रविवार, 31 जुलाई 2022

Aap: महंगाई के खिलाफ सड़कों पर करेंगी संघर्ष-विनय पटेल

जे पी दुबे पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉ सुभाष वर्मा प्रदेश सचिव बने

कई दलों के नेताओं ने किया "आप" ज्वाइन

राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुभाष चौरसिया, युवा मोर्चा अध्यक्ष राकेश ने थामा "आप" का दामन

जनहित किसान पार्टी के महानगर अध्यक्ष गणेश चौरसिया और संगठन मंत्री अमरनाथ हुए "आप" के



Varanasi (dil india live). आम आदमी पार्टी के पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनय पटेल जी मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रदेश के माहौल को अराजक बताते हुए कहा कि यूपी की योगी सरकार वादे के अनुरूप किसानों को राहत देने में नाकाम रहीं हैं, धान के रोपाई के लिये खेतों तक नहर का पानी नहीं पहुंच रहा हैं, खाद और डाई तक उपलब्ध नहीं हैं। किसानों के लिये घोषित योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा हैं। खेतों में पानी नहीं हैं और यदि ज्यादा बारिश हो जायें तो बरसात के बाद खेतों में जमा पानी की निकासी की भी व्यवस्था नहीं हो पाती। फसलों की सही कीमत भी नहीं मिल पा रही।


         उन्होंने निरन्तर बढ़ती आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वोट लेते वक्त भाजपा ने वादा किया कि महंगाई पर हम अंकुश लगायेंगे, परंतु हुआ इसके विपरीत पहले से ही महंगाई के चंगुल में फसें आमजन को  मोदी और योगी की सरकार ने राहत देना तो दूर अब दूध, दाल,चावल,अस्पताल के कमरों आदि वस्तुओं पर GST लगाकर परेशान करने का काम किया हैं। यहाँ तक कि जीवन रक्षक दवाओं के मूल्यों में भी काफी वृद्धि कर दी गयीं हैं। विनय जी ने भाजपा के कार्यों की आलोचना करतें हुए कहा कि आम आदमी पार्टी मोदी, योगी के जनविरोधी गतिविधियों का सड़क से सदन तक विरोध करेंगी। 

           पत्रकार वार्ता के दरम्यान ही विनय पटेल ने पंचायत प्रकोष्ठ का विस्तार करतें हुए, वाराणसी निवासी जे.पी. दुबे को प्रदेश उपाध्यक्ष, वाराणसी के अजगरा निवासी डॉ सुभाष वर्मा को प्रदेश सचिव मनोनीत किया । साथ ही आज इसी दौरान विभिन्न दलों के कई लोगों को  पार्टी की सदस्यता भी दिलायी गयी। जिसमें प्रमुख रूप से सुभाष चंद्र चौरसिया (जिला अध्यक्ष भागीदारी पार्टी), गणेश चौरसिया (महानगर अध्यक्ष जनहित किसान पार्टी), अमरनाथ चौरसिया (संगठन मंत्री जनहित किसान पार्टी), राकेश चौरसिया (अध्यक्ष युवा मोर्चा,राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी) और इनके समर्थक।

       प्रेस वार्ता में इसके अतिरिक्त नि. प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह, मीडिया प्रभारी घनश्याम पांडेय, अखिलेश पांडेय, पल्लवी वर्मा मौजूद थीं।

शनिवार, 30 जुलाई 2022

आदर्शोन्मुखी व्यक्तित्व के धनी थे मुंशी प्रेमचंद:पोस्टमास्टर जनरल

समाज की विसंगतियों पर सदैव कलम चलाई मुंशी प्रेमचंद ने - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

' मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव-2022' के क्रम में संस्कृति विभाग, उ.प्र. और काशी विद्यापीठ की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन


Varanasi (dil india live). मुंशी प्रेमचंद एक साहित्यकार, पत्रकार और अध्यापक के साथ ही आदर्शोन्मुखी व्यक्तित्व के धनी थे। एक पत्रकार को कभी भी पक्षकार नहीं होना चाहिए, उसे अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए। प्रेमचन्द ने अपने को किसी वाद से जोड़ने की बजाय तत्कालीन समाज में व्याप्त ज्वलंत मुद्दों से जोड़ा। उनका साहित्य शाश्वत है और यथार्थ के करीब रहकर वह समय से होड़ लेती नजर आती हैं। उक्त उद्गार चर्चित साहित्यकार एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने 'मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव-2022' के क्रम में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश और महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में 'प्रेमचंद : अध्यापक और पत्रकार' विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि मुंशी प्रेमचंद का समाज के अंतिम व्यक्ति से विशेष अनुग्रह था और समाज की विसंगतियों पर उनकी कलम हमेशा चला करती थी। उनकी कहानी, उपन्यासों और पटकथाओं में सामाजिक कुरीतियों पर करारा प्रहार होता था। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि लमही, वाराणसी में जन्मे डाककर्मी के पुत्र मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य की नई इबारत  लिखी। आज भी तमाम साहित्यकार व शोधार्थी लमही में उनकी जन्मस्थली की यात्रा कर प्रेरणा पाते हैं। 

 इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. प्रणय कृष्ण ने बतौर मुख्य अतिथि एक अध्यापक और पत्रकार के रूप में प्रेमचंद की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने प्रेमचंद के जीवन की कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बलिराज पांडेय ने कहा कि प्रेमचंद जातिधर्म और आर्थिक विषमता की गाँठों को तोड़ना चाहते थे। संगोष्ठी में प्रो बसंत त्रिपाठी, प्रो. सुरेन्द्र प्रताप, प्रो नीरज खरे, डॉ. रविनन्दन सिंह ने विचार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के वाराणसी प्रभारी डॉ. आर एस चौहान ने कहा कि जन-जन तक प्रेमचंद पहुचे इसके लिए यूट्यूब और फेसबुक चैनल पर इस विचार गोष्ठी का लाइव प्रसार किया जा रहा है। 

अतिथियों का स्वागत करते हुए क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र के प्रभारी सुभाष चन्द्र यादव ने कहा कि प्रेमचंद न सिर्फ एक साहित्यकार बल्कि एक कुशल पत्रकार भी थे। विषय प्रवर्तन करते हुए काशी विद्यापीठ हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. निरंजन सहाय ने कहा कि शिक्षक असाधारण होता है। प्रेमचन्द एक असाधारण शिक्षक थे। प्रेमचंद के बहुत सारे आयाम है, जिसपर प्रकाश डालने की जरूरत है। प्रेमचंद को केवल साहित्यकार ही नहीं बल्कि अध्यापक के रूप में भी उनकी जीवनी को पढ़ा जाना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो अनुराग कुमार ने कहा कि प्रेमचंद ने कभी भी अपनी लेखनी से समझौता नहीं किया। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों और समसामयिक मुद्दों को अपनी लेखनी के केन्द्र में रखा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रीति ने किया।

Post office: 'हर घर तिरंगा' अभियान : ₹25 में डाकघरों से मिलेगा तिरंगा

1 अगस्त से डाकघरों से होगी तिरंगा ध्वज की बिक्री 




Varanasi (dil india live). देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संपूर्ण भारत "आजादी का अमृत महोत्सव" मना रहा हैI इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 'हर घर तिरंगा' अभियान की घोषणा की गयी है। इस अभियान के तहत प्रधानमंत्री जी ने देश के सभी नागरिकों से अपने-अपने घरों में 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराने की अपील की हैI 'हर घर तिरंगा' अभियान में डाक विभाग द्वारा हर घर तिरंगा पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाएगीI वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सभी प्रधान डाकघरों में 1 अगस्त से बिक्री हेतु तिरंगा उपलब्ध रहेगा जिसे लोगों द्वारा मात्र ₹25/- रूपए में ख़रीदा जा सकता है तथा अपने घर पर लगाया जा सकता हैI शीघ्र ही इसे अन्य डाकघरों में भी बिक्री हेतु उपलब्ध कराया जाएगा।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 'हर घर तिरंगा' अभियान के अंतर्गत प्रत्येक प्रधान डाकघर में एक सेल्फी पॉइन्ट (राष्ट्र ध्वज एवं स्वतंत्रता संग्राम पर जारी डाक टिकटों तथा विशेष आवरणों के फिलेटली फ्रेम के साथ) भी बनाया जाएगा। नागरिकों को इस सेल्फी पॉइन्ट पर सेल्फी लेने के पश्चात #indiapost4Tiranga और #HarGharTiranga हैशटैग के साथ इंडिया पोस्ट और अमृत महोत्सव हैंडल को टैग करते हुए सोशल मीडिया हैंडल पर साझा करने के लिए उत्साहित किया जाएगा। सोशल मीडिया पर अभियान के साथ-साथ डाककर्मियों एवं स्थानीय नागरिकों की भागीदारी के साथ प्रभात फेरी का आयोजन भी किया जाएगा। श्री यादव ने कहा कि डाक कर्मियों द्वारा अपने परिजनों और आसपास के लोगों को भी इस अभियान से जुड़ने और तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित किया जायेगा।

Friendship day: इस बार आठ दिन में दो बार फ्रेंडशिप डे

भारत में अगस्त के पहले इतवार को मनाया जाता है Friendship day

Varanasi (dil india live). Friendship day इस बार आठ दिन में दो बार मनाया जाएगा। फ्रेंडशिप डे को लेकर टीन एजर्स और यूथ में खासा उत्साह देखने को मिलता है। यूं तो हर साल 30 जुलाई को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है।आज देश दुनिया में यह दिलचस्प दिवस मनाया जा रहा है, वहीं भारत में यह ख़ास दिन अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस साल पहला रविवार 7 अगस्त को पड़ेगा। यानी आठ दिन में भारतीय दो बार मित्रता दिवस का लुत्फ उठायेंगे। जो आज यह दिन सेलीब्रेट नहीं कर सकें उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। वो अभी से तैयारी करें और जोश, उत्साह के साथ यह ख़ास दिन सेलीब्रेट करें और ज़ोर से आवाज़ लगायें, happy Friendship day...।

