जाय कि सभी अपने आस-पास वृक्ष लगाकर धरा को हरा भरा बनाने में सहयोग करें। हर व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ लगाना ही चाहिए। काशी में विधायक द्वारा वृक्षारोपण से लोगो को जोड़कर अच्छी मुहिम चलाई जा रही है। आने वाले कुछ वर्षों में यहां आसपास का वातावरण हराभरा होगा। सभी लोग तन्मयता से वृक्षारोपण करें। जिसका लाभ सभी को मिलेगा। जीवन जीने के लिये सबसे अधिक शुद्ध वायु आवश्यक है। बिना वृक्षारोपण के शुद्ध वायु मिलना मुमकिन नहीं है। इस अवसर पर विनय कुमार सिंह, विशाल गुप्ता, दीपक पुरसवानी आदि लोग उपस्थित थे।

रविवार, 4 जुलाई 2021

कोरोना काल में ग्रामीण चिकित्सकों ने मौत के सैलाब को बांध

आशा ट्रस्ट ने 16 ग्रामीण चिकित्सकों को दिया कोरोना योद्धा सम्मान

वाराणसी 4 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। आशा ट्रस्ट ने 16 ग्रामीण चिकित्सकों को  "कोरोना योद्धा सम्मान पत्र" और 'स्वास्थ्य सुरक्षा किट' देकर सम्मानित किया गया। ग्रामीण चिकित्सक सम्मान कार्यक्रम में चौबेपुर क्षेत्र के डुढूवां  ग्राम स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में डुढूवां, सरैया, टेकुरी, लक्ष्मीसेनपुर, धौरहरा, हरिहरपुर और श्रीकंठपुर गाँव में चिकित्सा कार्य कर रहे 16 चिकित्सकों को "कोरोना योद्धा सम्मान" से सम्मानित किया गया साथ ही उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा किट भी प्रदान किया गया जिसमें ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर, वेपोराइजर, थर्मामीटर, फेस शील्ड, मास्क, आवश्यक दवाएं, पर्चे आदि दिए गये जिसका चिकित्सा के दौरान प्रयोग किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान लोगों को दो गज दूरी के साथ ही मास्क लगाये रखने की अपील की गयी और कोविड से बचाव सम्बन्धी जागरूकता के परचे दिए गये।

उक्त कार्यक्रम  सामाजिक संस्था 'आशा ट्रस्ट' के तत्वावधान में किया गया।


कार्यक्रम समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के दौरान जब सरकारी अस्पतालों और बड़े अस्पतालों में बेड और आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था उस समय दूर दराज गाँवों में चिकित्सकजन ने बड़ी  जिम्मेदारी के साथ पीड़ित और संक्रमित लोगों को चिकित्सा सुलभ कराइ. इन चिकित्सको के पास प्रायः बड़ी डिग्री नही होती लेकिन इनका विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज करने का अनुभव कही बहुत ज्यादा है और यही कारण था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इन चिकित्सकों ने ग्रामीण क्षेत्र में हजारों लोगों की जान बचाई।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि, किसान नेता रामजनम भाई  ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सेवा कर रहे तमाम निजी चिकित्सकों ने महामारी के दौर में मानवता की सेवा की मिसाल कायम की है, उन्हें प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है।

स्वागत करते हुए ग्राम प्रधान पारस यादव ने कहा प्रत्येक गाँव में मानदेय पर जन स्वास्थ्य रक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए जिससे ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य जांच जैसे रक्तचाप, मधुमेह, ऑक्सीजन स्तर आदि आसानी से सुलभ हो सके। चिकित्सकों की तरफ से धन्यवाद ज्ञापन डा. शोभनाथ यादव ने किया कार्यक्रम में प्रदीप कुमार सिंह, रमेश प्रसाद, सूरज पाण्डेय आदि की प्रमुख भूमिका रही।

सम्मानित किये गये ये चिकित्सक

रंजीत सिंह यादव, जय प्रकाश यादव, तिलक धारी विश्वकर्मा, उत्तम कुमार राय, रविन्द्र यादव, शोभनाथ यादव, विमल विश्वकर्मा, संजय यादव, राजेश यादव, मो. बिस्मिल्लाह, विश्वनाथ प्रसाद, विनोद, भिक्खम राम, सुरेश प्रसाद, जवाहिर, मो. कादिर.।

