मंगलवार, 24 मई 2022

Aman का पैगाम देती हजरत सैयद याकुब शहीद की दरगाह

बनारस में मनाया जा रहा है हज़रत याकुब शहीद का उर्स


Varanasi (dil India live)। हजरत सैयद याकूब शहीद रहमतुल्लाह अलैह का आज सालाना उर्स मनाया जा रहा है। सोमवार की रात में बाबा का गुसल हुआ। गुसल के बाद उर्स शुरू हो गया। आज बाबा के दर सुबह से ही अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा हुआ है। कुरानख्वानी, फातेहा के साथ ही बाबा को चादरें चढ़ाने व मन्नत मुराद मांगने का दौर समाचार लिखे जाने तक जारी था।

हजरत सैयद याकुब शहीद

नगवां इलाके में मौजूद हजरत सैयद याकुब शहीद रहमतुल्लाह अलैह का आस्ताना हिंदू और मुस्लिम ही नहीं बल्कि सभी मजहब की अकीदत का मरकज़ है। यही वजह है कि यहां सभी हाजिरी लगाते हैं। 

बात 11वीं सदी की है। जब दुनिया के कई मुल्कों से होते हुए आप बनारस तशरीफ लाए, आपके साथ हज़रत अल्वी शहीद भी बनारस आए, आपको यह शहर इतना भाया कि आप यहीं के होकर रह गए। तवारीख देखी जाए तो बादशाह महमूद गजनवी के समय में कई सूफी संत बनारस आए और उन्होंने लोगों को खुदा और एकेश्वरवाद का पैगाम दिया। इसी सिलसिले में हजरत याकूब भी बनारस आए थे। उन्होंने दीन की तहरीर की बनारस के नगवां इलाके में कुटिया बनाकर रहने लगे। मस्जिद याकुब शहीद के इमामे जुमा हाफ़िज़ ताहिर की मानें तो उस दौर में हज़रत के पास लोगों का हुजूम उमड़ता था। उनके करिश्मों की चर्चा दूर तक थी। हज़रत ने जब पर्दा किया तो उनके मुरीदों ने उन्हें वहीं सुपुर्दे खाक किया। जहां हज़रत नमाज अदा किया करते थे वहीं एक शानदार मस्जिद याकुब शहीद भी आबाद है।

रविवार, 22 मई 2022

Ghazi miya ki shadi: मेले में उमड़े जायरीन, देर रात आयेगी बारात

दो साल बाद लगा मेला तो उमड़े लोग




Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। बड़ी बाजार स्थित सैयद सालार मसूद गाजी मियां की दरगाह पर दो वर्ष बाद मेले का आयोजन हुआ। दरगाह में बारात आज देर रात आयेगी। इस बारात में हिंदू और मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को हर साल मिलती है। दो साल से कोविड-19 के चलते दरगाह कमेटी ने मेले का आयोजन रद्द कर दिया था। मेले में पूर्वांचल भर से हजारों अकीदतमंद शामिल होते हैं। गद्दीनशीं हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने बताया कि मेले की मान्यता है कि जिस किसी भी जायरीन की मुराद पूरी होती है, वो इस मेले में आकर चादर, मलीदा वगैरह चढ़ाते हैं।  

उन्होंने बताया कि रात को 11 बजे बारात आएगी। इसके बाद हर साल की तरह आंधी-तूफान के बाद शादी को टाल दिया जाता है। मेले में पूरे पूर्वांचल भर से लोग आते हैं। कोरोना काल के चलते मेले में दो साल बाद गाजी मियां के दर पर दोनों मज़हब का जमावड़ा है, इससे लोगों में बहुत हर्ष है।

मना हज़रत अल्वी शहीद का उर्स

हज़रत अल्वी शहीद रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स भी सालारपुर में मनाया गया। इस दौरान लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था। जो गाजी मियां को चादर चढ़ाने आया वो हज़रत अल्वी शहीद के दर पर भी हाजिरी लगाता दिखा। हज़रत अल्वी शहीद पहुंचे हुए वली है। बादशाह महमूद गजनवी के दौर में वो हिन्दुस्तान दीन की तहरीर करने आए थे। उन्होंने बड़ी बाजार बनारस को अपना मरकज़ बनाया। हज़रत अल्वी शहीद के नाम पर ही उस इलाके का नाम अलईपुरा पड़ा।

