मंगलवार, 16 सितंबर 2025

Education: DAV PG College Varanasi Main Hindi सप्ताह के समापन पर विजेता पुरस्कृत

आन्तरिक चेतना को जागृत करती है हिन्दी-प्रो. मिश्रीलाल

Varanasi (dil India live). वाराणसी के डीएवी पीजी कॉलेज में हिन्दी विभाग के तत्वावधान में चल रहे हिन्दी सप्ताह के समापन समारोह में प्रतिभाओं का मंगलवार को सम्मान किया गया। विगत 8 से 16 सितम्बर तक चली विविध प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को मंगलवार को स्व. पीएन सिंह यादव मेमोरियल हॉल में स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। विजेताओं को महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल एवं विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार राम ने पुरस्कृत किया।

         विभिन्न प्रतियोगिताओं में सबसे पहले पोस्टर निर्माण में करण सिंह प्रथम, सचिन कुमार गुप्ता द्वितीय एवं प्रिया चौरसिया तीसरें स्थान पर रहे। स्वरचित कविता पाठ में जयंत शुक्ला, धर्मराज ठाकुर एवं सुहानी कक्कड़ क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। सस्वर छंद पाठ में शिवम सांवरा प्रथम, शिवनारायण द्वितीय एवं ऋषभ सिंह तीसरे स्थान रहे। हिन्दी क्वेस्ट में स्नातकोत्तर स्तर पर जयंत, करण एवं शिवम अव्वल रहे तो स्नातक स्तर पर आकाश दुबे, अनिमेष प्रवीण एवं श्वेता सिंह विजेता रही। 

       इस मौके पर प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि हिन्दी साहित्य के माध्यम से हम अपनी उपयोगिता समाज मे सिद्ध कर सकते है, साहित्य हमे इंसान बनने की प्रेरणा देता है और आंतरिक चेतना को जागृत करता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी। स्वागत प्रो. राकेश कुमार राम ने दी। संयोजन डॉ. अस्मिता तिवारी, संचालन डॉ. विजय यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीलम सिंह ने दिया। कार्यक्रम में प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी, डॉ. श्वेता मिश्रा, डॉ. ओमप्रकाश कुमार, डॉ. त्रिपुर सुंदरी, डॉ. शमशीर अली आदि सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।


(प्रताप बहादुर सिंह)

डीएवी पीजी कॉलेज, वाराणसी।

BLW Varanasi Main काव्य गोष्ठी में बुलंद हुए काव्य के बोल

हिंदी दिवस व जीवित्पुत्रिका पर बरेका में हुई काव्य गोष्ठी

F. Farouqi Babu

Varanasi (dil india live). संस्थान बरेका के तत्वाधान में काशी काव्य संगम के सहयोग से हिंदी दिवस एवं जीवित्पुत्रिका के अवसर पर काव्य पाठ का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं गज़लकार महेंद्र नाथ तिवारी अलंकार ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार टीकाराम शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि के वरिष्ठ साहित्यकार उषा पांडे थी। इस अवसर पर अध्यक्ष महेंद्र नाथ तिवारी अलंकार ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से हम अपनी संस्कृति, परंपरा इत्यादि को जीवित रखते हुए उसको आगे बढ़ाते हुए नई पीढ़ी को इसकी जानकारी साझा करते हैं। उन्हें बताते हैं कि हमारी संस्कृति कितनी मधुर एवं हर उत्सव को सबके साथ मिलकर मनाने वाली है जिससे आपसी भाईचारा एवं अपनत्व बढ़ाते है। आज हिंदी विश्व की बोलने वाली प्रमुख भाषा है। हिंदी का सम्मान हम सभी को करना चाहिए। सचिव संस्थान आलोक कुमार सिंह एवं उनकी पूरी टीम को साधुवाद देता हूं कि जिन्होंने इस प्रकार की अलख जगाई हुई है। इस मौके पर काव्य पाठ को प्रारंभ किया गया। कवियों द्वारा हिंदी दिवस एवं जीवित्पुत्रिका के अवसर पर प्रस्तुत गीत, कविताएं, गजल  इत्यादि ने ऐसा माहौल बना दिया जैसे लगा कि पूरा वातावरण हिंदीमय व भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम में निम्न कवियों एवं कवियित्रियों ने काव्य पाठ किया उनमें आलोक सिंह बेताब, अखलाक खान भारतीय, जयप्रकाश मिश्र, उषा पांडे ,प्रताप शंकर दुबे, परमहंस तिवारी परम, रामजतन पाल, उपेंद्र यादव, महेंद्र तिवारी अलंकार, शमीम गाजीपुरी, टीकाराम शर्मा आचार्य, वासिफ बनारसी, छोटेलाल मनमीत, ओमप्रकाश चंचल, विकास विदिप्त, करुणा सिंह, मुनींद्र कुमार पाण्डेय मुन्ना, गणेश सिंह प्रहरी, आस्तिक शुक्ला, नाथ सोनांचली, कुंवर नाजुक इत्यादि।



