शनिवार, 8 मार्च 2025

विशेष एनएसएस शिविर के छठवें दिन मनाया "international women's day celebration"




Varanasi (dil India live). विशेष एनएसएस शिविर के छठवें दिन "international women's day celebration" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करके, महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देकर और महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण और समानता के महत्व पर जोर देना था। कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. शशि प्रभा कश्यप के मार्गदर्शन में, व्यावहारिक सत्रों, सूचनात्मक वार्ता और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करने के लिए कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी। इस दौरान एनएसएस थीम गीत गाया गया। कार्यक्रम अधिकारी ने मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और आधिकारिक तौर पर सत्र शुरू किया। कार्यक्रम का समन्वय एनएसएस स्वयंसेवकों, तनु तिवारी और भाविका मोहिनानी द्वारा किया गया।

सत्र एक का विषय था आत्मरक्षा, सुरक्षा और संरक्षा, प्रशिक्षकों द्वारा, ओ.पी. चौरसिया, मार्शल आर्टिस्ट, वसंत कन्या महाविद्यालय में आत्मरक्षा कोच, और योग प्रशिक्षक और मिस मनीषा मौर्य, बीएचयू से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर, एनसीसी ‘सी’ सर्टिफिकेट धारक, और कराटे ब्लैक बेल्ट।

पहला सत्र एक व्यावहारिक आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला थी जिसे महिलाओं को व्यावहारिक सुरक्षा कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। ओ.पी. चौरसिया और मनीषा मौर्य ने दिखाया कि जब बाल, गर्दन, हाथ या कमर से पकड़ा जाता है तो कैसे बचना है। उन्होंने और उन्होंने कई हमलावरों के खिलाफ रक्षा रणनीतियों के बारे में बताया।

सत्र के दौरान, ओ.पी. चौरसिया सर ने आत्मरक्षा में अनुशासन और शारीरिक शक्ति के महत्व पर जोर दिया। प्रशिक्षकों ने मानसिक और शारीरिक शक्ति का निर्माण करने, खतरनाक स्थितियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए नियमित अभ्यास और अनुशासित जीवनशैली को प्रोत्साहित किया। सत्र ने एक मजबूत प्रभाव छोड़ा, प्रतिभागियों को व्यावहारिक रक्षा तकनीकों से लैस किया और उन्हें अधिक सतर्क और आत्मविश्वासी बनने के लिए प्रेरित किया।

दूसरा सत्र 'महिला अधिकार जागरूकता' विषय पर आधारित था। अतिथि वक्ता एडवोकेट सारिका दुबे थीं, वे एक गैर सरकारी संगठन "ख़ुशी की उड़ान" की संस्थापक हैं, और महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समर्पित एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। यह सत्र महिलाओं के कानूनी अधिकारों और सुरक्षा के लिए समर्पित था। सारिका दुबे ने दर्शकों को जोश से संबोधित किया, घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, कानूनी संसाधन, हेल्पलाइन नंबर (जैसे 1090) और सहायता प्रणालियों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उत्पीड़न या घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं को तुरंत 1090 पर संपर्क करना चाहिए या सहायता के लिए जिला समिति से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने उत्पीड़न और ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करने वाले बच्चों की मदद करने के महत्व के बारे में खुली बातचीत को प्रोत्साहित किया। इसके अलावा, उन्होंने समाज में विडंबना को छुआ, जहाँ हम देवी की पूजा करते हैं, फिर भी महिलाएँ उत्पीड़न का सामना करती हैं, इस बात पर ज़ोर देते हुए कि हमारे आस-पास की महिलाओं का समर्थन और उत्थान करके दैनिक जीवन में सच्चा सशक्तिकरण शुरू होता है। उनके प्रेरक शब्दों ने सभी को लैंगिक समानता और सुरक्षा के बारे में मुखर और सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया।