जन अधिकारों के प्रति सचेत रह कर ही हम मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे : वल्लभाचार्य पाण्डेय

प्रेम, भाईचारा और सौहार्द्र की गौरवशाली परम्परा का देश है भारत : डा . मोहम्मद आरिफ

दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ 


Varanasi (dil India live)। सामाजिक संस्था 'आशा ट्रस्ट' के तत्वावधान में  भंदहा कला स्थित प्रशिक्षण केंद्र पर दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर शनिवार को प्रारम्भ हुआ. शिविर में पूर्वांचल के 5 जिलों से लगभग 35 प्रतिभागी सम्मिलित हैं।

प्रशिक्षण शिविर के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए वरिष्ठ गांधीवादी विचारक एवं इतिहासकार डा. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि भारत आपसी प्रेम, भाईचारा और सौहार्द्र की गौरवशाली परम्परा का देश है,  हमे अपनी संस्कृति और परम्पराओं पर गर्व करते हुए उन्हें संजोये रखने की जरूरत है,  इस पवित्र विरासत को बचाए रखना हमारे अस्तित्व का प्रश्न है.  सह अस्तित्व की यह भावना जो हमारी राष्ट्रीय धरोहर है, को बनाये रखना है तो हमे ऐसी ताकतों से भी होशियार रहना होगा जो अपने निहित स्वार्थ में समाज को जाति,  धर्म, भाषा और लिंग के आधार पर विभाजित करना चाहती हैं। आशा ट्रस्ट के समन्वयक बल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा  विभिन्न जन अधिकारों के प्रति आम जनता को सचेत रह करके ही हम मजबूत और जागरूक देश का निर्माण कर सकेंगे, हमे इन अधिकारों का व्यापक जन हित में प्रचार प्रसार करना चाहिये।

द्वितीय सत्र में जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वयक सदस्य अरविन्द मूर्ति ने कहा कि असंगठित खेत्र अथवा भवन निर्माण में लगे मजदूरो, खेती किसानी  के कार्य में लगे भूमिहीन किसान व खेतिहर मजदूरों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली अति आवश्यक है वर्तमान दौर में कार्पोरेट घरानों के दबाव में इस व्यवस्था पर अस्तित्व का संकट आसन्न है, हमे इसे मजबूत करने के लिए तत्पर होना इसके लिए खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में को संशोधित करने की भी आवश्यकता होगी।

शिविर के आयोजन में प्रदीप सिंह,  महेद्र राठोर, सूरज पाण्डेय, सतीश चौहान, हौशिला यादव आदि की प्रमुख भूमिका रही।

शुक्रवार, 20 मई 2022

राज्यपाल बोलीं शिक्षा के आंगन में सर्वाइकल कैंसर पर हो चर्चा

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन आवश्यक : राज्यपाल

  • कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए अच्छी शिक्षा व बेहतर स्वास्थ्य की है अहम भूमिका
  • वाराणसी में हुई एचपीवी वैक्सीनेशन की हुई शुरुआत, राज्यपाल ने छात्राओं से लिया हालचाल
  • मंडलायुक्त सभागार में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग
  •  कॉर्नर बनाकर छात्र-छात्राओं को किया जाए जागरूक, अभिभावक भी करें प्रतिभाग




Varanasi (dil India live) "30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर यानि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाने के लिए 9 से 14 साल और 15 से 26 साल की बालिकाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) इंजेक्शन अनिवार्य रूप से लगवाना चाहिये।" यह कहना है राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का। राज्यपाल शुक्रवार को मंडलायुक्त सभागार में आयोजित सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग व वैक्सीनेशन के शुभारंभ पर जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं।

राज्यपाल ने प्रशासन व विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि सर्वाइकल कैंसर एक चिंता का विषय है। कैंसर से ग्रसित महिलाओं में स्तन व सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित महिलाओं की संख्या क्रमशः सर्वाधिक है। इसकी रोकथाम व नियंत्रण के लिए एचपीवी इंजेक्शन के बारे में जानकारी और जागरूकता भी होनी चाहिए। इसकी जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग, स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से गाँव-गाँव तक सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानकारी दें। साथ ही इसके बचाव के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में जन जागरूकता व स्क्रीनिंग कैंप समय –समय पर लगाएं। 

