गुरुवार, 25 नवंबर 2021

परिवार नियोजन के संसाधनों की आनलाइन भी पूरी होगी डिमांड

आपरेटर व फार्मासिस्ट को दिया गया प्रशिक्षण


Himanshu Rai

गाजीपुर, 25 नवम्बर (dil india live)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में गुरुवार को परिवार नियोजन के अंतर्गत स्थायी एवं अस्थायी संसाधनों की ऑनलाइन मांग को लेकर ऑपरेटर और फार्मासिस्ट का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह प्रशिक्षण का शुभारंभ किया । प्रशिक्षण यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ (डीएफ़पीएस) ने दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा परिवार नियोजन के लिए कई तरह के संसाधन नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराए जाते हैं जिसक़ा पहले मैनुअल रख-रखाव किया जाता था। लेकिन डिजिटलीकरण को देखते हुये सरकार द्वारा एफपीएलएमआईएस पोर्टल लांच की शुरुआत की गई । इस पोर्टल की मदद से परिवार नियोजन के संसधनों की मांग में आसानी व पारदर्शिता आई है। इसके साथ ही समय-समय पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के साथ ही खुशहाल परिवार दिवस व अन्य कार्यक्रम चलाये जाते हैं जिसमें कंडोम ,माला एन, अंतरा, छाया, प्रेगनेंसी किट, कापर टी आदि संसाधन पोर्टल पर की जा रही मांग के अनुसार ही प्रदान किए जाते हैं। एसीएमओ डा. के के वर्मा ने बताया कि इस पोर्टल को चलाने के लिए ऑपरेटर और फार्मासिस्ट को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जा सके। इसका सत्यापन या पुनः सत्यापन, केंद्रीय स्तर या फिर राज्य स्तर के द्वारा पोर्टल के माध्यम से ही कर सकती है कि किस ब्लॉक में कितने परिवार नियोजन के संसाधन मौजूद हैं और किन ब्लाक में इसकी आवश्यकता है?

मोहम्दाबाद स्वास्थ्य केंद्र के ऑपरेटर कृष्णा ने बताया कि इस पोर्टल पर फीडिंग हो जाने से पहले की अपेक्षा अब संसाधनों के रखरखाव व वितरण में काफी सहूलियत मिलेगी वहीं फार्मासिस्ट मकसूद अंसारी ने बताया कि इस पोर्टल के आ जाने से उनके ब्लॉक में जरूरत के हिसाब से आवंटन भी मिलना शुरू हो जाएगा

मांगों के समर्थन में संविदाकर्मियों ने जताया विरोध

 


ग़ाज़ीपुर, 25 नवम्बर(dil india live)। एनएचएम संविदा कर्मचारी जो अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन करने का मन बनाया है। जिसके तहत 10 ,11 व 12 नवंबर को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन देने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने के कारण  राघवेंद्र शेखर सिंह जिलाध्यक्ष के आवाहन पर उनके नेतृत्व में आज 25 नवंबर को काला फीता बांधकर सांकेतिक विरोध किया गया । जिला अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने बताया कि यदि उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नही हुई तो 26 नवंबर को 01 घंटे का कार्य बहिष्कार, 27 नवंबर को संविदा कर्मचारियों द्वारा ताली और थाली बजाकर विरोध दर्ज कसाया जायेगा।ऐसे ही 29 नवंबर को संख्या बल के साथ मिशन निदेशक कार्यालय लखनऊ का घेराव करना शामिल है। जिसको लेकर 29 नवंबर तक मांगे पूरी नहीं की गई तो 30 नवंबर से प्रदेश के समस्त जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ विभाग की समस्त प्रकार की सेवाओं को बंद किया जाना आंदोलन में शामिल है। इसी को लेकर गुरुवार को जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह के अगुवाई में पूरे जनपद के संविदा कर्मियों ने काला फीता बाधकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अनिल कुमार शर्मा, अजहर खान, राधेश्याम यादव, हिमांशु सिंह ,संदीप पाल, राजेश कुमार ,प्रतिभा विश्वकर्मा, मिथिलेश कुमार प्रजापति, अरशद जमाल ,आशुतोष कुमार सिंह, रवि सिंह, सुनील कुमार व अन्य लोग शामिल रहे।

