मंगलवार, 22 दिसंबर 2020

ऋषिकेश की तरह बनारस में भी गंगा पर जल्द बनेगा लक्ष्मण झूला

गांग पार से जोड़ा जाएगा विश्वनाथ धाम

वाराणसी(दिल इंडिया)। ऋषिकेश की तरह बनारस में भी गंगा पर जल्द लक्ष्मण झूला बनेगा। यह झूला एक पाथवे के रूप में गंगापार से काशी विश्वनाथ धाम को जोड़ेगा। धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में फिलहाल ललिता घाट के पास से प्रवेशद्वार तैयार किया जा रहा है। गंगा के एक छोर पर स्थित खिड़किया घाट और दूसरे छोर पर स्थित अस्सी घाट से नाव के जरिए लोग ललिताघाट तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा घाटों से पैदल भी यहां तक आया जा सकता है। धर्मार्थ कार्य विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भी सौंपा है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद झूला के डीपीआर पर काम शुरू होगा। यह कॉरिडोर में प्रवेश के लिए दूसरा विकल्प बनेगा।

जून के बाद गंगा में बाढ़ के दौरान नौकाओं का संचालन बाधित रहता है। इसलिए धाम में जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसको देखते हुए धर्मार्थ कार्य विभाग ने निर्णय लिया है कि गंगा पार पड़ाव या डोमरी से सीधे ललिताघाट तक लक्ष्मण झूला की तर्ज पर एक पाथवे का निर्माण कराया जाए। धर्मार्थ कार्य मंत्री ने बताया कि इसके लिए विदेशों से भी मॉडल लाया जाएगा, ताकि स्थानीयता के आधार पर पाथवे की डिजाइन बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

गंगा उस पार में पड़ाव और डोमरी के बीच रोड कनेक्टिविटी और पार्किंग के लिए जमीन की तलाश भी शुरू हो गई है। धर्मार्थ कार्य मंत्री ने इस संबंध में प्रशासन से आसपास की जमीनों का ब्योरा लिया है। वह जल्द ही बैठक कर निर्णय लेंगे। अधिकारियों के मुताबिक झूले को इस तरह डिजाइन किया जाएगा ताकि जल परिवहन के दौरान जहाजों के या क्रूज के आवागमन में कोई दिक्कत ना आए। झूले की ऊंचाई को लगभग राजघाट और सामने घाटपुल के समानांतर रखी जाएगी। इसके लिए निजी कंसलटेंट की मदद ली जाएगी।



मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ अभियान

गाज़ीपुर में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम

गाजीपुर(हिमांशु राय/दिल इंडिया) राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में ‘मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ अभियान



का शुभारंभ सोमवार को जिला अस्पताल के सभागार में मुख्य अतिथि सदर विधायक डॉ संगीता बलवंत एवं विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने फाइलेरिया की दवा खाकर किया। इस मौके पर विधायक ने फाइलेरिया के खात्मे के लिए जनपदवासियों से आगे बढ़कर इसकी दवा खाने की अपील की।

जिलाधिकारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम फाइलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए है । इसलिए उन्होने जनपदवासियों अपील की कि वह आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा दी जा रही दवा को खाने में समर्थन करें । यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है । उन्होंने बताया कि इस दवा को कोई भी व्यक्ति खाली पेट न खाएं बल्कि खाना खाने के बाद ही इस दवा का सेवन करें। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने प्रचार प्रसार के लिए विभागीय अधिकारियों, सभी ग्राम प्रधानों और जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भी अपील की । उन्होंने प्रत्येक चौराहे पर कार्यक्रम से संबंधित प्रचार-प्रसार सामाग्री लगाए जाने का भी निर्देश दिया।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए माइक्रोप्लान बना लिया गया है और इसके अनुसार इस अभियान का शुभारंभ किया गया है। जनपद में 35,96,055 जनसंख्या को फाइलेरिया दवा खिलाये जाने के लिए लक्षित किया गया है । दवा खिलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लिए 3360 एवं शहरी क्षेत्र के लिए 104 टीम बनाई गई हैं । इन सभी टीमों के सुपरविजन के लिए 632 टीमें काम करेंगी। इसके अलावा जनपद स्तर पर एक और ब्लॉक स्तर पर 16 टीम रैपिड एक्शन के लिए बनाई गई हैं जो इस पूरे कार्यक्रम के सफलता के लिए कार्य करेंगी ।

