गुरुवार, 31 मार्च 2022

शिक्षक कभी रिटायर नहीं होते: विरेन्द्र सिन्हा

रज़िया सुल्ताना का सम्मान और विदाई समारोह सम्पन्न 


वाराणसी ३१ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। चिराईगांव विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय सरायमोहाना की प्रधानाध्यापिका श्रीमती रज़िया सुल्ताना की सेवानिवृत्ति होने पर उनका सम्मान और विदाई समारोह,विद्यालय परिसर में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष जनार्दन प्रसाद की अध्यक्षता व प्रताप नारायण सिंह के संचालन में सम्पन्न हुआ। धन्यवाद ज्ञापन श्री अनुपम कुमार गुप्ता ने दिया।

       इस अवसर पर मुख्य अतिथि, राज्य संदर्भ दाता समूह के सदस्य राजीव कुमार सिंह ने कहा कि रज़िया जी एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ नेतृत्वकर्ता रही हैं। अपने नौ साल के कार्यकाल में आपने विद्यालय को पस्ती से बुलंदी की ओर अग्रसर किया है। मैडम आज भले ही अपनी सेवा से निवृत हो रही हैं लेकिन उम्मीद है कि अपने कुशल मार्गदर्शन से हमे दिशा निर्देश देती रहेंगी। एक मार्गदर्शक और समाज सेवक के रूप में हमेशा क्रियाशील रहेंगी।सहायक अध्यापक श्री सदगुरू शरण चतुर्वेदी ने कहा कि मैडम का हम सभी सहायक स्टाफ के प्रति व्यवहार एक मां की तरह रहा है, साथ ही आप छात्र-छात्राओं को भी स्नेह प्रदान करती रही हैं। उनका कुशल नेतृत्व हम लोगों के लिए एक ऐसा पदचिन्ह छोड़ कर जा रहा है जिस पर चलने के लिए हम सभी कृत संकल्प हैं। ग्राम प्रधान वीरेन्द्र सिन्हा ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता है वह स्वयं दीपक की तरह जलकर पूरे समाज को रोशनी प्रदान करता है,भले ही रज़िया सुल्ताना जी आज यहां से जा रही हैं, मगर उनसे हमारा, इस गांव का नाता हमेशा बना रहेगा।

इस अवसर पर विद्यालय परिवार की ओर से सेवानिवृत प्रधानाध्यापिका रज़िया सुल्ताना को उपहार एवम स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।


       


  इस अवसर पर एसआरजी राजीव कुमार सिंह, ग्राम प्रधान वीरेंद्र सिन्हा, जनार्दन प्रसाद, अनुपम कुमार गुप्ता, अनुराधा भार्गव, सदगुरू शरण चतुर्वेदी, प्रताप नारायण सिंह, शकील अहमद अंसारी, महबूब आलम, शशिप्रभा, विनोद कुमार यादव, अरविंद कुमार यादव, हेमंत कुमार मौर्य, बीनू, मधुलिका आदि मौजूद थीं।

बुधवार, 30 मार्च 2022

हैलो… मैं एसएनसीयू से बोल रहा हूं, आप का बच्चा स्वस्थ है?

इलाज ही नहीं अभिभावक की भी भूमिका निभा रहा एनएनसीयू 

डिस्जार्च होकर घर पहुंचने के बाद भी लिया जाता है शिशु का हाल 

बच्चे के सम्पूर्ण विकास पर एक वर्ष तक रखी जाती है नजर 

वाराणसी 30 मार्च(dil India live ). हैलो मैं एसएनसीयू (सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट) से बोल रहा हूं। आप का बच्चा स्वस्थ है न, जरूरत हो तो बताइएगा, हम आपकी सेवा में हर पल तत्पर हैं। बच्चे के स्वास्थ का ख्याल रखिएगा....और हमें भी अवगत कराते रहिएगा । गौराकला-चिरईगांव निवासी राज मिश्र के मोबाइल पर जब यह कॉल आयी तो उन्हें एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ कि डिस्चार्ज होकर घर पहुंचने के बाद भी अस्पताल वाले उनके लाडले का इस तरह से भी ख्याल रखेंगे। 

   राज मिश्र बताते हैं कि जन्म के समय काफी कम वजन का होने के कारण उन्होंने अपने बेटे को राजकीय महिला जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया था। लगभग एक माह तक चले उपचार के बाद स्वस्थ हो जाने पर बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। घर पहुंचने के दूसरे रोज ही एसएनसीयू से आये कॉल से एक बारगी तो उन्हें घबराहट हुर्इ पर वास्तविकता  का पता चलने पर उन्होंने अस्पताल कर्मियों के इस व्यवहार को सराहते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। 

           एसएनसीयू प्रभारी एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मृदुला मल्लिक बताती हैं कि दरअसल एसएनसीयू से डिसचार्ज होने वाले प्रत्येक शिशु के स्वास्थ्य और उसके विकास पर पूरे एक वर्ष तक नजर रखना और जरुरत के अनुसार चिकित्सकीय सलाह देना भी हमारी जिम्मेदारियों का एक हिस्सा है। इसके तहत ही एसएनसीयू से शिशु के अभिभावको को कॉल कर बच्चे की सेहत के बारे में पूछताछ की जाती है। इतना ही नहीं शिशु को एसएनसीयू में बुलवाकर उसके स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया जाता है। 

           एसएनसीयू और अभिभावकों के बीच एक सेतु का काम करने वाले डेटा आपरेटर (डीओ) अजीत कुमार मिश्र बताते है जब कोई शिशु ठीक होकर घर जाने लगता है तब उसके अभिभावकों का पूरा विवरण हम दर्ज कर लेते हैं। शिशु के घर पहुंचने के ठीक दूसरे दिन हम उसके अभिभावक को फोन कर उनसे बच्चे की स्थिति की जानकारी लेते है। साथ ही उन्हें सलाह देते हैं कि वह अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम अथवा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अथवा नजदीकी स्वास्थ्य केन्द् के सम्पर्क में रहकर बच्चे की स्थिति से उन्हें अवगत कराते रहे। उसी रोज पुनः शाम को फोन कर यह जानते हैं कि उन्होंने उन लोगों से सम्पर्क किया या नहीं। पुनः यह प्रक्रिया तीसरे, सातवें, चौदहवें के साथ ही 21वें व 28वें रोज की जाती है। साथ ही इसका पूरा विवरण दर्ज किया जाता है। इस दौरान अगर यह पता चल जाता है कि शिशु की हालत ठीक नहीं है तो उसे एसएनसीयू में बुलवाकर जरूरत के अनुसार उसका उपचार किया जाता है। इतना ही नहीं डिसचार्ज होकर घर जाने के बाद प्रत्येक शिशु को एक वर्ष के भीतर कुल पांच बार एसएनसीयू में बुलवाकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इस दौरान यह देखा जाता है कि बच्चे का विकास सामान्य रूप से हो रहा है या नहीं। अजीत मिश्र बताते हैं कि इस तरह एक वर्ष के भीतर हम प्रत्येक बच्चे से कुल 12 बार सम्पर्क में रहकर उसके स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखते हैं। वह बताते है कि वर्ष 2020 में डिसचार्ज होने वाले शिशुओं में 399 के सम्पर्क में हम पूरे वर्ष रहे। इसी तरह वर्ष 2021 में डिसचार्ज हुए 580 शिशुओं में 440 बच्चों से बराबर सम्पर्क बनाये रखा। इस वर्ष अब तक 94 बच्चे यहां से डिसचार्ज हो चुके है जिनमें 43 से सम्पर्क बनाया जा चुका है।

मंगलवार, 29 मार्च 2022

इस कांग्रेसी के जाने से सभी हैं दुखी

365 दिन कांग्रेस का झंडा ढोने वाले गुलाब नहीं रहे


वाराणसी २९ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। कांग्रेस के ईमानदार सक्रिय कार्यकर्ता निस्वार्थ वाराणसी की सड़कों पर धोती कुर्ता नंगे पैर कांग्रेस का झंडा लहराने  वाले 70 वर्षीय  मंडुआडीह निवासी गुलाब सोनकर का आज निधन हो गया। उनके निधन पर महानगर कांग्रेस के उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, कांग्रेसी विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह, विनय शादेजा, आशीष पाठक सहित कांग्रेस जन ने गहरा दुःख प्रकट किया।

हसन मेहंदी कब्बन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों पूर्व गुलाब प्रियंका जी से मिलने कांग्रेस मुख्यालय लखनऊ पहुंचे थे।प्रियंका जी ने जब इस कार्यकर्ता गुलाब सोनकर के आने की खबर सुनी स्वयं तो स्वयं मीटिंग छोड़कर मीटिंग हॉल से बाहर आकर गुलाब सोनकर से मिली थी। इस दौरान काफी देर तक उन्होंने बातचीत भी की और उनके साथ फोटो सेशन भी कराया।

सोमवार, 28 मार्च 2022

तीसरी लहर के मद्देनजर पीकू वार्ड का हुआ मॉकड्रिल



ग़ाज़ीपुर, 28 मार्च (dil India live ). कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर जो बच्चों पर ज्यादा अपना प्रभाव डालेगा। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जनपद के कई स्वास्थ्य केंद्रों पर पीकू वार्ड का निर्माण कर लिया गया है। यह मौजूदा समय में कितना इफेक्टिव है इसकी निगरानी करने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहमदाबाद पहुचे। इस दौरान पीकू वार्ड का माक ड्रिल भी किया गया।  यदि संभावित लहर का आगमन हो जाए तो इसके लिए यहां के स्वास्थ्य विभाग और उसम कार्यरत कर्मचारी कितना एक्टिव है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदबाद पर बनाए गए पीकू वॉर्ड का मॉक ड्रिल और निरीक्षण किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र में बनाए गए पीकू वार्ड की स्थिति और उसमें ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारी पूर्ण रूप से ट्रेनिंग लेकर अपने कार्यों के प्रति सचेत दिखाई दिए।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मबाद के अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि पीकू वार्ड का माँक ड्रिल किया गया। जिसमे तैयारियों पर चर्चा , औषधियों की उपलब्धता के साथ-साथ ऑक्सीजन व्यवस्था व कंसंट्रेटर को चालु कर उनकी स्थितियों को पोर्टल पर अपडेट करते हुऐ फूल रिहर्सल किया गया।  मरीजों को दिऐ जाने वाले समस्त सुविधाओं का आकलन करते हुऐ मरीज तथा उनके परिजनों हेतु  दी जाने वाली सुविधा , बायो बेस्ट, रेफरल इंन एवं आउट इत्यादि सुविधाओं को प्रोटोकॉल अनुसार देखा गया। इसके अलावा बाई पेप एवं अन्य जीवन रक्षक उपकरणों का लाईव डिमांस्ट्रेशन किया गया। चेक लिस्ट के अनुसार सभी उपलब्ध सुविधाओं को पोर्टल पर अपडेट किया गया। इस दोराब डा. तौसीफ अहमद, संजीव कुमार ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक, विक्रम देव दयाल फार्मासिस्ट, कृष्ण कुमार सिंह बीडीए के साथ टिम के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।