इस अवसर पर उत्कर्ष यादव, रवि पटेल, आकाश सरोज, अमित अस्थाना, अभिषेक सिंह, रोहित श्रीवास्तव, कार्तिकेय पारस, विजय विश्वकर्मा, सुभाष चंद्र ,रमेश चंद्र श्रीवास्तव, नीरज श्रीवास्तव ,कमलेश कुमार, सुनील कुमार, राकेश कुमार, किशन कुमार, रविशंकर भारतीय, राजकुमार, मनोज सिंह इत्यादि गणमान्य नागरिक  उपस्थित रहे।

 कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री आनंद कुमार राय, पुस्तकालय सचिव, संस्थान ने अतिथियों का स्वागत तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन अखलाक खान भारतीय ने किया। पूरे कार्यक्रम के संयोजक आलोक कुमार सिंह , रहे। पूरे कार्यक्रम का संचालन मुनींद्र कुमार पाण्डेय मुन्ना ने किया।

सोमवार, 15 सितंबर 2025

Education: VKM Varanasi Main ‘हिंदी नई चाल में ढ़ली’ पर हुई चर्चा

हिंदी दिवस: सरल भाषा का प्रयोग ही राष्ट्र में एकता ला सकता-डॉ. प्रियंका सोनकर 

1873 से पहले हिन्दी एक स्वरूप में आ चुकी थी


Varanasi (dil india live). वसंत कन्या महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा ‘हिंदी नई चाल में ढ़ली’ विषय पर ‘हिंदी दिवस समारोह’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन की मुख्य वक्ता डॉ प्रियंका सोनकर हिंदी विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय थी। 

कार्यक्रम का प्रारंभ संगीत विभाग की अध्यक्ष प्रो. सीमा वर्मा एवं डॉ. पूनम वर्मा के निर्देशन में संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा सुमधुर कुलगीत प्रस्तुति से हुआ, जिसमें तबले पर संगत सौम्यकान्ति मुखर्जी ने की। मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने कहा कि आज हमने अपनी भाषा में बहुत परिवर्तन कर लिया है। क्षेत्रीय भाषाई प्रभाव से कोई नहीं बच सका। हम विभिन्न भाषाओं को ग्रहण करते हुए अपनी भाषा में कई भाषा एवं बोलियों का प्रयोग करते हुए उनमें परिवर्तन लाते हैं। हमारी सम्प्रेषणीयता वर्तमान समय में बहुत कम हो गई है। जिसकी वजह से आज हम शब्दों के चयन और प्रयोग से दूर होते जा रहे हैं। सम्वाद की कमी ने विश्व को विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। हिन्दी के की-पैड के प्रयोग पर भी उन्होंने विशेष जोर दिया। 

