शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

Haj 2022: अराफात की पहाड़ी पर इबादत में मशगूल हैं जायरीन

कोविड के चलते दो साल बाद हज यात्रा पर हैं भारतीय



Varanasi (dil india live). कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 साल तक प्रभावित रहने के बाद इस साल पूरे जोश-ओ-खरोश से हज (Haj) के अरकान अदा किए जा रहे हैं। सऊदी अरब में अराफात के पहाड़ी मैदान में जायरीन हज के अरकान अदा करने के लिए जुटे हुए हैं।

दरअसल इस साल दुनिया भर के 10 लाख मुसलमान हज करने काबा में हैं। हालांकि कोविड से पहले हर साल 25 लाख से ज्यादा जायरीन हज यात्रा करते थे। वो सभी मुसलमानों को जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा करने का हुक्म है जो आर्थिक रूप से मजबूत है। 

नहीं की सुन्नत होती है अदा

हज के दौरान, हज़रत इब्राहीम, हज़रत इस्माईल व पैंगबर हज़रत मोहम्मद (स.) आदि की सुन्नत अदा की जाती है। हज यात्रा के पांच दिन के अययाम के दौरान हज यात्री विभिन्न रस्म अदा करते हैं। इनमें इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा के आसपास इबादत करना शामिल है। जुमेरात को मस्जिद हरम के आंगन में हजारों हज यात्रियों ने काबा के आसपास तवाफ (परिक्रमा) किया। हालांकि इस दौरान पिछले दो साल की तुलना में अलग नजारा देखने को मिला है। आज जुमे को अराफात के पहाड़ी मैदान में जायरीन हज के अययाम अदा कर रहे हैं।

10 लाख हज यात्रियों को मिली इजाजत कोविड-19 के चलते जहां साल 2020 और 2021 में हजयात्री पाबंदियों का कड़ाई से पालन करते दिखे थे, इस बार उतनी सख्ती दिखाई नहीं दे रही है। कई हज यात्री बिना मास्क के यात्रा करते दिख रहे हैं।साथ ही सामाजिक दूरी का पालन भी इस बार बहुत कम दिखाई दे रहा है। इस साल सऊदी सरकार ने केवल 10 लाख विदेशी और घरेलू यात्रियों को हज की अनुमति दी है, जिनका टीकाकरण पूरा हो चुका है या कोरोना से संक्रमित नहीं हैं।

हज यात्री की उम्र केवल 18 से 65 वर्ष कोरोना को देखते हुए सऊदी सरकार ने इस साल कुछ नियम भी बनाए हैं इनमें एक नियम यह है कि केवल 18 से 65 वर्ष की आयु के यात्रियों को हज की अनुमति है। अधिकारियों के अनुसार 85 प्रतिशत हज यात्री विदेशी हैं। 2020 में जब कोविड-19 अपने चरम पर था तब केवल 1,000 सऊदी निवासियों को हज की अनुमति मिली थी।

काबा गए इतने भारतीय हज जायरीन

इस बार उत्तर प्रदेश से कुल 8,701 आजमीन हैं, पश्चिम बंगाल (5,911), जम्मू और कश्मीर (5,281), केरल (5,274), महाराष्ट्र (4,874), असम (3,544), कर्नाटक (2,764), गुजरात (2,533) हैं। बिहार (2,210), राजस्थान (2,072), तेलंगाना (1,822), मध्य प्रदेश (1,780), झारखंड (1,559), तमिलनाडु (1,498), और आंध्र प्रदेश से 1,201 आजमीन।इसके अलावा, दिल्ली (835), हरियाणा (617), उत्तराखंड (485), ओडिशा (466), छत्तीसगढ़ (431), मणिपुर (335), पंजाब (218), लद्दाख (216), लक्षद्वीप द्वीप समूह से 159 हज यात्री होंगे, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (114), त्रिपुरा (108), गोवा (67), पुडुचेरी (52), हिमाचल प्रदेश (38), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (34), और चंडीगढ़ 25 यात्रियों को चयनित किया गया है।

गुरुवार, 7 जुलाई 2022

वाराणसी में मौलाना आज़ाद विवि के सब रिजनल सेंटर का हुआ शुभारंभ

यूजी, पीजी संग डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स भी होंगे संचालित


