रविवार, 29 नवंबर 2020

#आगमन संग क्रिसमस का आगाज़#

 चर्चेज़ में अमन के राजकुमार की आराधना

वाराणसी (दिल इंडिया)। क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस का आगाज़ इतवार को आगमन के साथ हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज़ में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा।है। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।
 दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2020 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है । 
चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जाँन ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन -मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज़ हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। फादर राजा ने बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आज आगमन का पहला इतवार है आज वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज़ में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरु हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज ने प्रार्थना करायी। 
पता हो कि इस बार क्रिसमस शुक्रवार यानी 25 दिसंबर को है। क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार आज था। इसके साथ ही 6 दिसंबर, 13 दिसंबर और 20 दिसंबर आगमन का क्रमशः 2, 3 और चौथा इतवार होगा। 

शनिवार, 28 नवंबर 2020

Guru Nanak Jayanti 2020: कार्तिक पूर्णिमा के दिन जन्‍मे थे गुरु नानक देव


#Guru Nanak Jayanti 2020

धरती से अज्ञानता का अंधेरा दूर करने आये थे गुरु नानक देव

वाराणसी (दिल इंडिया)। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के जन्म दिवस को सिख व पंजाबी गुरु पर्व या प्रकाश पर्व के रुप में मनाते है। गुरु नानक जयंती के दिन सिख समुदाय के लोग 'वाहे गुरु, वाहे गुरु' जपते हुए सुबह-सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं। शबद-कीर्तन करते हैं, रुमाला चढ़ाते हैं, इस दौरान रागी जत्था शबद कीर्तन व अरदास से लोगों को निहाल करते हैं। इसके उपरांत सुबह से अटूट लंगर का जो दौर शुरु होता है वो शाम तक चलता है। गुरू पर्व (Guru Parv) के दिन सिख धर्म के लोग अपनी श्रृद्धा के अनुसार सेवा करते हैं और गुरु नानक जी के उपदेशों यानी गुरुवाणी का पाठ करते हैं. आपको बता दें कि गुरु नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन मनाई जाती है. इस दिन देवों की दीवाली यानी देव दीपावली भी होती है। हालांकि इस बार कोरोना के कारण भव्य नगर कीर्तन आदि के कार्यक्रमों को लेकर दिशानिर्देश जारी किए गये हैं।

 देवो की दीपावली

गुरु नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन मनाई जाती है. इस दिन देवों की दीवाली यानी देव दीपावली भी होती है। इसके चलते भी नानक जयंती का महत्व और बढ़ जाता है।

गुरु नानक जयंती पर शबद कीर्तन किया जाता है। हालांकि इस बार कोरोना के कारण भव्य नगर कीर्तन आदि के कार्यक्रमों को लेकर दिशानिर्देश जारी किए गये है। इसके चलते कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए नानक देव जयंती मनायी जायेगी।

गुरु नानक जयंती कैसे मनाएं

30 नवंबर को कार्तिक पूर्णमा है। उससे दो दिन पूर्व यानी 48 घंटे पूर्व गुरुद्वारों में ग्रंथ गुरु ग्रंथ सा​हिब का अखंड पाठ किया जाता है। उसके बाद चतुर्दशी यानी पूर्णिमा से एक दिन पूर्व नगर कीर्तन निकाला जाता है। एक सुंदर पालकी में गुरु ग्रंथ साहिब को रखा जाता है और भजन कीर्तन करते हुए नगर भ्रमण होता है।

फिर कार्तिक पूर्णिमा को प्रकाव पर्व के दिन अमृत बेला में सुबह 3 बजे गुरु नानक देव जी की जयंती का उत्सव आरंभ होता है। अमृत बेला सुबह 6 बजे तक होता है। इसमें ध्यान और प्रार्थना करते हैं। भजन, कथा और कीर्तन के बाद भंडारा लगता है। गुरु नानक देव जी ने समाज में फैले अंधविश्वास, घृणा, भेदभाव को दूर करने के लिए सिख संप्रदाय की नींव रखी। उन्होंने समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने के लिए लंगर की परंपरा शुरु की थी। इसमें सभी जाति और संप्रदाय के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं।

