सोमवार, 1 अगस्त 2022

Muharram: हिन्दू लेखक की जुबानी, मोहर्रम की दर्द भरी दास्तां

न्याय के पक्ष में संघर्ष करने वालों की अंतरात्मा में इमाम हुसैन आज भी है ज़िन्दा

(ध्रुव  गुप्त की वाल से)

Varanasi (dil india live). इस्लामी वर्ष यानी हिजरी सन्‌ के पहले महीने मुहर्रम की शुरुआत हो चुकी है। मुहर्रम का शुमार इस्लाम के चार पवित्र महीनों में होता है जिसे अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद ने अल्लाह का महीना कहा है। इस पाक़ माह में रोज़ा रखने की अहमियत बयान करते हुए उन्होंने कहा है कि रमजान के अलावा सबसे अच्छे रोज़े वे होते हैं जो अल्लाह के इस महीने में रखे जाते हैं। मुहर्रम के महीने के दसवे दिन को यौमें आशुरा कहा जाता है। यौमे आशुरा का इस्लाम ही नहीं, मानवता के इतिहास में भी महत्वपूर्ण स्थान है। यह वह दिन है जब सत्य, न्याय, मानवीयता के लिए संघर्षरत हज़रत मोहम्मद के नवासे हुसैन इब्न अली की कर्बला के युद्ध में उनके बहत्तर स्वजनों और दोस्तों के साथ शहादत हुई थी। हुसैन विश्व इतिहास की ऐसी कुछ महानतम विभूतियों में हैं जिन्होंने बड़ी सीमित सैन्य क्षमता के बावज़ूद आततायी यजीद की विशाल सेना के आगे आत्मसमर्पण कर देने के बजाय लड़ते हुए अपनी और अपने समूचे कुनबे की क़ुर्बानी देना स्वीकार किया था। कर्बला में इंसानियत के दुश्मन यजीद की अथाह सैन्य शक्ति के विरुद्ध हुसैन और उनके थोड़े-से स्वजनों के प्रतीकात्मक प्रतिरोध और आख़िर में उन सबको भूखा-प्यासा रखकर यजीद की सेना द्वारा उनकी बर्बर हत्या के किस्से और मर्सिया पढ़ और सुनकर मुस्लिमों की ही नहीं,  हर संवेदनशील व्यक्ति की आंखें नम हो जाती हैं - कब था पसंद रसूल को रोना हुसैन का/आग़ोश-ए-फ़ातिमा थी बिछौना हुसैन का / बेगौर ओ बेकफ़न है क़यामत से कम नहीं / सहरा की गर्म रेत पे सोना हुसैन का !

मनुष्यता और न्याय के हित में अपना सब कुछ लुटाकर कर्बला में हुसैन ने जिस अदम्य साहस की रोशनी फैलाई, वह सदियों से न्याय और उच्च जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ रहे लोगों की राह रौशन करती आ रही है। कहा भी जाता है कि 'क़त्ले हुसैन असल में मरगे यज़ीद हैं / इस्लाम ज़िन्दा होता है हर कर्बला के बाद।' इमाम हुसैन का वह बलिदान दुनिया भर के मुसलमानों के लिए ही नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हुसैन महज़ मुसलमानों के नहीं, हम सबके हैं। यही वज़ह है कि यजीद के साथ जंग में लाहौर के ब्राह्मण रहब दत्त के सात बेटों ने भी शहादत दी थी जिनके वंशज ख़ुद को गर्व से हुसैनी ब्राह्मण कहते हैं। हालांकि कुछ लोग हुसैनी ब्राह्मणों की शहादत की इस कहानी पर यक़ीन नहीं रखते।

इस्लाम के प्रसार के बारे में पूछे गए एक सवाल के ज़वाब में एक बार महात्मा गांधी ने कहा था - मेरा विश्वास है कि इस्लाम का विस्तार उसके अनुयायियों की तलवार के ज़ोर पर नहीं, इमाम हुसैन के सर्वोच्च बलिदान की वज़ह से हुआ। नेल्सन मंडेला ने अपने एक संस्मरण में लिखा है- क़ैद में मैं बीस साल से ज्यादा वक़्त गुज़ार चुका था। एक रात मुझे ख्याल आया कि मैं सरकार की शर्तों को मानकर उसके आगे आत्मसमर्पण कर यातना से मुक्त हो जाऊं, लेकिन तभी मुझे इमाम हुसैन और करबला की याद आई। उनकी याद ने मुझे वह रूहानी ताक़त दी कि मैं उन विपरीत परिस्थितियों में भी स्वतंत्रता के अधिकार के लिए खड़ा रह सका।

