शुक्रवार, 31 मार्च 2023
Lkg के Aamir Hamza बने नन्हें रोजेदार
Varanasi (dil india live). जलालीपुरा के बिस्मिल्लाह अंसारी के साहबजादे ने रोज़ा रख कर मिसाल कायम किया है। इसी के साथ Lkg k Aamir Hamza नन्हें रोजेदार कि फेहरिस्त में शामिल हो गए हैं। आमिर की वालिदा (मां) रौशन जहां बतातीं हैं कि आमिर हम्ज़ा दबिशता स्कूल अंसाराबाद में एलकेजी में तालीम ले रही है। मना करने के बाद भी वो जबरदस्ती तीन रोज़ा अब तक मुकम्मल कर चुकी है। उसकी देखा देखी पास पड़ोस के और भी बच्चों ने रोज़ा रखने का मन बनाया है। सभी आमीर से खासा प्रभावित हुए हैं।
Ukg की Zufishan Arshi ने रखा रोज़ा
ये है नन्हीं रोजेदार, सब दे रहे मुबारकबाद
Varanasi (dil india live). मदनपुरा के कमालुद्दीन कि साहबजादी ने अपनी जिंदगी का दूसरा रोज़ा जुमे को जब मुकम्मल किया तो उसके अजीज़ो ने घर पहुंच कर मुबारकबाद दिया। मदनपुरा स्थित जामिया रहमानिया में क्लास यूकेजी की student Zufishan Arshi जुमेरात व जुमे के मुबारक दिन रोज़ा रखकर बच्चों के बीच चर्चा में है। हर कोई इस नन्हें रोजेदार को मुबारकबाद दे रहा है।
Ramadan Mubarak-8
पढ़ो दुरुद, जन्नत कि राह होगी आसान
Varanasi (dil india live)। रमज़ान की अज़मतों का क्या कहना, अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने तमाम रहमतों और बरकतों को इस मुकद्दस महीने में नाज़िल फरमाया। माहे रमज़ान नफ्स पर नियंत्रण का महीना है। ऐसे तो हर दिन-हर रात दुरुद शरीफ पढ़ने का बेहद सवाब है मगर नबी-ए-करीम (स.) ने फरमाया है कि जो इंसान कसरत से इस पाक महीने में दुरुद शरीफ पढ़ेगा उसे बरोज़ कयामत पुलसिरात पर से आसानी से जन्नत में दाखिल कर दिया जायेगा। इसलिए इस महीने में दुरुद कसरत से पढ़ने वालों की तादाद बढ़ जाती है। इस महीने की 21, 23, 25, 27 व 29 तारीख शबे कद्र कहलाती है जो हज़ार महीनों की इबादत से भी बेहतर है। इन रातों में तमाम मुस्लिम खूब इबादत करते हैं। मोमिन 20 तरीख से ईद का चांद होने तक एतेकाफ पर बैठता है। पैगम्बरे इस्लाम नबी-ए-करीम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.) फरमाते हैं कि जिसने रमज़ान का रोज़ा रखा और उसकी हुदूद को पहचाना और जिन गुनाहों से बचना चाहिये, उससे वो बचता रहा तो उसकी वो गुनाह जो उसने पहले की है उसका कफ़्फ़ारा हो जायेगा रमज़ान का रोज़ा। अल्लाह हदीस में फरमाता है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। अल्लाह का मज़ीद इरशाद है, बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। जब रोज़ा का दिन हो तो बेहूदा बातों से दूर रहें और बुराईयों से बचे। रोज़ा चूंकि अल्लाह के लिए हैतो रोज़ा रखकर बंदा अल्लाह को ही पा लेता है। तो फिर जानबुझ कर कोई बंदा क्यों अपना नुकसान करेगा। इस महीने में इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवरदिगार तू नबी-ए-करीम के सदके में हम सबको बक्श दे और रोज़ेदारों को ईद की खुशियों के साथ नेक इंसान बनने की तौफीक दे..आमीन।
हाजी इम्तियाज़
{हज खिदमतगार, वाराणसी}
Ravi Singh Patel रासपा में शामिल
सुभासपा का मजबूत स्तंभ थे रवि सिंह पटेल
Varanasi (dil india live). रासपा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष वंदना सिंह के आवास मातापुरम कालोनी पहाड़ी रोहनिया वाराणसी पर सुभासपा में 8 साल तक रहने वाले दिग्गज नेता, पटेल समाज में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले रवि सिंह पटेल सुभासपा से पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर रासपा (NEP) में शामिल हो गए। राष्ट्रीय अध्यक्ष वंदना सिंह ने साफा ओढ़ाकर उन्हें पार्टी में शामिल करया। इस दौरान अनुपम पांडेय, धर्मा वर्मा, रवि सिंह पटेल ने सदस्यता ग्रहण की। रवि सिंह पटेल ने ओमप्रकाश राजभर पर पुत्रवाद, पुत्रमोह, पूंजीवाद, झुठेवाद का आरोप लगया तथा कहा कि सुभासपा में अन्य जाति के लोगो को लोडर कहा जाने लगा था अन्य जातियों को केवल यूज़ करने के लिये रखा गया है उनसे धन लेने और काम करने का दबाब दिया जाता है जब सम्मान की बात आती है तो तीन लोगों बाप और 2 बेटो को ही आगे किया जाता है। इस लिए मुझे उस दल को तलाक देने पड़ा। वंदना सिंह ने कहा कि रवि सिंह पटेल के आने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी। इस मौके पर संयोजक शशि प्रताप सिंह ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर पुत्रवाद, पुत्र मोह पूंजीवादी, झूठिवादी, लोगो से घिर गए है। सुभासपा का अर्थ अब सुरुवात+भष्म+समाप्त+पतन हो गया है।
उपस्थित रासपा नेता दिनेश सिंह पटेल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रंजू देवी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयनाथ यादव, सुमन सिंह, दीपा सिंह, राजबहादुर पटेल आदि लोग उपस्थित रहे।
गुरुवार, 30 मार्च 2023
Ramadan Mubarak -7
zakaat Jo नहीं देते, वो दर्दनाक azaab में गिरफ्तार होंगे
ज़कात हर साहिबे निसाब के लिए वाजिब
Varanasi (dil india live). ज़कात देना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है। साहबे नेसाब वो है जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोला चांदी में से कोई एक हो, या फिर बैंक, बीमा, पीएफ या घर में इतने के बराबर साल भर से रकम रखी हो तो उस पर मोमिन को ज़कात देना वाजिब है। ज़कात शरीयत में उसे कहते हैं कि अल्लाह के लिए माल के एक हिस्से को जो शरीयत ने मुकर्रर किया है मुसलमान फक़़ीर को मालिक बना दे। ज़कात की नीयत से किसी फक़़ीर को खाना खिला दिया तो ज़कात अदा न होगी, क्योंकि यह मालिक बनाना न हुआ। हां अगर खाना दे दे कि चाहे खाये या ले जाये तो अदा हो गई। यूं ही ज़कात की नियत से कपड़ा दे दिया तो अदा हो गई।
ज़कात वाजिब के लिए चंद शर्ते
मुसलमान होना, बालिग होना, आकि़ल होना, आज़ाद होना, मालिके नेसाब होना, पूरे तौर पर मालिक होना, नेसाब का दैन से फारिग होना, नेसाब का हाजते असलिया से फारिग होना, माल का नामी होना व साल गुज़रना। आदतन दैन महर का मोतालबा नहीं होता लेहाज़ा शौहर के जिम्मे कितना दैन महर हो जब वह मालिके नेसाब है तो ज़कात वाजिब है। ज़कात देने के लिए यह जरूरत नहीं है कि फक़़ीर को कह कर दे बल्कि ज़कात की नीयत ही काफी है।
फलाह पाते हैं वो जो ज़कात देते है
नबी-ए-करीम ने फरमाया जो माल बर्बाद होता है वह ज़कात न देने से बर्बाद होता है और फरमाया कि ज़कात देकर अपने मालों को मज़बूत किलों में कर लो और अपने बीमारों को इलाज सदक़ा से करो और बला नाज़िल होने पर दुआ करो। रब फरमाता है कि फलाह पाते हैं वो लोग जो ज़कात अदा करते है। जो कुछ रोज़ेदार खर्च करेंगे अल्लाह ताला उसकी जगह और दौलत देगा, अल्लाह बेहतर रोज़ी देने वाला है। आज हम और आप रोज़ी तो मांगते है रब से मगर खाने कि, इफ्तार कि खूब बर्बादी करके गुनाह भी बटौरते है, इससे हम सबको बाज़ आना चाहिए।
उन्हे दर्दनाक अज़ाब की खुशखबरी सुना दो
अल्लाह रब्बुल इज्जत फरमाता है जो लोग सोना, चांदी जमा करते हैं और उसे अल्लाह की राह में खर्च नहीं करते उन्हें दर्दनाक अज़ाब की खुशखबरी सुना दो। जिस दिन जहन्नुम की आग में वो तपाये जायेंगे और इनसे उनकी पेशानियां, करवटें और पीठें दागी जायेगी और उनसे कहा जायेगा यह वो दौलत हैं जो तुमने अपने नफ्स के लिए जमा किया था। ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदके में हम सबका रोज़ा कुबुल कर ले और हम सबको ज़कात देने की तौफीक दे..आमीन।