गुरुवार, 24 मार्च 2022

मौलाना एजाज का जाना, रुला गया सबको



वाराणसी २४ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। ख़तीबे अहले बैत मौलाना एजाज हसनैन गदीरी ( करेली इलाहबाद) ने एक लम्बी बीमारी के बाद जामिया हॉस्पिटल में अन्तिम सास ली। मौलाना की मौत की खबर से पूरी शिया कौम गम के माहौल में डूब गई  आपका जनाजा आज जववादिया कालेज से दरगाह-ए फातमान लल्लापुरा में हज़ारो की संख्या मे लोगों ने  सुपुर्द खाक किया । शिया कौम के बेहतरीन आलिम के चले जाने से पूरी कौम को एक बड़ा नूकसान हुआ। जनाजे में आएतुल्लाह मौलाना सैयद शमिमुल हसन साहब, मौलाना ज़मीर हसन, नदीम असगर, मौलाना वसीम, मौलाना तहजीब, इममे जुमा मौलाना सय्यद  जफ़र हुसैनी, मौलाना सैयद मोहम्मद अक़ील हुसैनी, अमीन हसन, सै फ़िरोज़ हुसैन, सै अब्बास रिज़वी शफ़क, सै एजाज़ हुसैन ( बाक़री), शराफत हुसैन, सैयद फरमान हैदर, डॉ एस एम जाफ़र, लेयाकत अली, मौजूद थे।

बुधवार, 23 मार्च 2022

पापा घर से निकले पर वापस नहीं लौटे....

कुछ पता नहीं चल रहा, कुछ जानकारी मिले तो बताये
वाराणसी २३ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। मेरे पिताजी श्री राम शिव मूर्ति यादव (सेवानिवृत्त स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी), उम्र 79 वर्ष, आज 23 मार्च, 2022 को तहबरपुर निज आवास (थाना-तहबरपुर, जिला-आज़मगढ़) से 11:30 बजे टीकापुर पोस्ट ऑफिस जाने के लिए कहकर पैदल निकले लेकिन अभी तक वापस आवास पर नहीं पहुँचे। टीकापुर पोस्ट ऑफिस भी नहीं पहुंचे। कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने उन्हें पैदल ही निजामाबाद की तरफ जाते देखा गया। पर रास्ते में  सोफीपुर बैंक, निज़ामाबाद डाकघर इत्यादि भी नहीं पहुंचे। पिताजी को हाल के दिनों में भूलने की भी बीमारी है। हमारे स्थानीय परिजनों व मित्रों ने तहबरपुर, टीकापुर, सोफीपुर, निजामाबाद, फरिहा इत्यादि जगहों पर उन्हें ढूंढा, पर उनका कुछ भी पता नहीं चला। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों व स्थानीय पुलिस अधिकारियों को भी इस संबंध में सूचित किया जा चुका है और वे भी पिताजी को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। पिताजी मोबाइल घर पर ही छोड़ गये हैं। दुबले-पतले, लंबे और कुर्ता-पायजामा पहने हैं।

आप सभी से (विशेषकर आज़मगढ़, जौनपुर के लोगों से) अनुरोध है कृपया आप भी अपने आस-पास पिताजी को ढूंढने के प्रयास करें और यदि कोई भी सूचना मिलती है तो मुझे तत्काल मोबाइल नम्बर 9413666599 पर देने का कष्ट करें।

सधन्यवाद,

कृष्ण कुमार यादव, IPoS (2001 बैच), पोस्ट मास्टर जनरल

वाराणसी परिक्षेत्र, वाराणसी, ने जैसा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।

कारागारों में निरुद्ध बन्दियों की परिजनों से मुलाकात के जानिए नये नियम

कोविड-19 के चलते लगाई गई रोक पुनः बहाल

मुलाक़ात को आने वाले परिजनों को अब लगाना होगा फेस मास्क

  •  बन्दियों से मिलने आने वाले व्यक्ति को दोनों कोरोना टीका लगा होने का दिखाना होगा प्रमाण-पत्र 

  • मुलाकात से 72 घण्टे पहले का आर.टी.पी.सी.आर. कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए अनिवार्य


वाराणसी २३ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की कारागारों में निरुद्ध बन्दियों की उनके परिजनों से मुलाकात पर लगाई गयी रोक को शासन द्वारा पुनः बहाल कर दिया गया है।

      इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला कारागार अधीक्षक ए.के. सक्सेना ने बताया कि कारागार में निरुद्ध बन्दियों की उनके परिजनों से मुलाकात कराये जाने की स्वीकृति शासन द्वारा शर्तों के अधीन दिया गया हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक बन्दी की एक सप्ताह में एक ही व्यक्ति से मुलाकात कराई जायेगी। मुलाकात हेतु आने वाले परिजनों को फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। बन्दियों से मिलने आने वाले व्यक्ति को दोनों कोरोना टीका लगा होने का प्रमाण-पत्र या उनके पास मुलाकात से 72 घण्टे पहले का आर.टी.पी.सी. आर. कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगा।


सोमवार, 21 मार्च 2022

भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की मनाई गई 106 वी जयंती

बिस्मिल्लाह खां की जयंती पर दरगाह-ए-फातमान पर चढ़े अकीदत के फूल 

वाराणसी 21 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। दरगाह-ए-फातमान में सोमवार को शहनाई सम्राट भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 106 वी जयंती मनाई गई। इस मौक़े पर मौजूद उस्ताद के अजीजों, कद्रदानो ने उनकी मजार पर अकीदत के फूल चढ़ाएं और दुआ मांगी। इसके पूर्व उनके मकबरे पर फातिहा पढ़कर लोगों ने रब से मगफिरत की दुआएं मांगी।

कार्यक्रम संयोजक शकील अहमद जादूगर व अब्बास मुर्तजा शम्सी ने कहा कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खां गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक व भारत के सच्चे सपूत थे। इतने महान कलाकार होते हुए भी उन्होंने हमेशा फकीरी की जिंदगी गुजारी। बिस्मिल्ला खां का जन्म पैगम्बर खां और मिट्ठन बाई के यहां बिहार के डुमरांव में हुआ था। वह भारत मां के सच्चे सपूत थे। जंयती समरोह के मौके पर उस्ताद की बड़ी बेटी जरीना फातिमा, नतनी कहकशां, पोते परवेज हसन के अलावा आफाक हैदर, जावेद व गाजी अब्बास समेत अन्य कद्रदान मौजूद रहे।

उस्‍ताद बिस्मिल्‍लाह खां का जन्‍म 21 मार्च को बिहार के डुमरांव में एक पारंपरिक मुस्लिम परिवार में हुआ था। हालांकि, उनके जन्‍म के वर्ष के बारे में मतभेद है। कुछ लोगों का मानना है कि उनका जन्‍म 1913 में हुआ था और कुछ 1916 मानते हैं। उनका नाम कमरुद्दीन खान था। वे ईद मनाने मामू के घर बनारस गए थे और उसी के बाद बनारस उनकी कर्मस्थली बन गई। उनके मामू और गुरु अली बख्श साहब बालाजी मंदिर में शहनाई बजाते थे और वहीं रियाज भी करते थे। यहीं पर उन्‍होंने बिस्मिल्‍लाह खां को शहनाई सिखानी शुरू की थी।

उस्ताद से शहनाई, शहनाई से उस्ताद

कहा जाता है शहनाई और उस्ताद एक दूसरे के पूरक थे। करीब 70 साल तक बिस्मिल्लाह साहब अपनी शहनाई के साथ संगीत की दुनिया पर राज करते रहे। आजादी के दिन लाल किले से और पहले गणतंत्र दिवस पर शहनाई बजाने से लेकर उन्होंने हर बड़ी महफिल में तान छेड़ी। उन्होंने एक हिंदी फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ में भी शहनाई बजाई, लेकिन उन्हें फिल्म का माहौल पसंद नहीं आया। बाद में एक कन्नड़ फिल्म में भी शहनाई बजाई। ज्यादातर बनारसियों की तरह वे इसी शहर में आखिरी सांस लेना चाहते थे। 17 अगस्त 2006 को वे बीमार पड़े। उन्हें वाराणसी के हेरिटेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। वे 21 अगस्त को दुनिया से रुखसत हो गए।

नींव की ईट........


