गुरुवार, 5 जून 2025

Sri Krishna Datt अकादमी की कार्यशाला

प्रशिक्षुओं को डिजिटल पेंटिंग और फोटोग्राफी की सिखाया बारीकियां

 Lucknow (dil India live). श्री कृष्ण दत्त अकादमी में आयोजित साप्ताहिक वर्कशॉप में तीसरे दिन बच्चों ने डिजिटल पेंटिंग और फोटोग्राफी के अंतर्गत डिजिटल पेंटिंग बनाने की कला को सीखा। आज के डिजिटल युग में कैनवस पेंटिंग में जहां एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की समस्या देखनी पड़ती है इस कारण आधुनिकता की मांग के अनुसार कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल में डिजिटल पेंटिंग के द्वारा विभिन्न माध्यमों से स्केचिंग और पेंटिंग आसानी से जब समय मिले तब कहीं पर भी की जा सकती है और उसके प्रिंट आउट निकालकर एक अच्छी गैलरी बनाई जा सकती है। तकनीकी युग में पावर पॉइंट ,कोरल्ड्रॉ जैसे उपकरणों के साथ डिजिटल कला आमतौर पर फ़ोटोशॉप और इलस्ट्रेटर जैसे कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके बनाई जाती है। अच्छी तकनीक के अंतर्गत आप 3D मॉडलिंग सॉफ़्टवेयर, वेब डिज़ाइन टूल या यहाँ तक कि वर्चुअल रियलिटी गॉगल्स जैसे अन्य डिजिटल टूल का भी उपयोग कर सकते हैं। 

     

प्रशिक्षक राज किरण द्विवेदी

   प्रशिक्षक राज किरण द्विवेदी ने सभी को बताया कि अब आपको कलाकार बनने के लिए पेंटब्रश और पेपर कैनवास का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में, इस डिजिटल युग में जो तकनीकी प्रगति हुई है, उसने कला के एक बिल्कुल नए रूप को जन्म दिया है जिसे डिजिटल कला के रूप में जाना जाता है। आज स्कूलों,विभिन्न उद्योगों में, डिजिटल सामग्री निर्माण, प्रबंधन और वितरण की उच्च मांग है। डिजिटल पेंटिंग सभी के लिए जानना आवश्यक है। स्केचिंग, चरित्र चित्रण एवं एनीमेशन छाया व प्रकाश व्यवस्था का समुचित उपयोग का उपयोग करके एक बेहतर चित्र बनाया जा सकता है।


टाइपोग्राफी के माध्यम से चित्र को बड़ा या छोटा किया जा सकता है और मिटारा भी जा सकता है यह सब कैनवस पेंटिंग में संभव नहीं। कैनवस पेंटिंग में रंग सूखने के बाद हम उसे दोबारा संशोधित नहीं कर सकते जबकि डिजिटल पेंटिंग में संशोधन की अंतिम चरण तक गुंजाइश रहती है।डिजिटल कला डिजिटल इमेजिंग एडिटिंग सॉफ्टवेयर और ड्राइंग प्रोग्राम जैसी तकनीक को कला-निर्माण के साथ जोड़ती है। कुछ डिजिटल कला एनिमेशन और 3D वर्चुअल मूर्तिकला रेंडरिंग बनाने के लिए कई तकनीकों को भी जोड़ सकती है।

     


शिक्षिका एवं समाज सेविका रीना त्रिपाठी ने बताया कि डिजिटल कला से जुड़े कलाकार अपने विचारों और रचनाओं को जीवंत करने के लिए आधुनिक साधनों का उपयोग करते हैं आज के डिजिटल एडवांस युग में सभी बच्चे बड़े लोगों के लिए डिजिटल एजुकेशन की आवश्यकता के तहत डिजिटल पेंटिंग का ज्ञान भी बहुत ही उपयोगी है। श्री कृष्ण दत्त अकादमी वृन्दावन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुओं ने डिजिटल कलाकार के रूप में  कार्यशाला में अपनी कृतियों बनाई और इस कला की बारीकियां को सीखा। अगले चरण में फोटोग्राफी को डिजिटल पेंटिंग से जोड़ने और उसमें सुधार की विधा दिखाई जाएगी।