मौलाना शमशुद्दीन साहब
{इमाम, जामा मस्जिद कम्मू खान, डिठोरी महाल, वाराणसी}
Ramadan help line : सवाल आपके, जवाब उलेमा के
Varanasi (dil india live)। अगर रोजेदार बीमार हो या रोज़े की हालत में उसे खून की ज़रूरत हो तो क्या खून उसे चढ़ाया जा सकता है? है। यह सवाल बजरडीहा से राजू ने किया? इसके जवाब में उलेमा ने कहा कि खून चढ़ाया जा सकता है। खून चढाये जाने से रोज़ा नहीं टूटेगा। ऐसे ही बीमार रोजेदार को पानी भी चढ़ाया जा सकता है। पानी चढ़ाये जाने से उसका रोजा नहीं टूटेगा। हॉ पानी पी लिया तो रोज़ा टूट जायेगा।
रमज़ान हेल्प लाइन में आये इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी ने दिया।
आपकी रहनुमाई करें उलेमा
रमज़ान के लिए अगर आपके ज़ेहन में कोई सवाल है तो आपकी रहनुमाईके लिए उलेमा मौजूद हैं। मोबाइल नम्बर-: 9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483
Ramadan ka roza रख पेश की मिसाल
मो. अर्सलान हैं नन्हें रोजेदार
Varanasi (dil india live). बजरडीहा निवासी mohd Shahid akhtar के साहबज़ादे mohd Arsalan इस शिद्दत की गर्मी में भी रोज़ा रखकर अपने दोस्तों व अजीज़ के दिलों मे जगह बना ली है। एक साल पहले क़ुरआन शरीफ मुकम्मल करने वाले इस नन्हें रोजेदार ने अपने इलाके में अलग पहचान बनाई है। वह पाबन्दी के साथ नमाज़, रोज़ा और क़ुरआन की तिलावत करता है। बजरडीहा पुलिस चौकी के नज़दीक मदरसा उस्मानिया में क्लास 3 के इस स्टूडेंट पर मुहल्ले वाले फ़ख्र करते हैं।
बुधवार, 29 मार्च 2023
Health ranking dashboard में Varanasi का प्रदेश में दूसरा स्थान
स्वास्थ्य सेवाओं का हो रहा गुणवत्तापूर्ण सुधार
पिछले दो माह से जनपद दूसरे स्थान पर
अराजीलाइन, बड़ागांव और हरहुआ, सभी ब्लॉक में सर्वश्रेष्ठ
Varanasi (dil india live). जनपद में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार सुदृढ़ीकरण व गुणवत्तापूर्ण सुधार किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश की हेल्थ रेंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी को इस माह प्रदेश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त हुआ है। पिछले माह भी वाराणसी को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था। इस माह का स्कोर पिछले माह के स्कोर से पाँच प्रतिशत से अधिक प्राप्त हुआ है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी।
सीएमओ ने बताया कि पिछले दो माह से हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी दूसरे स्थान पर बना हुआ है। इससे ज्ञात होता है कि जनपद के सभी राजकीय चिकित्सालयों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व उपकेन्द्रों पर गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। सबसे बेहतर प्रदर्शन जिला चिकित्सालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हो रहे सिजेरियन प्रसव में देखने को मिला है जिसमें वाराणसी ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा सीमित व खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन के स्थायी साधन के उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ 10 में जगह बनाई है। वाराणसी के तीन ब्लॉक अराजी लाइन, बड़ागांव और हरहुआ ने सभी आठों ब्लॉक की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। अराजी लाइन ब्लॉक सीएचसी पिछले तीन माह से डैशबोर्ड में पहले स्थान पर बना हुआ है।
सीएमओ ने बताया कि हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड के सूचकांकों (इंडीकेटर्स) में एचआईवी के लिए गर्भवती स्क्रीनिंग में सभी ब्लॉक का प्रदर्शन अच्छा है। बच्चों के नियमित टीकाकरण में बड़ागांव, हरहुआ, काशी विद्यापीठ व जिला चिकित्सालय का प्रदर्शन 100 फीसदी है। गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल के लिए सभी अराजीलाइन, चिरईगांव, चोलापुर, हरहुआ, काशी विद्यापीठ, सेवापुरी व पिंडरा का प्रदर्शन सौ फीसदी है। संस्थागत प्रसव में बड़ागांव, चोलापुर, हरहुआ, काशी विद्यापीठ का प्रदर्शन अच्छा देखा गया है। इसके अलावा कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच में जिला चिकित्सालय सहित सभी ब्लॉक का बेहतर प्रदर्शन है। सीमित व खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन के स्थायी साधन के उपयोग में सभी अराजीलाइन, चिरईगांव, बड़ागांव, हरहुआ, काशी विद्यापीठ, सेवापुरी व पिंडरा का प्रदर्शन बेहतर है। इसके अलावा वर्तमान जन्म अनुपात, टीबी नोटिफिकेशन सहित अन्य इंडीकेटर्स हैं जिसमें और अधिक सुधार लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कमी देखी गई है, उसको जल्द ही पूरा किया जाएगा। इसके लिए समस्त कार्यक्रम नोडल अधिकारियों, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक, डाटा ऑपरेटर, एएनएम व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द सभी इंडीकेटर्स का शत-प्रतिशत डाटा सुनिश्चित करें।
शिक्षक अज्ञानता को दूर कर नई मंजिल देता है
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौहानपुरवा में शिक्षक सम्मान समारोह
Behraich (dil india live)। बकैना न्यायपंचायत के पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौहाननपुरवा में शिक्षक सम्मान व विदाई समारोह का आयोजन हुआ, जिसमे प्रधानाध्यापक मिश्रीलाल के सेवाकाल समाप्ति के मौके पर उनको स्मृति चिन्ह, शॉल, अन्य सामग्री भेंट किया गया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जय प्रकाश सिंह ने शॉल व माल्यार्पण कर प्रधान शिक्षक को सम्मानित किया।सभी शिक्षकों व बच्चों को संबोधित करते हुए मिश्रीलाल ने कहा कि बच्चे पौधे की तरह होते है, जिस तरह पौधे के जीवन में हवा और पानी की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह बच्चे भी ज्ञान के भूखे होते है, और शिक्षक उन्हें ज्ञान, अज्ञानता को दूर करते हुए एक नई मंजिल का सही रास्ता प्रशस्त कराता है,
विद्यालय के विज्ञान शिक्षक फैजानुल हक ने कहा की शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता, उनके गुणों की सराहना हमेशा होती है, शिक्षक एक ऐसा मार्गदर्शक होता है जो अपने शिक्षार्थी को एक ऐसा मार्ग प्रशस्त करता है जिससे उसका भविष्य उज्ज्वलित होता है। इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि जय प्रकाश सिंह, शिक्षक फैजानुल हक, धर्मेंद्र कुमार अस्थाना, दीपचंद्र, युगराज, जय शंकर मौर्य, सुमंत मौर्य, सुनील, राम गुलाम इत्यादि के अलावा बच्चों के अभिभावक गण भी उपस्थित थे।
Ramadan Mubarak -6
पड़ोसियों के साथ बेहतर सुलूक कि दावत देता है माहे रमजान
Varanasi (dil india live)। मुकद्दस रमज़ान में कहा गया है कि अपने पड़ोसियों के साथ अच्छा सुलूक करो, भले ही वो किसी भी दीन या मज़हब का हो। पड़ोसी अगर भूखा सो गया तो उसके जिम्मेदार तुम खुद होगे। रब कहता हैं कि 11 महीना तो बंदा अपने तरीक़े से गुज़ारता है एक महीना अगर वो मेरे बताए हुए नेकी के रास्ते पर चले तो उसकी तमाम दुश्वारियां दूर हो जाएगी। इस 1 महीने के एवज़ में रोज़ेदार पूरे साल नेकी की राह पर चलेगा।
