रविवार, 30 नवंबर 2025

BLW: डिजिटल इंडिया मिशन को नई गति दे रहा बरेका

डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत बरेका में फाइलों के डिजिटलीकरण प्रक्रिया का शुभारंभ


F. farooqi/Santosh Nagvanshi 

dil india live (Varanasi). रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार एवं बरेका  महाप्रबंधक सोमेश कुमार के मार्गदर्शन में बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में डिजिटल इंडिया मिशन को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए  फाइलों का डिजिटलीकरण प्रक्रिया का शुभारंभ कर दिया गया है। 

फाइलों का डिजिटलीकरण होने से कार्यप्रणाली में आधुनिक तकनीकों का समावेश सुनिश्चित होगा। इससे  न केवल  कार्य संस्कृति में सुधार होगा, बल्कि कार्यस्थलों की स्वच्छता, बेहतर कार्यक्षमता के साथ ही श्रम एवं समय की बचत भी सुनिश्चित होगी। यह पहल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज, पारदर्शी और अधिक सुगम बनाएगी।

फाइलों के डिजिटलीकरण का कार्य वरिष्ठ आंकड़ा संसाधन प्रबंधक संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में किया जा रहा है। इस टीम में आंकड़ा संसाधन प्रबंधक प्रशांत दुबे, वरिष्ठ अभियंता (आई.टी.) नईम अख्तर तथा तीर्थ विश्वास सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। बरेका की यह पहल डिजिटल इंडिया के संकल्प को मजबूत करेगी और बरेका को तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम व दक्ष बनाएगी।


URS Hazrat Rahim Shah Baba : रहीमी दरबार में उमड़े बाबा के दीवाने

हज़रत रहीम शाह बाबा के तीन दिनी उर्स पर माहौल दिखा नूरानी

 



  • Mohd Rizwan 

dil india live (Varanasi)। हज़रत रहीम शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिनी सालाना उर्स अकीदत और एहतराम के साथ बाबा के बेनिया स्थित रहीमी दरबार में दूसरे दिन भी मनाया जा रहा है। उर्स के मौके पर हज़रत रहीम शाह बाबा के दर पर अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा हुआ है। उर्स में अकीदतमंद जहां मन्नती चादरें पेश कर रहे थे वहीं जियारत करने वाले सिर झुकाकर वहां पहुंचे हुए हैं। इस मौके पर फातिहा पढ़ने दूर-दराज़ से अकीदतमंद जुटे हुए थे।



दूसरे दिन इतवार को फज्र के बाद कुरआनख्वानी, बाद नमाज असर ग़ुस्ल मजार शरीफ, बाद नमाज मगरिब सरकारी चादर पोशी हुई व मिलाद शरीफ में लोगों का हुजूम उमड़ा। बाद नमाज इशा लंगर व महफिले समा का आयोजन समाचार लिखे जाने तक जारी था।

शनिवार को हुई थी शुरुआत 

तीन दिनी उर्स की शुरुआत शनिवार को हजरत रहीम शाह बाबा के दर पर पाक कुरान की तेलावत से हुई। जोहर की नमाज के बाद महफिल-ए-समां का आयोजन किया गया। शाम को चादरपोशी और मगरिब की नमाज के बाद मीलाद शरीफ में अकीदतमंद जुटे हुए थे। उर्स के मौके पर तकरीर और लंगर का भी दौर देर रात तक चला। आने वालों का खैरमखदम सज्जादानशीन मोहम्मद सैफ रहीमी कर रहे थे। उर्स को देखते हुए दरगाह को सजाया गया था, तथा आसपास भी विद्युतीय सजावट की गई थी। 