बुधवार, 24 नवंबर 2021

इस क्रिसमस पर नया आकार ले रहा है गिरजाघर

 142 साल बाद लाल गिरजा में फिर आया निखार

  • 1879 में ब्रिटिश पादरी ने बनवाया था लाल गिरजाघर






वाराणसी (dil india live)। छावनी स्थित मसीही समुदाय की आस्था का केन्द्र सीएनआई लाल गिरजाघर को 142 साल बाद निखार आया है। समूचा चर्च नया आकार ले चुका है। क्रिसमस आते-आते समूचे चर्च का रंग-रुप पूरी तरह से बदल चुका होगा। कोरोना काल में दो साल तक क्रिसमस का जश्न नहीं मना था मगर इस दौरान सबसे खास यह हुआ कि प्राचीन चर्च के पुन: निर्माण की शुरुआत फरवरी में कर दी गई थी। चर्च के सेक्रेटरी विजय दयाल बताते हैं कि क्रिसमस तक पूरी काम हो जायेगा। अब तक तकरीबन 40 लाख रुपये चर्च निर्माण में खर्च किये जा चुके हैं। दिन रात की मेहनत के बाद चर्च का पूरा कलेवर ही पूराने नकशे के अनुरुप बदल दिया गया है। चर्च की गैलरी को भी चर्च में शामिल कर दिया गया है इससे तकरीबन दो सौ लोगों के बैठने की जगह पहले से और बढ़ जायेगी। 

लाल चर्च का इतिहास 

अपने नाम के अनुरूप ही इस गिरजाघर का रंग लाल है। पूर्व पादरी सैम जोशुआ सिंह ने चर्च की कहानी बेहद सरल लफ्जों में शेयर किया। उन्होंने बताया कि  ब्रिटिश पादरी एलवर्ट फ्रेंटीमैन ने ही लाल चर्च की नींव 1879 में अंग्रेजी हुकूमत के निर्देष पर रखी थी। फ्रेंटीमैन की देखरेख में ही इस चर्च का निर्माण हुआ। चर्च जब बनकर तैयार हुआ तो उन्हें ही सरकार ने  इस चर्च का पहला पादरी बनाया। वर्तमान में संजय दान चर्च के पादरी है तो विजय दयाल सचिव। 

 ईसा मसीह की शहादत की याद करता है ताज़ा 

लाल गिरजाघर का रंग शहादत का प्रतीक है। ईसा मसीह की शहादत की याद में ही वाराणसी के छावनी स्थित इस चर्च को लाल रंग और शांति के प्रतीक सफेद रंग से सजाया गया है। यह चर्च देश की मिली जुली संस्कृति की मिसाल है। यहां सभी मज़हब के लोग समय-समय पर आते हैं। इतवार को विशेष प्रार्थना सुबह 9.30 बजे से होती है तो क्रिसमस के दौरान यहां शाम में भी चर्च सर्विस होती है। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी के साथ ही यहां भोजपुरी में भी प्रभु यीशु की स्तुति की जाती है।

28 से शुरू होगा प्रभु यीशु आगमन काल

क्रिसमस सीजन की शुरुआत इस बार 28 नवंबर से शुरू हो जायेगी। क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले चार इतवार को आगमन काल माना जाता है। उसके बाद क्रिसमस आता है। इस बार 28 नंबर को पहला इतवार है। इसी दिन चर्चेज़ में क्रिसमस का आगाज़ हो जायेगा। इसके बाद यूं तो हर दिन चर्चेज़ में कैरोल सिंगिंग व प्रार्थना सभा होगी मगर संड़े कुछ खास ही होगा। आगमन का दूसरा इतवार 5 दिसंबर, तीसरा 12 दिसंबर व चौथा इतवार 19 दिसंबर को पड़ेगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा। क्रिसमस में दो साल बाद फिर उल्लास और उत्साह दिखाई देगा।

