शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

bakharid 2022: त्याग और बलिदान की कहानी बकरीद



varanasi (dilindialive)। देश-दुनिया में 10 जुलाई को ईदुल अजहा यानी बकरीद का त्योहार पूरी अकीदत के साथ मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। देर रात तक बकरो और सेवईयो की खरीदारी bakharid पर होती है। बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग के दिन के रूप में याद किया जाता है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद तीन दिन होती है, आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल कर रहे होते हैं। उधर बकरों की खरीद के साथ ही खोवा, सेवई, मेवा, प्याज,अदरक आदि की भी खरीदारी देर रात तक होती है, दरअसल कुर्बानी के साथ ही घरों में लज़ीज सेवईयां भी बनती है। इसकी तैयारियां ख्वातीन देर रात से ही करती हैं।

bakharid की  कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए ख्वाब में हुक्म दिया कि इब्राहिम अपनी सबसे अजीज चीज़ रब के लिए कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटा हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए जेबाह के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।

इस साल ये है तैयारी

इस साल 10 जुलाई को पूरे देश में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा करने की तैयारी है। दुनिया भर के मुसलमान ईद की तरह कुर्बानी पर भी गरीबों का खास ख्याल रखते हैं। कुर्बानी के सामान का तीन हिस्सा बांटकर एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है। दो हिस्सों में एक खुद के लिए और दूसरा हिस्सा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए रखा जाता है। मुसलमानों का विश्वास है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई। अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा जिसमें वो पास हो गये।

बुधवार, 29 जून 2022

नहीं भुलाया जा सकता डा.अकबर की ख़िदमात

डा.अकबर अली की पहली बरसी पर पेश किया गया खिराजे अकीदत

Varanasi (dil India live). पूर्वांचल हज सेवा समिति की बैठक में पूर्वांचल हज सेवा समिति के सदर जनाब हाजी रईस अहमद एडवोकेट की सदारत मे हज कमेटी के मास्टर हज ट्रेनर एवम पूर्वांचल हज सेवा समिति के जनरल सिक्रेटरी मरहूम डॉ. अकबर अली की पहली बरसी पर खिराजे अकीदत पेश किया गया। जिसमे मरहूम डॉ. अकबर अली साहब की समाज एवम हाजियों के लिए की गई बेश कीमती खिदमात को सराहा गया और उनकी कमी को महसूस किया गया।

सभी ने दुआएं की, कि अल्लाह ताला उन्हें जन्नतुल् फिरदौस मे आला मुक़ाम अता फरमाए, करवट करवट जन्नत आता फ़रमाए और उनके घर वालों को सब्र व् तहम्मूल अता फर्माए। बैठक में हाजी ज़ुबैर, हाजी अहद, मौलाना रियाज़ कादिरी, हाजी अहमद अली, तारिक हसन बबलू, हाजी अदनान खां, साबिर अराफ़ात, मसूद अख्तर सोना, अख्तर् अली, हाजी शर्फुद्दीन, शमसुल आर्फिन, तलत् महमूद, इम्तियाज़ आदि लोग मौजूद रहे।

शनिवार, 25 जून 2022

साड़ियों पर लगाया पोषण अभियान का लोगो

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिका के लिए है ये बड़ी खुशखबरी

 3636 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व 2918 सहायिका को मिलेगी साड़ी



Varanasi (dil india live). बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के लिए खुशखबरी है। जिले के 3914 आंगनबाड़ी केंद्रों पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शीघ्र ही एक जोड़ी साड़ी प्रदान की जाएगी। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नि:शुल्क दो-दो साड़ी मिल सके, इसके लिए शासन की ओर से आईसीडीएस विभाग को 13,146 साड़ियां उपलब्ध करा दी गई हैं। कार्यालय की ओर से अगले सप्ताह सभी विकास खंडों में वितरण के लिए साड़ी भेज दी जाएंगी। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने दी। 

   डीपीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को साड़ी खरीदने में किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए शासनकी ओर से बीते दिनों इनको नकद राशि की बजाय एक जोड़ी साड़ी प्रत्येक वर्ष दिये जाने के निर्देश दिये गए थे। अब तक इन्हें एक जोड़ी साड़ी खरीदने के लिए 400-400 रुपये दिए जाते थे। उन्होने बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 3914 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें 3636 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं 2918 सहायिका की तैनाती है। अगले सप्ताह इनको साड़ियाँ वितरित की जाएंगी। 

