धूमधाम से मना सातवें तीर्थंकर का जन्म कल्याणक
निकली शोभायात्रा, गूंजे भक्ति गीत
Varanasi (dil India live) जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर श्री 1008 सुपार्श्वनाथ जी के जन्म कल्याणक एवं तप कल्याणक पर उत्सव मनाया गया।
भव्य शोभायात्रा निकाली गई | शनिवार को प्रातः श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली जैन मंदिर भेलूपुर से शोभायात्रा प्रारंभ हुई| भजनों, जयकारों की स्वर वर्षम के बीच चांदी के रथ पर सवार भगवान सुपार्श्वनाथ को इंद्रगण चंवर ढोला रहे थे।पूरी भक्ति-श्रद्धा उल्लास के साथ भक्तगण भगवान का दर्शन पाकर आनंदित हुए जा रहे थे । एक रंग के वस्त्रों में सजी-धजी महिलाएं भजन करते हुए पूरे भक्ति के साथ चल रही थी। इंद्रो के साथ ही भगवान का सुसज्जित रथ सबको बरबस अपनी ओर आकर्षित कर रहा था ।
बैंड-पार्टीया धार्मिक धुने बजाकर माहौल में भक्ति रस घोल रही थी। जैन धर्म की ध्वज पताका के साथ समाज का बैनर, धूप गाड़ी, कलश गाड़ी , चवर गाड़ी , रजत नालकी भी शोभायात्रा में शामिल थी। छोटे बच्चे घोड़ों पर सवार थे। सभी भक्तगण अपने आराध्य देव के जन्म कल्याणक पर खुशी मना रहे थे। रास्तेभर भगवान की आरती उतारी जा रही थी।
विभिन्न संस्थाओं द्वारा रास्ते भर स्वागत भी किया गया। जन्म कल्याणक जुलूस भेलूपुर से प्रारंभ होकर विजया माल शिवाला होते हुए भगवान सुपार्श्वनाथ जी की जन्मस्थली जैन घाट भदैनी पहुंची। आनंदमई अस्पताल से भगवान के विग्रह को रथ पर से उठाकर रजत नाल की पर विराजमान कराकर भक्तगण नाल्की को अपने कंधे पर उठाकर जय-जय जिनेंद्र देवकी भवसागर नाव खेवकी जयकारा लगाते हुए मां गंगा के पावन तट पर जैन घाट पर स्थित भगवान सुपार्श्वनाथ जी की जन्मस्थली दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे । जहां पर कई धार्मिक आयोजनों के साथ जन्म उत्सव पर बधाई गीत, भजनों की प्रस्तुति हुई। तत्पश्चात विग्रह को मंदिर जी में कमल सिंहासन पर विराजमान कराकर १०८ कलशों से अभिषेक पूजन ऐवं सामूहिक आरती की गई।शोभायात्रा में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, संजय जैन, प्रधानमंत्री अरुण जैन, समाजमंत्री तरुण जैन, प्रबन्धक विमल जैन, मंत्री रत्नेश जैन, सुरेंद्र जैन, सौरभ जैन, ब्रह्मचारी आकाश जैन इत्यादि उपस्थित थे।
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