उन्होंने बताया कि आशा, आंगनबाड़ी व अन्य वालंटियर द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी। एक टीम एक दिन में 25 घरों का दौरा कर लक्षित समूह को दवा अपने सामने खिलाएगी। यह दवा सभी लोगों को भोजन करने के बाद दिन में 11 बजे से 5 बजे के बीच खिलाई जाएगी । इसमें डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियां भी दी जाएगी। 2 से 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली व एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली व 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। यह दवा दो वर्ष से से कम बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को नहीं खिलाई जानी है । 

डॉ. सिन्हा ने बताया कि दवा खिलाने का यह कार्य टीकाकरण दिवस को छोड़कर सप्ताह में चार दिन चलेगा। इस दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने कार्य क्षेत्र में जहां भी दवा खिलाने जाएंगी रास्ते में पड़ने वाले विद्यालयों के छात्रों को भी दवा खिलाएंगी। उन्होंने बताया कि दवा खाने के बाद यदि किसी को बुखार और चक्कर आ रहा है तो ऐसे लोगों में फाइलेरिया परजीवी का लक्षण हो सकता है। उन्हें डरने की नहीं बल्कि अपना इलाज कराने की जरूरत है। वह तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच व इलाज कराएं । 

कार्यक्रम में प्रभारी सीएमओ डॉक्टर के के वर्मा, प्रभारी सीएमएस डॉ मृत्युंजय सिंह, एसीएमओ डॉ उमेश कुमार ,डॉ राजेश सिंह, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ ईशान का

सोमवार, 21 दिसंबर 2020

शाम 7 बजे ही हो जायेगा प्रभु यीथु का जन्म

क्रिसमस पर बदलेगी परम्परा

वाराणसी(दिल इंडिया)। कोरोना महामारी का असर पर्व और त्योहारों पर भी खूब पड़ा है। क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भी इससे बच नहीं सका है। यही वजह है कि इस बार प्रभु यीशु के जन्म का समय भी बदलना पड़ गया है। 24 दिसंबर की मध्यरात्रि को प्रभु यीशु के जन्म के जन्म का जश्न हर साल वाराणसी के महागिरजा में शुरु होता था मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते प्रभु यीशु के जन्म का समय भी बदलना पड़ा है। 
उक्त जानकारी पत्रकारों को देते हुए वाराणसी धर्मप्रांत के अध्यक्ष बिशप यूजीन जोसेफ ने कहा कि इस बार मध्यरात्रि की आराधना शाम 7बजे कर दी गई है ताकि सरकार की गाईड लाईन का पालन हो सके और हम सब रात्रि 9 बजे तक क्रिसमस की आराधना पूरी करके अपने अपने घर पहुँच जाये। बिशप ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के चलते ही तीन दिन तक चलने वाला क्रिसमस मेला भी स्थगित कर दिया गया है। बिशप यूज़ीन ने पत्रकारों से कहा कि क्रिसमस का समय केारोना के खात्मे के लिए प्रार्थना का सबसे अच्छा टाइम होगा।इसालिए क्रिसमस पर वाराणसी धर्मप्रांत के सभी जिलों में कोरोना से खात्मे के लिए प्रार्थना होगी।




अकादमी लायंस ने जीता खिताब

अपरेश हलदार स्मृति फुटबाल प्रतियोगिता

अकादमी लायंस ने अकादमी वारियर्स को 1-0 से हराया

प्रयागराज। अकादमी लायंस ने अकादमी वारियर्स को 1-0 से हराकर अपरेश हलदार स्मृति फुटबाल प्रतियोगिता के खिताब पर कब्ज़ा जमाया। एबीआईसी मैदान पर खेले गए ख़िताबी मुकाबले में 32 वें मिनट में विपक्षी खिलाड़ी के फ़ाउल करने पर लायंस को पेनाल्टी मिली जिसे कप्तान सुरेंद्र कुमार ने गोल में बदल दिया।

 कार्यक्रम के अतिथियों एनटीपीसी के डीजीएम अजय रौतेला एवं एजीएम सचिन व्यास, डॉ. रामेन्दू रॉय और मक़बूल अहमद ने खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। इस मौके पर अकादमी के अभिषेक यादव को बेस्ट स्कोरर तथा आयुष मध्यान को बेस्ट गोलकीपर का पुरस्कार दिया गया। अकादमी के प्रशिक्षु सीमेंस, पवन शर्मा और गौरव मौर्य को इस वर्ष जनवरी में यूपी की ओर से संतोष ट्रॉफी खेलने पर सम्मानित किया गया। वहीं टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन करने पर अबुजर खान, रजनीश पटेल, उत्कर्ष कांत श्रीवास्तव को विशेष पुरस्कार से नवाजा गया। अकादमी के सचिव बिप्लब् घोष ने धन्यवाद ज्ञापित एवं मुख्य प्रशिक्षक शादाब रज़ा ने कार्यक्रम संचालन किया।