Kashi main Ganga दशहरा मनाने उमड़ा आस्था का सैलाब

गंगा में लाखों ने लगाई आस्था और पुण्य की डुबकी




Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). आज यूपी में गंगा दशहरा का पर्व भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मां गंगा के अवतरण दिवस गंगा दशहरा के अवसर पर गुरुवार को काशी के गंगा घाटों पर मोक्ष की प्राप्ति के लिए श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ी। घाटों पर तिल रखने तक की जगह नहीं दिखी। भोर से ही दूर- दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और फिर दान कर मां गंगा का पूजन- अर्चन किया। इसके बाद प्रमुख मंदिरों में मत्था टेकने पहुंचे। गंगा दशहरा का उत्‍सव ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन मां गंगा का अवतरण स्‍वर्ग लोक से धरती पर हुआ था। अस्सी घाट पर मां गंगा को 1100 मीटर की चुनरी चढ़ाई गई।

सुबह से ही दशाश्वमेध घाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दूर-दराज से आए हजारों श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आराधना और पवित्र स्नान कर पुण्य अर्जित किया। गंगा स्नान के साथ ही श्रद्धालुओं ने दीपदान, गंगा आरती और मंत्रोच्चार के माध्यम से गंगा मैया से सुख-शांति और मोक्ष की कामना की। घाटों पर सुरक्षा और व्यवस्था के लिए प्रशासन मुस्तैद रहा। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें भी घाटों पर तैनात की गईं। काशी की गलियों से लेकर घाटों तक आज का दिन भक्ति भाव और गंगा मैया की जयकारों से गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं का कहना है कि गंगा दशहरा पर काशी में गंगा स्नान का विशेष महत्व है, जिससे सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दशाश्वमेध घाट के तीर्थपुरोहित विवेकानंद ने कहा कि ज्येष्ठ माह का शुक्ल पक्ष है। इस दिन को गंगा दशहरा के उत्‍सव के रूप में मनाया जाता है। भागीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए मां गंगा की आराधना कर उनको प्रसन्न किया और मां गंगा को धरती पर लेकर आए। श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और मोक्ष पाने के लिए गंगा जी में डुबकी लगाते हैं। गुजरात के राजकोट से आए महंत विजय महाराज ने बताया कि सनातन धर्म में गंगा दशहरा का बहुत महत्‍व है। आज ही के दिन गंगा जी धरती पर अवतरित हुईं थीं।

इस उत्‍सव के दौरान लोगों के 10 तरह के पाप से मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन को गंगा दशहरा नाम दिया गया है। गंगा स्‍थान करने वाले श्रद्धालु के पितरों को भी मुक्ति मिलती है। प्रयागराज में एक रुपये के दान का लाभ एक लाख रुपये के बराबर माना जाता है। सीता जी ने मां गंगा को जगत जननी का नाम दिया है। एक श्रद्धालु का कहना है, “हम गंगा दशहरा के अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए संगम में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती के तट पर आए हैं। इस स्नान से पितर भी प्रसन्न होते हैं। महाकुंभ के आयोजन के बाद से लोगों में अध्यात्म बढ़ा हुआ है।

Muslim Fastival Bakhrid 2025 : Varanasi में नमाज का जानिए टाइम टेबल

रब की रज़ा के लिए पहले ईदुल अजहा की नमाज फिर होगी कुर्बानी 

जानिए कहां, कब और कौन अदा कराएगा ईदुल अजहा की नमाज


 

