रविवार, 3 जनवरी 2021

पत्रकार आशु का शव मिलने से

पत्रकार आशू की गला दबाकर की गई हत्या

कानपुर(दिल इंडिया)। कानपुर में एक बंद कार में अमर स्तंभ के युवा पत्रकार आशू यादव का शव मिला है। देखने से पता चलता है कि गला दबाकर हत्या की गई है। पत्रकार


का बीते 1 जनवरी को जन्मदिन था। वह 31 दिसंबर की रात घर से निकला था। कानपुर में जन्मदिन के दूसरे दिन अमर स्तंभ के युवा पत्रकार का शव उसकी ही कार में मिला। लावारिस हालत में कार दो दिनों सीटीआई नहर के पास खड़ी थी। स्थानीय लोगों ने लावारिस कार खड़ी होने की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार का गेट खोला, पीछे की सीट पर एक युवक का शव पड़ा हुआ था। डीआईजी प्रीतिंदर सिंह और फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल का की निरीक्षण किया है। युवक की गला घोंटकर हत्या की गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। 

घटना के सम्बंध में बताया गया है कि आशु की शादी 7 साल पहले गोरखपुर की ज्योति से हुई थी। आशू पत्नी ज्योति दो बच्चे रिया, शुभ और मां मालती के साथ रहता था। बीते 1 जनवरी को आशू जन्मदिन मनाने की तैयारी में था। उसने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को जन्मदिन की पार्टी में इनवाइट किया था। आशू की बहन शानू ने बताया कि आशू 31 दिसंबर की रात लगभग ढाई बजे बगैर बताए घर से निकला था। 1 जनवरी को उसका जन्मदिन था, हम लोग उसकी तैयारी में लगे थे। आशू दोपहर तक घर नहीं लौटा और उसका फोन भी स्विच ऑफ जा रहा था। उसका इंतजार करते-करते शाम हो गई। आशू जब घर नहीं लौटा तो मैंने उसकी रेलबाजार थाने में गुमशुदगी दर्ज थी। शनिवार को उसका शव बर्रा थाना क्षेत्र स्थित धमेंद्र नगर सीटीआई नहर के पास कार में मिला।

बहन का आरोप-पार्षद पति से हुआ था झगड़ा

बहन शानू का कहना है कि खपरा मोहाल में रहने वाले पार्षद के पति राजू सोनकर से आशू का झगड़ा हुआ था। उसने आशू के साथ मारपीट की थी। राजू सोनकर के बेटे अति सोनकर और सोंटू सोनकार ने आशू को धमकी दी थी। राजू सोनकर की पत्नी मधु पार्षद है। 

डीआईजी डॉ प्रीतिंदर सिंह के मुताबिक, पब्लिक का फोन आया था कि एक कार लावारिस हालत में खड़ी है। कार में एक स्टीकर लगा था, जिसमें मृतक का नाम और मोबाइल नंबर लिखा था। कार के अंदर आशू की डेट बॉडी मिली है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो पाएगी। जल्द ही पुलिस इस घटना का खुलासा करेगी।

ईश्वरदेव मिश्र एकादश की जीत में अमित का नाबाद अर्धशतक

मीडिया क्रिकेट में लालजी एकादश 8 विकेट से हारा

वाराणसी(दिल इंडिया)। मैन ऑफ द मैच अमित दत्ता (60 रन, तीन छक्के, सात चैके) के शानदार अर्धशतकीय प्रहार की मदद से गत चैंपियन ईश्वरदेव मिश्र एकादश ने लालजी एकादश को आठ विकेट से हराकर 33वीं कनिष्कदेव गोरावाला स्मृति मीडिया क्रिकेट में अपने अभियान का आगाज किया। प्रारंभ में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्री कौशल राज शर्मा ने दोनों टीमों से परिचय प्राप्त कर प्रतियोगिता के शुभारंभ की औपचारिकता पूरी की। शनिवार को सिगरा स्टेडियम में सुबह टॉस जीतकर पहले खेलते हुए लालजी एकादश की टीम ने 18.2 ओवरों में 109 रन बनाए। रविकर दुबे ने 5 चैके की मदद से 31, आर॰ संजय ने 15 और संदीप शुक्ल ने 14 रनों का अंशदान किया। रवि, विपिन सिंह और विकास गौड़ ने दो-दो विकेट चटकाए। अमित दत्ता, दीपक बिन्द और पुरुषोत्तम चतुर्वेदी को एक-एक कामयाबी हाथ लगी।

