महिला एवं बाल सुरक्षा को लेकर सरकार दृढ़ संकलिप्त
- महिला हिंसा की वारदातों पर सरकार उठा रही सख्त कदम
- महिलाओं को भी पुरुषों के समान दिये जा रहे अधिकार
- सीफार के सहयोग से आयोजित हुई ‘जागरूक’ मीडिया कार्यशाला
- मंडल और जिले के अधिकारियों ने व्यक्त किए विचार
Varanasi (dil india live).महिलाओं के सम्मान से देश में समृद्धि आएगी, तभी देश महान बनेगा। इसलिए महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें पुरुषों के बराबर दर्जा भी देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सम्मान के बिना किसी भी समाज को सभ्य समाज नहीं कहा जा सकता है। यही कारण है कि महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा और सम्मान सरकार की प्राथमिकता में है। महिलाओं को भी पुरुषों के समान अवसर दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही बेटियों को भी समाज में बढ़-चढ़ प्रतिभागिता करने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। मिशन शक्ति-4 का उद्देश्य है महिलाओं व बालिकाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना एवं उनकी प्रतिभा को निखारना। मौजूदा सरकार महिला एवं बाल सुरक्षा को लेकर दृढ़ संकल्पित है। हम बालिकाओं को गर्भ से सुरक्षा दे रहे हैं।
यह बातें उपनिदेशक/उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी वाराणसी मण्डल/जिला प्रोबेशन अधिकारी वाराणसी, महिला एवं बाल विकास विभाग (महिला कल्याण) प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने गुरुवार को मिशन शक्ति अभियान-4 के अन्तर्गत ‘जागरूक’ मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से रथयात्रा स्थित होटल में आयोजित मण्डल स्तरीय कार्यशाला में वाराणसी मंडल और जिले के अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बाल एवं महिला हिंसा के खिलाफ सरकार सख्त है और ऐसी हरकतें करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। हर थाने में महिला हेल्प डेस्क है। इसके साथ ही बाल संरक्षण आयोग एवं चाइल्ड लाइन बाल सुरक्षा के लिए लगातार सक्रिय है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं एवं बालिकाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस कार्यशाला में मिशन शक्ति अभियान 4.0 एवं महिला कल्याण विभाग की ओर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं और मंडल स्तर की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि वाराणसी मंडल में निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत अब तक 2.29 लाख लाभार्थी लाभान्वित किए जा चुके हैं। रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के तहत मण्डल में 360 महिलाओं व बालिकाओं को लाभ दिया जा चुका है। वन स्टॉप सेन्टर ने अब तक 5000 महिलाओं को मदद पहुंचाई। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जून 2021 से अब तक 744 पात्र बच्चों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत जुलाई 2021 से अब तक 458 बच्चों को आर्थिक सहायता दी गई। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत अब तक लगभग 1.15 लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है।
*राज्य सलाहकार, महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग, प्रीतेश कुमार तिवारी* ने मिशन शक्ति की उपलब्धियों, गतिविधियों एवं कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बराबर का सम्मान देकर ही हम उन्हें स्वावलंबी बना सकते हैं। घरेलू एवं यौन हिंसा या दहेज उत्पीड़न के मामले में प्रताड़ित महिलाएं 181, 1090, 1098, 112 सहायता नंबर पर एवं सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लें रही हैं। महिलाओं एवं बालिकाओं की रक्षा/सुरक्षा के लिए बनाये गये अधिनियमों/कानूनों का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने जमीनी स्तर पर गतिविधियों एवं अनुभवों को साझा किया।
कार्यक्रम के अंत में मीडिया बंधुओं के लिए खुली चर्चा की गई जिसमें उनके सवालों का जवाब मण्डल एवं जिला स्तरीय अधिकारी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन वन स्टॉप सेंटर (वाराणसी) की प्रभारी रश्मि दुबे ने किया। कार्यशाला के शुरू में सीफार की मण्डल प्रतिनिधि शुभम गुप्ता ने लघु फिल्म प्रस्तुत की। वहीं सीफार के जिला प्रतिनिधि मनोज श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय, जिला प्रोबेशन अधिकारी (गाजीपुर) प्रभात कुमार, जिला महिला कल्याण अधिकारी अंकिता श्रीवास्तव, बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह, महिला शक्ति केंद्र की प्रियंका राय, यूनीसेफ की रिजवाना खान सहित चंदौली, गाजीपुर व जौनपुर से आए प्रोबेशन विभाग के अधिकारी सहित सीफार के मृदुला श्रीमाली, सुरेन्द्र बहादुर सिंह एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें