गुरुवार, 3 अप्रैल 2025

VKM Varanasi news : साहित्य और सिनेमा में केवल प्रस्तुति और प्रभाव का अंतर

"साहित्य व सिनेमा: अतः संबंध और रूपांतरण" विषय पर प्रो. संजीव का व्याख्यान


Varanasi (dil India live). वसन्त कन्या महाविद्यालय कमच्छा, वाराणसी के तत्वावधान में पुनर्नवा हिंदी साहित्य परिषद् एवं हिंदी विभाग के अंतर्गत "साहित्य एवं सिनेमा: अतःसंबंध और रूपांतरण" विषयक एकल व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव दुबे ने साहित्य और सिनेमा पर चर्चा करते हुए हिंदी सिनेमा के इतिहास और पृष्ठभूमि पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए हिंदी सिनेमा के विकास पर छात्राओं का ध्यान आकर्षित किया। सिनेमा के व्यावसायिकरण की बात करते हुए उन्होंने हिंदी के साहित्यिक बाज़ार पर चर्चा की और कहा कि हिंदी सिनेमा का प्रबुद्ध दर्शक निर्मित नहीं हुआ है। उन्होंने वर्तमान समय में सिने साक्षरता की आवश्यकता पर बल दिया ।उनका मानना है कि सिनेमा के दृश्यों को किसी पुस्तक की तरह पढ़ना चाहिए। साहित्य एवं सिनेमा के अंतःसंबंध पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य और सिनेमा में तत्वत: कोई अन्तर नहीं है केवल प्रस्तुति और प्रभाव का अंतर होता है और सिनेमा की प्रभावोत्पादकता साहित्य से अधिक होती है इसलिए इसका विस्तार साहित्य से गई गुणा अधिक होती है। साहित्य के सिनेमा में रूपांतरण पर उन्होंने कहा कि संक्षेपण, विस्तार, सामान्यीकरण और स्थिरीकरण के माध्यम से साहित्य का सिनेमा में रूपांतरण होता है जिसके परिणामस्वरूप मुख्य कथावस्तु के साथ कभी-कभी न्याय नहीं हो पाता। जो पुस्तक पढ़ने वालों को निराश भी करता है। अंत में सिनेमा को अकादमिक क्षेत्र में अध्ययन एवं शोध की दृष्टि से और भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

स्वागत वक्तव्य देते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो रचना श्रीवास्तव ने सिनेमा के माध्यम से समाज पर पड़ने वाले  सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रभाव की चर्चा करते हुए छात्राओं को सिनेमा के गुणात्मक रूप को ग्रहण करने के लिए उद्बोधित किया। कार्यक्रम में डॉ. सपना भूषण, डॉ. शशिकला, डॉ. नैरंजना श्रीवास्तव , डॉ. प्रीति विश्वकर्मा एवं महाविद्यालय के सभी सिनेमा और साहित्य प्रेमी ,विद्यार्थी तथा अध्यापक गण मौजूद रहे।संचालन सुश्री  राजलक्ष्मी जायसवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सपना भूषण ने किया।

बुधवार, 2 अप्रैल 2025

Hajj yatriyo की आसानी के लिए इसरा ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

जानिए कब है तीसरी किश्त जमा करने की अंतिम तिथि

 

  • Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). हज कमेटी ऑफ इण्डिया की ओर से हज जायरीन के लिए बैलेन्स हज एमाउण्ट की तीसरी किश्त जमा करने व हज से संबंधित समस्त परेशानियों के लिए हल के लिए इसरा ने निःशुल्क हज हेल्प लाइन नंबर जारी किया है। इस सम्बन्ध में इसरा के  जनरल सेक्रेटरी हाजी फारुख खां ने बताया कि हज हज कमेटी ऑफ इण्डिया की ओर से हज 2025 पर जाने वाले जायरीन के बैलेन्स हज एमाउण्ट की तीसरी किश्त की घोषणा कर दी गई है। इस सम्बन्ध में इसरा [ISSRA] मुख्यालय अर्दली बाजार वाराणसी में डॉ. एसके सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें सर्वसम्मति से तय हुआ कि हज जायरीन को बेहतर सुविधा के लिए हेल्पलाइन जारी किया जाय और तीसरी किश्त रूपया 65,050.00 जमा करने के लिए FEE TYPE-25 फार्म इसरा [ISSRA] मुख्यालय और सभी इसरा सेण्टरों पर भरवाया जाये। ताकि हज जायरीन को कोई मुश्किल का सामना न करना पड़े। इसलिए इसरा की ओर से हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया है। जिस पर हज जायरीन हज से मुताल्लिक पूरी जानकारी हासिल कर अपना FEE TYPE-25 फार्म भरवा सकते हैं।
इन नंबरों पर होगी रहनुमाई