तीसरा सत्र "कठपुतली शो" पर था, जिसे जयंती कुंडू, प्राथमिक विद्यालय शिक्षिका, छित्तूपुर खास, बीएचयू, वाराणसी द्वारा प्रस्तुत किया गया। जयंती कुंडू, छात्रों, स्वयंसेवकों और शिक्षकों के लिए एक मजेदार और आकर्षक माहौल बना रही थीं। कहानी इस पर केंद्रित थी: दो बहनें और उनका गहरा बंधन। कैसे उन्होंने मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ दिया। कठपुतली शो की थीम परिवारों के भीतर प्यार, देखभाल और एकता के महत्व पर आधारित थी।

प्रदर्शन में लैंगिक समानता, आपसी सम्मान और पारिवारिक सहयोग पर सूक्ष्मता से जोर दिया गया। छात्र मंत्रमुग्ध और मनोरंजन से भरपूर रहे, जबकि शक्ति, प्रेम और एकजुटता का मूल संदेश गहराई से गूंज उठा। शो के बाद, जयंती कुंडू ने छात्रों को हमेशा अपने भाई-बहनों और दोस्तों का समर्थन करने, अन्याय के खिलाफ खड़े होने, सभी के लिए दया और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। कठपुतली शो एक यादगार आकर्षण था, जिसमें मनोरंजन के साथ सामाजिक जागरूकता का संयोजन किया गया, जिससे सभी मुस्कुराते और प्रेरित हुए।

सत्र 4 में NSS इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशि प्रभा कश्यप द्वारा कविता पाठ किया गया। एक भावपूर्ण क्षण में, डॉ. कश्यप ने महिलाओं को समर्पित एक सुंदर कविता सुनाई, जिसमें उनकी शक्ति, लचीलापन और समाज में योगदान का सार समाहित था। उनकी कविता ने महिलाओं के मौन संघर्ष और साहस को उजागर किया, जिससे सभी को उनके मूल्य को पहचानने और उनकी सराहना करने की प्रेरणा मिली। शक्तिशाली शब्द दर्शकों के साथ गहराई से जुड़े, एक स्थायी प्रभाव छोड़ते हुए और महिला सशक्तिकरण के महत्व को सुदृढ़ करते हुए।

सत्र 5 'सांस्कृतिक कार्यक्रम और अतिथि संबोधन' पर आधारित था। अतिथि वक्ता श्रीमती हरप्रीत सिंह, मालवीय शिशु विहार, बीएचयू में शिक्षिका और एक प्रसिद्ध कवि और लेखिका थीं। हरप्रीत सिंह ने एक भावपूर्ण कविता सुनाई, जिसमें महिलाओं के संघर्ष की अनकही कहानियों, स्वतंत्रता और समानता के महत्व और सामाजिक परिवर्तन के लिए कार्रवाई का आह्वान किया गया। उन्होंने दर्शकों को संबोधित करते हुए महिलाओं को उनके मूल्य को समझने, अपने अधिकारों के लिए लड़ने और अन्याय को कभी बर्दाश्त न करने के लिए प्रोत्साहित किया।

अंतिम सत्र में एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा आयोजित एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाया गया। कार्यक्रम में शामिल थे: महिलाओं की शक्ति और लचीलेपन का प्रतीक नृत्य प्रदर्शन, महिलाओं के साहस और उपलब्धियों को उजागर करने वाली कविताएँ।

एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले सामाजिक मुद्दों और उनकी सामूहिक शक्ति को संबोधित करते हुए एक नाटक प्रस्तुत किया गया। उसके बाद महिलाओं के योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित गायन प्रदर्शन।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह एक शानदार सफलता थी, जिसने प्रतिभागियों, स्वयंसेवकों और उपस्थित लोगों पर एक शक्तिशाली प्रभाव डाला। आत्मरक्षा प्रशिक्षण, कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रचनात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से इस दिन महिलाओं को खुद की रक्षा करने, अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक होने और समानता और सशक्तिकरण की वकालत करने के लिए सशक्त और प्रेरित किया गया।