मुकद्दस रमजान में अगर कोई तुमसे झगड़ा करने पर अमादा हो तो उसे लड़ो मत, बल्कि उससे कह दो मैं रोज़े से हूं। यानी मैं तुमसे लड़ाई झगड़ा नहीं चाहता। रमज़ान मिल्लत की दावत देता है, रमज़ान नेकी की राह दिखाता है। यही वजह है कि रमज़ान में खून-खराबा, लड़ाई झगड़ा सब मना फरमाया गया है। रमज़ान के लिए साफ कहा गया है कि यह महीना अल्लाह का महीना है। इस महीने में रोज़ेदार केवल नेकी, इबादत और मोहब्बत के रास्ते पर चलें। यही वजह है कि रमज़ान आते ही शैतान गिरफ्तार कर लिया जाता है। जन्नत के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं और जहन्नुम के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं।
इस माहे मुबारक में पांच ऐसी रात आती है जिसे ताक रात या शबे कद्र कहा जाता है। इस रात में इबादत का सवाब रब ने कई साल की इबादत से भी ज्यादा अता करता है। ऐ मेरे पाक परवरदिगार तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रमज़ान की नेअमत अता कर और सभी को रोजा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।
हाजी इमरान अहमद
राइन गार्डेन, वाराणसी
Muqaddas Ramadan: हज़रत बिजली शहीद में तरावीह मुकम्मल
Varanasi (dil india Live). हजरत बिजली शहीद बाबा रहमतुल्ला अलैह कि दरगाह अंधरापुल पर खुशनुमा माहौल में तरावीह मुक़म्मल हुई। तरावीह हाफिज नसीम अहमद बशीरी की सरपरस्ती में हाफिज जमाल अहमद ने जैसे ही मुकम्मल कराई तमाम नमाजियों ने उन्हें फ़ूल मालाओं से लाद दिया। इस दौरान मुल्क में अमन, शांति, तरक्की, आपसी भाईचारे के लिए दुआएं मांगी गई। इस मौके पर खास तौर पर भोलू उस्ताद, हाजी सलीम अंसारी सरदार, मो. आजाद, मो. हसन, जहीर कुरैशी, शाहिद अली खान, मो.आरिफ, धर्मदेव कुमार, हफिज़ूर्रमान मौजूद थ। मेहमानों का खैरमकदम दरगाह के ख़ादिम संतोष कुमार वारसी ने किया।
मंगलवार, 28 मार्च 2023
Ramadan Mubarak-5
कसरत इबादत की, इस महीने कि यही तो है खूबी
Varanasi (dil india live )। कसरत इबादत की जिस महीने में होती है उस माहे मुबारक को रमजान कहते हैं।इस महीने कि यही तो खूबी है कि बंदा रब कि रज़ा के लिए कसरत से इबादत करता है। एक रिपोर्ट....
रमज़ान की नेमतों और रहमतों का क्या कहना। रमज़ान तमाम अच्छाइयां अपने अंदर समेटे है। रमज़ान का रोज़ा रोज़ेदारों के लिए रहमत व बरकत का सबब बनकर आता है। इसमें तमाम परेशानियां और दुश्वारियां बंदे की दूर हो जाती हैं। नेकी का रास्ता ऐसे खुला रहता है कि फर्ज़ और सुन्नत के अलावा नफ्ल इबादत और मुस्तहब इबादतों की भी बंदा कसरत करता है। रोज़ा कितनी तरह का होता है इसे कम ही लोग जानते हैं। तो रमज़ान के रोज़े को तीन तरह से समझे। मसलन पहला, आम आदमी का रोज़ा: जो खाने पीने और जीमाह से रोकता है। दूसरा खास लोगों का रोज़ा: इसमें खाने पीने और जीमाह के अलावा अज़ा को गुनाहों से रोज़ेदार बचाकर रखता है, मसलन हाथ, पैर, कान, आंख वगैरह से जो गुनाह हो सकते हैं, उनसे बचकर रोज़ेदार रहता है। तीसरा रोज़ा खवासुल ख्वास का होता है जिसे खास में से खास भी कहते हैं। वो रोज़े के दिन जिक्र किये हुए उमूर पर कारबन भी रहते हैं और हकीकतन दुनिया से अपने आपको बिलकुल जुदा करके सिर्फ और सिर्फ रब की ओर मुतवज्जाह रखते हैं। रमज़ान की यह भी खसियत है कि जब दूसरा अशरा पूरा होने वाला रहता है तो, 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ करते है। जिसका नाम एतेकाफ है। एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानि मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार। पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। रमज़ान में एतेकाफ रखना जरूरी। एतेकाफ नबी की सुन्नतों में से एक है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना। हदीस और कुरान में है कि एतेकाफ अल्लाह रब्बुल इज्ज़त को राज़ी करने के लिए रोज़ेदार बैठते है। एतेकाफ सुन्नते रसूल है। हदीस व कुरान में है कि हजरत मोहम्मद रसूल (स.) ने कहा कि एतेकाफ खुदा की इबादत में रोज़ेदार को मुन्हमिक कर देता है और बंदा तमाम दुनियावी ख्वाहिशात से किनारा कर बस अल्लाह और उसकी इबादतों में मशगूल रहता है। इसलिए जिन्दगी में एक बार सभी को एतेकाफ पर बैठना चाहिए। या अल्लाह ते अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने और दीगर इबादतों को पूरा करने की तौफीक दे।..आमीन।
डा. साजिद अत्तारी
(वरिष्ठ दंत चिकित्सक, बड़ी बाजार वाराणसी)
सोमवार, 27 मार्च 2023
Kashi में चोलापुर से शुरू होगी ‘tb मुक्त पंचायत’ की मुहिम
पहले पंचायत को करेंगे टीबी मुक्त, तब होगा काशी क्षय मुक्त: सीएमओ
Varanasi (dil india live). जनपद में अब ‘टीबी मुक्त पंचायत’ अभियान चलेगा। इसकी प्रक्रिया, योजना और रणनीति तेज कर दी है। यह पहल काशी में हुए तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय टीबी सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद की गई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस मुहिम को लेकर सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रवीण भारती पवार ने भी इस बात पर ज़ोर दिया था और आग्रह किया था कि हम सभी लोग देखें कि उनके ग्राम पंचायत में कोई भी टीबी मरीज नहीं होना चाहिए। यदि कोई टीबी का मरीज पहचान में आए तो तुरंत नजदीकी आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जाने को कहें। इस कार्य में क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता और ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य उनका पूरा सहयोग करें। हर बैठक में इसके साथ ही उन्हें जागरूक करते हुये जांच के लिए प्रेरित करें जिससे गाँव टीबी मुक्त हो और देश भी टीबी मुक्त हो सके।
सीएमओ ने कहा कि वाराणसी में प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त पंचायत को हकीकत बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पहले हम सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करेंगे, तब काशी क्षय मुक्त कहलाएगा। उन्होंने जनमानस से अपील की है कि किसी भी मरीज का पता चलने पर उसे तुरंत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ले जाएं और जांच कराकर सम्पूर्ण उपचार कराएं। उपचार के दौरान टीबी मरीज को हर माह 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे उसके बैंक खाते में भेजें जाते हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत जनपद ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शुरुआत में चोलापुर ब्लॉक के सभी 89 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इसके बाद जल्द ही सभी ब्लॉकों और शहरी क्षत्रों पर यह अभियान शुरू किया जाएगा। चोलापुर में तीन अतिरिक्त पीएचसी, 13 आयुष्मान भारत - हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और 37 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। यहाँ 20 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), 27 एएनएम और 206 आशा कार्यकर्ताएं तैनात हैं। ग्राम प्रधान और आशा कार्यकर्ता के माध्यम से वृहद स्तर पर समुदाय को जागरूक करने के साथ ही टीबी की सघन स्क्रीनिंग के अभियान चलाया जाएगा। सभी संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों की सूची तैयार की जाएगी। तत्पश्चात सभी का बलगम एकत्रित कर जांच की जाएगी। जांच में पुष्टि होने पर उन्हें निक्षय पोर्टल पर नोटिफ़ाई करते हुये उपचार शुरू किया जाएगा। यदि बलगम की जांच निगेटिव आती है तो उसका एक्सरे किया जाएगा।