शनिवार, 3 जुलाई 2021

क़ुरैशी समाज को सपा ने छला- शाहनवाज़ आलम

बकरीद पर स्लाटर हाउस खोलने के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस करेगी आंदोलन

प्रयागराज, 3 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने अटाला इलाके में क़ुरैशी समाज के लोगों से मुलाक़ात कर उनके मुद्दों पर संघर्ष करने का वादा किया।

मीडिया से शाहनवाज़ ने कहा कि योगी सरकार में सांप्रदायिक द्वेष के कारण क़ुरैशी समाज के लोगों को फ़र्ज़ी मुकदमों में फंसाया जा रहा है। वहीं स्लाटर हाउस बन्द करा कर इस समाज के लोगों की आजीविका पर भी हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर कांग्रेस सड़क पर संघर्ष करेगी।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पिछली सपा सरकार में कानपुर से ले कर हापुड़ तक टेनेरियों को बन्द कर के क़ुरैशी समाज के पेट पर लात मारा गया था। समाजवादी पार्टी क़ुरैशी बिरादरी के वोट और नोट से खड़ी हुई लेकिन क़ुरैशी समाज को पिछड़ा वर्ग में आने के बावजूद सपा ने कभी भी नौकरियों में भर्ती नहीं दी। उन्होंने कहा कि क़ुरैशी समाज 40 विधान सभा सीटों को प्रभावित करता है लेकिन सपा ने उनमें नेता नहीं पैदा होने दिया जबकि क़ुरैशी समाज अखिलेश यादव के सजातीय बिरादरी से ज़्यादा संख्या में है। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी के निर्देश पर 24 जून को हर ज़िले से राज्यपाल को ज्ञापन भेज कर क़ुरैशी समाज के मुद्दों को उठाया था। उन्होंने कहा कि बकरीद में स्लाटर हाउस खोलने और छोटे दुकानदारों को बूचड़ खाना खोलने की माँग को ले कर अल्पसंख्यक कांग्रेस आंदोलन करेगी।

प्रेस कां कांग्रेस शहर अध्यक्ष अरशद अली, नूरुल क़ुरैशी, इरफान उल हक़, जावेद उर्फी, तालिब अहमद, नाज़ खान, हाजी सरताज, अंजुम नाज़, मुस्तकीम क़ुरैशी, अरमान क़ुरैशी आदि मौजूद थे। 

गज़ल

      डॉ. अत्रि भारद्वाज

 वाराणसी 03 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)


जीवन की मेरे इतनी बस राम कहानी है।
बचपन है गुलाबों का,पत्थर की जवानी है।।


यह फूल पे शबनम है,कागज पे है चिंगारी ।
जम जाए तो मोती है, बह जाए तो पानी है।।


इक चांद का टुकड़ा है,इक गीत का मुखड़ा है।
मौसम की जवानी की,एक शाम सुहानी है ।।


मेहनत का पसीना है,एहसास के माथे पर ।
दुनिया ये समझती है, चांदी की निशानी है ।।


साहिल पे खड़े हो कर,हर देखने वाले को ।
तूफां से गुजर जाना, आसान बयानी है।

शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

इनरव्हील स्पार्कलिंग स्टार ने कि नशा मुक्ति की अपील


कैसे करें एनिमिया से बचाव दी गई जानकारी

वाराणसी 02 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। इनरव्हील क्लब स्पार्कलिंग स्टार के तत्वाधान में रामकटोरा स्थित हैल्थ मैक्स हास्पीटल में आयोजित जनजागरूक्ता कार्यक्रम में लोगों को नशा मुक्ति के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही गर्भवती महिलाओं को आयरन कैप्सूल टेबलेट प्रदान किया गया और उसके इस्तेमाल एवं लाभ की जानकारी दी गई। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों ने शरीर में आयरन की कमी से होने वाले रोग एनिमिया से बचाव की जानकारी प्रदान की। 

