सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

अदा से झूमना, ख्वाजा की चौखट चूमना

ख्वाजा के दर पर पेश किया गया बसंत


अजमेर 07 फरवरी (dil India live) राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दर पर बसंत पेश किया गया।
बसंत महीने के मौके पर ख्वाजा के दर पर आज परंपरागत तरीके से बसंत पेश किया गया, जिसकी सदारत दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के प्रतिनिधि सैयद नसीरुद्दीन ने की। सभी लोग बड़ी शानौ शौकत के साथ बसंत का गुलदस्ता लेकर निजामगेट पर पहुंचे और शाही कव्वालों द्वारा अमीर खुसरो द्वारा लिखे गए सूफी कलामों को गाते हुए चल रहे थे जिसमें आज बसंत मना ले सुहागिन, ख्वाजा मोइनुद्दीन के दर पर आ जाती है बसंत, नाजो अदा से झूमना- ख्वाजा की चौखट चूमना...जैसे कलाम पेश कर रहे थे। सभी लोगों ने आस्ताने पहुंचकर सरसों तथा अन्य पीले रंग के फूलों का गुलदस्ता पेश कर मुल्क की खुशहाली की कामना की।
उल्लेखनीय है कि ख्वाजा साहब को पीले बसंती फूलों से बेहद लगाव था। इस कारण वर्षों से बसंत पंचमी के अवसर पर यहां बसंत पेश करने की परंपरा है।

रविवार, 6 फ़रवरी 2022

रोज़ डे के साथ शुरु होगा वेलेन्टाईन वीक

आइये जाने कब है कौन सा डे, क्या है तैयारियां


वाराणसी ६ फरवरी (dil India live)। इंतेज़ार की घड़ी जल्द खत्म होने वाली है। 7 फरवरी से वैलेंटाइन वीक का आगाज़ हो जाएगा। प्यार के पक्षी अभी से ही अपने युवा साथियों के साथ उड़ान भरते दिखाई दे रहे हैं। कोरोना काल के बाद इस बार इस पर्व को लेकर लोगों में खास उत्साह रहने की उम्मीद है। कोई प्रेमी के लिए गिफ्ट खरीद रहा है तो कोई किमती चाकलेट। प्रेमी प्रेमिकाओं का उत्‍सव जो आने वाला है। वेलेन्टाईन डे का क्रेज विदेशों से ज्यादा अब भारतीय लोगों में भी दिखाई देता है। दरअसल सात फरवरी को रोज डे, आठ फरवरी को प्रपोज डे, नौ फरवरी को चॉकलेट डे, दस को टेडी डे, ग्यारह फरवरी को प्रॉमिस डे, बारह फरवरी को किस डे, तेरह फरवरी को हग डे और चौदह फरवरी को वैलेंटाइन डे देश दुनिया में मनाया जाएगा। 

14 फरवरी वैलेंटाइन डे का वो खास दिन होता है, जिस दिन आशिक और माशुक अपने प्यार का इजहार करते है। प्यार और मोहब्बत के इस खास दिन को देखते हुए दुनिया भर का बड़ा छोटा बाजार भी इसे भूनाने में लगा जाता है। तरह तरह के गिफ्ट आइटम प्यार के जोड़ो को केन्द्र करके बाजार में उतारा गया है। छोटी गली कूचों की दुकानों से लेकर बड़े माल व फूलों की दुकान तक पर रेड रोज, यलो और व्हाईट रोज़ से लेकर गुलदस्‍तों तक की डिमांड शुरू हो जाती है। फूलों के कारोबारी इस सीजन में लग्न न होने से वैलेंटाइन डे पर फूलों का कारोबार कर युवओं को आकर्षित करने में जुटे हैं। रेड रोज की कीमत दस रुपये से लेकर बीस और चेरी रेड तक पचीस रुपये प्रति पीस से लेकर छोटा बुके सौ रुपये से लेकर हजारों रुपये तक पैकेज में उपलब्ध है। कारोबारी बता रहे हैं कि ग्राहक अभी खरीदारी तो नहीं कर रहे हैं मगर पूछताछ और बुकिंग का दौर शुरू हो चुका है। उम्मीद है कि रोज़ डे की पूर्व संध्या पर यह कारोबार अपने शबाब पर होगा।

लता मंगेशकर अलविदा...