Varanasi (dil india live)। केन्द्रीय विश्वविद्यालय की डिग्री हासिल करने की चाह रखने वाले युवाओं को अब बनारस में बीएचयू के अलावा एक और प्लेटफार्म मिल सकेगा। यहीं नहीं उन्हें अब बनारस में रहकर ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय की डिग्री मिल सकेगी। मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद ने बनारस में अपना सब रिजनल सेंटर खोला है। बुधवार रात्रि को पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के पीछे विश्वविद्यालय के सब रिजनल रिजनल सेंटर का शुभारंभ हुआ।मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. सैयद एैनुल हसन और आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह व काशी विद्यापीठ के वीसी प्रो. आनंद त्यागी ने सेंटर का उद्धघाटन किया।

        इस अवसर पर वीसी प्रो. सैयद एैनुल हसन ने कहा कि बनारस जैसे सांस्कृतिक और शैक्षणिक राजधानी के केन्द्र में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का सेंटर खुलने से निश्चित तौर पर युवा वर्ग लाभान्वित होगा। इसके अलावा उर्दू भाषा की उच्चतम शिक्षा भी उन्हें प्राप्त हो सकेगी।

सेंटर की विशेषताओं से परिचित कराते हुए विवि के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रो. मोहम्मद फरियाद ने बताया कि हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय अपना 25वां सिल्वर जुबली वर्ष मना रहा है। वीसी प्रो. सैयद एैनुल हसन ने इस मौके पर विश्वविद्यालय का एक सेंटर बनारस में खोलने का निर्णय लिया। इस सब रिजनल सेंटर से एमए उर्दू, एमए इंग्लिश, एमए इस्लामिक स्टडीज, बीए, बीकॉम की डिग्रियों के साथ ही जर्नलिज्म एण्ड मॉस कम्युनिकेशन, टीच इंग्लिश जैसे डिप्लोमा कोर्स कर सकेंगे। इसके अलावा सेंटर से उर्दू भाषा में दक्षता और फंशनल इंग्लिश जैसे दो सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित होंगे।

         इस मौके पर आईआईअी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी, सीआरपीएफ 95वीं बटालियन के कमाडेंट अनिल वृक्ष, नेशनल इंटर कालेज के प्रबंधक हाजी मकबूल हसन, अध्यक्ष हाजी एखलाक अहमद, प्रोफेसर आफताब अहमद अफ़ाकी, डायट प्रवक्ता डॉक्टर नगमा परवीन, मौलाना नसीर सेराजी, वरिष्ठ पत्रकार ए के लारी, उर्दू बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक,महामंत्री जफर अंसारी, कोषाध्यक्ष महबूब आलम, अतहर बनारसी,बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के अध्यक्ष सरदार हाफिज मुईनुद्दीन, मदरसा मतलउल उलूम के प्रबंधक हाजी मंजूर अहमद,रहमत अली, वशिष्ठ नारायण सिंह,  सेंट अल हनीफ के प्रबंधक हाजी वसीम, प्रो संजय, वरिष्ठ अधिवक्ता एहतेशाम आब्दी, फरमान हैदर, प्रो अज़ीज़ हैदर, सेंटर के असिस्टेंट रिजनल डायरेक्टर डॉ.मौलाना मोहम्मद शमसुद्दीन, डॉ. जिनेश, मौलाना कारी शकील अंसारी, डॉक्टर मौलाना तारिक, बेबी फातमा, शकील अंसारी, नौशाद अमान, अब्दुर्रहमान, डॉ अर्चना सिंह, डॉ ज्योतिमा, डॉ शगुफ्ता, प्रशांत गुप्ता, मनोज कुमार, मोहम्मद इरशाद सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

बुधवार, 6 जुलाई 2022

पहले ‘मिस्टर स्मार्ट’ बने चिरईगांव के दिलीप कुमार

कहा: स्मार्ट जोड़ा वही, जो प्लान करे सही

चिरईगांव पीएचसी के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर हुआ पहला ‘मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन’

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मण्डल के वाराणसी जिले से चिरईगांव को चुना गया