क्लब की प्रसिडेंट मानसी अग्रवाल ने लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि नशा कोई भी हो वो आपके जीवन को बर्बाद करता हैं आपके इस अनमोल शरीर को अन्दर से खोखला कर देता हैं। धुम्रपान के सेवन से शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं, लेकिन फिर भी बड़े स्तर पर लोग आज सिगरेट के आदि हो चुके हैं, वहीं आज की युवा पीढ़ी में धूम्रपान की लत किस कदर है, इसका अंदाजा आप अपने घरों के आस-पास सिगरेट बेचने वाली दुकानों में लगी भीड़ से लगा सकते हैं। धुम्रपान करने से खुद का शरीर तो खराब होता ही है, इसके साथ ही ध्रूम्रपान करते वक्त जो भी शख्स ऐसे व्यक्ति के साथ होता है, तो उससे उस व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ता है। डा.तन्वी अग्रवाल ने कहा कि सिगरेट पीने से फेफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर, मुख कैंसर होने का खतरा तो बढ़ता ही है, साथ ही तमाम तरह की श्वास संबंधी बीमारियों को भी बढ़ावा मिलता है। हार्ट अटैक, रक्तचाप और रक्तवाहिनियों में खून का थक्का जमने का खतरा बढ़ जाता है, यही नहीं धूम्रपान करने से मनुष्य का शरीर अंदर से खोखला होता जाता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को खत्म कर देता है। जिसकी इस कोविड महामारी के दौरान अत्यन्त मजबूत बनाने की जरूरत है।

इस मौके पर डा.सुमित्रा अग्रवाल ने बताया कि एनीमिया एक विकार है। जो व्यक्ति के शरीर में खून की कमी या हीमोग्लोबिन की कमी के वजह से होता है। महिलाओं, बच्चों और लंबे समय से बीमारियों से पीड़ित लोगों को एनीमिया आसानी से हो सकता है। डा.सोनम ने महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि प्रेग्नेंसी में एनीमिया होना सामान्य बात है। प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु के विकास के लिए शरीर अधिक मात्रा में खून बनाता है और अगर इस दौरान गर्भवती महिला पर्याप्त आयरन या अन्य पोषक तत्व नहीं ले रही हैं तो शरीर में अधिक खून बनाने के लिए जरूरी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण रुक सकता है। कोई महिला गर्भवती हैं या गर्भधारण करना चाहती हैं तो उसे पर्याप्त मात्रा में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्वों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए और पौष्टिक आहार लेना चाहिए।

इस अवसर पर क्लब की प्रेसिडेन्ट मानसी अग्रवाल, सेक्रेटरी रोमा जाडवानी, नन्दिता मिश्रा प्रमुख रूप से मौजूद थी।

गुरुवार, 1 जुलाई 2021

पूर्वांचल में पैर पसारने लगे ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का संगठन पर जोर

वाराणसी 01 जुलाईं (दिल इंडिया लाइव)। ओवैसी पूर्वांचल में पैर पसारने लगे है। बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन भले ही बंगाल और बिहार में कोई बड़ा उल्टफेर न कर पायी हो मगर यूपी में 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर मजलिस उत्साह में है। इस चुनाव के पूर्व मजालिस का पूरा ज़ोर संगठन के गठन पर हैं। 

यही वजह है कि शौक़त अली (प्रदेश अध्यक्ष) की मुहिम को लगातार आगे बढ़ाते हुए  परवेज कादिर खान (प्रदेश सचिव) ने जिला वाराणसी के विधानसभा क्षेत्र कैंट 390 के चार वार्डो का गठन किया, जिसमे वार्ड नंबर 9 में नसीम अहमद अंसारी, वार्ड नंबर 23 मे कय्यूम अंसारी, वार्ड नंबर 25 में मो० फैजान इदरीसी, व वार्ड नंबर 48 मे मो० वसीम अख्तर को वार्ड अध्यक्ष बनाया गया तथा 22 बूथ अध्यक्ष को नियुक्ति किया गया है।

 जनसम्पर्क के लिए बनाई टीम



 जैनुल, हाफिज फरीद, सलीम, नसीम, मोबीन, मुस्तकीम, नसरुद्दीन, अबरार, ताज कुरैशी, शाहरुख खान, फैजुल रसूल खान, विशाल मौर्य, महेंद्र सिंह एडवोकेट, सुल्तान आदि जनसम्पर्क टीम में हैं। परवेज कादिर खां ने कहा कि संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए जनसम्पर्क के लिए टीम बनाई गई है।