डॉ पीयूष ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए पिरामल फ़ाउंडेशन विभाग का सहयोग कर रही है। सीएचओ और ग्राम प्रधान एक साथ टीबी मुक्त पंचायत में कार्य करेंगे। हर बैठक में वह टीबी के बारे में जागरूकता फैलाएँगे जिससे टीबी के प्रति सामाजिक मिथक व भ्रांतियों को दूर किया जा सके।
Ramadan Mubarak -4
Ramadan हमें हक़ की जिन्दगी जीने की दिखाता है राह
Varanasi (dil india live)। रमजान हिजरी कलैंडर का 9 वां महीना है। रमजान वो महीना है जिसके आते ही फिज़ा में नूर छा जाता है। चोर चोरी से दूर होता है, बेहया अपनी बेहयाई से रिश्ता तोड़ लेता है, मस्जिदें नमाज़ियों से भर जाती हैं। लोगों के दिलों दिमाग में बस एक ही बात रहती है कि कैसे ज्यादा से ज्यादा इबादत की जाये। फर्ज़ नमाज़ों के साथ ही नफ्ल और तहज्जुद पर भी लोगों का ज़ोर रहता है। अमीर गरीबों का हक़ अदा करते हैं, पास वाले अपने पड़ोसियों का, कोई भूखा न रहे, कोई नंगा न रहे, इस महीने में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है। पता ये चला कि हक़ की जिन्दगी जीने की रमज़ान हमे जहां तौफीक देता है। वहीं गरीबो, मिसकीनों, लाचारों, बेवा, और बेसहरा वगैरह की ईद कैसे हो, कैसे उन्हें उनका हक़ और अधिकार मिले यह रमज़ान ने पूरी दुनिया को दिखा दिया, सिखा दिया। यही वजह है कि रमज़ान का आखिरी अशरा आते आते हर साहिबे निसाब अपनी आमदनी की बचत का ढ़ाई फीसदी जक़ात निकालता है। और दो किलों 45 ग्राम वो गेंहू जो वो खाता है उसका फितरा देता है।
सदका-ए-फित्र ईद की नमाज़ से पहले हर हाल में मोमिनीन अदा कर देता है ताकि उसका रोज़ा रब की बारगाह में कुबुल हो जाये, अगर नहीं दिया तो तब तक उसका रोज़ा ज़मीन और आसमान के दरमियान लटका रहेगा जब तक सदका-ए-फित्र अदा नहीं कर देता। रब कहता है कि 11 महीना बंदा अपने तरीक़े से तो गुज़ारता ही हैतो एक महीना माहे रमज़ान को वो मेरे लिए वक्फ कर दे। परवरदिगारे आलम इरशाद फरमाते है कि माहे रमज़ान कितना अज़ीम बरकतों और रहमतो का महीना है इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि इस पाक महीने में कुरान नाज़िल हुआ।इस महीने में बंदा दुनिया की तमाम ख्वाहिशात को मिटा कर अपने रब के लिए पूरे दिन भूखा-प्यासा रहकर रोज़ा रखता है। नमाज़े अदा करता है। के अलावा तहज्जुद, चाश्त, नफ्ल अदा करता है इस महीने में वो मज़हबी टैक्स ज़कात और फितरा देकर गरीबों-मिसकीनों की ईद कराता है।अल्लाह ने हदीस में फरमया है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। यह महीना नेकी का महीना है इस महीने से इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवर दिगारे आलम, तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने कि तौफीक अता कर... आमीन।
मौलाना हसीन अहमद हबीबी
(शाही इमाम, मुगलिया मस्जिद, बादशाह बाग, वाराणसी)
रविवार, 26 मार्च 2023
Ramadan Mubarak -3
समुद्र की मछलियां भी करती हैं रोजेदारों के लिए दुआएं
Varanasi (dil india live)। फरमाने रसूल Hazrat Mohammad (स.) है कि रमजान अल्लाह का महीना है और उसका बदला भी रब ही देंगा। यही वजह है कि रमजान का रोज़ा बंदा केवल रब की रज़ा के लिए ही रखता है। रोज़ा वो इबादत है जो दिखाई नहीं देती बल्कि उसका पता या तो रब जानता है या फिर रोज़ा रखने वाला।
रमजान में जब एक मोमिन रोज़ा रखने की नियत करता है तो वो खुद ब खुद गुनाहों से बचता दिखायी देता हैं। उसे दूसरों की तकलीफ़ का पता भूखे प्यासे रहकर रोज़ा रखने पर कहीं ज्यादा होता है। रमजान का अन्य महीनों पर फजीलत हासिल है। हजरत अबू हुरैरा (रजि.) के अनुसार रसूल अकरम (स.) ने इरशाद फरमाया, कि माहे रमजान में पांच चीजें विशेष तौर पर दी गयी है, जो पहली उम्मतों को नहीं मिली थी। पहला रोजेदार के मुंह की महक अल्लाह को मुश्क से ज्यादा पसंद है। दूसरे रोजेदार के लिए समुद्र की मछलियां भी दुआ करती हैं और इफ्तार के समय तक दुआ में व्यस्त रहती हैं। तीसरे जन्नत हर दिन उनके लिए आरास्ता की जाती है। अल्लाह फरमाता है कि करीब है कि मेरे नेक बंदे दुनिया की तकलीफें अपने ऊपर से फेंक कर तेरी तरफ आवें। चौथे इस माह में शैतान कैद कर दिये जाते हैं और पांचवें रमजान की आखिरी रात में रोजेदारों के लिए मगफिरत की जाती है। सहाबा ने अर्ज किया कि शबे मगफिरत शबे कद्र है। फरमाया- नहीं, ये दस्तूर है कि मजदूर का काम खत्म होने के वक्त मजदूरी दी जाती है। एक बार अल्लाह के रसूल (स.) ने रमजान उल मुबारक के करीब इरशाद फरमाया कि रमजान का महीना आ गया है, जो बड़ी बरकतवाला है। हक तआला इसमें तुम्हारी तरफ मुतव्ज्जो होते हैं और अपनी रहमते खास नाजिल फरमाते हैं। गलतियों को माफ फरमाते हैं। दुआ को कबूल करते हैं। बदनसीब है वो लोग जो इस माह में भी अल्लाह की रहमत से महरूम रहे, रोज़ा नहीं रखा, तरावीह नहीं पढ़ी, इबादत में रातों को जागे नहीं। ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदके में तमाम मुसलमानों को रमज़ान कि
मौलाना साकीबुल क़ादरी (प्रबंधक मदरसातुननूर, वाराणसी)
यहां तो पूरा Ramadan ही रहते हैं एतेकाफ
एतेकाफ पर इबादतगुजार करते हैं देश दुनिया में अमन की दुआएं
Varanasi (dil india live). रमजान की खास इबादतों में शामिल एतेकाफ अमूमन रमजान के आखिरी अशरे में रहा जाता है मगर नबी ने कई बार पूरा रमजान यानी 30 दिन एतेकाफ किया था। नबी कि इसी सुन्नतों पर अमल करते हुए दावते इस्लामी हिंद के मेंबर्स मस्जिद कंकडियाबीर में पूरे रमजान एतेकाफ पर बैठते हैं। इस बार भी दावते इस्लामी इंडिया के मेंबर्स एतेकाफ पर बैठ गए हैं। पूरी मस्जिद इबादतगुजारो से भरी हुई है। एक साथ इबादत,एक साथ जमात से नमाजे अदा करना व एक साथ रोज़ा इफ्तार के साथ ही देश दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआएं करने का नजारा देखते ही बनता है। दावते इस्लामी इंडिया के डा. साजिद अत्तारी बताते हैं कि हर साल दावते इस्लामी इंडिया के लोग एक साथ पहले ही रमजान से एतेकाफ पर बैठ जाते हैं और जब ईद का चांद होता है तो एतेकाफ पूरा करके अपने घरों को लौटते हैं।
क्या है एतेकाफ:
एतेकाफ सुन्नते कैफाया है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत में बैठना या खुद को अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना है। 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ कर देते है। इसी इबादत का नाम एतेकाफ है। सुन्नत है एतेकाफ:
एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानी मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार होगा और पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा।