सरफराज अहमद 

Varanasi (dil India live). Muslim Fastival Bakhrid 2025 पर Varanasi में नमाज की अगर आप तैयारियों जुटे हुए हैं तो यहां जानिए की बक़रीद की नमाज़ का आपके इलाके की मस्जिद का टाइम टेबल क्या है। क्यों कि रब की रज़ा के लिए पहले ईदुल अजहा की नमाज अदा की जाएगी उसके बाद मुस्लिम छोटे बड़े जानवरों की कुर्बानी देंगे। इस दौरान मस्जिदों में तकरीर और खुतबा पढ़ा जाएगा। नमाज़ के बाद लोग एक दूसरे से गले मिलकर ईदुल अजहा की मुबारकबाद देंगे। इस दौरान मस्जिदों और ईदगाहों के आसपास मेरे जैसा माहौल रहेगा। शहर के उलेमा ने सादगी से त्योहार मनाने की लोगों से अपील की है। सोशल मीडिया पर कुर्बानी की फोटो और वीडियो वायरल न करने को भी कहा है।

कौन कहां अदा कराएगा नमाज 

शाही मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना आखिर 7:30 बजे, बड़ी ईदगाह विद्यापीठ में मुफ्ती शमीम 7:30 बजे, मस्जिद खानकाह हमीदिया शक्कर तालाब में मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारूकी प्यारे मियां 7:30 बजे, मस्जिद हज़रत शाह तैय्यब बनारसी में मौलाना अब्दुस्सलाम 7:15 बजे, मुगलिया मस्जिद बादशाह में मौलाना हसीन अहमद हबीबी 7:00 बजे, मस्जिद लंगड़े हाफिज नयी सड़क मौलाना जकीउल्लाह कादरी 10 बजे, बड़ी मस्जिद सरैया हाफिज खैरुद्दीन 7:00 बजे, मस्जिद इमलियातल्ले छित्तनपुरा 7:15 बजे, मस्जिद ढाई कंगूरा चौहट्टा लाल खां में 7:30 बजे हाफिज नसीम अहमद बशीरी, बड़ी मस्जिद काजीसादुल्लापुरा मौलाना सकलैन 7:00 बजे ईदुल अजहा की नमाज अदा कराएंगे।

ऐसे ही मस्जिद लाटशाही सर्किट हाउस में हाफ़िज़ हबीबुर्रहमान 7 बजे, जामा मस्जिद बुद्धू छैला, कमनगढ़हा में 7.15 बजे, मौलाना कौसर जमाल ज़ेयाई, मौलाना मोहम्मद अहमद रज़ा मस्जिद अल कुरैश हंकार टोला 7:30, हाफिज कारी मौलाना सैफी सिब्तैनी मस्जिद रंगीले शाह दालमंडी 6:30 बजे, मौलाना मोहम्मद आसिफ सिद्दीकी मस्जिद सहाबा पितृकुण्डा 8:00 बजे बक़रीद की नमाज़ अदा कराएंगे। मौलाना जाहिद हुसैन मस्जिद रंग ढलवा शेख सलीम फाटक 7:00 बजे, दरगाहे फातमान में मौलाना सैयद अकील हुसैनी 10 बजे, ईदगाह लाट मस्जिद सरैया में मौलाना  जियाउर्रहमान 8:30 बजे अदा कराएंगे तो ईदगाह पुरानापुल में मौलाना शकील 7:45 बजे, ईदगाह गोगा की बाग जलालीपुरा में 6:45 बजे, ईदगाह शक्कर तालब अहले हदीस मौलाना हसन जमील मदनी 6:15 बजे, ईदगाह लंगर मस्जिद दोषीपुरा मौलाना इरशाद रब्बानी 7:00 बजे पढ़ाएंगे। जामा मस्जिद खोजापुरा में मौलाना सगीर 6:45 बजे, मस्जिद शहीद बाबा  हाफिज गुलाम 7:00 बजे, मस्जिद सुन्नी इमामबाड़ा सरैया मौलाना इकबाल अहमद सेराजी 7:15 बजे, इमामबाड़ा (शिया) सरैया मौलाना अमीन हैदर 10:0 बजे, मस्जिद उस्मानिया इमाम मौलाना इनाम 7:00 बजे, जामा मस्जिद आगागंज मौलाना रमजान अली  7:15 बजे, बड़ी मस्जिद धनधरौवा काजीसादुल्लापुरा मौलाना शफीक अकमल  7:00 बजे, जामा मस्जिद कमनगढ़हा मौलाना आजाद 7:00 बजे, मस्जिद मीनार कमालपुरा मौलाना निजाम 7:00 बजे, बड़ी मस्जिद रसूलपुरा में मौलाना हाजी नसीरुद्दीन 7:00 बजे, मस्जिद याकूब शहीद नगवां लंका में 7:00 बजे हाफिज मोहम्मद ताहिर ईदुल अजहा की नमाज अदा कराएंगे।