हिंदी दिवस की सभी को बधाई देते हुए हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो. आशा यादव ने आभासी मंच के माध्यम से विषय प्रस्तवन में हिन्दी भाषा के विकास पर अपनी सुक्ष्म दृष्टि रखते हुए कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने पहली बार अपनी पुस्तक ‘कालक्रम’ में ‘हिन्दी नई चाल में ढली’ वाक्य का प्रयोग किया। यह वाक्य उस समय हिन्दी भाषा में आये बदलाव को दर्शाता है। जिसमें भाषा ने प्राचीनता को छोड़कर आधुनिक रूप धारण कर लिया। भारतेन्दु ने उर्दू के बहाने पश्चिमी घुसपैठ को रोकने तथा अंग्रेजी भाषा के प्रयोग पर विराम लगाने के हिन्दी भाषा को परिष्कृत रूप को स्थापित करने का पुरजोर प्रयास किया। हिन्दी भाषा के विकास में उनका यह योगदान अमूल्य है। 


तत्पश्चात मुख्य अतिथि डॉ. प्रियंका सोनकर ने हिंदी भाषा के ज्ञान को महत्व देते हुए कहा कि 1873 से पहले हिन्दी एक स्वरूप में आ चुकी थी। उस समय हिन्दी उर्दू का विवाद चल रहा था। अंग्रेजों ने फूट डालो राज करो नीति को अपनाते हुए शासकीय कार्यो के लिए अंग्रेजी और उर्दू भाषा के प्रयोग पर अधिक बल दिया। उन्होंने शिवप्रसाद सितारे हिंद, रामविलास शर्मा, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, अज्ञेय, ग़ालिब, दुष्यन्त आदि साहित्यकारों के कथनों का उदाहरण देते हुए तत्कालिन समय की भाषाई स्थिति को प्रस्तुत करने का प्रयास किया। आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हिन्दी भाषा ने जो रूप धारण कर लिया है। उसके लिए यह जरूरी है कि हम उसके साथ अपना ताल-मेल बैठायें, क्योंकि सरल भाषा का प्रयोग ही राष्ट्र में एकता ला सकता है। स्नातक तृतीय वर्ष की छात्रा मौसम कुमारी ने हिंदी भाषा पर सारगर्भित भाषण प्रस्तुत किया। 

संपूर्ण कार्यक्रम के संयोजन का कार्य डॉ. प्रीति विश्वकर्मा एवं  राजलक्ष्मी ने किया। कार्यक्रम का संचालन परास्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा अनन्या सृष्टि ने तथा धन्यवाद ज्ञापन परास्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा सौम्या सिंह ने किया। इस उपलक्ष्य में हिंदी विभाग से डॉ. सपना भूषण, डॉ शशि कला एवं अन्य विभाग से डॉ. कमला पाण्डेय सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षकवृंदो की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया।


अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर प्रतियोगिता

इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब (ELC), वसंत कन्या महाविद्यालय द्वारा सेमिनार हॉल में एक अंतर-कॉलेज वाद-विवाद प्रतियोगिता अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। वाद-विवाद का विषय था, “ट्रम्प टैरिफ एवं ट्रेड वॉर : भारत के लिए चुनौतियाँ और अवसर”। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्राओं में राजनीतिक जागरूकता, समालोचनात्मक चिंतन और विचार-विमर्श की लोकतांत्रिक परंपरा को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या डॉ. रचना श्रीवास्तव द्वारा अध्यापकों, प्रतिभागियों एवं निर्णायकों के स्वागत से हुआ। प्रतियोगिता का मूल्यांकन करने के लिए विशिष्ट निर्णायक मण्डल उपस्थित रहा, जिसमें प्रो. अलका रानी (राजनीति शास्त्र विभाग यू.पी. कॉलेज), डाॅ. अखिलेश राय (समाज शास्त्र विभाग VKM कॉलेज) तथा डाॅ. सुप्रिया सिंह (अंग्रेज़ी विभाग VKM कॉलेज)।प्रतियोगिता में 6 टीमें (एनी बेसेंट, महामना, अरविंद घोष, गांधी, बी. आर. अम्बेडकर, कौटिल्य) शामिल थीं, प्रत्येक टीम में 8–10 सदस्य थे, किन्तु मूल्यांकन व्यक्तिगत स्तर पर किया गया। : टीमों को विषय के पक्ष एवं विपक्ष में बाँटा गया। : प्रत्येक प्रतिभागी को उद्घाटन वक्तव्य के लिए 1–1.5 मिनट का समय दिया गया। यह वाद-विवाद 3 चरणों में सम्पन्न हुई। इसमें 1. उद्घाटन वक्तव्य – 40 मिनट, 2. प्रश्न एवं प्रति-प्रश्न चरण – 30 मिनट, व 3. समापन वक्तव्य – 20 मिनट।

