रविवार, 25 फ़रवरी 2024

shab-a-baraat पर हुई इबादत, लोगों ने मांगी मगफिरत की दुआएं

इबादत में मशगूल रहे लोग, होती रही नूर की बारिश 



Mohd Rizwan

Varanasi (dil India live)। शबे बरात पर रौशनी के बीच इबादतगाह और कब्रिस्तान जहां Sunday को जायरीन से गुलजार रही, वहीं लोगों का हुजूम फातेहा पढ़ने व दुआएं मगफिरत मांगने के लिए बुजुर्गों के दर पर उमड़ा हुआ नजर आया। यह सिलसिला पूरी रात चलेगा। चले भी क्यों नहीं इबादत कि रात जो है।

दरअसल इस्लाम में शब-ए-बरात की खास अहमियत है। इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना शाबान का महीना है। इस महीने की 14 तारीख का दिन गुजार कर जो शब आती है उस 15 वीं शब की रात में शब-ए-बरात (मगफिरत की रात) मनाया जाता है। इतवार की रात को देश दुनिया की तरह अपने शहर बनारस में भी शबे बरात पर सारा जहां रौशन नजर आया। शब-ए-बरात इबादत, फजीलत, रहमत और मगफिरत की रात मानी जाती है। इसीलिए तमाम मुस्लिमों ने रात में इबादत शुरू किया और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी, यह सिलसिला पूरी रात चलेगा। मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात पर इबादत करती नज़र आयी। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हुए। 

इससे पहले इतवार की शाम को मगरिब की अजान होने के साथ शब-ए-बरात की इबादत शुरू हो गयी। यह सिलसिला सोमवार को फजर की नमाज तक चलेगा। इस दौरान काफी लोग शाबान का नफिल रोजा भी रखते हैं। जो लोग रोज़ा रहेंगे वो सोमवार को अल सहर सहरी करके रोज़ा रहेंगे और शाम में मगरिब की अज़ान के साथ इफ्तार करके रोज़ा खोलेंगे।

क्या है shab-a-baraat

दरअसल शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगा, किसकी जिंदगी खत्म होगी। किसके लिये साल कैसा होगा, पूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटी हुई थी। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो गई। 

यहां दिखा अकीदत का हुजूम

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुर, हुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंज, बहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरी, कबीरनगर कब्रिस्तान (निकट संजय शिक्षा निकेतन), बजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तान, जक्खा कब्रिस्तान, सोनपटिया कब्रिस्तान, बेनियाबाग स्थित रहीमशाह, दरगाहे फातमान, चौकाघाट, रेवड़ीतालाब, सरैया, जलालीपुरा, राजघाट समेत बड़ी बाजार, पीलीकोठी, पठानी टोला, पिपलानी कटरा, बादशाहबाग, फुलवरिया, लोहता, बड़ागांव, रामनगर, टेंगरा मोड़ आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोगों का हुजूम फातेहा पढ़ने उमड़ा हुआ था। यहां लोगों ने शमां रौशन किया और फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगी। इसी के साथ शबे बरात के 15 दिनों के बाद मुक़द्दस रमजान का महीना शुरू हो जाएगा और 30 रोज़े मुकम्मल होने पर ईद आएगी।

शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

Shab-E-Baraat: होगी पूरी रात इबादत, पढ़ी जायेगी फातेहा

आस्तानों पर होगा चिरांगा, घरों में हलवे की फातेहा



Varanasi (dil India live)। शबे बरात  इतवार को है। यह अज़ीम रात इबादत और बस इबादत के लिए ही बनी है। इस बाबरकत रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार कि इबादत में मशगुल रहेंगे। सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे। शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करेंगे व घरों में रोशनी कि जाएगी। मगरिब की नमाज के बाद शिरनी कि फातेहा होगी।

घरों में लौटेगी पुरखों की रूह 

मौलाना साकीबुल कादरी कहते हैं कि शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगा, किसकी जिंदगी खत्म होगी। मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने बताया कि किसके लिये साल कैसा होगा, पूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा, ये इसी रात लिखा जाता है। साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं। मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैं। 