शुक्रवार, 29 जुलाई 2022

Muharram 2022: चांद के दीदार संग शुरू होगा माहे मोहर्रम

मस्जिदों में होगा कर्बला के शहीदों का जिक्र, अज़ाखाने होंगे गुलज़ार

मोहर्रम के जुलूस मार्गों को दुरुस्त करने की उठी मांग

Varanasi (dil india live). Muharram 2022: ईदुल अजहा की 29 तारीख आज चांद रात है। अगर चांद का दीदार हो जाता है तो माहे मोहर्रम की शुरुआत हो जाएगी। मोहर्रम की एक तारीख 30 जुलाई को होगी। अगर चांद का दीदार नहीं होता है तो कल चांद देखकर मोहर्रम का महीना शुरू हो जाएगा। मस्जिदों में 1से 10 मोहर्रम तक कर्बला के शहीदों का जहां जिक्र होगा वहीं शिया काले लिवास पहन लेंगे, शिया ख़्वातीन अपनी चूड़ियां उतार देंगी और अज़ाखाने गुलज़ार हो जाएंगे। मोहर्रम की 10 तारीख को यौमे आशूरा मनाया जाता है। इसी दिन कर्बला में नबी के नवासे इमाम हसन, इमाम हुसैन समेत 72 लोगों को शहीद कर दिया गया था। शहीद होने वालों में छोटे छोटे बच्चे भी शामिल थे।

जुलूस मार्गों को दुरुस्त करने की उठी मांग

मोहर्रम पर उठने वाले जुलूस को देखते हुए डर्बीशायर क्लब के अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने बताया कि मोहर्रम शुरू होने वाला है ऐसे में जिस रास्ते से जुलूस गुजरेगा उन मार्गों के उखड़ा हुआ चौका और गड्ढों को ठीक किया जाए। सीवर लाइन ठीक कराया जाए व इमामबाड़ों के पास जिस जिस तरफ से जुलूस गुजरेगा चूने का छिड़काव कराया जाय। उन्होंने कहा कि लटका हुआ बिजली का तार ठीक कराया जाए। सैयद आलिम हुसैन रिजवी व सैयद फरमान हैदर ने कहा कि शहर भर में तकरीबन 25 अलग अलग अंजुमनों द्वारा 60 से ज्यादा जुलूस मोहर्रम में निकलता है। इसमें कई सैकड़ों साल कदीमी जुलूस भी है, जिसे गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए भी याद किया जाता है।

Raksha bandhan: वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में डाक से राखी भेज सकेंगी बहनें

पोस्टमास्टर जनरल ने जारी किया वाटरप्रूफ डिजायनर राखी लिफाफे 

डाकघरों से शुरू होगी बिक्री

डाक विभाग द्वारा राखी भेजने को वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे महज ₹10 में


Varanasi (dil india live). 11 अगस्त को देश दुनिया में रक्षा बंधन का पर्व मनाया जायेगा। भाई बहनों के साथ ही इस प्यार भरे त्योहार के लिए डाक विभाग ने भी तैयारियाँ आरंभ कर दी हैं। इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफे कैंट प्रधान डाकघर में आयोजित एक कार्यक्रम में जारी किए। अब वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन - वाराणसी, भदोही, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर व बलिया जिले के डाकघरों में बिक्री के लिए ये उपलब्ध होंगे।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। 11 सेमी X 22 से.मी. आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य  ₹ 10  मात्र है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो और रक्षाबंधन की डिजाइन के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ 'हैप्पी राखी'  लिखा गया है। राखी लिफाफे के पीछे आजादी का अमृत महोत्सव और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश भी अंकित है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाक से अलग करने में समय की बचत और रक्षाबन्धन पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी।  

बनारस में यहां उपलब्ध है लिफाफा

प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजन राव और डाक अधीक्षक श्री पीसी तिवारी ने बताया कि राखी लिफाफा प्रधान डाकघर वाराणसी व वाराणसी कैंट सहित हिन्दू विश्वविद्यालय, लंका, सारनाथ, पं. दीन दयाल उपाध्यायनगर, वाराणसी सिटी, चंदौली मुख्य डाकघर, डी.एल.डब्लू, शिवपुर, कमच्छा, काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, ज्ञानपुर, भदोही, भेलूपुर, राजातालाब, सेवापुरी, चोलापुर, कबीरचौरा, बंगाली टोला, काशी आर.एस., महामंडल,  सकलडीहा, धानापुर, चकिया, चोलापुर, चौबेपुर, रामनगर, मंगारी, मंडुवाडीह, गोपीगंज, औराई, महराजगंज, बड़ागांव, डाकघरों में भी उपलब्ध है।

Postmaster General Krishna Kumar Yadav released waterproof designer Rakhi envelopes for sale  from Post offices

Waterproof Designer Envelopes for sending Rakhi by Postal Department, cost only ₹ 10

Now sisters will be able to send Rakhi by Post in a waterproof designer envelope

Varanasi (dil india live). Rakshabandhan festival, a symbol of brother-sister love, will be celebrated on 11th August and for this the Postal Department has already started preparations. Postmaster General of Varanasi Region, Shri Krishna Kumar Yadav,released specially made colorful designer waterproof Rakhi envelopes in a function organized at Varanasi Cantt. Head Post Office. These special Rakhi envelopes will now be available for sale in the Post offices of Varanasi, Bhadohi, Chandauli, Jaunpur, Ghazipur and Ballia districts under Varanasi Region.

Postmaster General, Shri Krishna Kumar Yadav informed that these designer Rakhi envelopes are waterproof and strong from the point of view of security, so that even in rainy season the Rakhi sent by sisters can reach the distant brothers safely. The cost of these 11 cm X 22 cm size Rakhi envelopes is ₹ 10 only which is in addition to the postage charges. Rakhi envelope in English with the logo of India Post and Rakshabandhan design on the upper left side of the waterproof envelope and 'Happy Rakhi' written on the lower right side. On the back of the Rakhi envelope, the logo of Amrit Mahotsav of Independence and Beti Bachao, Beti Padhao is also inscribed. Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav said that being colorful and specially designed; it would save time in segregating them from other mails and would also help in getting them delivered before Rakshabandhan festival.

Senior Superintendent of Post offices, Varanasi Shri Rajan and Superintendent of Post offices Shri PC Tiwari informed that Rakhi envelopes are available in Varanasi Head Post Office,  Cantt Head Post Office and also in other Sub Post offices named Hindu Vishwavidyalaya, Lanka, Sarnath, Pt. Deen Dayal Upadhyaya Nagar, Varanasi City, Chandauli MDG, DLW, Shivpur, Kamachha, Kashi Vidyapeeth, Sampurnanand Sanskrit University, Gyanpur, Bhadohi, Bhelupur, Rajatalab, Sewapuri, Cholapur, Kabirchaura, Bengali Tola, Kashi R.S., Mahamandal, Sakaldiha, Dhanapur, Chakia, Cholapur, Chaubepur, Ramnagar, Mangari, Also available at Manduwadih, Gopiganj, Aurai, Maharajganj, Baragaon  Post Offices of Varanasi East & West Division.  .


गुरुवार, 28 जुलाई 2022

COVID 19:संचार माध्यमों के जरिये कोविड-19 का प्रसार हुआ कम

टीकाकरण और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कैब) ने निभाई अहम भूमिका

कोविड-19 से बचाव एवं सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान पर  मंथन    



Varanasi (dil india live). “कोविड-19 के प्रसार को कम करने में कोरोना रोधी टीकाकरण, सामुदायिक गतिविधियों एवं संचार माध्यमों ने अहम भूमिका निभाई है। प्रथम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, एएनएम, स्टाफ नर्स, डॉक्टरों ने दिन-रात ड्यूटी कर कोविड पॉज़िटिव मरीजों की देखभाल की। इस बीच कई लोगों ने अपनों को खोया। कई डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी जान गवाईं |,   इन सभी के बावजूद  विदेशों की तुलना में भारत में कोरोना की रफ्तार कम हो गयी है। कोविड के बचाव के टीकाकरण, कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कैब), सामुदायिक पहुँच एवं सहभागिता से आई जन जागरूकता से सकारात्मक प्रभाव पड़ा है”।  

 यह बातें गुरुवार को कैंटोनमेंट स्थित एक होटल में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित जन जागरण संस्थान, दी एशिया फाउंडेशन एवं दी यूरोपियन यूनियन के सहयोग से साउथ एशिया रीजनल प्रोजेक्ट टू स्ट्रेन्थ कम्यूनिटी रेसीलिएन्स टू कोविड-19 (कोविड-19 के प्रति सामुदायिक लचीलेपन को मजबूत) के तहत राज्य स्तरीय  कार्यशाला में कहीं गईं। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी, एशिया फाउंडेशन की राष्ट्र स्तरीय प्रतिनिधि नंदिता बरुआ, सदस्य नीति आयोग, बाल अधिकार उपसमिति संजय मिश्रा ने किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य  उपरोक्त संस्थाओ के द्वारा पिछले साल फरवरी से जुलाई 2022 तक उत्तर प्रदेश के पाँच जिलों  (वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर, जौनपुर और मिर्ज़ापुर) के 10 विकासखंड मे कोविड 19 से बचाव एवं सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान पर मंथन एवं उसके अनुपालन में आने वाली समस्याओं के  उपाय पर  विशेष चर्चा की गयी।

   इस दौरान सीएमओ ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार को कम करने में कोरोना रोधी टीकाकरण, जन जागरूकता सम्बन्धी  सामुदायिक गतिविधियां, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का गृह भ्रमण, जनपद प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभाग एवं गैर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसको भुलाया नहीं जा सकता। लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर स्वयं के  अपने परिवार को सुरक्षित किया है। उन्होने ज़ोर दिया कि मलिन  बस्तियों में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति व्यवहार परिवर्तन  करना  बेहद आवश्यक  है। कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। कोरोना की एहतियाती  डोज़ समय से लगवा लें। मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते रहें। 