जवाब में 110 रनों के विजय लक्ष्य को ईश्वरदेव मिश्र एकादश 7.2 ओवर में दो विकेट खोकर हासिल किया। अमित दत्ता ने 24 गेंदों पर तीन छक्के और 7 चैके की मदद से नाबाद 60 रन बनाए। विकास गौड़ 13 रन बनाकर नाबाद लौटे। रविकर दुबे को दोनों कामयाबी हाथ लगी। आर॰पी॰ गुप्ता और अनिल अस्थाना ने अंपायरिंग और नंदकिशोर यादव ने स्कोरिंग की। प्रारंभ में काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष राजनाथ तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। संघ के महामंत्री मनोज श्रीवास्तव ने आगतों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। समस्त कार्यक्रम का संचालन खेल आयोजन समिति के संयोजक रोहित चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय क्रीड़ा 

अधिकारी आर॰पी॰ सिंह, नगर निगम के उपसभापति नरसिंह बाबा, संघ के कोषाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, क्लब के अध्यक्ष चंदन रूपानी, मंत्री पंकज त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष शंकर चतुर्वेदी, संघ के पूर्व अध्यक्ष सुभाषचन्द्र सिंह, बी॰ बी॰ यादव, पूर्व महामंत्री राजेन्द्र रंगप्पा, डा॰ अत्रि भारद्वाज, रामात्मा श्रीवास्तव, शुभाकर दुबे, संदीप गुप्ता, सुनील शुक्ला, शैलेश चैरसिया, विनय शंकर सिंह, अजीत सिंह बग्गा, पुनीत जायसवाल, गौरव कपूर, अनिल कुमार जायसवाल, डॉ. एस.के. पाठक, डॉ. सुनील, डॉ. अर्जुन, किशोरचंद गोरावाला समेत मीडिया, चिकित्सा, खेल एवं समाज सेवा क्षेत्र से जुड़े शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।



रविवार को यहां गर्दे एकादश का सामना विद्या भास्कर एकादश से हो रहा है।

शनिवार, 2 जनवरी 2021

बनारस के जिलाधिकारी ने किया मीडिया क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन





पत्रकारिता केवल रिपोर्टिंग ही नहीं बल्कि बड़ी क्रिएटिविटी भी: शर्मा

वाराणसी (दिल इंडिया)। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शनिवार को सिगरा स्थित डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में 33 वें कनिष्क देव गोरावाला मीडिया क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घघाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया।

डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि खेल स्वास्थ्य को ठीक रखने के साथ-साथ दैनिक दिनचर्या के तनाव को दूर करने का साधन भी है। कोरोना काल का जिक्र करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि गुजरा हुआ साल कोरोना के कारण बहुत ही कष्टकारी रहा। उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि विगत बुरे समय की स्मृतियों को भूलकर खुशियों का और तनाव को दूर करने का एक कारण आपने खेल के रूप में ढ़ूंढ़ा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता केवल रिपोर्टिंग ही नहीं होती है बल्कि बहुत बड़ी क्रिएटिविटी होती है। विचारों को एक आकार देकर लिखने की जो कला है वो सबमें नहीं होती है और क्रिएटिविटी के लिए जरूरी है कि दिमाग बिल्कुल तनाव मुक्त रहे। कोरोना के कारण बहुत से पत्रकार बन्धु व उनके परिवार के लोग भी कष्ट सहे और नुकसान उठाये वे लोग भी यहां आयें और तनावमुक्त वातावरण में सभी मिल-जुलकर जीवन की गाड़ी को पटरी पर लायें।

        जिलाधिकारी ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि नया साल आपके और आपके परिवारजनों के लिए अच्छा गुजरे, अच्छे अच्छे कार्य काशी में हों और उसकी जानकारी जनता तक पहुंचायें।अपनी लेखनी के माध्यम से काशी की पत्रकारिता को नयी ऊंचाइयों तक ले जायें।

बूटा सिंह का निधन, हर तरफ शाेक

पूर्व केन्द्रीय मंत्री व बिहार के पूर्व राज्यपाल भी थे सिंह

वाराणसी(दिल इंडिया)। पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा ने आज दिल्ली में अंतिम सांस ली। बूटा सिंह सिख समुदाय के बड़े नेताके अलावा बूटा सिंह बिहार के पूर्व राज्यपाल भी थे। कांग्रेस के साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया। 86 वर्षीय बूटा सिंह का अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा। बूटा सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आठ बार सांसद रहे बूटा सिंह का राजनीतिक जीवन भी  खासा महत्वपूर्ण था। वर्ष 1934 जालंधर जिले में जन्में बूटा सिंह राष्ट्रीय राजनीति के एक बड़े चेहरे के रूप में विख्यात थे। बूटा सिंह गांधी परिवार के विश्वासपात्र के तौर पर जाने जाते थे। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। सरदार बूटा सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति कमीशन के चेयरमैन के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाई थी। 