वीर अब्दुल हमीद के खून में थी पहलवानी


आज हम मना रहे हैं परमवीर चक्र विजेता  वीर अब्दुल हमीद की जयंती




वाराणसी 1 जुलाई (शाहीन अंसारी/दिल इंडिया लाइव)। अब्दुल हमीद का नाम लेते ही आज भी  भारतवासियोँ का सीना गर्व से ऊंचा हो जाता है। उनकी वीरता की कहानियां लोगों की ज़ुबान पर आ जाती है। कम्पनी क्वार्टर मास्टर हवलदार शहीद 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध में अपनी अद्भुत साहस और वीरता को दिखाते हुए  दुशमनो के कई शक्तिशाली अमेरिकन पैटन टैंकों को धवस्त  कर दुशमनो को मुहतोड़ जवाब देते हुए वीर गति को प्राप्त हो गए। अब्दुल हमीद के जन्म दिवस पर उनका हम सब नमन करते हैं।

अब्दुल हमीद भारतीय सेना के प्रसिद्ध सिपाही थे, जिनको अपने सेवा काल में सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल, रक्षा मेडल 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में असाधारण बहादुरी के लिए महावीर चक्र और परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

 अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई, 1933 को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले में स्थित धामूपुर नाम के छोटे से  गांव में एक ऐसे परिवार में हुआ, जो आर्थिक रुप से ज्यादा मजबूत न था। हालांकि उनके पिता सेना में लॉस नायक पद पर तैनात थे बावजूद इसके उनकी माता को परिवार की आजीविका चलाने के लिए  सिलाई करनी पड़ती थी ताकि परिवार का पालन-पोषण हो सके। मां अब्दुल हमीद के भविष्य के लिए चिंतित रहती थी इसलिए चाहती थी कि वह सिलाई का काम सीख लें। लेकिन अब्दुल हमीद का दिल इस सिलाई के काम में बिलकुल नहीं लगता था, उनका मन तो बस कुश्ती दंगल के दांव पेंचों में लगता था। क्योंकि पहलवानी उनके खून में थी जो विरासत के रूप में उनको मिली। उनके पिता और नाना दोनों ही पहलवान थे। उनके सिर पर कुश्ती का भूत सवार था। कुश्ती को लेकर उनकी दीवानगी कुछ ऐसी थी कि जब पूरा गांव सोता था, तो वह कुश्ती के हुनर सीखते थे। उनकी कद-काठी भी पेशेवर पहलवानों जैसी ही थी। इसके अलावा लाठी चलाना, बाढ़ में नदी को तैर कर पार करना, सोते समय फौज और जंग के सपने देखना तथा अपनी गुलेल से पक्का निशाना लगाना भी उनकी खूबियों में था। अब्दुल हमीद थोड़े बड़े हुए तो उनका दाखिला गांव के एक स्कूल में कराया गया। वह सिर्फ चौथी कक्षा तक ही स्कूल गये।

अब्दुल हमीद का व्यवहार गांव के लोगों के लिए बहुत विनम्र था। वह अक्सर लोगों की मदद करते रहते थे। इसी कड़ी में एक दिन कुछ यूं हुआ कि वह गांव के एक चबूतरे पर बैठे थे, तभी गांव का एक युवक दौड़ते हुए उनके पास आया। उसकी सांसे फूल रही थी। जैसे-तैसे उसने हमीद को बताया कि जमींदारों के दबंग लगभग 50 की संख्या में जबरदस्ती उसकी फसल काटने की कोशिश कर रहे हैं। युवक को परेशानी में देखकर हमीद आग बबूला हो गए। उन्होंने न आव देखा न ताव और तेजी से खेतों की तरफ दौड़ पड़े। उन्होंने दबंगों को ललकारते हुए कहा, अपनी ख़ैर चाहते हो तो भाग जाओ। शुरुआत में तो दंबगों ने सोचा कि एक अकेला व्यक्ति हमारा क्या कर लेगा। पर जब उन्होंने हमीद के रौद्र रुप को देखा तो वह अपनी जान बचाकर भागने पर मजबूर हो गये।