रमज़ान हेल्प लाइन:
अगर आपके जेहन में भी रमजान को लेकर कोई सवाल है तो फोन करें। इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी देंगे।
इन नम्बरों पर होगी रहनुमाई
9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483
Nanhe rozedar कलीम की कहानी
Varanasi (dil india live)। बुनकर कालोनी स्थित मदरसा बागे नूर में कक्षा 4 में पढ़ने वाला नन्हा कलीम हस्सान ने शिद्दत कि गर्मी में रोज़ा रख कर मिसाल कायम किया है। बड़ी बाज़ार के रहने वा समाजसेवी शमीम रियाज़ के इकलौता पुत्र कलीम रोजे के साथ ही नमाज़ की भी पाबंदी खुशी खुशी करता है। अपने छोटे छोटे दोस्तों के साथ वो इस कदर खेल-खेल में मस्ती करने लगता है कि रोज़ा भी है ये भूल जाता है। वक्त होने पर नमाज और कुरआन की तिलावत भी पाबंदी के साथ करता है। इफ्तार के दौरान कलीम रब से दुआ मांगता है कि, वालिदैन कि रोजी-रोटी में बरकत हो जाए, मुल्क में हमेशा अमन चैन बना रहे। समाज से तमाम बुराइयां दूर हो जाए।
शनिवार, 25 मार्च 2023
Masjid लाट सरैया में तरावीह मुकम्मल
Varanasi (dil india live). रमजान का पाक महीना चल रहा है सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज हो रही है। इसी कड़ी में आज सरैया स्थित मस्जिद मखदूम शाह बाबा में हाफिज मोहम्मद अहमद ने तीन दिन की तरावीह की नमाज मुकम्मल कराया। सरैया लाट मस्जिद पर भी तीन दिन की तरावीह की नमाज अदा कराई गई। इस मौके पर पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने बताया की मखदूम शाह बाबा की मस्जिद पर और लाट मस्जिद पर तीन दिन की तरावीह की नमाज बुनकर बिरादराना तंजीम चौदहों के सरदार हाजी मकबूल हसन साहब की सरपरस्ती में पढ़ाई जाती है। आज तीन दिन की तरावीह की नमाज अदा करने के बाद दोनो मस्जिदों में दोनो हाफ़िज़ ने मुल्क की तरक्की और भाई चारगी और अम्नो अमान के लिए वह सभी कि रोजी रोजगार में बरक्कत के लिए दुआएं की।
इस मौके पर मौजूद सरदार मकबूल हसन, शाहिद सलीम, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, पूर्व पार्षद कल्लू, बाऊ भाई, अब्दुल रब, गुलजार, नेसार, जुनैद, मतीन अंसारी सहित दोनो मस्जिदों में हजारों लोगो ने तीन दिन की तरावीह की नमाज मुकम्मल की।
Mohd Zeeshan रख रहा रमज़ान का रोजा
यह नन्हा रोजेदार रहेगा पूरे महीने रोज़ा
Varanasi (dil india live)। काजीसादुल्लापूरा बड़ीबाजार के रहने वाले समाजसेवी डॉक्टर एहतेशामुल हक के पुत्र मुहम्मद जीशान ने रमजान का पहला रोजा रख कर सभी को चकित कर डाला। कक्षा 4 में पढ़ने वाला जीशान सुबह सहरी में उठा और अपने माता पिता से कहा कि मैं रोजा रहूंगा। गार्जियन ने बहुत मना किया लेकिन बच्चे की ज़िद के आगे कौन मना करे। जीशान कहता है कि वो पूरे माह का रोज़ा रखेगा। नमाज़ भी मस्जिद में जाकर अदा करता है जिशान। यही नहीं कुरआन की तिलावत करना उसकी दिनचर्या में शुमार है।जीशान ने कहा कि मैं अपने रब से दुआ मांगूंगा और मेरा रब जरूर सुनेगा।
Ramadan Mubarak -2
फिर रमजान की दौलत पाने जुट गए ख़ुदा के नेक बंदे
Varanasi (dil india live)। बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक लाने का मौका देने वाला पाक महीना रमजान शुरू हो चुका है। इस मुकद्दस महीने की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है, और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे कि मिसाल पेश कर रहे हैं। दौड़-भाग और खुदगर्जी भरी जिंदगी के बीच इंसान को अपने अंदर झांकने और खुद को अल्लाह की राह पर ले जाने की प्रेरणा देने वाले रमजान माह में भूख-प्यास समेत तमाम शारीरिक इच्छाओं तथा झूठ बोलने, चुगली करने, खुदगर्जी, बुरी नजर जैसी सभी बुराइयों पर लगाम लगाने की मुश्किल कवायद रोजेदार को अल्लाह के बेहद नजदीक पहुंचा देती है।
रमजान की फजीलत
माहे रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश के लिए भूख-प्यास समेत तमाम इच्छाओं को रोकता है। बदले में अल्लाह अपने उस इबादत गुजार रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है, इस्लाम की पांच बुनियादों में रोजा भी शामिल है और इस पर अमल के लिए ही अल्लाह ने रमजान का महीना मुकर्रर किया है। खुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का जिक्र किया है। रमजान इंसान के अंदर जिस्म और रूह है। आम दिनों में उसका पूरा ध्यान खाना-पीना और दीगर जिस्मानी जरूरतों पर रहता है लेकिन असल चीज उसकी रूह है। इसी की तरबीयत और पाकीजगी के लिए अल्लाह ने रमजान बनाया है रमजान में की गई हर नेकी का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। इस महीने में एक रकात नमाज अदा करने का सवाब 70 गुना हो जाता है। साथ ही इस माह में दोजख के दरवाजे भी बंद कर दिए जाते हैं, जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते है।
रमज़न के तीन अशरे
अमूमन 30 दिनों के रमजान माह को 10-10 दिन केे तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा ‘रहमत’ का है। इसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की दौलत लुटाता है। दूसरा अशरा ‘मगफिरत’ का है। इस अशरे में अल्लाह अपने बंदों को गुनाहों से पाक कर देता है। जबकि तीसरा अशरा 'जहन्नुम से आजादी' का है। इस आखिरी अशरे में रब रोज़ा रखने वाले को जहन्नुम से आजाद कर देता है।
रमजान माह की विशेषताएं
महीने भर के रोज़े रखना, रात में तरावीह की नमाज़ पढना, क़ुरान की तिलावत करना, एतेकाफ़ में बैठना, अल्लाह से दुआ मांगना, ज़कात देना, अल्लाह का शुक्र अदा करना। इसीलिये इस माह को नेकियों और इबादतों का महीना माना जाता है। तरावीह की नमाज़ में महीना भर कुरान पढना। जिससे क़ुरान पढना न आने वालों को क़ुरान सुनने का सबाब ज़रूर मिलता है।रमजान को नेकियों का मौसम-ए-बहार कहा गया है। रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने में मुसलमान अल्लाह की इबादत ज्यादा करता है। अपने अल्लाह को खुश करने के लिए रोजो के साथ, कुरआन, दान धर्म करता है यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है, इस महीने के गुज़रने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल-फ़ित्र मनाते हैं। यानी जिसने माह भार रोज़ा रखा ईद उसी की है। या हर मुुसलमान को रोज़ा रखने कि तौफीक देेे…आमीन।
मो. रिज़वान (वाराणसी के युवा पत्रकार हैं)
शुक्रवार, 24 मार्च 2023
Gunji Azaan कि सदाएं, खोला गया पहला रोजा
लजीज इफ्तारी का रोजेदारों ने उठाया लुत्फ
Varanasi (dil india live). रमजान के पहले रोज मस्जिदों से जैसे ही अजान की सदाएं, अल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर... की गूंज सुनाई दी, तमाम रोजेदारों ने खजूर और पानी से इस साल का पहला रोजा खोला। इफ्तार में कई तरह के लजीज पकवान संग शर्बत भी सजाया गया था। रोज़ा इफ्तार, और मस्जिदों में नमाज के साथ ही चारों तरफ नूर ही नूर, हर तरफ खुशी ही खुशी मुस्लिम बहुल इलाकों में देखने को मिली। रमजान की रहमत जहां बरस रही थी वहीं दूसरी ओर इफ्तार के बाद बाजार गुलजार हो गए। पहला रोजा जुमे को पड़ने की वजह से मस्जिदें पहले ही दिन नमाजियों से भरी हुई थी। इफ्तार के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया। इस दौरान सहरी के लिए खरीदारी करते हुए मोमीनीन बाजारों में दिखाई दिए।