यहां लगाई जाएंगी हाज़िरी

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुर, हुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंज, बहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरी, बजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तान, जक्खा कब्रिस्तान, सोनपटिया कब्रिस्तान, बेनियाबाग स्थित रहीमशाह, दरगाहे फातमान, चौकाघाट, रेवड़ीतालाब, सरैया, जलालीपुरा, राजघाट समेत बड़ी बाजार, पीलीकोठी, पठानीटोला, पिपलानी कटरा, बादशाहबाग, फुलवरिया, लोहता, बड़ागांव, रामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग हर साल पहुच कर शमां रौशन करते हैं, फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते हैं।

शांतिपूर्ण त्योहार के लिए बैठक

शबे बरात इतवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सकें इसके लिए सम्मानित विशिष्टजनो, सामाजिक कार्यकर्ताओं व पुलिस अधिकारियों के साथ शहर भर में सभी थाना क्षेत्रों में बैठक की गई। बैठक में कोई भी नई परम्परा कायम न हो, शांति व्यवस्था कायम रहे इस पर मंथन किया गया।

सोमवार, 19 फ़रवरी 2024

Dr Renu Shahi ने दिया 'राजस्थानी लोक परंपरा' पर व्याख्यान

अमरकंटक के राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत किया शोध पत्र 





Jaipur (dil India live). नर्मदा के उद्गम स्थान अमरकंटक में 16  से 20 फरवरी तक  देश के प्रतिष्ठित संस्थान ' इंडियन आर्ट हिस्ट्री कॉंग्रेस', गुवाहाटी (जो कि भारतीय कला एवं पुरातात्विक पक्ष के सभी पहलुओं के ऊपर शोध का कार्य करवाती है) तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्विद्यालय, अमरकंटक के तत्वावधान में संयोजित रूप से "भारतीय कला पर लोक एवं जनजाति तत्वो के प्रभाव" शीर्षक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया l जिसमें  जयपुर (राजस्थान) से डॉ. रेणु शाही को शोध-पत्र प्रस्तुत किया। इन्होंने नाथद्वारा शैली में लोक परंपराओं, लोक तत्वों, लोक मान्यताओं एवं लोक कथाओं को केन्द्रित करते हुए एवं एक लघु चित्र शैली जो राजस्थान के चार प्रमुख चित्र शैलियों मारवार, मेवाड़, ढूंढार एवं हाड़ौती में मेवाड़ की एक उप-शैली नाथद्वारा शैली के वर्तमान स्वरूप के ऊपर अपना शोध-पत्र प्रस्तुत किया। इसे सभी कला मर्मज्ञों, इतिहासकारों व बुद्धजीवियों द्वारा सराहा गया I दृष्य कला से संबंध रखने वाली डॉ. रेणु शाही मूलतः उतर प्रदेश के गोरखपुर से है और कला शिक्षा वाराणसी में रहकर पूर्ण किया हैं और वर्तमान में जयपुर में रहते हुये एक कला महाविद्यालय में शिक्षण के साथ-साथ लेखन एवं कला इतिहास पर शोध एवं समीक्षा का कार्य करती है l अब तक इनके  लगभग तीस से चालीस शोध कार्य एवं कला समीक्षाएं अलग-अलग पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है l साथ ही कलात्मक गतिविधियों में भी भागीदारी करती है l चित्रकारी के साथ-साथ लेखक में भी सक्रिय है l इनका कहना है कि 'निरंतर एवं मंदगति का प्रवाह एक सुखद अनुभूति होती है' l

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

Mister Kashi बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता 18 को




Varanasi (dil India live). काशी जिला बॉडीबिल्डिंग एंड फिटनेस एसोसिएशन द्वारा तीसरा मिस्टर काशी बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता का आयोजन 18 फरवरी को आयोजित की जा रही है। यह बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता जीरो से 55, 55-60, 60- 65, 65-70,70-75 व 75 से अधिक भार वर्ग में आयोजित किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता न्यू वायरस जिम चौरसिया कटरा, अमरोहा बाजार में  आयोजित है। इस संदर्भ में काशी जिला बॉडीबिल्डिंग एंड फिटनेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अहमद फैसल महतो ने बताया कि इस प्रतियोगिता में हर ग्रुप के विजेता को ट्रॉफी, सर्टिफिकेट, सप्लीमेंट व टी शर्ट भेंट किया जाएगा। साथ ही टाइटल कैश मनी 31सौ व मसल्स मैन कैश मनी 21सौ रुपयों का विशेष पुरस्कार रखा गया है। साथ ही ट्रैक सूट व सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।इसके साथ ही हर भर वर्ग ग्रुप से 5 बेस्ट  और दो फिटनेश फिजिक चुने जाएंगे जिसमे एक 5.6 इंच तक में से तो दूसरा 5.6 इंच के अधिक का होगा। इन्हे भी विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