    इसके अतिरिक्त राष्ट्र स्तरीय प्रतिनिधि नंदिता बरुआ, सदस्य नीति आयोग संजय मिश्रा एवं अन्य लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यशाला में पांचों जिलों के चिन्हित ब्लॉक की आशा कार्यकर्ता, एएनएम, ग्राम प्रधान, प्रभारी चिकित्साधिकारी, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, तीनों संस्थाओं के राज्य एवं जिला स्तरीय प्रतिनिधि एवं अन्य लोग शामिल रहे।

बुधवार, 27 जुलाई 2022

World hepatitis day 28 July

हेपेटाइटिस है गंभीर, जन जागरूकता से ही दूर होगी यह बीमारी

गर्भावस्था में जरूर कराएं जांच, बचेगी जच्चा-बच्चा दोनों की जान

जन्म के तुरंत बाद शिशु को लगवाएँ हेपेटाइटिस बी का टीका

सरकार ने की वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस उन्मूलन करने की पहल


Varanasi (dil india live).वायरल बीमारी के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। हेपेटाइटिस वायरस को पांच प्रकार यथा ए, बी, सी, डी और ई के रूप में जाना जाता है। यह सभी यकृत (लिवर) को प्रभावित करते हैं, लेकिन उत्पत्ति, संचरण और गंभीरता के संदर्भ में उनके बीच महत्वपूर्ण अंतर है। बता दें कि वर्ष 1967 में अमेरिकी डॉक्टर बारूक सैमुअल ब्लमबर्ग ने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की थी। नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक के सम्मान में उनके जन्मदिन पर विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी* ने कहा कि इस दिवस को हेपेटाइटिस के विभिन्न रूपों और उनके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वायरल हेपेटाइटिस के साथ-साथ संबंधित बीमारियों के प्रबंधन, पता लगाने और रोकथाम में सुधार करना है। इस वर्ष दिवस की थीम ‘आई काँट वेट’ यानि ‘मैं इंतजार नहीं कर सकता हूँ’, जिसका मतलब है कि हेपेटाइटिस की जांच के लिए ज्यादा इंतजार न करें। समय रहते इसकी जांच और डॉक्टर के परामर्शानुसार उपचार कराएं । 

*सीएमओ* ने कहा कि हेपेटाईटिस नियंत्रण के लिये सरकार ने वर्ष 2030 तक देश से हेपेटाइटिस वायरस का उन्मूलन करने की पहल की है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2018 में शुरु किया गया । इसका प्रमुख उद्देश्य हेपेटाइटिस का मुकाबला करते हुए वर्ष 2030 तक संपूर्ण देश से 'हेपेटाइटिस सी' का उन्मूलन करना, हेपेटाइटिस 'बी' एवं 'सी' से होने वाला संक्रमण तथा उसके परिणामस्वरूप सिरोसिस और लीवर कैंसर के कारण होने वाली रुग्णता एवं मृत्यु में कमी लाना, हेपेटाइटिस 'ए' और 'ई' से होने वाले जोखिम, रुग्णता एवं मृत्यु में कमी लाना है। 

रोकथाम 

•जागरूकता निर्माण और संचार व्यवहार में बदलाव

•हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण (जन्म पर खुराक, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी)

•रक्त और रक्त उत्पादों की सुरक्षा

•सुरक्षित इंजेक्शन और सुरक्षित सामाजिक-सांस्कृतिक अभ्यास

•शुद्ध पेयजल तथा साफ़ एवं स्वच्छ शौचालय का उपयोग   

गर्भावस्था और हेपेटाइटिस बी 

शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड की अधीक्षक व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सारिका राय ने कहा कि गर्भावस्था और गर्भस्थ शिशु को हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए समय पर समय जांच अवश्य करानी चाहिए। समय से जांच, उपचार और डॉक्टर से परामर्श से प्रसव के समय कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होने कहा कि पॉज़िटिव होने पर प्रसव के दौरान यह वायरस माँ से शिशु तक पहुँचने की संभावना होती है। ऐसे में नॉर्मल और सिजेरियन दोनों तरह की प्रसव कराना संभव है। इसके अतिरिक्त कोई अन्य जटिलताएं नहीं होती हैं। डॉ सारिका ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना चाहिए। यदि शिशु किसी कारणों से संक्रमित हो गया है, तो यह टीका उससे बचाव करेगा। हेपेटाइटिस बी होने पर इन बातों की संभावना रहती है जो इस प्रकार हैं - 

समय पूर्व शिशु का जन्म

गर्भपात

कम वजन का शिशु

गर्भावधि मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) होना

कारण  

-दूषित भोजन-अशुद्ध पानी के सेवन से हेपेटाइटिस ए और ई संभावित।

-असुरक्षित यौन संबंध से हेपेटाइटिस-बी और सी (काला पीलिया) संभावित।

-असुरक्षित इंजेक्शन-उपचार से हेपेटाइटिस बी और सी संभावित।

-गर्भवती के बच्चे को भी काला पीलिया संभावित। 

बचाव 

-शौच से पहले, खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं।

-ठीक से पका हुआ भोजन, पानी उबालने के बाद ठंडा कर पिएं।

-रक्त चढ़वाना है तो लाइसेंस प्राप्त रक्त सेंटर से लें।

-सुई-रेजर किसी अन्य के साथ साझा न करें।

-सुरक्षित यौन संबंध बनाएं।

-बच्चे के जन्म के तुरंत बाद हेपेटाइटिस-बी का टीका लगवाएं।

यह भी जानना है जरूरी

-हेपेटाइटिस का उपचार व रोकथाम संभव है।

-हेपेटाइटिस के इलाज में लापरवाही से लिवर कैंसर हो सकता है।

-जिला अस्पताल सहित अन्य केंद्रों में जन्म लेने वाले शिशुओं का हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण होता है।

Bhadohi news: ज्ञानपुर में लगा डाक मेला

डिजिटल इंडिया में डाक विभाग निभा रहा अहम भूमिका

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने किया डाक मेले का उद्घाटन



Bhadohi (dil india live). वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया में डाक विभाग अहम भूमिका निभा रहा है। एक ही छत के नीचे तमाम सेवाएं उपलब्ध कराकर डाकघरों को बहुउद्देश्यीय बनाया गया है। बचत, बीमा, आधार, पासपोर्ट, कॉमन सर्विस सेंटर, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, रेलवे टिकट, गंगाजल की बिक्री जैसी तमाम सुविधाएं डाकघरों में उपलब्ध हैं। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने ज्ञानपुर में आयोजित डाक मेले में संबोधन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये।  इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया एवं सुकन्या समृद्धि योजना, डाक जीवन बीमा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विभिन्न लाभार्थियों को पासबुक एवं पॉलिसी बॉन्ड का वितरण किया गया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आमजन में डाकघर की बचत योजनाएँ बेहद लोकप्रिय हैं और इनमें लोग पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित निवेश करते आ रहे हैं। भदोही जिले में अब तक 2.60 लाख बचत खाते, 21 हजार आईपीपीबी खाते और 16 हजार सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं। 27 गाँवों को सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम, 9 गाँवों को सम्पूर्ण बीमा ग्राम एवं 3 गाँवों को 5 स्टार ग्राम बनाया जा चुका है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के तहत आरंभ 'सुकन्या समृद्धि योजना' बालिकाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक आज एक चलते फिरते बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। किसानों सहित अन्य तमाम लाभार्थियों के बैंक खातों में आने वाली डीबीटी राशि की निकासी के लिए अब किसी को भी बैंक या एटीएम जाने की जरूरत नहीं, बल्कि घर बैठे ही सभी अपने आधार लिंक्ड बैंक खाते से डाकिया के माध्यम से निकासी कर सकते हैं। आईपीपीबी में खाता होने पर डाकघर की सुकन्या, आरडी, पीपीएफ, डाक जीवन बीमा में भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, वाहनों का बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी तमाम सेवाओं का लाभ भी डाकिया के माध्यम से लिया जा सकता है। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने हेतु आधार जरूरी है, ऐसे में अब घर बैठे डाकिया के माध्यम से ही आधार से लिंक मोबाइल नम्बर भी अपडेट किया जा सकता है। श्री यादव ने बताया कि आमजन को विभिन्न सेवाओं के लिए भटकना न पड़े और सारी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो सकें, इसके लिए अब डाकघरों में भी काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से एक साथ केंद्र व विभिन्न राज्य सरकारों की 73 सेवाएँ मिल रही हैं। वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर श्री पीसी तिवारी ने कहा कि विभिन्न डाक योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु डाक विभाग द्वारा पहल की जा रही है।

ज्ञानपुर उपमंडल के डाक निरीक्षक अखण्ड प्रताप गोस्वामी ने बताया कि डाक मेले के दौरान 1,350 से ज्यादा डाकघर बचत बैंक खाते और 250 बेटियों के सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए। डाक मेले में 3.15 लाख का डाक जीवन बीमा प्रीमियम जमा किया गया है एवं 300 से अधिक किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कराया। 

इस कार्यक्रम में डाकघर अधीक्षक, वाराणसी (पश्चिम) मण्डल पी. सी. तिवारी, ग्राम प्रधान रामापुर ज्ञानपुर रीता देवी, सभासद मोहम्मद अबरार,  निरीक्षक डाकघर अखण्ड प्रताप गोस्वामी, श्रीकान्त पाल, पोस्टमास्टर ज्ञानपुर उपडाकघर मुकेश श्रीवास्तव, सीनियर मैनेजर इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ज्ञानपुर निकेश कुमार पाण्डेय सहित तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी -कर्मचारी एवं सम्मानित जनता ने भागीदारी की।

गब्बर सिंह को देश दुनिया में आज किया जा रहा याद

बालीवुड के मशहूर अभिनेता अमजद खान की पुण्य तिथि




Varanasi (dil india live).बेहतरीन किरदार के जरिए अपने फैंस के दिलों पर अमिट छाप छोड़ने वाले फिल्मी दुनिया के गब्बर सिंह को आज देश दुनिया भर में याद किया जा रहा है। आज सुपर हिट फिल्म शोले के महा खलनायक अमजद खान कि पुण्य तिथि है। शोले में गब्बर सिंह का किरदार निभा कर देश दुनिया में चर्चित हुए अमजद खान आज भले ही हम लोगों के बीच नहीं हैं मगर आज भी उनकी कला और फिल्मों के जरिए सभी उन्हें याद कर रहे हैं।