VKM Varanasi Main काशी तमिल संगम का समृद्ध सांस्कृतिक आयोजन

भरतनाट्यम नृत्य की मोहक प्रस्तुति से हुआ आगाज़



dil india live (Varanasi). वसन्त कन्या महाविद्यालय, कमच्छा में काशी तमिल संगमम् 25 (4.0) संस्करण के अन्तर्गत छात्र सलाहकार और अनुशासन समिति द्वारा काशी और तमिल संस्कृति की विविधता और एकता को समर्पित एक भव्य प्रमोशनल सांस्कृतिक कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों के संगम को प्रदर्शित करते हुए युवाओं में सांस्कृतिक सहिष्णुता और सामंजस्य की भावना को प्रोत्साहित करना था।  अध्यात्म और संस्कृति की नगरी कशी में तमिल कला, ज्ञान और परम्पराओं  को जोड़ने के उपक्रम रूप में यह संगम निरन्तर समाज में नवीन भावनाओं का संचार कर रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत मंगलात्मक भरतनाट्यम नृत्य की मोहक  प्रस्तुति से हुई। इसके बाद छात्राओं को सम्बोधित करते हुए प्राचार्या प्रो.रचना श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे आयोजन हमारे संस्थान के लिए गर्व के विषय हैं, जो देश की युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हैं और उनमें सौहार्द की भावना विकसित करते हैं। महाविद्यालय की प्रबन्धक उमा भट्टाचार्य ने अपने आशीर्वचन में इस आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे महाविद्यालय की सुदीर्घ शैक्षिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों की परम्परा में अद्वितीय कड़ी बताया। इस अवसर पर छात्राओं ने काशी-तमिल सांस्कृतिक परम्पराओं को उजागर करते हुए भव्य नृत्य और गीत प्रस्तुत किए। इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में काशी की पौराणिक और ऐतिहासिक विरासत के साथ-साथ तमिल साहित्य, शास्त्रीय नृत्य और लोकगीतों की झलक देखने को मिली। डॉ.श्वेता सिंह एवं डॉ. श्रीप्रिया सिंह के कुशल निर्देशन में छात्राओं ने विभिन्न नृत्य रूप जैसे भरतनाट्यम और कथक, तथा प्रेरणादायक गीतों के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक विविधता के सौन्दर्य को दर्शाया।  आयोजन के माध्यम से छात्राओं ने न केवल कला और संस्कृति का सम्मान किया, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों के बीच संवाद और मेलजोल का सन्देश भी दिया। 

आली, जीविका, भारती चट्टोपाध्याय, इप्सिता, दिशा लखानी व यीशु इत्यादि छात्राओं ने अपनी समृद्ध कला प्रस्तुतियों से इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को निरन्तर जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की ताकि युवाओं में राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समन्वय को मजबूती मिले। यह कार्यक्रम काशी तमिल संगम के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को साझा करने वाली एक यादगार सांस्कृतिक शाम के रूप में संजोया गया। जो विविधता में एकता का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों सहित लगभग सवा सौ छात्राओं की उपस्थिति रही।


शनिवार, 29 नवंबर 2025

BLW: बाल निकेतन का Annual Sport Day Celebration


भव्य स्पोर्ट्स डे में बच्चों ने दिलाई प्रतिभा 

महिला कल्याण संगठन द्वारा होता है बाल निकेतन संचालित 



F. farooqui/Santoshi Nagvanshi 

dil india live (Varanasi). बनारस रेल इंजन कारखाना (BLW) महिला कल्याण संगठन द्वारा संचालित बाल निकेतन विद्यालय का वार्षिक खेल दिवस 2025-26 “खेल स्पंदन” का आज दिनांक 29 नवम्बर 2025 को बरेका केंद्रीय खेलकूद मैदान में भव्य आयोजन किया गया। बरेका महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि मोनिका श्रीवास्तव द्वारा ध्वजारोहण एवं मशाल प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात् प्राचार्या, बाल निकेतन रश्मि श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया।


इसके बाद बच्चों ने खेल प्रतिस्पर्धा एवं विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के मुख्य प्रस्तुतियों में नर्सरी के बच्चों द्वारा ग्लास रेस, बैग पैक रेस, एल.के.जी. के बच्चों द्वारा मंकी रेस, डक रेस, यू.के.जी. के बच्चों द्वारा स्पून एवं लेमन रेस, बुक बैलेंस रेस, पहली कक्षा के बच्चों द्वारा पिक द बॉल एंड ड्रॉप रेस एवं थ्रो रिंग रेस, दूसरी कक्षा के बच्चों  द्वारा हर्डल रेस एवं कॉलेक्ट द बॉल विद लेग रेस, कक्षा तीन के बच्चों द्वारा थ्री लेग रेस एवं स्कीपिंग रेस, कक्षा चार के बच्चों द्वारा 100 मीटर रेस, कक्षा चार एवं पांच के बच्चों  द्वारा 200 मीटर रेस एवं 400 मीटर रिले रेस के साथ ही बच्चों द्वारा योगा, पी.टी., ग्रुप डांस, फॉक डांस जैसी मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों ने अपनी मेहनत एवं समर्पण की झलक अत्यंत मनोरम रूप में प्रस्तुत किया।