इस बार साड़ियों की रूप रंग में परिवर्तन किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दी जाने वाली साड़ी हल्के गुलाबी रंग की है जबकि सहायिका के लिए पीले रंग की साड़ी दी जा रही है। साड़ियों के किनारी पर पोषण अभियान का लोगो लगाया गया है। कार्यालय के अनुसार संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) को निर्देशित किया गया है कि शीघ्र ही कार्यकर्ताओं में साड़ी का वितरण कर दिया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए। डीपीओ ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों से संचालित योजनाओं का पात्रों को समुचित लाभ मिल सके, इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

UpCollege:राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र की हुई शुरूआत


Varanasi (dil india live). उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी, परिसर में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र की शुरुआत शनिवार को की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन  प्राचार्य प्रो0. धर्मेंद्र कुमार सिंह एवं क्षेत्रीय कोऑर्डिनेटर प्रो. एसके सिंह द्वारा किया गया। शुभारंभ के अवसर पर प्राचार्य द्वारा छात्रों को शिक्षा क्षेत्र में, स्तरीय अध्ययन को लेकर आनेवाली कठिनाइयों और उसके उन्मूलन में, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका को विस्तृत रूप से रेखांकित किया गया। कार्यक्रम के दौरान, डॉ. सुधीर शाही, डॉ. एनपी सिंह, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. उपेंद्र कुमार, डॉ. डीवी सिंह, डॉ. तुमुल सिंह, डॉ. संजीव सिंह रसायन शास्त्र, डॉ. डीडी. सिंह, डॉ. संत कुमार सिंह आदि एवं अन्य कर्मचारी,उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उदय प्रताप कॉलेज, अध्ययन केंद्र के, कोऑर्डिनेटर डॉ. अनूपगढ़ कुमार सिंह अर्थशास्त्र विभाग ने किया। डॉ. अनूप कुमार सिंह ने बताया कि 26 जून से, प्रवेश हेतु आवेदन, विश्वविद्यालय की वेब साइट : uprtou.ac.in के माध्यम से किया जा सकता है। जिसमे उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी, अध्ययन केंद्र का कोड: S - 1815 है। अन्य जानकारी के लिए इच्छुक अभ्यर्थी सभी कार्य दिवसो पर , प्रातः 8:00 बजे से अपरान्ह 2:00 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।

मंगलवार, 21 जून 2022

परिवार नियोजन की सही फरमाईश, मदद करेगी 'बास्केट ऑफ च्वाइस'

स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन काउंसलर दे रहे निःशुल्क परामर्श


Varanasi (dil indialive). मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनायी जाए और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखा जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बहुत कारगर और सुरक्षित साधनों से युक्त ‘बास्केट ऑफ़ च्वाइस’ मुहैया करा रखी है। इसके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयस्कर होगा। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी का । उन्होने कहा कि बास्केट ऑफ़ च्वाइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है। इस बारे में उचित सलाह के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक, परिवार नियोजन काउंसलर, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद ली जा सकती है ।

  अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ राजेश प्रसाद का कहना है कि जिले में 185 स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की मदद से ‘बॉस्केट ऑफ च्वाइस’ के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अऩुसार सही परामर्श दिया जाता  है । प्रत्येक माह की 21 तारीख को आयोजित होने वाले खुशहाल परिवार दिवस, प्रत्येक गुरूवार को आयोजित होने वाले अंतराल दिवस एवं प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर  भी इस बारे में जानकारी दी जाती है । पुरुष और  महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां बॉस्केट ऑफ च्वाइस का हिस्सा हैं ।

  सेवापुरी ब्लॉक निवासी शमा बताती हैं कि वह अनचाहे गर्भ से राहत के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अंतरा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन का लाभ ले रही हैं। इसमें उन्हें और उनके परिवार को कोई परेशानी नहीं है। वहीं अंजुम बताती हैं कि अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रहने के लिए वह छाया साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली का सेवन कर रही हैं और समय-समय पर चिकित्सक व एएनएम से परामर्श भी ले रही हैं।