मस्जिद अंबर की तामीर में सौहार्द की नज़ीर "हिंदू ईट"

लखनऊ २१ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। लखनऊ में अंबर मस्जिद में अब महिलाओं के लिए अलग मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें नीव की एक ईट रखने   का मुझे भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। निश्चित रूप से बचपन से मेरे मन में ही नहीं आपके मन में भी यह विचार आता होगा कि यदि मस्जिदों में मुस्लिम पुरुष इबादत कर सकते हैं तो महिलाएं क्यों नहीं???? पर इसका जवाब आज तक नहीं मिला। एक दिन अचानक ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMWPLB) की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर जी द्वारा महिलाओं के नमाज हेतु मस्जिद में स्थान बनाने की चर्चा हुई और इस कार्यक्रम में 2 फ़रवरी 2022 मुझे आमंत्रित किया। निश्चित रूप से किसी मुस्लिम इबादत गाह में यह मेरा पहला कदम था।  नीव की ईट का सहयोग देना भगत सिंह अमर रहे ,विवेकानंद की जय हो ,इत्यादि के नारों के साथ वाकई रोमांचकारी अनुभव सिद्ध हुआ। 

         भारत देश विविधताओं का देश है यदि यहां मंदिर के घंटों से सुबह की शुरुआत होती है तो अजान की गुहार को हम नकार नहीं सकते। आज हिंदू मुस्लिम नफरत के हर संभव प्रयास के बीच हिंदू मुस्लिम एकता का एक छोटा सा उदाहरण बनी नीव की ईट।

           बता दें अंबर मस्जिद की स्थापना 1997 में शाइस्ता अंबर ने की थी. शाइस्ता जी ने बताया की अब तक महिलाओं को छत के नीचे और परिसर में टेंट के पीछे अस्थायी व्यवस्था पर नमाज पढ़नी पड़ती थी जिससे महिला नमाजियों को धूप और बरसात में काफी दिक्कतें आती थी। महिलाओं के लिए प्रस्तावित अलग हॉल एक मंजिला संरचना है, जिसे 3 लाख रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा। इस ऐतिहासिक निर्माण में आप भी आर्थिक सहयोगी  बन सकते हैं ।

               निर्माण कार्य जोरों पर है उम्मीद है कि रमजान तक, जो अप्रैल में है,  महिलाओं के लिए एक उचित हॉल होगा जहां वे न केवल नमाज अदा करेंगे बल्कि तरावीह, हदीस, उपदेश, जुमा खुतबा और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगी। महिला सशक्तिकरण की बात करना तो आसान है पर उनके लिए हक और अधिकार दिलाने की जद्दोजहद में कुछ करके दिखा देना शायद इसी को कहते हैं।


                     आमतौर पर शिया और सुन्नी मसलक के लोग अलग-अलग मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं, लेकिन पीजीआई के पास स्थित अंबर मस्जिद में ऐसी कोई बंदिश या अलगाव नहीं है और अब महिलाएं भी नमाज पढ़ने की अधिकारी बनेगी।  यहां शिया-सुन्नी एकता के पीछे  महिलाओं का बड़ा योगदान है।

                पीजीआई ट्रॉमा सेंटर के पास स्थित अंबर मस्जिद का निर्माण साल 1997 में हुआ। मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर बताती हैं कि मस्जिद बनवाने के लिए उन्होंने जेवर बेचकर जमीन खरीदी। इस मस्जिद के मेन गेट पर संगमरमर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है कि यहां सभी मसलक के लोग नमाज पढ़ें, इस्तकबाल है। आज यहां सवा सौ से ज्यादा शिया-सुन्नी रोजेदार नमाज पढ़कर एक साथ रोजा खोलते हैं।

            शाइस्ता जी ने दोनों मसलक के लोगों के लिए इस शर्त पर मस्जिद की तामीर करवाई कि वे एक साथ यहां अल्लाह की इबादत करेंगे। अंबर मस्जिद का उद्‌घाटन 2 फरवरी, 1997 को मौलाना अली मियां ने किया था। शाइस्ता जी के मुताबिक, सौर ऊर्जा के पैनल से लैस इस मस्जिद में मिलाद शरीफ के साथ शोहदा-ए-कर्बला का भी जिक्र होता है। मस्जिद के कैंपस में 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडारोहण भी होता है। 

           सामाजिक समरसता का उदाहरण प्रस्तुत करती है मस्जिद जहां रामनामी दुपट्टा, रुद्राक्ष की माला, गुरु ग्रंथ साहब , आचार्य शर्मा जी द्वारा रचित शांतिकुंज की महत्वपूर्ण पुस्तकें वा लेख के साथ-साथ बाइबल की उपलब्धता सभी धर्मों के सम्मान क जीता जाता उदाहरण प्रस्तुत करती है।

             निश्चित रूप से मस्जिद के अंदर पहला कदम रखने का यह मेरा पहला अनुभव यादगार रहा इबादत आप किसी भी धर्म की करिए पर सम्मान सभी धर्मों का हो यह भारत की सहिष्णुता सभ्यता और संस्कार को बनाए रखने के लिए बहुत ही जरूरी है।

“ कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा।। यूनान-ओ- मिस्र-ओ- रोमा, सब मिट गए जहाँ से । ..

......... महिलाओं के हक अधिकार के लिए लड़ती एक महिला निश्चित रूप से हम सभी के स्नेह और श्रद्धा का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करती शाइस्ता अंबर चाहे तीन तलाक जैसे कुरीति को खत्म करने की लड़ाई हो या महिलाओं के लिए पूजा स्थानों में जगह दिलाने की बात पूरी मुस्तैदी से अपने कर्तव्य में लगी है निश्चित रूप से यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है इस ऐतिहासिक जद्दोजहद में मुझे मेरे नाम की नीव की ईट रखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।


(जैसा कि सामाजिक दर्पण की अगुआ, रीना त्रिपाठी, ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया)

रविवार, 20 मार्च 2022

पोलियो खुराक देने के लिए घर-घर पहुंचेगी टीम

सघन पल्स पोलियो अभियान शुरू

  • अपर निदेशक (स्वास्थ्य) ने किया शुभारंभ
  • पहले दिन आयोजित हुये 1800 ‘बूथ दिवस’ 
  • जिले के 2.80  लाख बच्चों को दी पोलियो की खुराक 



वाराणसी 20 मार्च (dil India live )। सघन पल्स पोलियो अभियान रविवार को शुरू हो गया है। अभियान के पहले दिन ‘बूथ दिवस’ का आयोजन कर जिले के 2.80 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो की खुराक दी गयी। सोमवार से टीमें घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायेंगी।

सघन पल्स पोलियो अभियान का उद्घाटन कबीरचौरा स्थित जिला महिला चिकित्सालय में वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) डॉ शशिकांत उपाध्याय ने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी को एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाना है, ताकि हमारे नौनिहाल पोलियो की बीमारी का कभी शिकार न हो सकें। इसके लिए अभियान में लगे स्वास्थ्यकर्मी व अन्य विभागों के अलावा सामाजिक संगठनों के साथ हर नागरिक को इस बात का ध्यान रखना होगा कि पोलियो की खुराक लेने में शून्य से पाँच वर्ष तक का कोई बच्चा छूटने न पाये। उन्होंने कहा कि यदि घर में या आस-पड़ोस में पांच वर्ष तक का बच्चा है तो नजदीकी पोलियो बूथ पर ले जाकर उसे पोलियो की खुराक पिलाएँ जिससे उसे इस बीमारी से प्रतिरक्षित किया जा सके।

  जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वी. एस. राय ने कहा कि रविवार से शुरू हुआ यह अभियान शुक्रवार तक चलेगा। उन्होंने बताया कि अभियान के पहले दिन रविवार को ‘बूथ दिवस’ का आयोजन किया गया। इसके तहत जिले के ग्रामीण व नगरीय इलाकों में कुल 1800 बूथ बनाये गये जहां पाँच वर्ष तक के 2.80 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई। डॉ राय ने बताया कि सोमवार से टीमें घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएंगी। इसके लिए जिले में 1265 टीमों का गठन कर लिया गया है। सोमवार से यह टीमें निर्धारित क्षेत्र के सभी घरों में जायेंगी और वहां पाँच वर्ष के छूटे हुए बच्चों की जानकारी लेकर उसे पोलियो की खुराक देंगी। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी टीमों की तैनाती की जा रही है जो बच्चों को पोलियो की खुराक देंगी। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्य, जिला महिला चिकित्सालय के एसआईसी डा. एके श्रीवास्तव, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. सुरेश सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक डा. एके पाण्डेय, डब्ल्यूएचओ के डा. जयशीलन, डा. सतरूपा, यूनीसेफ के डा. शाहिद अख्तर के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में भी हुई शुरुआत -

 आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के ठठरा गाँव में मौलाना खलील हाफिज ने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर पोलियो बूथ दिवस का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होने समुदाय से अपील की कि अपने पाँच साल तक के बच्चों को दो बूंद पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएँ और उन्हें पोलियो बीमारी से बचाएं। इस मौके पर एएनएम शांति राय, आशा कार्यकर्ता खुशनुमा व विनोद कुमार उपस्थित थे। इसके साथ सेवापुरी के ही प्राथमिक विद्यालय भीषमपुर पर पोलियो बूथ दिवस का उदघाटन प्रधान संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने किया। इस मौके पर बीपीएम अनूप कुमार मिश्रा, पोलियो सुपरवाजर, एएनएम, अध्यापक, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे। इसके अलावा चिरईगांव ब्लॉक के सियो गाँव में ग्राम प्रधान सविता देवी ने पोलियो बूथ दिवस का शुभारंभ किया। इस मौके पर यूनीसेफ के डॉ शाहिद, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

5.49 लाख बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने का लक्ष्य

25 मार्च तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान

हिमांशु राय

ग़ाज़ीपुर,20 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। पल्स पोलियो अभियान जो रविवार 20 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक पूरे जनपद में एक वृहद अभियान के रूप में चलाया जाएगा। इस अभियान का शुभारंभ नगरीय स्वास्थ्य केंद्र हाथीखाना पर प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के वर्मा के द्वारा 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों को जिंदगी के दो बूद की खुराक देकर शुभारंभ किया गया। 25 मार्च तक चलने वाले इस अभियान के लिए जनपद में 5.49 लाख बच्चों को टारगेट किया गया है। जिन्हें पल्स पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।