इस अवसर पर प्री प्राइमरी के विजेताओं को महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष मोनिका श्रीवास्तव ने एवं प्राइमरी के विजेताओं को महाप्रबंधक सोमेश कुमार ने मेडल एवं प्रशस्ति-पत्र भेंट कर पुरस्कृत किया। तदोपरांत महाप्रबंधक ने अपने उद्बोधन में कहा, "बाल निकेतन विद्यालय, अपनी 53 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पूरी करते हुए शिक्षा और संस्कार के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है, जो समाज और राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे रही है। उन्होंने मानव जीवन को खेल से जोड़ते हुए कहा कि मानव जीवन में भी खेल की तरह हार-जीत लगा रहता है। जीवन में हार और जीत को समान रूप से स्वीकार करते हुए सदैव आगे बढ़ते रहना चाहिए।“ उन्होंने विद्यालय के प्राचार्य एवं अध्यापकगण को इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने बच्चों की प्रतिभाओं और प्रस्तुतियों से प्रभावित होकर पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की। यह न केवल उनके प्रयासों का सम्मान है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरणा भी है। कार्यक्रम का मुख्य  उद्देश्य छात्रों में सांस्कृतिक और नैतिक मूल्‍यों को विकसित करना तथा उनके सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करना था।

विद्यालय का वार्षिक रिपोर्ट स्कूल इंचार्ज प्रथम राखी गुप्ता ने विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन स्कूल इंचार्ज द्वितीय अदिश्री वत्स ने एवं सम्पूर्ण कार्यक्रम का सुरूचिपूर्ण संचालन सुमोना नाग ने किया।


इनकी रही खास मौजूदगी 
मुख्य रूप से बरेका महिला कल्याण संगठन की उपाध्यक्ष गौरी श्रीवास्तव, कार्यकारणी सदस्याएं पूनम खरवार, गुरमीत कौर, प्राची मित्तल, कल्पना चौधरी, अंजू गुप्ता, पूजा मौर्या, शिखा जैन, रश्मि सिंह, लक्ष्मी चौधरी, सरिता सिंह, रुचि नंदकर, रितिका सिंह, हंसा चौधरी, अर्चना तिवारी, अनुजा खरे, कोषाध्यक्ष श्वेता श्रीवास्तव, सचिव श्वेता सिंह एवं प्राचार्या, बाल निकेतन रश्मि श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में अध्यापिकाएं, छात्र-छात्राएं एवं अभिभावकगण उपस्थित रहें। इस अवसर पर बरेका के प्रमुख विभागाध्यक्षगण, विभागाध्यक्षगण, अधिकारी एवं कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे।

शुक्रवार, 28 नवंबर 2025

Book Review: 'Rishte' (Short Story Collection)

लेखिका (Author): लता सुरेश  (Lata Suresh)

यह पुस्तक लता सुरेश द्वारा लिखित एकल लघु कहानी संग्रह है जिसका शीर्षक 'रिश्ते' है। यहां इस पुस्तक की संदीप चौरसिया कर रहे हैं ख़ास समीक्षा, यहां देखिए:-


dil india live (Varanasi).

'रिश्ते' जैसा शीर्षक सुनते ही मन में एक गहरी भावना जागृत होती है, क्योंकि जीवन में रिश्तों से अधिक महत्वपूर्ण और कुछ नहीं। लेखिका लता सुरेश का यह लघु कहानी संग्रह अपने नाम को पूरी तरह से सार्थक करता है, जहां हर कहानी मानव मन की गहराइयों और उसके जटिल संबंधों को छूती है।

विषय-वस्तु और सार

यह संग्रह एक कहानी से दूसरी कहानी तक, हमें मानवीय रिश्तों के अलग-अलग पहलुओं से रूबरू कराता है। चूँकि यह एक लघु कहानी संग्रह है, यह उम्मीद की जाती है कि हर कहानी छोटी, लेकिन अत्यंत मार्मिक और प्रभावशाली होगी। लेखिका ने शायद परिवार, दोस्ती, प्रेम, विश्वासघात, और आधुनिक जीवन शैली में रिश्तों की बदलती परिभाषा जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया है। एक कहानी शायद माँ-बेटे के अनकहे प्यार को दर्शाती हो, तो दूसरी दो दोस्तों के बीच उपजे मनमुटाव को। लघु कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता उनकी तीव्रता होती है—कम शब्दों में बड़ा अर्थ समेटना—और 'रिश्ते' में यह विशेषता भली-भांति दिखाई पड़ती है। यह किताब उन छोटे-छोटे पलों पर रोशनी डालती है जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन वे ही हमारे जीवन की बुनियाद होते हैं।

लेखन शैली

लता सुरेश की लेखन शैली सरल और हृदयस्पर्शी होने की संभावना है। रिश्तों जैसे भावुक विषय पर लिखने के लिए भाषा में सहानुभूति और स्पष्टता का होना आवश्यक है। ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी कहानियों का ताना-बाना हमारे अपने आस-पास के लोगों और घटनाओं से बुना गया है, जिससे पाठक तुरंत कहानियों से जुड़ाव महसूस कर सकता है। लघु कहानी होने के कारण, हर अंत शायद एक प्रश्नचिह्न या एक छोटी-सी सीख छोड़ जाता है, जो पाठक को लंबे समय तक सोचने पर मजबूर करती है।