  डॉ प्रसाद बताते हैं कि परिवार नियोजन का साधन हर लाभार्थी अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से अपनाता है, लेकिन काउंसलर और चिकित्सकों को दिशा-निर्देश है कि वह लाभार्थी के उन पहलुओं की भी जानकारी जुटाएं  जिनमें कोई साधन विशेष उनके लिए उपयुक्त है या नहीं ।

परिवार नियोजन में जिले की स्थिति 

 वित्तीय वर्ष 2021-22 में पुरुष नसबंदी 37,  महिला नसबंदी 10605,  कॉपर-टी (आईयूसीडी/पीपीआईयूसीडी) 21418, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 7085, माला एन (ओरल पिल्स) 79854, कंडोम 7.2 लाख, छाया 26507 और ईसीपी 14377 के लाभार्थी जिले में परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने के लिए आगे आए हैं । इस वर्ष अप्रैल से अभी तक पुरुष नसबंदी 10,  महिला नसबंदी 414, कॉपर-टी (आईयूसीडी/पीपीआईयूसीडी) 3043, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 2750, माला एन (ओरल पिल्स) 12209, कंडोम 1.24 लाख, छाया 4408 और ईसीपी 2026 के लाभार्थी सेवा ले चुके हैं। 

साधनों को चुनते समय यह भी रखें ध्यान 

-- उन पुरुषों को नसबंदी की सेवा अपनानी  चाहिए जो शादी-शुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो । उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए  जब  पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो । पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है ।

-महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के  तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है । वह महिलाएं इस साधन को अपना सकती हैं जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो । दम्पति  के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पति ने पहले नसबंदी न करवाई हो और सुनिश्चित कर लें कि महिला गर्भवती न हो और प्रजनन तंत्र में संक्रमण न हो ।

--आईयूसीडी को माहवारी के शुरू होने के 12 दिन के अंदर या असुरक्षित यौन संबंध के पांच दिन के अंदर अपना सकते हैं । यदि लाभार्थी के पेडू में सूजन, एड्स या यौन संचारित संक्रमण का खतरा हो, यौनि से असामान्य रक्तस्राव हो, ग्रीवा, गर्भाशय या अंडाशय का कैंसर हो तो यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए ।

-प्रसव के बाद पीपीआईयूसीडी 48 घंटे के अंदर या प्रसव के छह सप्ताह बाद लगवायी जा सकती है । पानी की थैली (झिल्ली) फट जाने के 18 घंटे बाद प्रसव होने की स्थिति में, प्रसव पश्चार बुखार एवं पेटदर्द होने पर, योनि से बदबूदार स्राव या प्रसव के पश्चात अत्यधिक रक्तस्राव होने पर यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए । गर्भपात होने के बाद तुरंत या 12 दिन के अंदर इसे अपना सकते हैं, बशर्ते आईयूसीडी संक्रमण या चोट न लगा हो ।

-त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन प्रसव के छह सप्ताह बाद, तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर लगवाया जा सकता है । यह इंजेक्शन उच्च रक्तचाप (160 या 100 से अधिक), अकारण योनि से रक्तस्राव, प्रसव के छह सप्ताह के भीतर, स्ट्रोक या मधुमेह की बीमारी, स्तन कैंसर (पहले या बाद में) और लीवर की बीमारी की स्थिति में नहीं अपनायी जानी चाहिए । इसे चिकित्सक की परामर्श से ही अपनाना है ।

-साप्ताहिक छाया गोली प्रसव के तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने से पहले, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं । जिन महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट, बच्चेदानी के मुंह में बदलाव, पीलिया या लीवर के बीमारी का इतिहास, किसी भी प्रकार की एलर्जी और टीबी या गुर्दे जैसी कोई गंभीर बीमारी हो तो वह इस साधन को न अपनाएं ।

-कंडोम का इस्तेमाल पुरुष कभी भी कर सकते हैं । यह अनचाहे गर्भ के अलावा यौन संक्रमण और एचआईवी या एड्स से भी बचाता है ।