भारतीय इतिहास में ऐसे कई कलाकारों के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय की अमिट छाप छोड़ी है। शोले में गब्बर सिंह का किरदार निभाने वाले अभिनेता अमजद खान भी ऐसे ही कलाकारों में से एक हैं। डाकू के किरदार से घर-घर प्रसिद्ध हुए अभिनेता अमजद खान ने अपने इस किरदार को इतनी शिद्दत से निभाया कि लोगों के मन में उनकी डाकू वाली छवि आज तक मिट नहीं पाई है। अपनी दमदार आवाज और बेहतरीन डायलॉग डिलीवरी के दम पर गब्बर सिंह हिंदी सिनेमा के खूंखार खलनायकों में आज भी अव्वल है। फिल्म जगत का नायाब सितारा आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कह गया था।

पेशावर में हुए थे पैदा

12 नवंबर 1940 को पेशावर में जन्मे अमजद खान ने अपने फिल्मी करियर में यूं तो कई फिल्मों में काम किया, लेकिन फिल्म शोले में गब्बर का किरदार निभा कर उन्हें जो शौहरत हासिल हुई, वह शायद ही किसी खलनायक को आज तक मिली हो। लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि गब्बर सिंह के इस दमदार किरदार के लिए अमजद खान पहली पसंद नहीं थे। इस रोल के लिए पहले अभिनेता डैनी से संपर्क किया गया था, लेकिन उस समय फिल्म धर्मात्मा की शूटिंग में व्यस्त थे। ऐसे में उन्होंने शोले में इस किरदार को करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद यह रोल अमजद खान की झोली में आ गिरा और इस किरदार के चलते अमजद खान ने सभी को पछाड़ कर अमर हो गये।

गब्बर सिंह के लिए अमजद खान का नाम बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के पिता सलीम खान ने सुझाया था। कौन जानता था कि सलीम खान का यह सुझाव नाम इतिहास के पन्नों में अमजद खान को हमेशा के लिए अमर कर देगा। गब्बर सिंह के किरदार के लिए चुने जाने के बाद इस किरदार में ढलना अमजद खान के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। फिल्म में अमजद खान के बोले गए डायलॉग आज भी लोगों की जुबां पर हैं। अमजद खान के अंदाज को लोगों ने सबसे ज्यादा पसंद किया वह अभिनेता का ओरिजिनल स्टाइल नहीं था। फिल्म में अमजद खान के बात करने का तरीका उनके गांव के एक धोबी से प्रेरित था।

दरअसल, अमजद खान के गांव में एक धोबी रहता था, जो रोज सुबह इसी अंदाज में लोगों से बात किया करता था। अभिनेता ना सिर्फ धोबी के इस स्टाइल से काफी प्रभावित थे, बल्कि उसे गौर से सुना भी करते थे। धोबी की इस शैली से प्रभावित होकर अमजद खान ने किसी और की शैली कॉपी करने की जगह धोबी के इस ठेठ अंदाज को अपनाने का फैसला किया और अभिनेता के इस फैसले में उन्हें हिंदी सिनेमा में एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया। शूटिंग के दौरान जब अमजद खान ने धोबी की स्टाइल में डायलॉग बोलना शुरू किया तो फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी समेत पूरी यूनिट हैरान रह गई और इस तरह शोले के गब्बर सिंह का यह किरदार हमेशा के लिए अमर हो गया। 

बाल कलाकार के तौर पर की थी इंडस्ट्री में इंट्री

1951 में फिल्म नाजनीन से बतौर बाल कलाकार इंडस्ट्री में कदम रखने वाले अभिनेता ने अपने करियर में कई फिल्में कीं। 17 साल की उम्र में बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले अमजद खान ने 1973 में आई फिल्म हिंदुस्तान की कसम के जरिए बतौर हीरो डेब्यू किया था। अपने लंबे फिल्मी करियर के दौरान अमजद खान ने परवरिश, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, हीरालाल- पन्नालाल, सीता और गीता जैसी फिल्मों में भी काम किया था। 27 जुलाई 1992 में दिल का दौरा पड़ने से फिल्म जगत का यह नायाब सितारा हमेशा के लिए दूर चला गया। अभिनेता ने महज 51 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। कहना ग़लत न होगा कि अमजद खान कुछ दिन और रहे होते तो फिल्म इंडस्ट्री का इतिहास कुछ और ही होता।


मंगलवार, 26 जुलाई 2022

Shihab के हौंसले को सलाम

आंखों में काबा का ख्वाब संजोए, पैदल ही निकले हज करने केरल के शिहाब

2022 में शुरू किया सफर, 2023 में होगा मुकम्मल हज

जानिए कौन कौन से देशों से होकर पहुंचेंगा ये हज यात्री काबा



Sarfaraz Ahmad

Varanasi (dil india live). कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो....। किसी शायर ने ठीक ही कहा है कि अगर इंसान ठान ले तो क्या नहीं कर सकता, इंसान चाहे तो आसमान में सुराख भी कर दे। लेकिन ज़रूरत है उस जुनून की, जिसकी बात शायर अपने कलाम में कर रहा है। ऐसे ही एक जूनूनी शख्स हैं केरल के ‘शिहाब’। वो केरल से मक्का तक पैदल ही हज के सफर पर निकल पड़े हैं। आज वो विभिन्न शहरों से होते हुए गुजरात पहुंचे। वहां लोगों ने उन्हें सिर आंखों पर बैठाया। जिस रास्ते से वो गुज़र रहें हैं। उनकी एक झलक पाने को सभी बेताब दिखाई दे रहे हैं।

शिहाब केरला से रवाना हुए और 2023 में हज से पहले मक्का पहुंचना उनका लक्ष्य है, ताकि वह हज का फरीजा अदा कर सकें। शिहाब करेला से निकल कर भारत के कई राज्यों को पार करते हुए पाकिस्तान, ईरान, फिर इराक, फिर कुवैत और अंत में सऊदी अरब के पवित्र मक्का शहर पहुंचेंगे। शिहाब ने अपनी अनोखी पैदल यात्रा के बारे में उनकी तैयारी को लेकर मीडिया से बात की। उन्होने बताया की उन्हे तैयारी करने में लगभग छह महीने का समय लग गया, क्योंकि उन्होंने भारतीय राजधानी नई दिल्ली में देश के दूतावासों के चक्कर लगाना पड़े अपनी यात्रा की परमीशन लेने के लिए। मक्का जाने का फैसला करने के बारे में, शिहाब कहते हैं, “मैंने पैदल ही हज की योजना बनाई रहा है। यह मेरी बचपन की ख्वाहिश थी। अल्हम्दुलिल्लाह। मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं। मेरी मां की दुआ से अल्लाह ने मेरी यह मन्नत और दुआ पूरी कर दी। सरकार ने मुझे पैदल हज पर जाने की इजाजत दे दी, सभी प्रक्रियाओं को मैंने पूरा कर लिया या। इंशा अल्लाह यात्रा मेरी 2022 में केरल से शुरू हो गई है जो 2023 में काबा में हज मुकम्मल करके पूरी होगी। शिहाब ने बताया कि कई लोगों ने उसकी यात्रा के रास्ते में मदद करने का वादा किया है, यह पुष्टि करते हुए कि यात्रा बहुत लंबी है और इसमें महीनों लगते है।

केरल में एक सुपरमार्केट चलाने वाले शिहाब का लक्ष्य भारत, पाकिस्तान, ईरान, इराक और कुवैत के रास्ते सऊदी अरब जाना है।शिहाब ने इस सैर के लिए आठ महीने तक तैयारी की। वह हर दिन कम से कम 25 किमी पैदल चलते हैं।केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और कई अन्य लोगों ने शिहाब को हज का ख्वाब पूरा करने में मदद की।वह कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से होते हुए वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान में प्रवेश करेंगे। शिहाब कहते हैं कि

"मेरा लक्ष्य 280 दिनों में 8,640 किमी चलना है। मैं एक दिन में औसतन 25 किमी पैदल चल रहा हूं। मैं 2023 में हज करना चाहता हूं। मेरे परिवार, दोस्तों और अन्य लोगों ने मेरी यात्रा के लिए अपना सहयोग दिया है, "उन्होंने कहा कि उसके पास एक बेडशीट, कपड़े और एक10 किलो का बैग है। रास्ते में वह मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं और रात आराम करने के बाद फिर निकल पड़ते है, हज के सफर में...।"

Hajj 2022: काबा से काशी लौटे जायरीन का हुआ खैरमकदम

हज मुकम्मल कर लौट रहे हाजी, हो रहा खैरमकदम

हज से लौटे मास्टर तजम्मुल, हुआ इस्तेकबाल

Varanasi (dil india live). जामिया अरबिया मतलउल उलूम कमनगढ़ा वाराणसी के सेवानिवृत अध्यापक तजम्मुल अहमद का हज बैतुल्लाह से लौटने पर सरैयां स्थित आवास पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया और ढेर सारी उनसे दुआएं लीं। हाजी तजम्मुल अहमद का कहना है  कि अल्लाह का लाख लाख शुक्र है कि मुझे अपने दरबार में बुलाया और हज जैसे बड़े फ़र्ज़ को अदा करने की तौफीक दी। दुआ है कि खुदा सभी को हज बैतुल्लाह की जियारत नसीब करे।

केवल मास्टर तजम्मुल ही नहीं, बल्कि हज का सफर मुकम्मल करके काबा से काशी लौट रहे तमाम हाजी साहेबान की यही कैफियत है। वो हज मुकम्मल करके अपने अजीजो के बीच पहुंच कर बेहद खुश हैं। यही वजह है कि वो सभी मिलने जुलने वालों के लिए रब से दुआ करते नहीं थक रहे हैं। इस दौरान शहर भर में विभिन्न स्थानों पर हाजी साहेबान के वतन लौटने की खुशी में दावतों का सिलसिला भी जारी है।

        हाजी साहेबान का स्वागत करने वालों में मदरसा मतलउल उलूम के प्रबंधक हाजी मंजूर अहमद, सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक, मौलाना निसार अहमद, मास्टर अकील अहमद, डॉक्टर नसीम अख्तर, रशीद अहमद, हाफिज मुनीर, मुहम्मद शोएब, अखलाक अहमद, मास्टर हारून, इमरान अहमद, हाजी रमजान अली, मोइनुद्दीन, मकबूल अहमद, मास्टर महताब, मुहम्मद जहीर, अफजाल अंसारी, अशरफ, असगर इत्यादि थे।

सोमवार, 25 जुलाई 2022

बरसात में रखें सेहत का ख्याल, नहीं पड़ेंगे बीमार, बनें रहेंगे ऊर्जावान

साफ सफाई का रखें ख्याल, बाहर का खाना, न बाबा न...

