गुरुद्वारे में गूंजा शब्द कीर्तन हुआ पाठ, चला गुरू का अटूट लंगर
dil india live (Varanasi). सिक्खों के नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादर साहिब (जिन्हे हिन्द की चादर के नाम से जाना जाता है) की शहादत संसार के इतिहास में अद्वितीय है। सब्र, संतोष, सहनशीलता और अकालपुरख में अटूट विश्वास इनकी शहादत को शिखर तक पहुँचाता है। जालिम और जुल्म का सामना गुरूदेव ने जिस सब्र से किया, निःसन्देह इसकी मिसाल और कहीं नहीं मिलती। इस आधार पर ही सिक्ख शहीदियों ने संसार के इतिहास में महान स्थान प्राप्त किया है। यह दिन नौंवे सिख गुरु के सर्वोच्च बलिदान को याद करने के लिये मनाया जाता है। जिन्होंने धर्म और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया था।
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज की 350 वीं शहीदी शताब्दी दिवस पर आज 25/11/2025 को प्रातः 6:00 बजे से 8:30 बजे तक ऐतिहासिक तपस्थान गुरूद्वारा नीचीबाग व सांय 7:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक गुरूद्वारा गुरुबाग में कीर्तन दरबार सजाया गया। उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया।
इस उपलक्ष्य में पंथ के प्रसिद्ध हजूरी रागी भाई जबरतोड़ सिंह जी दरबार साहिब अमृतसर वाले व भाई नरिन्दर सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारा गुरूबाग एवं भाई रकम सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारा नीचीबाग वाराणसी वाले ने गुरुवाणी कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। शहीदी दिवस के प्रति श्रद्धा को देखते हुए गुरुद्वारा परिसर को विशेष फूलों, प्रकाश सज्जा और आकर्षक मुख्य दिवान हाल से सुसज्जित किया गया था। गुरूद्वारे में काफी संख्या में श्रद्वालुओं ने गुरू साहिब जी के चरणों में मत्था टेक आशीर्वाद प्राप्त किया। पूरे दिन गुरुबाणी से गूंजा परिसर।
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