राज्यपाल ने मंडलायुक्त सभागार परिसर में जिले में एचपीवी वैक्सीनेशन का शुभारंभ फीता काटकर किया। शुक्रवार को करीब 250 बालिकाओं ने एचपीवी की पहला टीका लगाया गया। इसके पश्चात राज्यपाल ने टीकाकरण करवा चुकीं छात्राओं से बातचीत की। राज्यपाल की उपस्थिती में अर्पिता सोनकर (14), शानवी पाठक (14), जानवी सिंह (14), वैभवी सिंह (14), कशिश आनन (16) और अंकिता सिंह (18) को एचपीवी का टीका लगाया गया। इस दौरान राज्यपाल ने छात्राओं से समय से अगली डोज़ लगवाने के लिए कहा। इसके पश्चात राज्यपाल ने अपने उद्भोदन में कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी जनपद में शुक्रवार से एचपीवी वैक्सीनेशन का शुभारंभ हो चुका है। इससे पहले प्रदेश की राजधानी के राजभवन में सभी अधिकारियों की बच्चियों का एचपीवी वैक्सीनेशन कराया गया था। वाराणसी के पड़ोस के जिलों में भी सर्वाइकल कैंसर से बचाव का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रदेश में इसकी शुरुआत के लिए केंद्र स्तर पर यह विषय उठाया गया था। आईसीएमआर से भी इसके बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनशन की शुरुआत की गयी। 

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि पड़ोस के जिलों में 50 छात्रों को जेल में भ्रमण के लिए ले जाया गया। वहाँ हर एक बंदी के बारे में छात्राओं ने उनसे सम्पूर्ण जानकारी ली। ऐसे में देखा गया कि गलत कार्य और दहेज, बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं के लिए वह सजा काट रहे हैं। इसको दूर करने के लिए बच्चों को इसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। जीवन में हर विषय पर जानकारी व जागरूक होना कभी नुकसान नहीं करता बल्कि जीवन के पथ को और सुगम बनाता है। 

राज्यपाल ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर पर जागरूकता के लिए जूनियर व प्राइमरी स्कूलों, माध्यमिक स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में आधा घंटे तक चर्चा होनी चाहिए। बच्चों और उनके अभिभावकों से भी अपील की है कि 30 साल से ऊपर की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए नियमित जांच करवाएं। स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में एक कॉर्नर बनाया जाए, जिसमें लक्षण, कारण, निदान और उपचार के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके। इसके लिए विश्व विद्यालयों के कुलपतियों, विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को इस विषय पर ज्यादा से ज्यादा जोर देने की जरूरत है। इन्हीं के माध्यम से घर-घर तक सर्वाइकल कैंसर से बचाव और वैक्सीनेशन पर जागरूक किया जा सकता है। इसके साथ ही एक मुहिम चलाई जाए जिससे जिले में एक दिन में अधिक से अधिक 300 बच्चियों को एचपीवी का टीका लगाया जा सके। अंत में राज्यपाल ने जनमानस से अपील की है कि जागरूक रहिए। कैंसर से बचिए। टीबी (क्षय रोग) से बचिए। गलत कार्य करने से बचिए। सर्वांगीण विकास के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य होना बेहद आवश्यक है जिस पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। 

इस मौके पर बीएचयू के कुलपति सुधीर जैन ने कहा कि राज्यपाल की इस पहल से जिले में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग व जागरूकता अभियान शुरू हुआ है। यह अभियान 30 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बेहद कारगर साबित होगा। इस मुहिम के बीएचयू के समस्त अधिकारी शत-प्रतिशत रूप से अपना सहयोग करेंगे। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि राज्यपाल की यह पहल देश के लोगों को स्वस्थ बनाए रखने में दूरगामी सोच को प्रदर्शित करता है। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए काशी विद्यापीठ विश्व विद्यालय परिवार इस नेक पहल में पुरजोर कोशिश करेगा। 

इस मौके पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ सत्यजीत प्रधान और लीड मेडिकल ऑफिसर डॉ रुचि पाठक ने प्रोजेक्ट ईशा और कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया गया कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के मार्गदर्शन व दिशा निर्देशन में होमी भाभा कैंसर अस्पताल के माध्यम से जिले भर में कैंसर स्क्रीनिंग और उपचार का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अगले साल जुलाई तक करीब ढाई लाख लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है। इस क्रम में अब तक एक लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। 

कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने राज्यपाल की इस नेक पहल के शुभारंभ के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। कहा कि जन सामान्य के स्वास्थ्य लाभ के लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों में राज्यपाल के निर्देशन में सर्वाइकल कैंसर से बचाव की मुहिम चलायी जा रही है। इसके सफलतापूर्वक संचालन के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, कुलपति, शिक्षक व आम जनमानस हर स्तर पर प्रयासरत है। जिलाधिकारी ने दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का आभार प्रकट करते हुये इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके साथ ही जिन बच्चों ने वैक्सीनेशन करवाया और उनके अभिभावकों, शिक्षकों और प्रधानाचार्य को प्रोत्साहित करते हुये इस मुहिम में जोड़े जाने का आव्हान किया। 

         इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी, स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक व स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने किया।

बुधवार, 18 मई 2022

Ghazi miya ki shadi : सुल्तान के सिपाही रहेंगे मुस्तैद

गाज़ी मियां का मेला २२ को, सुल्तान क्लब लगाएगा खास शिविर

Varanasi (dil India live)। ऐतिहासिक गाजी मियां की शादी की रस्में अब अंतिम दौर में आ चुकी है। हल्दी, पलंग पीढ़ी वह मेहंदी की रस्म के बाद रविवार को बारात निकाली जाएगी और शादी की रवायत दोहराई जाएगी। गाजी मियां की शादी के एक दिन पहले हज़रत अल्वी शहीद का भी उर्स मनाया जाता है। इसके चलते तीन दिन तक चलने वाला गाजी मियां का मेला शनिवार से शुरू हो जाएगा जो सोमवार को सम्पन्न होगा।


"सुल्तान क्लब" की ख़ास बैठक

सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" की एक आवश्यक बैठक रसूलपुरा स्थित कार्यालय में अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक की अध्यक्षता व महासचिव एच हसन नन्हें के संचालन में आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 22 मई, रविवार को विश्व प्रसिद्ध गाज़ी मियां के मेले के अवसर पर इस वर्ष भी सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" द्वारा बुनकर मार्केट बड़ी बाजर में दो दिवसीय चिकित्सा व भूले बिसरे सहायता शिविर का आयोजन किया जाएगा। मेले में सुल्तान क्लब के सिपाही मुस्तैद रहेंगे। शिविर में शहर के मशहूर चिकित्सक व गणमान्य लोगों की उपस्तिथि रहेगी। इस प्रकार के शिविर का आयोजन पिछले 27 वर्षों से संस्था करती आ रही है। इस मेले में सभी धर्मों के लोगों की मजूदगी रहती है।

        ज्ञात हो कि पिछले दो सालों से कोरोना महामारी (कोविड 19) के कारण, ऐतिहासिक मेले का आयोजन नहीं हो सका था, शिविर के अवसर पर कोरोना महामारी के पूर्ण निजात की दुआएं भी मांगी जाएगी। बैठक में डॉक्टर एहतेशामुल हक, अजय वर्मा, जावेद अख्तर, एच हसन नन्हें, मुख्तार अहमद, महबूब आलम, शमीम रियाज़, हाफिज मुनीर, अब्दुर्रहमान, नसीमुल हक, वफ़ा अंसारी इत्यादि थे।

शनिवार, 14 मई 2022

Bunkar sardar की कल होगी दस्तारबंदी

बुनकर तंजीम बाइसी के हाफिज मोईनुद्दीन बनेंगे नए सरदार



Varanasi (dil India live)। बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसवीं के नये सदर के सिर इतवार को दस्तार का ताज सजेगा। बाकराबाद बुनकर कालोनी स्थित हाजी सफीउर्रहमान के आवास पर  बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के नये सरदार की दस्तारबंदी को ले कर बाईसी काबीना के सारे सदस्यों की एक अहम मीटिंग में सभी सदस्यों ने गहन विचार विमर्श कर परम्परा के अनुसार आपस में रायशुमारी कर बाईसी तंज़ीम के नए सरदार के रूप में सर्वसम्मति से हाजी हाफिज मोईनुद्दीन उर्फ़ कल्लू हाफीज़ जी को पिछले दिनों चुना था। इतवार को उनकी दस्तारबंदी परम्परागत तरीके से पुरानापुल स्थित ईदगाह में शाम 5:00 होगी। 