हमारा निष्कर्ष
'रिश्ते' एक ऐसा संग्रह है जो आपको भावनाओं के कई स्तरों से होकर गुज़ारता है। यह उन पाठकों के लिए एक बेहतरीन चुनाव है जो कम समय में गहन और यथार्थवादी कहानियाँ पढ़ना पसंद करते हैं। यदि आप मानवीय भावनाओं, सामाजिक ताने-बाने, और रिश्तों की नाजुक डोर को करीब से समझना चाहते हैं, तो लता सुरेश की यह किताब निश्चित रूप से आपकी पठन-सूची में होनी चाहिए।
( लेखक नगर के युवा विचारक हैं) 

URS Mubarak: Hazrat Rahim Shah Baba का उर्स कल से, उमड़ेंगे अकीदतमंद

रहीम शाह बाबा के तीन दिनी उर्स में चढ़ेगी अकीदत की चादर


Mohd Rizwan 

dil india live (Varanasi).। हजरत रहीम शाह बाबा (Hazrat Rahim shah baba) रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिनी सालाना उर्स अकीदत और एहतराम के साथ बाबा के बेनिया स्थित आस्ताने पर कल मनाया जाएगा। उर्स के मौके पर हज़रत रहीम शाह बाबा के दर पर अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ेगा। उर्स में अकीदतमंद जहां मन्नती चादरें पेश करेंगे वहीं बाबा के आस्ताने पर सरकारी चादर चढ़ी चढ़ाई जाएगी। इस मौके पर फातिहा पढ़ने दूर-दराज़ से अकीदतमंद पहुंचना शुरू हो गये हैं। 


कुरान की तेलावत से होगी शुरुआत 

तीन दिनी उर्स की शुरुआत शनिवार को हजरत रहीम शाह बाबा के दर पर पाक कुरान की तेलावत से होगी। जोहर की नमाज के बाद महफिल-ए-समां का आयोजन किया जाएगा। शाम को चादरपोशी और मगरिब की नमाज के बाद मीलाद शरीफ होगा। मीलाद शरीफ में बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल होंगे। उर्स के मौके पर तकरीर और लंगर का भी दौर चलेगा। सुबह से शाम तक बाबा के दर पर फातिहा पढ़ने जायरीन पहुंचेंगे। आने वालों का खैरमखदम सज्जादानशीन मोहम्मद सैफ रहीमी करेंगे। उर्स को देखते हुए दरगाह को सजाया गया है, तथा आसपास भी सजावट की गई।


ऐसे ही दूसरे दिन फज्र के बाद कुरआनख्वानी, बाद नमाज असर ग़ुस्ल मजार शरीफ, बाद नमाज मगरिब सरकारी चादरपोशी होगी व मिलाद शरीफ में लोगों का हुजूम उमड़ेगा। बाद नमाज इशा लंगर व महफिले समां का आयोजन होगा। वहीं तीसरे दिन फज्र में कुरआन ख्वानी के बाद 10:30 बजे कुल शरीफ व बादहु रंग महफ़िल, लंगर  फिर बाद नमाज मगरिब महफिले समां होगा। आखिर में अमन और मिल्लत की दुआएं मांगी जाएगी।

Varanasi k Dipak Srivastava को मिला महत्वपूर्ण दायित्व

राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सूचना अधिकार संरक्षण संगठन के बने राष्ट्रीय वरिष्ठ प्रभारी

dil india live (Varanasi). वाराणसी के कृष्ण देव नगर कॉलोनी, सरायनंदन निवासी दीपक कुमार श्रीवास्तव को राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सूचना अधिकार संरक्षण संगठन का राष्ट्रीय वरिष्ठ प्रभारी (कार्यकारिणी युनिट भारत) के पद पर नियुक्त किया गया है।

उनकी सामाजिक गतिविधियों एवं समाज सेवा के प्रति रूचि को देखते हुए इस महत्वपूर्ण दायित्व को सौंपा गया है। नेशनल चेयरमैन एस. के. मोदनवाल ने उन्हें यह दायित्व देते हुए उम्मीद जाताई है कि दीपक अपने दायित्व का निर्वहन पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से निभायेंगे। संगठन के उद्देश्यों का पालन करते हुए संगठन का विस्तार करेंगे एवं आम जनमानस को मानवाधिकार, सूचनाधिकार के प्रति जागृत करने एवं जनहित के कार्यों को सिद्ध करने में अपना पूर्ण योगदान देते हुए संगठन की लोकप्रियता जनसामान्य में उपार्जित करेंगे। एवं बिना किसी भेदभाव के सभी के मानवाधिकारों का संरक्षण एवं संवर्धन करेंगे। ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे संगठन की छवि एवं कार्यकर्ताओं की गरिमा को ठेस पहुंचे।