निर्गुण उपासना पर दिया जोर

गुरु नानक देव जी ने 'निर्गुण उपासना' पर जोर दिया और उसका ही प्रचार-प्रसार किया। वे मूर्ति पूजा नहीं करते थे और न ही मानते थे। ईश्वर एक है, वह सर्वशक्तिमान है, वही सत्य है। इसमें उनका पूरा विश्वास था।

शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

इलाहाबाद स्पोर्टिंग फुटबॉल अकादमी ने जताया शोक

 महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना को दी श्रद्धांजलि

प्रयागराज (दिल इंडिया)। अजेंन्टीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना की मृत्यु पर इलाहाबाद स्पोर्टिंग फुटबॉल अकादमी ने शोक व्यक्त किया है। एंग्लो बंगाली इंटर कालेज मैदान पर गुरुवार को हुई शोक सभा में पूर्व महान फुटबॉलर को उपस्थित अकादमी के पदाधिकारियों, सहायक प्रशिक्षक एवं प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

अकादमी के मुख्य कोच शादाब रजा ने कहा कि माराडोना ने फुटबाल को नयी दिशा दी थी, एक समय लोग माराडोना के खेल के दीवाने थे। आज की युवा पीढ़ी के प्रशिक्षुओं को उनके खेल की वीडियो देखकर सीखना चाहिए।

माराडोना के आकस्मिक निधन पर बादल चटर्जी, डॉ. रमेन्दू रॉय तथा विप्लब् घोष, डॉ भास्कर शुक्ला तथा एबीआईसी के प्रधानाचार्य स्वास्तिक बोस, क्रीड़ाध्यक्ष रविन्द्र मिश्र, अम्बर जायसवाल, सुरेन्द्र कुमार, उदय प्रताप, सुनील ने शोक जताया है।

#हमारा संविधान-हमारी विरासत पर संगोष्ठी

संविधान की मूल आत्मा के साथ हो रहा  खिलवाड़ 

वाराणसी (दिल इंडिया)। राष्ट्रीय संविधान दिवस के अवसर पर वर्तमान भारतीय परिवेश में संविधान के संरक्षण के उद्देश्य से वाराणसी के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने वरुणापुल स्थित  शास्त्री घाट पर समारोह का आयोजन किया और ‘हमारा संविधान – हमारी विरासत’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में ऑल इंडिया सेकुलर फोरम के संयोजक डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि संविधान हमारे देश का आधुनिक मानव मूल्यों पर आधारित वह पहला लिखित दस्तावेज है जो हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों को विनियमित करता है। उन्होंने कहा कि इतिहास की गति को पीछे की ओर ले जाने वाली ताकतें आज संविधान की मूल आत्मा के साथ खिलवाड़ कर रही हैं और उसके स्थान पर प्रतिगामी मूल्यों को स्थापित करना चाहती हैं, जिसे इस देश के इंसाफपसंद नागरिक कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आज कमजोर-वंचित तबकों और स्त्रियों के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदाय भी निशाने पर हैं, कभी लव-जिहाद के नाम पर तो कभी गोरक्षा के नाम पर मासूमों को निशाना बनाया जा रहा है। इसकी मूल वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि रसातल में जाती अर्थव्यवस्था और संसाधनों की पूँजीपतियों द्वारा लूट से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के प्रपंच रचे जा रहे हैं। सरकार जहाँ मजदूर अधिकारों को कुचलते हुए उनके खिलाफ तरह-तरह के कानून ला रही है वहीं खेती-किसानी को भी तबाह किया जा रहा है, जिससे कि कृषि क्षेत्र में बड़ी पूँजी के प्रवेश की राह को हमवार बनाया जा सके।