परिवार को सीमित व खुशहाल रखने में पुरुषों की सहभागिता व ज़िम्मेदारी बेहद जरूरी: सीएमओ


Varanasi (dil india live). परिवार नियोजन में जितनी ज़िम्मेदारी महिलाओं की है उससे कहीं ज्यादा ज़िम्मेदारी व सहभागिता पुरुषों की भी है। जब परिवार के सभी कार्यों में पुरुष आगे हैं तो फिर परिवार को सीमित रखने व खुशहाल बनाने में पुरुष इतने पीछे क्यों हैं। इसी उद्देश्य को पूरा करने एवं परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता व जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने नई पहल शुरू की है। मंडल के वाराणसी जिले के चिरईगांव ब्लॉक को परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत 'मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन' के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में चिरईगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर पहला ‘मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन’ का आयोजन किया गया, जिसमें सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले दिलीप कुमार को ‘मिस्टर स्मार्ट’ चुना गया। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी मंडलों के प्रमुख एक-एक जनपद के एक-एक ब्लॉक को पायलट के रूप में लिया गया है। चिन्हित ब्लॉक से कुछ स्वास्थ्य उपकेंद्रों को चुना गया है जहां मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन का आयोजन कर ‘मिस्टर स्मार्ट’ को चुना जाना है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अमित सिंह ने बताया कि वाराणसी जनपद से चिरईगांव ब्लॉक को चुना गया है। यहां परिवार नियोजन की स्थाई एवं अस्थाई साधनों की सुविधा एवं उपलब्धता बेहतर स्थिति में है। सरकार की ओर से परिवार नियोजन के लिये विभिन्न साधन निःशुल्क मुहैया कराये जा रहे हैं। उन्होने बताया कि सम्मेलन में करीब 21 जोड़ों के साथ परिवार नियोजन से जुड़ी जनजागरूकता गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें सभी गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिलीप कुमार को मिस्टर स्मार्ट बनाकर प्रथम पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही गुरुदयाल पटेल को द्वितीय व अजय कुमार राय को तृतीय पुरस्कार दिया गया।  ग्राम प्रधान की ओर से पुरस्कार वितरण का कार्य किया गया।   

इस मौके पर दिलीप कुमार ने कहा कि उनके दो बच्चे हैं। शादी के दो साल बाद पहला बच्चा हुआ और दूसरा बच्चा उसके पाँच साल बाद। अब उन्हें तीसरे बच्चे की चाह नहीं है। उन्होने कहा – हमने पत्नी का पूरा साथ दिया है और आगे भी देते रहेंगे। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (डीएचईआईओ) हरिवंश यादव, सिफ़्सा के संजय श्रीवास्तव एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) डॉ मानसी गुप्ता ने स्थाई साधन (महिला व पुरुष नसबंदी) तथा अस्थाई साधन (अंतरा, छाया, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, ईसीपी, कंडोम आदि) यानि बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में लाभार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि स्वस्थ व खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।

सीएमओ ने बताया कि मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन का उद्देश्य पुरुषों में भी परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता पैदा करना, व्यवहार परिवर्तन करना, मिथक एवं भ्रांतियों को दूर करना एवं महिलाओं के निर्णय में अपनी जिम्मेदारी और सहभागिता सुनिश्चित करना है जिससे उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। सम्मेलन में पूरा जोर परिवार नियोजन की स्थाई और अस्थाई साधन यानी बास्केट ऑफ च्वाइस पर दिया जा रहा है। बुधवार को चिरईगांव के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर सफलतापूर्वक हुए मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन के लिए प्रभारी चिकित्साधिकारी, डीएचईआईओ, एचईओ सहित समस्त स्टाफ की सराहना की।

सम्मेलन में एचईओ डॉ मानसी गुप्ता, ग्राम प्रधान गीतांजलि सिंह, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शत्रुघन सिंह, बीपीएम सरिता, बीसीपीएम अशोक, स्वास्थ्य निरीक्षक (एचआई) अविनाश सिंह, मलेरिया निरीक्षक (एमआई) अनुराग, सीएचओ नम्रता, एएनएम नीरजा, पीएसआई से कृति पाठक व अखिलेश, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