पता हो कि पिछले वर्ष बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाइसवीं के सदर सरदार हाजी अब्दुल कलाम का इंतकाल हो गया था। उनके इंतेक़ाल के बाद तत्तकाल कार्यवाहक सरदार की नियुक्ति परम्परा के अनुसार हुयी जिसमें गुलाम मोहम्मद उर्फ़ दरोगा को कार्यवाहक सरदार बनाया गया था। 

पिछले दिनों बाईसी काबीना की मीटिंग बुलाई गयी इस मीटिंग में सभी ने सर्वसम्मति से बाईसी तंज़ीम के नए सदर सरदार हाजी हाफिज मोईनुद्दीन उर्फ़ कल्लू हाफीज़ जी को चुन कर सभी सदस्यों ने उनको  मुबारकबाद दी। इस मौके पर हाजी हाफिज  मोईनुद्दीन ने कहा की सरदार हाजी कलाम साहब मेरे बड़े भाई थे वो अचानक हम सब को छोड़ कर इस दुनिया से चले गए। उनकी जगह लेना बहुत मुश्किल है। बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के काबीना के सभी सम्मानित सदस्यों ने मुझे नए सरदार के रूप में चुना है। मै सभी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हु और सभी लोगो को भरोसा दिलाता हूं की बाईसी तंज़ीम के परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए समाज के सभी लोगो को एक साथ लेकर चलने की पूरी कोशिश करूँगा। मेरे सामने जो भी मसले आएंगे मैं उन मसलो के साथ इंसाफ करूँगा। मै दिन रात मेहनत कर अपने समाज की भलाई के लिए काम करूँगा। मीटिंग में मौजूद कार्यवाहक सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ़ दरोग़ा, हाजी बाबू, मौलाना शकील अहमद, हाजी नसीर, हाजी यासीन माइको, हांजी अनवार, हाजी मो. स्वालेह, पार्षद गुलशन अली, अफरोज अंसारी, हाजी मुग़ल, हाजी महबूब, हाजी सफीउर्रहमान, हाजी मुमताज़, हाजी इश्तियाक, हाजी हाजी मोईनुद्दीन, मोबिन अंसारी, मो0 हारून, हाजी छोटक, हांजी मतिउल्लाह, सरदार नसीर, सरदार साबिर सहित कई लोग मौजूद थेI शुक्रिया हाजी ओकास अंसारी ने कहा।

Bharat ने सदैव किया जनभावना का सम्मान : योगी

डीएवी कॉलेज के प्रयास की सीएम ने की सराहना




Varanasi (dil India live)। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। काशी आज पूरे देश का नेतृत्व कर रहा है, यहाँ के लोगो ने यहाँ से सांसद नही प्रधानमंत्री चुन कर भेजा है। उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएवी पीजी कॉलेज में आजादी के अमृत महोत्सव पर समर्पित चौरी - चौरा शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित चौरी - चौरा : अपराजेय समर के नाट्य दृश्यांकन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी जो भी आया कुछ लेकर ही लौटा है, यहाँ से कोई खाली हाथ नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में जनभावना का सम्मान सदैव सर्वोपरि रहा है, चौरी- चौरा की घटना उसी जनभावना का परिचायक है। चौरी चौरा की लड़ाई सामान्य मानव, ग्रामीण समाज ने स्वयं लड़ी। यह अत्यंत गौरव का विषय है कि चौरी चौरा पर पहला नाट्य मंचन उस जगह हो रहा है जिसका संबंध मदन मोहन मालवीय जी से है। मालवीय जी ने ही इस घटना का मुकदमा लड़ा और ना जाने कितनो को फाँसी के फंदे पर झूलने से बचाया। आज उन्ही के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अंग डीएवी पीजी कॉलेज ने इसका मंचन कराया, जो अभिनन्दन के पात्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। काशी में बना काशी विश्वनाथ धाम अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहयोग किया है। धाम से समाज को कितना लाभ हुआ, समाज के अंतिम स्तर तक कार्यकरने वाले के जीवन स्तर में कोई भी बदलाव आया कि नही यह जानना  ओर समाज को उससे अवगत कराने का शोध कार्य भी डीएवी पीजी कॉलेज कार्य है। अंत मे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगामी 25 वर्ष भारत के लिए अमृत वर्ष के रूप में होंगे, जिसमे एक नए भारत का उत्थान पूरी दुनिया देखेगी।