इससे इससे पहले मस्जिदों में जुमे की नमाज़ के दौरान इमाम साहब आने लोगों को नेकी की दावत दी। कहां यह महीना नेकियों का महीना है इस महीने की अजमत को समझें और बुराइयों को छोड़कर मोमिनीन ज्यादा से ज्यादा सवाब कमाने में जुट जाएं।
Ramadan Mubarak -1
यह महीना ही है नेकी, सवाब और बरकत वाला
Varanasi (dil india live)। जिस महीने में सवाब ही सवाब और बरकतें ही बरकत अल्लाह बंदे पर निछावर करता है। उस मुकद्दस बेशुमार खूबियों वाले महीने को रमज़ान कहा जाता है। रमज़ान महीने का एक और सुन्नतों भरा तोहफा खुदा ने हमें सहरी के रूप में अता किया है। रोज़े में सहरी का बड़ा सवाब है। सहरी उस गिज़ा को कहते हैं जो सुब्ह सादिक से पहले रोज़ेदार खाता है। सैय्यदना अनस बिन मालिक फरमाते हैं कि ‘‘नबी-ए-करीम (स.) सहरी के वक्त मुझसे फरमाते कि मेरा रोज़ा रखने का इरादा है मुझे कुछ खिलाओ। मैं कुछ खजूरें और एक बर्तन में पानी पेश करता।’ इससे पता यह चला कि सहरी करना बज़ाते खुद सुन्नत है और खजूर व पानी से सहरी करना दूसरी सुन्नत है। नबी ने यहां तक फरमाया कि खजूर बेहतरीन सहरी है। नबी-ए-करीम (स.) इस महीने में सहाबियों को सहरी खाने के लिए खुद आवाज़ देते थे। अल्लाह और उसके रसूल से हमें यही दर्स मिलता है कि सहरी हमारे लिए एक अज़ीम नेमत है। इससे बेशुमार जिस्मानी और रुहानी फायदा हासिल होता है। इसलिए ही इसे मुबारक नाश्ता कहा जाता है। किसी को यह गलतफहमी न हो कि सहरी रोज़े के लिए शर्त है। ऐसा नहीं है सहरी के बिना भी रोज़ा हो सकता है मगर जानबूझ कर सहरी न करना मुनासिब नहीं है क्यों कि इससे रोज़ेदार एक अज़ीम सुन्नत से महरूम हो जायेगा। यह भी याद रहे कि सहरी में खूब डटकर खाना भी जरूरी नहीं है। कुछ खजूर और पानी ही अगर बानियते सहरी इस्तेमाल कर लें तो भी काफी है।
मौलाना शफी अहमद
{सदर, अंजुमन जमात रजाए मुस्तफा, बनारस}
गुरुवार, 23 मार्च 2023
Ramadan Mubarak2023: रमजान की रौनक से फिर रौशन हुई दुनिया
चांद देखने मस्जिदों, घरों व छतों पर उमड़ा हुजूम
मस्जिदों से लेकर बाजार तक में छायी रमजान की रौनक
Varanasi (dil india live)। चांद के दीदार के साथ माहे रमजान का आज शाम आगाज़ हो गया। मोमीनीन ने एक दूसरे को इस मुकद्दर महीने कि शुरुआत पर रमजान मुबारक कह कर विश किया। यह सिलसिला सोशल मीडिया पर भी चलता रहा। इससे पहले चांद देखने मस्जिदों, घरों व छतों पर लोगों का हुजूम उमड़ा। घर से मस्जिद, मस्जिद से बाजार तक रमजान की रौनक से रोशन हो उठे।
दरअसल रहमतों का महीना रमजान शुरू होते ही नमाजे तरावीह की खास नमाज मस्जिदों में शुरू हो गई। अल्लाह के नेक बंदे रमजान की रहमतों को पाने के लिए मस्जिदों में उमड़ पड़े। तरावीह की नमाज खत्म होते ही लोग सहरी के लिए खरीदारी करते दिखाई दिए। खजूर, इमरती, ब्रेड, मक्खन, दूध आदि लेने लोगों का हुजूम बाजार में देर रात तक जुटता है।
हाफ़िज़ शफी अहमद बताते हैं कि माहे रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश के लिए भूख-प्यास समेत तमाम ख्वाहिश को रोकता है। बदले में अल्लाह अपने उस इबादतगुजार रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है। कारी शाहबुद्दीन कि मानें तो इस्लाम की पांच बुनियादों में रोजा भी शामिल है और इस पर अमल के लिए ही अल्लाह ने रमजान का महीना मुकर्रर किया है। खुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का जिक्र किया है। रमजान इंसान के अंदर जिस्म और रूह है। आम दिनों में उसका पूरा ध्यान खाना-पीना और दीगर जिस्मानी जरूरतों पर रहता है लेकिन असल चीज उसकी रूह है। इसी की तरबीयत और पाकीजगी के लिए अल्लाह ने रमजान बनाया है।
रमज़ान शुरू होते ही शैतान गिरफ्तार कर लिया जाता है। इस माह में की गई हर नेकी का सवाब कई गुना रब बढ़ा देता है। इस महीने में एक रकात नमाज अदा करने का सवाब 70 गुना हो जाता है। साथ ही इस माह में दोजख के दरवाजे भी बंद कर दिए जाते हैं, जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते है।
रमज़ान तीन अशरों कि अहमियत
अमूमन 30 दिनों के रमजान माह को 10-10 दिन केे तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा ‘रहमत’ का है। इसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की दौलत लुटाता है। दूसरा अशरा ‘मगफिरत’ का है। इस अशरे में अल्लाह अपने बंदों को गुनाहों से पाक कर देता है। यानी रोज़ादारो की मगफिरत कर देता है। तीसरा अशरा जहन्नुम से आज़ादी का है। जिसने तीनों अशरा कामयाबी से पूरा किया रब उसे जहन्नुम से आज़ाद कर देता है।
माहे रमजान क्या है
महीने भर के रोज़े रखना, रात में तरावीह की नमाज़ पढना, क़ुरान की तिलावत करना, एतेकाफ़ में बैठना, अल्लाह से दुआ मांगना, ज़कात देना, अल्लाह का शुक्र अदा करना। इसीलिये इस माह को नेकियों और इबादतों का महीना माना जाता है। तरावीह की नमाज़ में महीना भर कुरान पढना। जिससे क़ुरान पढना न आने वालों को क़ुरान सुनने का सबाब ज़रूर मिलता है।रमजान को नेकियों का मौसम-ए-बहार कहा गया है। रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने में मुसलमान अल्लाह की इबादत ज्यादा करता है। अपने अल्लाह को खुश करने के लिए रोजो के साथ, कुरआन, दान धर्म करता है यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है, इस महीने के गुज़रने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल-फ़ित्र मनाते हैं। यानी जिसने माह भार रोज़ा रखा ईद उसी की है।
बुधवार, 22 मार्च 2023
Rahul Gandhi को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाना है: हाजी वकास अंसारी
Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व UP प्रभारी प्रियंका गांधी के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा " आप की पार्टी आप के गांव " कार्यक्रम दि010 मार्च से चलाया जा रहा है जिसका समापन आज किया गया। यह कार्यक्रम अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पार्षद हाजी ओकास अंसारी के नेतृत्व में चलाया गया। इस मैके पर हाजी ओकास अंसारी ने कहा कि प्रियंका गांधी जी के निर्देश एवं चेयरमैन शाहनवाज आलम साहब के आह्वाहन पर पूरे UP में अल्पसंख्यक कांग्रेस के पदाधिकारी गांव गांव मुहल्ले मुहल्ले जाकर प्रियंका गांधी जी के संदेश को पहुंचाया। मैं वाराणसी में कांग्रेसजनो के साथ के कई वार्डो में पिछले 10 दिन से डोर टू डोर जा कर प्रियंका गांधी जी के संदेश को लोगो तक पहुंचाया और जनता ने इसका रिस्पांस बहुत अच्छा दिया। आने वाले 2024 के चुनाव में जनता ने पूरा मन बना लिया है कि इस बार देश के विकास के लिए कांग्रेस पार्टी की सरकार बनानी है और राहुल गांधी जी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाना है। ताकि देश का असल विकास हो सके। कार्यक्रम के अंतिम दिन कमलगडहा वार्ड में महानगर कांग्रेस के उपाध्यक्ष अफरोज अंसारी और पार्षद बेलाल अंसारी के साथ सैकड़ों घरों में जा कर डोर टू डोर जनसंपर्क कर प्रियंका गांधी जी के संदेश को बाटा गया।
मंगलवार, 21 मार्च 2023
Health news : कहीं Tb का संकेत तो नहीं है लगातार पीठ व रीढ़ का दर्द ?