India post bank: डाकघरों में भी आरम्भ हुई एन.ई.एफ.टी सुविधा

बैंक और पोस्ट ऑफिस के बीच लेनदेन हुआ आसान

  •  एन.ई.एफ.टी सुविधा : ये है पोस्ट ऑफिस का आई.एफ.एस.सी कोड  IPOS0000DOP 


Varanasi (dil india live). भारत सरकार ने डाकघर के बचत खाताधारकों के लिए भी इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एन.ई.एफ.टी) की सुविधा आरम्भ कर दी है। इससे किसी भी बैंक के खाते से डाकघर खाते में और डाकघर खाते से बैंक खाते में राशि ऑनलाइन ट्रांसफर हो सकेगी। डाकघर काउण्टर्स, इंटरनेट बैंकिंग अथवा मोबाइल बैंकिंग के जरिए इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। काउंटर्स के माध्यम से इस सेवा का लाभ लेने के लिए ग्राहकों का डाकघर में बचत खाता होना चाहिए तथा एन.ई.एफ.टी द्वारा राशि ट्रांसफर के लिए ग्राहकों को एक मैंडेट फॉर्म भरकर काउंटर पर देना होगा। 
उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघर खातों में धनराशि के ट्रांसफर के लिए देश के सभी डाकघरों के लिए केवल एक ही आई.एफ.एस.सी कोड  IPOS0000DOP होगा। पूरे भारत के सभी डाकघरों का एक ही आई.एफ.एस.सी कोड होने से ग्राहकों को प्रत्येक डाकघर का अलग से आई.एफ.एस.सी कोड नहीं ढूँढना पड़ेगा। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर की सुविधा से लोगों को काफी सहूलियत होगी। डाकघरों के लोक भविष्य निधि (पी.पी.एफ) व सुकन्या समृद्धि योजना के खाताधारक अपने इन खातों में बैंक के जरिये एन.ई.एफ.टी द्वारा घर बैठे राशि जमा कर सकते हैं। एन.ई.एफ.टी में राशि ट्रांसफर करने की न्यूनतम सीमा 1 रुपये तथा अधिकतम सीमा 15 लाख है। इंटरनेट बैंकिंग अथवा मोबाइल बैंकिंग के तहत एक दिन में अधिकतम 5 ट्रांजैक्शन तथा प्रति ट्रांजैक्शन अधिकतम 2 लाख रूपये एवं प्रतिदिन 10 लाख रुपये एन.ई.एफ.टी किये जा सकते हैं। पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने आगे बताया कि दस हजार रूपये तक की एन.ई.एफ.टी के लिए खाताधारकों को 2.50 रूपए व जी.एस.टी देना होगा। दस हजार से एक लाख रूपए तक के लिए यह चार्ज बढकर पाँच रूपए व जी.एस.टी होगा। इसके अलावा एक लाख से दो लाख रूपए तक के लिए 15 रूपए व जी.एस.टी और 2 लाख से अधिक की रकम के लिए 25 रूपए व जी.एस.टी देना होगा। इंटरनेट बैंकिंग अथवा मोबाइल बैंकिंग के तहत यह सुविधा 24 घण्टे मुफ्त में उपलब्ध है। 

गौरतलब है कि वित्तीय समावेशन में डाकघरों की अहम भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अधिकांश लोगों के खाते डाकघरों में खुले हुए हैं। ऐसे में भारत सरकार द्वारा पोस्ट ऑफिस में भी एन.ई.एफ.टी सुविधा आरम्भ करने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। 