सम्मानित अतिथियों, पेशेवर प्रशिक्षकों और उत्साही स्वयंसेवकों की उपस्थिति ने इस दिन को अविस्मरणीय और परिवर्तनकारी बना दिया। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशि प्रभा कश्यप द्वारा हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी को अपने समुदायों में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा की वकालत करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अंत में, राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, जिसने माहौल को देशभक्ति, एकता और गर्व की गहरी भावना से भर दिया।

Ramzan mubarak (7) कसरत से दुरुद पढ़ने वाले आसानी से होंगे जन्नत में दाखिल

मुक़द्दस रमज़ान: नफ्स पर नियंत्रण का महीना 

Varanasi (dil India live). हिजरी कैलेंडर के 12 महीनों में रमज़ान 9 वां महीना है। दुनिया का ये अकेला महीना है जिसके आने से फिज़ा में रहते और नूर बरसता है। इस महीने का अदब मुस्लिम के साथ ही दुनिया के सभी मजहब के लोग करते हैं। इसकी वजह शायद यह है कि इस महीने को अल्लाह रब्बुल इज्जत ने अपना महीना कहा है। 

रमज़ान की अज़मतों का क्या कहना, अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने तमाम रहमतों और बरकतों को इस मुकद्दस महीने में नाज़िल फरमाया। माहे रमज़ान नफ्स पर नियंत्रण का महीना है। ऐसे तो हर दिन-हर रात दुरुद शरीफ पढ़ने का बेहद सवाब है मगर नबी-ए-करीम (स.) ने फरमाया है कि जो इंसान कसरत से इस पाक महीने में दुरुद शरीफ पढ़ेगा उसे बरोज़ कयामत पुलसिरात पर से आसानी से जन्नत में दाखिल कर दिया जायेगा। इसलिए इस महीने में दुरुद कसरत से पढ़ने वालों की तादाद बढ़ जाती है। इस महीने की 21, 23, 25, 27 व 29 तारीख शबे कद्र कहलाती है जो हज़ार महीनों की इबादत से भी बेहतर है। इन रातों में तमाम मुस्लिम खूब इबादत करते हैं। मोमिन 20 तरीख से ईद का चांद होने तक एतेकाफ पर बैठता है। पैगम्बरे इस्लाम नबी-ए-करीम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.) फरमाते हैं कि जिसने रमज़ान का रोज़ा रखा और उसकी हुदूद को पहचाना और जिन गुनाहों से बचना चाहिये, उससे वो बचता रहा तो उसकी वो गुनाह जो उसने पहले की है उसका कफ़्फ़ारा हो जायेगा रमज़ान का रोज़ा। अल्लाह हदीस में फरमाता है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। अल्लाह का मज़ीद इरशाद है, बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। जब रोज़ा का दिन हो तो बेहूदा बातों से दूर रहें और बुराईयों से बचे। रोज़ा चूंकि अल्लाह के लिए हैतो रोज़ा रखकर बंदा अल्लाह को ही पा लेता है। तो फिर जानबुझ कर कोई बंदा क्यों अपना नुकसान करेगा। इस महीने में इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवरदिगार तू नबी-ए-करीम के सदके में हम सबको बक्श दे और रोज़ेदारों को ईद की खुशियों के साथ नेक इंसान बनने की तौफीक दे..आमीन।

