रविवार, 15 सितंबर 2024

Nabi ने नेकी की दी dawat, बुराई से रोका -डा. साजिद

अस्पतालों में Dawat-e-islami India ने मरीजों में बांटे फल




Varanasi (dil India live)। दावते इस्लामी इंडिया के गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन ने नबी की यौमे पैदाइश की पूर्व संध्या पर कबीर चौरा और जनता सेवा अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके अजीजों व अन्य लोगों में फलों का पैकेट बांटा। इस दौरान दावते इस्लामी इंडिया के डाक्टर साजिद अत्तारी ने कहा कि नबी की तालीम है कि कमजोरों, भूखों और मरीजों को खाना खिलाओं, उनकी खिदमत करो। नबी ने हमेशा बुराई से रोका और नेकी के रास्ते पर चलने की दावत दी। यही वजह है कि दावते इस्लामी इंडिया वक्त वक्त पर लोगों को सही राह दिखाने के साथ ही लोगों की मदद करने का काम करती हैं। लोगों की खिदमत के लिए ही जीएनआरएफ का गठन किया गया है। इसी कड़ी में कबीर चौरा के शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल व मदनपुरा में जनता सेवा अस्पताल में लोगों को फल बांटकर नबी की पैदाइश मनाया। इस मौक़े पर डाक्टर मुबस्सिर अत्तारी, शाहिद अत्तारी, सऊद अत्तारी, प्राचार्य वासिद रजा, मुस्तकीम अत्तारी, ज़ुल्करनैन बरकाती, ज़ैब अत्तारी, शहाब अत्तारी, शानू, शहजान अत्तारी आदि मौजूद थे।

शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

अंजुमन गुलज़ार-ए क़ासिमी ने मनाई ईद-ए-ज़हरा

डॉ. मुस्तफा के हाते में सजी महफिल, नौहख्वानों को किया गया पुरस्कृत



Allahabad (dil India live). । अंजुमन गुलज़ार ए क़ासिमी की जानिब से शुक्रवार ईद-ए-ज़हरा की खुशी के मौके पर कई मशहूर व मार्रूफ शायर ए अहलेबैत के कलामों से महफिल सजी। 

दायरा शाह अजमल स्थित डॉ. मुस्तफा के हाते में हुई महफिल के आगाज़ में मोहम्मद कुमैल ने क़ुरआन और हदीस पढ़ा। महफिल को मौलाना जाफर हसनैन क़ुम्मी ने खिताब किया। महफिल में मुख्य रूप ज़मीर भोपतपुरी, नजीब इलाहाबादी, जावेद रिज़वी करारवी, इतरत नक़वी, शहंशाह सोनवी शहीर रालवी, हैदर कोरालवी, ईशान कोरालवी, अज़हर इलाहाबादी, शुजा अब्बास आकिब रालवी, ज़ीशान, अमन प्रतापगढ़ी आदि ने मदहे अहलेबैत मे अपने अशआर पेश किए। महफिल के बाद अंजुमन गुलज़ारे क़ासिमी के नौहख्वानों शादाब ज़मन, अस्करी अब्बास, ज़हीर अब्बास, एखलाक़ रज़ा, यासिर ज़ैदी, एजाज़ नक़वी, कामरान रिज़वी, असद अली, शफ़क़ अली को पुरस्कृत किया गया। निज़ामत दानियाल इलाहाबादी ने किया। 

कार्यक्रम में शिया धर्मगुरु मौलाना जौहर अब्बास मौलाना सगीर हसन, मौलाना ज़ीशान हैदर, मौलाना अली अब्बास, मौलाना जाबिर अब्बास मौलाना मो. यासिर मौलाना शाहिद रिज़वी, मौलाना जावेद ने ईद ए जहरा की फजीलत बयां की और नेक और खुश एखलाखी के रास्ते पर चलने की नसीहत दी।

महफिल में आयोजक नासिर ज़ैदी का विशेष योगदान रहा। रज़ा हसनैन एडवोकेट, शादाब रज़ा, अली मियां रिज़वी, बुतुराब मुस्तफाबादी, अलमताब नक़वी, कमर ज़ैदी, ज़हीर हाशिम ज़ैदी, एजाज़ मुर्तज़ा, जैन ज़ैदी, अख्तर मेंहदी, खुशनूद रज़ा, आसिफ रज़ा, आसिफ, महमूद ज़ैदी, ज़फर रिज़वी आदि उपस्तिथ रहे।