-गर्भनिरोधक गोली माला एन प्रसव के छह महीने बाद (केवल स्तनपान की स्थिति में), प्रसव के तीन सप्ताह बाद, माहवारी शुरू होने के पांच दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं। यह गोली पीलिया होने या पीलिया का इतिहास होने पर, स्ट्रोक, लकवा या ह्रदय रोग, 35 वर्ष से अधिक उम्र की  धूम्रपान करने वाली महिलाओं, उच्च रक्तचाप (140 या 90 से अधिक) या माइग्रेन की स्थिति में नहीं लेनी है ।

Mirzapur news: हाई स्कूल में दिव्यांशी राय ने किया नाम रौशन

I A S बनकर देश की सेवा करना चाहती है दिव्यांशी 


Mirzapur (dil india live).  जमालपुर विकासखंड  के मुराहु सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज मनउर में हाईस्कूल  में  प्रथम  स्थान  पाकर दिव्यांशी राय ने न सिर्फ अपना बल्कि विद्यालय का भी नाम रोशन किया है।

दरअसल दिव्यांशी राय ग्राम वरवाॅ ने अपने विद्यालय में हाईस्कूल विज्ञान वर्ग में 86 परसेंट अंक पाकर मुराहु सिंह इंटर कॉलेज  मनउर  मे प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इससे विद्यालय में जहां ख़ुशी की लहर है वहीं दिव्यांशी की माता प्रिया सिंह पिता बृजेश कुमार राय ने भी हर्ष व्यक्त किया है। दिव्यांशी का कहना है कि वो बड़  होकर I A S बनकर देश की सेवा करना चाहती है।

सोमवार, 20 जून 2022

Up College ncc:छात्र सैनिकों ने जमकर किया योगाभ्यास

सीखा स्वच्छता और स्वास्थ्य के सूत्र 

छात्र सैनिकों ने सीखा पॉइंट 22 राइफल को खोलना और जोड़ना

वॉलीबॉल प्रतियोगिता के फाइनल में इको कंपनी विजेता 




Varanasi (dil india live)। संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर 311 के अंतर्गत छात्र सैनिकों ने बरियासनपुर के महादेव पीजी कॉलेज में सोमवार को जमकर योग का अभ्यास किया। सूर्य नमस्कार से प्रारंभ कर कपालभाति, भ्रामरी, अनुलोम विलोम, कुंम्भक का अभ्यास ही नहीं किया वरन उससे होने वाले फायदे से भी परिचित हुए।

ट्रेनिंग सत्र में छात्र सैनिकों को पॉइंट 22 राइफल को खोलना और जोड़ना बतलाया गया साथ ही दूरी मापन के तरीकों को भी सिखाया गया । कैप्टन प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने "राष्ट्र निर्माण में एनसीसी के योगदान" की महत्ता कैडेटों को बताई। खेलकूद के अंतर्गत वॉलीबॉल प्रतियोगिता के फाइनल मैच में इको कंपनी विजेता रही। डेल्टा कंपनी को उपविजेता से ही संतोष करना पड़ा।

सायंकालीन सत्र में डॉ एसके सिंह ने अपने  स्लाइड शो में "स्वच्छता और स्वास्थ्य" पर बोलते हुए छात्र सैनिकों से कहा - "मानसिक ,शारीरिक और सामाजिक रुप से स्वस्थ व्यक्ति ही पूर्ण स्वस्थ की परिभाषा में आता है। हड्डियों का फ्रेक्चर, सांप का काटना तथा प्राथमिक चिकित्सा पर आपने अपने विचारों से छात्र सैनिकों को अवगत कराया।

कार्यक्रम का संचालन कैप्टन प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने किया इस अवसर पर कैंप कमांडेंट कर्नल आशीष त्रिपाठी, डिप्टी कैंप कमांडेंट कर्नल ऋषिराज चरण, डा अरविंद कुमार सिंह , लेफ्टिनेंट निर्भय सिंह यादव, फर्स्ट ऑफिसर लाल बहादुर सिंह, थर्ड ऑफिसर अरविंद कुमार राय, सूबेदार मेजर रतनलाल, सूबेदार विदुर सिंह, पप्पू नेगी, सुरेंद्र सिंह, एम एस कौड़ी, बी एच एम कुलदीप सिंह, हवलदार गजेंद्र, महावीर सिंह यादव तथा समस्त स्टाफ उपस्थित I 

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...