शरीर को हाइड्रेटेड रखें, पर्याप्त नींद लें, मच्छरों से करें बचाव



Varanasi (dil india live). कभी धूप तो कभी छाँव और उसके बाद बारिश, आजकल कुछ ऐसा ही मौसम हो रहा है। तेज गर्मी के बीच अचानक बारिश होने से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक (इम्यूनिटी) क्षमता कमजोर है, वह संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। बारिश में सर्दी, खांसी, फूड पॉइजनिंग, दस्त, बुखार आदि बीमारी से बचाव का ख्याल और स्वस्थ व संतुलित खानपान बेहद जरूरी है। यह कहना है *एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता व फिजीशियन डॉ आरएन सिंह का। 

डॉ सिंह ने कहा कि बारिश के दौरान स्वास्थ्य व स्वच्छता सम्बन्धी सावधानियां आवश्यक है। इस मौसम में पानी एवं मच्छरों से होने वाली बीमारियां जैसे डायरिया, मलेरिया, डेंगू की संभावना बढ़ जाती है। आजकल बुखार, सर्दी, खांसी, दस्त आदि के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। बारिश के मौसम में चारों तरफ पानी भरा होने से कीटाणु अधिक पैदा होते हैं। खेतों में पानी भरने से जर्म का खतरा रहता है। मौसम में ठंडक बढ़ने से ठंडा-गर्म की शिकायत हो जाती है। सेहत के अलावा बारिश के मौसम में त्वचा का भी ख्याल रखना जरूरी है। 

साफ-सफाई व स्वच्छता का रखें ख्याल

 डॉ सिंह ने कहा कि किसी भी मौसम में स्वच्छता और साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए सामान्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे भोजन से पहले-बाद में, छींकने और खांसने के बाद, कोई भी बाहरी वस्तु छूने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएँ। नहाने के बाद तौलिया को धोकर तेज धूप में सुखाएं। धूप नहीं होने पर खुली हवा में सुखा दें। बाथरूम को अच्छे से साफ करें और कीटाणुनाशक स्प्रे से छिड़काव करें।

पकाने से पहले फलों व सब्जियों को धोएं

 डॉ सिंह ने कहा कि मौसम कोई भी हो, पकाने से पहले सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धो लेना चाहिए। लेकिन बारिश में इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। फल और सब्जियां के माध्यम से बैक्टीरिया घर तक पहुंच जाते हैं। अगर उन्हें अच्छे से साफ नहीं करते हैं तो उनका शरीर में जाने का खतरा बना रहता है और वह आपको बीमार बना सकते हैं।

बाहर का खाना करें मना

 उन्होने कहा कि व्यक्ति की सेहत उसके खाने पर ही निर्भर करती है। वह जैसा खाता है, वैसी ही उसकी सेहत रहती है। बारिश के दौरान देर तक कटे हुए और रखे हुए फल व सब्जियां खाने से बचने की भी सलाह दी जाती है। मानसून के दौरान घर का बना खाना खाएं। अगर बारिश के मौसम में पकौड़ी खाने का मन है तो बाहर की बजाय घर में ही बनाकर खाएं। इस दौरान इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल और सब्जियां जैसे कद्दू, ब्रोकली, पालक, मकई, बैंगन, सेब, तोराई, लौकी, चुकंदर, आम, शरीफा इत्यादि हैं। 

शरीर को हाइड्रेटेड रखें

 डॉ सिंह ने कहा कि शरीर को हाइड्रेटेड रखना स्वास्थ्य के लिए हमेशा फायदेमंद रहता है। इसलिए बारिश के मौसम में भी ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। इससे स्वस्थ महसूस करेंगे और बीमारी होने का खतरा भी कम हो जाएगा। वजन घटाने के साथ ही हाइड्रेटेड रहने से कीटाणुओं और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।

पर्याप्त नींद लें

 पर्याप्त नींद लेना हर किसी के लिए जरूरी होता है। अच्छी नींद नहीं लेने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और बीमारियां होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए कम से कम 7 से 8 घंटे की गहरी नींद जरूर लें। कोशिश करें रात में एक साथ ही पर्याप्त नींद लें। दिन में सोने से बचें। इससे स्वस्थ महसूस करेंगे। पूरी नींद नहीं लेने से शरीर में कमजोरी बनती है। इससे संक्रमण और वायरल बुखार होने का खतरा बढ़ सकता है।

डॉ सिंह ने कहा कि गंदगी में जाने से बचें, मच्छर अधिक हों तो उन्हें भगाने के उपाय करें, किसी को अगर वायरल है तो उससे दूर रहें, आदि। इन सभी तरीकों से बारिश के मौसम में स्वस्थ व ऊर्जावान रहा जा सकता है। किसी अन्य प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परामर्श के लिए नजदीकि चिकित्सालय में डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

सरैया के अजीमुद्दीन पहलवान नये सरदार और महतो बने बेलाल अहमद




Varanasi (dil india live). सरैयां में बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी हाफिज मोईनुद्दीन के हाथो नये सरदार और महतो की दस्तार बंदी हुयी। इस मौके पर पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने बताया की इस मोहल्ले में सरदार और महतो का पद ख़ाली था जिसमें बाईसी के सरदार हाजी मोईनुद्दीन साहब ने सरदार की जिम्मेदारी अजीमुद्दीन उर्फ़ पहलवान और महतो की जिम्मेदारी बेलाल अहमद को दी। दोनों के सिर पर दस्तार का ताज सजाया गया। इस मौके पर बाईसी के सरदार हाजी मोईनुद्दीन ने कहा की सरदार और महतो की जिम्मेदारी काँटों भरा ताज होता है। जिसमें बहुत ही सोच समझ कर सभी फैसले लेने होते है। इसमें चाहे कोई अपना हो या परया सभी के साथ इंसाफ होना चाहिए। किसी के साथ भेद भाव नहीं होना चाहिए। इस मौके पर मैं आप लोगो से जरूर कहूँगा की बच्चों को ज्यादा से ज्यादा तालीम दीजिये। क्यूं की बच्चे ही हमारे भविष्य है। तक़रीर मौलाना आमिर आजम ने किया। 

इस मौके पर मौजूद सरदार गुलाम मोहम्मद दरोगा, हाजी बाबू, हाजी तुफैल, हाजी हाफिज नसीर, बाबू महतो, हाजी गुलाब, हाफिज रमजान, मौलाना यासीन, हाजी महबूब अली, हाजी हारुन, इस्तेयाक, सफीउररहमान समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।

फारूक अंसारी अध्यक्ष व हसीन अहमद सेक्रेटरी

मदरसा दायरतुल इस्लाह चिरागे उलूम के प्रबंध समिति  चुनाव

Varanasi (dil india live)। मदरसा दायरतुल इसलाह चिरागे उलूम रसूलपुरा वाराणसी के प्रबंध समिति का चुनाव मदरसा प्रांगण में संपन्न हुआ। जिसमे सर्वसम्मति से 17 सदस्यीय कमेटी का चुनाव हुआ।

           इस चुनाव में सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद पर मुहमाद फारूक अंसारी, हाजी हसीन अहमद को सेक्रेटरी/मैनेजर और जहांगीर को कोषाध्यक्ष के पद पर चुना गया। पदाधिकारियों सहित 17 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति का चुनाव सकुशल संपन्न हुआ।

शनिवार, 23 जुलाई 2022

Ajay Rai को मुख्तार अंसारी से जान का खतरा

पूर्व मंत्री अजय राय की सुरक्षा की कांग्रेस ने उठाया मांग

पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट को सौंपा मांग पत्र


Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग का एक प्रतिनिधि मंडल कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में पूर्व मंत्री अजय राय की सुरक्षा का मांग पत्र पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट को सौंपते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश में एक ख़तरनाक अपराधी है, जिसका भय जनमानस में इतना व्याप्त है कि गवाह उसके विपक्ष में गवाही देने से मुकर जाते हैं। यहां तक कि कृष्णानंद राय हत्याकांड जो उत्तर प्रदेश का एक चर्चित हत्याकांड था जिसके सभी गवाह या पैरवी कार या तो स्वत: मर गये या मार दिए गए और मुख्तार अंसारी बरी हो गया । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल ही मुख्तार अंसारी के ऊपर टिप्पणी करते हुए कहा है कि" लोगों के दिल व दिमाग में मुख्तार अंसारी का भय है" प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि ऐसे अपराधी के खिलाफ अवधेश राय हत्याकांड में अजय राय जी गवाह के साथ साथ एक मात्र पैरवी कार है साथ में मुख्तार अंसारी को यह पता है कि अजय राय को रास्ते से हटा देने पर उपरोक्त मुकदमा में कोई पैरवी करने वाला नहीं है।पूर्व विधायक अजय राय की सुरक्षा व्यवस्था केवल तारीख के दिन ही नहीं जब तक अवधेश राय हत्याकांड का मुकदमा विचाराधीन है तब तक रात दिन तत्काल प्रभाव से उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाय। अन्यथा मुख्तार अंसारी किसी भी समय घटना घटित करा सकता है। प्रतिनिधिमंडल में कल्पना शर्मा, अशोक कुमार, परमहंस शास्त्री सिराज अहमद, संजय कुमार, अमित विश्वकर्मा, साहिल खान मुख्य थे।