Sp Leader Lari ने देखिए अखिलेश यादव से क्या मांगा

राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा स्वीकार न करें

सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ वाराणसी के वरिष्ठ नेता अतहर जमाल लारी (फाइल फोटो)

Varanasi (dilindialive). समाजवादी पार्टी वाराणसी के वरिष्ठ नेता अतहर जमाल लारी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मांग किया है कि वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा स्वीकार न करें। उन्होंने कहा है कि यह हमारी अपील है। स्वामी प्रसाद मौर्य पीडीए के एक प्रमुख स्तंभ है और समाजवादी पार्टी में उनकी जरूरत है। उनका पद पर बने रहना चाहिए, उनसे मेरी यही अपील है हम आशा करते हैं कि अध्यक्ष जी कार्यकर्ता की आवाज को सुनेंगे यह केवल मेरी नहीं बहुत से कार्यकर्ताओं की आवाज है। कृपया इस पर ध्यान जरूर दें।

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024

Ash Wednesday संग शुरु होगा 40 दिनी मसीही समुदाय का महाउपवास काल

माथे पर पवित्र राख से मसीही बनाएंगे क्रूस का निशान

-इस बार देश दुनिया में 14 फरवरी से शुरू होगा महा उपवास

-जानिए क्या है महा उपवास काल, क्यों मनाया जाता है इसे




Varanasi (dil India live). ऐश वेडनेस डे यानी राख बुधवार के साथ ही मसीही समुदाय का 40 दिन का उपवास काल इस बार 14 फरवरी से शुरु होगा। विश्व भर के ईसाई ऐश वेडनेसडे से 40 दिन के उपवास की शुरुआत करते हैं। ऐश वेडनेसडे यानी राख बुधवार प्रभु यीशु के दुख भोग के रुप में मनाया जाता है। इन 40 दिनों तक ईसाई वर्ग प्रभु से प्रार्थना करते हैं। इस दौरान लोग प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं। वाराणसी धर्मप्रान्त से जुड़े फादर चंद्रकांत की माने ईसा मसीह ने 40 दिन का व्रत रखा था, उनके 40 दिन के व्रत को त्याग, बलिदान के रुप में मसीही न सिर्फ याद करते हैं बल्कि इन 40 दिनों में मसीही समुदाय ईसा मसीह द्वारा क्रूस पर दिये बलिदान को याद किया जाता है। पादरी बीएन जान कहते हैं कि इसका मकसद प्रभु पर भरोसा करना होता है। इस महा उपवास काल को त्याग और मंथन के रुप में जाना जाता है। इस दौरान मसीही अहंकार को दूर करते हुए जहां पुण्य कार्यों में लगे रहते है वही महाउपवास काल के दौरान गुप्त दान भी खूब किया जाता है।

क्या है ऐश वेडनेस डे

ऐश वेडनेसडे ईसाई समुदाय का वो पवित्र दिन होता है। जिस दिन माथे पर पवित्र राख लगाकर मसीही चालीस दिनी महाउपवास की शुरुआत करते हैं। प्रभु यीशु के प्रति मसीही अपनी आस्था दिखाते हैं। पादरी आदित्य कुमार कहते है कि ऐश वेडनेस डे ईसाई वर्ग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है। ऐश वेडनेस डे से लेंट काल की शुरुआत होती हैं। यह पूरा समय ही आत्म मंथन का होता है, इस चालीस दिन को मसीही प्रभु यीशु के नाम कर देते है, प्रभु की आराधना, गुप्त दान आम हो जाता है।

-मिट्टी में मिल जाओगे

फादर फिलिप्स बताते हैं कि राख बुधवार के दिन कैथलिक ईसाई पवित्र राख से माथे पर क्रूस का निशान बनाते हुए ईसा मसीह को याद करते हैं। इस दौरान पुरोहित माथे पर राख लगाते हुए लोगों को याद दिलाते है कि तुम मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओगे। इसके साथ लोगों को अंहकार छोड़कर अच्छी सीख दी जाती है।


पास्टर एंड्रू थामस कहते हैं कि पाम संडे, जिसे पैशन संडे के नाम से भी जाना जाता है, इस बार 24 मार्च को है। पाम संडे ईस्टर से पहले का रविवार है और पवित्र सप्ताह की शुरुआत का प्रतीक है, जो ईसाइयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बाद 29 मार्च को गुड फ्राइडे व 31को ईस्टर की मसीही खुशी मनाएंगे।