प्रतियोगिता के दौरान किसी प्रकार का कागज़ या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्रयोग करने की अनुमति नहीं थी; आवश्यकता पड़ने पर आयोजकों द्वारा A4 शीट उपलब्ध कराई जा रही थी।

प्रतियोगिता में विभिन्न महाविद्यालयों से आए छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने सारगर्भित व तर्कपूर्ण विचार प्रस्तुत किए तथा प्रश्नोत्तर चरण में एक-दूसरे से सशक्त संवाद किया। अंतिम चरण के उपरांत निर्णायकों ने प्रतिभागियों के शोध, स्पष्टता एवं वक्तृत्व कौशल की सराहना की। तत्पश्चात परिणाम घोषित किए गए।



इन विजेताओं को दिया गया पुरस्कार
1st पुरस्कार – सौम्या त्रिपाठी (बीए राजनीति विज्ञान, द्वितीय वर्ष, VKM)
2nd पुरस्कार – आस्था चौरसिया (एमए अंतिम वर्ष राजनीति, VKM)
3rd पुरस्कार – रवि (फूड और टेक्नोलॉजी, BHU)
सर्वश्रेष्ठ वक्ता पुरस्कार – जीना जुबिलिकर पटनाइक (बीए प्रथम वर्ष, VKM) को मिला। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

प्रतियोगिता का संचालन सुचिता सिंह और बिगिनलु क्रि ऊर्जा एवं उत्साहपूर्ण ढंग से हुआ। अंत में इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब की ओर से आभार ज्ञापन अंशिका त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें निर्णायकों, प्रतिभागियों और सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया गया।

 यह कार्यक्रम विभागाध्यक्ष —डॉ. आशीष सोनकर एवं प्रोफेसर डॉ. अनु सिंह , डॉ. सरोज उपाध्याय, डॉ. गौतम भारती तथा प्रवीरा सिन्हा (राजनीति विज्ञान विभाग) की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। यह प्रतियोगिता केवल वाद-विवाद का मंच ही नहीं, बल्कि ज्ञान-विनिमय, तार्किक चिंतन और वसंत कन्या महाविद्यालय की शैक्षणिक एवं लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण भी रही।


Varanasi K चिरईगांव में पांच दिवसीय FLN एवं New NCERT Books पर प्रशिक्षण

प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों में दिखा उत्साह, रही सक्रिय भागीदारी

Varanasi (dil india live). वाराणसी के चिरईगांव ब्लॉक रिसोर्स सेंटर पर खंड शिक्षा अधिकारी  प्रीति सिंह के निर्देशन में पांच दिवसीय FLN एवं नई NCERT पुस्तकों पर आधारित प्रशिक्षण का सातवां बैच सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। यह प्रशिक्षण प्रतिदिन प्रातः 9:30 बजे से सायं 5 बजे तक आयोजित किया गया था।

इससे पहले प्रशिक्षण की शुरुआत प्रार्थना सभा से हुई, जिसमें संस्कृत वंदना, प्रतिज्ञा, समाचार, आज का विचार, प्रेरक कहानी और राष्ट्रगान शामिल रहे। संदर्भदाता रश्मि त्रिपाठी ने प्रार्थना सभा का संचालन किया। अन्य संदर्भदाता रविन्द्र कुमार यादव, श्रीनिवास सिंह और उमेश त्रिपाठी ने दो प्रशिक्षण हॉलों में 50-50 शिक्षकों के बैच को प्रशिक्षण प्रदान किया।

