डाककर्मियों की भूमिका में हुए तमाम बदलाव, निभा रहे 'कोरोना योद्धा' की भूमिका
हाथ में स्मार्ट फोन व बैग में डिजिटल डिवाइस
वाराणसी 30 जून (दिल इंडिया लाइव)। कभी आपने सोचा है कि आपके क्षेत्र का डाकिया कितनी मुश्किलों के बीच आपके दरवाजे तक डाक पहुँचाता है। कभी आपने अपने डाकिया बाबू को इसके लिए धन्यवाद कहा है ! यदि नहीं तो 1 जुलाई को आप 'नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे' के दिन उसका आभार व्यक्त कर सकते हैं। 'नेशनल पोस्टल वर्कर डे' की अवधारणा अमेरिका से आई, जहाँ वाशिंगटन राज्य के सीऐटल शहर में वर्ष 1997 में कर्मचारियों के सम्मान में इस विशेष दिवस की शुरुआत की गई । धीरे-धीरे इसे भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। यह दिन दुनिया भर में डाक कर्मियों द्वारा की जाने वाली सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।
वाराणसी क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक सेवाओं ने संचार के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपनी अहम भूमिका निभाई है। जब संचार के अन्य साधन नहीं थे, तो डाक सेवाएँ ही दुनिया भर में लोगों के बीच संवाद का अहम जरिया थीं। आज भी डाककर्मी उतनी ही तन्मयता से लोगों तक पत्रों, पार्सल और मनीऑर्डर के रूप में जरूरी चीजें पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं। जाड़ा, गर्मी, बरसात की परवाह किये बिना सुदूर क्षेत्रों, पहाड़ी, मरुस्थली और दुर्गम क्षेत्रों में डाक सेवाएँ प्रदान करने के साथ-साथ दरवाजे पर जाकर डाक वितरण कर रहे हैं। नियुक्ति पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार, चेक बुक, एटीएम जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाद और टीबी बलगम तक डाकियों द्वारा पहुँचाये जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में दवाओं, मास्क, पीपीई किट्स, कोरोना किट्स के वितरण से लेकर घर-घर बैंकिंग सेवा पहुँचाने वाले डाककर्मी अब 'कोरोना योद्धा' बन गए हैं, जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी इसके लिए डाककर्मियों की सराहना कर चुके हैं।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग का सबसे मुखर चेहरा डाकिया है। डाकिया की पहचान चिट्ठी-पत्री और मनीऑर्डर बाँटने वाली रही है, पर अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन है और बैग में एक डिजिटल डिवाइस भी है। इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के शुभारम्भ के बाद आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं। वाराणसी परिक्षेत्र में लगभग 2400 डाकिया लोगों के दरवाजे पर हर रोज दस्तक लगाते हैं। सामान्य दिनों में प्रति माह साढ़े 4 लाख तो कोविड काल के दौरान 1 लाख 70 हजार स्पीड पोस्ट, पंजीकृत पत्र वितरित किये जाते हैं। इसके अलावा प्रतिमाह लगभग 12 लाख साधारण पत्रों का वितरण भी डाकियों द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में किया जाता है। ई-कामर्स को बढ़ावा देने हेतु कैश ऑन डिलीवरी, लेटर बाक्स से नियमित डाक निकालने हेतु नन्यथा मोबाईल एप एवं डाकियों द्वारा एण्ड्रोयड बेस्ड स्मार्ट फोन आधारित डिलीवरी जैसे तमाम कदम डाक विभाग की अभिनव पहल हैं।
#National Postal Workers Day': The postman who delivered the letter became smart
Change in postal information, due to bad weather 'Corona'
Battery in smart telephone and battery in smartphone#
Have you ever wondered how many difficulties the postman of your area faces during delivering mail to your doorstep? Have you ever thanked your postman for this? If not, you can express your gratitude to them on 'National Postal Workers Day' on 1st July. The concept of 'National Postal Workers' Day' came from America, where this special day was started in the year 1997 in the city of Seattle in Washington State in honour of the Postal workers. Gradually it started being celebrated in other countries including India. This day is celebrated in honour of the service rendered by Postal workers across the world.
Mr. Krishna Kumar Yadav, Postmaster General of Varanasi Region informed that Postal services have played an important role in the field of communication all over the world. When there were no other means of communication, Postal services were the main means of communication between people around the world. Even today, Postal employees are working with the same diligence to deliver essential things in the form of letters, parcels and money orders to the people. Regardless of winter, summer, rain, providing Postal services in remote areas, hilly, desert and inaccessible areas as well as delivering mail at the doorstep. Important documents like appointment letters, passport, driving license, aadhar, cheque book, ATM card along with prasad of various temples and TB sputum are being delivered by postmen. From distribution of medicines, masks, PPE kits, corona kits to door-to-door banking services, Postal workers have now become 'Corona Warriors', playing an active role in the fight against COVID-19. Prime Minister Mr. Narendra Modi has also appreciated the Postal services for this.
Postmaster General Mr. Krishna Kumar Yadav said that the postman is the most vocal face of the Postal Department. The identity of the postman has been to deliver letters and money orders, but now the postman has a smart phone in his hand and a digital device in the bag. With the launch of India Post Payments Bank, Postmen are playing a new role as an moving ATM as a part of economic and social inclusion. In Varanasi region, about 2400 postmen knock on the doors of the people everyday. On normal days, 4.5 lakhs per month and during the COVID period, 1.70 lakhs speed posts, registered letters are distributed. Apart from this, about 12 lakh ordinary letters are also distributed by postmen in Varanasi Region every month. To promote e-commerce, various innovative initiatives by the Department like cash on delivery, new mobile app to remove regular mail from letter boxes and smart phone based delivery by postmen has been taken.
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