उधर चमेली की मस्जिद, कच्ची बाग़ में बक़रीद की नमाज़ सुबह 6:00 बजे मौलाना रियाज़ अहमद क़ादरी तो छंगा बाबा की मस्जिद में बक़रीद की नमाज़ 6:15 बजे मौलाना लतीफ अहमद सिराजी, रहीम दमड़ी की मस्जिद में बक़रीद की नमाज़ 6:30 बजे मौलाना नसीर अहमद सिराजी व दाल की मस्जिद में बक़रीद की नमाज़ 6:00 बजे मौलाना निहालुद्दीन सिराजी अदा कराएंगे।

इन मस्जिदों का देखिए नमाज़ का टाइम 

आलमगीर मस्जिद धरहरा 7:45 बजे, ककरमत्ता मस्जिद उस्मान गनी में 7:00 बजे, बड़ी मस्जिद ककरमत्ता में 7:15 बजे, मस्जिद शाम मूसा शाह में 7:15 बजे, नूरी मस्जिद ककरमत्ता में 7:30 बजे। ऐसे ही मस्जिद रज़ा मदनपुरा 6:30 बजे, मस्जिद जहांगीर हटिया 6:45 बजे, मस्जिद बरतला 6:30 बजे, मस्जिद लहरतारा 7:00 बजे, मस्जिद फुलवरिया नूरुद्दीन शहीद 7:30 बजे, बड़ी मस्जिद भोज बाबा छीत्तनपुरा 7:00 बजे, मस्जिद कारी साहब बेनियाबाग में 6-45 बजे, जामा मस्जिद वरुणापुल 6:50 बजे, छोटी मस्जिद नार्मल स्कूल शिवपुर सुबह 7:00 बजे, मस्जिद नवाब टोंक-गिलट बाजार 8:30 बजे, मस्जिद मखदूम शाह बाबा लाट सरैया 6:30 बजे, कबड्डी दुआर मस्जिद मोहल्ला सलारपुरा दोषीपुरा 7:00 बजे नमाज अदा की जाएगी। ऐसे ही ईदगाह हकीम सलामत अली हबीबपुरा पितृकुण्डा में ईद-उल-अज़हा की नमाज 7:15 बजे होंगी। थे।




कुर्बानी का वीडियो वायरल न करें-मुफ्ती बातिन

बकरीद के पर्व पर सोशल मीडिया पर कुर्बानी का फोटो वीडियो न डालें। बनारस के शहर मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी ने इसे गलत बताया और कहा कि इस्लाम में ऐसा करना गुनाह का काम है। ऐसे में लोगों से अपील है कि वो ऐसा कोई काम न करें जिससे इस्लाम को नुकसान हो और वो गुनाह का काम करें। मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि कुर्बानी का वीडियो देखा जाता है कि लोग अपने सोशल मीडिया पर लगाते हैं और वाह-वाही करते हैं। यह सरासर गलत है। उन्होंने कहा-बहुत गलत है। ऐसा करने वालों को हमने पहले भी आगाह किया है। और बिल्कुल इस तरह की हरकत न करें। इस्लाम भी इसकी इजाजत नहीं देता। वीडियो बनाना और वायरल करना गलत है। बल्कि यह गुनाह का काम है। ऐसा जो भी करता है वो इस्लाम का मुजरिम है। मुफ्ती बातिन ने कहा वही कुर्बानी अल्लाह की बारगाह में कुबूल होती है जो पाको-पाकीजा तरीके से और दिल से की जाए। दिखावे के लिए और उसका वीडियो बनाकर वायरल करने के लिए अगर होती है तो यह सरासर गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो वह कुर्बानी कुबूल नहीं होगी।