गीतों से हुआ आगाज़

प्रेरणा कला मंच के कलाकारों के  जागरण गीतों के द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी | फादर आनंद  ने  स्वागत करते हुए कहा कि जब तक संविधान की उद्देशिका में उल्लिखित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व अमल में नहीं लाया जाएगा लोकतंत्र  सुरक्षित नहीं होगा | डॉ. लुइस प्रकाश ने विषय प्रवेश कराते हुए आज के दौर में संविधान को हो रहे खतरों के प्रति अवगत कराया और कहा कि देश को पंथनिरपेक्ष, समाजवादी, प्रगतिशील और लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए लगातार जागरूक रहना होगा | सविधान के प्रावधानों को लागू नहीं करने से जो हानी वंचित वर्ग को होती है उसके बारे में दलित समूह के प्रतिनिधि श्रीमती शुभावती देवी, मजदूर वर्ग से सुरेन्द्र सिंह, महिलाओं की प्रतिनिधि डॉक्टर मुनीज़ा रफ़ीक खान, अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिनिधि डॉ.मोहम्मद आरिफ  एवं अब्दुल्लाह गफ्फार और किसानों के प्रतिनिधि रामजनम ने भी अपनी अपनी व्यथा सुनाई । इस के पश्चात, हिन्दू, सिख, मुस्लिम, क्रिश्चियन और बौद्ध धर्मों के प्रतिनिधि के रूप में कबीर मूलगादी मठ  कबीर चौरा के भाई डॉक्टर भागीरथ दास, हरहुआ ध्यानाश्रम के आचार्य फादर बेनेडिक्ट, हाजी सैयद फरमान हैदर करबलाई, एडवोकेट सरदार गुरिंदर सिंह, डॉ नीति भाई आदि ने भारत के पवित्र संविधान के अनुसार व्यक्तिगत, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जीवन बिताने  की आवश्यकता पर बल दिया ।नीति भाई संविधान की सुरक्षा के लिए ‘करो या मरो’ का आह्वान किया|

संविधान के संरक्षण का संकल्प

सभा की समाप्ति पर सभी लोग कोविड १९ के नियमों का पालन करते हुए, देशरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास गए और अपने हाथ में जलते हुए मोमबत्ती के साथ संविधान की प्रस्तावना को दुहराते हुए उसके संरक्षण का संकल्प लिया। असदुल्लाह आज़मी ने सबको बधाई दी और डॉ. धनञ्जय त्रिपाठी के धन्यवाद ज्ञापन दिया| सच्चिदानंद ब्रह्मचारी के नेतृत्व में लोगों ने  देश भक्ति और संविधान के सम्मान में नारे लगाए और इस तरह  समारोह का समापन हुआ |

इनकी रही सहभागिता

इस कार्यक्रम का आयोजन साझा संस्कृति मंच, आल इण्डिया सेक्युलर फोरम, अदब सराय, सी.आर. आई., फोरम फॉर जस्टिस एंड पीस, इंडियन क्रिश्चियंस फॉर डेमोक्रेसी, लोक चेतना समिति चिरईगाँव, विश्व ज्योति जनसंचार समिति आदि संगठनों ने मिलकर किया | इस अवसर पर फादर सी. एम्. थॉमस, एडवोकेट सुरेन्द्र चरण, डॉक्टर  जयंत रसल राज, प्रमोद पटेल, प्रवीण जोशी, फादर प्रेम एंथोनी, मुकेश झंझरवाला, अबू हाशिम, डॉक्टर एम्. अकबर, हमारा मोर्चा के संपादक कामता प्रसाद, एडवोकेट प्रेम प्रकाश सिंह यादव सिस्टर आशली, अर्पिता, कौसल्या, डॉ. नूर फातमा, सुधीर कुमार जायसवाल आदिथे।

#पोस्टमास्टर जनरल ने किया मिर्जापुर मंडल का निरीक्षण

 डाक विभाग सेवाओं को बना रहा व्यापक

कोरोना काल में डाक विभाग निभा रहा अहम भूमिका

वाराणसी।(दिल इंडिया)। डाक विभाग नित् नवाचार के साथ जहाँ अपनी सेवाओं को व्यापक बना रहा है, वहीं वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में डाककर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना वॉरियर्स के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। आवश्यक दवाओं,  पीपीई किट्स, मास्क, वेंटिलेटर से लेकर कोविड टेस्टिंग किट्स तक जरूरतमंदों व अस्पतालों तक पहुँचाया, वहीं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक लोगों को उनके दरवाजे पर ही बैंक खातों से राशि निकालकर देने का अहम कार्य कियाI अधीक्षक डाकघर,  मिर्जापुर मंडल कार्यालय के वार्षिक निरीक्षण हेतु पहुँचे वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने उक्त उद्गार व्यक्त किये। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने  अधीक्षक डाकघर कार्यालय के वार्षिक निरीक्षण के दौरान समस्त अभिलेखों के समुचित रख-रखाव और स्वच्छता पर भी जोर दिया। उन्होंने प्रधान डाकघर का भी विजिट किया और सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से लोगों के प्रति अच्छे व्यवहार और विभिन्न सेवाओं में आवंटित लक्ष्यों की प्राप्ति पर जोर दिया। प्रधान डाकघर कैम्पस में पारिजात (हरसिंगार) का पौधा लगाकर श्री यादव ने पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। मिर्जापुर मण्डल के अधीक्षक डाकघर श्री आलोक कुमार ने पोस्टमास्टर जनरल  को स्मृतिस्वरूप मां विंध्यवासिनी का चित्र भेंट कर स्वागत किया एवं मण्डल में डाक सेवाओं  की प्रगति के बारे में जानकारी दी।