 बनारस घराने से लता मंगेशकर का था गहरा रिश्ता

  • सुर संगम फिल्म में राजन, साजन मिश्र के साथ किया था पार्श्व गायन
  • सिद्देश्वरी देवी के आवास पर कभी ठहरी थी लता मंगेशकर
  • स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से सदमें में है काशी  




अमन

वाराणसी ०६ फरवरी (dil India live)।  28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के घर जन्मी लता मंगेशकर ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का दुनिया को अलविदा कहना कला और सांस्कृतिक नगरी काशी के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। लता मंगेशकर का काशी संगीत घराने से गहरा लगाव था। खासकर ठुमरी गायिका सिद्देश्वरी देवी के घर वो कई बार आयी थीं।  ठुमारी सम्राट पं. महादेव प्रसाद मिश्र से उन्होंने ठुमरी की बारीकी सीखी थी। बिस्मिल्लाह खां की वो बहुत बड़ी फैन थीं। यही नहीं फिल्म सुर संगम में राजन मिश्र व साजन मिश्र के साथ लता मंगेशकर ने भी पार्श्व गायन पेश किया था। एक कलाकार के रूप में लता मंगेशकर का बनारस संगीत घराने से गहरा लगाव था।  पं. साजन मिश्र कहते हैं कि लता जी का उनके परिवार से गहरा और नज़दीकी रिश्ता था। 1982 में लता जी ने पं. दीनानाथ जी की स्मृति में कार्यक्रम रखा था तो उसमें बनारस घराने से सितारा देवी का डांस हुआ था और हम दोनों भाईयों का गायन था, वो उनसे पहली मुलाकात थी। उन्होंने इतनी इज्ज़त दी थी कि लग ही नहीं रहा था कि उनसे पहली बार मिले हैं। उसके बाद 1983 में सुर संगम के लिए भी उन्होंने अपनी आवाज़ दी।  इसके बाद तो उनका काशी के संगीत घरानों से उनका गहरा लगाव हो गया था। ऐसी गायिका शायद ही कभी धरती पर आये।

पं. किशन महाराज के शिष्य अमित मिश्रा कहते हैं कि पं. किशन महाराज, राजन-साजन मिश्र जब भी मुम्बई जाते थे तो वो लता मंगेशकर के घर पर ही ठहरते थे। बनारस से गए कलाकारों का वो दिल से स्वागत करती थी। ठुमरी सम्राट महादेव प्रसाद मिश्र कला संस्थान के पं. गणेश मिश्रा की माने तो वो बतौर एक कलाकार बनारस वालों की बहुत कद्र करती थी। बड़े गुलाम अली खां की शिष्या लता मंगेशकर के बारे में कहा गया है कि वो इतना मीठा गायन पेश करती थी कि उनके उस्ताद बड़े गुलाम अली भी कह उठते थे कि ई इतना सुर में गावे ली कि कभी डाटो ना खावेली...जब सब्हे सही हव ता का डाटी...।  पं. किशन महाराज की पुत्री अंजलि मिश्रा कहती है कि उनके घर से उनका गहरा रिश्ता था। यही वजह है कि वो स्वस्थ्य हो इसके लिए पूरे देश के साथ ही बनारस संगीत घराने के लोग भी प्रार्थना कर रहे थे। उन्होंने 30 हजार से भी ज्यादा गाना गाया था। यह किसी कलाकार के लिए बहुत बड़ी बात है। काशी की गलियों से संघर्ष करते हुए बालीवुड में अपनी पहचान बनाने वाली सुरभि सिंह कहती है कि अकसर उनसे मुलाकात होती थी मगर कभी लगा ही नहीं कि वो इतने बड़े कद की मलिका हैं। बेहद साधारण था उनका व्यवहार। गरीबी से लेकर धनी बनने तक कभी उनके व्यवहार में बदलाव नहीं आया।  

दरअसल 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के घर जन्मी लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। उनके शुरुआती गुरु उनके पिता ही थे, बाद में बड़े गुलाम अली से उन्होंने गायन की शिक्षा ली। उनका काशी से गहरा लगाव था भले ही वो काशी कम आयी मगर यहां के संगीत घराने की वो बड़ी कद्रदान थीं। बिस्मिल्लाह खां, सिद्देश्वरी देवी, पं. महादेव प्रसाद मिश्र, सितारा देवी, किशन महाराज, राजन-साजन मिश्र से उनका गहरा लगाव था।

शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

सेवाओं को सुदृढ़ करना जरूरी : सीएमओ

सभी  शहरी पीएचसी पर प्रसवपूर्व देखभाल

-प्रसव पूर्व देखभाल व जांच से जुड़ी सेवाओं को लेकर सरकार बेहद गंभीर

-- पीएसआई के सहयोग से डीडीयू के एमसीएच विंग में समीक्षा बैठक आयोजित


वाराणसी 05 फरवरी(dil India live) पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पाण्डेयपुर एवं जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा में स्थित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) इकाई  पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर प्रोत्साहन देने के हरसंभव प्रयास चल रहे हैं |  इसके लिए आवश्यक है कि नगर के   सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों  पर प्रसवपूर्व देखभाल व जांच की सेवाओं को और सुदृढ़ किया जाए | इसके साथ ही चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक सहित  एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं व समस्त स्टाफ को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का समय-समय संवेदीकरण और मूल्यांकन भी किया जाए ।     

   यह बातें शनिवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने कहीं । स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान  में पॉप्युलेशन सर्विसेज़ ऑफ इंडिया (पीएसआई) के सहयोग से समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में पूरा ज़ोर इस बात पर दिया गया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (अर्बन पीएचसी) द्वारा प्रदान की जा रही शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य व ओपीडी की सेवाओं को और बेहतर करने की आवश्यकता है जिससे एमसीएच विंग को प्रोत्साहन मिल सके। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि प्रसव पूर्व देखभाल व जांच संबंधी सेवाओं को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। इसके लिए कई योजनाएं व  कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं ताकि मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सके।  

सीएमओ ने कहा कि कबीरचौरा के एमसीएच विंग में समस्त सुविधाएं  पहले से ही मौजूद हैं  और कार्यभार भी अधिक है। इसको कम करने के लिए नगर की समस्त 24 पीएचसी को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं जैसे-  मातृत्व स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व देखभाल व जांच (एएनसी), उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की पहचान, गर्भवती का पंजीकरण, बच्चों व गर्भवती का नियमित टीकाकरण, परिवार कल्याण कार्यक्रम (अंतरा, छाया, कंडोम आदि) का विस्तार करना होगा। इसके लिए संबन्धित पीएचसी की समस्त एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं को पीएचसी में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए।  इससे वह सेवा प्रदाता को समय से सुविधा प्रदान करा सकें। इसके लिए पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक माह एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करें और कार्य प्रगति के बारे में भी चर्चा करें। इसके साथ ही सीएमओ ने हर माह की नौ तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस को लेकर अधिक प्रचार-प्रसार व जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया ।     

सीएमओ ने कहा कि इन समस्त सेवाओं के साथ इसकी रिपोर्टिंग करना बेहद आवश्यक है जो कि आरसीएच पोर्टल पर होती है। सीएमओ ने ज़ोर दिया कि समय से रिपोर्टिंग करते रहें, क्योंकि यह पोर्टल केंद्रीय स्तर के साथ नीति आयोग को भी प्रदर्शित होता है। इसके साथ ही सीएमओ ने निर्देशित किया कि समस्त शहरी पीएचसी के  स्टाफ का सुबह नौ बजे से लेकर शाम पाँच बजे तक रहना आवश्यक है। जहां दो डॉक्टर हैं उस शहरी पीएचसी पर सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक आवश्यक स्टाफ रहना अनिवार्य है। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ एके मौर्या ने उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) के प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 

  इस अवसर पर सीएमएस डॉ आरके सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके सिंह, डीपीएम संतोष कुमार सिंह, डॉ प्रीति यादव, डॉ रश्मि सिंह, मंडलीय शहरी समन्वयक मयंक राय, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक आशीष सिंह, पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, पीएसआई से कृति पाठक, अखिलेश, सुनीता, यूपीटीएसयू के जिला प्रतिनिधि एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