लोग सही कहते हैं कि न्याय के पक्ष में संघर्ष करने वाले लोगों की अंतरात्मा में इमाम हुसैन आज भी ज़िन्दा हैं, मगर यजीद भी अभी कहां मरा है ? यजीद अब एक व्यक्ति का नहीं, एक अन्यायी और बर्बर सोच और मानसिकता का नाम है। दुनिया में जहां कहीं भी आतंक, अन्याय, बर्बरता, अपराध और हिंसा है, यजीद वहां-वहां मौज़ूद है। यही वज़ह है कि हुसैन हर दौर में प्रासंगिक हैं। मुहर्रम का महीना उनके मातम में अपने हाथों अपना ही खून बहाने का नहीं, उनके बलिदान से प्रेरणा लेते हुए मनुष्यता, समानता,अमन,न्याय और अधिकार के लिए उठ खड़े होने का अवसर भी है और चुनौती भी।

School: पुस्तक पाकर बच्चे हुए प्रसन्न


Varanasi (dil india live)। चिरईगांव विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय गौराकलां में निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण का आयोजन इंचार्ज प्रिंसिपल वन्दना पाण्डेय के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर प्रबंध समिति की अध्यक्ष अनीता देवी ने छात्र एवं छात्राओं को निःशुल्क पुस्तक वितरण किया।

       आयोजन में" अटेवा " पेंशन बचाओ मंच के जिला उपाध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक ने कहा कि सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष बच्चों तक निःशुल्क पुस्तक वितरित की जा रही है ताकि उनका भविष्य अंधकार मय न हो, छात्र एवं छात्राएं निःशुल्क पुस्तक पाकर बड़े ही प्रसन्न हुए। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष श्रीमती अनीता देवी ने कहा कि सरकार की ओर से सरकारी स्कूल में कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं बच्चों को निशुल्क पुस्तकें, निशुल्क ड्रेस, निशुल्क बैग, निशुल्क जूता व मोजा और एमडीएम की व्यवस्था की गई है, सभी अभिभावकों से अनुरोध है कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में प्रवेश कराएं, सरकारी स्कूल में प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

इंचार्ज प्रधानाध्यापिका वन्दना पाण्डेय ने कहा कि अपने बच्चों को घरों पर भी पढ़ने के लिए प्रेरित करें। डी बी टी के माध्यम से अभिभावक के खाता में सरकार की ओर से बच्चों के लिए ड्रेस बैग जूता मोज़ा कॉपी स्टेशनरी के लिए पैसा भेजा जा रहा है। आपलोग उसका सदुपयोग करें और साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। इस अवसर पर वंदना पांडे, एहतेशामूल हक, सादिया तबस्सुम, अनीता सिंह, प्रमिला सिंह, त्रिलोकी प्रसाद गुप्त, रीता, सोनी, आशा इत्यादि थीं।

Hariyali teej: सुहागन स्त्रियों ने मेंहदी लगाकर सावन में झूला झूला



Varanasi (dil india live). हरियाली तीज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस पर्व को छोटी तीज भी कहते है। इस खास दिन माता पार्वती की पूजा संग बायना निकाला जाता हैं। इसका मुख्य पकवान घेवर होता है। सुहागन स्त्रिया मेंहदी लगा, हरी चूड़ियां पहन सजधाज कर कजरी गीत गाकर सावन में झूला झूलती हैं। इस पर्व को बनारस में उल्लास के साथ मनाया गया। खासकर संकटमोचन के समीप हरियाली तीज का कार्यक्रम अंजलि अग्रवाल के संयोजन में मनाया गया। यहां धन्यवाद निशा ने दिया। ममता तिवारी, रेनू कैला, सलोनी, सुषमा, विनीता, चंद्रा, सरोज राय सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस पर्व का लुत्फ उठाया।

रविवार, 31 जुलाई 2022

Aap: महंगाई के खिलाफ सड़कों पर करेंगी संघर्ष-विनय पटेल

जे पी दुबे पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉ सुभाष वर्मा प्रदेश सचिव बने

कई दलों के नेताओं ने किया "आप" ज्वाइन

राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुभाष चौरसिया, युवा मोर्चा अध्यक्ष राकेश ने थामा "आप" का दामन

जनहित किसान पार्टी के महानगर अध्यक्ष गणेश चौरसिया और संगठन मंत्री अमरनाथ हुए "आप" के



Varanasi (dil india live). आम आदमी पार्टी के पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनय पटेल जी मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रदेश के माहौल को अराजक बताते हुए कहा कि यूपी की योगी सरकार वादे के अनुरूप किसानों को राहत देने में नाकाम रहीं हैं, धान के रोपाई के लिये खेतों तक नहर का पानी नहीं पहुंच रहा हैं, खाद और डाई तक उपलब्ध नहीं हैं। किसानों के लिये घोषित योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा हैं। खेतों में पानी नहीं हैं और यदि ज्यादा बारिश हो जायें तो बरसात के बाद खेतों में जमा पानी की निकासी की भी व्यवस्था नहीं हो पाती। फसलों की सही कीमत भी नहीं मिल पा रही।