प्रशिक्षण में कब-कब क्या हुआ 

पहले दिन वीणा-1 और गणित मेला का परिचय हुआ। वीणा-1 हिंदी की पाठय पुस्तक को NCERT ने रोचक ढंग से लिखा है जो थीम आधारित है ताकि हम एक थीम को समय के साथ बच्चों में विकसित कर सके। पर्यावरण, मित्र, खेल, काम, हमारा देश के प्रति, अपने भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रति बच्चों में एक चेतना विकसित की जा रही है। वही गणित मेला जो गणित की पाठ्य पुस्तक है बेहद रोचक ढंग से परिवेश, परिचित संदर्भों, त्योहारों आदि को दैनिक जीवन से लेते हुए अमूर्त अवधारणाओं को मूर्त और रोचक बनाती है। ये इन पुस्तकों की बहुत खास बात है। दूसरे दिन भाषा शिक्षण में ग्रेजुअल रिलीज ऑफ रिस्पांसिबिलिटी, जिम्मेदारियों का क्रमिक हस्तांतरण और 4 Block रणनीति पर कार्य किया गया। तीसरे दिन गणित के तीनों कालांश की रणनीतियों और जोड़-घटाव व स्थानीय मान पर समूह गतिविधियाँ, प्रस्तुतीकरण, रोल प्ले हुए। नए कहानी पोस्टर्स पर प्रस्तुतीकरण हुआ। चौथे दिन कक्षा 4-5 की संदर्शिका, 42 दिन की उपचारात्मक और पुनरावृत्यात्मक शिक्षण योजना, पाठों का दिवसवार विभाजन जो अन्य खिड़की दरवाजों को भी समझ के लिए खोल देता है। संतूर अंग्रेज़ी पुस्तक पर सबने समझ बनाई, प्रस्तुतीकरण, रोल प्ले पर कार्य हुआ। पाँचवें दिन Indian Knowledge System, Interdisciplinary एवं Multidisciplinary Approach की समझ विकसित की गई।



सक्रिय सहभागिता, समूह गतिविधियों और प्रेरक सेशनों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायी बना दिया। निश्चित रूप से इन बातों के साथ हम अपनी गुणवत्ता बढ़ाएंगे। बच्चों को इन बातों के साथ हम बेहतर आउटकम, परफॉर्मेंस और उपलब्धियों की उम्मीद कर सकते है। हालांकि टीचर्स के लिए टीईटी की परीक्षा कंपलसरी जैसी खबरों ने उन्हें मायूस जरुर कर दिया है। जिसका हल जल्दी निकलना चाहिए। अन्यथा की स्थिति में टीचर्स घोर निराशा और अवसाद की स्थिति में है।


इन्होंने की प्रशिक्षण में सहभागिता 

प्रशिक्षण लेने वालों में चित्र लेखा सिंह,अनीता सिंह, एहतेशामुल हक, गुरु प्रसाद, छाया देवी, हामिदा बेगम, आरती मौर्या, सतीश सिंह, धारणा आर्या, प्रीति गुप्ता, अर्चना, हेमंत कुमार मौर्य, अनुराधा भार्गव, बीनू चौहान, शीला, गोविंद प्रसाद, अर्चना यादव, गणेश प्रसाद, दिलीप कुमार इत्यादि शामिल थे।

UP K Varanasi Main October में दिया जाएगा Nari शक्ति आइकन Award

विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को दिया जाता है नारी शक्ति आइकन अवार्ड
फाइल फोटो dil India live 

Varanasi (dil india live). महिला सशक्तिकरण सेवा समिति द्वारा इस वर्ष नारी शक्ति आइकन आवर्ड का आयोजन 05 अक्टूबर दिन रविवार को वाराणसी में होने जा रहा है। इस संदर्भ में दिल इंडिया लाइव से खास बातचीत में संस्था के प्रबंधक व मोटीवेटर ट्रेनर शरद गोस्वामी एवं अध्यक्ष ममता सिंह ने बताया कि यह आयोजन वाराणसी के रोहनिया में होने जा रहा है।