अब्दुल हमीद का  धरमापुर गांव मगई नदी के किनारे बसा हुआ था। इस कारण अक्सर बाढ़ का खतरा बना रहता था। एक बार इस नदी का पानी अचानक बढ़ गया। पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि नदी को पार करते समय नजदीक के गांव की दो महिलाएं उसमें डूबने लगी। लोग चीखने लगे। डूबने वाली महिलाएं बचाओ-बचाओ कहकर मदद के लिए लोगों को बुला रहीं थीं,  मगर अफसोस लोग तमाशबीन बने देख रहे थे, लेकिन मदद के लिए कोई आगे न बढ़ सका। तभी अब्दुल हमीद का वहां से गुज़रना हुआ। भीड़ देखकर वह नदी के किनारे पर पहुंचे तो उनसे महिलाओं को डूबते हुए न देखा गया। उन्होंने झट से बिना कुछ  सोचे -समझे नदी में झलांग लगा दी। जल्द ही वह महिलाओं को नदी से निकालने में कामयाब  हो गए । हमीद के इस कारनामे ने उन्हें देखते-ही-देखते सभी का दुलारा बना दिया।

धीरे धीरे उनकी उम्र बढती गयी और वो 21 साल के हो गए। वह अपने जीवन यापन के लिए रेलवे में भर्ती होने  के लिए गए। लेकिन उनका मन तो बस देश-प्रेम के प्रति लगा था, वह सेना में भर्ती हो  कर  सच्चे मन से देश की सेवा करना चाहते थे । आख़िरकार उनका  सपना पूरा हुआ सन 1954 में सेना में भर्ती  हो गये और वहां अपना कार्यभार संभाला।

1962 में चीन का हमला भारत पर हुआ तब अब्दुल हमीद को मौका  मिला अपने  देश के लिए कुछ कर दिखाने का। उस युद्ध में भारतीय सेना का एक जत्था चीनी सैनिको के घेरे में आ गया जिसमे हमीद भी थे। यह उनकी परीक्षा की घड़ी थी। वह लगातार मौत को चकमा देकर मुकाबले के लिए मोर्चे पर डंटे रहे,  लेकिन उनका  शरीर लगातार खून से भीगता जा रहा था,उनके साथी एक-एक कर के कम होते जा रहे थे, लेकिन इसके विपरीत अब्दुल हमीद की मशीन गन दुशमनों पर मौत के गोले बरसा रही थी, लेकिन एक समय आया जब धीरे-धीरे  उनके पास उपलब्ध गोले और गोलिया ख़त्म हो गए।  अब हमीद करे तो क्या करे  जैसी स्थिति में आ गए। और खाली हो चुकी मशीन गन  दुशमनो के हाथ ना लगे इस लिए अपनी मशीनगन को तोड़ डाला और अपनी वीरता के साथ समझदारी दिखाते हुए बर्फ से घिरी पहाड़ियों से रेंगते हुए वहां से निकल पड़े। 

चीन के युद्ध में वीरता और समझदारी का परिचय देने वाले  जवान अब्दुल हमीद को 12 मार्च 1962 में सेना ने  'लॉसनायक अब्दुल हमीद ' बना दिया। वो इसी तरह अपनी बहादुरी का परिचय देते रहे और दो से तीन वर्षों  के अन्दर हमीद को नायक हवलदारी और कम्पनी क्वार्टर मास्टरी भी प्राप्त हो गयी। 

 8 सितम्बर 1965 की रात के समय पाकिस्तान ने भारत पर हमला बोल दिया और दोनों देशों के बीच जंग शुरू हो गयी तब एक बार फिर अब्दुल हमीद को अपनी जन्म भूमि के लिए कुछ करने का मौका मिल गया।

इस मोर्चे पर जाने से पहले अब्दुल हमीद ने अपने भाई के नाम एक ख़त लिखा और उस ख़त में उन्होंने लिखा कि,  'पल्टन में उनकी बहुत इज़्ज़त होती है जिन के पास कोई चक्र होता है। देखना झुन्नन हम जंग में लड़कर कोई न कोई चक्र जरूर लेकर लौटेंगे.. '