गुरुवार, 8 फ़रवरी 2024

अच्छा सर्जन बन कर समाज के कमजोर लोगो की खिदमत करना चाहते हैं डाक्टर नवाब

मेहनत और आत्मविश्वास, सफलता की अहम कड़ी-डा. आदिल नवाब



Chandoli (dil India live). दुल्हीपुर सतपोखरी ग्रामसभा के निवासी डॉक्टर शमशाद अहमद अंसारी के पुत्र  डॉक्टर आदिल नवाब ने मेडिकल के इम्तेहान एफएमजीई ( मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया स्क्रीनिंग टेस्ट) पास करके अपने गांव में मिसाल पेश की है। इस मौके पर न सिर्फ उनके गांव में हर्ष का माहौल है, बल्कि चंदौली के साथ ही उनके दूर दराज में रहने वाले रिश्ते नातेदारों में भी खुशी है। डॉक्टर आदिल नवाब कहते है कि मैंने पहले अटेम्प्ट में ही ये परीक्षा पास की है, इसका श्रेय मैं रब, मेरे वालिद, मरहूम मां नगमा जमाल (पूर्व हेड मास्टर), हमारी सभी बहने, हमारे दोस्त और हमारे सबसे लोकप्रिय डॉक्टर प्रभात कुमार को जाता है, डॉक्टर प्रभात कुमार(एनेस्थेटिक)  मुझे समय समय पर मेरा मार्गदर्शन करते रहे और साथ ही साथ एक अच्छे चिकित्सक और नेक इंसान बनने को प्रेरित भी करते रहे, मैं सभी का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे दुआएं दी और सपोर्ट किया। मेरी ख्वाहिश है कि मैं एक अच्छा सर्जन बन कर समाज में हर वर्ग, वंचित और कमजोर लोगो की खिदमत कर सकूं , जो पैसे के अभाव में अपनी जान से हाथ धो बैठते है।मेरे साथ सभी का आशीर्वाद ऐसे ही बना रहे। अपने एमबीबीएस के दोसरे प्रॉफ में ही अपनी मां को खो देने वाले डॉक्टर आदिल कहते है कि सफलता के लिए मेहनत के साथ साथ आत्म विश्वास का होना बहुत जरूरी है।

Hajj 2024: जायरीन के लिए लगा मेडिकल और फिटनेस् कैंप

Hajj Camp:  दोनों केंद्रों पर हाजियों की उमड़ी भीड़


Varanasi (dil India live). पूर्वांचल हज सेवा समिती के महासचिव अदनान ख़ान ने बताया कि हर आजमीने ए हज  को हज कमेटी आफ इंडिया के सर्कुलर के मुताबिक़ अपना मेडिकल और फिटनेस सर्टिफिकेट किसी सरकारी मेडिकल आफिसर से जो हज कमेटी आफ इंडिया ने जारी किया है उसको बनवाने के लिए पूर्वांचल हज सेवा समिति के  दोनों केंद्रों पर लगभग 160 जायरीन की स्वास्थ की जाँच किया गया और हेल्थ सर्टिफिकेट जारी किया गया। जनता सेवा हॉस्पिटल रेवड़ी तालाब मदनपुरा में डॉ. गुलरेज़ आलम खां व जामिया हॉस्पिटल पीलीकोठी गोलगड्डा मे डॉ. राशिद जमाल अंसारी

ने सुबह 9 बजे से 12 बजे दोपहर तक अपनी चिकित्सकों की टीम के साथ हाजियों की स्वास्थ की जाँच की और फिटनेस् सर्टिफिकेट जारी किया गया। कैंप में यू.पी. हज कोओर्डिनेटर अरमान अहमद एवंं  पूर्वांचल हज सेवा समिति के नायब सदर हाजी ज़ुबैर अहमद, अब्दुल अहद, अयाज़, तलत महमूद, अख्तर हुसैन, पप्पू मेडिकल, राजू, सोहेल, आदि लोग हाजियों की मदद में लगे रहे l