बैंकिंग पर जोर

पोस्टमास्टर जनरल  श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग पत्रों के साथ-साथ बचत बैंक, डाक जीवन बीमा, सुकन्या समृद्धि खाता, इण्डिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक, डाकघर पासपोर्ट सेवा केन्द्र, आधार नामांकन एवं अद्यतनीकरण जैसे तमाम जनोन्मुखी कार्य कर रहा है। अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन है और बैग में एक डिजिटल डिवाइस भी है। पार्सल व कैश ऑन डिलीवरी के माध्यम से डाक विभाग अब ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा हैं। 

डाकघरों में भी काॅमन सर्विस सेंटर की स्थापना 

श्री यादव ने बताया कि, कोरोना संक्रमण के इस दौर में आमजन को विभिन्न सेवाओं के लिए भटकना न पड़े और सारी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो सकें, इसके लिए अब डाकघरों में भी काॅमन सर्विस सेंटर की स्थापना की जा रही है। यहाँ एक साथ केंद्र व विभिन्न राज्य सरकारों की 73 सेवाएँ मिलेंगी। एक अन्य सुविधा के रूप में  अब पेंशनरों को जीवित प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कोषागार या बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि घर बैठे डाकिया के माध्यम से बायोमेट्रिक डिवाइस द्वारा डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी करवा सकते हैं। इसके लिए मात्र 70 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सितंबर 2018 में इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स  बैंक के शुभारम्भ के बाद आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत ग्रामीण पोस्टमैन चलते-फिरते  एटीएम  के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं। मिर्जापुर में इस वर्ष कोरोना के बीच 40 हजार से ज्यादा आईपीपीबी खाते खोले गए, वहीं 1.25 लाख लोगों को घर बैठे  लगभग 28 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

विभिन्न उपमंडलों और डाकघरों के कार्यों की समीक्षा के बाद पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि मिर्जापुर मण्डल के डाकघरो में कोरोना के बीच लगभग 32 हजार  बचत खाते, 2 हजार  बच्चियों के सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए। इस दौरान 28 गाँवों में सभी बालिकाओं के खाते खोलते हुए उन्हें 'सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम' बनाया गया। ढाई हजार लोगों का नया आधार बना व 13 हजार से ज्यादा लोगों का आधार अपडेट किया गया।

मिर्जापुर मंडल के अधीक्षक डाकघर श्री आलोक कुमार ने बताया कि मिर्जापुर के 15 डाकघरों में कॉमन सर्विस सेंटर शुरू होने के बाद शीघ्र ही अन्य डाकघरों में इसे आरम्भ किया जाएगा। अब तक 322 पेंशन धारकों का घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनवाया जा चुका है। मिर्जापुर डाक मण्डल में ग्राहकों से नियमित संवाद कर एवं  कैम्प लगाकर विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा व्यवसाय अर्जित किया जायेगा।

इस अवसर पर सहायक डाकघर अधीक्षक श्री बी के शर्मा, उपमंडलीय निरीक्षक श्री हिमांशु तिवारी,श्री मनीष कुमार सिंह, परिवाद निरीक्षक श्री  ज्ञानेंद्र कुमार, पोस्टमास्टर मिर्जापुर प्रधान डाकघर श्री अशोक मौर्या     सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

#क्रिसमस 2020

 आगमन काल से ही शुरु होता है क्रिसमस का जश्न

 मुक्तिदाता के आगमन का मनेगा जश्न

वाराणसी। (दिल इंडिया) क्रिसमस का ग्लोबल पर्व आगमनकाल के साथ ही अपने रंग में रंगता चला जाता है, यह पर्व 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर अपने शबाब पर होता है।

