अजमेर फिर बुलाना ख़्वाजा मुईनुद्दीन... की दुआओं संग घरों को लौटें जायरीन
जायरीन ने केवड़ा-गुलाब जल से धोई दरगाह
मदार गेट की दुकानों पर खरीददारों का उमड़ा सैलाब
Mohd Rizwan
dil india live (Varanasi). राजस्थान के Ajmer Sharif में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (रजि.) का 814 वां सालाना उर्स नवमी के कुल संग मंगलवार को मुकम्मल हो गया। इस दौरान जो लोग छठी के कुल शरीफ में शिरकत नहीं कर सकें थे उन्होंने भी इसमें हिस्सा लिया।
इससे पहले जायरीन ने सोमवार रात्रि दरगाह परिसर के विभिन्न हिस्सों को धोकर नवमी के कुल की रस्म अदा करना शुरू कर दिया। विधिवत रूप से मंगलवार सुबह उर्स सम्पन्न हो जाएगा। सुबह से ही ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत करने वालों का आना जारी था। उर्स में आए अधिकांश जायरीन लौटने से पूर्व हाजिरी देने में जुटे रहे। इसके अलावा ख्वाजा के दर पर कव्वाली व गाजे-बाजे के साथ चादर पेश करने वालों से दरगाह क्षेत्र में रौनक दिखाई दी।
उधर, जायरीन के लौटने की रफ्तार तेज होने से अंदरकोट, दरगाह व नला बाजार सहित मदार गेट की दुकानों पर खरीददारों का सैलाब उमड़ा हुआ था। दरगाह के आसपास की दुकानें देर रात तक खुलने के बाद सुबह फिर जल्दी दुकानें खुल गई। सोमवार रात्रि ईशा की नमाज होते ही जायरीन छठी के कुल की तरह आस्ताना की दीवारों को गुलाब व केवड़ा जल से धोने लगे। जिसे नवमी के कुल के छींटे लगाने की रस्म अदा करना मान रहे थे। हालांकि अंजुमन व दरगाह कमेटी के कार्यक्रम में नवमी के कुल की रस्म मंगलवार सुबह होना तय था। जिसमें सम्पूर्ण दरगाह को धोया गया और सुबह करीब दस बजे अंजुमन की ओर से जायरीन के सकुशल अपने घर पहुंचने की दुआ की गई और शांतिपूर्वक उर्स सम्पन्न करवा देने का शुक्रिया अदा कर उर्स के समापन का ऐलान किया गया। इस मौके पर मंगलवार को अकीदतमंदों का हुजूम अमन, मिल्लत और सौहार्द की दुआएं फिज़ा में बुलंद होने पर...आमीन कहता दिखाई दे रहा था। उर्स के समापन से पहले पूरा माहौल नूरानी दिखाई दिया। फिर बुलाना ख़्वाजा मुईनुद्दीन... की दुआओं संग लोगों का काफिला अपने घरों को लौट गया।





