एडुलिडर्स वाराणसी ने किया शिक्षा अधिकारियों को कैलेंडर व डायरी भेंट



Varanasi (dil India live). गुरुवार को एडुलिडर उ.प्र.द्वारा जारी नए वर्ष का कैलेंडर और डायरी जिला संयोजक तूबा आसिम द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय अपर सचिव विनोद कुमार राय, डायट प्राचार्य उमेश कुमार शुक्ला एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पाठक को भेंट किया गया। इस अवसर पर एडूलीडर्स के मुख्य सदस्य आशा विश्वकर्मा, आंचल पटेल, अब्दुर्रहमान एवं अजय कुमार भी उपस्थित रहे।

जिला संयोजक तूबा आसिम ने शिक्षा अधिकारियों को बताया कि एडूलीडर्स उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का एक स्वप्रेरित समूह है जो शिक्षकों और छात्रों के हित में कोविड काल से ही निरंतर कार्य कर रहा है।नेशनल टीचर्स अवॉर्डी  सर्वेष्ट मिश्र की नेतृत्व में टीम एडुलीडर्स द्वारा प्रतिदिन ज्ञान गंगा, निपुण प्रवाह, संस्कार, योग प्रवाह, शब्द संग्रह,बूझ भाई बूझ, विद्या प्रवाह, स्टार ऑफ द वीक, बाल सवाल, शिक्षक कलाकार एवं बाल कलाकार आदि जैसे विषयों पर कार्य किया जाता है।

शनिवार, 3 फ़रवरी 2024

'टारगेट 41' का अभियान चला रही अल्पसंखयक कांग्रेस

दलित-मुस्लिम साथ आएंगे, कांग्रेस का राज्य लायेंगें... कांग्रेस का नया प्लान 


Varanasi (dil India live). टारगेट 41 का अभियान 2 फरवरी से अल्पसंखयक कांग्रेस प्रदेश भर में चला रही है। यह अभियान 12 फरवरी तक चलेगा। असल में इस अभियान को इस नारे से समझा जा सकता है कि "दलित-मुस्लिम साथ आएंगे, कांग्रेस का राज्य लायेंगें...।

उक्त बाते उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने दिल इंडिया लाइव से साझा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम के निर्देश पर पूरे प्रदेश में अल्पसंखयक कांग्रेस की ओर से जय जवाहर, जय भीम,

भाजपा भगाओ संविधान बचाओ... नारो के साथ टारगेट 41 का अभियान 2 फरवरी से चला रही है जो 12 फरवरी तक चलेगा। इसके तहत प्रत्येक ब्लाकों, वार्डो में जगह जगह छोटी छोटी बैठके कर दलित मुस्लिमों के साथ संवाद कर लोगो को दलित, मुस्लिमों के  अधिकारों का जो हनन सरकार द्वारा जारी है उससे भी अवगत कराया जाएगा, साथ ही इस अभियान में पर्चा वितरण के साथ साथ नुक्कड़ सभाएं की जायेगी।

कब्बन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम 20 प्रतिशत, दलित 21प्रतिशत, कुल मिलाकर 41 प्रतिशत है। 2014 में भाजपा को 31 प्रतिशत और 2019 में 37 प्रतिशत वोट मिला था। यानी मुस्लिम और दलित साथ आ जाए तो भाजपा को शिकस्त खानी होगी।

कब्बन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बने राममंदिर का श्रेय लेने की भाजपा कि कोशिश नाकाम हो गई। इसी वजह से नीतीश बाबू को तोड़ना पड़ा भाजपा को।

दलित और मुस्लिम समुदाय की एकता ही संविधान बचाने की शर्त है। कब्बन ने कहा कि दलित मुस्लिम साथ आएंगे ,कांग्रेस का राज्य लायेंगे।