Ghazipur: 6 आकांक्षात्मक ब्लॉकों का किया जा रहा है सत्यापन

भारत सरकार की टीम ने गाज़ीपुर में डाल रखा है डेरा


Himanshu Rai

Varanasi (dil india live). प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक ब्लॉक को भारत सरकार की टीम के द्वारा मुख्यतः 6 विभागों के द्वारा संचालित सेवाओं का सत्यापन करने का कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत गाजीपुर के 6 ब्लॉक भी इस सत्यापन में शामिल है। जिसकी इन दिनों भारत सरकार के द्वारा आई 4 सदस्यीय टीम के द्वारा मौके पर जाकर सत्यापन करने की कार्रवाई की जा रही है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य ,आईसीडीएस, एजुकेशन ,कृषि, वाटर रिसोर्स , स्किल डेवलपमेंट, निर्माण आदि विभागों के द्वारा जनपद के 6 ब्लॉक रेवतीपुर,बाराचवर, देवकली ,सादात ,मरदह,बिरनो जो आकांक्षात्मक ब्लॉक में शामिल है। इन ब्लॉकों में भारत सरकार के द्वारा आई टीम के द्वारा इन विभागों के द्वारा दिए गए सेवा का मौके पर भौतिक सत्यापन का कार्य किया जा रहा है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के के वर्मा ने बताया कि भारत सरकार के द्वारा आई टीम के द्वारा अलग-अलग दिनों में अलग-अलग ब्लॉकों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दिए गए विभिन्न योजनाओं के तहत दिए गए सेवा एवं लाभार्थियों से डायरेक्ट मिलकर उनसे मिले हुए लाभ के संबंध में जानकारी हासिल करेंगे। उसी जानकारी के अनुसार वह अपनी रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपेंगे।

उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं के 12 बिंदु पर टीम के द्वारा भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जिसमें न्यूट्रीशन, अंडरवेट बच्चों, 5 साल से कम उम्र के कुपोषित और अति कुपोषित बच्चे, प्रथम त्रैमास के गर्भवती माता, गर्भवती, प्रसव पूर्व जांच, लिंग अनुपात ,संस्थागत प्रसव ,प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा घर पर प्रसव, 1 घंटे के भीतर जन्मे बच्चे का स्तनपान ,ढाई किलो से कम वजन के बच्चे ,जन्म लेने के समय बच्चों के वजन की संख्या ,बच्चों को पूर्ण टीकाकरण से प्रतिरक्षण, क्षय रोग के मरीजों का नोटिफिकेशन व आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों की संख्या के बारे में इस टीम के द्वारा मौके पर भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार किया जाएगा।

Pm modi कल आएंगे काशी

पीएम की अगवानी से पूर्व किया गया रिहर्सल 

सेंट मेरीज समेत कई स्कूल बंद

काशी विद्यापीठ की परीक्षाएं टलीं


Sarfaraz Ahmad

Varanasi (dil india live). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को करोड़ों की सौगात देने आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद मोदी का यह पहला दौरा है। इसे लेकर भाजपा की तरफ से भी जोरदार तैयारियां की गई हैं। हर चौराहे को सजाया जा रहा है। प्रशासन भी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। बुधवार को फाइनल रिहर्सल भी किया गया। वहीं कल कई रास्ते बंद होने के कारण वरुणापार के कुछ स्कूलों ने बंदी की घोषणा की है। काशी विद्यापीठ ने अपनी परीक्षाएं टाल दी हैं।पीएम मोदी गुरुवार को वायु सेना के विशेष विमान से दोपहर करीब एक बजे वाराणसी पहुंचेंगे। इसके बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन जाएंगे। 

 पुलिस लाइन से एयरपोर्ट के बीच हुआ रिहर्सल

वैकल्पिक मार्ग के तौर पर पुलिस लाइन से एयरपोर्ट के बीच सड़क मार्ग पर भी बुधवार को रिहर्सल किया गया। रिहर्सल में पीएम मोदी की डमी फ्लीट शामिल किया गया था। शहर में पुलिस लाइन से कार्यक्रम स्थलों तक और पुलिस लाइन से एयरपोर्ट के बीच डमी फ्लीट गुजारी गई। इस दौरान संबंधित मार्गों पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया।

डमी फ्लीट सुबह 11:00 बजे सबसे पहले एयरपोर्ट पहुंची। फ्लीट में लगे वाहन के काफिले को सीआईएसएफ के बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड के जवानों ने गहनता से चेक किया। इसके बाद वाहनों को एयरपोर्ट के एप्रन पर जाने की इजाजत दी गई। इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों सहित जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की टीम एयरपोर्ट पर मौजूद रही। एयरपोर्ट से डमी फ्लिट लगभग ढाई घंटे के बाद दोपहर 1:30 बजे कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हुई।

