आस्तानों पर होगा चिरांगा, घरों में हलवे की फातेहा
Varanasi (dil India live)। शबे बरात इतवार को है। यह अज़ीम रात इबादत और बस इबादत के लिए ही बनी है। इस बाबरकत रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार कि इबादत में मशगुल रहेंगे। सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे। शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करेंगे व घरों में रोशनी कि जाएगी। मगरिब की नमाज के बाद शिरनी कि फातेहा होगी।
घरों में लौटेगी पुरखों की रूह
मौलाना साकीबुल कादरी कहते हैं कि शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगा, किसकी जिंदगी खत्म होगी। मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने बताया कि किसके लिये साल कैसा होगा, पूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा, ये इसी रात लिखा जाता है। साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं। मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैं।
यहां लगाई जाएंगी हाज़िरी
बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुर, हुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंज, बहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरी, बजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तान, जक्खा कब्रिस्तान, सोनपटिया कब्रिस्तान, बेनियाबाग स्थित रहीमशाह, दरगाहे फातमान, चौकाघाट, रेवड़ीतालाब, सरैया, जलालीपुरा, राजघाट समेत बड़ी बाजार, पीलीकोठी, पठानीटोला, पिपलानी कटरा, बादशाहबाग, फुलवरिया, लोहता, बड़ागांव, रामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग हर साल पहुच कर शमां रौशन करते हैं, फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते हैं।
शांतिपूर्ण त्योहार के लिए बैठक
शबे बरात इतवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सकें इसके लिए सम्मानित विशिष्टजनो, सामाजिक कार्यकर्ताओं व पुलिस अधिकारियों के साथ शहर भर में सभी थाना क्षेत्रों में बैठक की गई। बैठक में कोई भी नई परम्परा कायम न हो, शांति व्यवस्था कायम रहे इस पर मंथन किया गया।
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