प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के वर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम 0 से 5 साल तक के बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस खुराक के पीने से बच्चों को पोलियो व अन्य बीमारियों से आसानी से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बार इजराइल में एक केस मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन एक बार फिर से पूरे जोशो खरोश के साथ पल्स पोलियो कार्यक्रम के माध्यम से पोलियो को जड़ से खत्म करने का ठाना है।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते लगातार दो साल से पल्स पोलियो कार्यक्रम स्थगित रहा। ऐसे में शासन के निर्णय के अनुसार रविवार से जनपद में टारगेट 5.49 लाख बच्चों को पल्स पोलियो के तहत जिंदगी के दो बूद देने का कार्यक्रम शुरू किया गया है । जो आज जनपद के 2009 बूथ के माध्यम से कार्यक्रम चलाया जाएगा। साथ ही सोमवार से शुक्रवार तक घर घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी वही छूटे हुए बच्चों को 28 मार्च को स्पेशल कार्यक्रम के तहत पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। डब्ल्यूएचओ के एसएमओ विनय शंकर दूबे ने बताया पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है जो वायरस से होती है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है। उन्होने बताया 2014 से अभी तक भारत में पोलियो के एक भी रोगी नहीं देखे गए लेकिन सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष कम से कम 4 बार पोलियो अभियान चलाया जाता है। यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म के समय, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में दी जाती है इसके बाद 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जाती है। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोका जा सकता है। 

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि इस चरण के लिए  जन्म से पाँच वर्ष तक के 5.49 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस चरण के लिए जिले भर में 2009 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 64 मोबाइल टीम भी बनाई गई है जिसके माध्यम से बूथ स्तर पर पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही अभियान के 948 टीमें बनाए गए हैं जो 21 मार्च से तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। साथ ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 85 टीम ने बनाई गई हैं। पल्स पोलियो के कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ती इसमें अपना सहयोग करेंगी।

कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के एसएमओ विनय शंकर दुबे, डीपीएम प्रभुनाथ, डॉ ईशानी वर्धन, अर्बन आशा निर्मला देवी ,प्रवीण उपाध्याय और अर्बन क्वाडीनेटर अशोक कुमार ,अभय कुमार, वरिष्ठ सहायक अमित राय के साथ व्यापार मंडल के विजय शंकर वर्मा और सरदार दर्शन सिंह भी मौजूद रहे।

शनिवार, 19 मार्च 2022

खुद को क्यो दरोगा ने मारी गोली

काफूर हो गई दरोगा के घर वालों कि होली कि खुशियां

गोरखपुर के तिवारीपुर थाने की घटना


गोरखपुर १९ (दिल इंडिया लाइव)। गोरखपुर में एक दरोगा के परिवार की होली खराब हो गई। जब पूरा जिला होली की खुशियां मनाते हुए एक दूसरे को रंगों से सराबोर कर रहा था तो दूसरी तरफ गोरखपुर के तिवारीपुर थाने में तैनात दरोगा हरेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार की सुबह अपने आवास में गोली मारकर खुदकुशी कर ली। गोली चलने की आवाज सुनकर पहुंचे पुलिसकर्मी और थानेदार जमीन पर खून से लथपथ पड़े दरोगा को बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। 2017 बैच के दारोगा 30 वर्षीय हरेंद्र प्रताप सिंह अयोध्या जिले के रहने वाले थे। एक साल से उनकी तैनाती तिवारीपुर थाने में बतौर सेकेंड अफसर थी। हरेंद्र थाना परिसर में स्थित सरकारी आवास में ही रहते थे।

शनिवार की सुबह 6 बजे बजे थाने में तैनात पुलिसकर्मी घंटाघर से निकलने वाली भगवान नृसिंह की शोभायात्रा में ड्यूटी करने के लिए निकल रहे थे। इसी दौरान सरकारी आवास की तरफ गोली चलने की आवाज सुनाई दी। सिपाहियों के साथ थानेदार राजेन्द्र प्रताप सिंह पहुंचे तो दरोगा हरेंद्र प्रताप सिंह अपने आवास में फर्श पर खून से लथपथ पड़े थे। कमरे में ही उनकी सरकारी पिस्टल पड़ी थी। सरकारी जीप से ही अचेतावस्था में हरेंद्र को थानेदार राजेंद्र प्रताप सिंह बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी होते ही एसएसपी डॉ. विपिन ताडा, एसपी सिटी सोनम कुमार फोर्स के साथ मेडिकल कालेज पहुंच गए और थानेदार से घटना की जानकारी ली। प्रभारी निरीक्षक तिवारीपुर राजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दरोग़ा को गोली कैसे लगी इसकी जांच चल रही है।

हरेंद्र प्रताप सिंह के दाएं कनपटी के पास लगी गोली पार हो गई है। जिसकी वजह से हरेंद्र के खुदकुशी करने की बात कही जा रही है। जिस कमरे में घटना हुई है उसे सील कर दिया गया है। फोरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है। थाने में तैनात पुलिसकर्मी चर्चा कर रहे थे कि पारिवारिक विवाद में दरोगा ने खुद को गोली मारी है। पिछले कई दिनों से हरेंद्र परेशान चल रहे थे।

शबे बरात की इबादत संग रखा नफिल रोज़ा

कई जगहों पर इज्तेमा, पूरी रात मोमिनीन ने की इबादत




वाराणसी १९ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। शब-ए-बारात पर पूरी रात जागकर मोमिनीन ने इबादत की व अलसहर सहरी खाकर नफिल रोज़ा रखा। इससे पहले अकीदतमंद दिन भर शबे बरात की तैयारियों में जुटे रहे। मस्जिदों व कब्रिस्तानों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई। शाम होते ही हर तरफ मस्जिदों व कब्रिस्तान विद्युतीय रोशनी से जगमगा उठा। अकीदतमंदों ने रात भर इबादत कर रब से अपने अज़ीज़ो व पुरखों के लिए मगफिरत की दुआएं मांगी।

वाराणसी में दावते इस्लामी की ओर से विभिन्न मस्जिदों व मदरसों में इज्तेमा का एहतमाम किया गया था, जिसमें पूरी रात जहां नबी की सुन्नतों पर उलेमा ने रोशनी डाली वहीं शबे बरात की खास नमाज़े अदा की गई। इबादत का दौर शाम से पूरी रात भर चला। दावते इस्लामी से जुड़े डॉ साजिद ने बताया कि हिजरी कैलेंडर के आठवें महीने की 15 वीं रात को अकीदतमंदों ने रात भर इबादत में गुजारा। रात की इबादत को देखते हुए मस्जिदों व कब्रिस्तानों में रौशनी किया गया था। शाम होते ही इबादतगुजार की संख्या बढ़ने लगी। इशा की नमाज के बाद से शुरू हुई इबादत सुबह नमाज के बाद खत्म हुई। इस दौरान अकीदतमंदों ने नमाज, नवफिल, कुरान पाक की तिलावत, तसबीह के साथ अन्य इबादत किया। इबादत व मगफिरत की इस रात में इबादत कर लोगों ने अपनी व अपने अज़ीज़ो, वालिदैन के लिए मगफिरत की दुआएं की। इस दौरान जहन्नुम से निजात के साथ जन्नत की रब से दुआ मांगी। उलेमाओं का कहना है कि इस रात अल्लाह पाक हर दुआ को कुबुल कर लेता है। हर इंसान की गुनाहों को माफ़ कर देता है।

अकीदतमंदों ने बनाया विशेष पकवान

शब-ए-बारात के मौके पर लोगों ने घरों में पकवान बनाया। घरों में महिलाओं ने चने, सूजी व अन्य प्रकार का हलवा बनाया। इस विशेष पकवान को लोगों ने फातेहा के बाद एक दूसरे को बतौर तबर्रुक खिलाया। शबे बरात पर लोगों ने शाम के समय गरीबों को खाना खिलाया, सदाका निकला, दिल खोल कर खैरात दिया। 

मजारों व कबिगस्तानों पर भीड़

शब-ए-बारात के मौके पर मजारों व कब्रिस्तान को झालरों से सजाया गया था। कब्रिस्तान की सजावट किया गया था। इस दौरान अकीदतमंदों ने कब्रिस्तान व मजार पर पहुंचकर फतिहा पढ़ीं।

15 दिन बाद शुरू होगा माह-ए-रमजान

जौनपुर के मौलाना करामत अली ने बताया कि शब-ए-बारात, माह-ए-रमजान आने की खबर करता है। शब-ए-बारात के 15 दिन बाद मुसलमानों के लिए मुकद्दस महीना माह-ए-रमाजान शुरू होगा। उन्होंने बताया कि रमजान चांद पर आधारित है। यही कारण है कि रमजान कब से है कुछ कहा नहीं जा सकता। हां तीन अप्रैल से रमजान सम्भावित है। 

शुक्रवार, 18 मार्च 2022

आज लोकतांत्रिक मूल्य कटघरे में खड़े हैं : राजेश चौबे

संवैधानिक मूल्यों को लागू करना सरकारों की पहली प्राथमिकता  हो: रामनाथ 



रॉबर्ट्सगंज १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)।जिस समतामूलक समाज का सपना आजादी के आंदोलन के दौरान परवान चढ़ा था आज वह बर्बाद हो रहा है। मुल्क नफरत, गैर बराबरी और कारपोरेट फासीवाद की आग में झुलस रहा है, यदि समय रहते  स्वतन्त्रता, समता,बंधुता और इंसाफ पर आधारित संवैधानिक मूल्यों के लिए संघर्ष नहीं किया जाएगा तो हमारी बसुधैव कुटुम्बकम की विरासत खतरे में पड़ जाएगी। आज जरूरत है कि संविधान की प्रस्तावना को आत्मसात कर उसे सुदूर ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए ,जिससे जन मानस को न सिर्फ संवैधानिक मूल्यों की जानकारी हासिल हो बल्कि इन मूल्यों पर आधारित समाज निर्मित करने में भी आसानी हो।उक्त बातें राबेर्टसगंज के डिजायर सभागार में राइज एंड एक्ट प्रोग्राम के तहत आयोजित राष्ट्रीय एकता,शांति एवं न्याय विषयक सम्मेलन में वक्ताओं ने कही।

  मुख्य वक्ता रामनाथ शिवेंद्र ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की आत्मा है इसे बचाये रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।आज प्रतिगामी ताकते न केवल संवैधानिक मूल्यों को चुनौती दे रही है बल्कि सदियों से स्थापित विश्व में हमारी पहचान के लिए भी खतरा पैदा कर रही हैं।धार्मिक पहचान को महत्व दिए जाने से विभिन्न समाजों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होगी। यह भारत जैसे विविधता वाले मुल्क के लिए ठीक नहीं है इससे सावधान रहने की जरूरत है।

        वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राजेश चौबे ने कहा कि सदियों से भारतीय समाज मेल-जोल से रहने का हामी रहा है। हमने पूरी दुनिया को सिखाया है कि विभिन्नता हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है।आज दुनियां भर में राजनीति के आयाम बदले हैं और लोकतांत्रिक मूल्य कटघरे में खड़े हैं। हमारा मुल्क भी इससे प्रभावित हुआ है।बावजूद इसके यह सोच लेना कि सभी  सरकार की सोच के साथ है ठीक नहीं है।हमारी एक बड़ी जमात आज भी मौजूद खतरों के बीच जनता और मुल्क के सवालों को उठा रही है।

      रामजनम कुशवाहा ने कहा कि हमारी कोशिश छोटी है पर समाप्त नही हुई है।हम सरकार से तब तक लड़ते रहेंगे जब तक   एक बेहतर समाज का निर्माण न हो जाये।हमारी कोशिश को सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखा जा सकता है।

             काशी हिंदू विश्वविद्यालय की शोध छात्रा अर्शिया खान ने कहा की आज   सियासत लोगों को जोड़ने की जगह बांटनें का काम कर रही है।हम एक ऐसे भारत की ओर बढ़ रहे है जो नफरती उन्माद से परिपूर्ण है जब कि भारतीय समाज और राष्ट्र  प्रेम और अहिंसा पर आधारित रहा है।उन्होंने कहा कि आज बिना किसी अपराध के आदिवासियों को जेलों में डाल दिया जा रहा है जबकि बड़े बड़े घपले घोटाले करने वालों को तमाम छूट मिली हुई है।आज सियासत हमे तोड़ रही है जोड़ नहीं रही है।हमें सोचना पड़ेगा की वे कौन लोग हैं जो इस साझी विरासत के खिलाफ हैं।

      नाहिदा आरिफ ने कहा कि आजादी के आंदोलन और उससे भी सैकड़ों साल पहले से भारत साझी विरासत और मेल जोल की परंपरा को समेटे हुए निर्मित हुआ है जिसे आज कुछ ताकतें खत्म कर देना चाहती है. हमें इनसे सावधान रहना होगा।

   द्वितीय सत्र में जिलेवार प्रतिनिधियों को समूह मे बाँट कर दलीय चर्चा द्वारा स्थानीय समस्याओं को जानने की कोशिश की गई तथा राइज एंड एक्ट कैसे समतामूलक समाज निर्माण करने में उनकी मदद कर सकता है।

  गोष्ठी को विभिन्न सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधियों रामजनम कुशवाहा,सतीश सिंह,फजलुर्रहमान अंसारी,श्रुति नागवंशी,लक्ष्मण प्रसाद,हरिश्चंद्र बिंद, रीता पटेल अयोध्या प्रसाद, कृष्ण भूषण मौर्य,रामकृत,राजेश्वर,जयप्रकाश बौद्ध, आदि ने भी सम्बोधित किया। गोष्ठी में पूर्वांचल के अनेक जिलों के लोग उपस्थित रहे।

  कार्यक्रम का विषय स्थापना डॉ मोहम्मद आरिफ, संचालन कमलेश कुमार धन्यवाद ज्ञापन अयोध्या प्रसाद और स्वागत कृष्णभूषण मौर्य ने किया।

सुबह होली का रंग जमा, शाम में शबे बरात पर शुरू हुई खास इबादत

बजता रहा होली पर डीजे, मोमिनीन अदा करते रहे शबे बरात की खास नमाज़े


वाराणसी १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। काशी में सुबह होली का रंग जमा, हिंदू भाइयों ने होली खेली तो मुस्लिम जुमे की नमाज अदा करते दिखे। शाम में शबे बरात पर खास इबादत शुरू हुई। एक तरफ होली का डीजे बज रहा था तो वहीं मुस्लिम शबे बरात की खास इबादत में मशगूल दिखें। 
शुक्रवार को काशी कुछ ऐसी ही गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करती दिखाई थी। हर तरफ सौहार्द के फूल बिखरे नज़र आएं। जैसे जैसे रात होती गई शबे बरात पर रात की खास इबादत शुरू हो गई है। मुस्लिम इबादत में मशगूल हो गए हैं। कोई फातेहा पढ़ रहा है तो कोई नफल नमाजें अदा कर रहा है। यही नहीं विरान रहने वाली कब्रिस्तानों में भी जैसे मेला लगा हो। फूल, मालों की दुकान सजी हुईं हैं। जियारत करने वाले अकीदतमंदों का हुजूम जनसैलाब की तरह उमड़ा हुआ है।

यहां हाज़िरी लगाते दिखे जायरीन

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुर, हुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंज, बहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरी, बजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तान, जक्खा कब्रिस्तान, सोनपटिया कब्रिस्तान, बेनियाबाग स्थित रहीमशाह, दरगाहे फातमान, चौकाघाट, रेवड़ीतालाब, सरैया, जलालीपुरा, राजघाट समेत बड़ी बाजार, पीलीकोठी, पठानीटोला, पिपलानी कटरा, बादशाहबाग, फुलवरिया, लोहता, बड़ागांव, रामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग पहुच कर शमां रौशन करते दिखाई दिए। इस दौरान सभी फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते दिखे।

दरअसल शबे बरात वो अज़ीम रात जिस इस रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार की इबादत में मशगुल रहते हैं। सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे। शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करेंगे। घरों में साफ़ सफाई के साथ ही रोशनी की गई है।

घरों में हुई शिरनी की फातेहा

शब बरात पर घरों में शिरनी की फातिहा मोमिनीन कराते हैं। इस दौरान ग़रीबो और मिसकीनों को खाना खिलाया जाता है। पास पड़ोस में रहने वालों को तबर्रुक तक्सीम किया जाता है।

घरो में लौटती है पुरखों की रूह

शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगा, किसकी जिंदगी खत्म होगी, किसके लिये साल कैसा होगा, पूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है, साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं। मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैं। 


पीएम मोदी के बनारस का ये है हाल

सीवर जाम से होली खेलने वाले हुए परेशान, शबे बरात पर यहीं से गुजरेंगे आज जायरीन



वाराणसी १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। होली और शबे बरात के बावजूद काली महाल, फाटक शेख़ सलीम, हंकार टोला औरंगाबाद मार्ग पर सीवर जाम होने से लोगों को भारी दुश्वारियां उठानी पड़ रही है। आलम यह है कि आज जहां हिंदू भाइयों ने इसी रास्ते से होकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होली खेली वही मुस्लिम शबे बरात पर इन्हीं रास्तों से फातेहा वह जियारत करने जाएंगे। होली और शबे बरात पर नगर निगम की तैयारी कितनी सतह पर थी, इसे कोई भी आसानी से समझ सकता है।

मंगलवार, 15 मार्च 2022

सीएमओ को मातृशोक

 वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। मख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी की मां मालती चौधरी का मंगलवार को निधन हो गया। वह लगभग 92 वर्ष की थीं। 

सीएमओ संदीप चौधरी की माता मालती चौधरी मलदहिया स्थित आवास पर उनके साथ ही रहती थीं। कल शाम उनकी हालत अचानक बिगड़ गयी। उन्हें तत्काल श्री शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। पूर्वाह्न दस बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सीएमओं की मां के निधन की जानकारी मिलते ही उनके रिश्तेदारों, शुभचिंतकों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों - कर्मचारियों में शोक व्याप्त हो गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा काफी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचे और संवेदना व्यक्त की। स्व. मालती चौधरी का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया गया। मुखाग्नि डा. संदीप चौधरी ने दी। उनकी अंतिम यात्रा में उनके रिश्तेदारों, शुभचिंतकों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के आधिकारी - कर्मचारी व काफी संख्या में गणमान्य लोग शामिल थे। मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली स्व. मालती चौधरी अपने पीछे चार पुत्र व एक पुत्री का भरापुरा परिवार छोड़ गयी हैं।

मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए की बैठक

धर्मगुरुओं ने कहा “बच्चे हमारे देश का भविष्य, इनको स्वस्थ रखना बहुत जरूरी”

विभाग को किया सुनिश्चित, बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण में करेंगे पूरा सहयोग


वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। “बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। इनको स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है और इसके लिए जरूरी है उनका नियमित टीकाकरण होता रहे। दो साल तक के बच्चों को 11 तरह की बीमारियों से बचाने के लिए जनपद में सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसे सफल बनाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। हर वंचित बच्चा टीकाकृत हो, बस आमजन को यही हमारा संदेश है”। 

उक्त विचार मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक के दौरान धर्मसमुदाय के गुरुओं की जुबान से निकले। बैठक जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीएस राय ने नेतृत्व में की गयी। इस दौरान डॉ वीएस राय ने धर्मगुरुओ एवं समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों को नियमित टीकाकरण क्यों महत्वपूर्ण है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं मिशन इंद्रधनुष अभियान में टीकाकरण से वंचित रहे दो वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती का टीकाकरण करवाने एवं इसके लाभ तथा आवश्यकता के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। अभियान के तहत जिले में आयोजित होने वाले टीकाकरण सत्र एवं स्थानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस टीकाकरण महाअभियान के तकनीकी पक्ष, वैक्सीन के प्रति संकोच, भ्रांतियां, विरोध के प्रकार, टीके के दुष्प्रभाव से जुड़े सवालों व इसके समाधान पर प्रकाश डाला।     

विभाग ने आशा जताई है कि धर्मगुरुओ एवं समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिये हर घर तक एक प्रेरणा के रूप में संदेश पहुंचेगा और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आएंगे। सभी धर्मगुरुओं ने सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान को सफल बनाने के लिए धर्मसभाओं एवं विभिन्न साधनों के जरिए प्रचार-प्रसार करवाने में पूर्ण सहयोग करने के लिए विभाग को सुनिश्चित किया। 

 इस दौरान मदरसा इसलामिया, हनफ़िया गुसिया, मतलौल उलूम, मदीनातुल उलूम, फ़ारूकीया, हामिदिया रिजविया, अहया उस सुन्ना, मरकज़ी अंसर उल उलूम के धर्मगुरुओं, शिक्षकों एवं अन्य सदस्यों ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पांडे, यूनीसेफ के प्रदीप विश्वकर्मा एवं डॉ शाहिद मुख्य रूप से मौजूद रहे।