कोरोना खत्म होने वाला है जानिए कौन कर रहा दावा

नये संवत्सर के साथ होगा कोरोना का अंत 

-पं. रामकिशोर ज्योतिषी कर रहें हैं दावा

-राक्षस नामक संवत्सर होगा समाप्त

वाराणसी ०५ फरवरी (dil India live)। वैश्विक महामारी से परेशान दुनिया के लिए राहत भरी खबर काशी देने जा रही है। काशी के विद्वान ज्योतिषी पंडित रामकिशोर ने ज्योतिष गणना के आधार पर दावा किया है। कि 2 अप्रैल 2022 को प्रारम्भ हो रहे नए संवत्सर के साथ कोरोना की समाप्ति प्रारम्भ हो जाएगी। राक्षस नामक संवत्सर के समाप्त होते ही कोरोना वैश्विक महामारी धीरे - धीरे विश्व पटल से कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगी। ज्योतिषी  पंडित रामकिशोर ने कहा कि 14 अप्रैल 2021 को भारतीय संवत्सर जो राक्षस नामक संवत्सर कहा गया था आते ही अपना असर दिखाया था। राक्षस नामक संवत्सर की समाप्ति के साथ कोरोना समाप्त हो जाएगा। कोविड की तीसरी लहर आनी ही थी अगर नहीं आती तो आगे खतरा बना रहता। अब भविष्य में कभी कोरोना नहीं आएगा।  2 अप्रैल 2022 के बाद कोरोना की समाप्ति में आश्चर्य जनक परिवर्तन आएगा । आगामी चार से छ: महीने के अंदर विश्व पटल से पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा। ज्योतिषी पंडित रामकिशोर ने कहा कि जो आकाशीय या प्राकृतिक आपदा होती है। उसका निदान क•ाी व्यक्ति के हाथ में नहीं होता। व्यक्ति सिर्फ उसकी औषधि बना सकता है। उसकी वैक्सीन बना सकता है लेकिन उस महामारी से पूर्ण रूप से निजात प्रकृति ही दिलाती है। प्रकृति का अध्यन करने के लिए काल , गणना, पंचांग का जानकारी होना आवश्यक है। वही गणना इशारा कर रही है कि निकट •ाविष्य में नवसंवत्सर के बाद कोविड में अप्रत्याशित प्ररिवर्तन आएगा और वह समाप्त हो जाएगा। इस खबर से काशी के साथ ही देश-दुनिया राहत की सांस लेगी।

देखिए इस उम्मीदवार का कैसे हुआ स्वागत

सुभासपा शिवपुर के प्रत्याशी डॉ. अरविंद राजभर पहुँचे अपने विधानसभा

वाराणसी ०५ फरवरी (dil India live)। सुभासपा के प्रदेश प्रवक्ता शशिप्रताप सिंह के नेतृत्व में 386 विधानसभा के सपा, अपना दल ( कृष्णा पटेल) के संयुक्त प्रत्याशी डॉ अरविंद राजभर के प्रथम आगमन पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। डॉ. अरविंद राजभर प्रथम आगमन पर सबसे पहले राष्ट्रबीर महाराजा सुहेलदेव की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। आज सुहेलदेव जयंती समारोह तथा बसन्त पंचमी के दिन से अपने विधान सभा में भ्रमण कर लोगों का आशीर्वाद लेने के लिये लेरूपुर, खलिशपुर कमौली, सालारपुर रमना जल्हूपुर कोची आदि जगहों पर घूमकर आशीर्वाद प्राप्त किया| उधर पार्टी की वरिष्ठ महिला नेत्री वंदना सिंह ने कहा है कि सपा सुभासपा इस चुनाव में बहुमत से सरकार बनायेगी।

शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

रक्तदान के लिए यह परिवार बना मिसाल

पिता की पुण्यतिथि पर बहू ने किया रक्तदान

देवरिया ०४ फरवरी (dil India live) । वृहस्पतिवार को जिला ब्लड बैंक में एक परिवार द्वारा पिता की पुण्यतिथि पर बहू के साथ अन्य सदस्यों द्वारा रक्तदान कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुये अनोखा सन्देश दिया गया । स्वच्छ भलुअनी स्वस्थ भलुअनी (यूथ ब्रिगेड) के संस्थापक सदस्य व रक्तदान का अमृत महोत्सव उत्तर प्रदेश ABMVS सह संयोजक सन्तोष मद्धेशिया वैश्य ने अपने पिता स्व. रामचंद्र मद्धेशिया की स्मृति में उनकी सातवीं पुण्यतिथि पर जिला ब्लड बैंक पर सपरिवार रक्तदान कर पुण्यतिथि मनायी । पुण्यतिथि पर सन्तोष मद्धेशिया की पत्नी इसरावती देवी ने तीसरी बार, छोटे भाई विनय मद्धेशिया ने पहली बार व बहनोई विजय मद्धेशिया ने चौथी बार रक्तदान करते हुये कहा कि परिवार के सृजनकर्ता के नाम पर आज रक्तदान कर हमें बेहद खुशी महसूस हो रही है और हम सभी को इस तरह के कार्य की प्रेरणा व सीख उन्ही से मिली थी, उनके पदचिन्हों पर चलना ही हमारे परिवार का प्रयास है । इस अवसर पर सन्तोष मद्धेशिया की माँ दुर्गावती देवी ने कहा कि मेरी बहू की तरह हर महिला को भी रक्तदान के लिये आगे आना चाहिये क्योंकि महिलाओं में रक्तदान के प्रति जागरूकता की बेहद कमी है ।इस दौरान कपूरचंद गुप्ता, आशा देवी, मनोज मद्धेशिया, सरिता देवी, पुष्पा देवी, एलटी तेजभान, रामेश्वर पांडेय सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे ।