1. हाजी मो. फारूक खां 9453365297

2. हाजी वसीम 4450010959

3. इम्तियाज अहमद 9305448200

4. अलहम अंसारी -8896548272

मुकद्दस हज 2025 के बारे में खास जानकारी

एक हज जायरीन हज कमेटी आफ इण्डिया के जरिये जिन्दगी में सिर्फ एक बार' ही हज कर सकता है। आरजी (PROVISIONAL) तौर पर चुने गये आजमीन "FEE TYPE 25 FORM" (Pay in Slip) पर अपने बैलेन्स हज एमाउण्ट की तीसरी किश्त 65,050 www.hajcommittee.gov.in पर ऑनलाइन या स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया या यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया की किसी भी शाखा में जमा कर सकते हैं। तीसरी किश्त जमा करने की आखिरी तारीख 03.04.2025 है। यदि हज कमेटी द्वारा मुकर्रर तारीख से आगे बढ़ाई जाती है तो इसकी सूचना हज कमेटी द्वारा दी जायेगी। यदि हज जायरीन को कुर्बानी हज कमेटी द्वारा करानी है तो हज कमेटी द्वारा कुर्बानी की तय की गई रकम 16,600 रूपये को ऑनलाइन या बैंक की Pay in Slip स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया या यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया की किसी भी ब्रान्च में जमा की जा सकती है। बैलेंस हज एमाउण्ट की जमा रसीद को लिफाफे में डालकर डाक द्वारा सेक्रेटरी स्टेट हज कमेटी लखनऊ-226008 या बैतुल हुजाज (हज हाउस) 7 ए,मार्ग, पल्टन रोड मुम्बई 40001 पर भेजें।

VKM Varanasi main ऑटिज़्म जागरूकता संगोष्ठी

न्यूरोडायवर्सिटी समाज को अधिक संवेदनशील और समावेशी बनने की प्रेरणा देती है-डा. तुलसी 

Varanasi (dil India live). आज, 2 अप्रैल को, वसंत कन्या महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग और मनस्विनी क्लब के संयुक्त तत्वावधान में ऑटिज़्म जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की प्राचार्या के उत्साहवर्धन से हुई। उन्होंने इस तरह के कार्यक्रमों को और व्यापक स्तर पर आयोजित करने का सुझाव दिया। बीएचयू की एम.एस. डा. दिव्या सिंह ने अपने संबोधन में ऑटिज़्म से प्रभावित व्यक्तियों की चुनौतियों, उनकी विशेषताओं और समाज में उनके समावेशन के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. तुलसीदास (डायरेक्टर, देवा इंस्टीट्यूट फॉर डिसेबिलिटी रिहैबिलिटेशन एंड एंपावरमेंट) ने अपने संबोधन में कहा कि न्यूरोडायवर्सिटी केवल एक दृष्टिकोण नहीं, बल्कि एक ऐसी सीख है जो समाज को अधिक संवेदनशील और समावेशी बनने की प्रेरणा देती है। इस दौरान बी.एच.यू. के कुछ शोध छात्रों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के लगभग 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने नाटक भी प्रस्तुत किया, जिसमें ऑटिज़्म और समाज में समावेशन की महत्ता को दर्शाया गया।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राम  प्रसाद सोनकर द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. शुभ्रा सिन्हा, डॉ. अंजू लता सिंह, डॉ. खुशबू मिश्रा, डॉ. शशि प्रभा कश्यप, डॉ अंशु शुक्ला सहित कई अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

देश दुनिया में आज मनाया जा रहा है विश्व ऑटिज्म दिवस

आईए जानते हैं ऑटिज्म क्या है इसे कैसे रोका जा सकता है 

ऑटिज्म एक विश्वव्यापी समस्या है। इसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) के नाम से भी जाना जाता है, यह एक न्यूरोलॉजिकल और विकासात्मक विकार है जो संचार, सामाजिक संपर्क और व्यवहार को प्रभावित करता है। प्रभावित बच्चों और उनके माता-पिता को अपने परिवार, समाज और यहाँ तक कि जीवन भर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 160 बच्चों में से 1 को ASD है। ASD के सटीक कारणों को अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है, लेकिन शोध बताते हैं कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों से जुड़ा हुआ है।

