शनिवार, 28 जून 2025

2 Mahe Muharram: मस्जिदों में उलेमा ने किया कर्बला का जिक्र

दूसरी मोहर्रम को शिवपुर से निकला दुलदुल का जुलूस
 

Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live)। मोहर्रम की दो तारीख को भी शिया अजाखानो में मजलिसों और मातम का जहां दौर अपने शबाब पर रहा वहीं दूसरी ओर सुन्नी मस्जिदों में जिक्रे शहीदाने कर्बला का आयोजन देर रात तक चलता रहा। पठानी टोला, कोयला बाजार, बडी बाजार, अर्दली बाजार, नई सडक, लल्लापुरा, शिवाला, गौरीगंज, बजरडीहा, नवाबगंज, रेवडीतालाब, मदनपुरा आदि इलाकों की मस्जिदों में उलेमा ने कर्बला का जिक्र किया। उधर शिवपुर में अंजुमन पंजतनी के तत्वावधान में अलम व दुलदुल का जुलूस देर रात उठाया गया। जुलूस में अंजुमन पंजतन, अंजुमन इमामियां अर्दली बाजार समेत कई अंजुमनों ने शिरकत किया। जुलूस विभिन्न रास्तों से होकर वापस इमामबाडे पहुंच कर समाप्त हुआ। उधर भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के मकान पर कदीमी मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें अंजुमन हैदरी ने नौहाख्वानी व मातम का नजराना पेश किया। 


ऐतिहासिक अलम व दुलदुल का कदीमी जुलूस औसानगंज नवाब की ड्योढ़ी से इतवार की सायं 5 बजे उठाया जायेगा। अंजुमन जव्वादिया जुलूस के साथ-साथ रहेगी। वहीं शिवाला स्थित आलीम हुसैन रिजवी के निवास से भी एक जुलूस उठाया जायेगा, जो हरिश्चन्द्र घाट के पास कुम्हार के इमामबाड़े पर समाप्त होगा। तीन मोहर्रम को ही रामनगर में बारीगढ़ी स्थित सगीर साहब के मकान से अलम का जुलूस उठाया जायेगा।

BREAKING News: जानिए कौन बना RAW चीफ

कौन हैं पराग जैन, जानिए नए RAW चीफ के बारे में 

भारत की बाह्य खुफिया एजेंसी को मिला नया नेतृत्व

Delhi (dil India live). भारत की बाह्य खुफिया एजेंसी RAW को नया चीफ मिल गया है। जी हां वो है IPS पराग जैन। अब देश की सबसे गोपनीय एजेंसी RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के पराग जैन नए प्रमुख बनाए गए हैं। पराग जैन 1989 बैच के पंजाब कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नियुक्ति समिति (ACC) ने उनकी नियुक्ति को मंज़ूरी दी है। पराग जैन इससे पहले RAW में कई रणनीतिक पदों पर अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं। खुफिया तंत्र, सीमा पार गतिविधियों और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में गहरी पकड़।

ऐसे वक्त में जब भारत की सुरक्षा नीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। अब पराग जैन भारतीय बाह्य खुफिया समुदाय के सुपर बॉस बनाएं गये हैं। RAW चीफ का कार्यकाल दो साल का होता है, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया भी जा सकता है।

शुक्रवार, 27 जून 2025

1 Muharram Barish के बीच निकला दुलदुल का Julus

पहली मोहर्रम पर सदर इमामबाड़े में लब्बैक या हुसैन..की गूंजी सदाएं




सरफराज अहमद 

Varanasi (dil India live). Mahe Muharram की पहली तारीख एक मोहर्रम 1447 हिजरी शुक्रवार को गम ए हुसैन के सिलसिले का पहला जुलूस अलम और दुलदुल का सदर इमामबाड़े में बरसात के बीच निकाला गया। जुलूस के संयोजक हाजी फरमान हैदर ने बताया कि जुलूस में शहर भर से बच्चे, जवान, बुजुर्ग, जियारत, नौहाख्वानी व मातम के लिए ऊबड़ खाबड़ रास्तों को तय करते हुए , बारिश की परवाह न करते हुए सदर इमामबाड़े पहुंचे। सज्जाद अली गुज्जन मुतवल्ली, तथा शामिल रिज़वी के ज़ेरे निगरानी जुलूस आगे बढ़ा। राहिब अली तबलीगी ने मजलिस को खिताब किया। 