पुलिस लाइन से डमी फ्लीट अर्दली बाजार स्थित एलटी कॉलेज पहुंची। यहां पर पीएम मोदी कल पूर्वांचल की सबसे बड़ी रसोई का शुभारंभ करेंगे। इसी रसोई में करीब एक लाख छात्रों का मिड डे मील बनेगा और वितरित होगा। एलटी कॉलेज से डमी फ्लीट पुलिस लाइन चौराहा, मकबूल आलम रोड, चौकाघाट, तेलियाबाग, सिगरा होते हुए रुद्राक्ष और उसके बाद सिगरा स्टेडियम पहुंची। वापस इसी मार्ग से पुलिस लाइन तक आई।

1800 करोड़ के 45 प्रोजेक्ट का शिलान्यास

पीएम मोदी 1800 करोड़ के 45 प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इन प्रोजेक्ट्स से टूरिज्म और स्पोर्ट्स सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। जॉब की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। पीएम का यह दौरा मिशन 2024 से जोड़कर देखा जा रहा है।

सेंट मेरीज बंद, विद्यापीठ की परीक्षाएं टलीं

पीएम के दौरे के चलते काशी विद्यापीठ में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में बीए (ऑनर्स) की परीक्षाएं टाल दी हैं। विभाग प्रभारी डॉक्टर अरुण ने बताया कि प्रैक्टिकल और वाइवा अब 14, 16 और 18 जुलाई को होंगे। इसके अलावा सेंट मेरीज कान्वेंट स्कूल और संत अतुलानंद कल पीएम के आगमन व रुट डायवर्ट होने के कारण बच्चों की छुट्टी कर दी है।

मंगलवार, 5 जुलाई 2022

कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने को कार्यालयों में गठित हो आंतरिक शिकायत समिति

 कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने को कार्यालयों में गठित हो आंतरिक शिकायत समिति

- 10 से अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों/कार्यालयों में समिति न गठित होने पर नियोजक पर लग सकता है 50 हजार रुपये का जुर्माना

- 10 से कम कर्मचारियों वाले संगठनों/कार्यालयों की पीड़िता डीएम द्वारा गठित स्थानीय समिति में दर्ज करा सकती हैं शिकायत


Varanasi (dil india live) .शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालयों, निजी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, खेलकूद संस्थानों सहित संगठित व असंगठित क्षेत्र के समस्त कार्यालयों आदि में जहाँ भी 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, चाहे वे सभी पुरूष ही क्यों न हों, वहां पर आंतरिक परिवाद समिति (इन्टरनल कम्प्लेंट्स कमेटी) का गठन करना अनिवार्य है क्योंकि ऐसे कार्यालयों में कभी भी किसी काम के लिए महिलाएं भी आ सकती हैं और उनके साथ भी कोई घटना हो सकती है। ऐसे में वह कार्यालय में गठित आंतरिक परिवाद समिति को अपनी शिकायत कर सकती हैं। ऐसा न करने वाले नियोजकों पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जा सकता है ।

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिशेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की धारा-4 के अंतर्गत ऐसे सभी संगठन या संस्थान जिनमें 10 से अधिक कर्मचारी हैं, वह आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के लिए बाध्य हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी मामलों में त्वरित और समुचित न्याय दिलाना है। निदेशक द्वारा बताया गया कि पीड़ित महिला कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायत आन्तरिक परिवाद समिति में दर्ज करा सकती है। समिति का गठन कार्यस्थल पर वरिष्ठ स्तर पर नियोजित महिला की अध्यक्षता में होगा, जिसमें दो सदस्य सम्बन्धित कार्यालय से एवं एक सदस्य गैर सरकारी संगठन से नियोजक द्वारा नामित किये जायेंगे। समिति के कुल सदस्यों में से आधी सदस्य महिलाएं होंगी। ऐसे कार्यस्थल जहां कार्मिकों की संख्या 10 से कम है, वहां की पीड़िता द्वारा लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी द्वारा गठित ‘स्थानीय समिति’ (लोकल कमेटी) में दर्ज करायी जा सकती है। यदि कोई नियोजक कार्यस्थल में नियमानुसार आन्तरिक समिति का गठन न किये जाने पर दोष सिद्ध ठहराया जाता है, तो नियोजक पर 50,000 रुपए तक का अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर पहली दोषसिद्धि पर लगाये गये दण्ड से दोगुना दण्ड नियोजक पर लगाया जा सकता है। निदेशक का कहना है कि विभिन्न विभागों और नियोक्ताओं के साथ ही महिला कर्मचारियों को अभी अधिनियम के बारे में भली-भांति जानकारी नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें अधिनियम के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वह किसी आपात स्थिति में समिति के सामने अपनी बात रख सकें। महिला कल्याण विभाग भी समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करता रहता है किन्तु सभी के सहयोग से ही इसे सही मायने में धरातल पर उतारा जा सकता है।

