रविवार, 1 दिसंबर 2024

Aman k Rajkumar, तेरा हो अभिषेक...

आगमन संग हुआ क्रिसमस का आगाज़ 


Varanasi (dil india live)। क्रिसमस का जश्न भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु के आगमन काल के साथ हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।


दरअसल "आगमन काल" प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2024 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय "आगमन काल" कहलाता है। इस दौरान चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। सी.एन.आई.चर्च तेलियाबाग के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें।बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। 

आगमन के पहला इतवार को वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर अगसट्टिन ने प्रार्थना करायी। लाल गिरजाघर के विजय दयाल ने बताया कि क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार आज था। इसके साथ ही 8 दिसंबर, 15 दिसंबर और 22 दिसंबर आगमन का दूसरा, तीसरा और चौथा इतवार होगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा, जिसका शोर देश दुनिया में स्वत: सुनाई देगा।

लाल गिरजाघर में कैंडल लाइट सर्विस 


छावनी स्थित CNI लाल गिरजाघर में कैंडल लाइट सर्विस का आयोजन किया गया। आयोजन कि अगुवाई चर्च के पादरी इकबाल मसीह कर रहे थे। आयोजन के दौरान कैरोल सिंगिंग की कमान म्यूजिशियन सौरभ ने संभाला था। आयोजन के दौरान सभी लोग चर्च में कैंडल जलाकर चर्च के बाहर आएं तो नजारा देखने लायक था। इस दौरान सेल्फी पोज की होड़ सी लग गई।

शुक्रवार, 29 नवंबर 2024

CJI ने लगाया संभल जामा मस्जिद में सर्वे पर रोक

मुस्लिम पक्ष से पूछा-आप सीधा सुप्रीम कोर्ट क्यों आए?


  • Sarfaraz Ahmad 
New Delhi (dil India live). सुप्रीम कोर्ट में आज उत्‍तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद मामले पर सुनवाई हुई। सीजेआई संजीव खन्‍ना की बेंच ने जिला अदालत के सर्वे के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।

संभल में मंदिर था या मस्जिद इस पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा। मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका में 19 नवंबर के जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है। निचली अदालत ने अपने आदेश में मुगलकालीन संभल जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। एक याचिका में दावा किया गया था कि मस्जिद को प्राचीन हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाया बनाया गया था। संभल हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई संजीव खन्‍ना की बेंच ने जामा मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। जिला अदालत ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई थी।इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने संभल जामा मस्जिद कमेटी से एक गंभीर सवाल पूछते हुए कहा कि वो जिला अदालत के फैसले के बाद सीधे सुप्रीम कोर्ट क्‍यों पहुंचे। नियम के तहत उन्‍हें पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था। सीजेआई की बेंच ने उन्‍हें आगे की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट जाने के लिए कहा। तब तक के लिए जिला अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। इस दौरान CJI संजीव खन्‍ना ने कहा कि हम केस की मेरिट पर नहीं जा रहे हैं। हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ भी हो। याचिकाकर्ताओं को आदेश को चुनौती देने का अधिकार है। यह आदेश 41 के अंतर्गत नहीं है, इसलिए आप प्रथम अपील दायर नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नही गए? ⁠मुस्लिम पक्ष ने CJI संजीव खन्ना से कहा ये असाधारण मामला है इसलिए अदालत असाधारण कदम उठाए।

संभल जामा मस्जिद मैनेजमेंट ने अपनी याचिका में कहा, "जिस जल्दबाजी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई और एक दिन के भीतर ही सर्वेक्षण कराया गया और अचानक मात्र छह घंटे के नोटिस पर दूसरा सर्वेक्षण कराया गया, उससे व्यापक सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ है और देश के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताने-बाने को खतरा उत्पन्न हुआ।" .