Bakrid को लेकर Nagar aayukt को सपा ने सौंपा चार सूत्रीय मांग

बक़रीद पर तीन दिन सफाई व्यवस्था रहे सुचारू -हारुन अंसारी 

सरफराज अहमद 

Varanasi (dil India live). आज सपा पार्षद दल के नेता हारून अंसारी ने महानगर के विभिन्न वार्डो में ईद-उल-अजहा, (बकरीद) पर्व के दृषिगत सफाई व्यवस्था के सन्दर्भ में चार सूत्री मांग पत्र नगर आयुक्त को प्रेषित किया।


उन्होंने मांग किया कि शहर के विभिन्न वार्डो में पूर्व निर्धारित स्थलों पर लिदा, अपशिष्ट उठान के लिए पर्याप्त मात्रा में कन्टेनर लगया जाए, एवं आवश्यक अनुसार कन्टेनरों की संख्या बड़ाई जाए, वार्डो में अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाएं ताकि सफ़ाई व लिदा अपशिष्ट उठान व चुना, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हो सके, वार्डो में पर्याप्त मात्रा में चुना एवं ब्लीचिंग पाउडर की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, पर्व के एक दिन पूर्व स्वास्थ्य विभाग  सुपरवाइजर को चुना, ठेला गाड़ी, बेलचा, ब्लीचिंग पाउडर आदि वस्तु उपलब्ध करवा दी जाए ताकि वार्डो में पर्व के 3 दिन तक सफाई व्यवस्था रहे सुचारू। उन्होंने कहा कि जलकल विभाग अवर अभियंता व सुपरवाइजर एवं सीवर सफाई कर्मचारियों की तैनाती सुबह 7 बजे से शाम तक हो ताकि तत्काल सीवर ओवर फ्लो का निस्तारण शीघ्र किया जा सके, साथ ही हारून अंसारी ने प्रेस के माध्यम से क्षेत्रीय नागरिको से अपील किया कि गलियों में सड़क पर कोई भी अपशिष्ट न रखे, निगम द्वारा निर्धारित स्थान पर कन्टेनर में डाले।

Kuldeep Yadav-Vanshika की सगाई ने मचाई सोशल मीडिया पर धूम

जानिए कौन हैं Kuldeep-Vanshika, सोशल मीडिया पर क्यों हो रही इतनी चर्चा

  • सरफराज/रिजवान 

Lucknow (dil India live). क्रिकेटर कुलदीप यादव ने बुधवार को लखनऊ में एक निजी समारोह में Vanshika से सगाई कर ली। वंशिका, कुलदीप की बचपन की दोस्त है। इस समारोह को पारंपरिक रखा गया था। समारोह में दोनों के करीबी सदस्यों और दोस्तों के साथ-साथ भारत और कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज रिंकू सिंह सहित उत्तर प्रदेश के कई क्रिकेटर शामिल हुए। लखनऊ में हुई इस सगाई में कुलदीप और वंशिका की जोड़ी ने अंगूठियां बदलीं, जिससे उनके जीवन भर के बंधन में एक नया चैप्टर शुरू हो गया। मौजूद सभी लोगों ने दोनों को सगाई की बधाई और मुबारकबाद दी।


कौन हैं Kuldeep Yadav की Vanshika 

लखनऊ के श्याम नगर की रहने वाली वंशिका कुलदीप की बचपन की दोस्त हैं। वह एलआईसी में काम करती हैं। वंशिका और कुलदीप बचपन की दोस्ती के बाद सालों से करीबी दोस्त और फिर एक दूसरे को दिल दे बैठे। दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। कुलदीप की सगाई आईपीएल 2025 के खत्म होने के ठीक बाद होने से सोशल मीडिया पर भी छाई हुई है। इस सीजन में वह दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेले, हालांकि उन्होंने इस सीजन में 14 मैचों में 15 विकेट लिए। भले ही उनकी टीम फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई, पर उनके बेहतरीन प्रदर्शन ने उन्हें खूब सराहा। इस बार विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पंजाब किंग्स को हराकर पहली बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम करने का कमाल किया।