इस अवसर पर कई अंजुमनों ने सामूहिक रूप से नोहख्वानी और मातम किया। इसमें अंजुमन सज्जादिया, अंजुमन आबिदीया, अंजुमन हुसैनिया, अंजुमन नसीरूल मोमिनीन, अंजुमन हाशिमिया, अंजुमन सदाये अब्बास ने नौहाख्वानी और मातम किया।ज्जाद अली और अतश बनारसी ने कलाम भी पेश किए। इस अवसर पर जाफर इमाम, फैजी नकवी, अलमदार हुसैन , शब्बीर हुसैन, के अलावा दोषीपुरा, पठानी टोला, कच्ची बाग आदि क्षेत्र के मोमिनीन, रिजवान अलमदार, वगैरा शामिल रहे। फरमान हैदर ने सोझख्वानी की । इस अवसर पर ईरान के समर्थन में तथा अमरीका और इजराइल के विरोध में नारे भी बुलंद हुए। लब्बैक या हुसैन की सदाओं से फिजा गूंजती रही। इस अवसर पे श्री हैदर ने बताया कि २ मोहर्रम को शिवपुर में अंजुमन पंजीतानी के जेरे इंतजाम दुलदुल और अलम का कदीमी जुलूस उठाया जाएगा जिसमें बनारस के अलावा दूसरे शहर की अंजुमने भी हिस्सा लेंगी।

Varanasi k police Commissioner मोहित अग्रवाल का फिल्मी स्टाइल में गोपनीय निरीक्षण

अतिक्रमण करने वालों व लापरवाह पुलिस को किया चिन्हित

 कठोर कार्यवाही के दिये निर्देश


Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल ने शहर की यातायात व्यवस्था व अतिक्रमण की वास्तविक स्थिति के मूल्यांकन के लिए फिल्मी स्टाइल में गोपनीय रूप से शहर क्षेत्र का बरसात के बीच हाथों में छाता लिए न सिर्फ भ्रमण व निरीक्षण किया बल्कि कड़ी कार्रवाई भी की।

इस दौरान मार्ग पर अतिक्रमण कर यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे 50 दुकानदारों/ ठेले/खुमचे को चिन्हित कर फोटोग्राफी करा कर सूची बनायी गयी और उसे सम्बन्धित थाना प्रभारी को एफआईआर पंजीकृत कर कठोर विधिक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। इस निरीक्षण में अतिक्रमण पाये गये 10 चिन्हित स्थानों पर नियुक्त बीट आरक्षियों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने के लिए संबंधित डीसीपी को निर्देश दिये।


इस दौरान police Commissioner मोहित अग्रवाल ने कहा कि पुलिस 3600 कार्ययोजना के तहत कार्य करेगी, यातायात-व्यवस्था में सुधार और अतिक्रमण हटाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जायेगी। 


गौरतलब हो कि 27-06-2025 को पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा शहर क्षेत्र में यातायात व्यवस्था व अतिक्रमण की वास्तविक स्थिति का जायजा लेने शहर के विभिन्न प्रमुख चौराहों/बाजारों/ धार्मिक स्थलों व व्यस्त मार्गों का स्थलीय भ्रमण कर व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति का मूल्याकंन आम इंसान की तरह किया। निरीक्षण के दौरान विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण व पुलिसकर्मियों की शिथिलता व लापरवाही सामने आयी, जिन्हें चिन्हित कर सम्बन्धित को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। इस दौरान गोपनीय निरीक्षण के दौरान अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय) शिवहरि मीणा भी police Commissioner मोहित अग्रवाल के साथ मौजूद थे।





कांग्रेस का आरोप: Samajwadi party ने नहीं निभाया गठबंधन धर्म

भाजपा सपा में सांठगांठ का कांग्रेस ने लगाया आरोप


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). पूर्व पार्षद एवं महानगर कांग्रेस कमेटी, वाराणसी के उपाध्यक्ष रमज़ान अली तथा वार्ड-95 काजी सादुल्ला पुरा की पार्षद फरज़ाना ने संयुक्त बयान जारी करके सपा भाजपा में अंदरुनी सांठगांठ का आरोप लगाया है। दोनों ने कहा है कि नगर निगम वाराणसी में सपा-कांग्रेस गठबंधन के अंतर्गत पूर्व में कार्यकारिणी चुनाव में दोनों दलों ने मिलकर सपा के दो सदस्यों को निर्वाचित कराया था। इस बार कांग्रेस का एक सदस्य सेवानिवृत्त हुआ था और गठबंधन के अनुसार कार्यकारिणी में कांग्रेस का एक सदस्य नामित होना तय था।

लेकिन सपा ने गठबंधन धर्म का उल्लंघन करते हुए भाजपा के साथ सांठगांठ कर अपने दल के एक सदस्य को कार्यकारिणी में भेज दिया। इससे कांग्रेस को उसका वैध प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका।

कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा में भी असंतोष होने के कारण वह चुनाव प्रक्रिया से बचना चाहती थी। सपा और भाजपा की मिलीभगत से नियमों की अवहेलना करते हुए समय सीमा के बाद जबरन कांग्रेस प्रत्याशी से नाम वापसी करवाई गई, जो न केवल असंवैधानिक है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के भी विरुद्ध है। कांग्रेस इस घटनाक्रम की तीव्र निंदा करती है और इसे जनादेश व गठबंधन की भावना के साथ विश्वासघात मानती है।

DAV PG College Varanasi की छवि धूमिल करने का आरोप, पीएमओ में दिया पत्रक

BHU वीसी/रजिस्ट्रार को भी दिया पत्रक, छात्रनेताओं पर करवाई की मांग


Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). वाराणसी शहर की ख्यातिलब्ध शिक्षण संस्था DAV PG College (डीएवी पीजी कॉलेज) की छवि को अवांछनीय तत्वों एवं भूमाफियाओं द्वारा लगातार सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से मिथ्यारोप लगाकर धूमिल करने का आरोप लगाकर कॉलेज प्रबंधन सहित महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारियों ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्रक दिया। महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह एवं कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल के नेतृत्व में प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के दल ने पहले पीएम जनसंपर्क कार्यालय में शहर दक्षिणी के विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रेषित पत्रक सौंप आरोपियों पर कारवाई की मांग की।


इसके बाद प्रतिनिधिमंडल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति एवं कुलसचिव को भी पत्रक सौंप तथाकथित छात्रनेताओं की आपराधिक पृष्ठभूमि सहित सीडीआर एवं कॉल लोकेशन की जाँच कराए जाने की मांग की, ताकि साजिशकर्ताओं के एक बड़े रैकेट का खुलासा हो सके और पर्दे के पीछे से इस साजिश को हवा देने वाला मुख्य साजिशकर्ता भी बेनकाब हो सके।


इस मौके पर महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि विगत कुछ माह से महाविद्यालय की बेशकीमती जमीन पर नजर गड़ाए बैठे भूमाफियाओं एवं अपराधियों द्वारा अनर्गल एवं मिथ्यारोपों के जरिये कॉलेज की श्रेष्ठ अकादमिक छवि को खराब करने का निरंतर प्रयास जारी है, इसके अलावा कॉलेज में चल रही नियुक्ति प्रकिया को भी बाधित करने के उद्देश्य से छात्रनेताओं की आड़ में कुत्सित प्रयास चल रहा है। प्रबंधक ने अपने ऊपर लगाए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि 2005 से आजतक उनका एक भी रिश्तेदार कॉलेज में नौकरी नही करता है, इसकी जाँच कराई जा सकती है। 

उन्होंने यह भी कहा कि नियुक्ति में अनैतिक दबाव को ना सहने के कारण ही उनके पिता स्व.पीएन सिंह यादव की निर्मम हत्या तथाकथित इन्ही समूहों द्वारा की गई थी, वहीं लोग आज भी पुनः सक्रिय होकर उसी प्रयास में लगे हुए है। 

इनकी रही खास मौजूदगी 


प्रतिनिधिमंडल में डीएवी इंटर कॉलेज प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष हरिबंश सिंह, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल, उपाचार्य प्रो. राहुल, चीफ प्रॉक्टर डॉ. संजय सिंह, प्रो. सतीश कुमार सिंह, प्रशासनिक अधिकारी कुँवर शशांक शेखर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ.संजय कुमार सिंह सहित 50 से अधिक प्राध्यापक एवं कर्मचारी शामिल रहे।

गुरुवार, 26 जून 2025

Mahe Muharram 2025: Chand के दीदार संग इस्लामी नये साल का आगाज़

मस्जिदों में शहादतनामा तो अजाखानों में शुरू हुई मजलिस-ए-इस्तेक़बालिया

शिया ख़्वातीन ने तोड़ी चूड़ियां, हटाया साजो श्रृंगार, पहना काला लिवास


सरफराज अहमद / मो. रिज़वान 
Varanasi (dil India live). 29 जिलहिज्जा को चांद का दीदार हो गया। चांद देखे जाने के साथ ही इस्लामी नये साल माहे मोहर्रम का आगाज़ हो गया। चांद देखे जाने की पुष्टि ‘काजी-ए-शहर’ समेत तमाम चांद कमेटी के ऐलान से हुई। अपने ऐलान में कहा गया कि आज (27 जून) को मोहर्रम का चांद दिखाई दिया है। इसलिए मुहर्रम की 01 तारीख 28 जून को होगी और यौमे आशूरा 6 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। उधर चांद के दीदार संग शिया अजाखाने सजा दिए गए। मजलिसे इस्तेकबालिया बनारस, जौनपुर, लखनऊ, मऊ, आजमगढ, बलिया, गोरखपुर व गाजीपुर आदि शहरों में शुरू हो गई।





