सभी शहरी पीएचसी पर प्रसवपूर्व देखभाल
-प्रसव पूर्व देखभाल व जांच से जुड़ी सेवाओं को लेकर सरकार बेहद गंभीर
-- पीएसआई के सहयोग से डीडीयू के एमसीएच विंग में समीक्षा बैठक आयोजित
वाराणसी 05 फरवरी(dil India live) पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पाण्डेयपुर एवं जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा में स्थित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) इकाई पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर प्रोत्साहन देने के हरसंभव प्रयास चल रहे हैं | इसके लिए आवश्यक है कि नगर के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसवपूर्व देखभाल व जांच की सेवाओं को और सुदृढ़ किया जाए | इसके साथ ही चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक सहित एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं व समस्त स्टाफ को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का समय-समय संवेदीकरण और मूल्यांकन भी किया जाए ।
यह बातें शनिवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने कहीं । स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पॉप्युलेशन सर्विसेज़ ऑफ इंडिया (पीएसआई) के सहयोग से समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में पूरा ज़ोर इस बात पर दिया गया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (अर्बन पीएचसी) द्वारा प्रदान की जा रही शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य व ओपीडी की सेवाओं को और बेहतर करने की आवश्यकता है जिससे एमसीएच विंग को प्रोत्साहन मिल सके। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि प्रसव पूर्व देखभाल व जांच संबंधी सेवाओं को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। इसके लिए कई योजनाएं व कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं ताकि मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सके।
सीएमओ ने कहा कि कबीरचौरा के एमसीएच विंग में समस्त सुविधाएं पहले से ही मौजूद हैं और कार्यभार भी अधिक है। इसको कम करने के लिए नगर की समस्त 24 पीएचसी को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं जैसे- मातृत्व स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व देखभाल व जांच (एएनसी), उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की पहचान, गर्भवती का पंजीकरण, बच्चों व गर्भवती का नियमित टीकाकरण, परिवार कल्याण कार्यक्रम (अंतरा, छाया, कंडोम आदि) का विस्तार करना होगा। इसके लिए संबन्धित पीएचसी की समस्त एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं को पीएचसी में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। इससे वह सेवा प्रदाता को समय से सुविधा प्रदान करा सकें। इसके लिए पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक माह एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करें और कार्य प्रगति के बारे में भी चर्चा करें। इसके साथ ही सीएमओ ने हर माह की नौ तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस को लेकर अधिक प्रचार-प्रसार व जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया ।
सीएमओ ने कहा कि इन समस्त सेवाओं के साथ इसकी रिपोर्टिंग करना बेहद आवश्यक है जो कि आरसीएच पोर्टल पर होती है। सीएमओ ने ज़ोर दिया कि समय से रिपोर्टिंग करते रहें, क्योंकि यह पोर्टल केंद्रीय स्तर के साथ नीति आयोग को भी प्रदर्शित होता है। इसके साथ ही सीएमओ ने निर्देशित किया कि समस्त शहरी पीएचसी के स्टाफ का सुबह नौ बजे से लेकर शाम पाँच बजे तक रहना आवश्यक है। जहां दो डॉक्टर हैं उस शहरी पीएचसी पर सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक आवश्यक स्टाफ रहना अनिवार्य है। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ एके मौर्या ने उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) के प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर सीएमएस डॉ आरके सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके सिंह, डीपीएम संतोष कुमार सिंह, डॉ प्रीति यादव, डॉ रश्मि सिंह, मंडलीय शहरी समन्वयक मयंक राय, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक आशीष सिंह, पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, पीएसआई से कृति पाठक, अखिलेश, सुनीता, यूपीटीएसयू के जिला प्रतिनिधि एवं अन्य लोग मौजूद रहे।