गुरुवार, 11 अगस्त 2022

Har ghar tiranga:जागरूकता के लिए डाक विभाग ने निकाली बाइक तिरंगा रैली

हर घर तिरंगा अभियान को मिला बल

देश भक्ति की चेतना घर-घर पहुंचा रहा डाक विभाग: पोस्टमास्टर जनरल





Varanasi (dil india live).'आजादी का अमृत महोत्सव' के अंतर्गत 'हर घर तिरंगा' अभियान के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए डाक विभाग ने 11 अगस्त को वाराणसी में बाइक तिरंगा रैली निकाली और विभिन्न क्षेत्रों में जन-जागरूकता अभियान चलाया। वाराणसी कैंट प्रधान डाकघर में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। 250 से अधिक डाककर्मियों ने इसमें भागीदारी की और लोगों को 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने के प्रति प्रेरित किया। हर घर तिरंगा-हर मन तिरंगा, भारत माता की जय, वंदे मातरम, डाक विभाग ने ठाना है-हर घर तिरंगा पहुँचाना है, आपका दोस्त-इण्डिया पोस्ट, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा-झंडा ऊँचा रहे हमारा के ओजस्वी उद्घोष के बीच गुंजायमान होता डाक विभाग का यह अभियान कैंट, वरुणा पुल, कचहरी, पांडेयपुर चौराहा,पहाड़िया, आशापुर चौराहे से होते हुए मूलगंध कुटी विहार, सारनाथ पहुँचा। मूलगंध कुटी विहार, सारनाथ पहुँचने पर वहाँ के मुख्य पुजारी श्री केव कटकंदुरे जिनानंद थेरो भी इस अभियान में शामिल हुए और लोगों से अपने घर पर तिरंगा फहराने की अपील की। रास्ते में उत्साहित आम जनमानस और बच्चों ने भी नारों में सुर मिलाया और 'हर घर तिरंगा' अभियान के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, 'आजादी का महोत्सव' के अंतर्गत 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत डाक विभाग देश भक्ति की सामूहिक चेतना को घर-घर पहुँचाने का कार्य कर रहा है। इसके तहत वाराणसी परिक्षेत्र में 32 प्रभात फेरी और रैलियाँ निकाली गयी हैं। वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों से लगभग दो लाख तिरंगों की बिक्री की जा चुकी है। युवा पीढी को इस अभियान से जोड़ने हेतु प्रधान डाकघरों में सेल्फी पॉइंट बनाये गए हैं। व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जहाँ डाकिया क्षेत्र में डाक बाँटते समय लोगों को 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर भी डाक विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 

बाइक तिरंगा रैली में वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव, डाक अधीक्षक  पीसी तिवारी, सहायक निदेशक दिनेश साह, ब्रजेश शर्मा, सीनियर पोस्टमास्टर सी.एस बरुआ, सहायक अधीक्षक एसके चौधरी, आरके चौहान, एमआर रश्दी, दिलीप सिंह यादव, डाक निरीक्षक श्रीकांत पाल, ए. पी. गोस्वामी, रमेश यादव, इंद्रजीत पाल, कैंट पोस्टमास्टर गोपाल दुबे, श्रीप्रकाश गुप्ता, श्रवण कुमार सिंह, राजेंद्र यादव, राकेश कुमार, मंजू मिश्रा, निकिता, मनीष कुमार,  विवेक कुमार, जगदीश चंद्र सडेजा, भूपेंद्र कुमार सहित तमाम डाककर्मी और नागरिकगण शामिल हुए।


 Varanasi (dil india live). Under the 'Azadi Ka Amrit Mahotsav', Department of Posts took out a bike Tiranga rally in Varanasi on August 11 and launched public awareness campaign in various areas to motivate the people towards the 'Har Ghar Tiranga' campaign. The rally was flagged off by Shri Krishna Kumar Yadav, Postmaster General, Varanasi Region at Varanasi Cantt Head Post Office. More than 250 postal officials participated and motivated people to put up the national flag at their homes as part of the 'Har Ghar Tiranga' campaign. Along with loud proclamation of ‘Har Ghar Tiranga-Har Man Tiranga’, Bharat Mata ki Jai, Vande Mataram, ‘Daak vibhaag ne thaana hai-har ghar tiranga pahunchaana hai’, ‘Aapka Dost, India Post’, ‘Vijayee vishv tiranga pyaara-jhanda ooncha rahe hamaara’, this campaign of Postal Department reached Moolgandh Kuti Vihar, Sarnath via Cantt, Varuna bridge, Kachari, Pandeypur chauraha, Pahadia, Ashapur chauraha. On reaching Moolgandha Kuti Vihar, Sarnath, the Chief Priest of the place Shri Kev Katakandure Jinanand Thero also joined this campaign and appealed to the people to hoist the Tiranga at their home. On the way of the rally, the excited common public and children also raised slogans and expressed their enthusiasm towards the 'Har Ghar Tiranga' campaign.

Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that under the 'Har Ghar Tiranga' campaign of 'Azadi Ka Mahotsav', the Department of Posts is working to take the collective consciousness of patriotism from door to door. Under this, 32 Prabhat Pheris and rallies have been taken out in Varanasi Region. About two lakh Tiangas have been sold from the post offices of Varanasi Region. Selfie points have been made in Head Post Offices to connect the young generation with this campaign. For wide publicity, while postmen are motivating people to hoist the Tiranga at their homes from August 13 to 15 while distributing mail in the area. A special campaign is also being run by the Department of Posts on social media as well.

In the bike Tiranga rally, Senior Superintendent of Posts Rajan Rao, Superintendent of Posts P.C. Tiwari, Assistant Director Dinesh Sah, Brijesh Sharma, Senior Postmaster C.S. Barua, Assistant Superintendent S.K. Chaudhary, R.K. Chauhan, M.R. Rashidi, Dilip Singh Yadav, Postal Inspectors Shrikant Pal, A. P. Goswami, Ramesh Yadav, Inderjit Pal, Cantt Postmaster Gopal Dubey, Sriprakash Gupta, Shravan Kumar Singh, Rajendra Yadav, Rakesh Kumar, Manju Mishra, Nikita, Manish Kumar, Vivek Kumar, Jagdish Chandra Sadeja, Bhupendra Kumar along with other postal officials participated in it.

Muharram 12th:अलम सददे के जुलूस में उमड़ा जनसैलाब

इमाम हसन, इमाम हुसैन समेत शहीदाने कर्बला का मना तीजा

तीजे के जुलूस में भी दिखा तिरंगा झंडा





Varanasi (dil india live). इमाम हसन, इमाम हुसैन समेत शहीदाने कर्बला का तीजा गुरुवार को पूरी अकीदत के साथ मनाया गया। इस दौरान जहां अजाखानों व इमामबारगाहों में 12 वीं मुहर्रम पर फूल की जहां मजलिसे हुई वहीं घरों में फातेहा दिलाकर तबर्रुक तक्सीम किया गया। चना, इलायची दाना, पान, डली और तेल पर फातिहा कराकर अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन व शहीदाने कर्बला को नजराना-ए-अकीदत पेश किया। दोपहर बाद अलग-अलग इलाकों से अलम व अखाड़ों के जुलूस निकले। जुलूस के दौरान फन-ए-सिपहगरी का हैरतअंगेज प्रदर्शन किया गया। बुजुर्गो व बच्चों ने भी दिखावटी तलवार, बनेठी, लाठी आदि में अपने जौहर दिखाए। भोजूबीर, अर्दली बाजार, नदेसर, जैतपुरा, छित्तनपुरा, चौहट्टा लाल खां, कोयला बाजार, बजरडीहा, नई सड़क, लल्लापुरा, पितरकुंडा, पीली कोठी, सदर बाजार, शिवाला, गौरीगंज, बजरडीहा, नयी सड़क, दालमंडी आदि क्षेत्रों से निकले अलम सद्दे के जुलूस दरगाह फातमान पहुंचे। जुलूस में युवा 10 फीट से लेकर 50 फीट तक के अलम लेकर चल रहे थे, जिन्हें गुब्बारे, फूल-माला, मोती व बिजली के झालरों से आकर्षक रूप में सजाया गया था। नई सड़क चौराहे से दरगाह फातमान तक तिल रखने भर की भी जगह नहीं थी। मुख्य मार्ग के दोनों ओर के मकानों की छतों व बरामदों पर महिलाओं व बच्चों की भीड़ रही। उधर, गौरीगंज से नन्हे खां के इमामबाड़े से दोपहर बाद अलम का जुलूस निकला जो शिवाला के अलम के जुलूस को साथ में लेते हुए सैकड़ों लोग कलाम पेश करते चल रहा था। जुलूस शाम में अकीदत के साथ सम्पन्न हुआ।