काले लिबास उतारे, दी ईद-ए-जहरा की मुबारकबाद

अजादारी के दो महीन आठ दिन पूरे होने के बाद पुराने शहर में कई जगह जश्न का सिलसिला जारी रहा। देर रात तक लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर नज्र चखी और ईद-ए-जहरा की मुबारकबाद दी। शिया समुदाय के लोगों ने काले कपड़े उतारकर खुशरंग लिबास पहने। शादीशुदा महिलाओं ने सुहागनों की तरह श्रृंगार किया। घरों में विभिन्न तरह के पकवान बनाये गये। शिया समुदाय के लोग मोहर्रम का चांद दिखते के साथ ही काले लिबास पहन लिए। इस दौरान किसी ने न तो खुशी मनाई और न ही खुशी के किसी कार्यक्रम में शरीक हुए। पुराने शहर के रानी मंडी, बख्शी बाजार, दरियाबाद, करेली, करेलाबाग, अतरसुइया के अलावा मुंडेरा, नीम सराय में लोगों ने लाल, नीले, पीले, गुलाबी रंग के लिबास पहनकर जश्न मनाया और खुशी का इजहार किया।

गुरुवार, 12 सितंबर 2024

Allahabad news : मातमी मजलिस के साथ खत्म हुआ अजादारी का सिलसिला

Anjuman गुलजार-ए-कासमी की आखिरी मजलिस में नम हुई आंखें



Allahabad (dil India live)। मोहर्रम के चांद दिखने के साथ ही करबला के शहीदों की याद में शुरू हुआ अजादारी का 67 दिनों का सिलसिला गुरुवार को आठवीं रबीउल अव्वल को अलविदाई मजलिस के साथ खत्म हो गया। अय्यामे अज़ा का आखिरी दिन इमामबाड़ा मोजिजनुमा जद्दन मीरसाहब दरियाबाद में अंजुमन गुलज़ार-ए-क़ासिमी की जानिब से हुई अलविदा मजलिस की शुरुआत मंज़रूल हिंदी साहब की सोज़ख्वानी से हुई। उसके बाद जनाब अबुतुराब ने पेशखवानी की। मजलिस को जाकिरे अहलेबैत ज़रखेज़ नजीब ने खिताब किया। बाद ए मजलिस अंजुमन गुलज़ारे क़ासिमी के लगभग 700 से ज़्यादा आज़ादारों ने नौहा व मातम किया, जिससे वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखों में अश्क तारी हो गये। मजलिस में ज़ुल्जनाह, गयारवे इमाम हसन अस्करी का ताबूत, व मौला अब्बास का अलम भी निकला। जिसकी ज़ियारत कर सोगवारों की आंखे अश्कबार हो गयी। मशहूर नौहाखवान गुलाम अब्बास ने पुरदर्द नौहा पेश किया। जब अंजुमन गुलज़ारे कासिमी के मुख्य नौहाखवान शादाब ज़मन् ने अलविदा नौहा पढ़ा, तो कोई अपने आंसू रोक नहीं सका, शादाब ज़मन के साथ आफ़ताबे निजामत नजीब इलाहाबादी ने किया। नौहाख्वानी व मातम के फराएज़ अंजुमन गुलज़ारे क़ासमी, इलाहाबाद के अस्करी अब्बास, ज़हीर अब्बास, यासिर ज़ैदी, एखलाक़ रज़ा, शबीह रिज़वी, एजाज़ रिज़वी, असद अली, कामरान रिज़वी, कुमैल आदि ने अंजाम दिए। मजलिस के बाद सभी के लिए नज़रे मौला का भी एहतेमाम किया गया था। मजलिस में नासिर ज़ैदी, रज़ा हसनैन एडवोकेट, ताशू रिज़वी, हैदर रिज़वी, आज़ादार हुसैन, कौनैन एडवोकेट, शादाब रज़ा, अख्तर मेहंदी,  जावेद रिज़वी करारवी, महमूद ज़ैदी, कमर अब्बास रिज़वी, खुशनूद रिज़वी, आसिफ रज़ा, फ़िरोज़ आबिदी,, हसन मुस्तफा रिज़वी, एजाज नकवी, मौलाना जाबिर अब्बास, कौनेन रिज़वी, आले मेंहदी, नसीर नकवी, कब्बन, अली अब्बास आदि मौजूद थे।

मनाई ईद ए ज़हरा की खुशी -

अंजुमन के सरपरस्त नासिर ज़ैदी की अगुवाई में अंजुमन गुलज़ार ए क़ासिमी की ओर से ईद ज़हरा की मजलिस का एहतेमाम शब  में ८ बजे डॉ मुस्तफा साहब के घर पर किया गया। इस दौरान ईदे जहरा की खुशी मनाई गई। कलाम पेश किए गए।