  • डॉ. शशि प्रभा कश्यप

Varanasi (dil India live). हर साल 2 अप्रैल को हम विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाते हैं। ऑटिज्म एक विश्वव्यापी समस्या है। इसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) के नाम से भी जाना जाता है, यह एक न्यूरोलॉजिकल और विकासात्मक विकार है जो संचार, सामाजिक संपर्क और व्यवहार को प्रभावित करता है। प्रभावित बच्चों और उनके माता-पिता को अपने परिवार, समाज और यहाँ तक कि जीवन भर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 160 बच्चों में से 1 को ASD है। ASD के सटीक कारणों को अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है, लेकिन शोध बताते हैं कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों से जुड़ा हुआ है।

इसकी विशेषता निम्न में कठिनाइयाँ हैं:

1. सामाजिक संपर्क: सामाजिक संकेतों को समझने और व्याख्या करने, बातचीत शुरू करने या बनाए रखने और संबंधों को विकसित करने और बनाए रखने में परेशानी।

2. मौखिक और अशाब्दिक संचार: मौखिक और अशाब्दिक संचार में कठिनाई, जैसे कि भाषा विकास में देरी या अनुपस्थिति, आवाज़ की टोन को समझने में कठिनाई और आँख से संपर्क करने में परेशानी।

 3. व्यवहार के प्रतिबंधित और दोहराव वाले पैटर्न: दोहराव वाले व्यवहार, जैसे हाथ फड़फड़ाना या शरीर हिलाना, और प्रतिबंधात्मक रुचियाँ, जैसे किसी विशिष्ट विषय में गहरी रुचि।

जब हम इसके प्रकारों के बारे में बात करते हैं तो ऑटिज़्म:

1. ऑटिस्टिक डिसऑर्डर (क्लासिक ऑटिज़्म)

 भाषा विकास, सामाजिक संपर्क और संज्ञानात्मक विकास में महत्वपूर्ण देरी की विशेषता है।

2. एस्परगर सिंड्रोम

सामाजिक संपर्क और दोहराव वाले व्यवहारों की कठिनाइयों की विशेषता है, लेकिन भाषा विकास में महत्वपूर्ण देरी के बिना।

3. व्यापक विकासात्मक विकार (PDD-NOS)

सामाजिक संपर्क और संचार में कठिनाइयों की विशेषता है, लेकिन ऑटिस्टिक विकार के लिए पूर्ण मानदंडों को पूरा किए बिना।

हम इसके कारणों और जोखिम कारकों के बारे में बात करते हैं

1. आनुवंशिकी: ऑटिज़्म या अन्य विकासात्मक विकारों का पारिवारिक इतिहास।

2. पर्यावरणीय कारक

 वायु प्रदूषण के लिए जन्मपूर्व जोखिम, माता-पिता की उन्नत आयु और गर्भावस्था के दौरान मातृ संक्रमण।

 3. मस्तिष्क की संरचना और कार्य

मस्तिष्क की संरचना और कार्य में असामान्यताएं, विशेष रूप से सामाजिक संचार में शामिल क्षेत्रों में।

जब हम इसके लक्षणों और निदान के बारे में बात करते हैं, तो ऑटिज़्म के लक्षण व्यापक रूप से भिन्न हो सकते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं:

• विलंबित या अनुपस्थित भाषा विकास

• आँख से संपर्क करने में कठिनाई

• सामाजिक संकेतों को समझने में परेशानी

• दोहराव वाला व्यवहार

• संवेदी संवेदनशीलता।

निदान आमतौर पर निम्नलिखित के संयोजन के माध्यम से किया जाता है:

• व्यवहार संबंधी अवलोकन

• विकासात्मक आकलन

• चिकित्सा मूल्यांकन

जब हम इसके उपचार और सहायता के बारे में बात करते हैं तो ऑटिज़्म का कोई इलाज नहीं है, प्रारंभिक हस्तक्षेप और सहायता परिणामों में काफी सुधार कर सकती है।  उपचार विकल्पों में ये शामिल हो सकते हैं:

• व्यवहार संबंधी उपचार (जैसे, अनुप्रयुक्त व्यवहार विश्लेषण)

• भाषण और भाषा चिकित्सा

• व्यावसायिक चिकित्सा

• संबंधित स्थितियों (जैसे, चिंता, एडीएचडी) को प्रबंधित करने के लिए दवाएँ

और उचित समर्थन और समायोजन के साथ, ऑटिज़्म से पीड़ित व्यक्ति संतुष्टिदायक और सार्थक जीवन जी सकते हैं।


(लेखक मनोविज्ञान विभाग, वी.के.एम, कमच्छा में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं)


मंगलवार, 1 अप्रैल 2025

Banaras में ही केवल मनाई जाती है 'Choti Eid'

ईद के दूसरे दिन से मोमिन रखतें हैं '6 नफिल रोज़ा' फिर आती है छोटी ईद 

अज़ान की सदाओं पर खोला पहला नफिल रोज़ा 
हज़रत शाह तैय्यब बनारसी के आस्ताने पर जुटे अकीदतमंद (फाइल फोटो)

Varanasi (dil India live)। पूरी दुनिया में छोटी ईद केवल बनारसी ही मनाते है। बनारस में ईदुल फित्र के दूसरे दिन से छह नफिल रोज़ा मोमिन रखते हैं। ईद के सातवें दिन फिर छोटी ईद की खुशियां मनाई जाती है। इस दौरान शहर के औरंगाबाद और मंडुवाडीह में छोटी ईद का मेला भी लगता है। आज लोगों ने ईद के दूसरे दिन नफिल रोज़ा रखा और शाम में अज़ान की सदाओं पर खजूर और पानी से रोज़ा खोला। इस दौरान इफ्तार की थाली लज़ीज़ पकवान से सजी हुई थीं। जिसका रोज़ादारो ने लुत्फ उठाया। जो लोग रोज़ा नहीं थे, वो अपने रिश्ते नातेदारों, अजीजों और दोस्तों से दूसरे दिन ईद मिलने पहुंचे। एक दूसरे से गले मिले और उन्हें मुबारकबाद दी।

छोटी ईद और हज़रत शाह तैय्यब बनारसी का उर्स

मंडुवाडीह स्थित कुतुबे बनारस हज़रत शाह तैयब बनारसी रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स 'छोटी ईद' के रूप में मनाया जाता है। उर्स के मौके पर आस्ताना परिसर में दिन भर मेला लगा रहता है। मेले में विभिन्न व्यंजनों का लोग जहां लुत्फ लेते हैं वहीं बच्चे खूब मस्ती करते हैं। छोटी ईद के मौके पर हजरत शाह तैयब बनारसी के आस्ताने पर हाजिरी देने के लिए देश के कोने-कोने से अकीदतमंदों की जुटान होती है। शाम होते ही आस्ताने पर पैर रखने की भी जगह नहीं बचती। बाबा की मजार पर गुलपोशी व चादरपोशी कर फातेहा पढ़ने वालों का सिलसिला देर रात तक चलता रहता है। इस दौरान फज्र की नमाज के बाद कुरआनख्वानी के साथ ही उर्स शुरू होता है। वहीं इशा की नमाज के बाद कुल शरीफ में अकीदतमंद शामिल होते हैं। इस मौके पर देश में अमन व खुशहाली के लिए दुआएं मांगी जाती है। वर्षो से चले आ रहे दस्तूर के मुताबिक छोटी ईद शानों-शौकत के साथ मनाई जाती है। मदरसा दारुल उलूम तैयबिया मोइनिया दरगाह शरीफ मंडुवाडह के प्रिंसिपल मोहम्मद अब्दुस्सलाम रशीदी ने बताया कि उर्स ईद के सातवें दिन मनाया जाता है। आयोजन को लेकर क्षेत्र ही नहीं बल्कि दूर दराज से आने वालों में काफी उत्साह रहता है। लोग एक-दूसरे को छोटी ईद कि मुबारकबाद देते हैं। हर कोई खुशी से लबरेज नजर आता है। 

औरंगाबाद में भी लगता है मेला

छोटी ईद पर औरंगाबाद में भी मेला लगता है। इस मौके पर हज़रत हवा शाह वह हज़रत हिम्मत शाह का अकीदत के साथ उर्स मनाया जाता है। उर्स के दौरान लोगों का हुजूम उमड़ता है। गुस्ल, फातिहा और चादर पोशी का दौर देर रात तक उर्स में चलता है। यहां भी छोटी ईद कि मुबारकबाद देने और खुशियां मनाने दूर दराज से लोग जुटते हैं।