दर्द को न करें नजरंदाज, हो सकते हैं गम्भीर परिणाम
समय से उपचार न होने पर दिव्यांगता का भी रहता है अंदेशा
Varanasi (dil india live). लल्लापुरा निवासी 48 वर्षीय शकील (परिवर्तित नाम) के पीठ व कमर में दो वर्ष पूर्व लगातार दर्द था। सोचा कोई वजनी वस्तु उठाने से हुए खिंचाव की वजह से दर्द है। मालिश व दर्द निवारक गोलियों का सहारा लिया। कोई आराम नहीं मिला। दर्द बढ़ता जा रहा था। घर के अंदर चार कदम चलना तो दूर पैरों पर खड़ा होना मुश्किल हो गया तो परिजनों के सहयोग से मण्डलीय अस्पताल पहुंचे। वहां चिकित्सक ने कई तरह की जांच कराया तो पता चला रीढ़ की हड्डी में टीबी है। डेढ़ वर्ष तक चले उपचार के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गए।
सब्जी बेचकर अपनी गृहस्थी चलाने वाले शकील बताते है कि इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के साथ परिवार का पूरा सहयोग मिला। शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल परिसर स्थित जिला क्षय रोग केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ.अन्वित श्रीवास्तव का कहना है कि आम तौर पर लोग पीठ , कमर के दर्द को तब तक नजरअंदाज करते हैं जब तक चलना-फिरना मुश्किल नहीं हो जाता। दर्द असहनीय हो जाता है तो चिकित्सक के पास जाते हैं। यह आभास भी नहीं होता कि रीढ़ की हड्डी में टीबी भी हो सकती है। वह बताते हैं कि पिछले वर्ष जनवरी से दिसम्बर तक जिले में 142 रीढ़ की हड्डी में टीबी के मामले सामने आये। उपचार से लगभग 100 लोग स्वस्थ हो चुके है, शेष का उपचार चल रहा है।
कैसे होती है रीढ़ की हड्डी में tb
डॉ.अन्वित का कहना है कि वैसे तो टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों, श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र को प्रभावित करती है लेकिन कुछ मामलों में नाखून व बाल को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। रीढ़ की हड्डी में टीबी तब होती है जब टीबी का संक्रमण फेफड़ों के बाहर फैलकर रीढ़ तक पहुंच जाता है। रीढ़ की हड्डी में टीबी के कारण होने वाले पीठ दर्द के वास्तविक कारण की जानकारी न होने की वजह से शुरू में अधिकतर लोग इसके प्रति लापरवाह होते हैं। उन्हें आभास नहीं होता है कि टीबी हुई है। यही स्थिति गंभीर होती है। इसलिए लगातार पीठ दर्द में आराम न हो तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें| चिकित्सक की सलाह पर जांच कराएँ कि कहीं यह टीबी तो नहीं| लापरवाही करने से यह दिव्यांग तक बना सकती है।
रीढ़ की हड्डी में tb के कारण
क्षय रोगी के संपर्क में आने से भी रीढ़ की हड्डी में टीबी हो सकती है। टीबी रोगी के संपर्क में आने के बाद यह फेफड़ों या लिम्फ नोड्स से रक्त के माध्यम से रीढ़ तक भी पहुंच सकता है।
रीढ़ की हड्डी में tb के लक्षण
पीठ में लगातार दर्द, कमजोरी महसूस करना,भूख न लगना, वजन कम होना, रात के समय बुखार आना, दिन में बुखार उतर जाना भी रीढ़ की हड्डी में टीबी का लक्षण हो सकता है।
रीढ़ की हड्डी में tb का उपचार
डॉ.अन्वित का कहना है कि रीढ़ की हड्डी में टीबी का उपचार संभव है लेकिन इसके लिए यह भी जरूरी है कि इसका समय से उपचार हो। सरकारी अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था है, जहां टीबी रोगियों को दवाएं भी दी जाती हैं । सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान पोषण के लिए पांच सौ रुपये की धनराशि प्रतिमाह मरीज के खाते में सीधे भेजी जाती है। वह बताते हैं कि दवाओं, परहेज और पौष्टिक तत्वों से भरपूर संतुलित आहर लेने से रीढ़ की हड्डी में हुआ टीबी पूरी तरह ठीक हो जाता है ।
Kashi prabudh mahila Manch ने कि मोटे अनाज पर संगोष्ठी
नारी सम्मान समारोह में बताया मोटे अनाज के फायदे
Varanasi (dil india live). काशी प्रबुद्ध महिला मंच की ओर से भेलुपुर स्थित एक होटल मे श्री अन्न (millets) पर संगोष्ठी एवं नारी सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस दौरान मंच कि अंजलि अग्रवाल ने मोटे अनाज के फायदे तथा ज्यादा से ज्यादा अपनी खुराक में उसे शामिल करने, परिवार को स्वादिष्ट व्यंजन मोटे अनाज के बना कर देने पर प्रकाश डाला। अन्य महिला सदस्यों ने मोटे अनाज कि उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बाजरा, रागी, जौ, मक्का के विभिन्न व्यंजन बताए। कार्यक्रम में समाज में अपना महत्व पूर्ण योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन रेनू कैला एवं Dr ममता तिवारी ने किया। संयोजन एवं धन्यवाद शोभा कपूर ने किया। प्रिया अग्रवाल, Dr रीता भट्ट, ममता पंड्या, रीता अग्रवाल, रीता कश्यप, ममता जायसवाल, छवि अग्रवाल, Dr कमलेश गुप्ता, सगीता अग्रवाल, निधि मेहरोत्रा, नूतन रंजन, चंद्रा शर्मा, नीतू सिंह, मनीषा अग्रावल को सम्मानित किया गया।
Ustad Bismillah Khan को जयंती पर किया गया याद
Varanasi (dil india live). शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 107 वीं जयंती मंगलवार को मनायी गयी। इस दौरान परिजनों और अपनों ने कब्र पर गुलाब के फूल (गुलपोशी) व इत्र की खुशबू करके उन्हें याद किया गया। इस दौरान लोगों ने फातेहा पढ़ कर उस्ताद की मगफिरत की दुआएं की। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता व पूर्वमंत्री अजय राय व पूर्व मेयर रामगोपाल मोहले दरगाहे फातमान पहुंचे और उस्ताद की कब्र पर फूल चढ़ाकर उन्हें याद किया। इस दौरान न कोई अधिकारी पहुंचा और न कोई मंत्री।
शहनाई सम्राट उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की कब्र पर पुष्पार्पित (गुलपोशी) कर अजय राय ने कहा कि खां साहब जैसा व्यक्ति शताब्दियों में पैदा होता है। उन्होंने काशी का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है। हम ईश्वर से दुआ करते हैं कि इनका आशीर्वाद हम सभी को मिले।
इस अवसर पर अब्बास मुर्तजा शमसी, शकील अहमद जादूगर,आफाक हैदर आदि ने कहा कि बहूत दुःख कि बात है कि सरकार को उस्ताद जैसे फनकार की सुध लेने की फुर्सत नहीं है। पहले राजनीतिक और प्रशासनिक नुमाइंदे यहां आते थे पर कई वर्ष से कोई नहीं आता, यह दुखद है।
सोमवार, 20 मार्च 2023
Ramzan 2023: तैयारियों में जुटे मोमीनीन
रमज़ान पूर्व बिजली, पानी, सफाई व्यवस्था भी हो दुरुस्त
Varanasi (dil india live). रमजान 2023 की तैयारियां तेज हो गई है। मस्जिदों से लेकर बाजारों, घरों तक में मोमिनीन रमजान की तैयारियों में जुट गए हैं। हाफिज ए कुरान तरावीह की तैयारियां कर रहे हैं। मस्जिद हाफिज जुम्मन साहब, कुदबन शहीद में हाफिज नसीम अहमद बशीरी हाफ़िज़ साहेबान को रमजान में अदा कि जाने वाली खास नमाज, तरावीह के लिए तैयार कर रहे हैं। हर तरफ अल्लाह के महीने रमजान की आहट देखने को मिल रही है।