उत्कृष्ट कार्य वाली महिलाओं का सम्मान 

दोनों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को नारी शक्ति आईकान अवार्ड दिया जाता है। इसमें संस्था की कोशिश होती है कि समाज के हर वर्ग फ़ैशन, खेल, स्वास्थ, आविष्कार आदि के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाली या  अहम भूमिका निभाएं जाने के लिए पिछले तीन वर्षों से नारी शक्ति आइकन आवर्ड प्रदान किया जा रहा है।

दोनों ने बताया कि इस आयोजन में पूर्वांचल के जिलों से लगभग 100 महिलाओं बच्चियों का नाम चयनित होता है। जिसमें पूर्वांचल जिले की सैकड़ों बच्चियां, महिलाएं एकत्र होती है। जिसमें बच्चियों महिलाओं को, सिलाई कढ़ाई, ब्यूटीशियन हस्तशिल्प कला इत्यादि विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जाता है। विगत 10 वर्षों से प्रयासरत संस्था के प्रबंधक शरद गोस्वामी एक कुशल मोटीवेटर ट्रेनर है एवं अध्यक्ष ममता सिंह ब्यूटीशियन व बुटिक वर्क में दक्ष हैं। 

असहाय व दिव्यांग को मुफ्त प्रशिक्षण 

प्रबंधक शरद गोस्वामी व अध्यक्ष ममता सिंह का कहना है कि दिव्यांग व असहाय बच्चियों, महिलाओं को संस्था पूरी तरह से निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करती आ रही है। ग्रामीण क्षेत्र जहां बहुत अभाव है, संसाधनों की कमी है वहां विभिन्न प्रकार के हुनर से प्रशिक्षण देकर सभी को जागरूक करके स्वावलंबी बनाने का मिशन संस्था ने छेड़ रखा है। विगत 10 वर्षों में संस्था ने लगभग 4 हजार से भी ज्यादा सिलाई कढ़ाई के क्षेत्र में 3 हजार से ज्यादा ब्यूटीशियन एवं 20 हजार से ज्यादा बच्चियों महिलाओं को हस्तशिल्प कला में प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। 

BLW Main जीवित्पुत्रिका पूजनोत्सव में उमड़ी आस्था की भीड़

बरेका में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ पर्व 

F. Farouqi (Babu)

Varanasi (dil India live). वाराणसी बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) के सूर्य सरोवर प्रांगण में आज दिनांक 14 सितम्बर 2025, रविवार को पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के बीच जीवित्पुत्रिका पूजनोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। संतान की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की मंगलकामना के लिए माताओं द्वारा व्रत रखकर किए जाने वाले इस पावन पर्व ने पूरे परिसर में आस्था और भक्ति का अद्भुत वातावरण निर्मित किया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एस.के. श्रीवास्तव तथा विशिष्ट अतिथि प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर एवं जीवित्पुत्रिका पूजनोत्सव समिति के अध्यक्ष रामजन्म चौबे ने हवन एवं पूजन विधि-विधान के साथ संपन्न कर उत्सव का शुभारंभ किया। सूर्य सरोवर प्रांगण को रंग-बिरंगी झालरों, फूलों और आकर्षक सजावट से सुसज्जित किया गया था। व्रती माताओं एवं श्रद्धालुओं के लिए सुव्यवस्थित बैठने, पूजन सामग्री और प्रसाद की समुचित व्यवस्था की गई, जिससे समूचा वातावरण आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा से ओत-प्रोत दिखा।

इस अवसर पर जीवित्पुत्रिका पूजा समिति द्वारा आयोजित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसमें बरेका कर्मचारियों के बच्चों के साथ-साथ आसपास के गाँवों के 500 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता के विजेताओं को स्मृति-चिन्ह एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिससे बच्चों में उत्साह और आत्म विश्वास का संचार देखने को मिला। पूजनोत्सव में भोजपुरी लोक गायिका सुमन अग्रहरी एवं उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत भक्ति गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। उनके मधुर भजनों और लोकगीतों ने व्रती माताओं एवं उपस्थित श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया और समूचा परिसर मंत्रमुग्ध हो उठा।