स्वयंसेवी संगठन रहे सक्रिय

तीजा के जुलूस में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए स्वयं सेवी संस्थाओं के वालंटियर्स जुलूस में मुस्तैद रहे। श्री सड़क स्टेट मीडिया की ओर से जहां सहायता के लिए कैम्प लगा हुआ था वहीं जिया क्लब की ओर से शकील अहमद जादूगर के संयोजन में पितरकुंडा चौराहे के पास चिकित्सा शिविर लगाया गया था। ऐसे ही अंजुमन इस्लामिया की ओर से नई सड़क चौराहे पर हाजी मुहम्मद शाहिद अली खां मुन्ना के संयोजन में सहायता व चिकित्सा शिविर लगाया गया।

देर रात तक गूंजती रही मातम की सदा 

शिया हजरात के घरों में फूल की मजलिस हुई। लोगों ने फातेहा कराकर तबर्रुक तक्सीम किया। घरों व इमामबारगाहों में मजलिस आयोजित हुई। इस दौरान मुकीमगंज, अर्दली बाजार, शिवाला, गौरीगंज, चौहट्टा लाल खां, काली महल, चहमामा, दालमंडी, मदनपुरा, पितरकुंडा आदि क्षेत्रों में शिया हजरात के घरों से देर रात तक नौहाख्वानी व मातम की सदा गूंजती रहीं।

Azadi ka Amrit mahotsav:निडर की निडरता से अंग्रेज भी थे कांपते

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. ब्रजमोहन सिंह निडर की कहानी


महेंद्र बहादुर सिंह
Varanasi (dil india live). आजादी के इस अमृत महोत्सव के राष्ट्रीय पर्व पर चंद्रशेखर आजाद के साथी, क्रांतिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉक्टर बृज मोहन सिंह निडर का नाम काशी वासियों की ज़ुबां पर आना लाजमी है। भला इन्हें याद भी कोई क्यों न करे। दरअसल इनकी क्रांतिकारी गतिविधियों से तंग आकर हुकुमते बरतानिया ने इन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर 1000 रूपये का इनाम जो रखा था। स्वर्गीय निडर काशी वासियों में अंग्रेजों के विरुद्ध चेतना जगाने के लिए रणभेरी की तर्ज पर खौलता हुआ खून, समाचार पत्र का संपादन करते रहे। इस पत्र के प्रकाशन का कार्य काशी के मणिकर्णिका घाट स्थित शिव मंदिर के तहखाने से होता था। निडर के नेतृत्व में खौलता हुआ खून पत्र को गंगा के किनारे मुख्य चौराहे पर चस्पा करने का काम किया जाता था। इस पत्र को पढ़ने के लिए काशीवासियों की अच्छी खासी भीड़ इकट्ठा होती थी। जो अंग्रेजों के विरुद्ध उनकी भुजाओं को फड़काने का काम करती थी। खौलता हुआ खून मैं उद्धृत कुछ पंक्तियां  निम्नवत है:- जब तक भुजाओं में है बल और जब तक है इस तन में दम, बिना सुराज लिए हरगिज खामोश नहीं बैठेंगे हम...।
हम शेर भी कसे गुलामी की जंजीर में झटके खाते हैं अफसोस न भारत माता की खातिर कुछ कर ना दिखाते हैं ।
निडर विशिष्ट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के साथ ही साथ एक अच्छे तांत्रिक, हठयोगी तथा मां काली के  उपासक थे। स्थानीय उदय प्रताप डिग्री कॉलेज मैं बतौर शारीरिक प्रशिक्षक के पद पर रहते हुए इन्होंने खुले मंच पर आंख से देखकर बेहोश करने, तत्कालीन प्रधानाचार्य स्वर्गीय डॉक्टर राजनाथ सिंह को नंगे पैर आग के अंगारे पर चलाने, आंख में पट्टी बांधकर शब्दभेदी बाण चलाने इत्यादि अनेक अभूतपूर्व क्रियाओं का सफल प्रदर्शन भी किया था। 
आज के इस भौतिकवादी युग में तांत्रिक क्रियाओं के माध्यम से शक्ति का साक्षात्कार किया जा सकता है, जो इनको बखूबी प्राप्त था। इतना ही नहीं 2 वर्ष पूर्व ही अपने मृत्यु की तारीख को भी इन्होंने बता रखा था। 31 दिसंबर सन 2003 में काशी का यह अभूतपूर्व सितारा सदा सदा के लिए ब्रह्मलीन हो गया।उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ अश्रुपूर्ण वातावरण के साथ अंतिम रूप से विदाई दी गई। मैं पुत्र महेंद्र बहादुर सिंह हर साल हीरापुरा, जालपा देवी रोड पर उनके द्वारा स्थापित विद्या केंद्र के सभागार में उनकी जयंती व पुण्य तिथि मनाई जाती है। इस दौरान देश को आजाद कराने में उनके अभूतपूर्व योगदान पर चर्चा होती है। मैं सभी से यही कहूंगा कि हम लोग उनके बताए और दिखाएं हुए मार्ग पर चलें। यही उनके प्रति हम सबकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Adhikar सेना करेंगी पार्टी का विस्तार