योग की पाठशाला’ में मिलेंगे सेहतमंद रहने के टिप्स

वाराणसी, चंदौली, भदोही के 29 ‘आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर योग गुरुओं की तैनाती शुरू, योग के जरिए उपचार करने के साथ ही निरोग रहने की भी सिखायेंगे कला

 



वाराणसी, 24 नवम्बर(dil india live)। वाराणसी, चंदौली व भदोही के 29 “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” पर जल्द ही ‘योग की पाठशाला’ शुरू की जाएगी।  यहां स्वस्थ जीवन के जरूरी गुर तो सिखाये ही जायेंगे  साथ ही योग के जरिए विभिन्न रोगों का उपचार भी किया जाएगा। इसके लिए केन्द्रों पर योग गुरुओं की तैनाती शुरू कर दी गयी है। इनमें महिला योगाचार्य भी शामिल हैं।

प्रदेश सरकार लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए चिकित्सा के साथ ही योग के बारे में  भी जागरूक कर रही है। आयुष मिशन के तहत इसके लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों में “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” खोले गये हैं। इसी क्रम में वाराणसी में आठ, भदोही  में 10 और चंदौली में 11 “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” खोले गये हैं। 

 क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ भावना द्विवेदी ने कहा कि आयुर्वेद रोगों के उपचार के साथ स्वस्थ रहने की जीवनशैली भी सिखाता है। इसका पालन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जिससे सामान्य संक्रमण बेअसर हो जाते हैं। गंभीर रोगों के घातक परिणाम की आशंका बहुत कम हो जाती है। “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ व संतुलित खान-पान व स्वस्थ जीवनशैली की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे मजबूत कर रोगों से बचा जा सकता है, इसकी जानकारी देना भी है । स्वस्थ रहने के लिए जो लोग योग सीखना चाहेंगे, उन्हें इन सभी केन्द्रों पर योग का प्रशिक्षण निःशुल्क दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक  “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” पर एक पुरुष और एक महिला योग शिक्षक तैनात रहेंगे। वाराणसी के सभी आठ केन्द्रों के लिए 16 योग शिक्षकों का चयन कर लिया गया है जबकि भदोही में सात व चंदौली में छह योग शिक्षक चयनित किये गए है। शेष  पदों पर योग गुरुओं की चयन प्रक्रिया जारी है। जल्द ही चयन के बाद उनकी भी तैनाती कर दी जाएगी।

 यहाँ चलेगी योग निःशुल्क पाठशाला 

 वाराणसी के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” रामनगर, आयर, पलहीपट्टी, सिंधोरा, मंगारी, भाद्रासी, कठिरावं, रामेश्वर में योग की पाठशाला चलेगी। चन्दौली के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” गहिला, भुजना, सदलपुरा, केशवपुर, पचोखर, सिकन्दरपुर, मारूखपुर, शहाबगंज, मझगांवा, बबुरी, सरैयाबसाढी एवं भदोही के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” मोढ़, चौरी, वरवा, पल्ल्हिया, महराजगंज, खमहरिया, सुनेचा, सुधवा, सुरियावां,पाली में योग की पाठशाला चलेगी।

 महिलाओं के लिए होगा बेहद लाभकारी

“आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी होगा। खास तौर पर गर्भवती के लिए। इन केन्द्रों पर आने वाली गर्भवती को योगासन सिखाने के साथ ही उन्हें स्वस्थ खान-पान और जीवन शैली के बारे में भी समझाया जाएगा जिससे स्वयं तो स्वस्थ रहें ही साथ ही स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दे सकें। आवश्यकतानुसार सम्बन्धित दवाएं भी निःशुल्क दी जाएंगी। महिलाओं को योग प्रशिक्षण लेने में कोई परेशानी न हो इसके मद्देनजर ही सभी केन्द्रों पर एक महिला योग शिक्षिका की तैनाती की गयी है।

 योग के साथ ही पंचकर्म भी 

डा. भावना द्विवेदी के अनुसार ‘योग-ध्यान’ शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में सहायक है जबकि पंचकर्म समस्त शारीरिक विकारों को दूर करता है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी केन्द्रों पर पंचकर्म की भी निःशुल्क व्यवस्था की गयी है। इसके जरिये रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी, इसके साथ ही यदि उसे कोई शारीरिक विकार है तो उसे पंचकर्म के जरिए दूर किया जा सकेगा।