रक्तदान करने के लिये सत्रह घण्टे का सफर

एक मांगलिक कार्यक्रम में अपने ननिहाल गयी बड़ी बहू इसरावती देवी पिता की पुण्यतिथि पर प. बंगाल से 17 घण्टे का सफर तय कर ब्लड बैंक पहुंची और अपना तीसरा रक्तदान किया । उन्होंने बताया कि पहली बार वह भलुअनी में पिछले वर्ष शहीद दिवस पर आयोजित रक्तदान शिविर में पति की पहल पर रक्तदान किया साथ ही छोटी ननद को भी रक्तदान करवाया । उस रक्तदान के दौरान ब्लड बैंक परामर्शदाता सुबोध पांडेय जी ने मुझे हर चार माह पर रक्तदान करने का सुझाव दिया और मैं तबसे नियमित रक्तदान करते हुये बहुत बेहतर महसूस कर रही हूँ । उन्होंने कहा आज मेरे परिवार में बच्चा बच्चा रक्तदान के महत्व को समझता है और रक्तदान के प्रति जागरूक है । बच्चे खुद कहते हैं मैं 18 वर्ष का होते ही रक्तदान करना शुरू कर दूँगा । हमें स्वस्थ समाज की परिकल्पना और जागरूकता के लिये रक्तदान की शुरुआत पहले स्वयं से करनी होगी जिसे देखकर ही हमारे परिवार के सदस्य, महिलाएं व बच्चे भी रक्तदान के लिये प्रेरित होंगें । इसरावती देवी के प्रयास से कई महिलाएं भी रक्तदान के प्रति उत्सुक दिख रही हैं ।

सन्तोष ने पूरे परिवार में भरा रक्तदान का जज्बा

सन्तोष मद्धेशिया ने दो फरवरी को परिवार के बने wp ग्रुप में पिता की पुण्यतिथि पर परिवार के लोंगों से रक्तदान कर पुण्यतिथि मनाने की इच्छा जाहिर की तो सबसे पहले उनके 18 वर्षीय बेटे दीपक मद्धेशिया ने रक्तदान करने की इच्छा जाहिर की, उसके बाद उनके दूसरे बेटे 15 वर्षीय सूरज मद्धेशिया ने कहा "काश मैं भी 18 वर्ष का होता तो आज बाबा के नाम पर रक्तदान करता, 20 वर्षीय बिटिया दिव्या ने तुरंत रक्तदान करने की हांमी भर दी । वहीं चचरे भाई रामप्रवेश मद्धेशिया "यूथ ब्रिगेड" की पहल पर 30 जनवरी को जिला ब्लड बैंक में ही रक्तदान करने की वजह से इस पुण्यतिथि पर रक्तदान नही कर सके ।

छोटे भाई मनोज मद्धेशिया, विनोद मद्धेशिया, बहन आशा, मीना व रीता भी पिता के नाम पर रक्तदान को उत्सुक दिखे पर मैडिकल मानक पर खरा न उतरने पर परिवार के अधिकतर सदस्य रक्तदान करने से वंचित रह गये । नियमित रक्तदान करते हुये अभी तक कुल 11 बार रक्तदान कर चुके सन्तोष मद्धेशिया ने कहा कि समाजसेवा की प्रेरणा पिता जी से पायी है, और उनकी प्रेरणा से ही हमारे परिवार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि हर परिवार को भी रक्तदानी परिवार बना सकें ।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...