         उन्होंने निरन्तर बढ़ती आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वोट लेते वक्त भाजपा ने वादा किया कि महंगाई पर हम अंकुश लगायेंगे, परंतु हुआ इसके विपरीत पहले से ही महंगाई के चंगुल में फसें आमजन को  मोदी और योगी की सरकार ने राहत देना तो दूर अब दूध, दाल,चावल,अस्पताल के कमरों आदि वस्तुओं पर GST लगाकर परेशान करने का काम किया हैं। यहाँ तक कि जीवन रक्षक दवाओं के मूल्यों में भी काफी वृद्धि कर दी गयीं हैं। विनय जी ने भाजपा के कार्यों की आलोचना करतें हुए कहा कि आम आदमी पार्टी मोदी, योगी के जनविरोधी गतिविधियों का सड़क से सदन तक विरोध करेंगी। 

           पत्रकार वार्ता के दरम्यान ही विनय पटेल ने पंचायत प्रकोष्ठ का विस्तार करतें हुए, वाराणसी निवासी जे.पी. दुबे को प्रदेश उपाध्यक्ष, वाराणसी के अजगरा निवासी डॉ सुभाष वर्मा को प्रदेश सचिव मनोनीत किया । साथ ही आज इसी दौरान विभिन्न दलों के कई लोगों को  पार्टी की सदस्यता भी दिलायी गयी। जिसमें प्रमुख रूप से सुभाष चंद्र चौरसिया (जिला अध्यक्ष भागीदारी पार्टी), गणेश चौरसिया (महानगर अध्यक्ष जनहित किसान पार्टी), अमरनाथ चौरसिया (संगठन मंत्री जनहित किसान पार्टी), राकेश चौरसिया (अध्यक्ष युवा मोर्चा,राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी) और इनके समर्थक।

       प्रेस वार्ता में इसके अतिरिक्त नि. प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह, मीडिया प्रभारी घनश्याम पांडेय, अखिलेश पांडेय, पल्लवी वर्मा मौजूद थीं।

शनिवार, 30 जुलाई 2022

आदर्शोन्मुखी व्यक्तित्व के धनी थे मुंशी प्रेमचंद:पोस्टमास्टर जनरल

समाज की विसंगतियों पर सदैव कलम चलाई मुंशी प्रेमचंद ने - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

' मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव-2022' के क्रम में संस्कृति विभाग, उ.प्र. और काशी विद्यापीठ की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन


Varanasi (dil india live). मुंशी प्रेमचंद एक साहित्यकार, पत्रकार और अध्यापक के साथ ही आदर्शोन्मुखी व्यक्तित्व के धनी थे। एक पत्रकार को कभी भी पक्षकार नहीं होना चाहिए, उसे अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए। प्रेमचन्द ने अपने को किसी वाद से जोड़ने की बजाय तत्कालीन समाज में व्याप्त ज्वलंत मुद्दों से जोड़ा। उनका साहित्य शाश्वत है और यथार्थ के करीब रहकर वह समय से होड़ लेती नजर आती हैं। उक्त उद्गार चर्चित साहित्यकार एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने 'मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव-2022' के क्रम में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश और महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में 'प्रेमचंद : अध्यापक और पत्रकार' विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि मुंशी प्रेमचंद का समाज के अंतिम व्यक्ति से विशेष अनुग्रह था और समाज की विसंगतियों पर उनकी कलम हमेशा चला करती थी। उनकी कहानी, उपन्यासों और पटकथाओं में सामाजिक कुरीतियों पर करारा प्रहार होता था। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि लमही, वाराणसी में जन्मे डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य की नई इबारत  लिखी। आज भी तमाम साहित्यकार व शोधार्थी लमही में उनकी जन्मस्थली की यात्रा कर प्रेरणा पाते हैं। 

 इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. प्रणय कृष्ण ने बतौर मुख्य अतिथि एक अध्यापक और पत्रकार के रूप में प्रेमचंद की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने प्रेमचंद के जीवन की कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बलिराज पांडेय ने कहा कि प्रेमचंद जातिधर्म और आर्थिक विषमता की गाँठों को तोड़ना चाहते थे। संगोष्ठी में प्रो बसंत त्रिपाठी, प्रो. सुरेन्द्र प्रताप, प्रो नीरज खरे, डॉ. रविनन्दन सिंह ने विचार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के वाराणसी प्रभारी डॉ. आर एस चौहान ने कहा कि जन-जन तक प्रेमचंद पहुचे इसके लिए यूट्यूब और फेसबुक चैनल पर इस विचार गोष्ठी का लाइव प्रसार किया जा रहा है। 

