5 वीं मोहर्रम का कदीमी दुलदुल का जुलूस रवायत संग निकला
Varanasi (dil India live)। वक़्फ मस्जिद व इमामबाड़ा मौलाना मीर इमाम अली व मेहंदी बेगम गोविंदपुरा छत्तातले से कदीमी पांचवी मोहर्रम का जुलूस अपनी पुरानी रवायतों संग मुतवल्ली सैयद मुनाज़िर हुसैन 'मंजू' के ज़ेरे एहतमाम उठाया गया। जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने करबला के शहीदों के मसायब बयां किए। जुलूस उठाने मुजफ्फरपुर से खास तौर पर आए नजाकत अली खां व उनके साथियों ने सवारी शुरू की, जब नहर पर आदा ने अलमदार को मारा...। जुलूस गोविंदपूरा, राजा दरवाजा, नारियल बाजार, चौक होते हुए दालमंडी स्थित हकीम काजिम के अज़ाख़ाने पहुंचा जहां से अंजुमन हैदरी चौक बनारस ने नौहाख्वानी शुरू की, मुझको जन्नत ये अज़ाख़ाने लगे...। जिसमें शराफत हुसैन, लियाकत अली खां, साहेब ज़ैदी, शफाअत हुसैन शोफी, अंसार बनारसी, शानू, राजा आदि ने नौहाख्वानी की।जुलूस दालमंडी, खजुर वाली मस्जिद, नई सड़क, फाटक शेख सलीम, काली महाल, पितरकुंड, मुस्लिम इंटर कालेज होते हुए लल्लापूरा स्थित दरगाहे फ़ातमान पहुंचा। पूरे रास्ते उस्ताद फतेह अली खां व उनके साथियों ने शहनाई पर आंसुओं का नज़राना पेश किया। जिसे सुनकर भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की यादें लोगों के जेहन में ताजा हो गई। फ़ातमान से जुलूस पुनः वापस मुस्लिम स्कुल, लाहंगपूरा, रांगे की ताज़िया, औरंगाबाद, नई सड़क, कपड़ा मंडी, दालमंडी नया चौक होते हुए इमामबाडे में समाप्त हुआ।काशी नरेश की मन्नत का निकला जुलूस
Varanasi (dil India live)। वक़्फ मस्जिद व इमामबाड़ा मौलाना मीर इमाम अली व मेहंदी बेगम गोविंदपुरा छत्तातले से कदीमी पांचवी मोहर्रम का जुलूस अपनी पुरानी रवायतों संग मुतवल्ली सैयद मुनाज़िर हुसैन 'मंजू' के ज़ेरे एहतमाम उठाया गया। जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने करबला के शहीदों के मसायब बयां किए। जुलूस उठाने मुजफ्फरपुर से खास तौर पर आए नजाकत अली खां व उनके साथियों ने सवारी शुरू की, जब नहर पर आदा ने अलमदार को मारा...।
रामनगर में पांच मुहर्रम शुक्रवार को रात्रि में गोलाघाट मोहल्ला स्थित सुन्नी समुदाय के इमामबाड़े से सुन्नी समुदाय के लोगों ने काशी नरेश की मन्नत का ऐतिहासिक दुलदुल का जुलूस निकाला। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ पंचवटी स्थित कर्बला पहुंचकर समाप्त हुआ। दुलदुल के जुलूस में शामिल सभी धर्मों के लोगों ने मन्नत के अनुसार दूध और नीबू आदि चढ़ाया। जिसमें महिलाएं बड़ी संख्यामें उपस्थित रही। दुलदुल के जुलूस को देखने के लिए सड़कों पर हिंदू मुस्लिम दोनों की भारी भीड़ थी, लोगों में दुलदुल की जियारत की होड़ देखी गई। यह जुलूस पूर्व काशी नरेश की मन्नत के उपलक्ष्य में निकाला जाता है। यह बरसों पुरानी परंपरा आज भी यहां जीवंत हैं। तो वहीं दूसरी ओर शिया समुदायके के लोगों ने इसी मोहल्ला स्थित मरहूम विलायत हुसैन रिजवी के अजाखाने से अलम का जुलूस निकाला गया। जो अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ टेंगरामोड़ भिटी स्थित कर्बला पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस में रास्ते भर अंजुमन मोहाफी अजा ने नौहाख्वानी मातम किया। बड़ागांव स्थित इमाम बारगाह अब्बा की दालान गाग खुर्द बगिया से शुक्रवार को दुलदुल, अलम, गहवार-ए-अली असगर का जुलूस निकाला गया। जुलूस उठने से पूर्व मौलाना गुलजार मौलाई ने मजलिस को खिताब किया। जुलूस में कई अंजुमनों ने नौहाख्वानी, मातम किया। सैकड़ों की संख्या में जायरीन शामिल थे। जुलूस में सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसीपी बड़ागांव प्रतिक कुमार, हरहुआ एस.डी.एम प्रतिभा मिश्र, बड़ागांव थाना प्रभारी अजय कुमार पाण्डेय एवं पुलिस, पीएसी के जवान जुलूस के साथ-साथ चल रहे थे।