गुरुवार, 28 नवंबर 2024

63000UP के निजी स्कूलों की छह लाख सीटों पर RTE के तहत होगा प्रवेश


Lucknow (dil India live)। उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया एक दिसंबर से शुरू होगी। इस बार स्कूलों व सीटों की संख्या बढ़ी है। 2025-26 में 62871 हजार निजी स्कूलों की छह लाख सीटों पर प्रवेश होंगे।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों का पुराना बकाया भुगतान होने के बाद इसमें निजी स्कूल भी रुचि ले रहे हैं। यही वजह है कि नए सत्र में आरटीई के लिए विभाग की ओर से 62871 स्कूल मैप किए जा चुके हैं। वहीं इसमें से 62829 स्कूलों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इसी तरह कक्षा एक में 391130 व प्री प्राइमरी में 211935 सीट पर प्रवेश लिए जाएंगे। पिछले साल लगभग 3.57 लाख आवेदन हुए थे। इस बार विभाग पांच गुना आवेदन करने का लक्ष्य लेकर काम कर रहा है। उप शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस बार आवेदन के लिए प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर शिक्षा विभाग के कार्यालयों में हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी। अगर किसी अभिभावक को आवेदन करने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो वह यहां आवेदन नि:शुल्क करवा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार दिसंबर से ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा रही है जो चार चरणों में मार्च तक पूरी कर ली जाएगी।

पता हो की कक्षा एक में आगरा में सर्वाधिक 12608, जौनपुर में 12295, आजमगढ़ में 11795, बरेली में 10689, प्रयागराज में 9629, फिरोजाबाद में 9007, मुजफ्फरनगर में 9096, गाजीपुर में 8652, गोंडा में 8279 सीटें हैं। वहीं प्री प्राइमरी में लखनऊ में सर्वाधिक 23889, गोरखपुर में 9853, गाजियाबाद में 8333, वाराणसी में 8259, गौतमबुद्ध नगर में 8176, कानपुर नगर में 7429 सीटें हैं।

बुधवार, 27 नवंबर 2024

अब देश दुनिया की निगाहें अजमेर शरीफ दरगाह पर

-ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को कोर्ट में मंदिर होने का दावा, याचिका स्वीकार


Ajmer (dil India live)। उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे का विवाद अभी थमा भी नहीं है कि दुनिया भर के सूफिज्म का मरकज कहे जाने वाले राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है। ये वही ख़्वाजा मुईनुद्दीन हसन चिश्ती सरकार गरीब नवाज है जहां परम्परा रही है कि उर्स के मौके पर खुद प्रधानमंत्री की चादर चढ़ाई जाती है। दुनिया के कोने-कोने से जायरीन अमन और सुकुन की तालाश में ख़्वाजा के दर पर पहुंचते। उसी अजमेर दरगाह पर कोर्ट ने हिंदू सेना की ओर से याचिका स्वीकार कर ली है। 

याचिका में महादेव का मंदिर होने का दावा किया गया है। ख्वाजा गरीब नवाज हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे से जुड़ी याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया। जज ने दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मामला, कार्यालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण धरहर भवन नई दिल्ली को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। याचिका में कहा गया है कि अजमेर शरीफ दरगाह को भगवान महादेव विराजमान मंदिर घोषित किया जाए। साथ ही दरगाह समिति के अनाधिकृत कब्जे को हटाया जाए।
गौरतलब हो कि संभल में जामा मस्जिद को शिव मंदिर साबित करने के लिए सर्वे टीम कोर्ट के आदेश के बाद पहुंची थी। सर्वे के लिए पहुंची टीम के साथ झड़प में पथराव व फायरिंग में कई लोगों की जान चली गई थी। इस बीच अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर इस नए विवाद से लोगों की चिंता बढ़ गई है। अजमेर शरीफ दरगाह मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। यह मामला अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे से जुड़ा होने की वजह से पूरी दुनिया की इस पर निगाह होगी।