दरअसल मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक साल का पहला महीना है। इसी महीने के साथ इस्लामिक नए साल की शुरुआत होती है। वैसे तो ये एक महीना है लेकिन इस महीने में मुसलमान खास तौर पर शिया मुसलमान पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन समेत कर्बला में शहीद हुए 72 वीरों की शहादत का गम मनाते हैं। सन 61 हिजरी (680 ईस्वी) में इराक के कर्बला में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन को उनके 72 साथियों के साथ यजीदी सेना ने शहीद कर दिया था। मुहर्रम में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का शिया मुस्लिम गम मनाते हैं। मातम करते हैं।  

इस दौरान सुन्नी मस्जिदों में एक से दस मुहर्रम तक सुन्नी मुसलमान शहादतनामा पढते हैं’ तकरीर होती है तो शिया मुसलमान इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र करते हैं। उनका गम मनाने के लिए मजलिसें करते हैं। मजलिसों में इमाम हुसैन की शहादत बयान की जाती है। मजलिस में तकरीर (स्पीच) करने के लिए ईरान से भी इंडिया में आलिम (धर्मगुरू) आते हैं और जिस इंसानियत के पैगाम के लिए इमाम हुसैन ने शहादत दी थी उसके बारे में लोगों को विस्तार से बताया जाता है। उधर लोगों ने एक दूसरे को इस्लामिक नये साल की मुबारकबाद दी। सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक और व्हाट्स एप पर इस्लामी हिजरी नये साल की मुबारकबाद लोग अपने अजीजों से शेयर कर रहे थे।

शहर भर में हुई इस्तकबाले की मजलिसे

आज मोहर्रम के चांद की तस्दीक होते ही हर तरफ फिजा गमगीन हो गई। या हुसैन या हुसैन...की सदाएं फिजा में गूंजने लगी। हर तरफ इस्तकबाले अज़ा की मजलिसे हुईं व इमामबाड़ों में शमा रोशन किया गया और शरबत पर कर्बला के शहीदों की नजर हुई। शहर भर की 28 अंजुमनों ने नोहा और मातम का आगाज़ किया।

शिया जमा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने तकरीर करते हुए कहा कि यह वह महीना है कि जिसमें इमाम हुसैन ने अपने 71 साथियों के साथ इंसानियत को बचाने के लिए कुर्बानी पेश की। बताया कि लाखों की तादाद में मुसलमान और गैर मुसलमान हजरात भी इमाम हुसैन का गम मानते हैं, शहर भर में पहली मोहर्रम से लेकर 13वीं मोहरम तक लगातार जुलूस उठते हैं और सैकड़ो की तादाद में मजलिसे होती हैं। जिसमें खवातीन भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। इस सिलसिले से पहला जुलूस कल शाम ठीक 4:00 बजे उठाया जाएगा जो कैंपस में नोहाख्वानी और मातम के साथ समाप्त होगा। हैदर ने बताया की बनारस शहर में कई जगह रास्तों की परेशानियां हैं और प्रशासन से अपील की जाती है कि वह रास्तों की दुश्वारियां को दूर कराएं और सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। 

इंसानियत के लिए मिसाल है शहादत-ए-हुसैन

इस्लाम की तारीख में मुहर्रम बड़े ही अकीदत, एहतेराम के साथ मनाया जाता है। इंसानियत के लिए शहादत-ए-हुसैन एक मिसाल है। मुहर्रम का चांद दिखाई देने के बाद मर्सियाखान सैयद नबील हैदर ने इस्तेक़बाले अजा की मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि मुहर्रम पर 2 महीना 8 दिन ग़म मनाया जाता है। यही नहीं पूरे दो माह 8 दिन शिया समुदाय के लोग किसी भी खुशी में शरीक नहीं होते। चांद दिखाई देने से आज ही से इमाम बारगाह, अजाखानो, घरों में मजलिसों का सिलसिला शुरू हो गया। 

नबील ने कहा कि इमाम हुसैन ने जो इन्सानियत की राह दिखाई है ,वही हक पर चलने की नेक राह है। इमाम हुसैन ने जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाने का पैगाम दिया, हुसैन ने जालिम खलीफा का साथ नहीं दिया । इसीलिए आपको अपने 72 साथियों के साथ इतनी बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी, लेकिन यही कुर्बानी दीन को बचा ले गई, और उसी कुर्बानी की वजह से इंसानियत दुनिया में अभी भी जिंदा है। इमाम हुसैन का बलिदान सत्य, न्याय, धार्मिकता महान प्रेरणा है। उनका बलिदान अन्याय के खिलाफ लड़ने और सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए एक शक्तिशाली संदेश है।