Government School के बच्चों को मिला Award

पुरस्कार पाकर झूमे स्टूडेंट्स 



Varanasi (dil India live). सरकारी स्कूलों की बेहतरी के लिए कार्य करने वाली सरकारी स्कूल डॉट इन एवं वीसिटीजन्स फाउंडेशन ने अंतर-राज्यीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम संवाद का आयोजन किया। जहां अलग-अलग जिलों के 8 चयनित स्कूलों ने सहभागिता की। इस आयोजन में प्राथमिक विद्यालय ठटरा प्रथम व प्राथमिक विद्यालय सेवापुरी के 12 बच्चे भी शामिल हुए। जहां उन्होंने बाल अधिकार, गुड टच बैड टच, जी-20 जैसे कार्यक्रम के जरिये अपने विद्यालय की ख़ासियत और विद्यालय द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षण हेतु चल रहे प्रयासों को साझा किया। बच्चों के दमदार प्रदर्शन के आधार पर सरकारी स्कूल डाट इन ने इन बच्चों को 500/ रुपए की उपहार राशि प्रदान की। प्रार्थना सभा में उनके अध्यापकों अब्दुर्रहमान, नीलम केशरी, कल्पना सिंह, अंजली गुप्ता, सौम्यता दुबे, संयोगिता पांडेय, संगीता सिंह, अंजली आर्य, जागृति सिंह, अशोक कुमार, गोपी वर्मा, अनवारुद्दीन अंसारी, मनोज कुमार मौर्य के हाथों प्राण पत्र और स्टेशनरी की वस्तुएं देकर सम्मानित किया गया। अपने आप में अनोखे इस आयोजन में जहां अलग-अलग जिलों के ग्रामीण/शहरी स्कूलों के बच्चों को आपस में जुड़ने का अवसर मिला, बल्कि एक दुसरे की खूबियों से सीखने तथा अपने बेहतर कार्यों को साझा करने का मौका भी मिला। जहां बच्चों ने अपनी प्रतिभा से सबका मन मोहा, वही विविध आयोजनों ने कार्यक्रम की खूबसूरती में चार चाँद लगाए। कार्यक्रम की संयोजिका एवं महारानी कॉलेज, जयपुर राजस्थान की अर्पिता शेखावत ने कहा कि शहरों में रहने वाले युवा सरकारी स्कूलों के बारे में कई बार अच्छी राय रखते नज़र नही आते। इसलिए हमने इस प्रयास के जरिये यह कोशिश की न केवल युवाओं को स्कूलों की खूबियों से परिचित हो सके बल्कि उन्हें इन स्कूलों के बारे में बनी धारण बदल उनके लिए कुछ करने की प्रेरणा भी मिल सकें। आयोजन की सह-संयोजिका एवं गुरुग्राम विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की छात्रा हिमांशी यादव ने कहा कि संवाद कार्यक्रम ने बच्चों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया, साथ ही साथ स्कूलों को एक-दुसरे के साथ मिलकर कार्य करने की प्रेरणा देने में भी सफल रहा। कार्यक्रम के कोर ग्रुप की सदस्य एवं दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा विदुषी मिश्रा एवं मुस्कान यादव ने आयोजन में भाग लेने वाले स्कूलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि परिसर में रोचक गतिविधियों के आयोजन करने वाले शिक्षकों व वहां के बच्चों से मिलना युवाओं को प्रेरित करेगा।सरकारी स्कूल डॉट इन के संस्थापक अभिषेक रंजन ने सभी प्रतिभागी छात्रों को बधाई दी।

22 Rajab को हुई कुंडे की Fatiha, Muslim घरों में रही रौनक


Varanasi (dil India live). 3 फरवरी 22 Rajab को शहर भर में मुस्लिमों ने अपने घरों में कुंडे की Fatiha करायी। इस दौरान मुस्लिम घरों में सुबह से देर रात तक रौनक ही रौनक देखने को मिली।

रजब हिजरी कैलेंडर का 7 वां महीना है, जिसकी 22 तारीख को हर साल नज़र व घरो में फातिहा कराया जाता है। इस दौरान लोग एक दूसरे के घरों में जाकर कुंडें का तबर्रुक चखते हैं। इसमें सबसे ज्यादा उत्साह और उल्लास बच्चों में देखने को मिला।

दरअसल कुंडे का शाब्दिक अर्थ दस्तरखान को ढकने वाले कपड़े से है। यह नज़र छठवें इमाम हज़रत जाफर सादिक़ से जुड़ी है। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि आज वाराणसी में लोगों ने कई क्षेत्रों गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, नई सड़क, दालमंडी, फाटक शेख़ सलीम, राजा बाजार, कश्मीरीगंज, नक्कीघाट, अर्दली बाजार, जियापूरा, माता कुंड, लल्लापुरा, मदनपुरा, चौक, पठानी टोला आदि क्षेत्रों में नजर दिलाई गई। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी सैयद फरमान हैदर ने बताया कि इस दिन की नज़र की एक खासियत यह भी है कि यह सूरज उगने से पूर्व घरों में दिला दी जाती है जिसके बाद दिन में लोगों का एक दूसरे के घरों पर आना जाना शुरू हो जाता है। इस दौरान मिल्लत का नज़ारा भी आम होता है।