मंगलवार, 23 नवंबर 2021

पहल : अब डाकघरों से भी होगी रेलवे टिकट की बुकिंग

वाराणसी के 1699 डाकघरों से मिलेगी टिकट की सेवा

 मॉडल ब्लॉक सेवापुरी में डाक मेले का पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने किया शुभारम्भ, खुले 3000 सुकन्या समृद्धि खाते


वाराणसी 23 नवंबर (dil india live)। डाकघरों में जनसामान्य की सुविधा के लिए तमाम सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में अब डाकघरों से रेलवे टिकट की बुकिंग भी हो सकेगी। इसके लिए लोगों को रेलवे स्टेशन या आरक्षण केंद्र तक जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी, बल्कि अपने नजदीकी डाकघर से रेल टिकट बुक करा सकेंगे। विभागीय डाकघरों के साथ-साथ गाँवों में स्थित शाखा डाकघरों में भी यह सेवा उपलब्ध होगी। वाराणसी के सेवापुरी मॉडल ब्लॉक में आयोजित डाक मेले में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग यह सेवा इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) के माध्यम से देगा। इसके लिए सभी डाकघरों के कर्मियों को प्रशिक्षण पश्चात् उनके यूजर आईडी और पासवर्ड जारी करने की प्रक्रिया चालू है। वाराणसी परिक्षेत्र के  सभी 1699 डाकघरों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। डाकघरों में रेलवे टिकट की बुकिंग की सुविधा मिलने से स्टेशन के काउंटरों पर भीड़ का दबाव भी कम होगा। घंटों कतार में भी नहीं लगना पड़ेगा। इस दौरान  वाराणसी (पश्चिम) डाक मंडल द्वारा विशेष अभियान चलाकर 3 हजार बच्चियों के सुकन्या समृद्धि खाते खुलवाए गए। बच्चियों को पोस्टमास्टर जनरल ने प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजन राव और डाक अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा के साथ पासबुकें सौंपकर सुखद भविष्य की कामना की।  

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि नवम्बर और दिसंबर माह में पेंशनरों को जीवित प्रमाण पत्र कोषागार या सम्बंधित विभाग में जमा करने  के लिए कोषागार/सम्बंधित बैंकों  या जनसेवा केन्द्रों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।  इससे निजात दिलाने के लिए डाक विभाग इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा प्रदान कर रहा है। अब डाकिया घर बैठे ही बायो-मेट्रिक डिवाइस के माध्यम से पेंशनर्स का जीवन प्रमाण पत्र बना देगा जिसके लिए मात्र 70 रूपये का शुल्क देना होगा।     

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, नीति आयोग द्वारा वाराणसी के सेवापुरी को मॉडल ब्लॉक के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके तहत डाक विभाग द्वारा भी लोगों को वित्तीय साक्षर बनाकर, वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रहा है। इस कड़ी में 43 डाकियों को प्रशिक्षित कर डिजिटल मित्र बनाया गया है और उनके द्वारा सेवापुरी ब्लॉक में अभी तक 14,000 से ज्यादा लोगों को वित्तीय तौर पर साक्षर किया जा चुका है। इस योजना के तहत ही सेवापुरी ब्लॉक के अंतर्गत 9 फाइव स्टार विलेज, 33 संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम, 15 आईपीपीबी संपूर्ण सक्षम ग्राम और 8 संपूर्ण बीमा ग्राम बनाये गए हैं। डाक विभाग द्वारा वित्तीय सेवाओ के बारे में जागरूकता हेतु 133 कैम्प लगाकर लोगों को वित्तीय समावेशन की और अभिप्रेरित किया गया है।  इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से व्यापारियों और विशेषकर महिला दुकानदारों का मर्चेंट एकाउंट खोलकर उन्हें डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