हफिज नसीम अहमद बशीरी

इमामे जुमा शाही मस्जिद ढाई कंगूरा

प्राथमिक विद्यालय में मनाया गया वार्षिकोत्सव



Varanasi (dil India live). आज 8 मार्च 2025 को प्राथमिक विद्यालय बराई विकास क्षेत्र चिरईगांव जनपद वाराणसी में वार्षिकोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनिल कुमार यादव (प्रभारी प्रधानाध्यापक एवं जिला मंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ पंजीकृत 1160 जनपद वाराणसी) द्वारा किया गया।
 कार्यक्रम का संयोजन पुष्पा पांडेय (सहायक अध्यापिका), रंजू पांडेय ने किया। मुख्य अतिथि ग्राम सभा के बीडीसी कृपा शंकर चौहान एवं विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष नितेश कुमार पांडेय उपस्थित थे। ग्राम सभा के सभी अभिभावक एवं बच्चों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अंत में बच्चों को पूड़ी सब्जी एवं मिष्ठान का वितरण किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी अभिभावकों का अभिनंदन रंजू पांडेय ने किया।

PM Sri Primary school ठटरा (प्रथम) को मिला हाइजीन कॉर्नर

डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया' अभियान के तहत मिला कार्नर 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). 'डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया' अभियान के अंतर्गत रेकेट संस्था की ओर से पीएम श्री प्राथमिक विद्यालय ठटरा प्रथम सेवापुरी, वाराणसी को हाइजीन कॉर्नर मिला। जनपद सुपरवाइजर वसीम अकरम की देखरेख में यह कॉर्नर स्कूल के ऑफिस में स्थापित किया गया,जिसमें 25 डेटॉल साबुन, 6 सैनिटाइजर, 6 लिक्विड हैंड वॉश एवं रिफिल पैक के साथ एक वजन मशीन प्रदान की गई। इसके साथ ही इस हाइजीन कॉर्नर में स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए पोस्टर आदि भी मौजूद हैं। इस अवसर पर वसीम अकरम ने बच्चों से संवाद भी स्थापित किया और दैनिक जीवन में हाइजीन और हाथ धुलाई की आदत को व्यवहार में लाने के बहुत सारे सुझाव भी दिए ।सहायक अध्यापक अब्दुर्रहमान ने बताया कि 3 साल पहले प्रदेश कोऑर्डिनेटर संजय सिंह ने विद्यालय में हाइजीन कॉर्नर लगवाने का वादा किया था जो अब पूरा हुआ। हाइजीन कॉर्नर के लिए स्कूल की इं.हेड टीचर नीलम केशरी सहित उपस्थित समस्त अध्यापक अब्दुर्रहमान, कल्पना सिंह,सौम्यता दुबे, संगीता सिंह,अंजली गुप्ता, राजेश कुमार , अशोक कुमार,मनोज कुमार,एवं गोपी वर्ना ने वसीम अकरम जी का धन्यवाद किया। सबसे ज्यादा स्कूल के बच्चे इस हाइजीन कॉर्नर को पाकर खुश नजर आए।

VKM Varanasi news:छात्राओं को व्यवसायिक कौशल प्रदान करती है वोकेशनल शिक्षा -रचना श्रीवास्तव

छात्राओं के सृजनात्मक कौशल विकास के लिए अनुभवात्मक प्रशिक्षण


Varanasi (dil India live)। वसन्त कन्या महाविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग द्वारा शहर के विभिन्न महाविद्यालयों की छात्राओं के सृजनात्मक कौशल विकास के लिए द्विदिवसीय अनुभवात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत स्टेन्सिल छपाई और टाई एण्ड डाई का प्रशिक्षण दिया गया। 7 महाविद्यालयों (धीरेन्द्र महिला महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, बी.एल.डब्लू, धनष्यामदास पी.जी कालेज, आर्य महिला पी.जी. कालेज, वसंता कॉलेज फॉर वुमेन तथा शीएट) की 163 छात्राओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि अतुल शर्मा, आफिस इंचार्ज निट्रा ने छात्राओं की सराहना करते हुए महाविद्यालय को स्किल ओरिएन्टेड वर्कशाप के लिए बधाई दी। प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने आज के समय में वोकेशनल शिक्षा पद्यति के महत्व को इंगित करते हुए बताया कि यह छात्राओं को व्यवसायिक कौशल प्रदान करती है और उन्हें अपने चुने हुए क्षेत्र में सफल होने के लिए तैयार करती है। विभागाध्यक्ष प्रो. संगीता देवडिया ने कहा कि व्यवसायिक प्रशिक्षण आज के दौर की माँग है और यदि छात्राओं को इसमें दक्ष बना दिया जाय तो घर बैठे ही कला का उपयोग करके विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से आसानी से आर्थिक उपार्जन किया जा सकता है। डॉ. सुनिता दीक्षित ने बताया की कला के गुर सीखने के बाद छात्राएं यदि आधुनिकता का समागम कर लें तो कौशल को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है।