स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने कहा कि  अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीयों को बड़ी त्रासदियाँ दी है, उसकी एक बानगी मात्र है चौरी चौरा की घटना, हम उसका स्मरण कर आजादी के सभी नायकों को नमन कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा महाविद्यालय प्रधानमंत्री के विजन डिजिटल लर्निग पर मजबूती से काम कर रहे है।

नाट्य मंचन देख भावुक नजर आए योगी- इंडोर स्टेडियम में आयोजित नाट्य मंचन के दौरान पूरे समय तक मौजुद रहे, इस दौरान नाट्य दृश्यों को देखकर कई बार वे भावुक भी नजर आए। 

चौरी चौरा विद्रोह देख सबकी ऑखें हुई नम

गोरखपुर के चौरा गॉव में ब्रिटिश हुकूमत के जुल्म के खिलाफ 04 फरवरी, सन् 1922 को ग्रामीणों के विद्रोह ने अंग्रेजी सरकार की चूले हिला दी। भगवान अहीर और नजर अली के नेतृत्व में सैकड़ो युवाओं ने जिस प्रकार पुलिसिया दमन का विरोध किया वह अंग्रेजो को भारतीय समाज की शक्ति का एहसास कराने के लिए काफी रही। गांधी जी के आह्वाहन पर युवाओं ने दमन की परवाह किये बगैर अंग्रेजों के पिठ्ठू बने सरदार संत बख्श सिंह, दारोगा गुप्तेश्वर सिंह जैसे जालिमों के अन्याय के विरूद्ध ना सिर्फ आवाज उठाई बल्कि समाज के सामान्य नागरिकों के क्रोध की अभिव्यक्ति को प्रकट करते हुए चौरी चौरा विद्रोह का इतिहास रचा।

यह दृश्य शुक्रवार को डीएवी पीजी कॉलेज में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अन्तर्गत आयोजित चौरी -चौराः अपराजेय समर के नाट्य दृश्यांकन में सजीव हो उठा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गरिमामयी उपस्थिति में महाविद्यालय के इतिहास विभाग के छात्र - छात्राओं द्वारा मंचित इस नाट्य को देखकर महर्षि दयानन्द इण्डोर स्टेडियम में उपस्थित दर्शकों की ऑखें नम हो गयी। 100 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित इस घटनाक्रम को लम्बे समय तक राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम का हिस्सा ही नही माना गया, बाद में यह घटना इतिहास में चौरी चौरा विद्रोह के रूप विख्यात हुई। नाट्य निर्देशन रंगकर्मी व्योमेश शुक्ल ने किया।

इससे पूर्व चौरी चौरा शताब्दी समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्रा, प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह, रेक्टर प्रो. वी.के. शुक्ला, प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव ने दीप प्रज्ज्वलन एवं मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर मार्ल्यापण से किया। मुख्यमंत्री का स्वागत डॉ. सत्यदेव सिंह ने स्मृति चिन्ह, उत्तरीय एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया।

इनकी रही उपस्थिति 

इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रो. विजय बहादुर सिंह, प्रो. जी.सी.आर. जायसवाल, प्रो. बिन्दा परांजपे, पद्मश्री पं. शिवनाथ मिश्रा, डॉ. उषा किरण सिंह, सभाजीत सिंह, प्रियंकदेव सिंह, डॉ. विनोद कुमार चौधरी सहित शिक्षा जगत के गणमान्य जन, प्रशासनिक अधिकारी एवं समस्त अध्यापक तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। संचालन डॉ. समीर कुमार पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा ने दिया।

प्रभा के अमृत महोत्सव विशेषांक का हुआ विमोचन - आयोजन में महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका प्रभा के अमृत महोत्सव विशेषांक का विमोचन भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया।

देश दुनिया में एक ही गूंज Happy Christmas, Merry Christmas

चर्चेज़ में कैरोल सिंगर्स ने पेश किया गीत...तेरा हो अभिषेक अमन के राज कुमार चर्च से लेकर कालोनियों तक में जश्न का माहौल, केक का हुआ आदान-प्र...