हमेशा भारत के लिए गेम-चेंजर हुए साबित

भारत के लिए 2017 में पदार्पण करने के बाद से, कुलदीप सभी प्रारूपों में एक विश्वसनीय प्रदर्शनकर्ता हैं, खासकर वनडे में, जहाँ उन्होंने 180 से अधिक विकेट लिए हैं। उनकी कुशल विविधताएं, खासकर ‘चाइनामैन' डिलीवरी, अक्सर भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हुई हैं। अपने निजी जीवन में एक नए चरण की शुरुआत करते हुए, कुलदीप अब इंग्लैंड में आगामी इंटरनेशेनल असाइनमेंट पर नज़र रखेंगे, जहाँ टीम इंडिया उनके अनुभव और चालाकी पर भरोसा करेगी, खासकर रेड-बॉल क्रिकेट में।

मक्का से बड़ा ऐलान Hajj 2025 के ख़ुतबे का 34 भाषाओं में होगा अनुवाद

नेक पहल: भारतीय उर्दू भाषा में भी होगा अनुवाद 

मोहम्मद रिजवान/सरफराज अहमद 

Makkah (dil India live). मक्का से एक ऐतिहासिक और बड़ा ऐलान किया गया है। इस वर्ष हज 1446 (2025) के दौरान दिए जाने वाले ख़ुतबे को दुनिया भर के हाजियों के लिए 34 भाषाओं में अनुवादित करने की स्कीम का ऐलान किया है। इस साल का पवित्र हज ख़ुतबा प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान शेख सालेह बिन हमैद (Sheikh Salih Bin Humaid) द्वारा दिया जाएगा। यह ख़ुतबा मक्का की ऐतिहासिक मस्जिद नमिरा से दिया जाएगा और इसे दुनिया भर में प्रसारित किया जाएगा। इससे करोड़ों लोगों को लाभ होगा।


34 जुबां में होगा प्रसारण

Hajj 2025 में यह ख़ुतबा जिन जुबांनों में ट्रांसलेशन (अनुवादित) किया जाएगा उनमें अरबी, हिन्दुस्तानी उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रेंच, इंडोनेशियन, फ़ारसी, हौसा, मंदारिन (चीनी), रूसी, बांग्ला, तुर्की, मलय (बहासा मेलयू), स्पेनिश, पुर्तगाली, इतालवी, जर्मन, फिलिपीनो (टागालोग), अम्हारिक (इथियोपिया), बोस्नियाई, हिंदी, डच, थाई, मलयालम, स्वाहिली, पश्तो, तमिल, अज़रबैजानी, स्वीडिश, उज़्बेक, अल्बेनियाई, फुलानी (फुला), सोमाली, रोहिंग्या, योरूबा शामिल है। माना जा रहा है कि यह एक बड़ा कदम है, क्यों कि पिछली बार केवल 10 भाषाओं में ख़ुतबे का अनुवाद किया गया था। इस साल की नई योजना हज अनुभव को और अधिक समावेशी एवं सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।


ख़ुतबे का सीधा प्रसारण (Live Broadcast) कई माध्यमों से किया जाएगा। इनमें एफएम रेडियो चैनल, विशेष मोबाइल एप्लिकेशन, और मक्का में मौजूद हाजियों के लिए ग्रैंड मस्जिद (Masjid Al-Haram) में लाइव इंटरप्रिटेशन (सीधा अनुवाद) सेवाएं शामिल है। इस ऐतिहासिक प्रयास के तहत The Islamic Information जैसे डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म भी लाइव मल्टी-लैंग्वेज ब्रॉडकास्ट प्रदान करेंगे. यह सुविधा उन लोगों के लिए भी उपयोगी होगी जो हज पर नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन ख़ुतबे की शिक्षाओं को अपनी मातृभाषा में सुनना चाहते हैं।