Varanasi news: Nabi की पैदाइश पर 16 सितंबर को निकलेगा जुलूस-ए-मुहम्मदी

जुलूस में कोई नयी परम्परा कायम न करने की अपील 

Varanasi (dil India live)। प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश पर 16 सितंबर को जुलूस-ए-मुहम्मदी शानो-शौकत के साथ रेवड़ी तालाब से निकाला जाएगा। पूर्वांचल के इस अज़ीम जुलूस-ए-मुहम्मदी के संबंध में एक जुलूस-ए-मुहम्मदी के सचिव मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने गुरुवार को पराड़कर भवन में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि जुलूस-ए- मुहम्मदी जो रेवड़ी तालाब थाना भेलूपुर से निकलकर बेनियबाग फुटबाल ग्राउन्ड में अमन शान्ति भाई चारा की दुआ (प्रार्थना) के साथ सम्पन्न होता है। इस साल भी शान से निकाला जाएगा। प्रेसवार्ता में जिन जिन बिन्दुओ पर वार्ता हुई उस में मुख्य रूप से जुलूस-ए-मुहम्मदी को प्रशासन की मदद से सकुशल समपन्न कराना है। जुलूस में चलने वाले लोगों से अपील की गई कि किसी भी प्रकार का कोई उत्तेजक नारा न लगायें ताकि किसी भी सम्प्रदाय की भावना आहत ना हो। डीजे पर प्रतिबन्ध रहेगा किसी को नया काम नहीं करना है। जुलूस में दो पहिया वाहन लाना मना है, चार पहिया वाहन सिर्फ और सिर्फ वही रहेगी जिसपर लाउडस्पीकर लगाया गया हो, इसके अलावा कोई दूसरी चार पहिया वाहन जिसपर खजूर, पानी, बिस्किट (लंगर) वगैराह फेंक फेंक कर बांटते हैं जिससे सख्त परहेज़ करें। बांसफाटक से लेकर चौक थाने तक रोड के दोनों तरफ किसी तरह का कोई भी स्टाल ना लगायें। अगर लगाना है तो चौक थाने के आगे मैदागिन, कबीर चौरा, बेनियाबाग तक जहां चाहें लगा सकते है। मरकज़ के बड़े जुलूस के अलावा छोटे छोटे जुलूस लेकर जिन थाना क्षेत्रों के लोग शमिल होते हैं उन के दो दो ज़िम्मेदारान अपना आधार और मोबाइल नम्बर अपने थाने या मरकज़ी जुलूस मुहम्मदी कमेटी में जमा करा दें। रेवड़ी तालाब से लेकर बेनियाबाग तक सी सी टीवी कैमरे और वीडियोग्राफी के ज़रिये निगरानी रहेगी, लेहाज़ा ऐसा काम करें जिससे बनारस की शान बुलन्द रहे। ताकि प्रशासन के लोग हम लोगों का भी सहयोग करें। इस दौरान प्रवक्ता हाजी अब्दुल ज़फर भी मौजूद थे। एसीपी को भी पत्रकारवार्ता में आना था मगर साठे के जुलूस में व्यस्त होने की वजह से वो समय पर नहीं आ सकी।

साठे के जुलूस में उमड़ा जनसैलाब, पेश हुआ दर्द भरा नौहा

गमे हुसैन के आखिरी दिन निकला अमारी, अलम, तुर्बत व दुलदुल, हुआ जंजीर का मातम

Varanasi (dil India live)। गमे हुसैन के आखिरी दिन, शिया वर्ग के 11 वें इमाम हजरत इमाम हसन असकरी की शहादत पर गुरुवार को साठे का जुलूस दालमंडी से निकाला गया। इसी के साथ ग़म का दो माह आठ दिन का अय्याम मुकम्मल हो गया।

इससे पहले...या हुसैन, की दर्द भरी सदाओं के बीच पुरानी अदालत दालमंडी स्थित शब्बीर और सफदर के अजाखाने से निकले जुलूस में शहीदाने कर्बला को आंसुओं का नजराना पेश किया गया। जुलूस में शामिल अलम, दुलदुल, तुरबत और अमारी की जियारत की गई और लोगों ने मन्नतें उतारीं। रास्ते भर अंजुमन हैदरी के दर्द भरे नौहें अकीदतमंदों की आंखें नम करते रहे। जुलूस नई सड़क काली महल पहुंचा तो यहां सैकड़ों की तादाद में मौजूद मर्द, ख्वातीन, बुजुर्ग, नौजवान, बच्चे और बच्चियों ने अमारी का इस्तकबाल किया। यहां मौलाना नदीम असगर ने अपनी तकरीर से लोगों को फैजयाब किया। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ बरसात के बावजूद उत्साह के साथ भीगते हुए नौहा और मातम का नज़राना पेश करते हुए दरगाहे फातमान पहुंचा। जहां अलविदाई मजलिस हुई। इससे पूर्व हुईं मजलिसों में कर्बला की शहादत के मंजर को बताया गया।