VKM Varanasi के मनोविज्ञान विभाग के मनस्विनी क्लब का शौर्य सेंटर भ्रमण

छात्राओं ने ऑटिज्म और सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों संग बिताए समय, की बातचीत

Varanasi (dil India live). वसन्त कन्या महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के मनस्विनी क्लब ने विश्व ऑटिज्म दिवस के उपलक्ष में सुसुवाही स्थित शौर्य सेंटर फॉर थेरेपी का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान छात्राओं ने ऑटिज्म और सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों के साथ बातचीत की और उनकी दिनचर्या व थेरेपी प्रक्रियाओं को करीब से समझा। क्लब के सदस्यों ने शौर्य सेंटर द्वारा संचालित विशेष विद्यालय का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने विशेष जरूरतों वाले बच्चों की शिक्षा व्यवस्था का अवलोकन किया।

इस भ्रमण का उद्देश्य विशेष बच्चों की चुनौतियों और उनकी शिक्षा व थेरेपी से जुड़े पहलुओं को समझना था। Psyconnect से मिस तुलिका के नेतृत्व में यह यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जिसमें छात्राओं ने गहरी संवेदनशीलता और सीखने की जिज्ञासा दिखाई।

results distribution एवं नामांकन समारोह का आयोजन

शिक्षा वो चाभी है जिससे बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास का ताला खुलता है-एहतेशामुल हक़ 

मेधावी छात्रों को किया गया पुरस्कृत


 मोहम्मद रिजवान 

Varanasi (dil India live)। विकासखंड चिरईगांव के प्राथमिक विद्यालय गौराकलां में शैक्षिक सत्र 2024-25 का वार्षिक परीक्षा फल वितरण समारोह आयोजित कर मेधावी छात्र एवं छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल आरती देवी ने संचालन वरिष्ठ अध्यापिका रेखा उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम में कक्षा 1 से 5 तक के सभी प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राओं को स्मृति चिन्ह व कॉपी पेन देकर पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। सभी कक्षाओं में शत प्रतिशत उपस्थिति, बेहतरीन कार्य एवं हिंदी व अंग्रेजी के बेस्ट हैंडराइटिंग वाले सभी बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया। 


मुख्य अतिथि एसआरजी डॉ. राजीव कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा इस ग्रामीण अंचल में परिषदीय विद्यालय में इस तरह का शानदार आयोजन काबिले तारीफ है शानदार सांस्कृतिक आयोजन शिक्षकों की मेहनत का परिणाम है जो कि बेहतर पठन-पाठन के माहौल में बहुत ही सहायक है। उन्होंने बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं भी दिया। प्रिंसिपल आरती देवी ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत कर सम्मानित किया। इस अवसर पर अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिला उपाध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक ने कहा कि शिक्षा व चाभी है जिससे बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास का ताला खुलता है बच्चे स्कूल में 6 से 7 घंटा तक शिक्षा ग्रहण करते हैं इसके बाद बच्चे अपने घर को जाते हैं तो अभिभावकों को भी चाहिए कि बच्चों का होमवर्क पूरा करें। विद्यालय में होने वाली शैक्षिक व सांस्कृतिक गतिविधियों, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज, खेलकूद प्रतियोगिता में बच्चों को बढ़ चढ़कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।


इस अवसर पर प्रिंसिपल आरती देवी, ग्रामप्रधान राजेश कुमार राजू, एस आर जी डॉ राजीव कुमार सिंह, अटेवा के ज़िला उपाध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, रेखा उपाध्याय, सादिया तबस्सुम, अनीता सिंह, शशिकला, प्रमिला सिंह, ज्योति कुमारी, शक्ति कुमारी, रीना, रीता, सोनी, आशा, त्रिलोकी प्रसाद गुप्ता व काफी संख्या में अभिभावकगण, छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।

VKM Varanasi main Sangit work Shop का हुआ सफल समापन

आत्मावलोकन के लिए संगीत आवश्यक-प्रो.रचना श्रीवास्तव Varanasi (dil India live). वसंत कन्या महाविद्यालय के तत्वावधान में संगीत गायन विभाग द्वा...