पोस्मास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि,आज भी डाकघर की बचत योजनाएँ सर्वाधिक लोकप्रिय हैं और इनमें  लोग पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित निवेश करते आ रहे हैं।डाकघरों में एक ही छत के नीचे बचत, बीमा, आधार, पासपोर्ट, कॉमन सर्विस सेंटर, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, वाहनों का बीमा, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, गंगाजल की बिक्री जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

वाराणसी (पश्चिमी)  मंडल के डाक अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा ने कहा कि डाक सेवाओं के प्रचार-प्रसार और इससे लोगों को आसानी से जोड़ने हेतु डाक विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर कैम्प और मेलों का आयोजन किया जा रहा है। 

इस कार्यक्रम में प्रवर अधीक्षक डाकघर राजन राव, डाक अधीक्षक वाराणसी (पश्चिमी) मण्डल संजय कुमार वर्मा, सहायक अधीक्षक आरके चौहान, निरीक्षक शशिकांत कन्नौजिया, इंद्रजीत पाल, इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक मैनेजर सुबलेश सिंह, पोस्टमास्टर सेवापुरी अनूप पाण्डेय, ग्राम प्रधान घोसिला पूजा सिंह, खादी ग्रामोद्योग मैनेजर श्याम प्रसाद विश्वकर्मा  सहित तमाम डाककर्मियों, जनप्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों और जनमानस ने भागीदारी की।

नुक्कड़ नाटक में समझाया, कैसे करें शिशु की देखभाल

सीफार के सहयोग से हुआ बेबी शो और हस्ताक्षर अभियान  

 शाम्बिका अव्वल, अक्षत को द्वितीय व महजबी को तृतीय पुरस्कार



वाराणसी 23 नवंबर(dil india live)। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में और सेंटर फार एड्वोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अंतर्गत राजकीय  जिला महिला चिकित्सालय में नुक्कड़ नाटक व शपथ लेते हुये हस्ताक्षर अभियान का आयोजन कर शिशु के स्वस्थ जीवन का सन्देश दिया गया। नवजात शिशु की समुचित देखभाल कैसे की जाये, क्या-क्या सतर्कता बरती जाये इसकी विस्तार से जानकारी दी गयी। बेबी शो में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले शिशुओं को पुरस्कृत किया गया। 

कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक (एसआईसी) डॉ मंजू सिंह* ने कार्यक्रम में कहा कि नवजात की समुचित देखभाल के जरिये शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने के साथ ही उन्हें स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष   की तरह इस वर्ष भी “नवजात शिशु देखभाल सप्ताह” मनाया जा रहा है, जोकि 21 नवम्बर तक चलेगा। इस क्रम में जागरूकता के लिए आज सीफार के सहयोग से राजकीय जिला महिला चिकित्सालय में बेबी शो, हस्ताक्षर अभियान व नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम में  सिक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) प्रभारी व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मृदुला मल्लिक ने कहा कि  नवजात शिशु की समुचित देखभाल के लिए जरूरी है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाये।  प्रसव के बाद 48 घंटे तक माँ एवं शिशु की उचित देखभाल के लिए अस्पताल में रुकें। उन्होने कहा  कि नवजात शिशु को तुरंत न नहलायें, केवल शरीर पोंछकर नर्म साफ़ कपड़े पहनायें और  जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलायें। डा. मृदुला ने कहा कि छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराना चाहिये। नियमित व सम्पूर्ण टीकाकरण कराना चाहिये। नवजात की नाभि सूखी एवं साफ़ रखें, संक्रमण से बचायें और माँ व शिशु की व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। 

बाल रोग विशेषज्ञ डा. राशिद जमाल ने कहा कि कम वजन और समय से पहले जन्में बच्चों पर विशेष ध्यान चाहिये और शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) की विधि अपनाना चाहिये। कुपोषण और संक्रमण से बचाव के लिए छह महीने तक केवल माँ का दूध पिलायें, शहद, घुट्टी, पानी आदि बिल्कुल ही नहीं देना चाहिये।   