बच्चों के लिए लांच होगा कोविड का “कोर्बीवैक्स” टीका

शहरी सीएचसी दुर्गाकुण्ड पर 12 से 14 आयुवर्ग के बच्चों को टीके की डोज देकर अभियान की होगी औपचारिक शुरुआत

वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। जनपद में 12 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को कोविड टीका “कोर्बीवैक्स” (Corbevax) का बुधवार को लगाया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीएस राय के अनुसार बच्चों के टीकाकरण की औपचारिक शुरुआत बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के समीप स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दुर्गाकुण्ड से होगी। इसके बाद पूरे जिले की रूपरेखा बनाकर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।

कोरोना महामारी के बाद शुरु हुए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में बड़ी सफलता हासिल करने के बाद अब 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके पूर्व गत तीन जनवरी को 15 से 18 आयु वर्ग के टीकाकारण का अभियान शुरू किया गया था। इसमें भी लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद सरकार ने अब 12 से 14  आयु वर्ग के बच्चों के भी टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। इस आयु वर्ग के बच्चों को “कोर्बीवैक्स” लगाने का निर्णय लिया है। जिसकी पर्याप्त खुराक यहां पहुंच चुकी है। बच्चों को यह टीका कैसे लगेगा इसकी पूरी रूपरेखा तय करने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को स्थानीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। साथ ही निर्देश दिया कि अभियान में शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा जाए। इस बात का ध्यान रहे कि टीकाकरण से कोई बच्चा छूटने न पाये।

सोमवार, 14 मार्च 2022

शोकसभा में एम्बुलेंस चालक को दी श्रद्धांजलि


वाराणसी,14 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के एम्बुलेंस चालक सरोज सोनकर के निधन पर सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में शोक सभा का आयोजन किया गया। बसहीं क्षेत्र निवासी सरोज सोनकर पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय में एम्बुलेंस चालक थे। रविवार की शाम अपने आवास पर उनकी हालत अचानक बिगड़ गयी। परिवार के लोग उन्हें लेकर पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सरोज सोनकर के आकस्मिक निधन पर मुख्य चिकित्साअधिकारी कार्यालय में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके मौर्य की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर गत आत्मा की शांति और उनके परिजनों को इस दुःख की घड़ी में सहनशक्ति देने के लिए र्इश्वर से प्रार्थना की गयी। शोक सभा में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीएस राय, डिप्टी सीएमओ डा. सुरेश सिंह, एसीएमओ डा. एके गुप्त के अलावा डा. पीयूष राय, वरिष्ठ चिकित्सक डा. एके पाण्डेय, सहायक मलेरिया अधिकारी के.के. राय, जिला प्रशासनिक अधिकारी शेषमणि समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। शोक सभा का संचालन डीएचईआईओ हरिवंश यादव ने किया।

हर्बल रंगों के साथ मनायें होली की खुशियां

खतरनाक हो सकता है होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग

कोविड प्रोटोकाल का करें पालन

वाराणसी, 14 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग आप के लिए घातक हो सकता हैं। इससे त्वचा के झुलसने के साथ ही श्वांस व नेत्र रोग सम्बन्धित बीमारियां भी हो सकती है। लिहाजा होली पर केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से बचें और हर्बल रंगों के साथ होली की खुशियां मनायें। 

 यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.संदीप चौधरी का। डा. चौधरी ने कहा कि होली पर सभी को कोविड प्रोटोकाल का भी अवश्य पालन करना चाहिए । खास तौर पर उन लोगो को जो कोविड संक्रमण से गुजर चुके हैं।  ऐसे लोगो के लिए रसायन युक्त रंग काफी नुकसानदायक हो सकता है । जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राहुल सिंह कहते हैं कि वर्तमान दौर में होली खेलने के लिए लोग जिन रंगों का अधिकांशतः प्रयोग करते है वह ऐसे रसायनों से तैयार किये जाते है जो लोगों के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं। होली पर जिन लोगों को इस तरह के रंग लगाये जाते है उन्हें त्वचा रोग होने का सर्वाधिक खतरा रहता हैं। रसायनों से युक्त रंग लगने के कुछ ही देर बाद त्वचा में तेज जलन, खुजली और दानों या फफोलों का निकलना शुरू हो जाता है। इन रंगों में कुछ ऐसे भी रसायन मिले होते है जिनके प्रयोग से त्वचा के झुलसने का खतरा होता है। अगर ये रंग आंखों में चले जाए तो इनसे आंखों को भी क्षति पहुंच सकती है। कई बार सांस के जरिये ये रंग फेफड़ों में भी जमा हो जाते है जिसके कारण वहां भी संक्रमण हो सकता है। इसलिए सभी को केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने से बचना चाहिए। 

 इस तरह करें बचाव

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एके मौर्य  कहते है कि केमिकल युक्त रंगों से बचाव का बेहतर तरीका है कि होली वाले रोज घर निकलने से पहले पूरे शरीर में नारियल का तेल अवश्य लगाये। ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे। इतना करने के बाद भी यदि किसी ने आपकों केमिकल युक्त रंग  लगा दिया है और आपके शरीर के किसी हिस्से में जलन अथवा किसी भी तरह की परेशानी हो तो चिकित्सक से तत्काल परामर्श लेना चाहिए।

 हर्बल रंगों का करें प्रयोग

क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डा. भावना द्विवेदी कहती हैं कि पहले के जमाने में होली हर्बल रंगों से ही खेली जाती थी। लोग टेंसू या फिर अन्य फूलों को भिंगों कर होली खेलने खेलने के लिए रंग तैयार करते थे। इसके साथ ही चंदन, रोली का प्रयोग भी होली खेलने में होता था। ऐसे में होली पर लोगों को केमिकल रंगों से बचते हुए हर्बल  रंगों का प्रयोग करना चाहिए। 

 फूलों की होली भी एक बेहतरीन विकल्प

डा. भावना द्विवेदी कहती है कि फूलों की होली एक बेहतरीन विकल्प है। इसका प्रचलन भी हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ा है। गुलाब की पंखुड़ियों से होली खेलकर रासायनिक रंगों से बचा जा सकता है।

नियमित टीकाकरण अभियान होगा और तेज़

शुरू हुआ दो दिवसीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण

 

गाजीपुर,14 मार्च (हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। गर्भवती और बच्चों को नियमित टीकाकरण करने की जिम्मेदारी गांव स्तर पर एएनएम की होती है। ऐसे में उन्हें नियमित टीकाकरण को लेकर समय-समय पर प्रशिक्षित करने का कार्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जाता है। इसी क्रम में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में ब्लॉक से आई हुई एएनएम को प्रशिक्षित करने का कार्य शुरू किया गया। जिसका शुभारंभ प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के वर्मा ने किया। वही प्रशिक्षण देने का कार्य डॉ के के वर्मा, डॉ उमेश कुमार, डॉ मनोज कुमार अधीक्षक बिरनो, डॉ रमेश प्रसाद अधीक्षक सादात के द्वारा किया गया।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि जनपद में कुल 412 एवं कार्यरत है। सोमवार से दो दिवसीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसमें 20 की संख्या में ब्लॉक से आई हुई एएनएम को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत टीकाकरण करने के तरीके, उसके रखरखाव के साथ ही प्रचार प्रसार आदि को लेकर प्रशिक्षित किया गया।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का कार्य सप्ताह में सोमवार मंगलवार  व गुरुवार शुक्रवार को किया जाएगा। इस दौरान चलने वाले नियमित टीकाकरण कार्य कहीं भी प्रभावित नहीं होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि जनपद के सभी एएनएम को प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से जून माह तक प्रशिक्षित करने का कार्य विभाग के द्वारा पूरा कर लिया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ एसडी वर्मा ,अमित राय ,राघवेंद्र सिंह के साथ ही ब्लॉक से आई हुई एवं कार्यकर्ता शामिल रहे।

एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय हुआ ‘एनक्वास सर्टिफाइड’

बना पूर्वांचल का पहला मंडलीय चिकित्सालय
  • ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन सुविधाओं सहित आठ विभागों में मिले 81 फीसद अंक
  • जिलाधिकारी समेत एडी (स्वास्थ्य), एसआईसी, सीएमओ ने ज़ाहिर की खुशी



वाराणसी, 14 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। जनपद में चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। इसका सुखद परिणाम यह है कि कबीरचौरा स्थित श्री शिवप्रसाद गुप्त (एसएसपीजी) मंडलीय चिकित्सालय को केंद्र सरकार ने नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैन्डर्ड (एनक्वास) सर्टिफाइड घोषित कर दिया है। इस उपलब्धि से मंडलीय चिकित्सालय पूर्वांचल का पहला मण्डलीय चिकित्सालय बन गया है। इससे पहले बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को एनक्वास सर्टिफिकेट मिल चुका है।

जनपद के एक और चिकित्सालय को एनक्वास सर्टिफिकेट मिलने से स्वास्थ्य विभाग में खुशी की लहर छा गयी है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा समेत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ शशिकांत उपाध्याय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (एसआईसी) डॉ प्रसन्न कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी एवं समस्त विभाग ने एनक्वास के मानकों पर खरे उतरने एवं सर्टिफ़ेकेट मिलने की खुशी जाहिर की। इसके साथ ही उन्होंने मण्डलीय चिकित्सालय के समस्त स्टाफ को बधाई दी। 

पूर्वांचल का पहला मण्डलीय चिकित्सालय 

 एसएसपीजी मण्डलीय चिकित्सालय को एनक्वास सर्टिफिकेट मिलने में मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस उपलब्धि से मण्डलीय चिकित्सालय पूर्वांचल का पहला मण्डलीय चिकित्सालय बन गया है। इसके साथ ही चिकित्सालय को अब अगले तीन साल तक प्रति बेड 10,000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी जिससे चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार व सुदृढ़ीकरण किया जा सके। उन्होने बताया कि मंडलीय चिकित्सालय में वाराणसी के आसपास जिलों जैसे गाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर से मरीज इलाज के लिए आते हैं।  