 क्या है आगमन काल 

 आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2020 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है । चर्च आफ बनारस के पादरी बेन जाँन कहते हैं कि क्रिसमस से पूर्व के चार इतवार को आगमन काल कहा जाता है। इस बार आगमन का पहला इतवार 29 नवम्बर को है, इस दौरान हर मसीही अपने उस सांसारिक जीवन पर चिंतन -मनन कर यह आकलन करता हैं कि मसीही होने के नाते उन्होंने अब तक के जीवन में ख्रीस्तीय विश्वास आदर्शों को कितना जीया है। जो जिंदगी जी है, वह प्रभु के वचनों या उनके आदर्शों पर कितना खरा है। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार की माने तो क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। 


 *फिर आयेंगे यीशु* 

सेंट मैरीज महागिरजा के पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज कहते है कि यीशु मसीह फिर आएंगे। जो संसार के सभी जीवित मृतकों का विचार करेंगे, जो उनके व्यतीत जीवन, आचार-विचार और कर्मों पर आधारित होगा। कब आएंगे यह तिथि तय नहीं है, इसलिए उनके स्वागत के लिए खुद को मन, वचन और कर्म से हम तैयार रखें।

 *शुक्रवार को है क्रिसमस* 

इस बार क्रिसमस शुक्रवार यानी 25 दिसंबर को है। क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार 29 नवम्बर को पड़ेगा। यानी इस वार, 29 नवम्बर से आगमन काल है। इसके साथ ही 6 दिसंबर,13 दिसंबर और 20 दिसंबर आगमन का क्रमशः 2, 3 और चौथा इतवार होगा। इन चारों इतवार का खास महत्व है। चार इतवार के बाद क्रिसमस की देश दुनिया में धूम मचेगी। हालांकि कोरोना काल को लेकर मसीही चिंतित भी हैं, कि क्रिसमस का पर्व वो पता नहीं पिछले वर्षों की भांती आज़ादी से मना भी पायेंगे या नहीं।

ग्यारहवीं शरीफ का जश्न

#देश दुनिया में मनायी जा रही ‘ग्यारहवीं शरीफ’


-बड़े पीर साहब के उर्स पर हो रही हैं घरों में फातेहा


वाराणसी। (दिल इंडिया) गौसे आज़म हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां (बड़े पीर साहब) का उर्स-ए-पाक ‘ग्यारहवीं शरीफ’ के रूप में अदबो-एहतराम के साथ आज देश दुनिया में मनाया जा रहा है। फजर की नमाज़ के बाद से ही मदरसों, मस्जिदों व घरों में कुरानख्वानी, फातिहा व महफिल-ए-गौसुलवरा का आयोजन शुरु हो गया। सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरआन ख्वानी, नियाज-फातिहा का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अब पूरे दिन ही नहीं बाल्कि पूरे महीना चलता रहेगा। इस दौरान जगह जगह गौस़े पाक का लंगर भी चलेगा।


गौसे पाक का वलियों में सबसे ऊंचा मर्तबा

मौलाना अज़हरूल कादरी कहते हैं कि अल्लाह के वलियों में सबसे ऊंचा मरतबा हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी यानी गौस-ए-आज़म का है। हमारे औलिया-ए-किराम व मशायख जिस रास्ते से गुजरे उन रास्तों में तौहीद व सुन्नत-ए-नबी का नूर व खुशबू फैल गई। हिन्दुस्तान में ईमान व दीन-ए-इस्लाम बादशाहों के जरिए नहीं आया बल्कि हमारे इन्हीं बुजुर्गों, औलिया व सूफिया के जरिए आया। ऐसे लोग जिनके चेहरों को देखकर और उनसे मुलाकात करके लोग ईमान लाने पर मजबूूर हो जाते थे। हमें भी इनकी तालीमात पर मुकम्मल अमल करना चाहिए। जिससे दुनिया व आखिरत की कामयाबी मिलेगी।

मौलाना कादरी ने कहा कि हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां अम्बिया अलैहिस्सलाम के सच्चे जानशीन हैं। इस्लाम व ईमान की रोशनी इन्हीं के जरिए से हम तक पहुंची है। हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अपने मुरीदों के लिए फरमाते हैं कि जब तक मेरा एक-एक मुरीद जन्नत में नहीं चला जाएगा तब तक मैं भी जन्नत में नहीं जाऊंगा।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...