कौशल प्रशिक्षण छात्राओं को वह अवसर प्रदान करती है। जिससे वे अपने परिवार के साथ रहते हुए आर्थिक उपार्जन के अवसर चुन सकती है। गृह विज्ञान विभाग की कई पुरा छात्राएं आज अपने व्यवसाय स्थापित करके नये मुकाम हासिल कर चुकी हैं। इस बार विभाग ने शहर के अन्य महाविद्यालयों को भी कौशल प्रशिक्षण के इस मुहिम से जोड़ने का प्रयास किया है ताकि समाज में छात्राएं एक कुशल व्यवसायी बन सकें।

कार्यशाला में शेख सईदा सालेहा, अधीरा अमूल्या, श्वेता राठौर और काजल वर्मा ने प्रशिक्षुओं को स्टेंसिल छपाई और टाई एण्ड डाई की विभिन्न तकनीकों का प्रषिक्षण दिया तथा आधुनिकता के साथ कैसे इन कलाओं का सम्मिश्रण किया जा सकता है यह भी बताया। ये चारो प्रशिक्षक इसी महाविद्यालय की पुरा छात्राएं तथा अपने-अपने क्षेत्र में स्थापित व्यवसायी हैं। महाविद्यालय का यह प्रयास रहता है कि अपने पुरा छात्राओं के साथ सम्बन्ध सदैव सजीव रहे जिससे हम परस्पर उन्नति करते रहे। इस कार्यशाला में प्रो. गरिमा उपाध्याय, डॉ. अंशु शुक्ला, योगिता विश्वकर्मा, पद्मा के साथ वर्तमान छात्राओं का सहयोग रहा।

शुक्रवार, 7 मार्च 2025

VKM Varanasi में "फेमिनिस्ट रिसर्च मेथोडोलॉजी वर्कशॉप" के 5 वें दिन भी नारीवादी शोध दृष्टिकोणों पर हुई चर्चा

नारीवादी अध्ययन में गुणात्मक दृष्टिकोण पर डाला प्रकाश

Varanasi (dil India live). वासंत कन्या महाविद्यालय द्वारा आयोजित "फेमिनिस्ट रिसर्च मेथोडोलॉजी वर्कशॉप" के पाँचवें दिन भी नारीवादी शोध दृष्टिकोणों पर गहन चर्चा जारी रही, जिसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रतिष्ठित विद्वानों ने भाग लिया।

प्रथम सत्र का संचालन डॉ. राजीव दुबे, सह-प्राध्यापक, समाजशास्त्र विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, बीएचयू द्वारा किया गया। उन्होंने "नारीवादी शोध में गुणात्मक विधियाँ" विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. दुबे ने नारीवादी अध्ययन में गुणात्मक दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार आख्यान (नैरेटिव), केस स्टडीज़ और नृवंशविज्ञान (ethnography) विधियाँ महिलाओं के जीवन अनुभवों को समझने में सहायक होती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये विधियाँ पारंपरिक पुरुष-प्रधान शोध ढाँचों को चुनौती देती हैं और लैंगिक यथार्थ को गहराई से समझने में मदद करती हैं।

