जब Yeshu मौत को मात देकर जी उठे
aman
Varanasi (dil india live) Easter कि कहानी गूगल सर्च इंजिन में मौजूद है। आप अगर ईस्टर की जानकारी नहीं रखते हैं और जानकारी लेना चाहते हैं तो यह लेख पढ़ और ज्यादा जानना चाहते है तो Google search engine में खोजें। यूं तो ईस्टर जानने के लिए गुड फ्राइडे को जानना भी जरूरी है। दरअसल ईसा मसीह के चमत्कारों से डरकर रोमन गवर्नर पिलातुस ने उन्हें यरुशलम के पहाड़ पर घोर यातनाएं देकर क्रूस पर चढ़ा दिया था। क्रूस पर चढ़ाया जाने वाला दिन शुक्रवार था। दुनिया को पापों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु यीशु ने अपना बलिदान दिया था इसलिए इस दिन को पुण्य शुक्रवार या गुड फ्राइडे कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद प्रभु यीशु फिर जीवित हो उठे थे। बाइबल के मुताबिक, रोमी सैनिकों ने ईसा को कोड़ों से मारा। उनके सर पर कांटों का ताज सजाया और उन पर थूका। पीठ पर अपना ही क्रॉस उठवा कर, उन्हें उस पहाड़ी पर ले जाया गया, जहां उसी क्रॉस पर उन्हें लटका दिया गया। ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु दिन जी उठे थे। इसी की खुशी में ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मनाया जाता है। परंपरागत रूप से यह पर्व 40 दिनों तक चलता है जो ईस्टर संडे के दिन ख़त्म होता है। गुड फ्राइडे को लोग जहां शोक मनाते हैं, वहीं ईस्टर पर खुशियां लौट आती हैं। ईस्टर के दिन लोग चर्च और घरों में मोमबत्तियां जलाते हैं और इस दिन ईस्टर लंच का आयोजन भी किया जाता है।
ईस्टर पर लौटती है खुशियां
हजारों साल पहले इंसानियत के दुश्मनों ने प्रभु यीशु को क्रूस पर लटका दिया था। हर कोई इस क्रूर हादसे से सहम गया। शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद अचानक रविवार यानी ईस्टर को प्रभु यीशु फिर से जी उठे। मातम की घडि़यां खत्म हुई और हर तरफ खुशियों की लहर दौड़ गयी। प्रभु जी उठे हैं। अब हमारे दुखों का अंत होगा। कहीं भी कोई रोता बिलखता नहीं दिखेगा। हर किसी के मन में ऐसे ही जज्बातों का समंदर उमड़ता दिखता है।
आराधना में जुटे मसीही
ईस्टर संडे को चर्जेज में स्पेशल प्रेयर का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में मसीही समुदाय के लोग शामिल हुए। वे सुबह सुबह अपने हाथों में कैंडिल लेकर चर्च पहुंचे और वहां प्रेयर किया। सेंट मेरीज महागिरजा बिशप यूजीन जोसेफ, लाल गिरिजा में पादरी संजय दान, सेंट पाल चर्च सिगरा में पादरी सैम जोशुआ सिंह, सेंट थॉमस चर्च गौदोलिया में पादरी न्यूटन स्टीवन, बेथेलफुल गोस्पल चर्च में पास्टर एंड्रू थामस, ईसीआई, चर्च सुंदरपुर में पास्टर नवीन ज्वाय व पास्टर दशरथ पवार, चर्च आफ बनारस में पास्टर बेनजान, रामकटोरा चर्च में पादरी आदित्य कुमार ने आराधना करायी और ईस्टर के महत्व पर प्रकाश डाला। तेलियाबाग चर्च, फातेमा चर्च, सेंट फ्रांसिस आफ असीसी चर्च सहित अन्य चर्चेज में भी प्रार्थना सभा का खास आयोजन किया गया। घरों और चर्चेज में लोगों ने प्रभु के जी उठने की खुशी में एक से बढ़कर कैरोल गाया। मसीही समुदाय के लोग अपने प्रियजनों की कब्रों पर श्रद्धा के फूल भी अर्पित करते दिखाई दिए।
मध्यरात्रि से ही शुरू हुआ जश्न
प्रभु यीशु के जी उठने की खुशी में चर्चेज से लेकर घरों तक आकर्षक सजावट की गयी है। हर तरफ लोग खुशियां मनाते-बांटते दिखेंगे। सडे को जहा ईस्टर बन व एग खिला कर लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देते दिखाई दिए, वही ईस्टर का जश्न सेंट मेरीज़ महागिरजा समेत तमाम चर्चेज में भी यीशु के जी उठने कि खुशी में मध्यरात्रि से ही शुरू हो गया।। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में फेस्टिवल का उत्साह दिखाई दिया।
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