4 दशक से थे ट्रैवल एजेंट अब बन गये किसान
गाड़िया बेच खरीदी जमीन, खेती को बनाया पेशा
वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। कोविड-19 महामारी में बहुत लोग आपदा को अवसर में बदलने में जहां लगे हैं वही कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कारोबार में नुकसान होने या कारोबार टूटने के बाद नये विकल्प तलाश कर खुद को स्थापित करने में लगे है। इसी फेहरिस्त में शामिल हैं वाराणसी के प्रमुख ट्रैवल एजेंट जो अब किसान बन गये हैं। हम बात कर रहे हैं ट्रैवल एजेंट के रूप में चार दशक से स्थापित रोनाल्ड बेंजामिन नाडर की। नाडर अब किसान बन गये हैं।
वो बताते हैं कि कोविड-19 के चलते मार्च 2020 में लाक डाउन घोषित किए जाने के बाद बनारस ही नही देश दुनिया का पर्यटन उद्योग चौपट हो गया, ऐसे में 5 महीने के इंतजार और कोई काम नहीं करने के बाद, मैंने रामनगर और चुनार में गंगा नदी के किनारे कृषि भूमि के लिए 5 साल के पट्टे समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया। आज मैं हरी मटर, सरसों, दलहन यानी अरहर, उड़द, चना, सब्जियों और गेहूं की फसल की जैविक खेती कर रहा हूं। ईश्वर की कृपा से मुझे अच्छी नकदी फसल की प्राप्ति हुई है। नाडर बताते हैं कि मैं अपने पुराने टैक्सी वाहनों को बेचकर खुद को वित्त पोषित करता हूं, बिना काम किए खड़े रहने की अपनी मूल्यह्रास लागत के कारण।
कोई शक नहीं कि लेबर एक समस्या है, लेकिन मशीनों को लिए जाने से मुझे राहत मिली है और इसके अलावा मेरे दोस्त राजन तिवारी को एक बड़ा समर्थन मिला है, जो आउटबाउंड ट्रैवल इंडस्ट्री से भी हैं। नाडर कहते हैं कि मुझे अब खेती और कृषि पसंद आने लगी है और मैं इसे अपना मुख्य व्यवसाय बना चुका हूं। पर्यटन को अपने दूसरे विकल्प के रूप में मैं रख चुका हूँ।
बहरहाल नाडर का कृषि की ओर लौटना एक नई उम्मीद है उनके लिए भी जो अपनी खेती और गांव की माटी छोड़ कर सुदूर शहरो में जा बसे हैं जीविका के लिए। नाडर ऐसे लोगों के लिए रोल माडल भी हो सकते हैं जो गांव की ओर खासकर कृषि को फिर से आपनाना चाहते हैं।
4 टिप्पणियां:
Bahut Badhiya Nadar Saheb, apka kuch naya karne ka jajba hum jaise logon ke liye, inspiring hai, aapko naman karta hun 🙏🙏
Great inacative n very inspiring..
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Nice
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