इन आठों विभागों में मिले 81 फीसदी अंक 

 डॉ सोलंकी ने बताया कि एसएसपीजी चिकित्सालय के सभी आठों विभागों अंतः रोगी विभाग, पैथोलॉजी विभाग, ब्लड बैंक, रेडियोलॉजी विभाग, ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन विभाग, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन एवं अतिरिक्त सेवा विभाग के साथ-साथ बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन, साफ-सफाई, खानपान की व्यवस्था एवं अन्य सुविधाओं में 81 फीसदी अंक हासिल किए हैं।     

तीन बार हुआ निरीक्षण 

डॉ सोलंकी ने बताया कि एनक्वास के तहत मण्डलीय चिकित्सालय का तीन बार निरीक्षण किया गया। पहला जिला स्तर (अंतर्भागीय), दूसरा राज्य (यूपी) स्तर एवं तीसरा अंतिम निरीक्षण केंद्र स्तरीय टीम द्वारा पिछले माह किया गया। इसमें चिकित्सालय को क्रमशः 74 फीसद, 79 फीसद व 81℅ अंक प्राप्त हुये। 

तीन बार मिल चुका है कायाकल्प पुरस्कार 

डॉ सोलंकी ने बताया कि एनक्वास अवार्ड मिलने से पहले एसएसपीजी चिकित्सालय को तीन बार कायाकल्प पुरस्कार भी मिल चुका है। 

चिकित्सालय में मौजूद सुविधाएं

- रेडियोलॉजी की इलेक्ट्रॉनिक व मैनुअल सुविधा

- पैथोलॉजी जांच 

- 24 घंटे ब्लड बैंक की सुविधा

- एक्सरे जांच 

- 24 घंटे आपातकालीन सुविधाएं

- आईसीटीसी

- प्लास्टर कक्ष 

- फिजियोथेरेपी

- ऑपरेशन थियेटर

- ईसीजी

- ईएनटी

- ट्रूनाट व आरटीपीसीआर लैब

- डायलिसिस सेवा 

- आयुष विंग

- मातृ व शिशु स्वास्थ्य सुविधाएं

- एनसीडी क्लीनिक

- एआरवी क्लीनिक

- डेंगू/H1N1 के लिए आइसोलेशन वार्ड

- टीबी जांच 

- तम्बाकू नियंत्रण परामर्श

- किशोर-किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक

- वृद्धजन व मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं

- दंत व आँख जांच एवं उपचार

- त्वचा व आर्थो सर्जरी

- जनरल सर्जरी व एनैस्थिसियोलॉजी

- औषधीय

तबले के इस जादूगर का जाना

चौकाघाट मसीही कब्रिस्तान में हुए सुपुर्द


वाराणसी १४ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। पंडित शाम्ता प्रसाद (गुदई महाराज) के शिष्य विख्यात तबला वादक पंडित जे. मेसी अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके निधन की खबर होते ही काशी के जनमानस का ह्रदय दुख से जहां भर गया वहीं आज काशी ने फिर एक विद्वान एवं विख्यात तबला वादक के रूप में काशी के एक और रत्न को खो दिया। विश्व के विभिन्न देशों में अपने तबले के द्वारा पहचान बनाने वाले पंडित जे. मेसी आकाशवाणी के उच्च स्तरीय कलाकार थे, उन्होंने देश के तमाम दिग्गज कलाकारों के साथ अद्भुत संगत किया था, साथ ही पूरे विश्व में उन्होंने तबले के कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उनका जन्म 11जनवरी १९४९ को हुआ था। उनके निधन से वाराणसी के मसीही समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। आज शाम चौकाघाट मसीही कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द किया गया।

रविवार, 13 मार्च 2022

गौना कराने ससुराल पहुचे काशीपुराधिपति

खास ‘रंगभरी ठंडई’ से किया गया बाबा की बारात का स्वागत
वाराणसी १३ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। गौना की बारात लेकर रंगभरी की पूर्व संध्या पर रविवार को महंत आवास पहुंचने पर बाबा की बारात का अनूठा स्वागत हुआ। हर बार तो बारातियों का स्वगत ठंडई पिला कर किया जाता था मगर इस बार दूल्हा बने बाबा विश्वनाथ पर ठंडई और गुलाबजल की फुहार उड़ा कर किया गया। इसके बाद फल, मेवा और बाबा के लिए खासतौर पर मिश्राम्बु द्वारा तैयार की गई ‘रंगभरी ठंडई’ से पारंपरिक स्वागत किया गया।

गौरा का गौना कराने बाबा विश्वनाथ के आगमन पर अनुष्ठान का विधान पं.सुनील त्रिपाठी के अचार्यत्व में किया गया। बाबा का अभिषेक करने के बाद वैदिक सूक्तों का घनपाठ किया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के सानिध्य  में विविध अनुष्ठान हुए। बाबा विश्वनाथ व माता पार्वती की गोदी में प्रथम पूज्य गणेश की रजत प्रतिमाओं को एक साथ सिंहासन पर विराजमान कराया गया। पूजन-आरती कर भोग लगाया गया। पहले डमरुओं की गर्जना हुई फिर महिलाओं और नगर के कलाकारों ने मंगल कामनाओं से परिपूर्ण पारंपरिक गीत लोकनृत्य से ससुराल पहुचे काशी पुराधिपति का स्वागत हुआ। मंहत आवास गौने के बधाई गीतों से गुंजायमान हो उठा।  
रंगभरी एकादशी पर 14 मार्च को बाबा के पूजन का क्रम ब्रह्म मुहूर्त में मंहत आवास पर आरंभ होगा। बाबा के साथ माता गौरा की चल प्रतिमा का पंचगव्य तथा पंचामृत स्नान के बाद दुग्धाभिषेक किया जाएगा। दुग्धाभिषेक पं. वाचस्पति तिवारी और संजीव रत्न मिश्र करेंगे। सुबह पांच से साढ़े आठ बजे तक 11 वैदिक ब्रह्मणों द्वारा षोडशोपचार पूजन पश्चायत फलाहार का भोग लगा महाआरती की जाएगी। दस बजे चल प्रतिमाओं का राजसी शृंगार एवं पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे भोग आरती के बाद के बाबा का दर्शन आम श्रद्धालुओं के खोला जाएगा। जन सामान्य के लिए दर्शन सायं पांच बजे तक खुला रहेगा। उमरूदल के सदस्यों के लिए दोपहर एक से तीन बजे तक समय निर्धारित किया गया है। 
बाबा की पालकी की शोभायात्रा टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से विश्वनाथ मंदिर तक निकाली जाएगी। इससे पूर्व प्रात: साढ़े दस बजे से शिवांजलि संगीत समारोह का परंपरागत आयोजन  होगा। एएम. हर्ष के संयोजन में होने वाले शिवांजलि संगीत समारोह का मुख्य आकर्षण ख्यात कलाकार विदुषी सुचरिता गुप्ता एवं प्रख्याात तबलावादक पं. अशोक पांडेय का तबला वादन होगा। शुरुआत महेंद्र प्रसन्ना द्वारा शहनाई की मंगलध्वनि से होगी। कीर्तिमानधारी शंखवादक हैदराबाद के श्रीवल्लभ, जयपुर के भजन गायक मोहन स्वामी, रुद्रनाद बैंड के लीड सिंगर अमित त्रिवेदी, आराधना सिंह, सरोज वर्मा, पुनीत ‘पागल बाबा’, संजय दुबे आदि कलाकार भजनों की प्रस्तुतियां करेंगे।

जलवायु संकट पर कार्यवाही करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ महासचिव से पीएम मोदी तक को बच्चों ने लिखा पत्र

डाक विभाग की अन्तर्राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता
वाराणसी १३ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। भारतीय डाक विभाग द्वारा 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन अंतर्राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता-2022' का आयोजन 13 मार्च को किया गया। 
इस प्रतियोगिता में 9 से 15 साल तक के बच्चों ने देश-दुनिया के प्रभावशाली व्यक्तियों को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया कि उन्हें जलवायु संकट पर क्यों और कैसे कार्यवाही करनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, पर्यारण और वन मंत्री सहित तमाम प्रभावशाली शख्शियतों को पत्र के माध्यम से बच्चों ने अपने मन की बात लिखी। वाराणसी परिक्षेत्र में विभिन्न स्कूलों के 170 बच्चों ने इसमें भाग लिया। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी।

वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से डाक विभाग युवाओं में पत्र लेखन की रूचि पैदा करने और सामान्य ज्ञान सहित पूरे विश्व में जलवायु संकट के विषय में जागरूकता फैलाने तथा उनके विचार व्यक्त करने का एक प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है। बच्चों ने जलवायु संकट हेतु ग्रीन हाउस गैसों से बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, विकास के नाम पर वनों व पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, पारम्परिक ईंधनों कोयला इत्यादि के ज्यादा प्रयोग, बढ़ते प्रदूषण, ई-कचरा, अपशिष्टों का समुचित निस्तारण न करना, प्लास्टिक की बढ़ती मात्रा, पारिस्थितिकी पारितंत्र में असंतुलन को जिम्मेदार बताते हुए अधिकाधिक वृक्षारोपण, नवीकरण ऊर्जा के ज्यादा प्रयोग, सार्वजनिक परिवहन के साधनों का ज्यादा उपयोग करने, ई-कचरा का सही निस्तारण, वर्षा जल संचयन, सह अस्तित्व और सतत विकास की अवधारणा पर जोर दिया। स्कूली पाठ्यक्रमों, नुक्कड़ नाटकों, फिल्मों और सोशल मीडिया के माध्यम से इस बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु भी बच्चों ने पत्र में लिखा।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि अब क्षेत्रीय स्तर से तीन श्रेष्ठ प्रविष्ठियों को चयनित करके परिमंडल स्तर पर भेजा जाएगा। परिमंडल स्तर पर पूरे प्रदेश से श्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को क्रमशः ₹ 25,000, ₹10,000 व ₹ 5,000 का प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रमाण पत्र के साथ दिया जायेगा। वहाँ से श्रेष्ठ तीन प्रविष्ठियों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मिलित करने हेतु डाक निदेशालय, नई दिल्ली भेजा जायेगा। राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को क्रमशः ₹ 50,000, ₹ 25,000 व ₹ 10,000 का प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रमाण पत्र के साथ दिया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर के श्रेष्ठ पत्र लेखन को स्विटजरलैंड में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के पास आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजा जायेगा।