व्यवहारिकता में बहुत लचीले लेकिन मूल्यों के प्रति बहुत कठोर हैं गांधी

Dr mohd arif

Varanasi (dil india live). गांधीजी एक बहुत सधे हुए क्रांतिकारी थे।  वे हर व्यक्ति के साथ अपना जुड़ाव महसूस  करते थे। सभी के लिए उनमें जुड़ाव है पर एक जगह पर आकर वे कठोर भी हैं ।जहां पर तुम उसकी आस्था बदलने की कोशिश करते हो। वहां वे बहुत कठोर है। इसी लिए आस्था बदलने के मुद्दे पर गांधी पहाड़ की तरह अडिग दिखाई देते हैं। कई लोग कहते हैं कि गांधीजी बहुत जिददी थे लेकिन जब हम इसे समझने की कोशिश करते हैं तो पता चलता हैं कि गांधी उन चीजों के लिए जिद्दी हैं जहाँ कोई उनके मूल्यों को बदलने की कोशिश करे। उन जगहों पर वे बहुत लचीले हैं जहां बात  व्यवहारिक हो। 

गांधी लोगों से केवल इस प्रकार व्यवहार नहीं करते थे कि वे किसी समुदाय के सदस्य हैं बल्कि उनके साथ काम करने वालों का यह कहना है कि  वे हर किसी से एक व्यक्ति के रूप में रिश्ता कायम करते थे। हर कोई अलग व्यक्ति है, उसकी  जरूरतें अलग हैं और वे उन जरूरतों का ख्याल रखते थे।अपने आग्रहों को छोड़ते हुए। आश्रम में रहने आये बहुत से लोगों से वे कहते थे कि तुम यह करो हालांकि आश्रम का नियम यह है और आश्रम वाले इसको कभी नहीं समझेंगे लेकिन तुम अपना ख्याल छोड़ना मत। यह जो सोच है गांधी की क़ि व्यक्ति को बुनियाद मानना यह गांधी के चिंतन की एक मजबूत बुनियाद है।

एक बार एक इंग्लैंड की ईसाई लड़की गांधीजी के अहमदाबाद आश्रम पर उनसे मिलने आई लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि गांधीजी को पुलिस गिरफ्तार करके ले गयी। गांधी जाते जाते उस लड़की से कह गए कि तुम अपना ख्याल खुद रखना। आश्रम के नियम बहुत कठोर हैं लेकिन तुम अपना ख्याल रखना। गांधी, आश्रम के लोगों से भी कह गए कि ये लड़की जैसे रहना चाहे इसे रहने देना। आश्रम के नियम इस पर लागू मत करना। जब बहुत महीनों तक गांधीजी की जेल से रिहाई नहीं हुई तो उस लड़की ने गांधीजी को पत्र लिखा कि महात्मा जी मेरा दुर्भाग्य है कि मैं आपसे नहीं मिल सकी अब मैं वापस इंग्लैंड जा रही हूँ। गांधीजी ने जो जवाबी  पत्र लिखा उसमें उन्होंने लिखा कि मुझे अफसोस है कि तुमसे मेरी मुलाकात नहीं हो सकी लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि तुम मेरे आश्रम से जब निकलोगी तो तुम एक बहुत अच्छे ईसाई की तरह वर्ताब व व्यवहार करोगी।तुम एक अच्छी इंसान बनकर मेरे आश्रम से निकलोगी।

गांधी खुद आधी धोती पहनते थे। ज्यादा ठंड पड़ती थी तो एक चादर ओढ़ लेते थे। लेकिन उन्होंने कांग्रेस की वर्किंग कमेटी में ऐसा कोई नियम नहीं बनाया कि सभी आधी धोती पहनें। गांधी के बगल में नेहरू बैठते थे जो पायजामा और अचकन पहनते थे। उसमें गुलाब का फूल भी लगाते थे। दूसरी ओर मौलाना आजाद बैठते थे  और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के एकमात्र सदस्य थे जो गांधीजी के सामने सिगार पीते थे। गांधीजी का लचीलापन देखिए कि उनके सामने कोई सिगरेट पिये इसके लिए उसको हिम्मत की जरूरत होगी  क्योंकि वे तो मना नहीं करते।

एक बार नेहरू क्यूबा यात्रा पर गए वहां किसी ने उन्हें सिगार का पैकिट भेंट में दिया। क्यूबा की सिगार बड़ी बेशकीमती है। जब वे वहां से लौटकर आये तो वे गांधी को दिखाते हैं कि देखो बापू  मुझे क्या मिला गिफ्ट में, और उन्होंने गांधीजी को  सिगार का पैकिट दिखाया।  गांधीजी ने तुरन्त पैकिट उठा लिया और कहा कि इस पैकिट को मैं  अपने पास रख लेता हूँ  और मौलाना को दे दूंगा, उन्हें बहुत पसंद है सिगार। गांधीजी ये ध्यान रखते हैं कि ये चीज मौलाना को पसंद है।

इसी प्रकार जब सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान  सेवाग्राम आश्रम में आये तो गांधीजी ने बाजार से उनके लिए मांसाहारी भोजन मंगवाया। उन्होंने कहा कि ये आदमी रात को खाना कैसे खायेगा? इसको तो आदत है यही खाने की। जबकि आश्रम में मांसाहार वर्जित था। लेकिन सीमान्त गांधी के लिए उन्होंने इस नियम को लचीला बना दिया। व्यक्ति के बारे में कितना लचीलापन है यह समझने की जरुरत है।

महाराष्ट्र के एक बड़े नेता थे जो कांग्रेस की कमेटी में मौजूद थे। कुछ लोगों ने गांधीजी से कहा कि आपने किसको वर्किंग कमेटी में ले रखा है? ये तो शराब पीता है। तो गांधी ने पूछा कि शराब कब पीता है? रात में पीता है न। तो दिन में उससे काम लिया जा सकता है न । हर आदमी का इस्तेमाल है मेरे पास। कल को वह शराब छोड़ देगा तो मैं रात को भी उससे काम ले सकूंगा। और बड़ी जगह हो जाएगी उनके लिए।  क्योंकि वे बड़े वकील भी थे। इतना लचीलापन है उनमें।

दूसरी ओर इतनी कठोरता है कि वे अपनी बात से एक इंच भी इधर से उधर होने को तैयार नहीं। दिल्ली के अंतिम उपवास के समय जब सरदार पटेल गांधीजी से कहते हैं कि आप अपना उपवास स्थगित कर दें तो वे कहते हैं कि सरदार तुम दिल्ली की कानून व्यवस्था देखो क्योंकि ये तुम्हारी नैतिक जिम्मेदारी है। मैं वही कर रहा हूँ जो इस समय मुझ जैसे अहिंसक व्यक्ति को करना चाहिए। आमरण अनशन में मैं खुद अपनी देह दांव पर लगा रहा हूँ , यही ईश्वर की इच्छा है। 

ये सब बात समझना इसलिए जरूरी है कि इनके बिना गांधी को समझने में दिक्कत होगी। इसीलिए मैंने लिखा किगांधीजी एक बहुत सधे हुए क्रांतिकारी थे।  वे हर व्यक्ति के साथ अपना जुड़ाव महसूस  करते थे। सभी के लिए उनमें जुड़ाव है पर एक जगह पर आकर वे कठोर भी हैं ।जहां पर तुम उसकी आस्था बदलने की कोशिश करते हो। वहां वे बहुत कठोर है। इसी लिए आस्था बदलने के मुद्दे पर गांधी पहाड़ की तरह अडिग दिखाई देते हैं। कई लोग कहते हैं कि गांधीजी बहुत जिददी थे लेकिन जब हम इसे समझने की कोशिश करते हैं तो पता चलता हैं कि गांधी उन चीजों के लिए जिद्दी हैं जहाँ कोई उनके मूल्यों को बदलने की कोशिश करे। उन जगहों पर वे बहुत लचीले हैं जहां बात व्यवहारिक हो। 

(लेखक:  गांधीवादी व इतिहासकार हैं, लेखक के फेसबुक वॉल से। )

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गुरुवार, 21 जुलाई 2022

गर्भाशय के मुख में वर्षों छिपा रहता है सर्वाइकल कैंसर का वायरस

दो मिनट की जांच कराएं , सर्वाइकल कैंसर का पता लगाएं

जितना जल्दी पता लग जाएगा उतनी जल्दी इलाज संभव

सभी सरकारी अस्पतालों में  निःशुल्क जांच व उपचार की व्यवस्था

महज 15 मिनट की थेरेपी  से मिलती है  वायरस से मुक्ति



Varanasi (dil india live). शिवपुर की रहने वाली 45 वर्षीया ममता (परिवर्तित नाम) की जांच रिपोर्ट देखने के बाद पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में चिकित्सक ने गर्भाशय के मुख के कैंसर से पीड़ित होने की जानकारी  पति को दी तो  पता चलते ही ममता फफक कर रोने लगी। ममता को अफसोस इस बात का था कि अनियमित रक्तस्राव  से पीड़ित होने पर पांच वर्ष पूर्व जब वह इसी अस्पताल में दिखाने के लिए आयी थीं  तभी डाक्टर ने अगाह करते हुए जांच कराने की सलाह दी थी। घरेलू जिम्मेदारियों को निभाने के चक्कर में उसने अगर खुद के प्रति लापरवाही न बरती होती और महज दो मिनट की जांच कराकर उपचार कराया होता तो वह निश्चित रूप से इस गंभीर बीमारी से बच सकती थी। पं. दीन दयाल चिकित्सालय में स्थित ‘सम्पूर्णा क्लीनिक’ की प्रभारी डा. जाह्नवी सिंह कहती हैं कि ममता की ही तरह अपने स्वास्थ्य के प्रति अन्य महिलाओं के भी लापरवाह रहने का ही नतीजा है कि गर्भाशय के मुख कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। महिलाएं  परेशानियों की अनदेखी करते हुए चिकित्सक के पास अधिकतर तब जाती हैं  जब वह या तो कैंसर की चपेट में आ चुकी होती हैं अथवा उनके गर्भाशय के मुख में हुआ संक्रमण कैंसर में तब्दील होने की स्थिति में होता है।