Aghani Juma की ऐतिहासिक नमाज 29 को, मुर्री बंद रखेंगे बुनकर

केवल बनारस में पढ़ी जाती अगहनी जुमे की नमाज 


Varanasi (dil India live)। बुनकर बिरादराना तंजीम की ओर से मुल्क की खुशहाली, कारोबार में बरकत और अमन- चैन दुआ के लिए ऐतिहासिक अगहनी जुमे की नमाज 29 नवम्बर, शुक्रवार को अलग अलग इबादतगाहों में पढ़ी जाएगी। इस मौके पर बुनकरों द्वारा जुमे को मुर्री बंद रखी जायेगी। अगहनी जुमे की मुख्य नमाज पारम्पारिक रूप से लगभग 450 सालों से पुराना पुल, पुल कोहना स्थित ईदगाह और चौकाघाट में अदा की जाती है। इस मौके पर बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी पंचायत के सदर हाजी मुख्तार महतो की तरफ से मुर्री बंद का ऐलान किया गया है। अगहनी जुमे की नमाज पढ़ने के लिए शहर भर के बुनकर बिरादराना तंजीम के लोग ईदगाह में जुटते है और इशतेमाई  दुआख्वानी करते है। 

450 सालों से चली आ रही है रवायत

बनारस के बुनकरों द्वारा अगहनी जुमे पर नमाज और मुर्री बंद की यह रवायत लगभग साढ़े चार सौ साल पुरानी है। इस बाबत बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो ने बताया कि यह नमाज सिर्फ बनारस में ही पढ़ी जाती है। लगभग साढ़े चार सौ साल पहले देश मे भयंकर अकाल पड़ा था, बारिश ना होने से हाहाकार मचा हुआ था, जिसकी वजह से बेहाल किसान खेती नही कर पा रहे थे। खेती ना होने के कारण बाजार में जबरदस्त मंदी आ गयी और उसकी चपेट में बुनकर भी आ गए। ना किसान खेती कर पा रहा था और ना ही बुनकरों के कपड़े बिक रहे थे। हर ओर भुखमरी का आलम छा गया। बुनकरों ने इस हालात को ठीक करने के लिए अल्लाह ताला से दुआ मांगने के लिए अगहन महीने के जुमे के दिन ईदगाह में इकट्ठे हुए नमाज अदा की और बारिश के लिए दुआएं मांगी। अल्लाह के रहमो करम से खूब बारिश हुई, किसानों और बुनकरों दोनों के कारोबार चलने लगे तो मुल्क में फिर से खुशहाली छा गई। तब से यह परम्परा हर साल अगहन के जुमे के दिन बनारस के बुनकर बिरादरी की तरफ से मुर्री बंद कर निभाई जाती है। नमाज के दौरान किसान अपनी नई फसल का गन्ना बेचने यहां पहुंचते हैं। 


मंगलवार, 26 नवंबर 2024

संविधान से छेड़छाड़ पूर्वजों संग विश्वासघात एवं देश के साथ दुश्मनी-हाफ़िज़ ओबैदुल्लाह