अतिथियों का स्वागत करते हुए क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र के प्रभारी सुभाष चन्द्र यादव ने कहा कि प्रेमचंद न सिर्फ एक साहित्यकार बल्कि एक कुशल पत्रकार भी थे। विषय प्रवर्तन करते हुए काशी विद्यापीठ हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. निरंजन सहाय ने कहा कि शिक्षक असाधारण होता है। प्रेमचन्द एक असाधारण शिक्षक थे। प्रेमचंद के बहुत सारे आयाम है, जिसपर प्रकाश डालने की जरूरत है। प्रेमचंद को केवल साहित्यकार ही नहीं बल्कि अध्यापक के रूप में भी उनकी जीवनी को पढ़ा जाना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो अनुराग कुमार ने कहा कि प्रेमचंद ने कभी भी अपनी लेखनी से समझौता नहीं किया। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों और समसामयिक मुद्दों को अपनी लेखनी के केन्द्र में रखा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रीति ने किया।

Post office: 'हर घर तिरंगा' अभियान : ₹25 में डाकघरों से मिलेगा तिरंगा

1 अगस्त से डाकघरों से होगी तिरंगा ध्वज की बिक्री 




Varanasi (dil india live). देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संपूर्ण भारत "आजादी का अमृत महोत्सव" मना रहा हैI इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 'हर घर तिरंगा' अभियान की घोषणा की गयी है। इस अभियान के तहत प्रधानमंत्री जी ने देश के सभी नागरिकों से अपने-अपने घरों में 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराने की अपील की हैI 'हर घर तिरंगा' अभियान में डाक विभाग द्वारा हर घर तिरंगा पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाएगीI वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सभी प्रधान डाकघरों में 1 अगस्त से बिक्री हेतु तिरंगा उपलब्ध रहेगा जिसे लोगों द्वारा मात्र ₹25/- रूपए में ख़रीदा जा सकता है तथा अपने घर पर लगाया जा सकता हैI शीघ्र ही इसे अन्य डाकघरों में भी बिक्री हेतु उपलब्ध कराया जाएगा।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 'हर घर तिरंगा' अभियान के अंतर्गत प्रत्येक प्रधान डाकघर में एक सेल्फी पॉइन्ट (राष्ट्र ध्वज एवं स्वतंत्रता संग्राम पर जारी डाक टिकटों तथा विशेष आवरणों के फिलेटली फ्रेम के साथ) भी बनाया जाएगा। नागरिकों को इस सेल्फी पॉइन्ट पर सेल्फी लेने के पश्चात #indiapost4Tiranga और #HarGharTiranga हैशटैग के साथ इंडिया पोस्ट और अमृत महोत्सव हैंडल को टैग करते हुए सोशल मीडिया हैंडल पर साझा करने के लिए उत्साहित किया जाएगा। सोशल मीडिया पर अभियान के साथ-साथ डाककर्मियों एवं स्थानीय नागरिकों की भागीदारी के साथ प्रभात फेरी का आयोजन भी किया जाएगा। श्री यादव ने कहा कि डाक कर्मियों द्वारा अपने परिजनों और आसपास के लोगों को भी इस अभियान से जुड़ने और तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित किया जायेगा।

Friendship day: इस बार आठ दिन में दो बार फ्रेंडशिप डे

भारत में अगस्त के पहले इतवार को मनाया जाता है Friendship day

Varanasi (dil india live). Friendship day इस बार आठ दिन में दो बार मनाया जाएगा। फ्रेंडशिप डे को लेकर टीन एजर्स और यूथ में खासा उत्साह देखने को मिलता है। यूं तो हर साल 30 जुलाई को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है।आज देश दुनिया में यह दिलचस्प दिवस मनाया जा रहा है, वहीं भारत में यह ख़ास दिन अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस साल पहला रविवार 7 अगस्त को पड़ेगा। यानी आठ दिन में भारतीय दो बार मित्रता दिवस का लुत्फ उठायेंगे। जो आज यह दिन सेलीब्रेट नहीं कर सकें उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। वो अभी से तैयारी करें और जोश, उत्साह के साथ यह ख़ास दिन सेलीब्रेट करें और ज़ोर से आवाज़ लगायें, happy Friendship day...।

Police Commissioner Varanasi मोहित अग्रवाल ने किया दालमंडी का पैदल भ्रमण

सीपी द्वारा भ्रमण कर, बाजार, सार्राफा बाजार व भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में की गयी पैदल गश्त   पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए सुगम यातायात के ...