वो राजीव गांधी की सरकार में साल 1986 से 1989 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे। इससे पहले राजीव गांधी की सरकार में ही 1984 से 1986 तक कृषि मंत्री का पदभार संभाला था। इसके अलावा बूटा सिंह 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे थे। 2007 से 2010 तक मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह एक अनुभवी नेता और कुशल प्रशासक थे। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने गरीबों और समाज में हाशिये पर चले गए लोगों के लिए आवाज उठाई। पीएम ने कहा कि वे उनके निधन से दुखी हैं और उनकी संवेदना बूटा सिंह के परिवार के साथ है। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बूटा सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सरदार बूटा सिंह के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए  समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों के मैं साथ खड़ा हूॅ। उनके निधन से देश दुनिया भर में उन्हें मानने वालों में शोक है।

बनारसियों ने नये साल के पहले रोज़ की खूब मस्ती

वी विश यू ए हैप्पी न्यू ईयर...

वाराणसी(दिल इंडिया)। कोरोना महामारी और अन्य यादों के साथ 2020 बीत चुका है। 2021का देश दुनिया के तमाम लोगों से इतर बनारसियों ने ज़ोरदार स्वागत किया। नये साल के पहली सुबह चर्चेज से लेकर धर्म की नगरी काशी के देवालयों तक में लोगों का मजमा नज़र आया। सेंट मेरीज़ महागिरजा में बिशप यूज़ीन जोसेफ की अगुवाई में  फादर विजय शांतिराज ने आराधना करायी तो सीएनआई चर्च रामकटोरा में पादरी आदित्य कुमार, सेंट पॉल चर्च सिगरा में पादरी सैम जोशुआ सिंह, चर्च ऑफ बनारस में पास्टर बेनजान, लालचर्च में पादरी संजय दान, सेंट बेटल फुल गॉस्पल चर्च में पास्टर एंड्रू थामस, विजेता प्रेयर मिनिस्ट्रीज में पास्टर अजय कुमार, सेंट जांस महरौली में फादर हेनरी, सेंट जांस लेढूपुर में फादर सुसाई राज, यीशु माता चर्च शिवपुर में फादर रोज़लीन राजा ने नववर्ष पर आराधना करायी और लोगों की भलाई व पेरोपकार के लिए प्रभु यीशु से प्रार्थना की। सेंट जोसफ चर्च लोहता, फातेमा चर्च मवैया, सेंट फ्रांसिस आफ असीसी चर्च में भी नववर्ष पर प्रभु यीशु का धन्यवाद दिया। चर्चेज़ में गीत, वी विश यूं ए हैप्पी न्यू ईयर... गूंज उठा।

उधर साल का पहला जुमा भी था इसलिए मसिजद में नमाज़ियों से भरी हुई थी। सभी ने कोरोना से छुटकारे की जहाँ दुआएं मांगी वहीं मंदि‍रों में प्रार्थना के साथ ही गंगा घाट पर भी कोरोना काल के बाद पहली बार देखने लायक भीड़ उमड़ी।सारनाथ स्‍थि‍त पुरातत्विक महत्व के बौद्ध मंदिरों में भी पिकनिक मानाने वालों का जमावड़ा लगा रहा। बाबा विश्वनाथ, काल भैरव, संकटमोचन, बड़ा गणेश, दुर्गाकुंड, बटुक भैरव, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर सहित समस्त देवालयों में बनारस और आस पास के श्रद्धालुओं का हुजुम नव वर्ष की तमाम मनोकामना लिए पहुँचा हुआ था। इस दौरान बनारसी कोरोना से बेख़ौफ़ दिखाई दिए और गंगा घाट और गंगा के उस पार मस्ती में डूबे नज़र आये। वाराणसी और आस पास के जनपदों के लोग नव वर्ष का सेलीब्रेशन करने वाराणसी के गंगा तट पर पहुंचे हुए थे। राजघाट से दशाश्वमेध घाट और वहां से अस्सी घाट तक सैलानियों की कतार दिखाई दे रही थी। गंगा में नाव भी खूब चल रही थी। इसके अलावा गंगा उसपार रेती पर पिकनिक मानाने वालों का जमावड़ा लगा हुआ था। भीड़ इतनी ही थी की कई बार जाम की स्थिति उतपन्न हो गयी।  इसके अलावा लोग सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में भी नए साल का जश्न मानाने के लिए पहुँच रहे थे। लोगों ने नए वर्ष की मस्ती में कोरोना गाइडलाइन्स की सारनाथ में जमकर धज्जियां उड़ाई और पुरातत्विक खंडहर परिसर में पिकनिक मानाने पहुंचे। कुछ समय के लिए यहां भी जाम की स्थिति रही। यहां पहुंचे लोगों ने दुर्व्‍यवस्‍थाओं को लेकर अपनी शि‍कायत भी दर्ज करायी।

शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

फिज़ा में गूंजा हैप्पी न्यू ईयर


नववर्ष 2021 का ज़ोरदार स्वागत

गिरजाघरो में हुई विशेष आराधना सभा, गूंजे गीत, घाटो पर आरती

वाराणसी (दिल इंडिया)। जैसे ही घड़ी की सुई ने रात 12 बजे का निशान बनाया चर्चेज़ के घंटे एक साथ गूंज उठे, फिज़ा में चारो हैप्पी न्यू ईयर...की गूंज बुलंदी पर थी।  नववर्ष की आगवानी व पुराने साल को अलविदा कहने के लिए वर्ष 2020 की अंतिम रात्रि सेंट मेरीज़ महागिरजा समेत तमाम चर्चो में प्रार्थना सभा का आयेजन किया गया। घड़ी की सुई ने जैसे ही 12 बजे का निशान बनाया फिज़ा में ... हैप्पी न्यू ईयर, 2021 गूंज उठा। शहर के गिरजाघर व चर्च सजधज कर पहले से ही तैयार थे। इस दौरान केक काटे गये और कैरोल सिंगिंग की गूंज फ़िजा में बुलंद हो उठी। इस दौरान गिरजाघर ही नहीं समूचा शहर नये साल के स्वागत में जुटा हुआ था। शहर भर में घरों व कालोनियों में लोगों ने खूब धमाल किया। जगह जगह नये साल की होण्डिग लगाई गई थी लोगों ने कई जगह सड़को पर हैप्पी न्यू ईयर लिख दिया था। शाम से देर रात्रि तक बुके, फूल और चाकलेट व गिफ्ट की खूब धूम थी।



शहर के गिरजाघरो में शाम से ही आराधना शुरु हो गई। वहीं गंगा घाटो पर आरती हुई'। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर बुराईयों का प्रतीक पुतला भी जलाया गया। सेंट मेरीज़ महागिरजा में बिशप यूज़ीन जोसेफ ने फादर विजय शांतिराज के संचालान में आराधना करायी तो सीएनआई चर्च रामकटोरा में पादरी आदित्य कुमार, सेंट पॉल चर्च सिगरा में पादरी सैम जोशुआ सिंह, चर्च ऑफ बनारस में पास्टर बेनजान, लालचर्च में पादरी संजय दान, सेंट बेटल फुल गॉस्पल चर्च में पास्टर एंड्रू थामस, विजेता प्रेयर मिनिस्ट्रीज में पास्टर अजय कुमार, सेंट जांस महरौली में फादर हेनरी, सेंट जांस लेढूपुर में फादर सुसाई राज, यीशु माता चर्च शिवपुर में फादर रोज़लीन राजा ने नववर्ष पर आराधना करायी और लोगों की भलाई व पेरोपकार के लिए प्रभु यीशु से प्रार्थना की। सेंट जोसफ चर्च लोहता, फातेमा चर्च मवैया, सेंट फ्रांसिस आफ असीसी चर्च में भी नववर्ष का ज़ोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर डेयर संस्था के बच्चो ने भी खूब धमाल किया। समाचार लिखे जाने तक हैप्पी न्यू ईयर की जहाँ गूंज सुनाई दे रही थी वहीं दूसरी ओर मैसेज का आदान प्रदान सोशल मीडिया पर अपने शबाब पर था।

मंडलायुक्त वाराणसी के पूर्व पीए मो. कलीम नहीं रहें

 जुमे बाद होंगे सुपर्दे-खाक

वाराणसी(दिल इंडिया)। मंडलायुक्त वाराणसी के पूर्व पीए व चौहट्टालाल खाँ के प्रतिष्ठित नागरिक हाजी मोहम्मद कलीम का आज उनके आवास पर इंतेकाल हो गया। वो अपने पीछे बीबी बच्चों का भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनकी उम्र तकरीबन 67 वर्ष थी। उनके इंतेकाल की खबर जैसे ही उनके दोस्तों, अज़ीजो और रिश्ते-नातेदारों तक पुहंची लोगों का हुजूम उनके दौलतखाने पर जुट गया। इस दौरान ऐलान किया गया हैं कि मरहूम हाजी मो. कलीम को जुमे की नमाज़ के बाद सरेया स्थित आबाई कब्रिस्तान में सुपुर्दें-खाक किया जायेगा।

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...