संविधान अनुपालन में ही देश का वास्तविक विकास निहित-मुहम्मद रिज़वान

जमीयत यूथ क्लब से जुड़े विभिन्न स्कूलों में मना राष्ट्रीय संविधान दिवस


Varanasi (dil India live)। राष्ट्रीय संविधान दिवस पर जमीयत यूथ क्लब भारत स्काउट्स एंड गाइड्स से संबंधित विभिन्न स्कूलों में संविधान दिवस समारोह आयोजित किए गए।सबसे पहले प्रातः 8 बजे गुलिस्तां पब्लिक स्कूल क़ाज़ीपुरा में स्कूल के प्रधानाचार्य एवं जमीयत यूथ क्लब बनारस के स्काउट काउंसलर मुहम्मद शाहिद ने संविधान के महत्व और जीवन में उसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। जमीयत यूथ क्लब बनारस के सचिव मुहम्मद रिज़वान ने संविधान निर्माण और उसके कार्यान्वयन पर संक्षिप्त प्रकाश डाला और कहा कि हमारे पूर्वजों ने देश को जो संविधान सौंपा है उसके अनुपालन में ही देश का वास्तविक विकास निहित है। तत्पश्चात मुहम्मद रिज़वान साहब के नेतृत्व में उपस्थित सभी बच्चों एवं अध्यापकों ने सामूहिक रूप से भारत के संविधान की प्रस्तावना को दोहराकर उसके सुरक्षा की शपथ ली। इसके बाद बाग ए नूर एकेडमी बाक़राबाद में कार्यक्रम आयोजित हुआ।यहां पर प्रधानाचार्य इमामुद्दीन, स्काउट टीचर अब्दुल माजिद एवं अन्य अध्यापकों की उपस्थिति में मुफ्ती वसीम ने संविधान के निर्माण एवं महत्व पर प्रकाश डाला तत्पश्चात जमीयत यूथ क्लब बनारस के रोवर काउंसलर मास्टर अब्दुल करीम के नेतृत्व में उपस्थित सभी बच्चों एवं अध्यापकों ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना को दोहराकर उसके सुरक्षा की शपथ ली। इसके उपरांत अलमानार ब्वॉयज स्कूल रेवड़ी तालाब में 10 बजे कार्यक्रम का आयोजन हुआ। स्काउट के सभी बच्चों को एकत्रित करके प्रधानाचार्य तबरेज़ जहांगीर एवं सेक्रेटरी मुहम्मद रिज़वान ने संबोधित किया एवं संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला जबकि रोवर काउंसलर अब्दुल करीम एवं अन्य अध्यापकों की उपस्थिति में स्काउट टीचर मुहम्मद राशिद के नेतृत्व में उपस्थित सभी लोगों ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना को दोहराकर उसके सुरक्षा की शपथ ली।

इस अवसर पर जमीयत यूथ क्लब बनारस के अध्यक्ष हाफ़िज़ ओबैदुल्लाह ने अपने संदेश में कहा कि भारत का संविधान इस प्रकार से बनाया गया है कि इसमें भारत के सभी नागरिकों को बिना किसी धार्मिक, जातीय, भाषा, क्षेत्र के भेदभाव के सामन अवसर एवं अधिकार दिए गए हैं। एक रिक्शे चलने वाले और एक अरबपति व्यक्ति को भी बतौर नागरिक समान अधिकार हैं। यदि कोई इसके मूल रूप से छेड़छाड़ की कल्पना भी करता है तो उसका ये कृत्य न सिर्फ हमारे पूर्वजों के साथ विश्वासघात है बल्कि वो देश के साथ दुश्मनी भी है।

राष्ट्रीय संविधान दिवस पर प्राथमिक विद्यालय गौराकलां में हुई गोष्ठी

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया राष्ट्रीय संविधान दिवस

Varanasi (dil India live)। विकासखंड चिरईगांव के प्राथमिक विद्यालय गौराकलां में संविधान दिवस प्रिंसिपल आरती देवी की अध्यक्षता में हर्षोल्लास संग मनाया गया।

इस अवसर पर आरती देवी ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर छात्र-छात्राओं को भारत के संविधान के बारे में जानकारियां दी। साथ ही संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को शपथ दिलवाई गई।

इस अवसर पर अटेवा के ज़िला उपाध्यक्ष डॉ. एहतेशामुल हक ने भारतीय संविधान पर अपने विचार रखते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए 26 नवम्बर का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्ष 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि इसी दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी मनाते हैं। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नागरिकों द्वारा संविधान के प्रति निष्ठा तथा सम्मान रखना है। वरिष्ठ अध्यापिका रेखा उपाध्याय ने कहा कि बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता है। भारत सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया है। इस दिन 1949 में भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। प्रिंसिपल आरती देवी, अटेवा के ज़िला उपाध्यक्ष डॉ. एहतेशामुल हक, रेखा उपाध्याय, सादिया तबस्सुम, अनीता सिंह, शशिकला, प्रमिला सिंह, ज्योति कुमारी, शक्ति कुमारी, त्रिलोकी प्रसाद सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।