कार्यक्रम की शुरुआत नवजात शिशु के स्तनपान, टीकाकरण, पोषण, साफ-सफाई से संबन्धित जागरूकता पर आधारित गीतों से की गई। साथ ही नाट्य संस्था मेघदूतम की ओर से नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गयी, जिसको लोगों ने काफी सराहा। इस दौरान समारोह में आये 66 नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। इसमें प्रथम स्थान महमूरगंज निवासी शाम्बिका (9 माह) को प्रथम, अलईपुर निवासी अक्षत (5 माह) को द्वितीय तथा जैतपुरा निवासी नवजात बेबी महजबी को तृतीय पुरस्कार प्राप्त  हुआ। इसके साथ ही अन्य बच्चों  को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। 

प्रथम पुरस्कार पाने वाली शाम्बिका की माँ ने कहा बच्ची के स्वस्थ होने की वजह से पुरस्कार मिला। यह उपलब्धि डा. मंजू सिंह तथा मैट्रन पुष्पा के बताये गये निर्देशों के पालन की वजह से हुआ। बेबी शो, गीत तथा नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था। द्वितीय पुरस्कार प्राप्त अक्षर की माँ अंकिता ने कहा कि कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहने चाहिये। कार्यक्रम में  डॉ शैला त्रिपाठी, डॉ  अल्का सिंह, रोहित, अजीत , तरुण तथा  सीफार से मनोज श्रीवास्तव एवं संजीव द्विवेदी समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

गर्भवती के लिए ज्यादा घातक होता है डेंगू

डेंगू से रहे सावधान, गर्भस्थ शिशु की बचाएं जान

वाराणसी, 23 नवम्बर(dil india live)। पंडित दीन दयाल राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होता है। गर्भवती के लिए खास तौर पर अंतिम तीन महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें वायरस अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इन तीन महीने उन्हें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डेंगू का संक्रमण गर्भवती के लिए काफी घातक हो सकता है। डेंगू होने पर गर्भवती में ब्लीडिंग का खतरा रहता है और यह स्थिति उसे अबॉर्शन तक ले जा सकती है। इतना ही नहीं डिलीवरी के दौरान हाई ब्लीडिंग भी हो सकती है और जन्म के बाद बच्चे में भी डेंगू का वायरस ट्रांसमिट हो सकता है। इसलिए गर्भवती को डेंगू से अलर्ट रहना चाहिए।

 क्या होता है डेंगू 

डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। डेंगू मच्छर दिन में काटता है। इन मच्छरों का प्रकोप बारिश और उसके तुरंत बाद के मौसम में बढ़ता है। ठहरे हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं और इन्हीं दिनों डेंगू का कहर भी बढ़ता है। गड्ढे, नाली, कूलर, पुराने टायर, टूटी बोतलें, डिब्बों जैसी जगहों में रुके हुए पानी में डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं। 

 इस तरह बरतें सावधानी-

घर के अंदर और बाहर उन सभी जगहों को साफ रखें जहां भी पानी जमा होने की आशंका हो जैसे- पुराने टायर, टूटी बोतल, डिब्बे, कूलर, नालियां। सोते समय मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के अंदर मच्छर खिड़की और दरवाजों से आते हैं। खिड़की और दरवाजे पर नेट लगाने से डेंगू के कहर से बचा जा सकता है। फुल पैंट और फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें। जिससे मच्छर आपको काट न सकें। पार्क या ऐसी जगह न जाएं, जहां मच्छर होने की आशंका हो। 

 डेंगू के लक्षण-

तेज बुखार, खांसी, पेट दर्द व बार-बार उलटी होना, सांस लेने में तकलीफ, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना, आंखें लाल होना, कमजोरी और चिड़चिड़ापन, हाथ-पैर का ठंडा होना, कई बार त्वचा का रंग भी बदल जाता है और चकत्ते पड़ जाते हैं ।

 डेंगू की आशंका होने पर क्या करें-

वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह के अनुसार गर्भवती को यदि डेंगू के कोई भी लक्षण दिखे तो बिना समय गंवाए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। देरी होने से महिला व उसके बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है।  डाक्टर के सलाह के बिना कोई  भी दवा न लें।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...