इस मौके पर राजेश कुमार अरोड़ा, मानस हलदार, संजीव चंदा, अशोक पांडेय अंतू, रतन लाल, फखरुद्दीन, अकरम खान, अस्करी अब्बास, पीके देव, रविन्द्र मिश्र, डॉ. भास्कर शुक्ला, प्रेम भूटानी, जगमोहन गुप्ता, मोहन कनोजिया आदि उपस्थित रहे।

रविवार, 20 दिसंबर 2020

जश्ने गौस़े आज़म में हुई तकरीर, चला लंगर


गौसे आज़म की जिन्दगी तमाम परेशानियों का हल  

वाराणसी(दिल इंडिया)। हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह गौसे पाक की ज़िन्दगी दुनिया के लिए मिसाल है। उन्होंने दुनिया को मेहनत, सच्चाई और नबी की तालीम पर चलने का रास्ता दिखाया। अगर हमे नबी के रास्ते पर चलना है तो वो रास्ता गौसे आज़म का रास्ता हैं। अगर हम गौसे पाक के रास्ते पर चलेंगे तो दुनिया की तमाम परेशानियों और बुराईयों से बच जायेंगे। कुछ ऐसी ही तकरीर जश्ने गौसुल वरा के दौरान राईन गार्डेन, कतुआपुरा में हुई। कार्यक्रम संयोजक इमरान अहमद राईन ने आये हुए लोगों का खैरमखदम किया। आयोजन सोशल डिस्टेंसिग के साथ हुआ जिसमें उलेमा ने देश दुनिया की खुशहाली की जहाँ दुआ मांगी वहीं कोरोना के खात्मे के लिए भी दुआ में लोगों ने हाथ उठाया। इस दौरान हुजूर गौसे आज़म का लंगर चला जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने तबर्रूक चखा। इस मौके पर मौलाना हाफिज़ शफी अहमद, मौलाना कमालुदीन, मौ. जाहिद, हाफिज़ नसीम अहमद बशीरी, जिशान अहमद, गुडडू, हाजी शाह आलम, ताज


बनारसी, हशमतुल्लाह राजू, एसएम ख़ुर्शीद, हाजी रमजान, हाजी रफीक आदि मौजूद थे। सलाम कारी शाहबुददीन ने पढ़ाया।

शनिवार, 19 दिसंबर 2020

प्रदेश में मानवाधिकार पर हमले बढ़े

सुभाषिनी अली ने सरकार पर बोला हमला



वाराणसी(दिल इंडिया)। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी वाराणसी और सत्यनारायण सिंह स्मृति ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पराड़कर स्मृति भवन में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए सीपीआईएम पोलितब्यूरो सदस्य एवं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा कि देश और उत्तर प्रदेश में मानवाधिकारों पर खुला और बर्बर हमला इसलिए हो रहा है क्योंकि आज जो भारतीय जनता पार्टी शासन कर रही है उसने और उसके मार्ग निर्देशक संगठन आर एस एस ने कभी भी भारत के संविधान को मन से नहीं माना । इनका वसूल मनुस्मृति के आधार पर देश और समाज चलाने का है न कि भारत के संविधान के आधार पर। उत्तर प्रदेश में योगी जी के आने के बाद मानवाधिकारों पर हमले बहुत ही तेजी के साथ बढ़े हैं ।उन्होंने पिछले 3 सालों में उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार के उल्लंघन की घटनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हाथरस से लेकर शब्बीरपुर और बुलंदशहर, मुरादाबाद उन्नाव की महिलाओं और  दलित बच्चियों के साथ हुए बर्बर अत्याचार और बलात्कार तथा योगी सरकार का बलात्कारियों के संरक्षण का रुख यह स्पष्ट करता है कि प्रदेश की सरकार पूरी तरह से मानवाधिकार विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने संविधान की रक्षा करना है मानवाधिकारों को बचाना है तो हम सबको मिलकर के इस तानाशाही और मनुवादी सरकार से लड़ना होगा और साथ ही अपने अंदर  के मनुवाद को भी हमें बाहर करना पड़ेगा उन्होंने कहा कि बनारस के लोग बहुत ही दृढ़ संकल्प के होते हैं और अब उन्हें यह ठान लेना चाहिए कि वाराणसी से बीजेपी और आरएसएस की  को पराजित करने के लिए पूरी ताकत से एकजुट होना है।