बाजार खजूर, मेवा, इबादत में उपयोग होने वाले सामानों से सज गए हैं। पीलीकोठी, बड़ी बाजार, अर्दली बाजार, मकबूल आलम रोड, सरैया, जलालीपुरा, नदेसर, लल्लापुरा, पितरकुंडा, दालमंडी, बेनियाबाग, हडहासराय, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, बजरडीहा, शिवाला, गौरीगंज आदि में खास रौनक दिखाई दे रही है।
उधर वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा कि 23 मार्च से रमज़ान शुरु होने जा रहा है। रमज़ान को देखते हुए बिजली आपूर्ति नियमित की जाए। कहा कि सुबह सहरी और शाम को इफ्तार के समय लोकल फाल्ट के नाम पर बिजली कट जाती है। उक्त नेताओं ने कहा कि प्रत्येक मस्जिदों के साथ साथ सभी वार्डो में स्ट्रीट लाइट, पेयजल आपूर्ति, सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की जाए। ज़िला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जिला प्रशासन विद्युत विभाग, जलकल विभाग और नगर निगम को निर्देशित करें कि रमज़ान में रोजेदारों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। वक्त रहते यह तैयारी पूरी कर ली जाए।
रविवार, 19 मार्च 2023
Pandit Kamlapati tripathi के पौत्र कि मरणोपरांत आंखें की गई दान
Varanasi (dil india live). काशी की विभूति पूर्व केंद्रीय मंत्री व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय पंडित कमलापति त्रिपाठी के छोटे भाई स्वर्गीय करुणा पति त्रिपाठी के पुत्र शहर के जाने-माने ईएनटी सर्जन परेश पति त्रिपाठी का शनिवार को निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही औरंगाबाद हाउस शोक में डूब गया। आज शाम उनकी अंतिम यात्रा औरंगाबाद हाउस से मणिकर्णिका घाट के लिए निकाली जाएगी। डा. अनुराग टंडन ने निधन के उपरांत औरंगाबाद हाउस में जाकर अपनी टीम के साथ उनका नेत्रदान संपन्न कराया। इस नेत्रदान में डॉक्टर अजीत सहगल ने व डा. अभिषेक चन्द्रा ने विशेष सहयोग दिया।
इस अवसर पर राजेश पति त्रिपाठी, डॉक्टर रिचा त्रिपाठी के साथ भारी संख्या में पूरा परिवार उपस्थित था। इस नेत्रदान को पूर्ण कराने पर आईएमए के अध्यक्ष डॉ राहुल चंद्रा ने पूरी टीम को साधुवाद दिया है।
शनिवार, 18 मार्च 2023
Huma bano करेंगी अल्पसंख्यकों की समस्याओं को दूर
Delhi (dil india live).प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की रहने वाली भाजपा नेत्री हुमा बानो को केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कम्यूनिटी लीडर पैनल का सदस्य नियुक्त किया गया है। जिसमें हुमा बानो को उ.प्र. में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई है। हुमा बानो ने मीडिया से कहा कि वो अल्पसंख्यकों की समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास करेंगी। हुमा पहले से ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के हितों के लिए कार्य करती चली आ रही है। उन्होंने कहा कि वाराणसी से काबा की उड़ान को शुरू करने के लिए उन्होंने प्रयास किया, जिसके फलस्वरूप पुनः जायरीन अब काशी से काबा जा सकेंगे।
नवदायित्व के प्रभार को प्राप्त कर हुमा बानो दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की प्रभारी सदस्य शहजादी सैय्यद से मुलाकात की। इस दौरान वो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के केन्द्रीय कार्यालय व पदाधिकारियों के आवास दिल्ली पहुंची। एवं नवदायित्व के निर्वहन के लिए मार्गदर्शन भी प्राप्त किया तथा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पदाधिकारियों से उतर प्रदेश व वाराणसी मंडल के अल्पसंख्यकों के कल्याण, विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कर अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अपनी राय भी रखा। इस दौरान उन्होंने अल्पसंख्यक समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य करने का वादा भी किया।
शुक्रवार, 17 मार्च 2023
The modern public school में मेधावी बच्चों का मिला award
शिक्षा जिंदगी जीने का गुण सिखाती है: रियाजुद्दीन
Varanasi (dil india live). बड़ी बाजार स्थित द मॉडर्न पब्लिक स्कूल के प्रांगण में मेधावी बच्चों का पुरस्कार वितरण सम्मान समारोह का आयोजन हुआ,जिसमे सत्र 2022–23की परीक्षा में प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में स्थान पाने वालों को प्रस्कृत किया गया तथा सर्टिफिकेट भी बांटा गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि यू पी टेक्निकल इंस्टीट्यूट बड़ी बाजार के सेक्रेटरी श्री रियाजुद्दीन अंसारी, विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध चित्सक डॉक्टर रियाज अहमद रहे,
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि शिक्षा जिंदगी जीने का गुण सिखलाती है आज के आधुनिक युग में बच्चों को शिक्षित होना उतना ही जरूरी है जैसे मकान के लिए बुनियाद का होना,और बिना शिक्षा का होना जीवन में कुछ भी संभव नही,अच्छे और मेधावी बच्चे ही भारत के भविष्य है और अपने से आइडियल लोगो को सामने रख कर कुछ सीखना बच्चो के लिए आगे बढ़ने को प्रेरित करता है।
पुरस्कृत छात्र तथा छात्राओं में प्रथम स्थान सहरोज, फारिया, नाजिश, जिकरा, कैफ, नूर मोहम्मद मोअज्जम, रिजवान, उमेर, व कक्षा में द्वितीय स्थान रहने वाले दानिश, ओमैमा, सैफ, मुदस्सिर, साकिर, कैफूलवारा, निजाम, रियाज, बेलाल के अलावा तृतीय स्थान पाने वाले छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया। मेहमानो का धन्यवाद देते हुए प्रिंसिपल अब्दुल वफ़ा अंसारी ने कहा की आज भारत की नई पीढ़ी में शिक्षा का होना उतना ही जरूरी है जैसे मनुष्य के अंदर रीढ़ की हड्डी, बिना शिक्षा के जीवन में अंधकार ही अंधकार है। संचालन जफर अंसारी व रहमतुल्लाह अंसारी ने किया।
इस अवसर पर फैयाज अहमद खान, जफर, रोजीना, रहमतुल्लाह, सोफिया, अंकित सिंह, जुबैदा, तबस्सुम, सय्यदुल कुब्रा, हंजला आदि के साथ क्षेत्र के सभासद बेलाल अहमद, रमजान अली व बच्चों के अभिभावक गण भी उपस्थित थे।
तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी
Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...
-
मुकम्मल की कुरान तो हाफिज साहेब को मिला इनाम में Varanasi (dil India live). अमूमन मस्जिदों में मुक़द्दस रमजान की खास नमाज़ तरावीह मुकम्मल कर...
-
सुल्तान ने 275 लोगों का किया स्वास्थ्य परीक्षण निःशुल्क दवा वितरित की गई व 25 गुमशुदा बच्चों को अभिभावकों से मिलाया गया Varanasi (dil India...
-
असामाजिक तत्वों से समाज का सभी वर्ग संयुक्त रुप से करे मुकाबला : हाफिज़ उबैदुल्लाह सांप्रदायिक तत्व देश के विकास में हैं बाधक, ऐसे तत्वों के...