वाराणसी प्रधान डाकघर और कैंट प्रधान डाकघर में आयोजित प्रतियोगिता के दौरान प्रवर डाक अधीक्षक राजन, डाक अधीक्षक संजय वर्मा, सीनियर पोस्टमास्टर चंद्रशेखर बरुआ, सहायक अधीक्षक पंकज कुमार, पोस्टमास्टर रमा शंकर वर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।

शनिवार, 12 मार्च 2022

दावते इस्लामी करा रहा है 190 शाखाओं में एक साथ एग्जाम

बनारस में भी हो रहा है फैजाने सदरूस शरिया में इम्तिहान


वाराणसी १२ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। दावत - ए - इस्लामी इंडिया के जामिअतुल मदीना ( मदरसा ) फैजाने सदरूस शरिया बनारस में इम्तेहान का सिलसिला जारी है।

आशिकाने रसूल की आलमगीर गैर सियासी मदनी तहरीक दावत - ए - इस्लामी इंडिया  कई एक डिपार्टमेंट के साथ साथ एजुकेशन डिपार्टमेंट में भी बेहतरीन कार्य कर रही है। जिसमें से एक डिपार्टमेंट जामिआतुल मदीना (मदरसा)  भी है। उसके  190 शाखाओं में सालाना इम्तेहान का सिलसिला जारी है । जिस में इस साल 2022 में लगभग 11450 छात्र छात्राएं सेंटरलाइज सालाना इम्तेहान दे रहे हैं । उन्हीं शाखाओं में से एक शाख बनारस में काशी विद्यापीठ गेट नंबर एक के पास स्थित है जिसमे लगभग 103 छात्र आलिम कोर्स का सालाना इम्तेहान दे रहे हैं । ०6 मई से अगला सेशन शुरू होगा।

सालाना इम्तेहान की विशेषताएं

१.तमाम छात्र छात्राओं का एडमिट कार्ड, सॉफ्टवेयर स्टूडेंट मैनेजमेंट सिस्टम से जारी किया जाता है। 

२.पूरे इंडिया के मदरसे का प्रश्न पेपर एक ही होता है। 

३. कापी चेकिंग के लिए ५ रीजन पर ५ सेंटर बनाए जाते हैं जिसमे पूरे इंडिया की कापियां माहिर टीचर्स द्वारा चेक की जाती हैं। 

४. एक मदरसे से दूसरे मदरसे में एग्जामिनेशन कंट्रोलर बना कर भेजा जाता है जिसके अंतर्गत पूरी परीक्षा होती है। 

५. जवाबी कापी चेक होने के बाद हमारे री-चेकर उसको फिर री-चेक करते हैं।

६. रिजल्ट को शो करने के बाद फिर वेबसाइट पर अपलोड भी किया जाता है जिसमे छात्र अपना रोल नंबर डाल कर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

Up college प्रवेश परीक्षा के फार्म का वितरण 15 से

वाराणसी १२ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। उदय प्रताप इंटर कालेज, वाराणसी की सत्र 2022-23 के कक्षा 6,9 व कक्षा 11 की प्रवेश परीक्षा के फार्म का वितरण 15 मार्च से आनलाइन व आफलाइन फार्म का वितरण किया जायेगा। सभी कक्षाओं में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्र प्रातः 10:00 बजे से 04:00 बजे तक फार्म प्राप्त कर सकते हैं।

आनलाईन आवेदन करने वाले छात्र विद्यालय की वेबसाइट https://upintercollege.net.in पर क्लिक कर आवेदन भर सकते हैं।यह जानकारी प्रधानाचार्य डॉक्टर आर.पी सिंह ने दी है।

शुक्रवार, 11 मार्च 2022

पोस्टमैन घर में करेगा आधार से मोबाइल लिंक

आधार  से मोबाइल लिंक के लिए कल से चलेगा विशेष अभियान


वाराणसी ११ मार्च ( दिल इंडिया लाइव)। केंद्र एवं प्रदेश सरकार के विभिन्न स्कीमों एवं प्रक्रिया जैसे की छात्रवृति योजना, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना, एक रास्त्र एक राशन कार्ड, पैन कार्ड, एलपीजी सब्सिडी में आधार कार्ड का सत्यापन मोबाइल नंबर पर OTP भेजकर किया जाता है जिसके लिए मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना आवश्यक है। प्रवर अधीक्षक डाक पूर्वी मंडल श्री राजन ने बताया कि श्री के.के. यादव पोस्टमास्टर जनरल, वाराणसी परिक्षेत्र के दिशा निर्देशन में वाराणसी पूर्व डाक मंडल के वाराणसी एवं चंदौली जिले में 31 मार्च तक आधार से मोबाइल लिंक करने का विशेष अभियान चलाया जाएगा | किसी भी व्यक्ति का मोबाइल नंबर या ई-मेल आई डी उसके आधार नंबर से लिंक नहीं है तो वे सभी ये सुविधा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ( भारत सरकार के स्वामित्व वाला बैंक ) के माध्यम से अपने डाकिये द्वारा UIDAI द्वारा निर्धारित आंशिक शुल्क दे कर प्राप्त कर सकते है। यह सुविधा प्राप्त करने के लिए उन्हें अपने आधार नंबर एवं मोबाइल के साथ निकट के डाक घर के डाकिये से संपर्क करना है। जो यह सुविधा उनके घर पर  उपलब्ध करा देगा। इसी के साथ ०५ वर्ष से कम आयु के बच्चो का नया आधार कार्ड बनवाने के लिए भी इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है जो पूर्णतः निशुल्क है | (प्रथम बार)। वर्तमान में यह सेवा चिन्हित स्थानों पर उपलब्ध है जिसका लाभ उठाने के लिए अपने निकटतम डाक खाने अथवा अपने डाकिये से संपर्क करें।

मंगलवार, 8 मार्च 2022

E.V.M. मशीन की निगरानी में सपाईयो का पहरा



वाराणसी 8 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। विधान सभा चुनाव समाप्त होने के बाद अब मतगणना को लेकर सभी राजनीतिक दलो का खास जोर है। इवीएम मशीन पर उठ रहे सवाल पर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता चौकन्ना है। ईवीएम मशीन की निगरानी में कार्यकर्ताओ के साथ सपा महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा सक्रिय दिखे। सपा महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा के अनुसार सपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारीगण स्ट्रांग रूम पहडिया को चारो तरफ से कार्यकर्ताओ का जाल बिछाया गया है। जहाँ भी स्ट्रांग रूम में E.V.M.मशीन रखी गई है सपा महानगर अध्यक्ष स्वयं कार्यकर्ताओ के साथ सील एवं ताला का भ्रमण कर जायजा लेते रहे। सपा महानगर विष्णु शर्मा ने कहा कि ई वी एम मशीन की निगरानी के लिए सभी विधान सभाओ के काउन्टर पर दो दो अधिवक्ताओ की टीम भी तैयार रखी गई है जो किसी भी पल कोई भी तकनीकी समस्या उत्पन्न होने पर बाहर न जाना पडे। सपा कार्यकर्ताओ के साथ साथ उतरी विधान सभा के प्रत्याशी अशफाक अहमद "डब्लू" कैन्ट की प्रत्याशी पूजा यादव एवं दक्षिणी विधान सभा के प्रत्याशी किशन दीक्षित सपा महानगर अध्यक्ष के साथ स्ट्रांग रूम पहडिया मे निरीक्षण करते रहे। पहडिया में रूम निगरानी करने वालो मे प्रमुख रूप से सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड पहलवान, सपा महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, एम एल सीआशुतोष सिन्हा, हैदर गुड्डू, पूजा यादव, किशन दिक्षित, अशफ़ाक अहमद "डब्लू ", विजय जायसवाल, प्रदीप जायसवाल, प्रदेश सचिव वरुण सिंह, रविकांत विश्वकर्मा, ईशान श्रीवास्तव, प्रिया अग्रवाल, वृजेश पाडेय, रितिका रानी सहित सैकड़ो कार्यकर्ता एवं  थे।

शनिवार, 5 मार्च 2022

शबे बरात 17 मार्च को

मोमिनीन अदा करेंगे खास नमाज़

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव) शबे बरात की अज़ीम रात १७ मार्च को है, इस बाबरकत रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार की इबादत में मशगुल रहेंगे सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करते हैं, घरों में रोशनी की जाती है। इस दौरान घरों में शिरनी की फातेहा होती हैं

घरो में लौटती है पुरखों की रूह 

शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगाकिसकी जिंदगी खत्म होगीकिसके लिये साल कैसा होगापूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं।
मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैंशबे बरात पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पिछली बार चहल-पहल नही दिखाई दी थी वजह लाक डाउन जो था मगर इस बार हालात सुधरे हुए हैं  
 

लाकडाउन में नही हुआ था चिरागा  

पिछ्ली बार लाकडाउन था उस साल न तो मज़ारों पर चिरागा हुआ था और न ही रमज़ान और ईद कि नमाज़े ही अदा की जा सकी थी, मगर बुज़ुर्गो के नाम पर घर में ही शबे बरात पर शमां जलाया गया था और फातेहा पढ़ कर उनकी मगफिरत की दुआएं मांगी गई थीऔर उन पर सवाब पहुंचाया गया था

बनारस में यहाँ लगाई जाती है हाज़िरी

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुरहुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंजबहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरीबजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तानजक्खा कब्रिस्तानसोनपटिया कब्रिस्तानबेनियाबाग स्थित रहीमशाहदरगाहे फातमानचौकाघाटरेवड़ीतालाबसरैयाजलालीपुराराजघाट समेत बड़ी बाजारपीलीकोठीपठानीटोलापिपलानी कटराबादशाहबागफुलवरियालोहताबड़ागांवरामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग हर साल पहुच कर शमां रौशन करते हैं, फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते हैं 

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...