 क्या है सर्वाइकल कैंसर 

डॉ. जाह्नवी बताती हैं  कि गर्भाशय के मुंख का कैंसर ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है। शारीरिक सम्पर्क के दौरान यह वायरस गर्भाशय के मुख तक पहुंच जाता है और उसे धीरे-धीरे संक्रमित करना शुरू कर देता है। खास बात यह है कि गर्भाशय के मुख में एचपीवी से हुए संक्रमण को कैंसर में तब्दील होने में सामान्यतः दस से बीस वर्ष या इससे अधिक का समय लग जाता है। ऐसे में अगर समय रहते जांच कराकर संक्रमण का उपचार करा लिया जाए  तो बच्चेदानी के मुंख के कैंसर से पूरी तरह बचा जा सकता है। लिहाजा 30 से 60 वर्ष तक की महिलाओं को समय-समय पर जांच अवश्य करानी चाहिए ताकि उन्हें एचपीवी संक्रमण है तो उपचार कर उसे फौरन खत्म किया जा सके। निःशुल्क जांच व उपचार की सुविधा पं.दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में बने ‘सम्पूर्णा क्लीनिक’ में उपलब्ध है। महिलाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। इसके अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में भी यह जांच  करायी जा सकती है।

 दो मिनट की जांच, साथ ही फौरन उपचार

डा. जाह्नवी बताती हैं कि गर्भाशय का मुख  एचपीवी से संक्रमित है या नहीं इसकी जांच वीआर्इए विधि से मात्र दो मिनट में होती है। संक्रमण का पता चलते ही उसी समय गर्भाशय के मुख की ठंडी सिकार्इ (क्रायोथैरेपी) की जाती है जिससे संक्रमण के साथ ही सर्वाइकल कैंसर का खतरा खत्म हो जाता है। इस उपचार के लिए मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं होती। जांच व थैरेपी में लगे 20 मिनट से भी कम समय के बाद वह घर जा सकता है।

छह माह में 86 रोगियों को प्री कैंसर /कैंसर के खतरे से किया दूर

पं. दीन दयाल चिकित्सालय के एमसीएच विंग में संचालित सम्पूर्णा क्लीनिक की प्रभारी डा. जाह्नवी बताती हैं कि इस वर्ष अब तक 2206 महिलाओं की वीआर्इए जांच की गयी इनमें संक्रमित 86 महिलाओं की क्रयोथैरेपी कर उन्हें सर्वाइकल कैंसर होने के खतरे से दूर कर दिया गया जबकि चार केस ऐसे जिन्हें यह कैंसर हो चुका था, उन्हें उपचार के लिए उच्च  संस्थानों में रेफर कर दिया गया।

 सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

मैनोपोज के बाद भी ब्लीडिंग

पीरियड  खत्म होने के बाद भी रक्तस्राव 

यौन सम्बन्ध के बाद रक्तस्राव

कफ़न पर भी जीएसटी, शर्म आनी चाहिए: अशोक सिंह

कांग्रेस ने जीएसटी पर मोदी सरकार को घेरा

Varanasi (dil india live). देश की जनता मंहगाई से पहले ही त्रस्त है उपर से आटा, दाल, दही, लस्सी, दूध, पनीर, छांछ, चावल पर जीएसटी लगा कर मोदी सरकार ने जनता के प्रति अपनी असंवेदनशीलता को दर्शाया है। हद तो तब हो गई जब कफ़न पर भी जीएसटी लागू कर दिया गया। 

उपरोक्त बातें उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह एडवोकेट ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहीं। उन्होंने कहा कि उपरोक्त खाने पीने की वस्तुओं पर मोदी सरकार ने जीएसटी लगा कर मंहगाई से जूझ रही देश की गरीब जनता के उपर मंहगाई का एक और बोझ बढ़ा दिया है। मनमोहन सिंह के समय जरा सी मंहगाई बढ़ती थी तो पूरी की पूरी भाजपा सड़कों पर भांगड़ा नृत्य करने उतर आती थी। लेकिन आज जब मंहगाई आसमान छू रही है तो भाजपा के नेता थेथरई बतियाने लगते हैं, और मंहगाई का आरोपी कांग्रेस को बताने लगते हैं। मोदी सरकार देश में मंहगाई लाकर जनता का उत्पीडन कर रही है, लेकिन जनता सब देख रही है और समझ भी रही है, 2024 में जनता इनको सबक सिखायेगी और इन्हें उखाड़ फेंकेगी।

बुधवार, 20 जुलाई 2022

अब ऐप से चेहरे की पहचान कर दर्ज होगी चिकित्साकर्मियों की उपस्थिति

सभी सरकारी अस्पतालों में लागू होगी व्यवस्था 

चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए सीएमओ ने दिया निर्देश

शहर के 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लागू हो चुकी है यह व्यवस्था


Varanasi (dil india live). चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके तहत जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में अब ऐप से चेहरे की पहचान कर चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की उपस्थिति दर्ज की जायेगी। इसके लिए निर्देश जारी कर दिये गये हैं । जल्द ही इस व्यवस्था पर अमल शुरू हो जायेगा।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निर्देश दिये थे कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की उपस्थिति फेस रिकग्नाइजेशन एण्ड जीयोफेस ऐप के जरिये दर्ज की जाए । इस निर्देश के बाद शहर के 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यह व्यवस्था लागू कर दी गयी है । वहां इस ऐप के जरिये ही चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है। सीएमओ ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के अनुपालन के क्रम में अब इस व्यवस्था को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू किया जा रहा है। इसके लिए मण्डलीय अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक, लालबहादुर शास्त्री चिकित्सालय (रामनगर), पं. दीन दयाल  उपाध्याय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला महिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक के अलावा जिले के सभी अधीक्षक/ प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि वह  अपने अधीन कार्यरत समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति ‘फेस रिकग्नाइजेशन एण्ड जीयो फेस के माध्यम से कराना सुनिश्चित करें। इस सम्बन्ध में होने वाला व्यय ‘रोगी कल्याण  समिति’ में उपलब्ध धनराशि से किया जा सकता है। हर हाल में यह व्यवस्था एक सप्ताह के अंदर लागू कर दी जाय।

कैसे काम करेगा यह सिस्टम

‘फेस रिकग्नाइजेशन एण्ड जीयो फेस ऐप जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों, चिकित्सकाकर्मियों के मोबाइल फोन में स्टाल होगा। इसके पूर्व उनके चेहरे को स्कैन कर डेटा के रूप में ऐप में फीड किया जायेगा। अपने कार्यस्थल पर पहुंचते ही मोबाइल में स्टाल यह ऐप सक्रिय हो जायेगा और उपस्थिति  दर्ज हो जायेगी। खास बात यह है कि इस ऐप के जरिये किसी भी चिकित्साकर्मी उपस्थित/अनुपस्थित होने का विवरण सम्बन्धित अधिकारी कहीं से भी देख सकते हैं। यह भी  आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि वह ड्यूटी पर समय से पहुंचा अथवा नहीं। ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों का विवरण भी ऐप में स्वतः दर्ज हो जायेगा।

16 लाख बच्चों एवं किशोरों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाने का अभियान शुरू

प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में मना राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

नहीं खा पाएं कृमि मुक्ति की दवा तो मापअप राउंड में खा लें



Varanasi (dil india live). जिले में बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) पर नगर व ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में बच्चों एवं किशोरों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाकर अभियान का शुभारंभ किया गया। यह दवा 1 वर्ष से 19 वर्ष उम्र तक के सभी लोगों को खानी है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जिले में 16 लाख से अधिक बच्चों और किशोरों को कृमि मुक्ति की दवा यानि पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाने के उद्देश्य से कृमि मुक्ति अभियान शुरू हुआ है। इस अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों और पंजीकृत स्कूलों, ईंट भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों और घुमन्तू लोगों को दवा खिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि किसी कारण आज जो बच्चे दवा नहीं खा पाए हैं उनको मॉपअप राउंड में खिलाई जाएगी। जनपद में मॉपअप राउंड 25 जुलाई से 27 जुलाई तक चलेगा। शिक्षक, आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को यह दवा अपने सामने ही खिलाने के निर्देश हैं। 

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि कुछ खाकर ही यह दवा खानी है। 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह दवा पीसकर पिलानी है जबकि 3 वर्ष से ऊपर के बच्चों को यह दवा चबाकर खानी है। उन्होंने बताया कि पेट से कीड़े निकलने की दवा एल्बेन्डाजॉल बहुत ही स्वादिष्ट बनाने की कोशिश की जाती है। इससे बच्चे आसानी से खा लेते हैं। पहले यह दवा वनीला और मैंगो फ्लेवर में उपलब्ध थी जबकि इस बार यह स्ट्राबेरी फ्लेवर में मिल रही है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निशा पाल व सरला गुप्ता ने बताया कि हम लोगों को दवा खिलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। हम सब कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दवा खिला रहे हैं। जो लोग दवा नहीं खा सके हैं, उनको मॉपअप राउंड में दवा खिलाने का प्रयास करेंगे। 

लाभार्थी शिवा ने पिता ने बताया कि मेरे बच्चे को आज उसके स्कूल में कृमि मुक्ति की दवा खिलाई गई है। दवा सेवन के दौरान और उसके बाद भी कोई दिक्कत नहीं हुई है।

