बुधवार, 22 फ़रवरी 2023

Dr mohd arif बोले: आपसी मेल जोल से मिलेगा राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा

संविधान की मूल आत्मा मानवतावादी: दौलतराम

सामाजिक सद्भाव से देश होगा खुशहाल: रणजीत कुमार 

भारतीय समाज का आधार सह-अस्तित्व की भावना: विनोद कुमार

भारत की परिकल्पना विषयक संगोष्ठी सम्पन्न



Jounpur (dil india live). राइज एंड एक्ट के तहत राष्ट्रीय एकता, शान्ति, सद्भाव एवं न्याय के लिए "भारत की परिकल्पना " विषयक परिचर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर समता मूलक समाज निर्माण का संकल्प लिया गया।

मुख्य वक्ता आल इंडिया सेक्युलर फोरम के डॉ मोहम्मद आरिफ ने कहा कि आपसी मेल जोल व प्रेम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा। भारत हजारों साल से विविध धर्म संस्कृतियों का देश रहा है। सदियों से लोग बेहतर तरीके से एक दूसरे के साथ भाईचारा के साथ रहते आये हैं। हमारे महापुरुषों की आईडिया ऑफ इंडिया की जो परिकल्पना थी उसमें स्वतंत्रता, समता, बन्धुता और न्याय हो। हम बुद्ध, कबीर, रैदास, गोरख नाथ, स्वामी विवेकानंद, गांधी, नेहरू अंबेडकर, भगत सिंह आदि को पढ़ेंगे व जानेंगे तभी मेल जोल और साझी संस्कृति को आगे बढ़ा सकेंगें। आजादी का पूरा आंदोलन इसी मेल-जोल का नतीजा था।

        बनारस से आये रणजीत कुमार ने कहा कि आपसी मेल जोल के लिए सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना होगा तभी एक सुंदर व खुशहाल भारत बनेगा। ऐसे वातावरण का निर्माण करें ताकि एकता व प्रेम कायम रहे। इस तरह के आयोजन होंने चाहिए जिसमें हम एक दूसरे को समझ सकें। सभी धर्म संस्कृति का सम्मान होगा तभी राष्ट्रीय एकता, शांति, सद्भाव व न्याय कायम होगा।

   सामाजिक कार्यकर्ता दौलतराम ने कहा कि संविधान की मूल अवधारणा लेकर चलें तो सर्वे सुखिना, सर्वे भवन्तु निरामया की उक्ति चरितार्थ होगी। हमारा संविधान मानवतावादी है और सभी के कल्याण और बराबरी के लिए है। उसे पूर्णरूपेण लागू करके शांतिमय समाज बना सकते हैं। कार्यक्रम संयोजक विनोद कुमार ने कहा कि सामाजिक एकता को कायम रखने के लिए संयम, जिम्मेदारी व मेल जोल आवश्यक है। भारतीय समाज सह-अस्तित्व के सिद्धांत पर आधारित है। हमे इसे बचाये रखने की कोशिश जारी रखनी चाहिए।

            इसी क्रम में उद्यान स्पेक्टर भोला प्रजापति ने कहा कि हमें एकता, शांति, न्याय को अक्षुण बनाये रखना होगा। उसके लिए अपनी मानसिकता बदलनी होगी। उन्होंने भारतीय संविधान को जानने समझने व सरकार द्वारा चल रही योजनाओं की चर्चा करते हुए अधिकारों के लिए सजग रहने का आह्वान किया। स्वागत करते हुये स्थानीय आयोजक विनोद कुमार ने इस कार्यक्रम का मकसद बताया कि समाज मे बदलाव आये और सामाजिक न्याय सबको मिले इसी जागरूकता के लिए परिचर्चा रखी गयी है।

 कार्यक्रम में शिवकुमारी, रविना भरती,महेंद्र प्रधान, मंजेस ,जय प्रकाश अभिषेक गायक  बिनाभारती, रमाशंकर, रागनी संजू भारती, धर्मेंद्र सहित कई ब्लॉक के सैकड़ों महिला, पुरुष व छात्र - छात्राएं मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...