विजय गौतम के परिजनों से मिले अमिताभ, नूतन ठाकुर


Varanasi (dil india live).अधिकार सेना पार्टी के संयोजक अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर आज वाराणसी आए.उन्होंने प्रातः 09.30 बजे  बीएचयू गेट, थाना लंका स्थित मालवीय जी की मूर्ती पर माल्यार्पण किया. इसके बाद उन्होंने राजेंद्र विहार कॉलोनी में अधिकार सेना की बैठक की, जिसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिसमें पार्टी के विस्तार और नगर निकाय चुनाव पर चार हुई।

वे थाना कपसेटी क्षेत्र के सुइलरा गाँव गए जहाँ पप्पू राम के 14 वर्षीय पुत्र विजय कुमार गौतम को गांव के दबंग लोगों ने आम और चार किलो चावल चोरी का आरोप लगाते हुए पिटाई की थी, जिससे उनकी मौत हो गयी।

गांव में मृतक की माँ तथा गांव वालों ने बताया कि जहां दबंगों ने उसे मार डाला वहीं इस मामले में पुलिस पूरी तरह लीपापोती कर रही है. पहले तो मृतक पक्ष को ही 151 में जेल भेजा गया, उसके बाद आज तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। उल्टे पुलिस पीड़ित पक्ष को ही धमका रही है। पीड़ित पक्ष ने कहा कि उन्हें लगातार दबंगों द्वारा धमकाया जा रहा है। 

अमिताभ ने मामले मे न्याय दिलाने की बात कही। उनसे साथ वाराणसी के वरुण उपाध्याय तथा मनीष श्रीवास्तव थे। प्रेस वार्ता में अमिताभ ठाकुर ने वाराणसी की ट्रैफ़िक व्यवस्था पर कड़ा प्रहर किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं देखा कि वाराणसी से कपसेठी के 30 किलोमीटर की दूरी तय करने में पौने दो घंटे लगे। उन्होंने कहा कि वाराणसी की ट्रैफ़िक की स्थिति पहले से भी खराब हो गई है। इसके बाद वे सड़क मार्ग से गाजीपुर के लिए प्रस्थान कर गए।

बुधवार, 10 अगस्त 2022

Muharram 11th: चुप का डंका बजाते हुए निकला लुटा हुआ काफिला

सलाम और कलाम पढ़ता फातमान पहुंचा काफिला

Varanasi (dil india live). ग्यारहवीं मोहर्रम पर बुधवार को दालमंडी से लुटे हुए काफिले का जुलूस पूरी अकीदत के साथ चुप का डंका बजाते हुए निकला। यह कदीमी जुलूस हकीम मोहम्मद काजिम के दालमंडी स्थित निवास से निकाला गया। इससे पूर्व उलेमा ने नूरानी तकरीर पेश की। तकरीर में जब उन्होंने लुटे हुए काफिले का मंजर बयान किया तो लोग जारोकतार रो पड़े। जुलूस का संयोजन अंजुमन हैदरी के सदस्य डा. मुज्तबा जाफरी ने किया।

नई सड़क चौराहे पर सैयद फरमान हैदर ने सैकड़ों की भीड़ में कलाम पेश किया ...अशरे को भी शब्बीर का जो गम नहीं करते, वो पैरवी-ए-सरवरे आलम नहीं करते, हिम्मत हो तो महशर में पयंबर से भी कहना, हम जिंदा-ए-जावेद का मातम नहीं करते। जुलूस नई सड़क से आगे बढ़ा। काफिले सलाम और कलाम पढ़ता हुआ दरगाहें फातमान पहुंचा।

दरअसल हज़रत इमाम हुसैन की शहादत के बाद यजीदियों ने काफिले लूट लिए थे। खेमे जला दिए गए थे। यही नहीं जो लोग बच गए थे उन्हें कैदी बना लिया गया था। इसी की याद में ग्यारहवीं मोहर्रम को निकलने वाले जुलूस को लुटे हुए काफिले का जुलूस कहते हैं।