क्यों खाएं दवा

डीसीपीएम ने बताया कि बच्चे अक्सर कुछ भी उठाकर मुंह में डाल लेते हैं या फिर नंगे पांव ही संक्रमित स्थानों पर चले जाते हैं। इससे उनके पेट में कीड़े विकसित हो जाते हैं। इसलिए एल्बेन्डाजॉल खाने से यह कीड़े पेट से बाहर हो जाते हैं। अगर यह कीड़े पेट में मौजूद हैं तो बच्चे के आहार का पूरा पोषण कृमि हजम कर जाते हैं। इससे बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है। बच्चा धीरे-धीरे खून की कमी (एनीमिया) समेत अनेक बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है। कृमि से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए यह दवा एक बेहतर उपाय है। जिन बच्चों के पेट में पहले से कृमि होते हैं उन्हें कई बार कुछ हल्के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। जैसे हल्का चक्कर, थोड़ी घबराहट, सिर दर्द, दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, मितली, उल्टी या भूख लगना। इससे घबराना नहीं है। दो से चार घंटे में स्वतः ही समाप्त हो जाती है। आवश्यकता पड़ने पर आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि कृमि मुक्ति दवा बच्चे को कुपोषण, खून की कमी समेत कई प्रकार की दिक्कतों से बचाती है।

छात्रों को एल्बेंडाजोल खिलाकर शुरू हुआ राज्य कृमि मुक्ति दिवस


Ghazipur (dil india live). स्वास्थ्य विभाग द्वारा 01 साल से 19 साल के युवाओं को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए पूरे प्रदेश में कृमि मुक्ति अभियान बुधवार से शुरू किया गया। बंधवा स्थित माउंट लिट्रा जी स्कूल में छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत किया। इस दौरान उन्होंने छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली क्यों खिलाई गई है इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दिया। डॉ उमेश कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के आंगनबाड़ी केंद्र जनपद में चलने वाले प्राथमिक विद्यालयों के स्कूल के साथ ही माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के छात्र-छात्राओं और स्कूल जाने वाली और स्कूल ना जाने वाली किशोरियों को जिनकी उम्र 19 साल हो चुकी है उन्हें गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा ईट भट्टों पर कार्य करने वाले श्रमिक एवं घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम बुधवार से पूरे जनपद में चलाया जा रहा है। जिसमें अधिक से अधिक छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल 400 मिलीग्राम की पूरी गोली खिलाई जानी है। इस गोली को चबाकर या चुरा बनाकर खाया जा सकता है। इसके अलावा जो बच्चे इस गोली को खाने से वंचित रह जाएंगे उन बच्चों को मापअप दिवस 25 से 27 जुलाई के मध्य स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाए जाने की व्यवस्था की जाएगी।

डीसीपीएम अनिल वर्मा ने बताया कि कृमि संक्रमण से बच्चों के स्वास्थ्य पर कई प्रकार के हानिकारक प्रभाव होते हैं। इससे बच्चा कुपोषण, खून की कमी, भूख न लगना, बेचैनी, पेट में सूजन और उल्टी दस्त से परेशान रहता है। ऐसे में अभियान के माध्यम से जिले में कृमि संक्रमण से बचाव के लिए कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेंडाजोल की टेबलेट्स स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से निशुल्क दी जाएगी। अभियान के तहत डोर टू डोर के माध्यम से भी इसे लोगों तक पहुंचाया जाएगा। स्कूल के डायरेक्टर मोहित श्रीवास्तव ने बताया कि आज कुल 35 छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर कृमि मुक्ति अभियान का शुरुआत किया गया है वही उनके विद्यालय में करीब 1000 छात्र-छात्राएं हैं और उनकी पूरी कोशिश होगी कि सभी छात्र छात्राओं को या गोली खिलाया जाए। इस कार्यक्रम में डॉक्टर के के सिंह, डॉ मनोज सिंह, डॉ सुजीत कुमार मिश्रा, डीपीएम प्रभुनाथ, एहतेशाम खान, स्कूल के प्रिंसिपल राजेश कुकरान, अर्बन कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार के साथ ही स्कूल के टीचर और छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

मंगलवार, 19 जुलाई 2022

इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने वित्तीय समावेशन को दी नई ऊंचाई - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग व इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की रीजनल मीट 

घर-घर तक डिजिटल बैंकिंग को पहुँचाने में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की अहम भूमिका: पीएमजी



Varanasi (dil india live). डाक विभाग के उपक्रम रूप में स्थापित इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने अल्प समय में ही अपनी नई पहचान बनाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और डिजिटल इण्डिया के क्षेत्र में आज इसकी अहम् भूमिका है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को इसके माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाया जा रहा है। डाक विभाग उन तमाम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनके पास बीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच नहीं है। यह बातें वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग और इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की रीजनल मीट का वाराणसी में शुभारंभ करते हुए कही। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले मंडलाधीक्षकों, आईपीपीबी मैनेजर्स और डाककर्मियों को भी पोस्टमास्टर जनरल ने सम्मानित किया। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आईपीपीबी के माध्यम से डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक आज एक चलते फिरते बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। घर बैठे बच्चों का आधार बनाने, मोबाइल अपडेट करने, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, डीबीटी, बिल पेमेंट, एईपीएस द्वारा बैंक खाते से भुगतान, वाहनों का बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी तमाम सेवाएं डाकिया के माध्यम से घर बैठे मुहैया कराई जा रही हैं। आईपीपीबी में खाता होने पर डाकघर की सुकन्या, आरडी, पीपीएफ, डाक जीवन बीमा में भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है।     

 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस अवसर पर इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की साझेदारी में बजाज आलियांज लाइफ स्मार्ट प्रोटेक्ट गोल और बजाज आलियांज लाइफ गारंटीड पेंशन गोल की बिक्री का भी शुभारंभ किया। बजाज आलियांज लाइफ स्मार्ट प्रोटेक्ट गोल एक व्यापक और मूल्य वर्धित टर्म बीमा उत्पाद है, जिसे घर के प्रमुख कमाने वाले व्यक्ति की असामयिक मृत्यु की स्थिति में एक परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बजाज आलियांज लाइफ गारंटीड पेंशन गोल एक वार्षिकी बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य व्यक्ति की सेवानिवृत्ति के बाद के खर्चों को पूरा करना है क्योंकि यह उसके जीवित रहने तक गारंटीड और निश्चित रूप से नियमित आय प्रदान करता है। आईपीपीबी कॉरपोरेट ऑफिस के एजीएम विकास दहल ने कहा कि डाक विभाग के विस्तृत एवं मजबूत नेटवर्क के माध्यम से हम अपने ग्राहकों को व्यापक वित्तीय समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के जोनल मैनेजर संदीप महाजन ने बताया कि यह साझेदारी हमारे लिए एक नया मील का पत्थर है क्योंकि हम आईपीपीबी और डाक विभाग के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से ग्राहकों को मूल्य-पैक उत्पादों की पेशकश करने वाले पहले जीवन बीमाकर्ता हैं। कार्यक्रम में विभिन्न मंडलों के अधीक्षक सर्वश्री राजन राव, पीसी तिवारी, राम मिलन, संजय त्रिपाठी, कृष्ण चंद, सहायक निदेशक दिनेश साह, बृजेश शर्मा, आईपीपीबी के चीफ मैनेजर मुकेश मिश्रा, वरिष्ठ प्रबंधक सुबलेश सिंह सहित विभिन्न ब्रांचेज के मैनेजर्स और डाककर्मी उपस्थित रहे।

आया सावन सखी मन भावन... में हुई खूब मस्ती

कजरी की प्रस्तुति संग हुआ जमकर धमाल


Varanasi (dil india live). अखिल भारतीय वैश्य महिला महासम्मेलन की ओर से आया सावन सखी मन भावन कार्यक्रम गीत संगीत खुशी के माहौल में मनाया गया। इस दौरान गीत संगीत का रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। 

अध्यक्ष अंजली अग्रवाल ने सावन मास में आशीष देते पर्वो की लड़ी की शुभकामना दी, ममता जयसवाल ने वंदना प्रस्तुत कर सभी को भक्ति में लीन कर दिया। शीला अग्रवाल ने संचालन तथा धन्यवाद सुशीला जायसवाल ने दिया। इरा, नीलू, निशा, उषा ने नृत्य प्रस्तुत कर समा बांध दिया। कजरी रेखा मिथिलेश, सुषमा इत्यादि ने प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। इस दौरान सभी महिलाएं लाल परिधान में सजधाज कर शामिल हुई।

स्कूल-कॉलेजों में मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

16 लाख बच्चों को खिलाई जायेगी कीड़ा निकालने की दवा

एक से 19 वर्ष तक के बच्चों का कृमि संक्रमण से किया जाएगा बचाव     

दवा को उम्र के मुताबिक चबाकर, पीसकर व चूरा बनाकर है खाना


Varanasi (dil india live). बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने के लिए बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस अभियान के तहत एक से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी । कृमि मुक्ति के लिए दवा सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है । स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। एनीमिया को नियंत्रित किया जा सकता है ।

सीएमओ ने बताया कि दिवस के लिए सम्पूर्ण तैयारियाँ कर ली गयी हैं। अभियान के तहत एक से 19 साल के बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। किसी कारणवश दवा खाने से छूट जाने से बच्चों व किशोर-किशोरियों को 25 से 27 जुलाई तक चलने वाले मॉप अप चरण में दवा खिलाई जाएगी। आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस बात का ध्यान रखें कि इस दवा को चबाकर, पीसकर या चूरा बनाकर खिलाई जानी है। उन्होने बताया कि एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी। छह से 19 साल तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि जनपद में 20 जुलाई को चिन्हित स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 25 से 27 जुलाई तक मॉपअप चरण आयोजित होंगे। शासन से प्राप्त निर्देशानुसार जिले में 16,37,011 बालक-बालिकाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 

क्या होते हैं कृमि

पेट में कीड़े (कृमि) होने से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है। बच्चों में नाखून से बाहर की गंदगी उनके पेट में जाती है। इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है। 

लक्षण  

बेचैनी, सिरदर्द, कुपोषण, चक्कर आना, वजन मे कमी, भूख न लगना, खून की कमी (एनीमिया) व पेट मे दर्द, उल्टी-दस्त आदि कृमि संक्रमण के लक्षण हैं ।

उपाय 

नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढक कर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियाँ धोएँ, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, हाथ साबुन और साफ पानी से धोएँ विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, जूते पहनकर रहें। 

लाभ 

दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है। स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और एनीमिया नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...