अधिकारियों ने घोषणा की है कि सभी तकनीकी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं ताकि अनुवाद की गुणवत्ता उच्च स्तर की बनी रहे और संचार में किसी प्रकार की बाधा न आए। हाजियों के मोबाइल डिवाइसों के लिए समर्पित ऐप्लिकेशन, साथ ही ग्रैंड मस्जिद में उपस्थित लोगों के लिए ईयरपीस सुविधा की भी व्यवस्था की गई है। यह पहल उन लाखों हाजियों के लिए एक वरदान साबित होगी जिन्हें अब तक भाषा संबंधी अवरोधों के कारण ख़ुतबे को पूरी तरह समझने में कठिनाई होती थी। अब वे इस्लाम की महत्वपूर्ण शिक्षाओं को अपनी भाषा में सुन सकेंगे और हज के इस सबसे अहम क्षण में पूरी तरह सम्मिलित हो सकेंगे।


Muqaddas Hajj के अय्याम काबा में शुरू, Kashi में हो रही दुआएं

काशी से हज पर गये यात्रियों के अजीजों की बढ़ी धड़कने 


Varanasi (dil India live)। काबा में मुक़द्दस हज के अय्याम शुरु हो गये है और काशी से हज पर गये सवा छह सौ हज यात्रियों के अज़ीज़ों कि धड़कने तेज हो गई है। हर कोई अपने अज़ीज़ों के लिए दुआएं मांग रहा है कि उनके अज़ीज़ हज का सफर कामयाबी से पूरा करके काशी हंसी–खुशी लौटें। लोगों को इस बात की खुशी भी है कि उनके अजीज हज करके जब लौटेंगे तो उनके नाम के आगे हाजी लग जाएगा मगर बेचैनी इस बात कि है कि कहीं कोई अनहोनी न हो। बस यही वजह है कि दुआओं का दौर तेज हो गया है। काबा में हज हो रहा है और काशी में दुआएं। जायरीन मिना से रवाना होकर अराफात पहुंचे हैं। दरअसल हज के पांच दिन के जो अय्याम मुकर्रर है हज के यात्रा के दौरान इन पांच दिन केवल और केवल रब की इबादत ही होती है। इस दौरान जायरीन का अपने अजीजों से सम्पर्क टूट जाता है यही वजह है कि जिसके अजीज हज करने गए हैं वो लोग दुआओं में लग जाते हैं।


दरअसल कई बार हज के अय्याम के दौरान हादसे हुए हैं कभी शैतान को कंकड़ी मारते समय तो कभी तवाफ करते या फिर मिना के मैदान में खाना बनाते समय आग लगने के कारण। इसी के चलते लोग तब तक सुकुन नहीं ले पाते जब तक कि हज का पांच दिन का अय्याम मुकम्म्ल नहीं हो जाता है, और उनकी अपने अजीज हाजियों से बातचीत नहीं हो जाती।

इस साल 7 जून को जब हिंदुस्तान में लोग बक़रीद का ग्लोबल पर्व मना रहे होंगे तो काशी समेत दुनिया भर से काबा के दीदार को गये जायरीन शैतान को कंकरी मारकर अपना हज मुकम्मल कर रहे होंगे। दरअसल इस्लाम में हज फर्ज माना गया है। ये इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। इस्लाम के मुताबिक अल्लाह की रज़ा के लिए ज़िंदगी में एक बार हज पर जाना बेहद जरूरी है। इस्लाम में माना जाता है कि हज करके लौटने वाला जब हाजी बनकर लौटता है तो वो गुनाहों से ऐसे पाक हो जाता है जैसे मां के पेट से पैदा हुआ बच्चा मासूम और बेगुनाह होता है। इसलिए हज का इस्लाम में खासा महत्व है। हर कोई जिन्दगी में एक बार हज करने की ख्वाहिश जरुर दिल में पाले रहता है।