Ap Tiwari
Mirzapur (dil India live). लखनिया दरी जलप्रपात वाराणसी- शक्तिनगर मार्ग पर अहरौरा क्षेत्र से करीब सात किलोमीटर दूर जंगल में प्रकृति का एक बेजोड़ संगम है जिसे देखने के बाद हर कोई यहां बार-बार आना चाहेगा। यहां से मात्र ढाई किलोमीटर दूर लखनिया दरी में जो पानी पहुंचता है, वह चूना दरी जलप्रपात से होकर हो जाता है, हालांकि अच्छी सड़क न होने की वजह से यह स्थान आज भी दुर्गम बना हुआ है और प्रति वर्ष यहां आने वाले सैलानियों की संख्या भी कम है जबकि यहां सिर्फ पहुंच मार्ग दुरुस्त कर दिया जाए तो देश दुनिया के पर्यटन नक्शे में चूना दरी को भी अव्वल स्थान मिल जाएगा।चुनार से मात्र 24 किमी दूर चूना दरी पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम है और सैकड़ों वर्ष पहले ही पत्थर का बना एक रास्ता है जो यहां एक पहुंचता है। यही वजह है कि लखनिया दरी ज्यादा प्रसिद्ध है वहां पहुंचना भी आसान है। रास्ता संकरा होने के कारण कम ही पर्यटक फाल के निचले हिस्से तक पहुंच पाते हैं। मुख्य सड़क से जंगल की तरफ बढ़ने पर पहाड़ी रास्ता दिखाई देता है और चारों ओर जंगली झाड़ियां व पहाड़ियां दिखाई देती है। जल प्रपात का दो तरह से आनंद लिया जा सकता है। वहां उपरी भाग पर पहुंचना आसान है और सामने करीब 159 फोट कि गहराई में पानी गिरता दिखाई देता है।
शानदार नजारा, जंगली जीवन
चूना दरी प्रकृति का शानदार नजारा प्रस्तुत करता है। चूना दरी न सिर्फ प्राकृतिक रूप से समृद्ध है बल्कि यहां पर जंगल का भी मनोरम दृश्य दिखाई देता है। जंगली लंगूरों से आबाद इस क्षेत्र में नवंबर से फरवरी तक सैलानियों की भीड़ उमड़ती है। वहीं गर्मी के महीने में स्थानीय पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान कुछ स्कूलों के बच्चे भी यहां स्टूडेंट्स टुर के लिए आते हैं इस पर्यटक स्थल पर समुचित विकास व सैलानियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं तो इसकी छटा कुछ और होगी।
सामान्य सड़क से करीब दो किलोमीटर अंदर तक जाने का रास्ता किसी उबड़ खाबड़ रास्ते से होकर जाने कि हिम्मत कम लोग ही कर पाते है। ज्यादातर लोग यहां तक पहुंचने से पहले ही वापस चले जाते हैं। हालांकि विदेशी पर्यटकों की मौजूदगी यहां हमेशा देखी जा सकती है। कई बार तो कुछ पर्यटक कुंड में उतरने तक की हिम्मत कर बैठते है जबकि इसकी गहराई काफी है और दुर्घटना भी हो चुकी है। यहां शुद्ध हवा और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बिताए गए कुछ पल ही जिदगी भर के लिए यादगार बन जाते हैं।
यहां के स्थानीय कहते हैं- चुना दरी वास्तव में यह छिपा हुआ प्राकृतिक एक बेशकीमती नगीना है जिसे सिर्फ एक सड़क की दरकार है। यहां तक पहुंचना आसान होना चाहिए। चूना दरी फाल तक पहुंचने का रास्ता बेहद सकरा है, चौड़ा हो जाए तो लोगों के लिए यह सैकड़ों साल पुरानी झाड़ियों, पेड़ों से सजा संवरा शानदार पर्यटन स्थल और खिल उठेगा।