ख्वातीन की हुई मजलिस

दुलदुल और अलम का जुलूस उठने के बाद हकीम मोहम्मद काजिम के इमामबाड़े में ही ख्वातीन की मजलिस हुई। यहां खिताब करते हुए नुजहत फातमा ने कहा कि ये मजलिसें जनाबे जैनब की यादगार हैं, इमाम हुसैन का पैगाम है, करबला के शहीदों की याद है और इंसानियत के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। दुनिया की हर ख्वातीन को जनाबे जैनब से सीख लेकर जुल्म का सामना करना चाहिए।

शहीदों का तीजा कल

इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों का गुरुवार को तीजा मनाया जाएगा। घरों में और इमाम चौक पर तीजे की फातिहा दिलाई जाएगी और मजलिसें भी होंगी। सभी इमाम चौक से अलम सद्दे का जुलूस उठेगा।

मंगलवार, 9 अगस्त 2022

Muharram 2022:खूबसूरत ताजियों की यहां करें जियारत

यौमे आशूरा पर शहर भर से एक एक से एक खूबसूरत ताजियों का जुलूस इमाम चौक से कर्बला की तरफ जाता दिखाई दिया। क्या कोई हिंदू क्या मुस्लिम ताजियों की जियारत के लिए सभी अकीदतमंद पलकें बिछाए नज़र आए। ताजिया कर्बला में जाकर जहां ठंडी हुई इसकी जियारत के लिए हुजुम सड़कों पर नज़र आया। कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से दसवीं मोहर्रम का जुलूस सम्पन्न हो गया। इससे जिला व पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। यहां देखें शहर की प्रमुख ताजिया...












 

Raksha Bandhan2022:अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर तक डाकघरों से भेजी गई राखियाँ

राखी के धागों की अहमियत बरकरार

विदेशों में भी भाईयों के लिए  बहनें डाकघरों से भेज रही राखियां 


Varanasi (dil india live) रेशम के धागों ने सोशल मीडिया पर चल रही वर्चुअल राखियों को बौना साबित कर दिया है। वाट्सएप, फेसबुक, स्काइप, टेलीग्राम जैसे बड़े सोशल प्लेटफॉर्म को छोडकर बहनें, भाईयों की कलाइयाँ सजाने के लिए डाक से रंग-बिरंगी राखियाँ भेजना पसंद कर रही हैं । डाक विभाग भी इसके लिए मुस्तैद है और तमाम तैयारियाँ किए हुये है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र से अब तक लगभग 50 हजार राखियॉं विभिन्न डाकघरों से देश-विदेश में भेजी गईं। रक्षाबंधन के दिन भी डाक वितरण के विशेष प्रबंध किए गए हैं, ताकि किसी भाई की कलाई सूनी न रहे।

राखी का क्रेज देश से बाहर विदेशों में भी खूब है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वाराणसी से विदेशों के लिए भी स्पीड पोस्ट और रजिस्टर्ड डाक द्वारा राखियाँ भेजी जा रही हैं। लगभग 800 राखियाँ वाराणसी के डाकघरों द्वारा विदेशों के लिए बुक की गईं। इनमें ज्यादातर राखियाँ संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, फ़्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा इत्यादि देशों में भेजी गई हैं। वहीं विदेशों में रह रही बहनें भी वाराणसी में अपने भाईयों को राखी भेज रही हैं, जो डाक विभाग के माध्यम से तुरंत वितरित हो रही हैं। विदेशों में राखियाँ भेजने के लिए बहनें पहले से ही तैयारी करने लगती हैं, ताकि सही समय पर भाईयों को राखी पहुँच जाये और उनकी कलाई सूनी न रहे। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग ने राखी डाक की बुकिंग के साथ-साथ स्पेशल सॉर्टिंग और इनके त्वरित वितरण हेतु डाकघरों से लेकर रेलवे मेल सर्विस और नेशनल सॉर्टिंग हब तक में विशेष प्रबंध किये गए हैं। चिट्ठियों के माध्यम से खुशियां बिखेरते रहने वाले डाक विभाग ने रिश्तों के इस त्यौहार को भी एक नया आयाम दिया है।

Khwaja Garib Nawaz के 813 वें उर्स का आगाज, बुलंद दरवाजे पर फहरा झंडा

Mohd Rizwan  Ajmer (dil India live).अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर झंडा फहराने के साथ ही ख़्वाजा के 813 वें उर्स का आगाज हो ...