साठे का जुलूस उठने से पहले मजलिस को खेताब करते हुए लखनऊ से आए मौलाना इरशाद अब्बास नक़वी ने कहा कि इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों जिसमें एक छह माह का बच्चा भी था। सबको तीन दिन का भूखा और प्यासा शहीद कर दिया गया। मौलाना की ये तकरीर सुन वहां मौजूद शिया समुदाय की महिलाएं और पुरूष बिलख पड़े। मौलाना ने बताया कि इमाम हुसैन और उनके साथियों को सिर्फ इसलिये शहीद कर दिया गया क्योंकि इमाम हुसैन ने अपने नाना पैगंबर साहब के दीन को बचाने के लिए यजीद की शर्तों पर अपनी हामी नहीं दी थी। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि आज इमाम हसन असकरी की शहादत पर ताबूत भी उठाया गया। आखिर में असकरी रज़ा सईद ने शुक्रिया अदा किया। नेयाब रज़ा ने लोगों का इस्तकबाल किया। जुलूस में लियाकत अली, शराफत अली, अंसारी रज़ा सईद, सैय्यद फिरोज हुसैन, अतहर हुसैन, अफरोज अख्तर, हसीन, शब्बीर हुसैन, शकील अहमद जादूगर आदि हजारो लोग मौजूद थे। 

यौमुन्नबी वीक में मनेगी खुशी

दो महीने आठ दिन, गम के दिन पूरे होने पर शुक्रवार को शिया हजरात खुशी मनाएंगे। गमों का लिबास उतारकर खुशियों के नए लिबास ओढ़ेंगे। घरों में पकवान बनेंगे। शिया जामा मसजिद के प्रवक्ता सै. फरमान हैदर ने बताया कि शिया वर्ग अब यौमुन्नबी वीक मनायेगा, घरों व इमामबाड़ों में महफिलें होंगी।

बुधवार, 11 सितंबर 2024

PM का संसदीय कार्यालय घेरा, QR code और नये रुट का किया विरोध

हाथों में तिरंगा लहराते ई रिक्शा चालकों ने किया प्रदर्शन, विधायक को सौंपा ज्ञापन

Varanasi (dil India live)। नई यातायात प्रणाली और कयूआर कोड के विरोध में ई-रिक्शा चालक बुधवार को सड़क पर हाथों में तिरंगा झंडा लेकर उतर गए। रूटवार व्यवस्था से नाराज ई-रिक्शा चालकों ने पीएम का संसदीय कार्यालय घेर लिया और नारेबाजी की। कैंट के विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने उनकी मांगों को सुना और ज्ञापन लिया। विधायक ने कहा- हम 24 घंटे में बैठक बुलाकर बात करेंगे।

जिला प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद अनशनरत ई-रिक्शा चालकों ने ऐलान किया था कि बुधवार को 5 हजार ई-रिक्शा चालक अपने वाहनों की चाबी प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय में सौंपने पहुंचेंगे। इसके बाद प्रशासन और पुलिस की तैनाती कार्यालय पर की गई थी। अखिल भारतीय ई-रिक्शा चालक यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी ने बताया कि चालकों के मना करने पर भी यातायात पुलिस जबरन ई-रिक्शा को होमगार्ड और टीआई के जरिए ट्रैफिक कार्यालय ले जाकर बार कोड लगवाया जा रहा है।

बिना सहमति के बार कोड लगवाया जा रहा है। बहुत से चालक अज्ञानतावश अपनी गाड़ी में स्टीकर लगवा रहे हैं। क्योंकि 2 किलोमीटर की रेंज में चालक क्या कमाएंगे। बैंक की किश्त भी नहीं भर पाएंगे।

गौरतलब है कि बनारस यातायात प्रशासन की ओर से ई-रिक्शा संचालन को लेकर बनाई गई नई व्यवस्था को लेकर शहर में ई-रिक्शा चालक हड़ताल पर हैं। हड़ताल के नाम पर चालकों ने दबंगई भी नजर आई। शहर में चल रहे ऑटो व ई-रिक्शा को रोककर उनसे विवाद करते दिखे। ई-रिक्शा चालक नई यातायात प्रणाली के विरोध में हैं और एरिया बंटवारे को लेकर ई-रिक्शा चालक यूनियन ने आज पीएम संसदीय कार्यालय पर आह्वान किया है। उधर, सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा और पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने सपा के समर्थन की बात कहते हुए शास्त्री घाट पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का समर्थन पत्र सौंपा। आश्वस्त किया कि यदि प्रशासन ने मांग नहीं मानी तो अखिलेश यादव वाराणसी आकर आंदोलन में शामिल होंगे।