इनकी रही खास मौजूदगी 
कार्यक्रम में मुख्य रूप से महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त देवराज कुमार मौर्य, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (सर्विस इंजीनियर) नीरज जैन, जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार, आर.एन. सिंह, उपाध्यक्ष पंकज कुमार श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष अमित कुमार, प्रिंस कुमार, दिनेश सिंह एवं संस्थापक सदस्य हरि शंकर यादव सहित पूजा समिति के पदाधिकारी उपस्थिति थे।

पूजा समिति के महामंत्री ऋतुराज सिंह यादव ने सभी अतिथियों, अधिकारियों, कर्मचारियों, माताओं-बहनों एवं विभिन्न प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अमलेश श्रीवास्तव द्वारा किया गया। यह आयोजन न केवल मातृत्व की आस्था और समर्पण का सजीव उदाहरण रहा, बल्कि बरेका परिवार में धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण और प्रोत्साहन का भी प्रेरणादायक संदेश प्रदान करता है।

रविवार, 14 सितंबर 2025

नबी ने हमेशा प्यार और मोहब्बत का पैग़ाम दिया -Mo Nadim Asgar

अंजुमन हैदरी ने ईद मिलादुन्नबी पर सजायी महफ़िल

महफ़िल में नबी की शान में पढ़े गए क़सीदे

Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil india live). दालमंडी स्थित शब्बीर व सफ़दर के इमामबाड़े में अंजुमन हैदरी, चौक, बनारस के तत्वाधान में जश्ने रहमतुल्लिल आलमीन का जश्न मनाया गया। अंजुमन हैदरी के ऑफिस सेक्रेटरी ज़ुल्फ़िक़ार ज़ैदी ने बताया कि जनरल सेक्रेटरी नायब रज़ा की देखरेख में आयोजित इस महफ़िल का आग़ाज़ मौलाना इबनुल हसन ने तिलावत से किया। 

इस दौरान मौलाना नदीम असग़र ने महफ़िल को ख़िताब करते हुए कहा कि आज नबी की सीरत को पढ़ने, समझने और उस पर अमल करने की ज़रूरत है। इसी में इंसान की भलाई है। नबी ने हमेशा प्यार मोहब्बत का पैग़ाम दिया और इसी पैग़ाम को उनकी आल ने आगे बढ़ाया। अगर इंसान नबी और उनकी आले पाक की सीरत पर अमल करे तो आज दुनिया में हर तरफ़ अमन और शान्ति की फ़िज़ा बन सकती है। 


तक़रीर के बाद नज़्म का सिलसिला शुरू हुआ। हिंदुस्तान के मशहूर शोअरा ए केराम जैसे मोहिब मोरानवी, शबरोज़ कानपुरी, मौलाना शम्स तबरेज़, मौलाना फ़ाज़िल जरेल्वी, इब्राहीम ख़लील जलालपुरी, अली जाफ़र व हसन जाफ़र उतरौलवी ने अपने कलाम से ऐसा समां बांधा कि लोग मंत्रमुग्ध हो गए। साथ ही मोकामी शोअरा जैसे प्रोफेसर अज़ीज़ हैदर, रेहान बनारसी, मौलाना दिलकश ग़ाज़ीपुरी, अतश बनारसी, मौलाना बाक़र बलयावी ने बेहतरीन कलाम पेश किए। जलसे की सदारत मौलाना सैय्यद मुहम्मद अक़ील हुसैनी ने की और संचालन मौलाना किरतास करबलाई ने किया। महफ़िल रात 9 बजे शुरू होकर सुबह खत्म हुई। इस  अवसर पर पूरे बनारस से सैकड़ों की तादाद में लोग शरीक हुए। ज्ञात हो इस वर्ष नबी की विलादत को 1500 साल पूरे हो रहे हैं इसलिए इस साल पूरी दुनिया में आपकी विलादत का जश्न और भी जोश ओ खरोश के साथ मनाया जा रहा है। अंजुमन हैदरी के सद्र सैय्यद अब्बास मुर्तुज़ा शम्सी ने महफ़िल में आए हुए सभी लोगों शुक्रिया अदा किया।