द्वितीय सत्र में प्रो. मधु कुशवाहा, शिक्षा संकाय, बीएचयू ने "नारीवादी शोध में अंतःविषयता (intersectionality) की समझ" विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक पहचान जैसे लिंग, जाति, वर्ग और जातीयता किस प्रकार परस्पर जुड़ी होती हैं और वे उत्पीड़न एवं विशेषाधिकार के अनुभवों को किस तरह प्रभावित करती हैं। प्रो. कुशवाहा ने नारीवादी शोध में समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि सामाजिक असमानताओं की अधिक व्यापक समझ विकसित की जा सके।

दोनों सत्र अत्यंत विचारोत्तेजक और ज्ञानवर्धक रहे, जिसमें प्रतिभागियों को नारीवादी शोध पद्धतियों के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया गया। संवादात्मक चर्चाओं ने शोधार्थियों को गुणात्मक एवं अंतःविषय (इंटरसेक्शनल) दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला का संचालन वैदेही सिंह (बी.ए., राजनीति विज्ञान विभाग) द्वारा किया गया, तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शशिकेश कुमार गोंड ने प्रस्तुत किया। कार्यशाला में , डॉ. अनुराधा बापुली, डॉ. प्रियंका एवं डॉ. सिमरन सेठ सह-समन्वयक के रूप में उपस्थित रहीं।

लोक कलाओं पर वृहद अध्ययन की जरूरत - प्रो.बद्री नारायण

दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन





Varanasi (dil India live)। डीएवी पीजी कॉलेज में आईसीएसएसआर के सहयोग से अंग्रेजी विभाग एवं आईइडीएस के संयुक्त तत्वावधान में वाराणसी के कल्चरल कॉरिडोर पर कला, क्राफ्ट, लोक कला पर केंद्रित अध्ययन के दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ। मुख्य अतिथि जीबी पंत संस्थान, प्रयागराज से आये प्रो. बद्री नारायण ने लोक कलाओं पर अध्ययन के क्षेत्र में विस्तार की बात कही। उन्होंने कहा कि लोक कला और संस्कृति में अभी भी बहुत से पक्ष अछूते है जिन पर वृहद शोध की आवश्यकता है। कार्यशाला में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की एमेरिटस प्रोफेसर डॉ. नीता कुमार ने संस्कृति के विविध पक्षो पर विचार रखते हुए भारतीय परंपरा में पारिवारिक मूल्यों के महत्व को साझा किया। अध्यक्षता प्रो. अर्चना कुमार ने किया। प्रो.पंचानन दलाई, डॉ.वारदा सम्बुल आदि ने भी विचार रखे। संयोजिका डॉ. महिमा सिंह ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया। स्वागत प्रो. इंद्रजीत मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रियंका सिंह ने दिया। संचालन संस्कृति पाण्डेय एवं श्रीयुक्ता बासनेट ने किया। शुभम ने सहयोग किया।

विश्व दर्शन दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

वाराणसी। विश्व दर्शन दिवस के अवसर पर शुक्रवार को डीएवी पीजी कॉलेज में दर्शनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. गोपाल साहू ने कहा कि दर्शनशास्त्र जीवंत मानवता का मूल मंत्र है, यह स्वयं से साक्षात्कार कराने वाली विद्या है। अध्यक्षता करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. दुर्गेश चौधरी ने कहा कि दर्शन जीवन से संदेह दूर कर सत्य से अवगत कराता है। डॉ. राहुल मौर्य ने कहा कि मानवीय मूल्यों और आदर्शों को ढूंढने में दर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका है। 

कार्यकारी प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण प्रो. सतीश सिंह, विषय प्रवर्तन डॉ. संजय सिंह, संचालन डॉ. संजीव वीर सिंह प्रियदर्शी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रमेन्द्र सिंह ने दिया। इस मौके पर डॉ. अनामिका यादव, डॉ. शिवनारायण, डॉ. नजमुल हसन आदि शामिल थे।

झांसी की रानी कविता स्त्री के शौर्य और बल को करती है रेखांकित

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान ने मनाया महिला दिवस  Lucknow (dil India live). उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी आज 9 मार...