सेमिनार को संबोधित करते हुए सीपीआईएम के राज्य सचिव डॉ हीरालाल यादव ने का सत्यनारायण सिंह के संघर्षों उनके समर्पित व्यक्तित्व को याद करते हैं कहा कि 1967 में उन्होंने सीपीआईएम के उम्मीदवार के रूप में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से कामयाबी हासिल की थी। वे अनुकरणीय एवं प्रेरित करने वाली सादगी सरलता निर्भीकता और समर्पण के धनी थे। आज  सत्यनारायण सिंह की विचारधारा और उनकी हिम्मत तथा समर्पण के साथ हमें काम करना होगा तभी मानवाधिकारों पर हो रहे हमलों को रोका जा सकता है। 

वाराणसी के समाजवादी चिंतक विजय नारायण ने कहा कि वह सत्य नारायण सिंह को अपना राजनीतिक आदर्श मानते हैं और  इस समय जब मानवता के समक्ष बड़ी चुनौतियां खड़ी है सत्यनारायण सिंह जैसे नेतृत्व की बनारस ,प्रदेश  और देश में है अत्यंत जरूरत है। प्रोफेसर मोहम्मद आरिफ़ ने कहा कि आज मानवता के अस्तित्व को बचाने का प्रश्न खड़ा हो गया है ऐसी परिस्थिति में सभी को मिलकर तानाशाही ताकतों से लड़कर उसे पराजित करना जरूरी हो गया है। जनवादी लेखक संघ के डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने भी गोष्ठी को संबोधित किया। गोष्ठी से पहले सत्यनारायण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि देने वालों में वक्ताओं के अलावा पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, राकेश पाठक, दिग्विजय सिंह, सुरेंद्र यादव, विजय कुमार, इरफान बेग, संजीव सिंह, गुलाबचंद, नारायण चटर्जी ,देवाशीष आदि प्रमुख थे। सेमिनार की अध्यक्षता  शिवनाथ यादव और संचालन  नंदलाल पटेल ने किया ।अंत में कामरेड सत्य नारायण सिंह के साथी 80 वर्षीय डॉक्टर नूर उल हक को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।

डाक विभाग द्वारा विशेष अभियान

एक दिन में किया 4000 का आधार नामांकन व अपडेशन

वाराणसी (दिल इंडिया)। डाक विभाग द्वारा नया आधार कार्ड बनवाने या फिर उसमे संशोधन कराने के लिए वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में 19 दिसम्बर, दिन शनिवार को विशेष अभियान चलाया गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस अभियान के दौरान एक दिन में ही लगभग चार हजार लोगों का आधार नामांकन और अपडेशन किया गया। यह अभियान वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व बलिया के 129 डाकघरों में चला, जिसे लोगों ने भरपूर सराहा। लोगों की भीड़ के चलते अधिकतर डाकघरों में देर शाम तक आधार का कार्य हुआ, ताकि लोगों को निराश न लौटना पड़े। कई डाकघर जहाँ पर ज्यादा लम्बी कतार थी और किन्हीं कारणोंवश किसी का आधार नामांकन या संशोधन का कार्य नहीं हो सका, उनका अगले कार्य दिवस में प्राथमिकता के आधार पर आधार का कार्य किया जाएगा।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पोस्ट ऑफिस में आधार सेवाओं का लाभ कोई भी ले सकता है। वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक लगभग 5 लाख से ज्यादा लोगों का आधार नामांकन व संशोधन किया जा चुका है। अकेले कोरोना महामारी के दौरान 1 लाख 80 हज़ार लोगों का आधार नामांकन व संशोधन किया गया हैI



पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में नया आधार पूर्णतया नि:शुल्क बनाया जाता है।  डेमोग्राफिक संशोधन (नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता, मोबाइल व ईमेल) हेतु ₹50/- और बायोमेट्रिक संशोधन (फिंगरप्रिंट, आईरिस व फोटो) हेतु ₹100/- शुल्क देना होता हैI यह अभियान वाराणसी के 46, गाजीपुर के 19, जौनपुर के 27, बलिया के 22, भदोही के 5 व चंदौली जनपद के 10 डाकघरों में चला।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...