अब्दुल हमीद पंजाब के तरन तारन जिले के खेमकरण सेक्टर पंहुचे जहां युद्ध हो रहा था। पकिस्तान के पास उस समय सबसे घातक  हथियार के रूप में  “अमेरिकन पैटन टैंक”  थे जिसे लोहे का शैतान भी कहा जा सकता हैं और इन पैटन टैंकों पर पकिस्तान को बहुत नाज था। पाकिस्तान ने उन्ही टैंको के साथ “असल उताड़” गाँव पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया।

उधर पकिस्तान के पास अमेरिकन पैटन टैंकों का ज़खीरा था  इधर भारतीय सैनिको के पास उन तोपों से मुकाबला करने के लिए कोई बड़े हथियार ना थे। था तो बस भारत माता की दुशमनो से रक्षा करते हुए रणभूमि में शहीद हो जाने का हौसला और हथियार के नाम पर  साधारण “थ्री नॉट थ्री रायफल” और एल.एम्.जी । इन्ही हथियारों के साथ हमारे सभी वीर सैनिक दुश्मनों के छक्के छुड़ाने लगे।

इधर वीर अब्दुल हमीद के पास अमेरिकन पैटन टैंकों के सामने खिलौने सी लगने वाली “गन माउनटेड जीप” थी। पर दुशमनो को यह नहीं पता था उस पर सवार वीर नहीं परमवीर अब्दुल हमीद हैं। जिनका निशाना महाभारत के अर्जुन की तरह हैं। 

जीप पर सवार दुशमनो से मुकाबला करते हुए हमीद पैटन टैंकों के उन कमजोर हिस्सों पर अपनी बंदूक से इतना सटीक निशाना लगाते थे जिससे लोह रूपी दैत्य धवस्त हो जाता। अब्दुल हमीद ने अपनी बंदूक से एक-एक कर टैंको को नष्ट करना शुरू कर दिया। उनका यह पराक्रम देख दुश्मन भी चकित से रह गए।  जिन टैंको पर पकिस्तान को बहुत नाज़ था. वह साधारण सी बंदूक से  धवस्त हो रहे थे। अब्दुल हमीद को देख भारतीय सैनिको में और जोश बढ़ गया और वो पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने में लग गए। अब्दुल हमीद ने एक के बाद एक कर सात पाकिस्तानी पैटन टैंकों को नष्ट कर दिया ।

असल उताड़ गाँव पाकिस्तानी टैंको की कब्रगाह में बदलता चला गया। पाकिस्तानी सैनिक अपनी जान बचा कर भागने लगे लेकिन वीर हमीद मौत बन कर उनके पीछे लगे थे, और भागते हुए सैनिको का पीछा जीप से करते हुए उन्हें मौत की नींद सुला रहे थे, तभी अचानक एक गोला हमीद के जीप पर आ गिरा जिससे वह बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए। और 9 सितम्बर 1965 को  देश का यह जांबाज़ सिपाही वीरता और अदम्य साहस से अपने देश की आन, बान और शान की ख़ातिर दुश्मनों से लड़ते हुए हम सब को छोड़ वीरगति को प्राप्त हो गया। इसकी अधिकारिक घोषणा 10 सितम्बर 1965 को की गई। 

इस युद्ध में वीरता पूर्वक अदुभुत पराक्रम का परिचय देने वाले वीर अब्दुल हमीद को पहले 'महावीर चक्र ' और फिर सेना के सर्वोच्च सम्मान 'परमवीर चक्र' से अलंकृत किया गया।

उसके बाद भारतीय डाक विभाग ने 28 जनवरी 2000 को वीर अब्दुल हमीदके सम्मान में पांच डाक टिकटों के सेट में 3 रुपये का एक सचित्र डाक टिकट जारी किया, इस डाक टिकट पर  रिकाईललेस राइफल से गोली चलाते हुए जीप पर सवार वीर अब्दुल हामिद का एक रेखा चित्र बना हुआ है। शहीद वीर अब्दुल हमीद की स्मृति में उनकी क़ब्र पर एक समाधि का निर्माण किया गया। हर साल उनकी शहादत पर उनकी समाधि पर एक विशेष मेले का आयोजन किया जाता है।

"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले।

वतन पर मिटने वालों का ये ही बाक़ी निशाँ होगा।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...