वाराणसी कमिश्नरेट में ई-रिक्शा के लिए नई यातायात प्रणाली लागू की गई, जिसमें शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा निर्धारित रूट पर कयूआर-कोड लगाकर चलेंगे। काशी जोन के 11 थाना क्षेत्रों में किया जाएगा और जिसके लिए चार रूट तक किए गए। सीपी ने डीएम के साथ ट्रैफिक पुलिस लाइन में क्यूआर कोड लगाकर अभियान का आगाज किया।

काशी जोन के आदमपुर, जैतपुरा, कोतवाली, चेतगंज, सिगरा, चौक, दशाश्वमेध, लक्सा, भेलूपुर, लंका और चितईपुर थाना क्षेत्र में लाल, पीले, हरे और नीले रंग के क्यूआर कोड तैयार किए गए हैं। सभी ई-रिक्शा चालक को क्यूआर कोड उनकी सुविधा को देखते हुए दिया जाएगा। तब तक उनका ई-रिक्शा जिस थाना क्षेत्र के पते पर पंजीकृत हैं, वहां चला सकेंगे। शर्त यही है कि ई-रिक्शा का फिटनेस पेपर होना चाहिए। एडीसीपी ट्रैफिक ने कहा कि नई व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। काशी की तरह ही गोमती और वरुणा जोन के ई-रिक्शा काशी जोन के 11 थाना क्षेत्रों में कतई नहीं आने दिया जाएगा, नियम तोड़ने पर यातायात के नियमों के तहत जुर्माना लगेगा।

मंगलवार, 10 सितंबर 2024

Eid miladunnabi 2024: Nabi की पैदाइश की खुशी में होगी सजावट निकलेगा जुलूस

पूरी रात पेश होगा नबी की शान में कलाम, अंजुमनों का रात भर होगा मुकाबला 




Varanasi (dil India live)। दालमण्डी स्थित मुस्लिम मुसाफिर खाने में मरकजी यौमुन्नबी कमेटी के सदर शकील अहमद बबलू एवं सिकेटरी हाजी महमूद खां ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नबी की पैदाइश की खुशी में मरकज़ी यौमुन्नबी कमेटी इस बार भी खूबसूरत सजावट करेंगी और पूर्व संध्या 15 सितंबर को जुलूस निकालेगी। जुलूस के बाद अंजुमनों का नातिया कलाम का मुकाबला होगा। अंजुमनों के मुकाबले से पूर्व मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी की तकरीर होगी।
दोनों वक्ताओं ने कहा कि इस साल भी शहर के प्रशासनिक अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों के साथ बैठे सम्पन्न हुई, जिसमें 15 सितम्बर को जश्ने ईद मिलादुन्नबी के यादगार जुलूस के उठने पर चर्चा की गई। मरकज़ के जिम्मेदार साथियों ने गंगा जमुनी तहजीब के शहर में तमाम लोगों से पुरखुलूस गुज़ारिश की है कि इस यादगार जुलूस में शामिल हो कर शुकिया का मौका दें। कमेटी के लोगों ने प्रसाशनिक अधिकारियों से ये गुजारिश की है कि उस दिन ट्रैफिक, सफाई एवं लाइट का मुकम्मल इन्तेजाम रखा जाये। जिससे इस यादगार जश्न को शानदार एवं खूबसूरत बनाया जाये। अन्त में मर्कज़ के जिम्मेदार साथियों ने बनारस के हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व जिम्मेदार लोगों से तथा शहर के बुज़गों से गुज़ारिश की है कि इस जश्न में शामिल हो कर जुलूस को कामयाब बनायें। हाजी शकील अहमद बबलू अध्यक्ष, हाजी महमूद खान महामंत्री, मो० अबरार खान, मो० इमरान खान, शकील अहमद सिद्दीकी, आगा कमाल, रेयाज़ अहमद नूर, मोदस्सिर अहमद, दिलशाद अहमद, सोहराब आलम, वारिस बब्लू, हाजी समर खान, हाजी राशीद साजिव गुड्डू, राशिद सिद्दीकी, हाजी यासीन गुड्डू, हाजी एकबाल, तौकीर अहमद, फुर्कान खान, अज़हर आलम अज्जू, मारूफ अली आदि मौजूद थे।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...