लैंगिक उत्पीड़न क्या है 

महिला कल्याण विभाग की उप निदेशक अनु सिंह का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं को उनकी इच्छा के विरूद्ध छूना या छूने की कोशिश करना जो महिला के सामने असहज स्थिति पैदा करने वाली हो, उसे लैंगिक उत्पीड़न के दायरे में माना जा सकता है। शारीरिक या लैंगिक सम्बन्ध बनाने की मांग करना या उम्मीद करना भी लैंगिक उत्पीड़न है। इसके आलावा किसी महिला से कार्य स्थल पर अश्लील बातें करना, अश्लील तस्वीरें, फ़िल्में या अन्य सामग्री दिखाना भी लैंगिक उत्पीड़न के दायरे में आ सकता है। उन्होंने बताया कि जनपद के समस्त कार्यालयों में नियमानुसार गठित समिति द्वारा प्राप्त प्रकरणों की सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को दी जानी चाहिये तथा जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्रत्येक जनपद द्वारा वार्षिक रूप में जनपद के विभिन्न कार्यालयों की संक्षिप्त रिपोर्ट का ब्योरा महिला कल्याण निदेशालय को भी भेजा जाना अनिवार्य है। विभाग द्वारा समस्त जनपदों को इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं।

घटना के 90 दिनों के भीतर की जा सकती है शिकायत 

अधिनियम के तहत लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत घटना के 90 दिनों के भीतर आंतरिक शिकायत समिति या स्थानीय शिकायत समिति में दर्ज करानी चाहिए। शिकायत लिखित रूप में की जानी चाहिए। यदि किसी कारणवश पीड़िता लिखित रूप में शिकायत करने में सक्षम नहीं है तो समिति के सदस्यों को उनकी मदद करनी चाहिए। यदि शिकायत नियोजक के विरूद्ध है तो वह भी स्थानीय समिति में दर्ज कराई जायेगी। अधिनियम के अनुसार पीडित की पहचान गोपनीय रखी जाना अनिवार्य हैl

 कौन कर सकता है शिकायत  

महिला कल्याण विभाग में कार्यरत राज्य सलाहकार नीरज मिश्रा का कहना है कि - कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिशेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अंतर्गत जिस महिला के साथ कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ है, वह खुद शिकायत कर सकती है। पीड़िता की शारीरिक या मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह खुद शिकायत कर सके तो रिश्तेदार, मित्र, सह कर्मी, उसके विशेष शिक्षक, मनोचिकित्सक/ मनोवैज्ञानिक, संरक्षक या ऐसा कोई भी व्यक्ति जो उसकी देखभाल कर रहा हो अथवा ऐसा कोई भी व्यक्ति जो घटना के बारे में जानता है और जिसने पीड़िता की सहमति ली है या राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग के अधिकारी शिकायत कर सकते हैं। यदि दुर्भाग्यवश पीड़िता की मृत्यु हो चुकी है तो कोई भी व्यक्ति जिसे घटना के बारे में पूरी तरह जानकारी हो वह पीड़िता के कानूनी उत्तराधिकारी की सहमति से शिकायत दर्ज करा सकता है। कार्य स्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न की ऑनलाइन शिकायत shebox.nic.in के माध्यम से भी की जा सकती है ।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...